होली के हफ्तों बीत जाने के बाद भी ट्रेनों में भारी भीड़, यात्रियों को हो रही भारी परेशानी

डेस्क : होली बीते एक हफ्ते हो गए लेकिन पटना जंक्शन, राजेन्द्रनगर रेल परिसर सहित दानापुर रेल मंडल के अधिकतर स्टेशनों पर भीड़ उमड़ रही है। पटना से खुलने वाली सभी ट्रेनों में भारी भीड़ की स्थिति बनी हुई है।

पटना जंक्शन पर मगध एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस और दानापुर में संघमित्रा एक्सप्रेस में मारामारी की स्थिति बनी हुई। स्लीपर बोगी से लेकर अनारक्षित बोगियों तक में प्रवेश को लेकर यात्रियों में जद्दोजहद देखने को मिल रही है। आलम यह है कि अनारक्षित और स्लीपर बोगियों के शौचालय तक यात्रियों की ठसमठस भीड़ देखी जा रही है।

दरअसल, इस बार यात्रियों की भीड़ के लिहाज से अपर्याप्त स्पेशल ट्रेनें चली हैं। इससे यात्रा की मजबूरी के कारण दिल्ली, कोटा, चेन्नई, बेंगलुरू व अन्य रूटों पर यात्रियों का रेला रह रहा है। संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, संघमित्रा एक्सप्रेस, दानापुर पुणे एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में अप्रैल के पहले हफ्ते तक भारी वेटिंग है। इससे नियमित ट्रेनों में वेटिंग का बोझ भी बढ़ा है। यही वजह है कि रेल परिसरों में इतने दिन बाद तक अधिक भीड़ दिख रही है। तत्काल टिकट के लिए काउंटरों पर भीड़ रही।

भीड़ प्रबंधन व अन्य यात्री सुविधाओं के लिहाज से रेल परिसरों में क्विक रेस्पांस टीम बनाई गई है। पाटलिपुत्र जंक्शन से खुलने वाली ट्रेनों में जगह जगह इस क्विक रेस्पांस टीम की सक्रियता दिखी लेकिन पटना जंक्शन और राजेन्द्र नगर में भारी सुस्ती दिख रही है।

बजट सत्र : विधान सभा में आज जमकर हुआ हंगामा, विपक्ष के विरोध के बाद झुकी सरकार

डेस्क : आज सदन की कार्यवाही सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के बीच शुरु हुई। बिहार विधानसभा में आज सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष से माफी मांगने को कहा। माले विधायकों ने मांग उठाया कि तमिलनाडु की घटना में नेता प्रतिपक्ष ने अफवाह फैलाने की कोशिश की। फर्जी वीडियो के आधार पर दो राज्यों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की गई। ऐसे में विजय सिन्हा माफी मांगें। 

इस पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि किसी भी समय वे चर्चा को तैयार हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि मीडिया के सामने तमिलनाडु प्रकरण पर बहस करें। दरअसल, सरकार मामले को घुमाने में लगी है। तमिलनाडु प्रकरण में जांच रिपोर्ट सदन पटल पर रखी जाय। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही। 

वहीं बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भूमि राजस्व विभाग के सवाल पर भारी हंगामा हुआ। सरकार की तरफ से सकारात्मक उत्तर नहीं मिलने पर बीजेपी विधायकों ने विरोध दर्ज किया। दरअसल, विधायक पवन जायसवाल ने भूमि राजस्व विभाग से जुड़े भूमि संबंधी विवाद पर सवाल उठाया था। विभागीय मंत्री आलोक मेहता के जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। स्पीकर जब आगे बढ़ गए तो भाजपा विधायकों ने जबरदस्त विरोध दर्ज किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह गंभीर विषय है। राजस्व मंत्री यह बताएं की समस्या का समाधान कब तक होगा। भारी विरोध के बाद स्पीकर ने नियमन दिया कि मंत्री इसे नोट करें। आसन से आदेश मिलने के बाद सरकार झुकी।

वहीं स्पीकर द्वारा विधायक राम सिंह की जगह पर राम रतन सिंह पुकारने पर भाजपा विधायक ने आपत्ति दर्ज की। भाजपा विधायक राम सिंह ने कहा कि आप सही नाम भी नहीं पुकार रहे। मेरा नाम राम सिंह है और रामरतन सिंह पुकार रहे। राम रतन सिंह तो दूसरे विधायक हैं जो सत्ता पक्ष की तरफ हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि हमने राम सिंह पुकारा है। फिर विधायक ने जवाब दिया कि पहले आपने राम रतन सिंह पुकारा। इस पर अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी बोले, राम सिंह और राम रतन सिंह में क्यों पड़े हुए हैं, अपना पूरक सवाल पूछिए।

नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद और उनके परिवार को मिली जमानत पर राजद ने बांटा लड्डू, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने किया यह कटाक्ष

डेस्क : नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोपी पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और मीसा भारती बुधवार की सुबह राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। लालू समेत सभी आरोपियों ने अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। जमानत की खबर मिलते ही राजद मे खुशी की लहर दौड़ गई। राजद विधायको ने विधान सभा में लड्डू बांटा।

इधर राजद द्वारा मनाई जा रही इस खुशी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और मीसा भारती को सिर्फ जमानत मिली है। इन्हें दोषमुक्त या बरी नहीं किया गया है कि राजद के लोग लड्डू बांट रहे हैं। दावा किया कि उन्हें सजा होनी तय है।

सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद की बीमारी और दो आरोपितों के महिला होने पर नरम रुख अपनाते हुए 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई है। यह राहत कोई न्यायिक जीत नहीं, जिसका जश्न मनाकर भ्रम फैलाया जा रहा है। लालू प्रसाद चारा घोटाला में गिरफ्तारी के बाद जब पहली बार जमानत पर छूटे थे, तब हाथी पर सवार होकर लौटे थे। वे चारा घोटाला के एक भी मामले में बरी क्यों नहीं हुए? उन्हें सजा काटनी ही पड़ी। लालू परिवार से जो सवाल अदालत में पूछे जाएंगे, वही सवाल उनसे बिहार की जनता भी पूछेगी।

बजट सत्र : बीजेपी विधायक के निलंबन वापसी के बाद सदन में पहुंचे विपक्षी सदस्य, स्पीकर ने कहा-आप आए बहार आई

डेस्क : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान बीते मंगलवार की पहली पाली से शुरू हुआ गतिरोध बुधवार की दूसरी पाली में दूर हो गया। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी द्वारा भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन का निलंबन वापस लेने की घोषणा के साथ ही सबकुछ सामान्य हो गया और विपक्षी बीजेपी सदस्य सदन में पहुंचे।  

सदन में पहुंचने के बाद बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ने को लेकर खेद प्रकट किया। वहीं माले विधायक सत्यदेव राम ने भी आपत्तिजनक शब्द कहे जाने पर खेद प्रकट किया। दोनों ओर से खेद प्रकट करने के बाद भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित हुई।

वहीं विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भाजपा विधायकों के आगमन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा भी कि आप आए तो बहार लाए। इसके पहले सदन में प्रवेश करते हुए भाजपा विधायक राघवेन्द्र सिंह ने कहा था कि हम आए तो बहार आया। संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इनके आने से सदन में रौनक आ गयी। सुबह उन्होंने विपक्ष की अनुपस्थिति पर कहा था कि सदन में रौनक ही नहीं है। 

इसके पहले संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने गतिरोध दूर करने की पहल की। इसके बाद गतिरोध दूर करने का रास्ता निकला। उन्होंने विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा को मनाने की कोशिश की। भाजपा विधायक बगैर माले विधायक के खेद प्रकट करने के मानने को तैयार नहीं थे। इस प्रकरण पर राजभवन मार्च करने का फैसला किया। 12.30 बजे भाजपा विधायकों ने विधानसभा पोर्टिको से राजभवन की ओर पैदल मार्च शुरू किया। विधानसभा की दूसरी पाली शुरू होने के पहले भाजपा विधायक फिर धरने पर बैठे। 

इसी बीच कांग्रेस नेता अजीत शर्मा दुबारा उनके पास गए और नेता प्रतिपक्ष से सदन की कार्यवाही में भाग लेने का आग्रह किया और अध्यक्ष अवध कुमार चौधरी से मिलने की बात कही। फिर नेता प्रतिपक्ष अध्यक्ष से मिले। अंत में यह तय हुआ कि दोनों पक्ष खेद व्यक्त करें। इसके बाद भाजपा विधायक सदन में जाने को तैयार हुए। भोजनावकाश के बाद वे विधानमंडल की कार्यवाही में शामिल हुए।

भूमि राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता ने बिहार विधानमंडल में किया बड़ा एलान, अगले तीन महीनों में 10 हजार लोगों को दी जायेगी नौकरी

डेस्क : विधानपरिषद में आज बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने विभाग का 15 अरब रुपए का बजट पेश किया। जिसे ध्वनि मत से सभी सदस्यो ने अपनी सहमति दी।

