बिहार दिवस आज, तीन दिनों तक पूरे प्रदेश में कई कार्यक्रमों के साथ पटना के गांधी मैदान इन प्रख्यात गायकों की आवाज की रहेगी धूम

डेस्क : आज बिहार दिवस है। आज ही के दिन साल 1912 को बंगाल और उड़ीसा से बिहार अलग हुआ था। उससे पहले बिहार बंगाल प्रोविंस का हिस्सा हुआ करता था। 2005 में नीतीश कुमार ने बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार दिवस मनाने का एलान किया था। वहीं 2008 से इसकी शुरुआत की गई। 

बिहार दिवस समारोह का आयोजन धूमधाम से तीन दिनों तक पूरे प्रदेश में चलेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा कई प्रतियोगिताएं होंगी। लोग बिहारी व्यंजनों का आनंद लेंगे। स्कूली बच्चे पूरे प्रदेश में पर्यटन स्थलों और म्यूजियम की सैर करेंगे। जिलों में हेरिटेज वॉक करेंगे। सूबे के 75 हजार सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में प्रभात फेरी निकाली जाएगी। यही नहीं, विदेशों में भी बिहार दिवस की धूम रहेगी।

सबसे बड़ी बात यह है इसबार विदेश में रहने वाले बिहारी भी बिहार मूल के लोग भी बिहार दिवस मना रहे है। अमेरिका, जापान व जर्मनी में बड़े कार्यक्रम होंगे। जबकि एक दर्जन देशों में बिहारी समुदाय के लोग भी इसको लेकर समारोह आयोजित कर रहे हैं। इस वर्ष बिहार दिवस सात निश्चय की युवा शक्ति पर केन्द्रित है। इसके तहत ‘युवा शक्ति बिहार की प्रगति’ का स्लोगन भी तय कर लिया गया है। इसमें बिहार की प्रगति को युवा शक्ति से जोड़ कर आयोजन होंगे। गत वर्ष जल जीवन हरियाली को आधार बनाकर बिहार दिवस का आयोजन किया गया था। 

गांधी मैदान के मुख्य मंच पर प्रख्यात गायक जावेद अली, मैथिली ठाकुर, इंडियन आसियान बैंड, दीपाली सहाय, ऐश्वर्य निगम एवं सलमान अली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी, जबकि गजल गायक तलत अजीज, नियाजी बद्रर्स की कव्वाली, कुमुद दीवान व नलिनी जोशी का शास्त्रीय संगीत, लोक गायिका डॉ। रंजना झा, नीतु कुमारी नूतन, अचला कुमारी, चंदन तिवारी के लोकगीत भी होंगे।

वहीं, जिला मुख्यालयों में भी विभिन्न विभागों के स्टॉल, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं व्यंजन मेला का आयोजन किया जाएगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा फेसबुक, यू-टयूब एवं ट्विटर पर सभी कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण, बेलट्रॉन द्वारा किया जाएगा।

कैनिबेट की बैठक में 35 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर, शिक्षकों के 7 हजार नये पदों को दी गई मंजूरी

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बीते मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट की बैठक में कुल 35 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। राज्य सरकार 7 हजार नए पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। ये शिक्षक विशेष बच्चों (दिव्यांग) को पढ़ाने के लिए बहाल किये जाएंगे। जल्द ही इनकी नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। 

राज्य सरकार पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति अपने कोष से देगी। इसके लिए शिक्षा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इसको लेकर ‘मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ चलायी जाएगी। अभी तक तक इन बच्चों को केंद्र व राज्य 5050 प्रतिशत अनुपात में राशि देते थे। 

गौरतलब है कि केंद्र ने 9 वीं और 10वीं के छात्रों को छात्रवृत्ति देना बंद कर दिया है। वहीं नीचे की कक्षाओं में भी समय पर राशि नहीं देती थी। इसलिए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। इसी प्रकार केंद्र प्रायोजित शिक्षा की योजनाओं में केंद्र से अब-तक राशि नहीं मिलने को लेकर 1600 करोड़ की स्वीकृति दी है। वहीं 720 आवासन क्षमता वाले चार अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति विद्यालयों के निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति दी गई है।

