अब जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ खड़ी हुई कनाडा की पुलिस, बदहाल कानून व्यवस्था देने का आरोप, इस्तीफे की मांग

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कनाडा में वहां की ट्रूडो सरकार के लिए सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पीएम ट्रूडो के लिए हालात किस कदर जटिल बने हुए हैं इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उन्हें बीते कुछ समय से अपनी सरकार के भीतर भी तीखी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं। साथ ही साथ ट्रूडो जिन आतंकी ताकतों को सहारा दे रहे थे,उससे कनाडा के लोग नाराज हैं। उस पर से अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ट्रुडो फूटी आंख नहीं सुहाते। भारत का विरोध और खालिस्तान का समर्थन करने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के लिए जनता का समर्थन हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है। उनके खिलाफ कनाडा में उसी बगावत की सबसे बड़ी झलक उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिश्टिया फ्रीलैंड का इस्तीफा है। इस बीच अब कनाडा पुलिस ने भी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर पूरी तरह से अविश्वास जता दिया है।

कनाडा पुलिस की दो संगठन ने प्रधानमंत्री जस्टिन पर कनाडा में बदहाल कानून व्यवस्था देने का आरोप लगाया है। पुलिस संगठन का आरोप है कि जस्टिन के राज में अपराधी कल्चर बढ़ा है। अवैध हथियारों और ड्रग्स की सभ्यता को बढ़ावा मिला है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन अपराधियों को पुलिस अपनी जान पर खेल कर पकड़ती है। उन अपराधियों को कोर्ट से खड़े-खड़े जमानत मिल जाती है।

टोरंटो पुलिस एसोसिएशन ने इस बाबत बाकायदा अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी जस्टिन ट्रूडो की गलत नीतियों की आलोचना की है। टोरंटो पुलिस एसोसिएशन ने कहा कि खोखले वादों और बातों का बहुत कम अर्थ है और वे हमारे सदस्यों और आम जनता के प्रति कपटपूर्ण बने हुए हैं। हिंसक अपराध, बंदूक अपराध और वास्तविक जमानत सुधार की कमी जनता, अधिकारियों और पूरे समाज को खतरे में डालने के अलावा कुछ नहीं करती है।

दरहम क्षेत्रीय पुलिस एसोसिएशन ने भी टोरंटो पुलिस एसोसिएशन का समर्थन किया। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो पर अविश्वास जताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की और कहा कि देश में नए चुनाव होने चाहिए।

पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री पर अविश्वास जताना दर्शाता है कि कनाडा में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो चुकी है। पुलिस और प्रधानमंत्री के बीच अविश्वास की यह स्थिति अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक जटिल बना रही है। जस्टिन ट्रूडो पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। पुलिस संगठनों और सांसदों की ओर से इस्तीफे की मांग की जा रही है।

पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को लगा झटका, अमेरिका ने तीन कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध

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अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है।अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान देने वाली तीन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। इसमें पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय विकास परिसर (एनडीसी) और उससे जुड़ी कराची स्थित तीन कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने खुलासा किया कि प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत जारी किए गए थे।

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा कि नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स और तीन कंपनियों पर लगाए गए ये प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत लगाए गए हैं। प्रतिबंधों के तहत लक्षित संस्थाओं से संबंधित किसी भी अमेरिकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा तथा अमेरिकियों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया जाएगा। इसका उद्देश्य सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और उन्हें वितरित करने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली टेक्नोलॉजी पर अंकुश लगाना था।

पाक ने कहा कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण

इधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका की कार्रवाई “दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण” है और “सैन्य विषमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से” क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी, जो परमाणु-सशस्त्र भारत के साथ देश की प्रतिद्वंद्विता का स्पष्ट संदर्भ है। विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित एनडीसी ने देश के लंबी दूरी के बैलिस्टिक-मिसाइल कार्यक्रम और मिसाइल-परीक्षण उपकरणों के लिए कंपोनेंट्स प्राप्त करने की मांग की है।

पाकिस्तान के पास 170 परमाणु बम

बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स के शोध से पता चलता है कि पाकिस्तान के हथियार भंडार में अब लगभग 170 परमाणु बम हैं। पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। पाकिस्तान परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौता से बाहर है। प्रतिबंधों में तीन निजी कंपनियों-एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइज शामिल हैं। इन पर एनडीसी के मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण हासिल करने में मदद का आरोप है।

गांव में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

सारंगढ़-  गुड़ेली क्षेत्र में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने खदान मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर सांठगांठ कर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र में अवैध खदानों की भरमार है, बावजूद इसके खनिज विभाग ने अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की, जिसका नतीजा ग्रामीण झेल रहे हैं।

बता दें कि जिले के गुड़ेली क्षेत्र के लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों खदानें हैं और वहाँ चलने वाली क्रेशर मशीनों से क्षेत्र के कई गांव प्रदूषण की चपेट में हैं। जिला गठन के बाद भी इन गांवों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, जिसे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने लगा है। बिगड़ते पर्यावरण प्रदूषण से हजारों ग्रामीणों का विभिन्न बीमारियों के साथ जीना मुश्किल होता जा रहा है। गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र के चारों ओर बड़ी संख्या में अवैध-वैध गिट्टी की खदानें और क्रेशर खदानें हैं। जहां गिट्टी निर्माण के लिए चूना पत्थर तोड़ने से जो धूल और धुआं निकलता है, उससे जन स्वास्थ्य पर खतरा मंडराता रहता है, बावजूद इसके इन क्षेत्रों की सुध लेने वाला कोई नहीं।