वहीं इस दौरान उन्होंने एक बड़ा एलान किया। मंत्री आलोक मेहता ने विधान मंडल में एलान करते हुए कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अगले 3 महीनों में 10 हजार लोगों को नौकरी दी जाएगी। 

आलोक मेहता ने कहा कि अभी भी सर्वे चल रहा है। विभाग की तरफ से जिन्हे नौकरी दी जाएगी उनके लिए ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा ली जाएगी। 

साथ ही उन्होंने कहा कि 1700 अमीनो की बहाली का भी रास्ता साफ हो गया है। अब जल्द ही उसमें भी नियुक्ति होंगी।

विधायक लखेन्द्र के निलंबन को लेकर बीजेपी विधायकों ने किया राजभवन मार्च, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

डेस्क : बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को मंगलवार को दो दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी। जिसके बाद उनके विरुद्ध यह एक्शन लिया गया। 

वहीं आज बुधवार को भी सदन में पहुंचे भाजपा सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने सदन के प्रवेश द्वार पर जमकर नारेबाजी करते हुए लखेंद्र के निलंबन को वापस लेने की मांग की।

इसके बाद इस मामले को लेकर भाजपा विधायकों ने राजभवन मार्च किया। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिलकर भाजपा विधायकों ने उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। 

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राज्यपाल से हुई मुलाकात के बाद कहा कि बिहार में गुंडाराज चल रहा है। जिस तरीके से हमारे विधायक को सदन से निलंबित किया गया वह अस्वीकार्य है। इसी मुद्दे पर हमने बिहार के राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें पूरे मामले पर ज्ञापन सौपा। 

विजय सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल ने पूरी घटना को गंभीरता से सुना है। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि हम हस्तक्षेप करेंगे।

बजट सत्र : विधायक लखेन्द्र के निलंबन वापसी की मांग पर अड़ी बीजेपी, सदन से बहिष्कार का किया एलान, धरना पर बैठे

डेस्क : बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को मंगलवार को दो दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी। इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों के बीच भारी नोक झोंक हुई थी। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन से खेद व्यक्त करने को कहा। नेता प्रतिपक्ष ने इसका विरोध किया। वहीं आरोपी विधायक ने खेद व्यक्त करने के इनकार कर दिया और कहा कि दलित होने की सजा दी जा रही है।

वहीं आज बुधवार को भी सदन में पहुंचे भाजपा सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने सदन के प्रवेश द्वार पर जमकर नारेबाजी करते हुए लखेंद्र के निलंबन को वापस लेने की मांग की। अगर निलंबन वापस नहीं लिया जाता है तो भाजपा ने सदन से बहिष्कार किए रखने की घोषणा की। 

भाजपा विधायकों ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया है। भाजपा विधायक लखेंद्र रौशन को सदन से दो दिनों के लिए निलंबित किए जाने के मामले में भाजपा का आक्रामक रुख लगातार जारी है। भाजपा के विधायकों ने बुधवार को फिर से विधानसभा की कार्यवाही से खुद को अलग रखने की घोषणा करते हुए सदन के बाहर प्रवेश द्वार पर धरना शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की अगुवाई में भाजपा के विधायकों ने लखेंद्र के निलम्बन को वापस लेने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। 

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारी मांग है कि लखेंद्र रौशन के खिलाफ जो कार्रवाई की गई है वह अनुचित है। सदन में उनका व्यवहार ऐसा नहीं था कि उन्हें निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसे लेकर वे कल भी यही बात दोहरा चुके हैं और भाजपा विधायकों ने दिन में धरना भी दिया था। लखेंद्र का निलम्बन अगर वापस नहीं हुआ तो आज भी हमलोग सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते रहेंगे। इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने सदन के बाहर खूब हंगामा किया। पूरी कार्रवाई को एकतरफा बताया।

बीजेपी विधायक लखेन्द्र हुई कार्रवाई पर गरम हुई सियासत, भाजपा विधायको ने दोनो सदन के बाहर दिया धरना

डेस्क : बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के बाद प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने दो दिनों के निलंबन का प्रस्ताव दिया जिसे सदन ने बहुमत से पारित कर दिया।  

इधर इस मामले के बाद सियासत गरम हो गई है। भाजपा विधायक के निलंबन के बाद विधानमंडल के अंदर और बाहर जोरदार तनातनी का मौहल रहा। लखेन्द्र कुमार रौशन के निलंबन को एकतरफा कार्रवाई बताते हुए भाजपा के दोनों सदनों के सदस्यों ने विधानमंडल के बाहर धरना शुरू कर दिया। 

पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और अन्य विधायक धरना पर बैठे। बाद में विधान परिषद में नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी भी अन्य भजपा एमएलसी के साथ धरना में शामिल हो गए। 