मंत्रियों कै वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी

राज्य सरकार ने अपने मंत्रियों के वेतन और भत्ते में प्रतिमाह करीब 35 हजार की वृद्धि की है। कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी है। इस वृद्धि के बाद अब राज्य के मंत्रियों को प्रतिमाह वेतन व भत्ते के रूप में दो लाख 65 हजार मिलेंगे। मालूम हो कि हाल में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने विधायकों, विधान पार्षदों के साथ ही विधानमंडल में मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक व सचेतक के वेतन-भत्ते में वृद्धि की थी।

सिमरिया के विकास और सौंदर्यीकरण की योजनाओं को मंजूरी

सिमरिया धाम का विकास होगा। जल संसाधन विभाग की योजनाओं को मंजूरी मिल गयी। इसमें गंगा तट पर लगभग 550 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट का निर्माण, संपूर्ण कल्पवास क्षेत्र में सुविधाओं के विकास एवं सौंदर्यीकरण शामिल है। 

रीवर फ्रंट का विकास, गंगा आरती के लिए स्थल निर्माण, स्नान घाट व चेंजिंग रूम का निर्माण, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप, वाच टावर, शौचालय परिसर, धर्मशाला व प्रकाशीय व्यवस्था का निर्माण होगा। मोक्षधाम को भी बेहतर बनाया जाएगा। सारे कार्य 18 माह में पूर्ण होंगे। इस पर 114.97 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने किया जमकर हंगामा, तुषार हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग समेत उठाए कई सवाल

डेस्क : आज बिहार विधानसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के सात शुरू हुई। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष ने बिहटा में अपहृत छात्र तुषार की हत्या का मामला उठा।

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हम 10 विधायकों को लेकर बिहटा गए थे। अपहरण कर हत्या की घटना काफी विभत्स है। ऐसे में इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाय। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने महिला संविदा कर्मियों के विशेषावकाश बंद किये जाने का सवाल उठाया।

इस पर स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि आपने सदन को जानकारी दे दी। अब आप बैठिए। इसके बाद स्पीकर ने प्रश्नकाल की शुरूआत की।

वहीं विधानसभा में ध्यानाकर्षण सवाल पर भी भारी हंगामा हुआ। सवालकर्ता भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव और प्रभारी मंत्री कुमार सर्वजीत के बीच काफी वाद-विवाद हुआ। स्पीकर द्वारा टोकने पर नंदकिशोर यादव भड़क गए और कहा कि आप प्रश्न पूछने से नहीं रोक सकते। अगर यही स्थिति रही तो हमलोग प्रश्न नहीं पूछेंगे। नंदकिशोर यादव के ध्यानाकर्षण सवाल पर भारी हंगामा हुआ। सरकार के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने भारी बवाल काटा और वेल में पहुंच गए।

दरअसल, भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव ने ध्य़ानाकर्षण के माध्यम से सवाल उठाया कि बिहार के गोशाला का चुनाव दशकों से नहीं हुआ है। गोशाला कमिटी के अध्यक्ष एसडीओ होते हैं। आखिर चुनाव क्यों नहीं हो रहे, सरकार क्या कार्रवाई कर रही। इस सवाल का जवाब देने प्रभारी मंत्री सर्वजीत खड़े हुए।