प्रदूषण और बीमारी से परेशान ग्रामीणों ने बुधवार को खदान जाने वाले मार्ग पर चक्काजाम कर घंटों नारेबाजी की और फ्लाई ऐश वाहनों, प्रदूषणकारियों पर कार्रवाई सहित सड़कों पर पानी के छिड़काव की मांग करते रहे। जनप्रतिनिधियों और खदान मालिकों की काफी समझाइश और पर्याप्त आश्वासन के उपरांत ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म किया और सड़क बहाल हुई।

बहरहाल, ग्रामीणों के घंटों चक्काजाम के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई मौके पर नहीं पहुंचा और न ही कोई प्रतिनिधि भेजा गया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण और ग्रामीणों की सेहत को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है।

Anmol Solanki’s Journey: A Tale of Resilience and Stardom

Anmol Solanki’s life is a powerful testament to perseverance and grit. His story, marked by tragedy, sacrifice, and ultimate success, serves as an inspiration to many.  

At just one year old, Anmol lost his father, a devastating loss that placed the burden of raising him and his sister solely on his mother’s shoulders. A hardworking Anganwadi worker, she instilled in him the values of strength and determination. However, life dealt another cruel blow in 2014, when his mother suffered a brain hemorrhage. For six months, Anmol cared for her during dialysis treatments, but in May 2016, he lost her too.  

Left to support himself and his sister, Anmol faced harsh realities. To make ends meet, he dropped out of school and took on work as a waiter, earning just ₹500 per day. Despite the financial struggles, his resilience never wavered. The turning point came when his sister secured a job, enabling him to complete his education.  

As life began to stabilize, the COVID-19 pandemic struck, bringing further uncertainty. Yet Anmol refused to let adversity define him. Instead, he saw it as an opportunity to chase his dreams. He stepped into the entertainment industry and landed his breakthrough role in Netflix's Jamtara, a crime drama that put him on the map.  

The success of Jamtara paved the way for more opportunities, including a significant role in Shakti 2 on Colors TV. Sharing the screen with established actors like Rubina Dilaik, Kamya Punjabi, and Sudesh Berry, Anmol proved his talent and cemented his place in the entertainment world.  

Capitalizing on his growing popularity, Anmol entered the realm of social media influencing. With an authentic voice and a compelling personal story, he quickly struck a chord with audiences. Partnering with leading brands, he successfully built his image as a lifestyle influencer, inspiring countless individuals who see in him the embodiment of resilience and determination.  

Now, at just 25 years old, Anmol Solanki’s journey stands as a shining example of how hard work and an unyielding spirit can overcome even the greatest challenges. From working as a waiter to becoming a celebrated actor and influencer, his story is proof that dreams can indeed come true—if one has the courage to pursue them relentlessly.

Pooja Enterprises, led by Mr. Sanjay Kaushal, revolutionizes the uniform and disposable wear industry across India and globally.

Pooja Enterprises from the city of Chandigarh has emerged as a manufacturing and supplying company of supreme quality uniforms and disposable wear. Initially it was operating since 2004 under sole proprietorship but the company has grown into a recognized organization not only in India but also in the international market offering segmented solutions in different sectors such as education, healthcare, corporate & hospitality.

Pooja Enterprises has wide popularity due to the vast assortment in its offer, including school uniform, formal wear, hospital uniform, chefs uniform, disposable shoe cover, disposable bouffant caps, blazers, corporate uniforms, laboratory coat with pocket, beard cover, and plastic disposable gloves. They come in durable material, quality texture and are effective when it comes to color fading; they are comfortable and thus serve the best satisfaction of the professionals and students. In this case the company sets itself apart from other manufacturers of pendants in that they can produce the designs in the logos of the brands in question.

Its collection of school uniforms, skirts, T-shirts, trousers, and the latest KV School Uniform makes Pooja Enterprises stand out in this niche. These uniforms are also crafted with minute attention to detail, offering both style and practicality. It takes the process further by arranging school uniform counters at school premises for easy accessibility by parents and students.

For the corporate world, Pooja Enterprises caters to high-end shirts and T-shirts, providing professional appeal along with comfort. Their hospital uniforms, comprising medical lab coats and other specialized ladies' uniforms, meet high standards for quality and hygiene, as they address the challenging needs of the healthcare industry. Even the hospitality sector benefits from its range of chef coats and designer chef uniforms, which are both functional and fashionable.

Behind the success of the company lies a robust manufacturing facility that is equipped with the latest machinery, enabling bulk production while upholding international standards. Wrinkle-free fabrics and perfect stitching ensure durability and aesthetic appeal for each product. The infrastructure also enables them to deliver orders on time, neatly ironed, and packed.

Mr. Sanjay Kaushal's leadership has greatly contributed to the success story of this company. With his innovative approach and strong connections in the industry, Pooja Enterprises has always been very responsive to the market's demands. Under his guidance, the company has exported its products to the United States, United Kingdom, Germany, Nepal, and Italy, increasing its international presence.

Client satisfaction is at the heart of Pooja Enterprises' philosophy. The company actively seeks feedback to refine its products and services, ensuring that every order meets the unique needs of its clients. With a focus on affordability and reliability, Pooja Enterprises has built strong partnerships with key customers such as Manchanda Mix Bag and New Public Departmental Stores.

