आप ने दिया कांग्रेस को जोर का झटका, केजरीवाल ने कांग्रेस संग गठबंधन की अटकलों पर लगाया विराम

#delhielectionnoaapcongressalliancearvindkejriwalstatement

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों को अरविंद केजरीवाल ने खारिज किया है। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी दिल्ली अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।

दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात अंतिम चरण में है। गठबंधन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य दलों को भी शामिल करने की बात सामने आई। कहा जा रहा था कि कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य इंडिया गठबंधन सदस्यों को 1 या 2 सीटें मिल सकती हैं। बाकी सीटों पर आम आदमी पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।

एएनआई के दावे पर अरविंद केजरीवाल ने खंडन किया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एनआई के पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली में इस चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन को कोई संभावना नहीं है।'

आप-कांग्रेस गठबंधन की लग रहीं थी अटकलें

बता दें कि मंगलवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के नेता आप के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। इसके बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के नेता पहुंचे शरद पवार के घर पहुंचे। जिसके बाद ये कयास लगने और तेज हो गए कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है।

कांग्रेस के पास अकेले लड़ने की “ताकत” नहीं

इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर चुके हैं।आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनों से लगातार इनकार कर रही है, लेकिन कांग्रेस अपने सियासी ताकत को समझ रही हैं। कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि अकेले चुनाव लड़ने पर कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि मुस्लिम और दलित दोनों ही कांग्रेस से छिटक गया है और अपने-अपने कारणों से आम आदमी पार्टी के पास जा चुका है। कांग्रेस के कमजोर होने का सबसे बड़ी वजह यही रही और अब इसके चलते ही कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान से मान रहे हैं कि बिना गठबंधन के कोई हल नहीं निकलने वाला, क्योंकि दिल्ली की चुनावी लड़ाई अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच केंद्रित हो गई है।

केजरीवाल के लिए आसान नहीं दिल्ली चुनाव

वैसे इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए काफी मुश्किल भरा माना जा रहा है। ऐसे में चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रेस में पार्टी को इस बार कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच सालों में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, उन्हें जेल भी जाना पड़ा और केजरीवाल को सीएम पद से इस्तीफा देकर अतिशी को कमान सौंपनी पड़ी। ऐसे में आम आदमी पार्टी एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को नजरअंदाज नहीं कर रही है।

अवैध रूप से रहे बांग्लादेशियों पर कार्रवाई करें, एलजी वीके सक्सेना का आदेश, दो महीना का दिया वक्त
#bangladeshi_infiltrators_leave_delhi_in_2_months_lg_vinai_kumar_saxena_order
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों पर एक्शन का आदेश दिया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से जारी लेटर में सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर राजधानी में अवैध रूप से रहे बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पत्र में एलजी ने साफ तौर पर कहा है कि

राजभवन की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि दो महीने का विशेष अभियान चलाया जाए और अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों पर कार्रवाई की जाए। इसमें अवैध रूप से सड़क, पार्क, फुटपाथ आदि में रहने वाले घुसपैठियों पर एक्शन का आदेश दिया गया है।

*उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं से मुलाकात के बाद आदेश*
एलजी वीके सक्सेना ने यह कदम हजरत निजामुद्दीन और बस्ती हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद उठाया। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हमलों को लेकर हजरत निज़ामुद्दीन दरगाह क्षेत्र और बस्ती हज़रत निज़ामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की, जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। प्रतिनिधिमंडल ने इस मुलाकात में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के बारे में गहरी चिंता जताई थी। इसके साथ ही राजधानी में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

*उलेमाओं ने की थी ये मांग*
हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं ने एलजी को सौंपे ज्ञापन में मांग की थी कि अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशियों को तत्काल बाहर निकाला जाए। इन्हें न किराए पर घर दिए जाएंऔर न ही किसी प्रतिष्ठान में नौकरी दी जाए, जो लोग पहले से काम कर रहे हैं उन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। अगर किसी ने सड़क फुटबात पर कब्जा कर लिया है तो एमसीडी और पुलिस से कहकर उसे हटाया जाए। अगर किसी ने छल से कोई पहचान पत्र हासिल कर दिया है तो उसे निरस्त कर दिया जाए।

