दिल्ली हाईकोर्ट जज के घर मिले नकदी मामले ने पकड़ा तूल, राज्यसभा में भी गूंज

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दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत एक सीनियर जज के घर से भारी संख्या में नकदी बरामद होने की खबर से लोग सकते में हैं। एक जज के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने का मामला शुक्रवार को राज्यसभा में भी गूंजा। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर व्यवस्थित चर्चा के लिए कोई व्यवस्था ढूंढ़ेंगे।

कांग्रेस के जयराम रमेश ने सुबह के सत्र में यह मुद्दा उठाया। जयराम रमेश ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही पर सभापति से जवाब मांगा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग के संबंध में लंबित नोटिस के बारे में याद दिलाया। रमेश ने कहा कि आज सुबह, हमने दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के आवास पर भारी मात्रा में नकदी पाए जाने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा। रमेश ने यह भी याद दिलाया कि पहले 50 सांसदों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया था, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेयरमैन से अनुरोध किया कि न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार को दिशा-निर्देश दिए जाएं।

राज्यसभा के चेयरमैन और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है और वह इस मुद्दे पर एक स्ट्रक्चर्ड डिस्कशन करवाएंगे। धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात से परेशानी है कि घटना हुई लेकिन तत्काल सामने नहीं आई। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से संबंधित होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत 'लक्ष्य' बन जाता। उन्होंने कहा, इसलिए, मुझे विश्वास है कि पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी प्रणालीगत प्रतिक्रिया सामने आएगी।

सभापति ने आगे कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान चर्चा कराने की कोशिश करेंगे। महाभियोग मामले पर सभापति ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के 55 सदस्यों से प्रतिवेदन मिला है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सदस्यों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे मुझे अपना कर्तव्य निभाने में मदद मिली। उन्होंने शेष सदस्यों से उन्हें भेजे गए ई-मेल का जवाब देने की अपील की।

धनखड़ ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या 50 से ऊपर है तो वह उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सदस्यों ने सहयोग किया है। जिन सदस्यों ने अभी तक अपना जवाब नहीं भेजा है वे कृपया उन्हें भेजे गए दूसरे मेल का जवाब दें। तब मेरे स्तर पर प्रक्रिया में देरी नहीं होगी, यहां तक कि एक पल के लिए भी नहीं। सभापति ने सदन को यह भी सूचित किया कि प्रतिनिधित्व पर हस्ताक्षर करने वाले 55 सदस्यों में से एक सदस्य के हस्ताक्षर दो जगहों पर हैं और संबंधित सदस्य ने दूसरा हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।

दिल्ली हाईकोर्ट जज के बंगले पर मिला कैश, जानें कैसे सामने आया मामला

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सरकार पर लोगों को भरोसा हो ना हो कानून पर पूरा भरोसा है। हालांकि, कुछ ऐसे मामले में जिनसे अदालतों पर भरोसे की दीवार भी कमजोर पड़ने लगी है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है दिल्ली हाई कोर्ट से। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया है। देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने इस पर तुरंत एक्शन लिया और फौरन जज यशवंत वर्मा, जिनके घर से नकदी मिली है, को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। जज वर्मा के घर बड़ी मात्रा में नकदी तब रोशनी में आई जब उनके घर लगी आग को बुझाने फायर ब्रिगेड वाले पहुंचे थे।

होली की छुटि्टयों के दौरान जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले पर आग लग गई थी। वे घर पर नहीं थे। परिवार के लोगों ने पुलिस और इमरजेंसी सर्विस को कॉल किया और आग की जानकारी दी। पुलिस और फायरब्रिगेड की टीम जब घर पर आग बुझाने गई तो उन्हें भारी मात्रा में कैश मिला।

कॉलेजियम ने इमरजेंसी मीटिंग की

सूत्रों के मुताबिक जब सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने कॉलेजियम की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ एक रिपोर्ट आने के बाद उन्हें उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके स्थानांतरण की सिफारिशें कीं। न्यायमूर्ति वर्मा ने अक्तूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जन्म 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम ऑनर्स की डिग्री हासिल की। यशवंत वर्मा ने 1992 में रीवा विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद 08 अगस्त, 1992 को एडवोकेट के रूप में नामांकित हुए। एडवोकेट यशवंत वर्मा ने संवैधानिक, इंडस्ट्रियल विवाद, कॉर्पोरेट, टैक्सेशन, पर्यावरण और कानून की संबद्ध शाखाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार के मामलों को संभालने वाले मुख्य रूप से दीवानी मुकदमों की पैरवी की। 2006 से प्रोमोट होने तक जस्टिस यशवंत वर्मा तक इलाहाबाद हाई कोर्ट के विशेष वकील भी रहे। 11 अक्टूबर, 2021 को उनका दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था।

जज के घर पर बेहिसाब नकदी मिलना गंभीर मामला

बड़ी मात्रा में नकदी कोई भी व्यक्ति अपने घर में नहीं रख सकता। काले धन के प्रवाह को रोकने के लिए यह जरूरी है कि ज्यादा नकदी होने पर उसे बैंक में जमा करें। अगर किसी के घर में बड़ी मात्रा में नकदी मिलती है तो उस व्यक्ति को नकदी का स्रोत बताना पड़ेगा। खासतौर से जज जैसे जिम्मेदार ओहदे पर बैठे व्यक्ति को तो अपनी ट्रांसपेरेंसी रखनी ही होगी। किसी जज के घर पर बेहिसाब नकदी का पाया जाना एक दुर्लभ और गंभीर मामला है।

दिल्ली में मंदिरों पर होगा “बुलडोजर एक्शन”!, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

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दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में बुधवार रात उस समय भारी हंगामा हो गया। जब बुधवार रात तीन बजे तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) टीम बुलडोजर लेकर पहुंची। डीडीए के साथ भारी सुरक्षा बल भी मौके पर पहुंचा। स्‍थानीय लोगों को इस मामले की जानकारी होते ही आक्रोश फैल गया। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने डीडीए टीम का जमकर विरोध किया। हंगामे और नारेबाजी की सूचना पर पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद विधायक रविंद्र सिंह नेगी सीएम रेखा गुप्ता को मामले की जानकारी दी। इसपर सीएम रेखा गुप्ता ने कार्रवाई को तत्‍काल रोकने का आदेश देकर डीडीए टीम को बैरंग लौटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