As such, the quality assurance in which Pooja Enterprises is certified ensures that only quality raw materials are used to meet domestic and international standards. Their commitment to excellence has earned them a reputation for being unmatched in their quality uniforms and disposable wear. Hence, they emerge as an ideal choice for schools, corporations, hospitals, and hotels.

As the company continues growing, Pooja Enterprises strives to provide innovative, high-quality solutions that meet the demands of its clients while also solidifying its market leadership in the uniform and disposable wear industry.

मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस बरामद! जानें एलन मस्क का जवाब

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मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्वी जिले से तलाशी अभियान के दौरान स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और अन्य हथियारों के साथ एक स्टारलिंक के लोगो वाली डिवाइस बरामद किया है। यह बरामदगी 13 दिसंबर को इंफाल ईस्ट से की गई है। मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस मिलने से हड़कंप मच गया है और सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। इस बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का बयान सामने आया है।उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

सुरक्षा बलों ने हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले के केराओ खुनौ में छापेमारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट डिवाइस जब्त किए थे। एक्स पर एक पोस्ट में दीमापुर मुख्यालय वाली स्पीयर का‌र्प्स ने सर्च अभियान में बरामद वस्तुओं की तस्वीरें डालीं। स्पीयर का‌र्प्स ने कहा कि आपरेशन में स्नाइपर्स, स्वचालित हथियार, राइफलें, पिस्तौल, देश-निर्मित मोर्टार, सिंगल बैरल राइफल, ग्रेनेड, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार वाले 29 हथियार बरामद किए गए है। इन तस्वीरों में स्टारलिंक लोगो वाला इंटरनेट डिवाइस भी शामिल था।

सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के आते ही हड़कंप मच गया। लोगों ने दावा किया कि स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों की ओर से किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उट रहे सवालों के बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का जवाब आया है।एलन मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

राज्य पुलिस के मुताबिक, केराओ खुनौ से जब्त की गई वस्तुओं में एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (लगभग) एफटीपी केबल शामिल हैं। स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि बरामद उपकरण असली स्टारलिंक डिवाइस है या नहीं। स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद अब एजेंसियां इस पहलू की भी जांच कर रही हैं कि उपकरण संघर्षग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा?

*Bengal crowned champions of Women’s U-15 One-Day Trophy*

Sports News 

 

 Khabar kolkata sports Desk: The wait is finally over. Bengal’s wait for a title at the national level finally ended on Tuesday as the Women’s Under-15 team displayed a brilliant all-round performance to outclass Punjab by 47 runs in the summit clash to emerge champions in the One-Day Trophy. 

Adrija Sarkar (62 off 63 balls) was awarded the player of the final for her superb batting. Toriya Singha Roy (43 off 68), skipper Sandipta Patra (22 not out, 2-11), Debjani Das (2-23), Snigdha Bag (1-22) were the other star performers for Bengal in the final.

Opting to bat, Bengal posted a challenging 157/8 in 35 overs, thanks to a superb 116-run opening stand between Adrija and Toriya.

In reply, Punjab lost wickets and succumbed under pressure, falling short of the target, scoring just 110/6 in 35 overs.

 Pic Courtesy by: CAB

रूस में बड़ा बम धमाका, न्यूक्लियर डिफेंस चीफ की मौत

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रूस की राजधानी मॉस्को में मंगलवार को एक बड़ा विस्फोट हुआ। विस्फोट में रूसी सशस्त्र बल के एक वरिष्ठ जनरल की मौत हो गई है। रूस के परमाणु सुरक्षा के प्रभारी रूसी जनरल एक बम विस्फोट में मारे गए। लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव मंगलवार को एक आवासीय ब्लॉक छोड़ रहे थे, जब स्कूटर में छिपाकर रखे गए बम में विस्फोट हो गया।

रूसी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बम को दूर से ऑपरेट किया गया और इसमें लगभग 300 ग्राम विस्फोटक थे। बीते सोमवार (16 दिसंबर) को किरिलोव पर यूक्रेन में प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के उपयोग का आरोप लगाया गया था। हालांकि, किरिलोव को पहले से ही यूके ने रूस के रासायनिक हथियारों के उपयोग में उनकी भूमिका के लिए मंजूरी दे दी गई थी।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रूस की जांच समिति के हवाले से बताया कि रियाज़ान्स्की प्रॉस्पेक्ट पर एक अपार्टमेंट इमारत के बाहर हुए विस्फोट में किरिलोव का सहायक भी मारा गया. यह इमारत क्रेमलिन से लगभग सात किमी (4 मील) दक्षिण-पूर्व में है। जांच समिति ने कहा, "रूसी संघ के सशस्त्र बलों के विकिरण, रासायनिक और जैविक सुरक्षा बलों के प्रमुख इगोर किरिलोव और उनके सहायक मारे गए।"

रूसी टेलीग्राम चैनलों पर पोस्ट की गई तस्वीरों में मलबे से अटी पड़ी एक इमारत का टूटा हुआ प्रवेश द्वार और खून से सने बर्फ में दो शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।

फिलिस्तीन के बाद बांग्लादेश के हिंदुओं को समर्थन, संसद में ऐसे पहुंची प्रियंका गांधी

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कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी का बैन इन दिनों चर्चा में हैं। प्रियंका गांधी सोमवर को संसद में 'फिलिस्तीन' वाला बैग लेकर पहुंची थीं। अब मंगलवार को संसद में बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के समर्थन वाला बैग लेकर पहुंचीं। प्रियंका गांधी के बांग्लादेश वाले बैग पर 'बांग्लादेश के हिंदू और ईसाइयों के साथ खड़े हों' लिखा हुआ है।