*क्या हैं एलजी के आदेश*
दिल्ली में रह रहे अवैध प्रवासी बांग्लादेशी लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की ओर से मुख्य सचिव ने पत्र जारी किया है। इसमें हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं का जिक्र कर कहा गया है कि दो माह के अंदर दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को चिह्नित किया जाए और इस संबंध में आख्या प्रस्तुत की जाए। इस पत्र में ये भी कहा गया है कि जो मुद्दा उठाया गया है वो बेहद गंभीर है। इसलिए हर सप्ताह ही इसकी रिपोर्ट दी जाए।
मोहम्मद यूनुस का एक और भारत विरोधी कदम, अब यूरोपीय देशों से बांग्लादेशी वीजा सेंटर दिल्ली से हटाने की मांग
#bangladesh_muhammad_yunus_european_union_ambassadors_visa_centers_shifted_from_delhi
* बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरों के बीच वहां की अंतरिम सरकार लगातार भारत विरोधी रूख अपनाए हुए है। ताजा घटनाक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद यूनुस ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्रों को दिल्ली से हटाकर ढाका या किसी अन्य पड़ोसी देश में स्थापित करें। सोमवार को ढाका में यूरोपीय संघ के देशों के राजनयिकों के साथ बैठक में यह आह्वान किया.। बांग्लादेश में नियुक्त यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख माइकल मिलर ने दोपहर 12 बजे राजधानी के तेजगांव स्थित मुख्य सलाहकार के कार्यालय में मोहम्मद यूनुस के साथ बैठक की। इस बैठक में 19 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए। इस दौरान यूनुस ने भारत के "वीजा प्रतिबंधों" को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "बांग्लादेशियों के लिए वीजा पर भारत के प्रतिबंधों ने कई छात्रों के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है, जो यूरोपीय वीजा के लिए दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकते हैं।" मोहम्मद यूनुस ने आरोप लगाया कि इसके परिणामस्वरूप यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिभाशाली बांग्लादेशी छात्रों से वंचित रह रहे हैं। यूनुस ने कहा कि कई छात्र दिल्ली जाकर यूरोपीय वीजा पाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि भारत ने बांग्लादेशियों के लिए वीजा प्रतिबंधित कर दिया है। परिणामस्वरूप, उनके शैक्षिक करियर को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। उन्होंने राजनयिकों से कहा, "वीजा कार्यालयों को ढाका या किसी नजदीकी देश में स्थानांतरित करने से बांग्लादेश और यूरोपीय संघ दोनों को लाभ होगा।" ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका के अधिकारियों ने बुल्गारिया का उदाहरण भी दिया, जिसने बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्र को पहले ही इंडोनेशिया और वियतनाम में ट्रांसफर कर दिया है। राजनयिकों ने कहा कि वे ढाका की सुधार पहल का समर्थन करते हैं और नये बांग्लादेश के निर्माण में सलाह और सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता का वादा करते हैं। इस बीच, बांग्लादेश ने सोमवार को कहा कि भारत ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए वीजा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का वादा किया है। यह बयान मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस की भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के ठीक बाद आया है। पर्यावरण सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने संवाददाताओं से कहा कि मिस्री ने बांग्लादेशी पक्ष से वादा किया है कि वह कदम उठाएंगे। मौजूदा समय में भारत बांग्लादेशियों को सीमित वीजा दे रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वे चिकित्सा और अन्य जरूरी कारणों से सीमित वीजा दे रहे हैं।
दिल्ली चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री, ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी को दिया टिकट
#delhi_chuna_2025_owaisi_gave_ticket_to_accused_of_delhi_riot_tahir_hussain
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले ही सियासी बिसातें बिछने लगीं हैं। चुनाव आयोग की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) धुआंधार तरीके से अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर रही है। इसी क्रम में दिल्ली विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की भी एंट्री हो गई है। एआईएमआईएम ने भी अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। पार्टी ने दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट दिया गया है। असदुद्दीन ओवैसी ने ताहिर हुसैन की उम्मीदवारी की औपचारिक रूप से ऐलान किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, एमसीडी पार्षद ताहिर हुसैन एआईएमआईएम में शामिल हुए। वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे। उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने आज मुझसे मुलाकात की और पार्टी में शामिल हुए। *बीजेपी हमलावर* ओवैसी की पार्टी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। जिसके बाद बीजेपी हमलावर है। ओवैसी के इस फैसले पर बीजेपी ने निशाना साधा है और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं। *“जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर...”* बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जिस ताहिर हुसैन ने दिल्ली में सैकड़ो हिंदुओं की हत्या की साजिश रची थी। जिसके घर से हिंदुओं को मारने के लिए बम, पत्थर, गुलेल रखे थे। जिसने IB ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या 400 बार चाकुओं से गोद कर शव नाले में फेंक दिया था। ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं। अगर दिल्ली में दुबारा दंगे करवाने की कोशिश की गई तो अंजाम तुम्हारी सात पीढ़ियां याद रखेंगी। *आप का हिस्सा रह चुके हैं ताहिर हुसैन* ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी का हिस्‍सा रहे हैं। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में उनका नाम सामने आने के बाद उन्‍हें आरोपी बनाया गया। वह आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद रह चुके हैं। लेकिन दंगों में नाम आने के बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। कुछ दिनों पहले ही ताहिर हुसैन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली थी, जिसके बाद उनके फिर से राजनीति में सक्रिय होने की चर्चा हो रही थी। अब ओवैसी की पार्टी ने उन्‍हें अपना उम्‍मीदवार बनाया है। ताहिर हुसैन के चुनाव मैदान में उतरने से आम आदमी पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती हैं। *अभी जेल में बंद हैं ताहिर हुसैन* दिल्ली की एक कोर्ट ने इस साल मई में 2020 के दिल्ली दंगों के एक मामले में पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी थी और कहा था कि उनकी भूमिका 'दूरस्थ प्रकृति की' थी और वह पहले ही तीन साल से अधिक समय हिरासत में बिता चुके हैं। हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी ताहिर हुसैन जेल में बंद हैं, क्योंकि वह दंगों के अन्य मामलों में भी आरोपी हैं, जिसमें सांप्रदायिक दंगे के पीछे साजिश और वित्तपोषण से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शामिल है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आप ने जारी की दूसरी सूची, मनीष सिसोदिया कीक सीट बदली, अवध ओझा को भी मिला टिकट