उन्होंने कहा कि हमलोग जल्द ही गोशाला कमिटी का चुनाव करायेंगे। सरकार सजग है, जैसे ही संज्ञान में मामला आया हमलोग पत्राचार किये हैं । हम सदन को आश्वस्त करते हैं कि जल्द चुनाव कराये जायेंगे। लगे हाथ प्रभारी मंत्री ने यह भी आरोप लगा दिया कि पंद्रह सालों तक आप लोग सरकार में थे, क्यों नहीं सवाल लाये और क्यों नहीं गोशाला कमिटी का चुनाव कराये। इसके बाद भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव पूरक सवाल पूछने उठे तो स्पीकर ने रोका। इसके बाद नंदकिशोर यादव भड़क गए और कहा कि यह उचित नहीं है। अगर यही स्थिति रही तो वे सवाल नहीं पूछेंगे। नंदकिशोर यादव के भड़कने के बाद स्पीकर ने बोलने को कहा।

नंदकिशोर यादव ने कहा कि मंत्री कह रहे कि आपलोग पंद्रह सालों तक सरकार में थे तो क्यों नहीं गोशाला प्रबंध समिति का चुनाव हुआ? हम कहना चाहते हैं कि इस दौरान मुख्यमंत्री कौन था, सफलता मुख्यमंत्री लेंगे तो असफलता पशुपालन मंत्री क्यों ले, इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। स्पीकर ने सरकार का बचाव किया तो भाजपा सदस्य भड़क गए। इसके बाद सारा विपक्ष वेल में पहुंच गया और जमकर नारेबाजी की। स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि आपलोग राजनीति कर रहे हैं।

बड़ी खबर : बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी, तीन संकायों में लड़कियों ने मारी बाजी

डेस्क : बिहार बोर्ड का इंटरमीडिएट वर्षिक परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. इसबार आर्टस, साइंस और कॉमर्स तीनों संकायों में लड़कियों ने अपना परचम लहराते हुए टॉप किया है।

शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने जारी किया. यह लगातार पांचवा साल है जब बिहार बोर्ड ने सबसे पहले परीक्षा परिणाम देने का रिकॉर्ड बनाया है. इस बार 83.7 परीक्षार्थी सफल हुए हैं.

1 फरवरी से 11 फरवरी 2023 तक हुई बिहार बोर्ड के इंटर परीक्षा में इस बार 13 लाख 4 हजार 586 विद्यार्थी शामिल हुए थे. इसमें 10 लाख 91 हजार 948 सफल रहे. आर्ट्स में कुल 82.74 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए हैं.

वहीं कॉमर्स में 93.95 प्रतिशत विद्यार्थी सफल रहे जबकि विज्ञान में 85.25 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे. इस प्रकार तीनों संकायों में 83.7 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए हैं. इस बार तीनों संकायों में 5 लाख 13 हजार 222 ने प्रथम, 4 लाख 87 हजार 223 ने द्वितीय और 91 हजार 503 ने तीसरा स्थान हासिल किया है.

इस वर्ष विज्ञान संकाय में आयुषी नंदन ने 94.8 फीसदी अंक हासिल कर प्रथम स्थान हासिल किया है. खगड़िया के आर लाल कॉलेज की आयुषी नंदन ने 474 अंक हासिल किया है.

वहीं आर्ट्स में पूर्णिया के उच्च माध्यमिक विद्यालय बायसी की मोहदेशा ने 475 अंक हासिल किया और 95 फीसदी अंकों के साथ प्रथम रही. कॉमर्स में औरंगाबाद के एस सिन्हा कॉलेज की सोम्या शर्मा ने 475 अंक और 95 फीसदी अंक लाकर प्रथम स्थान हासिल किया किया है. इस प्रकार तीनों संकायों में प्रथम स्थान पर लड़कियां ही रही हैं.

बिहार बोर्ड की वेबसाइट www.biharboardonline.in या www.biharboardonline.bihar.gov.in पर परीक्षाफल चेक कर सकते है.

बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की बड़ी कार्रवाई, इन तीन आरोपितों को घोषित किया भगोड़ा

डेस्क : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ी कार्रवाई की है। अदालत ने तीन आरोपितों को भगोड़ा घोषित किया है। भगोड़ा घोषित पूर्व आईएएस केपी रमैया के अलावा अमित कुमार और रजनी प्रिया को सीबीआई गिरफ्तार करने में असफल रही है।

सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 फरवरी को भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी केपी रमैया और घोटाले की किंगपिंग रही मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की गिरफ्तारी के लिए स्थायी वारंट जारी करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही अदालत ने इन तीनों के मुकदमे के अभिलेख को अलग करने का भी निर्देश दिया। 

करोड़ों रुपये के घोटाले के इस मामले में कुल 27 आरोपित हैं। इनमें 12 न्यायिक हिरासत के तहत बेऊर जेल में हैं, जबकि 3 फरार हैं। सात आरोपित जमानत पर हैं। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने तीन आरोपितों केपी रमैया, अमित कुमार और रजनी प्रिया के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया था। सीबीआई ने फरार अमित कुमार व उसकी पत्नी रजनी प्रिया की 13 चल व अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की है। 

बता दें पूर्व आईएएस केपी रमैया के खिलाफ जारी कुर्की वारंट का तामिला कर सीबीआई ने दो रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि रमैया ने संपति पत्नी जया भारती और पुत्र केएस शिवकांत के नाम कर दी है। सीबीआई रमैया को गिरफ्तार करने के साथ ही कुर्की वारंट का तामिला करने में भी असफल रही है। सीबीआई के विशेष कोर्ट ने सीबीआई के एसपी व आईजी को आदेश की प्रति भेजकर सृजन घोटाले के इस मामले की जांच कर रहे अनुसंधानकर्ता के आरोपित केपी रमैया के खिलाफ जारी कुर्की वारंट का तामिला नहीं किए जाने के आचरण को देखने को कहा है।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बड़ा बयान : मुझे नहीं बनना है सीएम, बीजेपी के धमकी से न लालू डरे और न ही डरेगा उनका यह बेटा

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा की धमकी से लालू प्रसाद नहीं डरे तो उनका बेटा भी नहीं डरेगा। सीबीआई और ईडी के माध्यम से मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है। दरअसल, असली डर भाजपा को वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव का है। भाजपा कहीं टिकने वाली नहीं है, यह बात वह जान चुकी है। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा के पास चाल, चरित्र, चेहरा और नेतृत्व कुछ भी नहीं है। दिनभर अनाप-शनाप बयान देकर समाज में नफरत फैलाना ही इनका काम है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के समय देश का ऐसा माहौल नहीं था। वर्तमान केंद्र सरकार व्यक्तिगत होकर काम करती है। अपने विरोधियों पर केस करती है। वहीं, जो नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं, उनके सारे गुनाह माफ हो जाते हैं। 

उन्होंने कहा कि हमलोग विकास के साधक हैं और भाजपा विकास की बाधक। हमलोग गरीब को आगे बढ़ाते हैं तो भ्रष्टाचार होता है और वेलोग अमीर को बचाते हैं तो वह शिष्टाचार हो जाता है। कहा कि तमिलनाडु कथित घटना का फर्जी वीडियो दिखाने के लिए नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा को माफी मांगनी चाहिए।

वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि न मुझे मुख्यमंत्री बनना है और न ही सीएम नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनना है। हमें इनके नेतृत्व में काम करना है। मुख्यमंत्री ने सही समय पर महागठबंधन सरकार का निर्णय लिया है। इसके लिए देशभर से इन्हें बधाई आ रही है। सीएम ने जो निर्णय लिया है, उसके साथ हम मजबूती से खड़े रहेंगे। उपमुख्यमंत्री सोमवार को विस में पथ निर्माण समेत अन्य विभागों के बजट पर हुए वाद-विवाद के बाद बात रख रहे थे।

बिहार दिवस पर तीन दिवसीय समारोह का होगा आयोजन, कल 22 मार्च से होगा शुभारंभ

डेस्क : बिहार दिवस पर 22 मार्च से तीन दिवसीय (22-23-24) समारोह होगा। इस वर्ष बिहार का 111 वां विशेष स्थापना दिवस समारोह मनाया जाएगा। इस दौरान राज्य के सभी जिला, प्रखंड एवं पंचायत व विद्यालय स्तर पर अलग-अलग कई कार्यक्रम होंगे।

