अजय माकन का केजरीवाल पर जोरदार हमला, आप संयोजक को बताया “फर्जीवाल” और “एंटी नेशनल”

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कांग्रेस दिल्ली में बड़े मुकाबले के लिए कमर कस चुकी है। कांग्रेस मान चुकी है कि गठबंधन धर्म को आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस कई राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में कमजोर हो गई है या समाप्त हो गई है जब उसने अन्य खिलाड़ियों या क्षेत्रीय पार्टियों को अपने ऑप्शन के रूप में बढ़ने दिया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के विकल्प के रूप में आई और पैर पूरी तरह से जमा लिया। हालांकि, अब कांग्रेस की ओर से आप पर जोरदार हमले हो रहे हैं।अब कांग्रेस नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल फर्जीवाल है और केजरीवाल एंटी नेशनल हैं।

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माकन ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। पत्रकारों से बात करते हुए अजय माकन ने कहा कि दिल्ली को लेकर जो कैग की रिपोर्ट आई है, उसमें एक रिपोर्ट काफी गंभीर है। यह रिपोर्ट इंगित करती है कि राष्ट्रीय राजधानी में 382 करोड़ रुपए का हेल्थ स्कैम हुआ है। कैग की रिपोर्ट बताती है कि तीन नए हॉस्पिटल बनकर तैयार हुए। जबकि ये तीनों ही शीला दीक्षित सरकार में बन गए थे, केवल उनकी समय सीमा आगे खिसक गई थी। अरविंद केजरीवाल ने इन हॉस्पिटल के लिए अलग से फंड लिए। माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार को बताना चाहिए आखिर यह भ्रष्टाचार कैसे हुआ?

अजय माकन ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी अस्पताल, बुरारी अस्पताल और मौलाना आजाद दंत अस्पताल के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा 314 करोड़ रुपए इंदिरा गांधी अस्पताल के निर्माण में टेंडर से ज्यादा पैसे लगाए गए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि आप सरकार ने 15 जगह भूमि ली थी नए अस्पताल बनाने के लिए, लेकिन नहीं बना पाए। केंद्र से मिले पैसे का भी 56 प्रतिशत यह सरकार खर्च ही नहीं कर पाई। 635 में से 360 करोड़ वापस करने पड़ गए। आम आदमी पार्टी सरकार ने 32 हजार बेड बनाने की घोषणा की थी मगर बने सिर्फ 1,235। देश की राजधानी में नौ अस्पताल ऐसे हैं जहां एक बेड पर दो-दो मरीज लिटाए जाते हैं। चार हॉस्पिटल सर्वे के लिए चुने गए, वहां ओटी तक का हाल बेहाल है।

विश्व स्तरीय स्वास्थ्य मॉडल की कलई खुली-माकन

अजय माकन ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि लोकनायक में सर्जरी के लिए 12 महीने की वेटिंग है। 50 से 74 प्रतिशत डॉक्टरों की कमी दो नए अस्पतालों में चल रही है। कैग ने केजरीवाल सरकार के तथाकथित विश्व स्तरीय स्वास्थ्य मॉडल की कलई खोलकर रख दी है, इसलिए ये लोग रिपोर्ट्स को टेबल नहीं कर रहे। माकन ने आगे कहा कि दिल्ली के 27 में से 14 अस्पतालों में ICU ही नहीं है। CAT एम्बुलेंस में आवश्यक उपकरण तक नहीं हैं। 49 मामलों में नहीं होने के कारण एम्बुलेंस भेजी ही नहीं जा सकी। जिस मुद्दे पर विधानसभा में डिबेट होनी चाहिए, लेकिन हमें यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है।

केजरीवाल से कैग रिपोर्ट्स के हर मुद्दे पर डिबेट के लिए तैयार-माकन

स्वास्थ्य के क्षेत्र में 8 हजार से ज्यादा रिक्तियां हैं, जिन्हें आप सरकार भर ही नहीं सकी। केजरीवाल जवाब दें कि क्या यही है दिल्ली का विश्वस्तरीय स्वास्थ्य मॉडल? ये केजरीवाल नहीं बल्कि फर्जीवाल हैं। जल्द ही मैं यह भी बताऊंगा कि केजरीवाल किस तरह से राष्ट्रद्रोही है। आप सरकार भ्रष्ट तो है ही, कार्य कुशल भी नहीं है। चोर की दाढ़ी में ही तिनका होता है, केजरीवाल की दाढ़ी में तिनका है तभी वो इसे टेबल नहीं होने दे रहे हैं। मैं केजरीवाल से कैग रिपोर्ट्स के हर मुद्दे पर डिबेट करने को तैयार हूं।