#aapreleasessecondlistofcandidatesfordelhiassembly_polls

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है। लिस्ट में भी कई नेताओं के टिकट कटे हैं तो कई की सीटों को बदल दिया गया है। जिनके सीट बदले गए हैं उसमें सबसे बड़ा नाम मनीष सिसोदिया का है। हाल ही में शिक्षक से नेता बने अवध ओझा को आप ने मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से टिकट दिया है। वहीं, मनीष सिसोदिया की सीट बदलकर उन्हें जंगपुरा से टिकट दिया गया है।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का अब तक ऐलान नहीं हुआ है। हालांकि, राजनीतिक दल चुनाव को लेकर सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी ने आज सोमवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 20 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया। आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अब तक पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई है और पार्टी ने उन्हें जंगपुरा सीट से मैदान में उतारा है। पटपड़गंज सीट से अवध ओझा को मैदान में उतारा गया है।

विधायक हाजी यूनूस का टिकट कटा

सिसोदिया के अलावा आप ने मुस्तफाबाद से आदिल अहमद खान को टिकट दिया है। जबकि मादीपुर सीट से राखी बिड़लान, जनकपुरी से प्रवीण कुमार, शाहदरा से पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी, गांधीनगर से नवीन चौधरी को उतारा गया है। हालांकि मौजूदा विधायक हाजी यूनूस का टिकट काट दिया गया।

पहली लिस्ट में कटे 3 विधायकों के टिकट

पिछले महीने 21 नवंबर को आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 11 लोगों को टिकट दिया था, जिसमें 3 वर्तमान विधायकों के टिकट काट दिए गए। साथ ही पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस से आप में आए 6 नेताओं को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया।