मुख्य कार्यक्रम गांधी मैदान में, श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल, रवींद्र भवन एवं बिहार संग्रहालय में कराने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग को नोडल विभाग घोषित किया गया है। समारोह में कला-संस्कृति, उद्योग एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम संसाधन, विज्ञान एवं प्रावैधिकी सहित विभिन्न विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। 22 मार्च को 75 हजार सरकारी विद्यालयों एवं निजी विद्यालयों में प्रभात फेरी का आयोजन होगा।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सूचना जनसंपर्क विभाग के सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार दिवस-2023 के आयोजन को लेकर विस्तृत जानकारी दी। बताया कि यूं तो बिहार का इतिहास साढ़े छह हजार साल पुराना है, लेकिन राजनीतिक रूप से 22 मार्च 1912 को बंगाल विभाजन के बाद सूबा वजूद में आया। वर्ष 2009 से बिहार दिवस की शुरुआत की गयी है। 

बताया कि बिहार दिवस-2023 में विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यो की जानकारी लोगों को देने को विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम होंगे। सूबे में उत्पादित हो रही वस्तुओं की खरीद करने एवं व्यंजनों के स्वाद प्राप्त करने का मौका मिलेगा। प्रेस कांफ्रेंस में शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यानाथ यादव एवं निदेशक, प्राथमिक शिक्षा रविप्रकाश, उप निदेशक कुमार अरविंद सिन्हा भी मौजूद थे।

सीएम नीतीश कुमार का महिलाओं के लिए बड़ा एलान, पुलिस बहाली में ईबीसी और एससी-एसटी कोटि की महिला अभ्यर्थियों मिलेगी यह छूट

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अत्यंत पिछड़ी जाति (ईबीसी) और अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी-एसटी) कोटि की महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। पुलिस बहाली में इस कोटि की महिला अभ्यर्थियों की न्यूनतम ऊंचाई (कद) सीमा में छूट मिलेगी। सोमवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बहाली में ईबीसी और एससी-एसटी कोटि की महिला अभ्यर्थियों की न्यूनतम ऊंचाई सीमा को कम करने की कार्रवाई तत्काल की जाएगी। गौरतलब है कि बिहार पुलिस बहाली में अभी सभी कोटि की महिलाओं की न्यूनतम ऊंचाई 155 सेंटीमीटर है।

दरअसल ईबीसी, एससी-एसटी कोटि की महिला अभ्यर्थियों की न्यूनतम ऊंचाई सीमा को कम करने का मामला बथनाहा विधायक अनिल कुमार ने उठाया था। जवाब में प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि पुलिस बहाली में मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा में सामान्य वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के पुरुषों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 165 सेंटीमीटर तो ईबीसी, एससी-एसटी के पुरुषों के लिए सामान्य से पांच सेंटीमीटर कम 160 सेंटीमीटर है। वहीं, सभी वर्गों की महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 155 सेंटीमीटर है। ईबीसी, एससी-एसटी कोटि की महिलाओं के लिए न्यूनतम ऊंचाई सीमा को कम करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। 

इस पर पूरक प्रश्न करते हुए भाजपा के नंद किशोर यादव ने कहा कि सदन में इसलिए तो सवाल पूछे जाते हैं। सवाल पूछने का मकसद ही होता है कि सरकार अपने प्रावधानों को सुधारे। जब ईबीसी, एससी-एसटी कोटि के पुरुषों को पांच सेंटीमीटर कम न्यूनतम ऊंचाई की सुविधा दी जा रही है तो इस कोटि की महिला अभ्यर्थियों को पांच सेमी की छूट क्यों नहीं दी जा सकती है। 

इसी पर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करेगी।

*सुशील मोदी का महागठबंधन सरकार पर बड़ा हमला : कहा-प्रदेश का फिर हुआ लालू-राबड़ी राज जैसा हाल

