डुमरी विधानसभा में जगरनाथ महतो के तिलस्म को तोड़ना किसी छुटभैए की बात नहीं
गिरिडीह:कहते हैं लोग चढ़ते सूरज को ही प्रणाम करते हैं,और जब बात पॉलिटिक्स की किया जाए तो क्या अपने क्या बेगाने,सब साथ छोड़ जाते हैं।उम्मीद जताई जा रही थी कि पांच मई को दिवंगत शिक्षा मंत्री सह डुमरी विधानसभा क्षेत्र के दम खम शेरों के शेर टाइगर जगरनाथ महतो के पुत्र अखिलेश महतो को मंत्री पद का सेहरा बंधेगा।
लेकिन तय तारीख बीतने के बाद जहां झामुमो के समर्पित कार्यकर्ताओं के चेहरे मायूस दिखे,तो वहीं विपक्ष के तथाकथित लोगों ने उपहास का प्रदर्शन करना शुरू दिया।
क्षेत्र की जनता सहित उक्त लोग तुरंत अपने प्रिय नेता को भुलाने बिसराने का ड्रामा करने लगे।जबकि वर्तमान समय में भी डुमरी विधानसभा क्षेत्र में झामुमो ने अपनी ना तो विश्वसनीयता खोई है और ना ही कोई अन्य चेहरा इसे चैलेंज करने का साहस कर सकता है।डुमरी विधानसभा के बड़े बूढ़े लोगों का मानना है कि टाइगर ने डुमरी की मिट्टी में स्वयं को समाहित कर दिया है।
प्रतिदिन अहले सुबह से ही सैकड़ों पीड़ित लोगों की भीड़,और उनकी तीमारदारी में आतुर नजरों से गहनता पूर्वक भला आज के समय में कौन नेता अपनी जनता की बातें सुनकर उनके दुख दर्द को महसूस कर त्वरित कार्रवाई की ओर अग्रसर होकर समाधान करता है!
अपने मतदाताओं और समर्थकों पर उनकी मजबूत पकड़ की बदौलत ही उन्होंने डुमरी विधानसभा में लगातार चार बार पार्टी का झंडा लहराया था।जिसे विस्मृत कर देना किसी छुटभैये छपास व शोसल मीडिया पर नेतागिरी झाड़ रहे लोगों के वश की बात नहीं कही जा सकती।
दिवंगत जगरनाथ महतो के तिलस्म को तोड़ना इतना सहज भी नहीं है।फिलवक्त हम तो तेल देखेंगे और तेल की धार। इधर दिवंगत जगरनाथ महतो पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू महतो ने विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता तेज कर दी है।
May 12 2023, 11:01