आज प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हिंसा के खिलाफ लिखे एक स्लोगन वाला हैंडबैंग लेकर आईं। इसके बाद एक बार फिर उनके हैंडबैग की चर्चा शुरू हो गई। कंधे पर ‘बांग्लादेश’ का बैग लिए प्रियंका गांधी मंगलवार को संसद परिसर में बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कांग्रेस सांसदों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करती नजर आईं।

प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के अन्य सांसदों ने भी संसद के बाहर बांग्लादेश अल्पसंख्यकों के पक्ष में प्रदर्शिन किया। साथ ही 'भारत सरकार होश में आओ' और 'बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को न्याय दो' के नारे भी लगाए।

प्रियंका ने हिंसा को लेकर लगातार उठाई आवाज

प्रियंका गांधी लगातार बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा को लेकर आवाज उठाती रही हैं। हाल ही में इस्कॉन मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर भी उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया था। उन्होंने कहा था, बांग्लादेश में इस्कॉन टेंपल के संत की गिरफ्तारी और अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा की खबरें अत्यंत चिंताजनक हैं। साथ ही उन्होंने भारत सरकार से हस्तक्षेप करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि इस मामले में हस्तक्षेप किया जाए और बांग्लादेश सरकार के समक्ष अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मुद्दा मजबूती से उठाया जाए।

पहले फिलिस्तीन को दिया समर्थन

इससे पहले सोमवार को लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी संसद में 'फिलिस्तीन' वाला बैग लेकर पहुंची थीं। फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए Palestine लिखा हुआ बैग पहन कर संसद में पहुंचीं और उन्होंने बड़ा संदेश देने की कोशिश की। उनके बैग पर एक सफेद रंग का कबूतर भी बना था जोकि शांति का संकेत देता है।फिलिस्तीन वाले बैग के चलते प्रियंका गांधी को सत्ता पक्ष के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।

हालंकि आज फिर वह संसद में नए बैग के साथ पहुंच गईं। माना जा रहा है कि आज के बैग से प्रियंका गांधी ने बीजेपी को जवाब दिया

भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे श्रीलंकाई जमीन का इस्तेमाल', एक ही लाइन से दो देशों को अलग-अलग संदेश

#will_not_allow_our_land_to_be_used_against_india_dissanayake_promises

भारत दौरे पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने भरोसा दिलाया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत की सुरक्षा के खिलाफ करने की अनुमति नहीं देंगे। दिसानायके का आश्वासन ऐसे समय में आया है, जब भारत ने 2022 में कोलंबो के समक्ष चीनी शोध पोत को हंबनटोटा बंदरगाह पर आने की इजाजत देने पर आपत्ति जताई थी। बता दें कि श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है।

भारत दौरे पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने दिल्ली में रक्षा सहयोग पर चर्चा के दौरान संयुक्त बयान में भरोसा दिलाया कि वह अपनी जमीन का किसी भी तरह से भारत की सुरक्षा के खिलाफ उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगे।भारतीय प्रधानमंत्री के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिसानायके ने कहा, मैंने भारत के प्रधानमंत्री को यह आश्वासन भी दिया है कि हम अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से ऐसे काम के लिए नहीं होने देंगे जो भारत के हित के लिए हानिकारक हो। भारत के साथ श्रीलंका का सहयोग निश्चित रूप से फलेगा-फूलेगा और मैं आपको भारत के लिए हमारे निरंतर समर्थन के बारे में आश्वस्त करना चाहता हूं।

दरअसल श्रीलंका में चीन के बढ़ते दखल से भारत की चिंता बढ़ी हुई है। दो साल पहले जब श्रीलंका कर्ज चुकाने में विफल रहा था तो चीन ने उसके हंबनटोटा बंदरगाह पर कब्जा कर लिया था। चीन ने यहां पर अपने नौसैनिक निगरानी और जासूसी जहाज को खड़ा किया। अगस्त 2022 में चीनी नौसेना के जहाज युआन वांग 5 ने दक्षिणी श्रीलंका के हंबनटोटा में डॉक किया। इसके बाद दो चीनी जासूसी जहाजों को नवंबर 2023 तक 14 महीने के भीतर श्रीलंका के बंदरगाहों में डॉक करने की अनुमति दी गई थी। चीनी शोध जहाज 6 अक्टूबर 2023 में श्रीलंका पहुंचा और उसने कोलंबो बंदरगाह पर डॉक किया। इस जहाज के डॉक करने का उद्देश्य समुद्री पर्यावरण पर रिसर्च थी।

भारत और अमेरिका ने इसे लेकर चिंता जताई थी। नई दिल्ली ने आशंका जताई थी कि चीनी जहाज जासूसी जहाज हो सकते हैं और कोलंबो से ऐसे जहाजों को अपने बंदरगाहों पर डॉक करने की अनुमति न देने का आग्रह किया था। भारत द्वारा चिंता जताए जाने के बाद श्रीलंका ने जनवरी में अपने बंदरगाह पर विदेशी शोध जहाजों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब श्रीलंका और भारत के बीच हुए रक्षा समझौते के बाद श्रीलंका ने अपना रुख साफ किया है।

अब जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ खड़ी हुई कनाडा की पुलिस, बदहाल कानून व्यवस्था देने का आरोप, इस्तीफे की मांग

