बिहार में लाइब्रेरियन के 20 हजार पद खाली, जल्द होगी बहाली; नीतीश के मंत्री चंद्रशेखर ने दिया बड़ा बयान, डिटेल में पढ़िए पूरी खबर


बिहार में जल्द बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरी की वैकेंसी आने वाली है। सरकारी शिक्षण संस्थानों में बिहार सरकार पुस्तकालयाध्यक्षों की बहाली करने जा रही है। ये बहालियां नव उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय (प्लस टू) से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों तक में की जाएगी। नितीश सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने इसकी जानकारी दी है।

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने मंगलवार को प्रश्नोत्तरकाल के दौरान विधानसभा में इस आशय की घोषणा की। मधुबनी जिले के खजौली व भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने हाईस्कूल से लेकर महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में 14 साल से लाइब्रेरियनों की बहाली नहीं होने का सवाल उठाया था। कहा, 20 हजार से अधिक पद खाली हैं। 50 हजार अभ्यर्थी नियुक्त होने के इंतजार में हैं। इस पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि राजभवन में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नियम-परिनियम का निर्माण होगा। 

यूजीसी की गाइडलाइन के आलोक में शिक्षा विभाग नेपरिनियम बनवाने का आग्रह राजभवन सचिवालय से किया है। परिनियम बनते ही विवि व महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति होगी। वहीं शिक्षक नियुक्ति के नए चरण के तहत प्रदेश के नव उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी लाइब्रेरियन का नियोजन पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने माना कि माध्यमिक विद्यालयों में 2789 पुस्तकालयाध्यक्षों के पद पर 2008 में नियुक्ति प्रारंभ हुई और यह 2019 में पूर्ण हुई। कोर्ट वादों की वजह से विलंब हुआ। साथ ही तकरीबन 2800 पदों के विरुद्ध महज 893 पुस्तकालयाध्यक्ष फिलहाल नियुक्त हैं।

विद्यालयों में शौचालय साफ नहीं रहे तो हेडमास्टर नपेंगे

शिक्षा मंत्री ने भाजपा के प्रेम कुमार (जनक सिंह प्राधिकृत) के प्रश्न पर कहा कि राज्य के बचे हुए विद्यालयों में वित्तीय वर्ष 2023-24 में शौचालय का निर्माण हो जाएगा। शौचालयों के रख रखाव के लिए छात्र संख्या के आधार पर धन का उपबंध किया गया है। यह 10 हजार से एक लाख रुपये तक है। उन्होंने भाजपा के नंदकिशोर यादव के पूरक पर कहा कि केंद्र के असहयोग के कारण सर्व शिक्षा अभियान प्रभावित हो रहा है। चालू वित्त वर्ष में इस योजना पर 18 हजार 176 करोड़ रुपया खर्च हुआ। इसमें केंद्र को 10 हजार 905 करोड़ रुपया देना है। लेकिन, अब तक मात्र एक हजार 855 करोड़ रुपया मिला है। उन्होंने बताया कि शौचालयों के निर्माण एवं रख रखाव के लिए डीइओ को पत्र लिखा गया है। शौचालयों की साफ-सफाई के लिए हेडमास्टर जिम्मेवार हैं। व्यवस्था लचर पाई जाएगी, वहां के हेडमास्टर पर कार्रवाई होगी।

विस अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी ने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि जेपी विवि से जुड़े गोपालगंज व सीवान के विद्यार्थियों की यूजी तथा पीजी की परीक्षा छपरा में लेने पर सरकार विचार करे। कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए। अमरजीत कुशवाहा ने छात्र-छात्राओं की समस्या के मद्देनजर विस में इस मामले को उठाया था, जिसपर सभाध्यक्ष ने निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि यह नियमानुकूल है कि यूजी-पीजी की परीक्षाएं विवि मुख्यालय में ही होंगी।

राहुल गांधी मामले पर पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने आई प्रतिक्रिया, जानिए सीएम ने क्या कहा

डेस्क : कोर्ट द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की संसद संदस्यता खत्म किए जाने के बाद पूरे देश में राजनीति गरम है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। वहीं सभी इस कार्रवाई के लिए केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेवार बता रहे है। हालांकि इस मामले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी। 