बीजेपी से आए 3 नेताओं को मिला टिकट

पहली लिस्ट में बड़े नामों में पूर्व विधायक ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी और अनिल झा का नाम शामिल था। ये तीनों पिछले दिनों बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। इनके अलावा वीर सिंह धींगान, सुमेश शौकीन और जुबैर चौधरी को भी टिकट दिया गया. ये तीनों पहले कांग्रेस में थे, बाद में आप में आ गए। छतरपुर सीट से ब्रह्म सिंह मैदान में उतारा गया, तो लक्ष्मी नगर सीट से बीबी त्यागी अपनी किस्मत आजमाएंगे। पिछले चुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इसी तरह मटियाला सीट से आप ने मौजूदा विधायक गुलाब सिंह का टिकट काटकर उनकी जगह कांग्रेस से पार्टी में आए पूर्व विधायक सुमेश शौकीन को मौका दिया है।

दिल्ली में स्कूलों को फिर बम से उड़ाने की धमकी, कई स्कूल हुए बंद

#delhidpsrkpuramandgdgoenkaschoolgetbombthreat

देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर स्कूलों को धमकी मिली है। दिल्ली के चालीस से अधिक स्‍कूलों में फिर से बम से उड़ाने की धमकी मिली है। धमकी को ईमेल के जरिए भेजा गया है। 8 दिसंबर को रात करीब 11:38 बजे मेल आया। मेल भेजने वाले ने तीस हजार डॉलर मांगा है।धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद स्कूलों ने बच्चों को वापस घर भेज दिया है। कई स्कूल बंद हो गए हैं। बम की धमकी के बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस जानकारी दी गई है।

जिन स्कूलों के बम से उड़ाने की धमकी दी गई है, इनमें आरके पुरम, पश्चिम विहार और मयूर विहार फेज-1 स्थित स्कूल शामिल हैं।इस बार ब्रिटिश स्कूल, सलवान स्कूल, माडर्न स्कूल, कैंब्रिज स्कूल,डीएवी स्कूल, डीपीएस और जीडी गोयनका समेत 40 स्कूल शामिल है। दिल्ली अग्निशमन विभाग को सुबह करीब 7 बजे इस घटना की जानकारी दी गई। हालंकि बाद में पुलिस ने इस ईमेल को फर्जी बताया।

ईमेल करने वाले ने मांगे पैसे

दिल्ली पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को दिल्ली के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। जिसमें डीपीएस आर के पूरम और पश्चिम विहार के जीडी गोयनका स्कूल, मदर मैरी स्कूल, ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल समेत कई स्कूल शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आज 40 से ज्यादा स्कूलों को ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। मेल में लिखा है कि मैंने इमारतों के अंदर कई बम लगाए हैं। बम छोटे हैं और बहुत अच्छी तरह से छिपाए गए हैं। इससे इमारत को ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन बमों के फटने से कई लोग घायल हो जाएंगे। अगर मुझे 30,000 डॉलर नहीं मिले तो मैं बम विस्फोट कर दूंगा।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

यह ताजा घटना एक महीने से भी अधिक समय बाद हुई है, जब दिल्ली के दो और हैदराबाद के एक स्कूल सहित देश भर के कई सीआरपीएफ स्कूलों को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी। तमिलनाडु के एक सीआरपीएफ स्कूल को 21 अक्टूबर की रात को सबसे पहले धमकी मिली थी, जिसके बाद देश के सभी संबद्ध स्कूलों को अलर्ट भेजा गया था। हालांकि, यह धमकी एक धोखा साबित हुई। 20 अक्टूबर को, दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक सीआरपीएफ स्कूल की दीवार में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिससे आस-पास की दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और इमारत की दीवार में भी छेद हो गया। इसके परिणामस्वरूप किसी के हताहत होने या घायल होने की कोई खबर नहीं आई।

झूठी धमकियों की संख्या में बढ़ोतरी

संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा था कि एयरलाइनों को मिलने वाली झूठी धमकियों की संख्या 2023 में 122 से बढ़कर 2024 में 994 हो गई है, जो 714.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। जून में एयरलाइनों को 666 बम धमकियों वाली कॉल मिली हैं। जून में ऐसी 122 धमकियां मिल चुकी हैं। वहीं, सितंबर और अक्टूबर 2023 में 15 धमकियों वाली कॉल दर्ज की गई थी।

मसूद अजहर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच एक कूटनीतिक संघर्ष और पाकिस्तान का दोहरा चरित्र