#canada_durham_police_demand_justin_trudeau_resignation_allged_bad_law_and_order

कनाडा में वहां की ट्रूडो सरकार के लिए सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पीएम ट्रूडो के लिए हालात किस कदर जटिल बने हुए हैं इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उन्हें बीते कुछ समय से अपनी सरकार के भीतर भी तीखी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं। साथ ही साथ ट्रूडो जिन आतंकी ताकतों को सहारा दे रहे थे,उससे कनाडा के लोग नाराज हैं। उस पर से अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ट्रुडो फूटी आंख नहीं सुहाते। भारत का विरोध और खालिस्तान का समर्थन करने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के लिए जनता का समर्थन हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है। उनके खिलाफ कनाडा में उसी बगावत की सबसे बड़ी झलक उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिश्टिया फ्रीलैंड का इस्तीफा है। इस बीच अब कनाडा पुलिस ने भी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर पूरी तरह से अविश्वास जता दिया है।

कनाडा पुलिस की दो संगठन ने प्रधानमंत्री जस्टिन पर कनाडा में बदहाल कानून व्यवस्था देने का आरोप लगाया है। पुलिस संगठन का आरोप है कि जस्टिन के राज में अपराधी कल्चर बढ़ा है। अवैध हथियारों और ड्रग्स की सभ्यता को बढ़ावा मिला है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन अपराधियों को पुलिस अपनी जान पर खेल कर पकड़ती है। उन अपराधियों को कोर्ट से खड़े-खड़े जमानत मिल जाती है।

टोरंटो पुलिस एसोसिएशन ने इस बाबत बाकायदा अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी जस्टिन ट्रूडो की गलत नीतियों की आलोचना की है। टोरंटो पुलिस एसोसिएशन ने कहा कि खोखले वादों और बातों का बहुत कम अर्थ है और वे हमारे सदस्यों और आम जनता के प्रति कपटपूर्ण बने हुए हैं। हिंसक अपराध, बंदूक अपराध और वास्तविक जमानत सुधार की कमी जनता, अधिकारियों और पूरे समाज को खतरे में डालने के अलावा कुछ नहीं करती है।

दरहम क्षेत्रीय पुलिस एसोसिएशन ने भी टोरंटो पुलिस एसोसिएशन का समर्थन किया। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो पर अविश्वास जताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की और कहा कि देश में नए चुनाव होने चाहिए।

पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री पर अविश्वास जताना दर्शाता है कि कनाडा में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो चुकी है। पुलिस और प्रधानमंत्री के बीच अविश्वास की यह स्थिति अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक जटिल बना रही है। जस्टिन ट्रूडो पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। पुलिस संगठनों और सांसदों की ओर से इस्तीफे की मांग की जा रही है।

पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को लगा झटका, अमेरिका ने तीन कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध

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अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है।अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान देने वाली तीन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। इसमें पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय विकास परिसर (एनडीसी) और उससे जुड़ी कराची स्थित तीन कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने खुलासा किया कि प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत जारी किए गए थे।

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा कि नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स और तीन कंपनियों पर लगाए गए ये प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत लगाए गए हैं। प्रतिबंधों के तहत लक्षित संस्थाओं से संबंधित किसी भी अमेरिकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा तथा अमेरिकियों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया जाएगा। इसका उद्देश्य सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और उन्हें वितरित करने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली टेक्नोलॉजी पर अंकुश लगाना था।

पाक ने कहा कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण

इधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका की कार्रवाई “दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण” है और “सैन्य विषमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से” क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी, जो परमाणु-सशस्त्र भारत के साथ देश की प्रतिद्वंद्विता का स्पष्ट संदर्भ है। विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित एनडीसी ने देश के लंबी दूरी के बैलिस्टिक-मिसाइल कार्यक्रम और मिसाइल-परीक्षण उपकरणों के लिए कंपोनेंट्स प्राप्त करने की मांग की है।

पाकिस्तान के पास 170 परमाणु बम

बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स के शोध से पता चलता है कि पाकिस्तान के हथियार भंडार में अब लगभग 170 परमाणु बम हैं। पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। पाकिस्तान परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौता से बाहर है। प्रतिबंधों में तीन निजी कंपनियों-एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइज शामिल हैं। इन पर एनडीसी के मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण हासिल करने में मदद का आरोप है।

गांव में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

सारंगढ़-  गुड़ेली क्षेत्र में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने खदान मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर सांठगांठ कर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र में अवैध खदानों की भरमार है, बावजूद इसके खनिज विभाग ने अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की, जिसका नतीजा ग्रामीण झेल रहे हैं।

बता दें कि जिले के गुड़ेली क्षेत्र के लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों खदानें हैं और वहाँ चलने वाली क्रेशर मशीनों से क्षेत्र के कई गांव प्रदूषण की चपेट में हैं। जिला गठन के बाद भी इन गांवों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, जिसे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने लगा है। बिगड़ते पर्यावरण प्रदूषण से हजारों ग्रामीणों का विभिन्न बीमारियों के साथ जीना मुश्किल होता जा रहा है। गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र के चारों ओर बड़ी संख्या में अवैध-वैध गिट्टी की खदानें और क्रेशर खदानें हैं। जहां गिट्टी निर्माण के लिए चूना पत्थर तोड़ने से जो धूल और धुआं निकलता है, उससे जन स्वास्थ्य पर खतरा मंडराता रहता है, बावजूद इसके इन क्षेत्रों की सुध लेने वाला कोई नहीं।