आप के पाप नाम से कैंपेन की शुरुआत

अजय माकन ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली में एक पार्टी का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था। उस वक्त एक नेता कैग की रिपोर्ट लाकर कांग्रेस के खिलाफ झंडा उठाते थे लेकिन अब वही कैग रिपोर्ट उनके भ्रष्टाचार के बारे में बता रही है। माकन ने कहा कि आप के पाप नाम से हम लगातार कैंपेन चला रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इन कैग रिपोर्ट्स को विधानसभा के पटल पर नहीं रखते हैं, जो उनकी मंशा को भी बता रही है।

केजरीवाल की केंद्र के सामने उठाया मिडिल क्लास का मुद्दा, रखी ये 7 मांगें

#7demandsfromarvindkejriwalcentralgovernment

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। आप ने इस चुनाव में जीत पक्की करने के ले हर एक वर्ग को साधने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और युवाओं तक पर दांव खेला है। अब केजरीवाल की नजर मिडिल क्लास पर है। इस बीच बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और देश के मिडिल क्लास को लेकर कई जरूरी मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही केंद्र सरकार से 7 मांगें भी की हैं।

मिडिल क्लास केवल एटीएम बनकर रह गया-केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई वादे धर्म और जाति के नाम पर किए जाते हैं। कई वादे समाज के निचले तबके के लिए किए जाते हैं। कई वादे उद्योगपतियों के लिए किए जाते है। कुछ लोग इनके वोट बैंक हैं। एक वर्ग इनके बीच में है जो पिसकर रह गया है। 75 सालों में एक के बाद एक दूसरी पार्टी सत्ता में आई। हर सरकार ने मिडिल क्लास को दबाकर रखा है। ये मिडिल क्लास के लिए करते कुछ नहीं है लेकिन टैक्स का हथियार चला देती है। मिडिल क्लास सरकार का एटीएम बनकर रह गया है।

मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी आप-केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा है। मिडिल क्लास को हमारे देश में सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है। मिडिल क्लास वालों की 50 प्रतिशत से ज्यादा आमदनी टैक्स देने में चली जाती है। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी। आने वाले बजट में आम आदमी पार्टी के सांसद मिडिल क्लास के मुद्दों को ही संसद में उठाएंगे।

मिडिल क्लास के लिए केजरीवाल की 7 मांगे

• शिक्षा का बजट 2 परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए।

• पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी दी जाए।

• स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट भी बढ़ाया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स भी कम किया जाए।

• इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए।

• आवश्यक वस्तुओं के ऊपर से जीएसटी खत्म की जाए।

• सीनियर सिटिजन्स के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और पेंशन योजना बनाई जाए। इसके साथ ही देशभर में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त और अच्छा इलाज दिया जाए।

• बुजुर्गों को पहले रेलवे में किराए पर 50 प्रतिशत छूट मिलती थी, जो अब खत्म कर दी गई है, उसे दोबारा शुरू किया जाए।

अरविंद केजरीवाल ने रामायण को लेकर ऐसा क्या कह दिया, मच गया बवाल, जानें बीजेपी ने क्या कहा
#delhi_bjp_attack_arvind_kejriwal_statement_over_ravana
दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने रामायण को लेकर ऐसा क्या कह दिया, मच गया बवाल, जानें बीजेपी ने क्या कहा
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दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, छात्रों को मेट्रो में छूट देने की मांग

#arvind_kejriwal_wrote_a_letter_to_pm_modi

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने चुनाव अभियान तेज कर दिया है। इस बीच आम आदमी पार्टी जनता को अपने पाले में करने के लिए एक से एक दांव चल रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने छात्रों के पक्ष में मांग उठाई। दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी के जरिए मांग की है कि छात्रों को दिल्ली मेट्रो में 50% छूट हो।

अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि दिल्ली मेट्रो में केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों का हिस्सा है। ऐसे में छात्रों को दिल्ली मेट्रो में 50 फीसदी छूट मिले। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को इस पर होने वाला खर्च वहन करना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार बस में स्टूडेंट्स के लिए फ्री बस यात्रा की योजना बना रही है।

