*गायत्री चेतना केंद्र गौरीगंज में 3 दिवसीय व्यक्तित्व परिष्कार शिविर*
अमेठी। युगतीर्थ शांन्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक गायत्री चेतना केंद्र पर आयोजित व्यक्तित्व परिष्कार शिविर का शुभारंभ शनिवार को हुआ।
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला संयोजक एवं प्रांतीय कार्यसमिति के सदस्य राधेश्याम तिवारी ने शिक्षक को युग निर्माता और छात्रों को राष्ट्र का भाग्य विधाता बताते हुए कहा कि व्यक्तित्व परिष्कार से ही छात्रों का आत्म निर्माण होगा। राष्ट्र के नव निर्माण के लिए बच्चों को गढ़ने का काम गायत्री परिवार कर रहा है। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति को जानने, समझने और अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
3 दिवसीय इस शिविर की शुरुआत करते हुए राधेश्याम तिवारी ने इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस शिविर में कई विशिष्ट व्यक्तियों का मार्गदर्शन शिविरार्थियों को प्राप्त होगा। साथ ही शिविर में योग, प्राणायाम, आसन एवं गुरु दीक्षा संस्कार भी सम्पन्न कराये जाएंगे।
प्रथम सत्र में राधेश्याम तिवारी ने बच्चों को सुबह उठकर अपने माता-पिता को प्रणाम करना, गुरुजनों का सम्मान करना जैसी अच्छी आदतों के पालन करने की बात कही।
जिला समन्वयक एवं आरआरपीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ० त्रिवेणी सिंह ने अपने उद्बोधन में व्यक्तित्व के विषय में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि किसी के व्यक्तित्व की कसौटी उसके व्यवहार की कुशलता से होती है न कि उसके रूप-रंग से। व्यक्तित्व की उत्कृष्टता के लिए आवश्यक है कि बाल्यकाल से ही संस्कारों के माध्यम से सद्गुणों का विकास किया जाए।
गायत्री परिवार एक अनूठा प्रयोग कर रहा है और गर्भ से ही बच्चों को संस्कारित और प्रतिभावान बनाने की दिशा में आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी अभियान चलाया जा रहा है।
एस.पी. एन. कॉलेज तिलोई के प्रधानाचार्य प्रेम कुमार मिश्र ने कहा कि आज लोगों के पास बड़ी-बड़ी डिग्री तो है लेकिन व्यक्तित्व में उत्कृष्टता नहीं है, वर्तमान परिवेश में डिग्री से ज्यादा महत्व व्यक्तित्व का है। व्यक्तित्व परिष्कार इस युग की एक अनिवार्य आवश्यकता है। व्यक्तित्व के विकास से ही परिवार, समाज और राष्ट्र का निर्माण सम्भव है।
मोटिवेशनल स्पीकर डॉ० प्रवीण सिंह दीपक ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि हम सबके आदर्श, हु सबके नायक स्वामी विवेकानंद हैं। उन्होंने एकाग्रता, सकारात्मकता, लक्ष्य प्राप्ति हेत जो मंत्र दिए हैं, उसे हर बच्चे को आत्मसात कर अपनी आंतरिक क्षमता को विकसित करना होगा।
उक्त शिविर में जनपद के सैकड़ों विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। यह आवासीय शिविर पूर्णतया निशुल्क है तथा भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने वाले व शिविर में उत्कृष्ट आचरण करने वाले विद्यार्थियों को शिविर के अंतिम दिन सोमवार को पुरस्कृत भी किया जायेगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक मिश्र, रामशंकर पाठक, अखिलेश तिवारी, राम लौट तिवारी, कमलेश पांडेय आदि सक्रियता के साथ लगे हुए हैं।
शिविर में माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिव भूषण उपाध्याय, बाल विकास परियोजना अधिकारी संतोष कुमार गुप्ता, डॉ० लालता प्रसाद द्विवेदी, सुरेंद्र सिंह महेंद्र मिश्र, महेश मिश्र, राकेश मिश्र, अनिल श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
Apr 23 2023, 16:26