वहीं इस मामले को लेकर बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने इसे विधानसभा का काला दिन बताया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर विपक्ष के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि दलित विधायक को आज सत्ता पक्ष के एक विधायक द्वारा सदन में गाली दी गई।

गौरतलब है कि आज मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी। इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों के बीच भारी नोक झोंक हुई थी। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन से खेद व्यक्त करने को कहा। नेता प्रतिपक्ष ने इसका विरोध किया। वहीं आरोपी विधायक ने खेद व्यक्त करने के इनकार कर दिया और कहा कि दलित होने की सजा दी जा रही है।

बीजेपी विधायक लखिन्द्र पासवान विस अध्यक्ष ने दो दिनों के लिए किया निलंबित, इस कारण लिया एक्शन

डेसक : बीजेपी विधायक लखिन्द्र पासवान पर विधान सभा अध्यक्ष ने बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें दो दिनों निलंबित कर दिया है। दरअसल बिहार विधानसभा की आज मंगलवार की कार्यवाही एक फिर हंगामे के साथ शुरु हुई. वहीं प्रश्नकाल के दौरान बड़ी घटना होने से बच गया. कहा जा रहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से गाली दी गई तो प्रश्न कर रहे भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने माईक तोड़ दिया. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए। इस दौरान मामला काफी बढ़ गया. स्थिति इतनी खराब हो गई कि सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.

स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि सदस्य लखिन्द्र पासवान ने गलत किया. उन्होंने माइक तोड़ दिया है. इस पर उचित कार्रवाई की जायेगी. इस पर विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जवाब दिया और कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से अपशब्दों और गाली की भाषा का प्रयोग किया गया है. विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस दौरान राजद और भाजपा सदस्य आमने-सामने खड़े थे. विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 2 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी.

वहीं बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के बाद प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है. संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने दो दिनों के निलंबन का प्रस्ताव दिया जिसे सदन ने बहुमत से पारित कर दिया.

बिहार पुलिस के कर्मियों को लिए खुशखबरी, एडीजी मुख्यालय की घोषणा, गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मिलेगा ब्याजमुक्त लोन

डेस्क : बिहार पुलिस के सभी रैंक के पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। पुलिस मुख्यालय ने अपने सभी रैंक के पुलिसकर्मियों और उनके आश्रितों को गंभीर बीमारी की स्थिति में आर्थिक सहायता देने से संबंधित नई योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत गंभीर रोग से पीड़ित किसी भी रैंक के पुलिसकर्मी को तीन लाख रुपये तक ब्याजमुक्त लोन तत्काल मिलेगा।

इस लोन को वे छह माह में चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि के आने पर लौटा सकते हैं। अगर चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि से भी यह राशि एडजस्ट नहीं होती है, तो आगामी छह महीने के दौरान संबंधित कर्मी के वेतन से समान किस्तों में इसकी कटौती की जाएगी। यह ऋण मुख्यालय के पास मौजूद पुलिस परोपकार फंड से दिया जाएगा।

एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने पुलिस मुख्यालय में बताया कि पुलिसकर्मियों और उनके आश्रितों को गंभीर बीमारी के दौरान तुरंत इलाज के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता पड़ती है। इसे ध्यान में रखते हुए डीजीपी आरएस भट्टी के स्तर पर हुई विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया और पुलिस महकमा में पहली बार ऐसी योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी पुलिस कर्मी के बीमार पड़ने पर सरकार की तरफ से मिलने वाली चिकित्सा सहायता राशि के आने में थोड़ा समय लगता है, क्योंकि इसकी एक निर्धारित प्रक्रिया होती है। ऐसे में किसी आपात स्थिति के दौरान कर्मियों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए यह व्यवस्था की गई है।

एडीजी ने कहा कि इससे पहले 23 फरवरी को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय प्रशासी समिति की बैठक में पुलिसकर्मियों को चिकित्सा से लेकर उनके बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य मौकों पर मिलने वाली राशि दोगुनी कर दी गई थी। इसी क्रम में पुलिसकर्मियों के कल्याण से संबंधित बिना ब्याज के तत्काल लोन देने का यह निर्णय लिया गया है। पुलिस सहाय्य एवं कल्याण कोष से कर्मियों तथा उनके आश्रितों को 43 रोगों के इलाज के लिए मिलने वाली राशि भी दोगुनी कर दी गयी है। कैंसर, ओपन हार्ट सर्जरी, किडनी प्रत्यारोपण, ब्रेन ऑपरेशन के लिए 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।