छात्रों पर वित्तीय बोझ कम करने की मांग

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के स्कूल और कॉलेज के छात्रों से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षिक करने लिए यह पत्र लिखा है। स्टूडेंट अपने स्कूल-कॉलेज आने-जाने के लिए बड़े पैमाने पर मेट्रो पर निर्भर हैं। वे छात्रों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए दिल्ली मेट्रो में उनके लिए 50 प्रतिशत की रियायतें देने का प्रस्ताव रखते हैं।

चुनाव से पहले केजरीवाल का बड़ा कदम

दिल्ली में जब विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल की छात्रों को मेट्रो किराए में छूट देने की मांग को बेहद अहम माना जा रहा है। दिल्ली में बड़ी संख्या में छात्र अपने कॉलेज जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं, जिससे छात्रों को जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ता। छात्रों को अगर मेट्रो किराए में छूट मिल जाएगी तो उन छात्रों को बहुत फायदा होगा, जो कि आर्थिक तंगी के चलते डीटीसी की खचाखच भरी बसों में सफर करने पर मजबूर होते हैं।

दिल्ली चुनाव के बीच “आप” की बढ़ी टेंशन, केजरीवाल-सिसोदिया पर केस चलाने की परमिशन*
#home_ministry_gave_permission_to_prosecute_arvind_kejriwal
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को लेकर गृह मंत्रालय ने पर केस चलाने की परमिशन दे दी है। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी को परमिशन दी गई है।इससे पहले बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि लोकसेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होगी। ईडी ने शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को मास्टरमाइंड और किंगपिन बताया था। सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए अधिकृत किया है।अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। दिल्ली शराब केस में सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई को पिछले साल अगस्त में इस मामले में जरूरी मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, इडी को अब तक मंजूरी नहीं मिली थी। मगर अब खुद गृह मंत्रालय ने एक्शन लेने की इजाजत दे दी है। दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) पर ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत लेने का आरोप है। यह ग्रुप राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री और वितरण को कंट्रोल करता था। आरोप है कि इस ग्रुप को दिल्ली की आप सरकार की ओर से 2021-22 के लिए बनाई गई आबकारी नीति से फायदा हुआ था। ये खबर ऐसे समय हुआ है, जब पांच फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।दिल्ली का शराब घोटाला इस चुनाव में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस इसी मामले पर आप को घेरने की कोशिश करती है। ऐसे में केस के आदेश मिलने से आप और केजरीवाल दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही इसका सीधे तौर पर असर चुनाव में भी देखते को मिल सकता है।
खालिस्तानी आतंकियों के निशाने पर केजरीवाल, हो सकता है हमला, खुफिया अलर्ट जारी*
#arvind_kejriwal_security_has_been_reviewed_fear_of_attack
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमले की आशंका जताई जा रही है।केजरीवाल पर हमले की आशंका में खुफिया एजेंसियों ने बड़ा अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों ने दावा किया कि पंजाब के खालिस्तान समर्थक केजरीवाल पर हमला कर सकते हैं। एजेंसियों ने केजरीवाल की सुरक्षा की समीक्षा की है। खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस को जानकारी दी है। इसके बाद पुलिस अलर्ट मोड पर है। सूत्रों के मुताबिक खुफिया जानकारी में पता चला है कि खालिस्तान समर्थक केजरीवाल की हत्या का प्रयास कर सकते हैं। अलर्ट के अनुसार दो से तीन सदस्य, जिन्हें आखिरी बार पंजाब में देखा गया था, वह हमले का प्रयास कर सकते हैं। इस अलर्ट के बाद उनकी सुरक्षा में और इजाफा हो सकता है। पुलिस इस मामले में जानकार जुटाने में जुट गई है। पिछली सुरक्षा समीक्षा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस से जेड प्लस सुरक्षा मिली थी। उनकी सुरक्षा में लगभग 63 लोग तैनात हैं। उनकी सुरक्षा व्यवस्था में पायलट, एस्कार्ट, क्लोज प्रोटेक्शन टीम, होम गार्ड, स्पाटर के अलावा सर्च-एंड-फ्रिस्किंग स्टाफ शामिल हैं। इस सेटअप में लगभग 47 लोग हैं। इसके अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लगभग 15 वर्दीधारी कर्मी हैं। दिल्ली में कब चुनाव? अरविंद केजरीवाल पर हमले की खबर ऐसे वक्त में आई है, जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग है और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे।
जाटों को क्यों रिझानें की कोशिश में अरविंद केजरीवाल? जानें दिल्ली के लिए ये कितने जरूरी

