औरंगाबाद की दो मुखियों ने किया ऐसा काम की सरकार दे रही इनाम
औरंगाबाद()। औरंगाबाद की दो महिला मुखियों को अच्छा काम करने का इनाम मिलने वाला है। इनाम में इन्हे राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार मिलेगा। साथ ही दोनों के पंचायतों को विकास कार्य के लिए भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा 50-50 लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएंगी। यह पुरस्कार भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय, द्वारा 17 से 21 अप्रैल तक नई दिल्ली में पंचायती राज व्यवस्था पर आहूत राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान 21 अप्रैल को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा प्रदान किया जाएंगा।
औरंगाबाद से दो समेत बिहार के कुल 48 पंचायत प्रतिनिधियों को मिलेगा यह अवार्ड-पंचायती राज व्यवस्था के तहत केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर कार्य करनेवाले देश भर के पंचायतों को हर साल राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इसके लिए मंत्रालय द्वारा पंचायतों से अलग-अलग क्षेत्र में बेहतर कार्यों के लिए आवेदन लिए जाते है। आवेदन के आधार पर पंचायतों द्वारा बेहतर कार्य के किये गये दावें की स्क्रीनिंग और जांच के बाद पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। इस वर्ष के घोषित पुरस्कारों के अनुसार औरंगाबाद के दो पंचायतों के साथ ही बिहार के कुल 48 पंचायत प्रतिनिधियों को यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
गोह के बर्मा खुर्द पंचायत की मुखिया रूपा को गुड गवर्नेंस के लिए मिल रहा इनाम-गोह प्रखंड के बर्मा खुर्द पंचायत की मुखिया रुपा पासवान में गुड गवर्नेंस के कार्य के लिए यह इनाम मिल रहा है। वें पूर्व में औरंगाबाद जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी है। राजनीति में उनका अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है। वें अनुभवी राजनीतिज्ञ है। वें राजद की वरीय महिला नेत्री है और औरंगाबाद जिले की महिला राजनीतिज्ञों में वह एक सम्मानित व्यक्तित्व है।
वर्तमान में वें राजद के जिला संगठन की उपाध्यक्ष भी है। पहले वें राजद महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष भी रही है। बर्मा खुर्द पंचायत की मुखिया निर्वाचित होने के बाद से उन्होने अपने पंचायत के सभी गांवों में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल, हर गली में नाली, पीसीसी सड़क, सोलर लाइटिंग, लोहिया संपूर्ण स्वच्छता योजना के तहत शौचालय निर्माण एवं डस्टबिन वितरण जैसे कार्य किए है। उनके पंचायत में पंचायत सरकार भवन भी बनकर लगभग तैयार है। उनकी दिली ख्वाहिश है कि पंचायत सरकार भवन के उद्घाटन का कार्य केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह के हाथों ही संपन्न हो।
इन सभी कार्यों को संपन्न कराने में उन्होने गुड गवर्नेंस यानी सुशासन की पंचायत में अमिट छाप छोड़ी है। इसी वजह से उन्होने पंचायती राज पुरस्कार के लिए गुड गवर्नेंस की श्रेणी में आवेदन किया था और इसी श्रेणी में उन्हे यह पुरस्कार मिलने जा रहा है। इस पुस्कार का श्रेय वह अपने पंचायत के नागरिकों को देती है। वें कहती है कि यह सम्मान उनका सम्मान नही बल्कि पंचायत के हर नागरिक का सम्मान है। पंचायत के हर विकास कार्य में नागरिकों ने अड़ंगा डालने के बजाय उन्हे बढ़ चढ़कर सहयोग किया है। पंचायत में जो भी विकास कार्य हुए है, उन कार्यों में जनता का भरपूर सहयोग रहा है। इस नाते यह पुरस्कार उनका नही जनता का है।
रफीगंज के पौथु की मुखिया डिम्पल को सोशल सिक्योरिटी के लिए मिल रहा यह सम्मान-रफीगंज प्रखंड के पौथु पंचायत की मुखिया डिम्पल कुमारी को अपने पंचायत में सोशल सिक्योरिटी के किए गए बेहतर कार्यों के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार मिलने जा रहा है। डिम्पल पहली बार अपने पंचायत की मुखिया बनी है। राजनीति का उन्हे कोई अनुभव नही है लेकिन कार्य करने में दक्ष है। डिम्पल बताती है कि उन्होने पंचायत में विकास योजनाओं के तहत वें सारे कार्य किए है,
जो जरूरी है लेकिन उन्होने सामाजिक सुरक्षा (सोशल सिक्योरिटी) की योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होने पंचायत के वृद्ध जनों को वृद्धा पेंशन, विधवा महिलाओं को विधवा पेंशन, दिव्यांगों को दिव्यांगता पेंशन, प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय निर्माण आदि योजनाओं का लाभ पंचायत के हर जरूरतमंद को दिलाने का काम किया। इतना ही नही अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उन्होने पंचायत की स्कूली छात्राओं को मिलनेवाली छात्रवृति, पोशाक, साइकिल योजना का लाभ दिलाने एवं प्रोत्साहन राशि दिलाने के लिए वह अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के लगातार संपर्क में रही। उनसे संपर्क साधकर हर जरूरतमंद छात्राओं को इन योजनाओं का लाभ दिलाने का काम किया है।
आज भी सामाजिक सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में शुमार है। इसी वजह से जब राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए जब आवेदन करने की बारी आई तो उन्होने सोशल सिक्योरिटी कैटेगरी में ही पुरस्कार के लिए आवेदन दिया। उनका आवेदन भी स्वीकृत हुआ और अब पुरस्कार मिलने का दिन भी निकट आ गया है। डिम्पल कहती है कि उन्हे मिलनेवाला यह पुरस्कार पंचायत की जनता को समर्पित है।
उन्होने जो कुछ भी किया अपने लिए नही किया बल्कि जनता की भलाई के लिए ही किया। इस कारण यह पुरस्कार भी उनका नही जनता का है। जनता उनके लिए सिर आंखों पर है। पुरस्कार स्वरूप जो भी राशि मिलेगी, उसे खर्च करने के लिए भी वें अपने पंचायत की जनता के साथ बैठकर योजना बनाएंगी। जनता जो निर्णय लेगी, उसी निर्णय के अनुसार यह राशि पंचायत के विकास कार्यों पर खर्च की जाएंगी।
Apr 14 2023, 21:50