प्रदूषण और बीमारी से परेशान ग्रामीणों ने बुधवार को खदान जाने वाले मार्ग पर चक्काजाम कर घंटों नारेबाजी की और फ्लाई ऐश वाहनों, प्रदूषणकारियों पर कार्रवाई सहित सड़कों पर पानी के छिड़काव की मांग करते रहे। जनप्रतिनिधियों और खदान मालिकों की काफी समझाइश और पर्याप्त आश्वासन के उपरांत ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म किया और सड़क बहाल हुई।

बहरहाल, ग्रामीणों के घंटों चक्काजाम के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई मौके पर नहीं पहुंचा और न ही कोई प्रतिनिधि भेजा गया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण और ग्रामीणों की सेहत को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है।

Anmol Solanki’s Journey: A Tale of Resilience and Stardom

Anmol Solanki’s life is a powerful testament to perseverance and grit. His story, marked by tragedy, sacrifice, and ultimate success, serves as an inspiration to many.  

At just one year old, Anmol lost his father, a devastating loss that placed the burden of raising him and his sister solely on his mother’s shoulders. A hardworking Anganwadi worker, she instilled in him the values of strength and determination. However, life dealt another cruel blow in 2014, when his mother suffered a brain hemorrhage. For six months, Anmol cared for her during dialysis treatments, but in May 2016, he lost her too.  

Left to support himself and his sister, Anmol faced harsh realities. To make ends meet, he dropped out of school and took on work as a waiter, earning just ₹500 per day. Despite the financial struggles, his resilience never wavered. The turning point came when his sister secured a job, enabling him to complete his education.  

As life began to stabilize, the COVID-19 pandemic struck, bringing further uncertainty. Yet Anmol refused to let adversity define him. Instead, he saw it as an opportunity to chase his dreams. He stepped into the entertainment industry and landed his breakthrough role in Netflix's Jamtara, a crime drama that put him on the map.  

The success of Jamtara paved the way for more opportunities, including a significant role in Shakti 2 on Colors TV. Sharing the screen with established actors like Rubina Dilaik, Kamya Punjabi, and Sudesh Berry, Anmol proved his talent and cemented his place in the entertainment world.  

Capitalizing on his growing popularity, Anmol entered the realm of social media influencing. With an authentic voice and a compelling personal story, he quickly struck a chord with audiences. Partnering with leading brands, he successfully built his image as a lifestyle influencer, inspiring countless individuals who see in him the embodiment of resilience and determination.  

Now, at just 25 years old, Anmol Solanki’s journey stands as a shining example of how hard work and an unyielding spirit can overcome even the greatest challenges. From working as a waiter to becoming a celebrated actor and influencer, his story is proof that dreams can indeed come true—if one has the courage to pursue them relentlessly.

Pooja Enterprises, led by Mr. Sanjay Kaushal, revolutionizes the uniform and disposable wear industry across India and globally.

Pooja Enterprises from the city of Chandigarh has emerged as a manufacturing and supplying company of supreme quality uniforms and disposable wear. Initially it was operating since 2004 under sole proprietorship but the company has grown into a recognized organization not only in India but also in the international market offering segmented solutions in different sectors such as education, healthcare, corporate & hospitality.

Pooja Enterprises has wide popularity due to the vast assortment in its offer, including school uniform, formal wear, hospital uniform, chefs uniform, disposable shoe cover, disposable bouffant caps, blazers, corporate uniforms, laboratory coat with pocket, beard cover, and plastic disposable gloves. They come in durable material, quality texture and are effective when it comes to color fading; they are comfortable and thus serve the best satisfaction of the professionals and students. In this case the company sets itself apart from other manufacturers of pendants in that they can produce the designs in the logos of the brands in question.

Its collection of school uniforms, skirts, T-shirts, trousers, and the latest KV School Uniform makes Pooja Enterprises stand out in this niche. These uniforms are also crafted with minute attention to detail, offering both style and practicality. It takes the process further by arranging school uniform counters at school premises for easy accessibility by parents and students.

For the corporate world, Pooja Enterprises caters to high-end shirts and T-shirts, providing professional appeal along with comfort. Their hospital uniforms, comprising medical lab coats and other specialized ladies' uniforms, meet high standards for quality and hygiene, as they address the challenging needs of the healthcare industry. Even the hospitality sector benefits from its range of chef coats and designer chef uniforms, which are both functional and fashionable.

Behind the success of the company lies a robust manufacturing facility that is equipped with the latest machinery, enabling bulk production while upholding international standards. Wrinkle-free fabrics and perfect stitching ensure durability and aesthetic appeal for each product. The infrastructure also enables them to deliver orders on time, neatly ironed, and packed.

Mr. Sanjay Kaushal's leadership has greatly contributed to the success story of this company. With his innovative approach and strong connections in the industry, Pooja Enterprises has always been very responsive to the market's demands. Under his guidance, the company has exported its products to the United States, United Kingdom, Germany, Nepal, and Italy, increasing its international presence.

Client satisfaction is at the heart of Pooja Enterprises' philosophy. The company actively seeks feedback to refine its products and services, ensuring that every order meets the unique needs of its clients. With a focus on affordability and reliability, Pooja Enterprises has built strong partnerships with key customers such as Manchanda Mix Bag and New Public Departmental Stores.

