पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को लगा झटका, अमेरिका ने तीन कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध
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अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है।अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान देने वाली तीन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। इसमें पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय विकास परिसर (एनडीसी) और उससे जुड़ी कराची स्थित तीन कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने खुलासा किया कि प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत जारी किए गए थे।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा कि नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स और तीन कंपनियों पर लगाए गए ये प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत लगाए गए हैं। प्रतिबंधों के तहत लक्षित संस्थाओं से संबंधित किसी भी अमेरिकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा तथा अमेरिकियों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया जाएगा। इसका उद्देश्य सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और उन्हें वितरित करने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली टेक्नोलॉजी पर अंकुश लगाना था।
पाक ने कहा कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण
इधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका की कार्रवाई “दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण” है और “सैन्य विषमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से” क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी, जो परमाणु-सशस्त्र भारत के साथ देश की प्रतिद्वंद्विता का स्पष्ट संदर्भ है। विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित एनडीसी ने देश के लंबी दूरी के बैलिस्टिक-मिसाइल कार्यक्रम और मिसाइल-परीक्षण उपकरणों के लिए कंपोनेंट्स प्राप्त करने की मांग की है।
पाकिस्तान के पास 170 परमाणु बम
बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स के शोध से पता चलता है कि पाकिस्तान के हथियार भंडार में अब लगभग 170 परमाणु बम हैं। पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। पाकिस्तान परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौता से बाहर है। प्रतिबंधों में तीन निजी कंपनियों-एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइज शामिल हैं। इन पर एनडीसी के मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण हासिल करने में मदद का आरोप है।
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