लेकिन अब चार दिनों के बाद उन्होंने आज इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सम्राट अशोक की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा कि कोर्ट के किसी फैसले पर कुछ कहने की मेरी कभी आदत नहीं रही है। कई बार मुझे भी लोग कुछ न कुछ कहते रहे हैं, लेकिन कभी भी इस पर कोर्ट नहीं गया। 

मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को कोर्ट से मिली सजा और संसद सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर साफ-साफ कह दिया कि वह कोर्ट के किसी मामले में आज तक कभी कुछ नहीं बोले हैं। उन्होंने कहा कि 17 साल से सरकार चला रहा हूं। कई केस होते हैं। लेकिन कोर्ट के फैसले पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की और आगे भी कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह प्रतिक्रिया उन सभी पार्टियों के लिए एक झटका साबित हो सकता है, जो कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।

अंग्रेजों के जमाने का बदला कानून , निकायों को मिला नाव परिचालन का जिम्मा

डेस्क : बिहार में नौका परिचालन के 138 साल पुराने कानून को खत्म कर दिया गया है। इसके तहत राज्य सरकार ने नाव परिचालन प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों को दी है। अब राज्य की नदियों और जल निकायों में नौका परिचालन स्थानीय निकायों के माध्यम से होगा। 

विधानसभा में मंगलवार को इसके लिए बिहार नौकाघाट बंदोबस्ती एवं प्रबंधन विधेयक 2023 पर मुहर लग गयी। इस विधेयक पर मुहर लगते ही बंगाल फेरी अधिनियम, 1885 खत्म हो गया। सोमवार को विधानसभा में इस विधेयक की प्रतियां बांटी गई थीं। विधेयक के अधिसूचित होने के बाद विभाग इसकी नियमावली तैयार करेगा। नियमावली में सभी प्रावधान स्पष्ट हो जाएंगे।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने सदन में विधेयक पर सरकार का पक्ष रखा। विधेयक के अनुसार नदियों व जल निकायों के अधीन लोगों, जानवरों, मवेशियों, मालों, सामग्रियों इत्यादि के आवागमन अर्थात नौका परिचालन, प्रबंधन, बंदोबस्ती एवं नियंत्रण का अधिकार स्थानीय निकायों को दिया जाएगा।

नौकाघाटों से टोल की वसूली सरकार द्वारा निश्चित विहित प्रक्रिया के तहत होगी। नौकाघाटों की बंदोबस्ती से आए राजस्व का उपयोग व व्यय सरकार की ओर से तय मानदंडों के अनुसार ही किया जाएगा। इसके पहले भाजपा के जनक सिंह, संजय सरावगी, अरुण शंकर प्रसाद व एआईएमआईएम के अख्तरूल ईमान ने संशोधन प्रस्ताव दिया। इसके तहत विधेयक के सिद्धांत पर विमर्श के अलावा जनमत जानने का प्रस्ताव दिया गया। इसके अलावा विधेयक के मूल पाठ में संशोधन का भी प्रस्ताव था। इन सबको सदन ने नामंजूर कर दिया।

सरकार तय करेगी बंदोबस्ती के प्रावधान 

नए प्रावधान के तहत नौका परिचालन का अधिकार ग्रामीण व शहरी निकायों को दिया जाएगा। नावों का परिचालन सुनिश्चित करने के साथ ही स्थानीय निकाय लोक नौका घाटों को सुव्यवस्थित व विनियमित भी कर सकेंगे। यही नहीं नौकाघाटों की बंदोबस्ती, नियंत्रण और प्रबंधन की शक्ति समाहर्ता, अपर समाहर्ता, स्थानीय निकायों के स्थानीय प्राधिकार में विहित रीति से सरकार द्वारा तय किया जाएगा।

भार क्षमता, परिचालन समय सब होगा निर्धारित

फेरी के अधीन नौका या नाव का निबंधन, भार क्षमता, परिचालन का समय, जीवन रक्षक न्यूनतम सुरक्षा उपकरणों का निर्धारण एवं कार्यान्वयन विहित प्रक्रिया के अधीन होगा। इस विधेयक के लागू होने से बंगाल फेरी अधिनियम 1885 निरसित (समाप्त) हो जाएगा। इसके साथ ही नए अधिनियम का प्रावधान राज्य सरकार के अन्य विभागों द्वारा बनाए गए सभी कानूनों का भी स्थान लेगा।