As such, the quality assurance in which Pooja Enterprises is certified ensures that only quality raw materials are used to meet domestic and international standards. Their commitment to excellence has earned them a reputation for being unmatched in their quality uniforms and disposable wear. Hence, they emerge as an ideal choice for schools, corporations, hospitals, and hotels.

As the company continues growing, Pooja Enterprises strives to provide innovative, high-quality solutions that meet the demands of its clients while also solidifying its market leadership in the uniform and disposable wear industry.

मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस बरामद! जानें एलन मस्क का जवाब

#starlink_device_being_used_in_manipur_elon_musk_react_on_claims

मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्वी जिले से तलाशी अभियान के दौरान स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और अन्य हथियारों के साथ एक स्टारलिंक के लोगो वाली डिवाइस बरामद किया है। यह बरामदगी 13 दिसंबर को इंफाल ईस्ट से की गई है। मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस मिलने से हड़कंप मच गया है और सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। इस बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का बयान सामने आया है।उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

सुरक्षा बलों ने हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले के केराओ खुनौ में छापेमारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट डिवाइस जब्त किए थे। एक्स पर एक पोस्ट में दीमापुर मुख्यालय वाली स्पीयर का‌र्प्स ने सर्च अभियान में बरामद वस्तुओं की तस्वीरें डालीं। स्पीयर का‌र्प्स ने कहा कि आपरेशन में स्नाइपर्स, स्वचालित हथियार, राइफलें, पिस्तौल, देश-निर्मित मोर्टार, सिंगल बैरल राइफल, ग्रेनेड, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार वाले 29 हथियार बरामद किए गए है। इन तस्वीरों में स्टारलिंक लोगो वाला इंटरनेट डिवाइस भी शामिल था।

सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के आते ही हड़कंप मच गया। लोगों ने दावा किया कि स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों की ओर से किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उट रहे सवालों के बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का जवाब आया है।एलन मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

राज्य पुलिस के मुताबिक, केराओ खुनौ से जब्त की गई वस्तुओं में एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (लगभग) एफटीपी केबल शामिल हैं। स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि बरामद उपकरण असली स्टारलिंक डिवाइस है या नहीं। स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद अब एजेंसियां इस पहलू की भी जांच कर रही हैं कि उपकरण संघर्षग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा?

*Bengal crowned champions of Women’s U-15 One-Day Trophy*

Sports News 

 

 Khabar kolkata sports Desk: The wait is finally over. Bengal’s wait for a title at the national level finally ended on Tuesday as the Women’s Under-15 team displayed a brilliant all-round performance to outclass Punjab by 47 runs in the summit clash to emerge champions in the One-Day Trophy. 

Adrija Sarkar (62 off 63 balls) was awarded the player of the final for her superb batting. Toriya Singha Roy (43 off 68), skipper Sandipta Patra (22 not out, 2-11), Debjani Das (2-23), Snigdha Bag (1-22) were the other star performers for Bengal in the final.

Opting to bat, Bengal posted a challenging 157/8 in 35 overs, thanks to a superb 116-run opening stand between Adrija and Toriya.

In reply, Punjab lost wickets and succumbed under pressure, falling short of the target, scoring just 110/6 in 35 overs.

 Pic Courtesy by: CAB

रूस में बड़ा बम धमाका, न्यूक्लियर डिफेंस चीफ की मौत

#chief_of_russia_s_nuclear_protection_forces_killed

रूस की राजधानी मॉस्को में मंगलवार को एक बड़ा विस्फोट हुआ। विस्फोट में रूसी सशस्त्र बल के एक वरिष्ठ जनरल की मौत हो गई है। रूस के परमाणु सुरक्षा के प्रभारी रूसी जनरल एक बम विस्फोट में मारे गए। लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव मंगलवार को एक आवासीय ब्लॉक छोड़ रहे थे, जब स्कूटर में छिपाकर रखे गए बम में विस्फोट हो गया।

रूसी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बम को दूर से ऑपरेट किया गया और इसमें लगभग 300 ग्राम विस्फोटक थे। बीते सोमवार (16 दिसंबर) को किरिलोव पर यूक्रेन में प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के उपयोग का आरोप लगाया गया था। हालांकि, किरिलोव को पहले से ही यूके ने रूस के रासायनिक हथियारों के उपयोग में उनकी भूमिका के लिए मंजूरी दे दी गई थी।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रूस की जांच समिति के हवाले से बताया कि रियाज़ान्स्की प्रॉस्पेक्ट पर एक अपार्टमेंट इमारत के बाहर हुए विस्फोट में किरिलोव का सहायक भी मारा गया. यह इमारत क्रेमलिन से लगभग सात किमी (4 मील) दक्षिण-पूर्व में है। जांच समिति ने कहा, "रूसी संघ के सशस्त्र बलों के विकिरण, रासायनिक और जैविक सुरक्षा बलों के प्रमुख इगोर किरिलोव और उनके सहायक मारे गए।"

रूसी टेलीग्राम चैनलों पर पोस्ट की गई तस्वीरों में मलबे से अटी पड़ी एक इमारत का टूटा हुआ प्रवेश द्वार और खून से सने बर्फ में दो शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।

फिलिस्तीन के बाद बांग्लादेश के हिंदुओं को समर्थन, संसद में ऐसे पहुंची प्रियंका गांधी