#newdelhidemandsstrictactionagainstmasoodazharclaimimgpakistansduplicity

Masood Azhar

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर, भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का केंद्रीय मुद्दा बने हुए हैं। भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। ऐसी खबरें सामने आई हैं कि उसने हाल ही में पाकिस्तान के शहर बहावलपुर में एक सार्वजनिक सभा में भाषण दिया है। नई दिल्ली ने कहा कि पाकिस्तान का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।अजहर, जो भारत में 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई प्रमुख हमलों में शामिल रहे हैं, दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का मुख्य कारण हैं। 

पृष्ठभूमि और बढ़ता तनाव

मसूद अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी, और इस समूह को भारत में कई आतंकवादी हमलों से जोड़ा गया है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद, जिसमें 40 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में जैश के प्रशिक्षण शिविरों पर एयरस्ट्राइक की, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया।

संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध और भारत की कूटनीतिक सफलता

भारत ने लंबे समय से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की मांग की थी। मई 2019 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जो एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा गया। इस कदम ने अजहर की संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिया और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए। यह कदम भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता था, जिसे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम माना गया।

कूटनीतिक चुनौतियां और पाकिस्तान का रुख

हालांकि, यह कदम केवल एक कूटनीतिक जीत थी, मसूद अजहर का प्रभाव और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां अब भी एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। पाकिस्तान ने बार-बार यह दावा किया है कि वह अजहर और उसके समूह पर नियंत्रण नहीं रखता, लेकिन भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि पाकिस्तान के सैन्य और खुफिया तंत्र ने इन आतंकवादी समूहों को समर्थन दिया है। भारत अब भी पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है कि वह आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए।

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

मसूद अजहर पाकिस्तान के लिए केवल एक आतंकी नेता नहीं, बल्कि कश्मीर में आतंकवाद और संघर्ष का प्रतीक बन चुके हैं। भारत के लिए, अजहर पाकिस्तानी आतंकवाद को रोकने में पाकिस्तान की विफलता का प्रतीक बन गए हैं। भारत अब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बना रहा है कि पाकिस्तान जैश और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए। मसूद अजहर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच जटिल और संवेदनशील संबंधों का एक मुख्य कारण बना हुआ है। हालांकि भारत ने UNSC में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर कूटनीतिक सफलता प्राप्त की है, लेकिन अजहर और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित आतंकवाद की समस्या अब भी बरकरार है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और भारत के कूटनीतिक प्रयास इस मुद्दे के समाधान के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

डिप्टी सीएम बनते ही अजित पवार को बड़ी राहत, आयकर विभाग लौटाएगा करोड़ों की प्रॉपर्टी

#ajit_pawar_property_case_delhi_tribunal_court_gives_clean_chit

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ लेने के दूसरे दिन ही अजित पवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।दिल्ली की बेनामी ट्रिब्यूलन कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में अजित पवार की सीज की हुई संपत्तियों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अटैचमेंट से मुक्त कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद आयकर विभाग की तरफ से जब्त संपत्ति लौटा दी जाएगी। तीन साल पहले जांच के बाद अजित पवार, उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और बेटे पार्थ पवार की संपत्ति आयकर विभाग ने अटैच कर ली थी।

साल 2021 में आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के मामले में अजित पवार, उनके बेटे पार्थ पवार और पत्नी सुमित्रा पवार की संपत्ति सीज की थी। इनकम टैक्स विभाग ने रेड के बादस्पार्कलिंग सॉइल, गुरु कमोडिटीज, फायर पावर एग्री फार्म और निबोध ट्रेडिंग कंपनी से संबंधित उनकीसंपत्तियां जब्त कर थी, जिसे रिलीज किया गया है। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति रोकथाम अधिनियम के तहत एक हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। आयकर विभाग ने कई कंपनियों पर छापे मारे जिसमें ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जो कथित तौर पर बेनामी पाए गए। आयकर विभाग ने इन संपत्तियों का स्वामित्व कथित तौर पर अजित पवार और उनके परिवार से जुड़े होने का दावा किया। हालांकि, न्यायाधिकरण ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि इसके पक्ष में पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