इस बीच डीडीए के नोटिस को लेकर लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते। वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जहांगीर पुरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाई कोर्ट जाइए। इसी के साथ याचिका खारिज कर दी गई।

देर रात दाखिल हुई याचिका को विशेष अनुरोध पर सुबह 3 जजों की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया था। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस विक्रम नाथ ने शुरू में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन से दोपहर 2 बजे सुनवाई की बात कही। उन्होनें यह भी कहा कि वह अपनी याचिका की कॉपी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के वकील को दें ताकि वह इस पर पक्ष रख सकें, लेकिन इसके तुरंत बाद जस्टिस विक्रम नाथ ने अपने साथी जजों जस्टिस संजय करोल और संदीप मेहता से बात की और उनका रुख बदल गया। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उन्हें हाई कोर्ट जाना चाहिए।

35 साल पुराने हैं मंदिर

वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि बुधवार रात 9 बजे अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक नोटिस चिपकाया गया था। उन्हें सूचित किया गया था कि 20 मार्च 2025 को सुबह चार बजे मंदिरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि डीडीए के किसी भी अधिकारी या किसी भी धार्मिक समिति द्वारा मंदिरों को सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया। याचिका में कहा गया है कि मंदिर 35 साल पुराने हैं।

ग्रीन बेल्ट में बने हैं तीनों मंदिर

दरअसल, दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 क्षेत्र स्थित संजय झील पार्क में 3 मंदिर स्‍थापित हैं। स्‍थानीय निवासियों का कहना है कि ये मंदिर 40 साल पुराने हैं। जबकि डीडीए के हॉर्टिकल्चर विभाग इन मंदिरों को अवैध बता रहा है। डीडीए टीम का कहना था कि मंदिरों को ग्रीन बेल्ट में बनाया गया है।

आप नेता सत्येंद्र जैन की बढ़ी मुश्किलें, जानें 7 करोड़ का क्या है नया मामला, दर्ज हुई एफआईआर

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि उन्होंने प्रोजेक्ट में 16 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे सत्येंद्र जैन के खिलाफ एबीसी ने भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि सत्येंद्र जैन सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर मनमाने ढंग से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड डैमेज (एलडी) को माफ कर दिया। इस जुर्माने को सुलझाने के बदले में 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। बीईएल पर यह जुर्माना दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी लगाने में देरी पर लगाया गया था।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली सरकार ने 2019 में राजधानी के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और उसके ठेकेदारों को दिया गया था। लेकिन समय पर काम पूरा न होने के कारण दिल्ली सरकार ने बीईएल और उसके ठेकेदारों पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया था।

लेकिन अब एबीसी को एक शिकायत मिली है कि यह जुर्माना बिना किसी ठोस कारण के माफ कर दिया गया। आरोप यह भी है कि इसके बदले सत्येंद्र जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। यह रिश्वत उन ठेकेदारों के जरिए दी गई, जिन्हें बीईएल से आगे का काम मिला था। शिकायत के अनुसार, यह रिश्वत भुगतान विभिन्न विक्रेताओं के माध्यम से की गई थी, जो आदेश की कीमतों को बढ़ा कर किया गया था।

दिल्‍ली को क्राइम फ्री करने का प्‍लान तैयार, कानून व्यवस्था को लेकर अमित शाह से मिली सीएम रेखा गुप्ता

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देश की राजधानी दिल्‍ली में बीजेपी की अगुआई में नई सरकार का गठन भी हो चुका है। रेखा गुप्‍ता ने दिल्‍ली की नई मुख्‍यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। इसके साथ ही जनता के हित में फैसलों का दौर भी शुरू हो चुका है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, गृह विभाग के मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की मौजूदगी में कानून-व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को हाई -लेवल मीटिंग की। मीटिंग में दिल्ली की कानून-व्यवस्था और एक-दूसरे के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन को लेकर चर्चा हुई। इसमें गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि दिल्ली में गैंगस्टरों और इंटरस्टेट गैंग्स को लेकर इनके खिलाफ सख्त से सख्त अप्रोच रखते हुए इन्हें समाप्त किया जाए।

इस दौरान अमित शाह ने दिल्‍ली को क्राइम फ्री और क्‍लीन करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूला सुझाया। उन्‍होंने इसपर तत्‍काल अमल करने को भी कहा है, ताकि दिल्‍ली की जनता की जिंदगी बेहतर हो सकेः-

1.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करने वाले नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

2.अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

3.अमित शाह ने कहा कि शहर में इंटरस्‍टेट गिरोहों को सख्ती से खत्म करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए।

4.केंद्रीय गृह मंत्री ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ भी सख्‍त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

5. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने अमित शाह ने आगे कहा कि डीसीपी स्तर के अधिकारी पुलिस स्टेशनों में जाकर जनसुनवाई शिविर लगाएं और जनता की समस्याओं का समाधान करें। दिल्ली पुलिस को उन स्थानों की पहचान करनी चाहिए जहां रोजाना ट्रैफिक जाम होता है और दिल्ली पुलिस कमिश्‍नर और मुख्य चीफ सेक्रेटरी को बैठक करनी चाहिए और इसका त्वरित समाधान निकालना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके।

पुलिस थानों के प्रदर्शन को लेकर कही ये बात

मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होगी। साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस के ऐसे पुलिस थानों को चेतावनी देते हुए कड़े शब्दों में यह भी कहा कि जिन भी पुलिस थानों का प्रदर्शन लगातार खराब होगा। ऐसे पुलिस थानों और तमाम सब-डिवीजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि जनता को भी यह मैसेज जाए कि अगर कोई पुलिस थाना लोगों की उम्मीदों पर खरा ना उतरते हुए इलाके में कानून-व्यवस्था सामान्य रख पाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है तो उसके पूरे थाने के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।

शीला दीक्षित के बाद पहली बार ऐसी मीटिंग

बताया जाता है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बाद ऐसा पहला मौका था जब दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत अन्य आला अधिकारियों ने इस तरह से एक मंच पर मीटिंग हुई हो। जबकि दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यह पहली मीटिंग थी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, मांगा 200 मौतों के दावे का सबूत