डेस्क : बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी प्रदेश की महागठबंधन सरकार पर हमला बोलने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते है। बिहटा में छात्र का फिरौती के लिए हुए अपहरण और हत्या को लेकर उन्होंने प्रदेश की नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

उन्होंने यह हमला अपने सोशल मीडिया के ट्वीटर के जरिए किया है। उन्होने एक के बाद एक कई ट्वीट किया है। जिसमें लिखा है 40 लाख की फिरौती के लिए बिहटा के स्कूली छात्र की हत्या, छपरा के जमीन कारोबारी का अपहरण और लालू प्रसाद के भतीजे नागेंद्र राय के 2 करोड़ रुपये रंगदारी मांगने की घटनाएँ कानून-व्यवस्था की डरावनी स्थिति बयाँ कर रही हैं।

उन्होने आगे कहा है एक माह में रंगदारी-फिरौती के लिए अपहरण और हत्या की दर्जन-भर घटनाएँ हुईं। इसी 15 मार्च को लालू प्रसाद के भतीजे नागेंद्र राय ने हथियार के साथ एक भूखंड पर पहुँच कर 2 करोड़ रुपये की रंगदारी माँगी। इस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

मोदी ने कहा है कि इससे पहले 23 फरवरी को सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव के पुत्र को जेसीबी मशीन लगाकर अवैध खनन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे जेल भेजने के बजाय डिप्टी सीएम की फोन पैरवी पर छोड़ दिया गया।

उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ने अपराध और भ्रष्टाचार से समझौता कर जनता के जीवन को खतरे में डाल दिया। मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के मात्र 7 महीनों में अपहरण उद्योग में लालू-राबड़ी राज जैसी तेजी लौट आयी। "बिहार में नीतीशे कुमार हैं। अपहरण उद्योग में फिर से बहार है।"

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने डिप्टी सीएम पर बोला बड़ा हमला, कहा-बिहार की छवि धूमिल कर रहे तेजस्वी यादव

डेस्क :- राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार के उपर जब से एकबार फिर जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले को लेकर सीबीआई और ईडी की जांच शुरु हुई है। तब से प्रदेश खी सियासत गरम है। एक ओर जहां राजद द्वारा इसे केन्द्र की बीजेपी सरकार के ईसारे पर कार्रवाई करार दिया जा रहा है। वहीं बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार इस मामले को लेकर राजद पर हमलावर है।

इसी कड़ी में आज बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहार के डिप्टी तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। बिहार विधान सभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने सदन में सरकार के जवाब के क्रम में तेजस्वी यादव से आग्रह किया कि वे बाहर में सी.बी.आई और ई.डी के बारे में बहुत बयान देते हैं, इसलिए सदन में बताएं कि किस प्रकार इतनी कम उम्र में अकूत संपत्ति के मालिक हो गए।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता भी इसे जानना चाहती है। दिल्ली में 150 करोड़ का मकान, अनेक कंपनी, अनेक प्लॉट एवं मॉल के मालिक अवैध कमाई से बने हैं। यदि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी इस पर कारवाई करती है तो उन्हें एतराज नहीं होना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सबसे ज्यादा आश्चर्य तब होता है जब मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोपी व्यक्ति को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं करते हैं। यदि मुख्यमंत्री की यही मंशा है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से यह बयान देना चाहिए कि तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के मामले नहीं बनते हैं।

उन्होंने कहा कि विधानसभा में आसन द्वारा विपक्ष को मौका नहीं दिया जाता है। वे सदैव विपक्षी सदस्यों का उपहास करते हैं। लोकतंत्र के लिए आसन का आचरण शुभ नहीं है। यदि उपमुख्यमंत्री को ही सदन चलाना है तो वह जाकर आसन पर बैठ जाए। नीचे से आसन को निर्देश देना स्वस्थ परंपरा नहीं है।