#arvindkejriwaltryingtohappydelhijatsforthis_reason

पिछले कई माह से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारी भी कर रही थीं। अब चुनावी रण में उतरने का समय आ गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इस बीच मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए सभी दलों ने कसरत तेज कर दी गयी है। बीजेपी और आप दोनों ही इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए कोशिश कर रही हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रेस को संबोधित करते हुए न्द्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। यही नहीं, आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जाट वोटर्स की उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है उसमें दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। केजरीवाल का कहना है कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में न होने की वजह से दिल्ली के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग न तो पुलिस की नौकरी में आरक्षण ले पा रहे हैं और न ही दिल्ली विश्वविद्यालय के नामांकन में।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज के लोग जब केंद्र की किसी योजना का लाभ लेने जाते है तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। 4 बार पीएम मोदी ने जाट समाज के लोगों को कहा था कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को शामिल किया जाएगा लेकिन नहीं किया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री झूठ बोल कर अपने वादे पुरे नहीं करते हैं। चुनाव के समय उन्हें केवल जाटों की याद आती है लेकिन कभी उनका काम नहीं करते हैं। अगर वे ऐसे झूठ बोलेंगे तो देश में कुछ बचेगा ही नहीं। दिल्ली के अंदर दिल्लीवालों को आरक्षण नहीं मिलता है, बाहर वालों को मिलता है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनको उनके वादे याद दिलाए हैं। उन्होंने कहा कि जाट समाज के साथ 5 और जातियां हैं जिन्हें ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया जाए।

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। केजरीवाल की ओर से उठाए गए इस कदम को जाट समुदाय और अन्य जातियों को रिझाने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में जानते हैं ओबीसी वोट बैंक दिल्ली में क्यों महत्वपूर्ण हैः-

दिल्ली में लगभग 10 प्रतिशत जाट वोटर्स

दिल्ली में जाट वोटर्स की संख्या लगभग 10 प्रतिशत मानी जाती है। दिल्ली की कई ग्रामीण सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक माने जाते हैं। दिल्ली की 8 ऐसी सीटें हैं जो जाट बहुल है। इन सीटों पर हार और जीत जाट मतों से तय होता रहा है।

जाट सीटों का क्या रहा है गणित

जाट बहुल 8 सीटों में से 5 पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी जाट वोटर्स को साधने के लिए लगातार कदम उठा रही है। दिल्ली के चुनावों में बीजेपी को जाट वोटर्स का साथ भी मिलता रहा है।

जाट समुदाय की दिल्ली की राजनीति पर अच्छी पकड़

दिल्ली के जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण की अपनी सियासी अहमियत है। धार्मिक आधार पर देखें तो कुल 81 फीसदी हिंदू समुदाय के वोटर हैं। हालांकि हिंदू समुदाय के वोट में कई जाति समूहों का अलग-अलग चंक रहा है। हिंदू वोटर्स में सबसे बड़ा प्रभाव जाट समुदाय का देखने को मिलता है।

संगठित वोट बैंक

जाट समुदाय आमतौर पर एक संगठित वोट बैंक के रूप में कार्य करता है। यह समुदाय आमतौर पर अपनी राजनीतिक ताकत को समझता है और एकजुट होकर मतदान करता है, जिससे उसकी सामूहिक शक्ति बढ़ जाती है। जब जाट समुदाय किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करता है, तो यह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली के गांवों में जाट वोटर्स का दबदबा

दिल्ली के लगभग 60 प्रतिशत गांव पर जाट वोटर्स का दबदबा देखने को मिलता है। दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों की सीटों पर जाट वोटर ही हार-जीत जाट वोटर्स तय करते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नई दिल्ली सीट पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री रहे स्व.साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रवेश साहेब सिंह वर्मा के मार्फत बीजेपी जाट वोटर्स को साधना चाहती है।

केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, जाट समाज को लेकर लगाए गंभीर आरोप