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15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हुई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आज सुनवाई की और इसे खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने 200 मौतों के दावे का सबूत भी मांगा। दरअसल, आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि मौतों का वास्तविक आंकड़ा रेलवे प्रशासन छिपा रहा है। जनहित याचिका में भगदड़ में करीब 200 लोगों की मौत का आरोप लगाया गया। याचिका में ये भी दावा किया गया कि रेलवे प्रशासन ने सिर्फ 18 मौतों की बात कही, जो गलत है।

महाकुंभ में संगम स्नान के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने के दौरान नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी। जिसमे कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दावा किया था कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भगदड़ के दौरान करीब 200 मौतें हुई थीं।याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की। साथ ही रेलवे स्टेशन और अस्पतालों के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की मांग की।

15 फरवरी की घटना

दरअसल, 15 फरवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। स्टेशन पर महाकुंभ जाने वाले लोगों की भारी भीड़ थी साथ ही अन्य यात्री भी थे। दो ट्रेनों के लेट होने के चलते भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई। यह पूरी घटना महज 10 मिनट में घटी और प्रशासन की लापरवाही और यात्रियों में दुविधा के चलते इतना बड़ा हादसा हो गया।

ट्रंप की धमकियों के बाद बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच दिल्ली पहुंचीं यूरोपीय संघ की प्रमुख, भारत को बताया भरोसेमंद देश

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्‍ट्रपति बनने के बाद जिस तेजी से दुनिया बदली है, यूरोप खुद को अलग-थलग पा रहा है। ऐसे समय में वैश्विक व्यापार और कूटनीति में अस्थिरता देखी जा रही है। ऐसे में यूरोप अब भारत की ओर उम्मीदों की निगाह से देख रहा है। इसी उम्मीद के साथ यूरोपीय संघ (ईयू) की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन गुरुवार को भारत पहुंचीं। भारत आने के बाद यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला ने एक्स पर लिखा कि संघर्ष और कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में भरोसेमंद मित्रों की जरूरत होती है और यूरोप के लिए भारत एक ऐसा ही मित्र और रणनीतिक सहयोगी है।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन दो दिवसीय भारत दौरे पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचीं। दिल्ली हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उनका स्वागत किया। दिल्ली पहुंचने के बाद लिएन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा की।

नई दिल्ली पहुंचने के बाद उर्सुला लेयेन ने साफ किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच यूरोप को भारत में एक भरोसेमंद मित्र नजर आ रहा है। उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने लिखा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस बात पर चर्चा करूंगी कि हमारी रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर पर कैसे ले जाया जाए।

भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर होगी बात

लिएन कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक बातचीत करेंगी। इस मुलाकात में दोनों नेता महत्वाकांक्षी भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए जारी बातचीत का जायजा लेंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वॉन डेर लेयेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को होने वाली व्यापक वार्ता में लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मजबूत करने और रक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों पक्ष रूस-यूक्रेन संघर्ष, भारत-प्रशांत की स्थिति और पश्चिम एशिया के घटनाक्रम पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। मोदी और ईयू प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी होने की भी उम्मीद है।

ट्रंप ने ईयू को चेतावनी दी

बता दें कि ट्रंप ने हाल में यूरोपीय संघ से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी देते हुए कहा था कि ईयू की गठन ही अमेरिका को परेशान करने के लिए किया गया था। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेन-रूस युद्ध में यूरोपीय देशों की मदद करने की अमेरिकी नीति को पूरी तरह से बदलते हुए अब रूस के साथ खड़े होते दिख रहे हैं।

यूरोपीय संघ भारत के साथ संबंधों को महत्व दे रहा

यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट उर्सला वोन डेर लेयेन के साथ यूरोपीय आयोग के 22 देशों के आयुक्त भी भारत आ रहे हैं। यह पहला मौका है, जब 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ के इतने सारे देशों के आयुक्त एक साथ किसी देश की यात्रा पर हैं। इससे यह पता चलता है कि यूरोपीय संघ भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व दे रहा है।

दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश, आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

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दिल्ली में नई सरकार का गठन होने के बाद पहला विधानसभा सत्र जारी है।दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पेश की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार तो आबकारी नीति पर आधारित CAG रिपोर्ट पेश की। विधानसभा में रिपोर्ट पेश करते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करती है। इस रिपोर्ट में शराब घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी गई हैं।

सीएजी रिपोर्ट को लेकर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का निशाना

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि CAG की रिपोर्ट 2017-18 के बाद विधानसभा में पेश नहीं की गई है। इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता यानी मैंने और विपक्ष के पांच अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति जी, विधानसभा अध्यक्ष जी से अनुरोध किया था कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाए। आप की सरकार कैग की रिपोर्ट को दबाया। कैग की रिपोर्ट एलजी के पास नहीं भेजी गई।

सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति के तहत हुई कथित अनियमितताओं का विवरण दिया गया है और यह आरोप लगाया गया है कि शराब बिक्री से जुड़े कई मामलों में नियमों का उल्लंघन किया गया था। सीएम रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे विधानसभा में पेश किया और सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई करने का संकेत दिया।

लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं

कैग रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में शराब के लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि शराब के लाइसेंस केवल कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिए गए थे। इसके साथ ही, नई शराब नीति को एकाधिकार बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई। फैसले और नीतियां तय करते समय कई जगहों पर नियमों का पालन नहीं किया गया और इसका फायदा केवल कुछ विशेष समूहों को हुआ।

आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को कुल मिलाकर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. इसकी वजह कमजोर नीति फ्रेमवर्क से लेकर अपर्याप्त क्रियान्वयन तक कई कारण हैं। इस रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिन्हित किया गया है. इसमें बताया गया है कि शराब नीति के गठन के लिए बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था

दिल्ली सीएम ऑफिस से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की आप, जानें क्या कहा

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दिल्ली में आज से विधानसभा सत्र शुरू है। राजधानी में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला सत्र है। इस बीच सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने बीजेपी सरकार के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब और भगत सिंह की तस्वीर को हटा दिया गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को दलित विरोधी करार दिया है।

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, दिल्ली सरकार में अरविंद केजरीवाल के बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान हर सरकारी दफ्तर में आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की फोटो लगती थी। लेकिन आज जब हम दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से मिलने विधानसभा में स्थित उनके दफ़्तर में गए तो देखा कि दोनों ही फ़ोटो सीएम कार्यालय से हटा दी गई है, विधानसभा में आप इसका पुरज़ोर विरोध करती है।