#priyankagandhiwithabagofsupportforbangladeshi_hindus

कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी का बैन इन दिनों चर्चा में हैं। प्रियंका गांधी सोमवर को संसद में 'फिलिस्तीन' वाला बैग लेकर पहुंची थीं। अब मंगलवार को संसद में बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के समर्थन वाला बैग लेकर पहुंचीं। प्रियंका गांधी के बांग्लादेश वाले बैग पर 'बांग्लादेश के हिंदू और ईसाइयों के साथ खड़े हों' लिखा हुआ है।

आज प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हिंसा के खिलाफ लिखे एक स्लोगन वाला हैंडबैंग लेकर आईं। इसके बाद एक बार फिर उनके हैंडबैग की चर्चा शुरू हो गई। कंधे पर ‘बांग्लादेश’ का बैग लिए प्रियंका गांधी मंगलवार को संसद परिसर में बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कांग्रेस सांसदों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करती नजर आईं।

प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के अन्य सांसदों ने भी संसद के बाहर बांग्लादेश अल्पसंख्यकों के पक्ष में प्रदर्शिन किया। साथ ही 'भारत सरकार होश में आओ' और 'बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को न्याय दो' के नारे भी लगाए।

प्रियंका ने हिंसा को लेकर लगातार उठाई आवाज

प्रियंका गांधी लगातार बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा को लेकर आवाज उठाती रही हैं। हाल ही में इस्कॉन मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर भी उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया था। उन्होंने कहा था, बांग्लादेश में इस्कॉन टेंपल के संत की गिरफ्तारी और अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा की खबरें अत्यंत चिंताजनक हैं। साथ ही उन्होंने भारत सरकार से हस्तक्षेप करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि इस मामले में हस्तक्षेप किया जाए और बांग्लादेश सरकार के समक्ष अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मुद्दा मजबूती से उठाया जाए।

पहले फिलिस्तीन को दिया समर्थन

इससे पहले सोमवार को लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी संसद में 'फिलिस्तीन' वाला बैग लेकर पहुंची थीं। फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए Palestine लिखा हुआ बैग पहन कर संसद में पहुंचीं और उन्होंने बड़ा संदेश देने की कोशिश की। उनके बैग पर एक सफेद रंग का कबूतर भी बना था जोकि शांति का संकेत देता है।फिलिस्तीन वाले बैग के चलते प्रियंका गांधी को सत्ता पक्ष के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।

हालंकि आज फिर वह संसद में नए बैग के साथ पहुंच गईं। माना जा रहा है कि आज के बैग से प्रियंका गांधी ने बीजेपी को जवाब दिया

भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे श्रीलंकाई जमीन का इस्तेमाल', एक ही लाइन से दो देशों को अलग-अलग संदेश

#will_not_allow_our_land_to_be_used_against_india_dissanayake_promises

भारत दौरे पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने भरोसा दिलाया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत की सुरक्षा के खिलाफ करने की अनुमति नहीं देंगे। दिसानायके का आश्वासन ऐसे समय में आया है, जब भारत ने 2022 में कोलंबो के समक्ष चीनी शोध पोत को हंबनटोटा बंदरगाह पर आने की इजाजत देने पर आपत्ति जताई थी। बता दें कि श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है।

भारत दौरे पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने दिल्ली में रक्षा सहयोग पर चर्चा के दौरान संयुक्त बयान में भरोसा दिलाया कि वह अपनी जमीन का किसी भी तरह से भारत की सुरक्षा के खिलाफ उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगे।भारतीय प्रधानमंत्री के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिसानायके ने कहा, मैंने भारत के प्रधानमंत्री को यह आश्वासन भी दिया है कि हम अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से ऐसे काम के लिए नहीं होने देंगे जो भारत के हित के लिए हानिकारक हो। भारत के साथ श्रीलंका का सहयोग निश्चित रूप से फलेगा-फूलेगा और मैं आपको भारत के लिए हमारे निरंतर समर्थन के बारे में आश्वस्त करना चाहता हूं।

दरअसल श्रीलंका में चीन के बढ़ते दखल से भारत की चिंता बढ़ी हुई है। दो साल पहले जब श्रीलंका कर्ज चुकाने में विफल रहा था तो चीन ने उसके हंबनटोटा बंदरगाह पर कब्जा कर लिया था। चीन ने यहां पर अपने नौसैनिक निगरानी और जासूसी जहाज को खड़ा किया। अगस्त 2022 में चीनी नौसेना के जहाज युआन वांग 5 ने दक्षिणी श्रीलंका के हंबनटोटा में डॉक किया। इसके बाद दो चीनी जासूसी जहाजों को नवंबर 2023 तक 14 महीने के भीतर श्रीलंका के बंदरगाहों में डॉक करने की अनुमति दी गई थी। चीनी शोध जहाज 6 अक्टूबर 2023 में श्रीलंका पहुंचा और उसने कोलंबो बंदरगाह पर डॉक किया। इस जहाज के डॉक करने का उद्देश्य समुद्री पर्यावरण पर रिसर्च थी।

भारत और अमेरिका ने इसे लेकर चिंता जताई थी। नई दिल्ली ने आशंका जताई थी कि चीनी जहाज जासूसी जहाज हो सकते हैं और कोलंबो से ऐसे जहाजों को अपने बंदरगाहों पर डॉक करने की अनुमति न देने का आग्रह किया था। भारत द्वारा चिंता जताए जाने के बाद श्रीलंका ने जनवरी में अपने बंदरगाह पर विदेशी शोध जहाजों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब श्रीलंका और भारत के बीच हुए रक्षा समझौते के बाद श्रीलंका ने अपना रुख साफ किया है।