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी पार्टियां पूरे दम ख़म के साथ मैदान में उतर चुकी है। खासकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। आप का इरादा जहां सत्ता में वापसी पर है तो भाजपा किसी भी कीमत पर दिल्ली की गद्दी हासिल करना चाहती है। इन सबके बीच आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल करने को लेकर चिट्ठी लिखी है। साथ ही केजरीवाल ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जाट समाज को धोखा देने का आरोप लगाया है।

बीजेपी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

केजरीवाल ने पत्र में लिखा, एक महत्वपूर्ण विषय पर 10 साल पहले आपका किया वादा आपको याद दिलाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। दिल्ली के जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से पिछले कुछ दिनों में मुलाकात हुई। इन सभी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज की अनदेखी किये जाने पर चिंता जाहिर की। जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।

केजरीवाल ने लिखा है, फिर 8 फरवरी 2017 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।

ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां-केजरीवाल

केजरीवाल ने लिखा, ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां हैं जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जैसे कि मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है। ये तो दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा है। और भाजपा की केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से लगातार ये धोखा कर रही है। सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।

ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय-केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व सीएम ने आगे लिखा, दिल्ली में केंद्र सरकार की सात यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के दर्जनों कॉलेज हैं। दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के कई संस्थानों में नौकरियां हैं जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। दिल्ली में जाट समाज व ओबीसी की 5 अन्य जातियों के साथ केंद्र सरकार का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर हासिल नहीं होने दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार कर दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में भी आरक्षण का लाभ देना चाहिये।

कैग रिपोर्ट में केजरीवाल के ‘काले कारनामों’, 'शीश महल' बनाने में उड़ाई नियमों की धज्जियां, खर्ज किए करोड़ों
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* दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर फिर चर्चा में है। दिल्‍ली चुनाव से ठीक पहले सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए। दावा किया गया कि सीएम हाउस पर तय लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम खर्च की गई। पहले ही अरविंद केजरीवाल के घर को 'शीशमहल' बता चुकी बीजेपी दिल्‍ली चुनाव के बीचे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करने में लगी है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना इजाज़त लिए इमरजेंसी क्‍लॉज का इस्तेमाल करके बंगला बनाया है। साथ ही दावा किया कि एमसीडी की इजाजत लिये बिना बंगला बनाया गया। साल 2022 तक इस बंगले पर क़रीब 33 करोड़ रुपये खर्च किया गया। कैग रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर 139 सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने निजी संस्था के तौर पर काम किया, बिना इजाज़त करोड़ रुपये बंगला बनाने के लिए खर्च किए। पहले 7 करोड़ 91 लाख का बजट इमरजेंसी के तौर पर पास किया गया था। साल 2020 में पहला वर्क स्टीमेट बना जब दिल्ली कोविड की मार झेल रहा था। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बंगले पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, कैग रिपोर्ट में 2023 और 2024 का खुलासा होना बाकी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2020 में जब दिल्ली की जनता अपने लोगों को खो रही थी। उस समय अरविंद केजरीवाल अपना शीश महल बनवा रहे थे। किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके निर्माण में अनियमितताएं बरती गईं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने 2024 में जो इन्वेंटरी घोषित की है और जो समान दिखाया है कि यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं लगाया है, वह समान कहां से आया। वह किसका पैसा है? इसका जवाब अरविंद केजरीवाल को देना होगा।
अजय माकन का केजरीवाल पर जोरदार हमला, आप संयोजक को बताया “फर्जीवाल” और “एंटी नेशनल”

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कांग्रेस दिल्ली में बड़े मुकाबले के लिए कमर कस चुकी है। कांग्रेस मान चुकी है कि गठबंधन धर्म को आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस कई राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में कमजोर हो गई है या समाप्त हो गई है जब उसने अन्य खिलाड़ियों या क्षेत्रीय पार्टियों को अपने ऑप्शन के रूप में बढ़ने दिया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के विकल्प के रूप में आई और पैर पूरी तरह से जमा लिया। हालांकि, अब कांग्रेस की ओर से आप पर जोरदार हमले हो रहे हैं।अब कांग्रेस नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल फर्जीवाल है और केजरीवाल एंटी नेशनल हैं।