आप ने दावा किया कि सीएम के दफ्तर में अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और महात्मा गांधी की तस्वीर लगी है।

बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता-आतिशी

आप नेता आतिशी ने कहा कि बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता जगजाहिर है। आज बीजेपी ने अपनी असली मानसिकता का प्रमाण देश के सामने रख दिया है। दिल्ली सरकार ने हर कार्यालय में बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो लगाने का फैसला किया था। 3 महीने पहले बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को लगाया गया था। उन्होंने विधानसभा में सीएम दफ्तर से बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को हटा दिया है।

केजरीवाल ने भी जताया ऐतराज

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी फोटो हटाने को लेकर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब की फोटो हटाकर प्रधान मंत्री मोदी जी की फोटो लगा दी। ये सही नहीं है। उन्होंने कहा, इससे बाबा साहेब के करोड़ो अनुयायियों को ठेस पहुंची है। मेरी बीजेपी से प्रार्थना है। आप प्रधानमंत्री की फोटो लगा लीजिए लेकिन बाबा साहिब की फोटो तो मत हटाइए. उनकी फोटो लगी रहने दीजिए।

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के सामने है बड़ी चुनौतियां, क्या बीजेपी का वादा कर पाएंगीं पूरा

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दिल्ली में बीजेपी ने सीएम पद की कमान रेखा गुप्ता के हाथ में सौंप दी है। बीजेपी ने एक बार फिर पहली बार विधायक बने नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना है। बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाया है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। बीजेपी की इस जीत में उसके चुनावी वादों का बड़ा हाथ बताया जा रहा है। सीएम बनने के बाद रेखा गुप्ता के सामने पार्टी के संकल्पपत्र में किए वादों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

दिल्ली की सीएम की पहली चुनौती उन उम्मीदों को पूरा करना और उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना है, जो उनसे दिल्ली की जनता और खुद भाजपा ने पाली हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को उन सारी घोषणाओं और वादों को पूरा करना है, जो चुनाव के दौरान तीन किश्तों में जारी चुनाव घोषणा पत्र में किए थे और जिसे सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बार-बार दोहराया था। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र कहा था। इनमें यमुना की सफाई स्वच्छ पेयजल साफ प्रदूषण रहित हवा दिल्ली को देना, प्रति वर्ष 50 हजार नई नौकरियों का सृजन महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये देना मुफ्त बस यात्रा नालों गलियों सीवर की सफाई सड़कों की मरम्मत ट्रैफिक जाम से निजात समेत आप सरकार की मुफ्त बिजली पानी जैसी लोकलुभावन योजनाओं को जारी रखना शामिल होगा।ऐसे आइए जानते हैं कि जब रेखा गुप्ता सीएम की कुर्सी पर बैठेंगी तो उनके सामने कितनी बड़ी चुनौतियां होंगीः-

महिलाओं से किया गया वादा पूरा करना होगा

दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री से महिलाओं से किया गया वादा पूरा करने की पूरी उम्मीद है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने सबसे बड़ा वादा महिलाओं के लिए किया है। उसने कहा है कि सरकार बनने पर दिल्ली की हर पात्र महिला को 2500 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे। बीजेपी ने इस योजना का लाभ आठ मार्च से ही देने का वादा किया है। आठ मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। बीजेपी ने इसे देखते हुए ही इस योजना की शुरुआत के लिए आठ मार्च की तारीख तय की है। इसकी घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषण में की थी। इसलिए नई मुख्यमंत्री के लिए अगले कुछ हफ्ते काफी व्यस्त रहने वाले हैं। उन्हें इसके लिए पूरी मशीनरी को तैयार करना होगा और पात्र महिलाओं का चयन करना होगा। इसके साथ ही उन्हें इतनी बड़ी योजना के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी।

यमुना की सफाई

इस बार के चुनाव में यमुना बड़ा चुनावी मुद्दा रहा। यमुना के काले पानी को लेकर कापी बखेड़ा भी खड़ा हुआ। सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने एक बड़ा वादा यमुना की सफाई को लेकर भी किया था। चुनाव प्रचार में नदी में प्रदूषण का उच्च स्तर चर्चा का विषय रहा। 2020 में अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने का वादा किया था। हालांकि, वो अपने वादे पर खरे नहीं उतरे। अब बीजेपी ने वादा किया है कि वह ऐसा करेगी जो न तो कांग्रेस और न ही आप सत्ता में रहने के दौरान कर पाई। हालांकि, चुनौती बहुत बड़ी है।

रेखा गुप्ता को मिला खाली खजाना और कर्ज

दिल्ली में जब कांग्रेस सरकार की विदाई हुई थी तो सरकारी खजाना लबालब भरा हुआ था। सरकार के पास खूब पैसा था। इसलिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए दिल खोलकर पैसा खर्च किया। लेकिन आप की तीसरी सरकार में दिल्ली सरकार का खजाना खाली हो गया। चुनाव से पहले, आप सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत कोष से 10,000 करोड़ रुपये का अधिक ब्याज वाला लोन मांगा था। वित्त विभाग ने पिछले कई सालों में सब्सिडी पर सरकारी खर्च को लेकर आशंका जताई है।दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले ही 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसकी व्याज दरें भी काफी ऊंची हैं। इसलिए नई सरकार को खजाना करीब-करीब खाली और विरासत में कर्ज मिलेग। वहीं, बीजेपी ने वादा किया है कि आप सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, जिसमें महिलाओं के लिए मुफ्त बिजली, पानी और बस यात्रा शामिल है, जारी रहेगी। इसने अपने खुद के भी कई वादे किए हैं। ऐसे में चुनौतियां बड़ी होने वाली है।

कूड़े के पहाड़ और वायु प्रदूषण

दिल्ली में कूड़े के पहाड़ और वायु प्रदूषण बड़ी समस्या रही है। बीजेपी इन मुद्दों पर आप पर हमलावर रही है लेकन अब जब खुद बीजेपी सत्ता में आ गई है तो इसके लिए कोई बहाना दिल्ली की जनता को रास नहीं आएगा। वायु प्रदूषण के कारण ना केवल लोगों के स्वास्थ्य प्रभावित हो रहे हैं बल्कि बच्चों के स्कूल बीच सेशन बंद भी कराने पड़ते हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट जज के घर मिले नकदी मामले ने पकड़ा तूल, राज्यसभा में भी गूंज