इसमें यह भी कहा गया कि विचाराधीन संपत्तियों के लिए सभी भुगतान वैध माध्यमों से किए गए थे। ट्रिब्यूनल ने आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है कि अजित पवार, सुनेत्रा पवार और पार्थ पवार ने बेनामी संपत्तियां खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर किया।

संजय राउत ने कसा तंज

वहीं, इस मामले पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, "अजित पवार बीजेपी के साथ आए, तो सब वाशिंग मशीन से साफ हो गया। बीजेपी से हाथ मिलाइए तो सब साफ हो जाता है।" नवाब मलिक को क्लीन चिट मिल गई। बीजेपी के साथ में जाते ही सब आरोप खत्म हो गए। सब वाशिंग मशीन में धुल गए। इस देश में क्या हो रहा है।

बता दें कि महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व में महायुति की सरकार बनी है। भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि उनके साथ अजित पवार और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।अजित पवार ने 5 दिसंबर को राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके दूसरे दिन अजित पवार को कोर्ट से राहत मिल गई।

दिल्ली जाने पर अड़े किसान, एंट्री की जिद पर आंसू गैस के गोले दागे गए

#farmersmarchtodelhikisan_andolan

किसान आंदोलन के चलते 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाना चाहता था। हालांकि किसानों के पास इसकी परमीशन नहीं है। इसको देखते हुए पुलिस ने भी पुख्ता इंतजाम किया है। पुलिस ने सुरक्षा को देखते हुए बॉर्डर के आसपास बैरिकैडिंग कर दी है। हालांकि, किसान अपनी जिद्द पर अड़े हैं। जिसके बाद हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया है।

रास्तों पर लगे लोहे की कीलों को किसान ने हटाया

किसानों को हरियाणा की तरफ से वापस जाने की अपील की जा रही है। वहीं किसानों का कहना है कि हमें अपनी राजधानी में जाने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। हरियाणा पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए लोहे की कीलें लगाई गई हैं। यह कीलें सीमेंट में गाड़ रखी हैं ताकि गाड़ियां आगे ना जा सकें। किसान कंटीले तारों को रास्ते से हटा रहे हैं ताकि वे अपनी गाड़ियों को वहां ला सकें। किसानों को कहना है कि हरियाणा सरकार हमें न रोके, हमारी लड़ाई केंद्र सरकार से हैं।

किसानों की वीडियोग्राफी

हरियाणा की और से लगातार किसानों की वीडियोग्राफी की जा रही है। मौके पर घोषणा भी की गई कि सरकारी संपत्ति का नुक्सान न करो, पुलिस कार्रवाई की जाएगी। किसान आगे बढ़ने को अडिग हैं।

या तो सरकार दिल्ली आने दे या फिर बात करे, बोले किसान नेता सरवन सिंह

शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दिया जाए या फिर हमारी मांगों पर हमसे बात की जाए। किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं। हम कहते रहे हैं कि अगर सरकार बात करना चाहती है तो हमें केंद्र सरकार या हरियाणा या पंजाब के सीएम ऑफिस का पत्र दिखाए। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमारी मांगें मान ले। उन्हें हमें दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए जगह देनी चाहिए। अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बहाल करनी चाहिए। या तो हमें दिल्ली जाने दिया जाए या फिर हमसे बात की जाए।"

आज किसानों का दिल्ली कूच, बॉर्डर पर बैरिकेडिंग, चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा

#farmersdelhimarch

पिछले 8 महीने से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठन एक बार फिर दिल्ली कूच करने के लिए तैयार हैं। एमएसपी लागू करने व अन्य मांगों को लेकर 297 दिन से बॉर्डर पर डटे किसान शुक्रवार दोपहर एक बजे शंभू बॉर्डरों से पैदल दिल्ली कूच करेंगे। किसानों ने इसे 'दिल्ली चलो' आंदोलन नाम दिया है। शंभू-खनौरी बॉर्डरों पर करीब 10 हजार किसान जमा हो गए हैं। इन्हें रोकने के लिए हरियाणा ने दोनों बॉर्डरों पर अर्द्धसैनिक बलों की 29 कंपनियां तैनात की गई हैं। किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर पुलिस ने अंबाला-दिल्ली सीमा पर सुरक्षा कड़ी करते हुए बैरिकेडिंग कर दी है।

