*स्कैनर से शराब ढूंढ रही बिहार पुलिस,गाड़ी पर मशीन लगाते ही बता देगी कि अंदर शराब है या नहीं।
बाराचट्टी (गया) देश विकास एवं टेक्नोलॉजी ड्रोन, नाव और हेलिकॉप्टर के बाद अब हैंड स्कैनर से शराब ढूंढती दिख रही बिहार उत्पाद पुलिस।बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब का धड़ल्ले से बिकना रुक नहीं पाया है।
पुलिस की तमाम सख्ती के बाद भी तस्कर शराब की तस्करी कर रहे हैं। ड्रोन, नाव और हेलिकॉप्टर के बाद अब बिहार पुलिस को हैंड स्कैनर मशीन से शराब ढूंढने की जिम्मेदारी मिल गया है।गया जिला के बाराचट्टी स्थित समेकित जाँच चौकी जो बिहार एवं झारखंड को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ती है।इस चेक पोस्ट पर बिहार उत्पाद विभाग ने हैंड स्कैनिंग मशीन से गाड़ियों की चेकिंग अभियान शुरू किया है।
पड़ोसी राज्य झारखंड से आने वाले सभी वाहनों को इस नई मशीन के जरिए चेक किया गया।उत्पाद पुलिस का मानना है कि इस मशीन से शराब की तस्करी पर लगाम लगेगी। पहले जहां एक गाड़ी को चेक करने में पुलिस को घंटों लगते थे, वहां अब कुछ ही मिनटों में पूरी गाड़ी चेक हो जा रही है।समेकित जाँच पर तैनात निरीक्षक मद्य निषेध दीपक कुमार सिंह ने बताया कि यह मशीन बैटरी से चलती है।
किसी भी गाड़ी की बंद बॉडी को भी इससे स्कैन किया जा सकता है। इस मशीन की स्क्रीन पर गाड़ी के अंदर मौजूद सामान की तस्वीर आकार के रूप में देखी जा सकती है। बोतल बंद शराब, फ्रूटी शराब आदि को आसानी ये स्कैनिंग मशीन कैप्चर कर इंडिकेट कर देती है। इसके बाद चेकपोस्ट पर मौजूद टीम उन गाड़ियों को जब्त कर लेती है। इस प्रक्रिया में 30 से 40 सेकंड ही लगता है।इस मशीन को चलाने के लिए तीन एक्सपर्ट की तैनाती की गई है,जो आठ आठ घंटे की ड्यूटी कर ट्रक, बस,निजी साधन के बीच कहि भी शराब होगा स्केनर मशीन उसे बता देगी।यह एक्सपर्ट पूरे 24 घंटे तैनात रहते है।
सरकार ने आउटसोर्सिंग मैन पावर के तौर पर ऐक्सरे मशीन को हायर किया है। झारखंड की तरफ से हर रोज एक हजार से ज्यादा लोडिंग ट्रक झारखंड के रास्ते बाराचट्टी चेकपोस्ट से बिहार में एंट्री करते हैं। इन वाहनों की उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस द्वारा सघन तलाशी ली जाती है। शक होने पर ट्रकों के तिरपाल आदि खोल कर सामान निकाले जाते हैं,और फिर उनकी जांच पड़ताल की जाती है। इस प्रक्रिया में कई बार एक ट्रक की जांच पड़ताल में घंटों का समय लग जाता है।जिससे गाड़ियों की चेकिंग के दौरान पूरी गाड़ी खाली करवानी पड़ती थी। गाड़ी में बैठी सवारियों को उतारना पड़ता था।
सामान भी हटा-हटाकर देखना पड़ता था। पहले इस तरह की जांच में 8 से 10 पुलिस वालों की ड्यूटी लगानी पड़ती थी। पहले इस जांच में एक गाड़ी को चेक करने में 30 मिनट का समय लग जाता था।
गाड़ियों में छिपाकर रखी शराब की बोतलें फिर भी टीम की नजरों से बच जाती थीं।अब गाड़ियों की जांच करने के लिए सवारियों को उतारने की जरूरत नहीं पड़ती। गाड़ी रुकवाकर सीधे ही स्कैनर से जांच हो जाती है। अब इस तरह की चेकिंग के लिए कम पुलिस वाले ही काफी हैं।जिससे ट्रक,चार पहिया के अंदर झोले एवं बैग में छिपाकर रखी शराब भी अब तुरंत पकड़ में आ जाती है।




गया। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड मगध के सर्किल ऑफिस में कार्यरत लेखापाल मुन्नी यादव के रिटायरमेंट के बाद एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया,इस विदाई समारोह में सर्किल व अंचल कार्यालय के काफी संख्या में कर्मचारी उपस्थित हुए।

गया। जिला परिषद के सभागार में डीएम-एसएसपी की अध्यक्षता में बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के स्वच्छ, कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन के उद्देश्य को लेकर परीक्षा में प्रतिनियुक्त सभी दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी के साथ ब्रीफिंग की गई। यह परीक्षा 05 मार्च को 01 चरण में लिए जाएंगे। यह परीक्षा सामान्य ज्ञान का रहेगा जो दोपहर 12 बजे से अपराहन 02:15 तक आयोजित की जाएगी।


गया। गया पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नाबालिक बच्ची के साथ छेड़खानी करने एवं अश्लील बात करने के आरोप में शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है.
गया। सभी अवसरों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र द्वारा बजाई जाने वाली भोजपुरी फुहड़ गाना पर रोक लगाने के लिए फतेहपुर प्रखंड के आयुर्वेद चिकित्सक डा. मंटु मिश्रा ने जिलाधिकारी के पास पत्र भेजकर प्रतिबंध लगाने का मांग किया है। प्रखंड के बदउआ निवासी सह आयुर्वेद चिकित्सक डा. मंटु मिश्रा ने बताया फुहड़ गाना तेज आवाज में बजने से महौल खराब होता है।
गया। विद्यालय के दिवगंत प्राचार्य डॉ० शिव कुमार शर्मा के जन्मदिन के शुभ अवसर पर मगध उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गांधीजी नगर कुजापी के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक परिभ्रमण पर राजगीर ले जाया गया। विद्यालय परिसर से निकले परिभ्रमण दल को विद्यालय प्राचार्य प्रवीण रंजन गांधी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
Mar 03 2023, 21:48
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