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दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत एक सीनियर जज के घर से भारी संख्या में नकदी बरामद होने की खबर से लोग सकते में हैं। एक जज के घर से कथित तौर पर नकदी बरामद होने का मामला शुक्रवार को राज्यसभा में भी गूंजा। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर व्यवस्थित चर्चा के लिए कोई व्यवस्था ढूंढ़ेंगे।

कांग्रेस के जयराम रमेश ने सुबह के सत्र में यह मुद्दा उठाया। जयराम रमेश ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही पर सभापति से जवाब मांगा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग के संबंध में लंबित नोटिस के बारे में याद दिलाया। रमेश ने कहा कि आज सुबह, हमने दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के आवास पर भारी मात्रा में नकदी पाए जाने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा। रमेश ने यह भी याद दिलाया कि पहले 50 सांसदों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया था, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेयरमैन से अनुरोध किया कि न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार को दिशा-निर्देश दिए जाएं।

राज्यसभा के चेयरमैन और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है और वह इस मुद्दे पर एक स्ट्रक्चर्ड डिस्कशन करवाएंगे। धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात से परेशानी है कि घटना हुई लेकिन तत्काल सामने नहीं आई। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से संबंधित होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत 'लक्ष्य' बन जाता। उन्होंने कहा, इसलिए, मुझे विश्वास है कि पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी प्रणालीगत प्रतिक्रिया सामने आएगी।

सभापति ने आगे कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान चर्चा कराने की कोशिश करेंगे। महाभियोग मामले पर सभापति ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के 55 सदस्यों से प्रतिवेदन मिला है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सदस्यों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे मुझे अपना कर्तव्य निभाने में मदद मिली। उन्होंने शेष सदस्यों से उन्हें भेजे गए ई-मेल का जवाब देने की अपील की।

धनखड़ ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या 50 से ऊपर है तो वह उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सदस्यों ने सहयोग किया है। जिन सदस्यों ने अभी तक अपना जवाब नहीं भेजा है वे कृपया उन्हें भेजे गए दूसरे मेल का जवाब दें। तब मेरे स्तर पर प्रक्रिया में देरी नहीं होगी, यहां तक कि एक पल के लिए भी नहीं। सभापति ने सदन को यह भी सूचित किया कि प्रतिनिधित्व पर हस्ताक्षर करने वाले 55 सदस्यों में से एक सदस्य के हस्ताक्षर दो जगहों पर हैं और संबंधित सदस्य ने दूसरा हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।

दिल्ली हाईकोर्ट जज के बंगले पर मिला कैश, जानें कैसे सामने आया मामला

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सरकार पर लोगों को भरोसा हो ना हो कानून पर पूरा भरोसा है। हालांकि, कुछ ऐसे मामले में जिनसे अदालतों पर भरोसे की दीवार भी कमजोर पड़ने लगी है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है दिल्ली हाई कोर्ट से। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया है। देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने इस पर तुरंत एक्शन लिया और फौरन जज यशवंत वर्मा, जिनके घर से नकदी मिली है, को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। जज वर्मा के घर बड़ी मात्रा में नकदी तब रोशनी में आई जब उनके घर लगी आग को बुझाने फायर ब्रिगेड वाले पहुंचे थे।

होली की छुटि्टयों के दौरान जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले पर आग लग गई थी। वे घर पर नहीं थे। परिवार के लोगों ने पुलिस और इमरजेंसी सर्विस को कॉल किया और आग की जानकारी दी। पुलिस और फायरब्रिगेड की टीम जब घर पर आग बुझाने गई तो उन्हें भारी मात्रा में कैश मिला।

कॉलेजियम ने इमरजेंसी मीटिंग की

सूत्रों के मुताबिक जब सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने कॉलेजियम की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ एक रिपोर्ट आने के बाद उन्हें उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनके स्थानांतरण की सिफारिशें कीं। न्यायमूर्ति वर्मा ने अक्तूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जन्म 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम ऑनर्स की डिग्री हासिल की। यशवंत वर्मा ने 1992 में रीवा विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद 08 अगस्त, 1992 को एडवोकेट के रूप में नामांकित हुए। एडवोकेट यशवंत वर्मा ने संवैधानिक, इंडस्ट्रियल विवाद, कॉर्पोरेट, टैक्सेशन, पर्यावरण और कानून की संबद्ध शाखाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार के मामलों को संभालने वाले मुख्य रूप से दीवानी मुकदमों की पैरवी की। 2006 से प्रोमोट होने तक जस्टिस यशवंत वर्मा तक इलाहाबाद हाई कोर्ट के विशेष वकील भी रहे। 11 अक्टूबर, 2021 को उनका दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था।

जज के घर पर बेहिसाब नकदी मिलना गंभीर मामला

बड़ी मात्रा में नकदी कोई भी व्यक्ति अपने घर में नहीं रख सकता। काले धन के प्रवाह को रोकने के लिए यह जरूरी है कि ज्यादा नकदी होने पर उसे बैंक में जमा करें। अगर किसी के घर में बड़ी मात्रा में नकदी मिलती है तो उस व्यक्ति को नकदी का स्रोत बताना पड़ेगा। खासतौर से जज जैसे जिम्मेदार ओहदे पर बैठे व्यक्ति को तो अपनी ट्रांसपेरेंसी रखनी ही होगी। किसी जज के घर पर बेहिसाब नकदी का पाया जाना एक दुर्लभ और गंभीर मामला है।

दिल्ली में मंदिरों पर होगा “बुलडोजर एक्शन”!, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

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दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में बुधवार रात उस समय भारी हंगामा हो गया। जब बुधवार रात तीन बजे तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) टीम बुलडोजर लेकर पहुंची। डीडीए के साथ भारी सुरक्षा बल भी मौके पर पहुंचा। स्‍थानीय लोगों को इस मामले की जानकारी होते ही आक्रोश फैल गया। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने डीडीए टीम का जमकर विरोध किया। हंगामे और नारेबाजी की सूचना पर पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद विधायक रविंद्र सिंह नेगी सीएम रेखा गुप्ता को मामले की जानकारी दी। इसपर सीएम रेखा गुप्ता ने कार्रवाई को तत्‍काल रोकने का आदेश देकर डीडीए टीम को बैरंग लौटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