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माकन ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। पत्रकारों से बात करते हुए अजय माकन ने कहा कि दिल्ली को लेकर जो कैग की रिपोर्ट आई है, उसमें एक रिपोर्ट काफी गंभीर है। यह रिपोर्ट इंगित करती है कि राष्ट्रीय राजधानी में 382 करोड़ रुपए का हेल्थ स्कैम हुआ है। कैग की रिपोर्ट बताती है कि तीन नए हॉस्पिटल बनकर तैयार हुए। जबकि ये तीनों ही शीला दीक्षित सरकार में बन गए थे, केवल उनकी समय सीमा आगे खिसक गई थी। अरविंद केजरीवाल ने इन हॉस्पिटल के लिए अलग से फंड लिए। माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार को बताना चाहिए आखिर यह भ्रष्टाचार कैसे हुआ?

अजय माकन ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी अस्पताल, बुरारी अस्पताल और मौलाना आजाद दंत अस्पताल के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा 314 करोड़ रुपए इंदिरा गांधी अस्पताल के निर्माण में टेंडर से ज्यादा पैसे लगाए गए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि आप सरकार ने 15 जगह भूमि ली थी नए अस्पताल बनाने के लिए, लेकिन नहीं बना पाए। केंद्र से मिले पैसे का भी 56 प्रतिशत यह सरकार खर्च ही नहीं कर पाई। 635 में से 360 करोड़ वापस करने पड़ गए। आम आदमी पार्टी सरकार ने 32 हजार बेड बनाने की घोषणा की थी मगर बने सिर्फ 1,235। देश की राजधानी में नौ अस्पताल ऐसे हैं जहां एक बेड पर दो-दो मरीज लिटाए जाते हैं। चार हॉस्पिटल सर्वे के लिए चुने गए, वहां ओटी तक का हाल बेहाल है।

विश्व स्तरीय स्वास्थ्य मॉडल की कलई खुली-माकन

अजय माकन ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि लोकनायक में सर्जरी के लिए 12 महीने की वेटिंग है। 50 से 74 प्रतिशत डॉक्टरों की कमी दो नए अस्पतालों में चल रही है। कैग ने केजरीवाल सरकार के तथाकथित विश्व स्तरीय स्वास्थ्य मॉडल की कलई खोलकर रख दी है, इसलिए ये लोग रिपोर्ट्स को टेबल नहीं कर रहे। माकन ने आगे कहा कि दिल्ली के 27 में से 14 अस्पतालों में ICU ही नहीं है। CAT एम्बुलेंस में आवश्यक उपकरण तक नहीं हैं। 49 मामलों में नहीं होने के कारण एम्बुलेंस भेजी ही नहीं जा सकी। जिस मुद्दे पर विधानसभा में डिबेट होनी चाहिए, लेकिन हमें यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है।

केजरीवाल से कैग रिपोर्ट्स के हर मुद्दे पर डिबेट के लिए तैयार-माकन

स्वास्थ्य के क्षेत्र में 8 हजार से ज्यादा रिक्तियां हैं, जिन्हें आप सरकार भर ही नहीं सकी। केजरीवाल जवाब दें कि क्या यही है दिल्ली का विश्वस्तरीय स्वास्थ्य मॉडल? ये केजरीवाल नहीं बल्कि फर्जीवाल हैं। जल्द ही मैं यह भी बताऊंगा कि केजरीवाल किस तरह से राष्ट्रद्रोही है। आप सरकार भ्रष्ट तो है ही, कार्य कुशल भी नहीं है। चोर की दाढ़ी में ही तिनका होता है, केजरीवाल की दाढ़ी में तिनका है तभी वो इसे टेबल नहीं होने दे रहे हैं। मैं केजरीवाल से कैग रिपोर्ट्स के हर मुद्दे पर डिबेट करने को तैयार हूं।

आप के पाप नाम से कैंपेन की शुरुआत

अजय माकन ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली में एक पार्टी का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था। उस वक्त एक नेता कैग की रिपोर्ट लाकर कांग्रेस के खिलाफ झंडा उठाते थे लेकिन अब वही कैग रिपोर्ट उनके भ्रष्टाचार के बारे में बता रही है। माकन ने कहा कि आप के पाप नाम से हम लगातार कैंपेन चला रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इन कैग रिपोर्ट्स को विधानसभा के पटल पर नहीं रखते हैं, जो उनकी मंशा को भी बता रही है।