यह होगा लाभ

इस नये प्रावधान से कई लाभ होंगे। एक ओर जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा तो वहीं नावों के परिचालन में मनमानी रुकेगी। रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। ओवरलोडिंग पर रोक लगेगी। इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। बिना लाइसेंस वाले और जर्जर नावों का परिचालन नहीं होगा। घाटों पर माफिया तत्वों पर अंकुश लगेगा। यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी। रख-रखाव बेहतर ढंग से होगा। नावों के परिचालन को लेकर पूरा सिस्टम चाक-चौबंद रहेगा। इससे यात्रियों की सुरक्षा पुख्ता होगी।

पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी, छात्रवृत्ति के लिए सरकार ने जारी किए 287 करोड़ रुपये

डेस्क : पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के नौवीं, 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी है। इनकी छात्रवृत्ति देने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने इनकी छात्रवृत्ति के लिए 287 करोड़ रुपए जारी कर दिये हैं। छात्रवृत्ति वितरण की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग को सौंपी गयी है। विभाग ने पिछले दिनों छात्रवृत्ति वितरण योजना को मंजूरी दी थी।

इस छात्रवृत्ति का भुगतान मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 के लिए किया जाएगा। इस छात्रवृत्ति का सीधा लाभ सूबे के 15. 94 लाख पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को होगा। इसके तहत राज्य के राजकीय, राजकीयकृत, माध्यमिक विद्यालयों में वर्ग 9 से 10 तक में अध्ययन करने वाले पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा।

पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राज्य योजना मद से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के लिए ग्राम पंचायतों को सहायता और शिक्षा के तहत 287 करोड़ 1 लाख की राशि जारी की है। विभाग ने संबंधित छात्रवृत्ति योजना के तहत 893.97 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की थी। इसी के तहत यह राशि दी गयी है। छात्रवृत्ति का भुगतान छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा।

*बिहार विधान परिषद के 5 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए आज शाम से थम जायेगा चुनाव प्रचार, 31 मार्च को होगी वोटिंग*

डेस्क : बिहार विधान परिषद के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के पांच सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है। इस चुनाव को लेकर चल रहे प्रचार का शोर आज बुधवार की शाम 4 बजे थम जाएगा। वहीं इन सीटों के लिए 31 मार्च को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे।

निर्वाचन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी आम चुनावों की तरह स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव को लेकर मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। 

निर्वाचन आयोग के अनुसार गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से कुल 8 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र जांच में सही पाए गए। इनमें मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राज्य राजनीतिक दलों में भाजपा से अवधेश नारायण सिंह एवं राजद से पुनीत कुमार सिंह शामिल हैं। अन्य छह निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध पाए गए हैं। 

गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को लेकर 13 उम्मीदवारों का नामांकन जांच में सही पाया गया। इनमें मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राज्य राजनीतिक दलों से दो उम्मीदवार शामिल हैं। भाजपा के जीवन कुमार व जदयू के संजीव श्याम सिंह उम्मीदवार हैं।

विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई बिहार विधान मंडल की कार्यवाही, बिजली बिल में बढ़ोत्तरी समेत अन्य मुद्दों को लेकर बीजेपी ने सदन के बाहर और अंदर

डेस्क : बिहार विधान मंडल की आज की कार्यवाही विपक्ष के हंगामें के साथ शुरु हुई। दरअसल प्रदेश में बिजली की दरों में की गई वृद्धि पर विपक्षी दल भाजपा लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। बिहार विधान मंडल में आज मंगलवार को भी इसी मुद्दे पर बीजेपी जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। 

भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर हाथों में पम्पलेट लहराते हुए बिजली की बढ़ी हुई दर वापस लेने को लेकर जोरदार नारेबाजी की। बाद में विधानसभा के अंदर भी यह मुद्दा गूंजा। भाजपा के सदस्यों ने नीतीश सरकार पर जनता को परेशान करने और उन्हें महंगी बिजली के उपभोग के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। 

विपक्ष की ओर से कहा गया कि इस तरह से एक बार में 24 फीसदी से ज्यादा बिजली बिल बढ़ाने का निर्णय दिखाता है कि महागठबंधन सरकार को जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। यह ऐसा निर्णय है जो एक साथ सभी वर्गों को प्रभावित करेगा। महंगी बिजली के कारण न तो राज्य में निवेश की संभावना रहेगी और ना ही इससे किसानों और आम लोगों का भला होगा। बिजली दर वापस लो के नारे के साथ काफी देर तक सदन के बाहर और फिर अंदर बीजेपी का प्रदर्शन जारी रहा। 