इस बीच डीडीए के नोटिस को लेकर लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते। वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जहांगीर पुरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाई कोर्ट जाइए। इसी के साथ याचिका खारिज कर दी गई।

देर रात दाखिल हुई याचिका को विशेष अनुरोध पर सुबह 3 जजों की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया था। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस विक्रम नाथ ने शुरू में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन से दोपहर 2 बजे सुनवाई की बात कही। उन्होनें यह भी कहा कि वह अपनी याचिका की कॉपी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के वकील को दें ताकि वह इस पर पक्ष रख सकें, लेकिन इसके तुरंत बाद जस्टिस विक्रम नाथ ने अपने साथी जजों जस्टिस संजय करोल और संदीप मेहता से बात की और उनका रुख बदल गया। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उन्हें हाई कोर्ट जाना चाहिए।

35 साल पुराने हैं मंदिर

वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि बुधवार रात 9 बजे अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक नोटिस चिपकाया गया था। उन्हें सूचित किया गया था कि 20 मार्च 2025 को सुबह चार बजे मंदिरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि डीडीए के किसी भी अधिकारी या किसी भी धार्मिक समिति द्वारा मंदिरों को सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया। याचिका में कहा गया है कि मंदिर 35 साल पुराने हैं।

ग्रीन बेल्ट में बने हैं तीनों मंदिर

दरअसल, दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 क्षेत्र स्थित संजय झील पार्क में 3 मंदिर स्‍थापित हैं। स्‍थानीय निवासियों का कहना है कि ये मंदिर 40 साल पुराने हैं। जबकि डीडीए के हॉर्टिकल्चर विभाग इन मंदिरों को अवैध बता रहा है। डीडीए टीम का कहना था कि मंदिरों को ग्रीन बेल्ट में बनाया गया है।

आप नेता सत्येंद्र जैन की बढ़ी मुश्किलें, जानें 7 करोड़ का क्या है नया मामला, दर्ज हुई एफआईआर

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि उन्होंने प्रोजेक्ट में 16 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे सत्येंद्र जैन के खिलाफ एबीसी ने भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि सत्येंद्र जैन सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर मनमाने ढंग से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड डैमेज (एलडी) को माफ कर दिया। इस जुर्माने को सुलझाने के बदले में 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। बीईएल पर यह जुर्माना दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी लगाने में देरी पर लगाया गया था।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली सरकार ने 2019 में राजधानी के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और उसके ठेकेदारों को दिया गया था। लेकिन समय पर काम पूरा न होने के कारण दिल्ली सरकार ने बीईएल और उसके ठेकेदारों पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया था।

लेकिन अब एबीसी को एक शिकायत मिली है कि यह जुर्माना बिना किसी ठोस कारण के माफ कर दिया गया। आरोप यह भी है कि इसके बदले सत्येंद्र जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। यह रिश्वत उन ठेकेदारों के जरिए दी गई, जिन्हें बीईएल से आगे का काम मिला था। शिकायत के अनुसार, यह रिश्वत भुगतान विभिन्न विक्रेताओं के माध्यम से की गई थी, जो आदेश की कीमतों को बढ़ा कर किया गया था।

दिल्‍ली को क्राइम फ्री करने का प्‍लान तैयार, कानून व्यवस्था को लेकर अमित शाह से मिली सीएम रेखा गुप्ता

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देश की राजधानी दिल्‍ली में बीजेपी की अगुआई में नई सरकार का गठन भी हो चुका है। रेखा गुप्‍ता ने दिल्‍ली की नई मुख्‍यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। इसके साथ ही जनता के हित में फैसलों का दौर भी शुरू हो चुका है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, गृह विभाग के मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की मौजूदगी में कानून-व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को हाई -लेवल मीटिंग की। मीटिंग में दिल्ली की कानून-व्यवस्था और एक-दूसरे के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन को लेकर चर्चा हुई। इसमें गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि दिल्ली में गैंगस्टरों और इंटरस्टेट गैंग्स को लेकर इनके खिलाफ सख्त से सख्त अप्रोच रखते हुए इन्हें समाप्त किया जाए।

इस दौरान अमित शाह ने दिल्‍ली को क्राइम फ्री और क्‍लीन करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूला सुझाया। उन्‍होंने इसपर तत्‍काल अमल करने को भी कहा है, ताकि दिल्‍ली की जनता की जिंदगी बेहतर हो सकेः-

1.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करने वाले नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

2.अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

3.अमित शाह ने कहा कि शहर में इंटरस्‍टेट गिरोहों को सख्ती से खत्म करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए।

4.केंद्रीय गृह मंत्री ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ भी सख्‍त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

5. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने अमित शाह ने आगे कहा कि डीसीपी स्तर के अधिकारी पुलिस स्टेशनों में जाकर जनसुनवाई शिविर लगाएं और जनता की समस्याओं का समाधान करें। दिल्ली पुलिस को उन स्थानों की पहचान करनी चाहिए जहां रोजाना ट्रैफिक जाम होता है और दिल्ली पुलिस कमिश्‍नर और मुख्य चीफ सेक्रेटरी को बैठक करनी चाहिए और इसका त्वरित समाधान निकालना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके।

पुलिस थानों के प्रदर्शन को लेकर कही ये बात

मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होगी। साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस के ऐसे पुलिस थानों को चेतावनी देते हुए कड़े शब्दों में यह भी कहा कि जिन भी पुलिस थानों का प्रदर्शन लगातार खराब होगा। ऐसे पुलिस थानों और तमाम सब-डिवीजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि जनता को भी यह मैसेज जाए कि अगर कोई पुलिस थाना लोगों की उम्मीदों पर खरा ना उतरते हुए इलाके में कानून-व्यवस्था सामान्य रख पाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है तो उसके पूरे थाने के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।

शीला दीक्षित के बाद पहली बार ऐसी मीटिंग

बताया जाता है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बाद ऐसा पहला मौका था जब दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत अन्य आला अधिकारियों ने इस तरह से एक मंच पर मीटिंग हुई हो। जबकि दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यह पहली मीटिंग थी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, मांगा 200 मौतों के दावे का सबूत

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15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हुई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आज सुनवाई की और इसे खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने 200 मौतों के दावे का सबूत भी मांगा। दरअसल, आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि मौतों का वास्तविक आंकड़ा रेलवे प्रशासन छिपा रहा है। जनहित याचिका में भगदड़ में करीब 200 लोगों की मौत का आरोप लगाया गया। याचिका में ये भी दावा किया गया कि रेलवे प्रशासन ने सिर्फ 18 मौतों की बात कही, जो गलत है।

महाकुंभ में संगम स्नान के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने के दौरान नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी। जिसमे कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दावा किया था कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भगदड़ के दौरान करीब 200 मौतें हुई थीं।याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की। साथ ही रेलवे स्टेशन और अस्पतालों के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की मांग की।

15 फरवरी की घटना

दरअसल, 15 फरवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। स्टेशन पर महाकुंभ जाने वाले लोगों की भारी भीड़ थी साथ ही अन्य यात्री भी थे। दो ट्रेनों के लेट होने के चलते भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई। यह पूरी घटना महज 10 मिनट में घटी और प्रशासन की लापरवाही और यात्रियों में दुविधा के चलते इतना बड़ा हादसा हो गया।

ट्रंप की धमकियों के बाद बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच दिल्ली पहुंचीं यूरोपीय संघ की प्रमुख, भारत को बताया भरोसेमंद देश

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्‍ट्रपति बनने के बाद जिस तेजी से दुनिया बदली है, यूरोप खुद को अलग-थलग पा रहा है। ऐसे समय में वैश्विक व्यापार और कूटनीति में अस्थिरता देखी जा रही है। ऐसे में यूरोप अब भारत की ओर उम्मीदों की निगाह से देख रहा है। इसी उम्मीद के साथ यूरोपीय संघ (ईयू) की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन गुरुवार को भारत पहुंचीं। भारत आने के बाद यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला ने एक्स पर लिखा कि संघर्ष और कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में भरोसेमंद मित्रों की जरूरत होती है और यूरोप के लिए भारत एक ऐसा ही मित्र और रणनीतिक सहयोगी है।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन दो दिवसीय भारत दौरे पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचीं। दिल्ली हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उनका स्वागत किया। दिल्ली पहुंचने के बाद लिएन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा की।

नई दिल्ली पहुंचने के बाद उर्सुला लेयेन ने साफ किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच यूरोप को भारत में एक भरोसेमंद मित्र नजर आ रहा है। उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने लिखा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस बात पर चर्चा करूंगी कि हमारी रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर पर कैसे ले जाया जाए।

भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर होगी बात

लिएन कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ व्यापक बातचीत करेंगी। इस मुलाकात में दोनों नेता महत्वाकांक्षी भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए जारी बातचीत का जायजा लेंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वॉन डेर लेयेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को होने वाली व्यापक वार्ता में लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मजबूत करने और रक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों पक्ष रूस-यूक्रेन संघर्ष, भारत-प्रशांत की स्थिति और पश्चिम एशिया के घटनाक्रम पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। मोदी और ईयू प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी होने की भी उम्मीद है।

ट्रंप ने ईयू को चेतावनी दी

बता दें कि ट्रंप ने हाल में यूरोपीय संघ से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी देते हुए कहा था कि ईयू की गठन ही अमेरिका को परेशान करने के लिए किया गया था। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेन-रूस युद्ध में यूरोपीय देशों की मदद करने की अमेरिकी नीति को पूरी तरह से बदलते हुए अब रूस के साथ खड़े होते दिख रहे हैं।

यूरोपीय संघ भारत के साथ संबंधों को महत्व दे रहा

यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट उर्सला वोन डेर लेयेन के साथ यूरोपीय आयोग के 22 देशों के आयुक्त भी भारत आ रहे हैं। यह पहला मौका है, जब 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ के इतने सारे देशों के आयुक्त एक साथ किसी देश की यात्रा पर हैं। इससे यह पता चलता है कि यूरोपीय संघ भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व दे रहा है।

दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश, आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

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दिल्ली में नई सरकार का गठन होने के बाद पहला विधानसभा सत्र जारी है।दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पेश की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार तो आबकारी नीति पर आधारित CAG रिपोर्ट पेश की। विधानसभा में रिपोर्ट पेश करते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करती है। इस रिपोर्ट में शराब घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी गई हैं।

सीएजी रिपोर्ट को लेकर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का निशाना

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि CAG की रिपोर्ट 2017-18 के बाद विधानसभा में पेश नहीं की गई है। इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता यानी मैंने और विपक्ष के पांच अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति जी, विधानसभा अध्यक्ष जी से अनुरोध किया था कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाए। आप की सरकार कैग की रिपोर्ट को दबाया। कैग की रिपोर्ट एलजी के पास नहीं भेजी गई।

सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति के तहत हुई कथित अनियमितताओं का विवरण दिया गया है और यह आरोप लगाया गया है कि शराब बिक्री से जुड़े कई मामलों में नियमों का उल्लंघन किया गया था। सीएम रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे विधानसभा में पेश किया और सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई करने का संकेत दिया।

लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं

कैग रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में शराब के लाइसेंस जारी करने में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि शराब के लाइसेंस केवल कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिए गए थे। इसके साथ ही, नई शराब नीति को एकाधिकार बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई। फैसले और नीतियां तय करते समय कई जगहों पर नियमों का पालन नहीं किया गया और इसका फायदा केवल कुछ विशेष समूहों को हुआ।

आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को कुल मिलाकर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. इसकी वजह कमजोर नीति फ्रेमवर्क से लेकर अपर्याप्त क्रियान्वयन तक कई कारण हैं। इस रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिन्हित किया गया है. इसमें बताया गया है कि शराब नीति के गठन के लिए बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था

दिल्ली सीएम ऑफिस से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की आप, जानें क्या कहा

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दिल्ली में आज से विधानसभा सत्र शुरू है। राजधानी में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला सत्र है। इस बीच सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने बीजेपी सरकार के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब और भगत सिंह की तस्वीर को हटा दिया गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को दलित विरोधी करार दिया है।

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, दिल्ली सरकार में अरविंद केजरीवाल के बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान हर सरकारी दफ्तर में आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की फोटो लगती थी। लेकिन आज जब हम दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से मिलने विधानसभा में स्थित उनके दफ़्तर में गए तो देखा कि दोनों ही फ़ोटो सीएम कार्यालय से हटा दी गई है, विधानसभा में आप इसका पुरज़ोर विरोध करती है।