साथ ही किसानों के मुद्दे को लेकर भी भाजपा ने प्रदर्शन किया। पिछले सप्ताह राज्य में हुई जोरदार बारिश और ओलावृष्टि से व्यापक स्तर पर फसलों के नुकसान होने की बात करते हुए भाजपा ने नीतीश सरकार से किसानों के लिए मुआवजे की मांग की। 

बीजेपी विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कटनी के लिए तैयार फसल पर बारिश और ओलावृष्टि होने से किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर गई है। इसके बाद भी राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं दिखती। अब तक किसानों के मुआवजे को लेकर सरकार ने कोई आश्वासन नहीं दिया है। यह नीतीश सरकार की किसान विरोधी नीतियों को दर्शाता है।

हालांकि सत्ता पक्ष की ओर से न तो बिजली की दरों में कमी करने और ना ही किसानों के मुआवजे को लेकर किसी प्रकार का आश्वासन दिया गया।

बीजेपी के नये प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का हुआ भव्य स्वागत, पार्टी कार्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में सम्राट चौधरी ने किया यह एलान

डेस्क : बीजेपी के नये प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली में केन्द्रीय नेतृत्व से मुलाकात करने के बाद आज पटना पहुंचे। पटना पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत हुआ। उनके स्वागत में पटना में भव्य रोड शो किया गया। पटना हवाई अड्डा से लेकर प्रदेश कार्यालय तक सम्राट चौधरी के रोड-शो में हजारो भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। 

वहीं पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में निर्वतमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ। संजय जायसवाल, पूर्व अध्यक्ष सह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्य़ंद राय, विजय सिन्हा, रविशंकर प्रसाद, सीपी ठाकुर, नंदकिशोर यादव समेत हजारो कार्यकर्ता मौजूद रहे। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने नए अध्यक्ष सम्राट चौधरी को शुभकामनाएं दी। 

इस मौके पर बीजेपी के नए अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मंच पर बैठे सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को धन्यवाद देता हूं। साथ ही राष्ट्रीय नेतृत्व का इस जिम्मेदारी के लिए आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने संजय जयसवाल को विशेष तौर पर धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने 3 वर्ष से अधिक समय के कार्यकाल में भाजपा को शीर्ष पर पहुंचाने का काम किया है।हमें पूर्ण आशा व विश्वास है कि पूरी टीम हमारा मार्गदर्शन करेगी। नेतृत्व का भी मार्गदर्शन मिलता रहेगा।

उन्होंने आगे कहा कि लक्ष्य बड़ा स्पष्ट है। अमित शाह, नरेंद्र मोदी और नड्डा जी को हम आश्वस्त करते हैं कि बिहार में सिर्फ भाजपा दिखेगी। उन्होंने कहा कि मैं तो उस परिवार से आता हूं, मेरे पिताजी कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे। उन्हें विरोधी दल का नेता भी नहीं बनाया गया, प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बनाया। मैं तो धन्य हूं। पार्टी के अंदर हमें सम्मान दिया गया। पहले विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनाया फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। 

सम्राट चौधरी ने कहा कि समता पार्टी को नीतीश कुमार ने नहीं बनाया। मेरे पिताजी (शकुनी चौधरी) ने समता पार्टी बनाई थी और नीतीश कुमार ने अवैध कब्जा कर लिया। उस अवैध कब्जा को उखाड़ कर फेंक देंगे। नीतीश कुमार जी अब तो आपका नाम भी लेने में शर्म आती है। ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व में बिहार है। अब तो बुजुर्ग भी हो गए हैं। अब तो आग्रह करेंगे कि चलिए कल्याण बिगहा, वहां पर हम लोग कुटिया बनवा देंगे। भाजपा कार्यकर्ता उनका कुटिया बना देंगे। मैं लोगों के बीच में कहता हूं कि बिहार में नीतीश कुमार को हटा दीजिए और भाजपा के किसी मंडल अध्यक्ष को ही मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दे दें। वह नीतीश कुमार से अच्छा काम करेगा।

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बने पिता, ट्वीट कर लिखा, ईश्वर ने आनंदित होकर पुत्री रत्न के रूप में उपहार भेजा


बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पिता बन गए है। उन्होंने ट्वीट कर यह बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ईश्वर ने आनंदित होकर पुत्री रत्न के रूप में उपहार भेजा है।

इसके बाद राबड़ी देवी दादी और राजद सुप्रीमो लालू यादव दादा बन गए है। बता दें कि इस खबर के आने के बाद राजद में सब खुश है। मालूम हो कि दिल्ली के अस्पताल में बच्ची का जन्म हुआ है।

वहां राबड़ी देवी और माीसा भारती मौजूद है। बताया जा रहा है कि थोड़ी देर में वहां तेज प्रताप यादव भी पहुंचेगे। वहीं इस खबर के मिलने के बाद उनके समर्थकों में हर्ष का माहौल है।

बिहार विधान सभा पहुंचा राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म किए जाने का मामला, काले कपड़े और काली पट्टी बांध महागठबंधन के नेताओं जताया विरोध

डेस्क : राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म किए जाने का कांग्रेस के साथ-साथ पूरे विपक्ष द्वारा विरोध किया जा रहा है। अब इसकी धमक बिहार विधान सभा तक पहुंच गई है। आज महागठबंधन में शामिल सभी के नेता काले कपड़े और काली पट्टी बांधकर विधान सभा परिसर पहुंचे। 

जिसमें राजद, कांग्रेस के साथ जदयू के विधायक मौजूद थे। सभी काले कपड़े या काली पट्टी लगाकर विधानसभा परिसर पहुंचे और विधान सभा के गेट पर जमकर विरोध जताया। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल महागठबंधन के महिला विधयाकों ने केन्द्र के मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।  

प्रदर्शन में शामिल भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी के साथ जो हुआ वह कहीं से भी सही नहीं कहा जा सकता है। नरेंद्र मोदी की सरकार विपक्षी सांसदों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

अजीत शर्मा ने कहा कि हम कानून के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन यहां बात संसद की सदस्यता को खत्म करने को लेकर है। जिसका विरोध किया जा रहा है। उनका कहना था कि राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई रद्द की जाए, साथ ही उनकी सदस्यता फिर से बहाल की जाए।

नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल, स्वास्थ्य विभाग के मिशन-60 भाग-2 जल्द लांच करने के एलान को बताया हास्यास्पद

डेस्क : स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मिशन-60 भाग-2 को जल्द लॉन्च करने का एलान किया गया है। इधर इस एलान पर राजनीति शुरु हो गई है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने स्वास्थ्य विभाग के मिसन 60 भाग 2 के जल्द लॉन्च करने की घोषणा को हास्यास्पद बताया है। 

विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि मिशन-60 भाग-1 जब शुरू किया गया तो कहा गया कि 60 दिनों में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन होगा। लेकिन 227 दिन बीत जाने के बाद भी सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रस्तावित मिशन 60 भाग 2 में रंग रोगन से लेकर चमक दमक की सभी बात की गई है। लेकिन दवा की उपलब्धता, ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू एवम गंदगी हटाने को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 मार्च में प्रधान महालेखाकार, बिहार द्वारा राज्य की वदतर स्वास्थ्य सेवा की स्थिति पर प्रतिवेदन जारी किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार के भारी निवेश के बावजूद लोगों को वुनियादी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने में राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं कामयाब नहीं हो रही हैं। देश के स्टैंडर्ड की तुलना में राज्य के अस्पतालों में 52% से 92%तक की कमी है। जनसंख्या की तुलना में बेड कम है औऱ10 साल पूर्व बढ़ोतरी की स्वीकृति के बावजूद नही बढ़ाई गईं है। जिला अस्पतालों में ऑपरेशन थिअटर नहीं है। हृदय, लिवर जैसे 12 प्रमुख विमारियों की व्यवस्था उन अस्पतालों में नहीं है। 38 जिला में से मात्र जहानाबाद जिला में आईसीयू है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार के लिए यह लज्जा की बात है कि 18 वर्षों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार नहीं हुआ है। अब सरकार को सचेत होकर प्रयास करना चाहिए ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो सके। सिन्हा ने कहा कि बिहारियों की जिंदगी से खिलवाड़ न करे पांच विभाग रखकर मुख्यमंत्री की लाचारी बेबसी से पांच विभाग में मेवा प्राप्त कर सकते है सेवा नहीं हो सकता हैं। इसलिए 60 दिन की मिशन की बात करना बेईमानी है।