आप ने दावा किया कि सीएम के दफ्तर में अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और महात्मा गांधी की तस्वीर लगी है।

बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता-आतिशी

आप नेता आतिशी ने कहा कि बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता जगजाहिर है। आज बीजेपी ने अपनी असली मानसिकता का प्रमाण देश के सामने रख दिया है। दिल्ली सरकार ने हर कार्यालय में बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो लगाने का फैसला किया था। 3 महीने पहले बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को लगाया गया था। उन्होंने विधानसभा में सीएम दफ्तर से बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को हटा दिया है।

केजरीवाल ने भी जताया ऐतराज

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी फोटो हटाने को लेकर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब की फोटो हटाकर प्रधान मंत्री मोदी जी की फोटो लगा दी। ये सही नहीं है। उन्होंने कहा, इससे बाबा साहेब के करोड़ो अनुयायियों को ठेस पहुंची है। मेरी बीजेपी से प्रार्थना है। आप प्रधानमंत्री की फोटो लगा लीजिए लेकिन बाबा साहिब की फोटो तो मत हटाइए. उनकी फोटो लगी रहने दीजिए।

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के सामने है बड़ी चुनौतियां, क्या बीजेपी का वादा कर पाएंगीं पूरा

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दिल्ली में बीजेपी ने सीएम पद की कमान रेखा गुप्ता के हाथ में सौंप दी है। बीजेपी ने एक बार फिर पहली बार विधायक बने नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना है। बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाया है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। बीजेपी की इस जीत में उसके चुनावी वादों का बड़ा हाथ बताया जा रहा है। सीएम बनने के बाद रेखा गुप्ता के सामने पार्टी के संकल्पपत्र में किए वादों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

दिल्ली की सीएम की पहली चुनौती उन उम्मीदों को पूरा करना और उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना है, जो उनसे दिल्ली की जनता और खुद भाजपा ने पाली हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को उन सारी घोषणाओं और वादों को पूरा करना है, जो चुनाव के दौरान तीन किश्तों में जारी चुनाव घोषणा पत्र में किए थे और जिसे सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बार-बार दोहराया था। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र कहा था। इनमें यमुना की सफाई स्वच्छ पेयजल साफ प्रदूषण रहित हवा दिल्ली को देना, प्रति वर्ष 50 हजार नई नौकरियों का सृजन महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये देना मुफ्त बस यात्रा नालों गलियों सीवर की सफाई सड़कों की मरम्मत ट्रैफिक जाम से निजात समेत आप सरकार की मुफ्त बिजली पानी जैसी लोकलुभावन योजनाओं को जारी रखना शामिल होगा।ऐसे आइए जानते हैं कि जब रेखा गुप्ता सीएम की कुर्सी पर बैठेंगी तो उनके सामने कितनी बड़ी चुनौतियां होंगीः-

महिलाओं से किया गया वादा पूरा करना होगा

दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री से महिलाओं से किया गया वादा पूरा करने की पूरी उम्मीद है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने सबसे बड़ा वादा महिलाओं के लिए किया है। उसने कहा है कि सरकार बनने पर दिल्ली की हर पात्र महिला को 2500 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे। बीजेपी ने इस योजना का लाभ आठ मार्च से ही देने का वादा किया है। आठ मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। बीजेपी ने इसे देखते हुए ही इस योजना की शुरुआत के लिए आठ मार्च की तारीख तय की है। इसकी घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषण में की थी। इसलिए नई मुख्यमंत्री के लिए अगले कुछ हफ्ते काफी व्यस्त रहने वाले हैं। उन्हें इसके लिए पूरी मशीनरी को तैयार करना होगा और पात्र महिलाओं का चयन करना होगा। इसके साथ ही उन्हें इतनी बड़ी योजना के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी।

यमुना की सफाई

इस बार के चुनाव में यमुना बड़ा चुनावी मुद्दा रहा। यमुना के काले पानी को लेकर कापी बखेड़ा भी खड़ा हुआ। सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने एक बड़ा वादा यमुना की सफाई को लेकर भी किया था। चुनाव प्रचार में नदी में प्रदूषण का उच्च स्तर चर्चा का विषय रहा। 2020 में अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने का वादा किया था। हालांकि, वो अपने वादे पर खरे नहीं उतरे। अब बीजेपी ने वादा किया है कि वह ऐसा करेगी जो न तो कांग्रेस और न ही आप सत्ता में रहने के दौरान कर पाई। हालांकि, चुनौती बहुत बड़ी है।

रेखा गुप्ता को मिला खाली खजाना और कर्ज

दिल्ली में जब कांग्रेस सरकार की विदाई हुई थी तो सरकारी खजाना लबालब भरा हुआ था। सरकार के पास खूब पैसा था। इसलिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए दिल खोलकर पैसा खर्च किया। लेकिन आप की तीसरी सरकार में दिल्ली सरकार का खजाना खाली हो गया। चुनाव से पहले, आप सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत कोष से 10,000 करोड़ रुपये का अधिक ब्याज वाला लोन मांगा था। वित्त विभाग ने पिछले कई सालों में सब्सिडी पर सरकारी खर्च को लेकर आशंका जताई है।दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले ही 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसकी व्याज दरें भी काफी ऊंची हैं। इसलिए नई सरकार को खजाना करीब-करीब खाली और विरासत में कर्ज मिलेग। वहीं, बीजेपी ने वादा किया है कि आप सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, जिसमें महिलाओं के लिए मुफ्त बिजली, पानी और बस यात्रा शामिल है, जारी रहेगी। इसने अपने खुद के भी कई वादे किए हैं। ऐसे में चुनौतियां बड़ी होने वाली है।

कूड़े के पहाड़ और वायु प्रदूषण

दिल्ली में कूड़े के पहाड़ और वायु प्रदूषण बड़ी समस्या रही है। बीजेपी इन मुद्दों पर आप पर हमलावर रही है लेकन अब जब खुद बीजेपी सत्ता में आ गई है तो इसके लिए कोई बहाना दिल्ली की जनता को रास नहीं आएगा। वायु प्रदूषण के कारण ना केवल लोगों के स्वास्थ्य प्रभावित हो रहे हैं बल्कि बच्चों के स्कूल बीच सेशन बंद भी कराने पड़ते हैं।