ये दिल्ली चलो आंदोलन किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में हो रहा है। अपने फैसले के बारे में बात करते हुए पंधेर ने कहा,'हम यहां पिछले 8 महीनों से बैठे हैं। हमारे ट्रैक्टरों को मॉडिफाइड कहकर हम पर आरोप लगाया गया, इसलिए हमने अब पैदल दिल्ली जाने का फैसला किया है। किसानों के आंदोलन को हरियाणा के खाप पंचायतों और व्यापारिक समुदाय सहित व्यापक समर्थन मिल रहा है।'

101 किसानों का जत्था दिल्ली जाएगा

किसान आंदोलन में शुक्रवार को दिल्ली कूच से पहले अंबाला के शंभू बाॅर्डर पर सुबह दस बजे किसानों ने अरदास की है और श्री गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर स्टेज की तरफ गए हैं। यहां पर पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। किसान दोपहर बाद दिल्ली जाएंगे। 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाएगा। इसमें बुजुर्ग किसानों को शामिल किया गया है।

मार्च में शामिल होंगे ये किसान नेता

आज शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का पहला जत्था रवाना होगा। इस जत्थे में किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह शामिल होंगे। ये जत्था जरूरी सामान लेकर दिल्ली रवाना होगा और शांतिपूर्ण मार्च करेगा। पहला जत्था अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर, मोहरा अनाज मंडी, खानपुर जट्टन और हरियाणा के पिपली में रुकने के बाद दिल्ली की ओर बढ़ेगा। आज जत्था 1 बजे रवाना होगा, लेकिन रोजाना किसान 9 बजे सुबह से शाम 5 बजे तक चलेंगे और रात सड़क पर बिताएंगे।

कई किसान नेताओं ने दिल्ली मार्च से बनाई दूरी

किसानों के दिल्ली मार्च से संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने खुद को अलग कर लिया है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा,'हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई, इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है. हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं. वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.' ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि SKM इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है.

किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सतर्क हुई दिल्ली और हरियाणा पुलिस

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने एहतियातन शंभू बॉर्डर पर सात स्तरीय बैरिकेडिंग कर दी है। सीमेंट की दीवारों के साथ लोहे की कीलें व कंटीली तार लगाई गई है। इनके अलावा वाटर कैनन वैन व आंसू गैस के गोले फेंकने वाले ड्रोन से सुरक्षा चक्रव्यूह और मजबूत किया गया है। हरियाणा पुलिस ने आगामी आदेश तक पुलिस कर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं। दातासिंहवाला बॉर्डर पर पुलिस ने नाकाबंदी की है। इन दोनों सीमाओं से आम लोग आवागमन नहीं कर पाएंगे। सिर्फ ट्रेन के जरिये ही लोग पंजाब जा सकते हैं। इसके अलावा पंजाब से सटे कैथल, कुरुक्षेत्र, सिरसा और फतेहाबाद की सीमाओं पर पुलिस ने चाैकसी बढ़ा दी है। हालांकि अभी यहां से लोगों का आवागमन जारी है। सिरसा के मलोट, बठिंडा और मुसाहिबवाला बाॅर्डर पर एसपी विक्रांत भूषण ने सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। पुलिस जवानों की मॉक ड्रिल भी करवाई गई। सिरसा व जींद में भी धारा 163 लागू कर दी गई है। अंबाला में एक दिन पहले ही धारा 163 लगाई जा चुकी है।

आप ने दिया कांग्रेस को जोर का झटका, केजरीवाल ने कांग्रेस संग गठबंधन की अटकलों पर लगाया विराम

#delhielectionnoaapcongressalliancearvindkejriwalstatement

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों को अरविंद केजरीवाल ने खारिज किया है। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी दिल्ली अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।

दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात अंतिम चरण में है। गठबंधन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य दलों को भी शामिल करने की बात सामने आई। कहा जा रहा था कि कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य इंडिया गठबंधन सदस्यों को 1 या 2 सीटें मिल सकती हैं। बाकी सीटों पर आम आदमी पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।

एएनआई के दावे पर अरविंद केजरीवाल ने खंडन किया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एनआई के पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली में इस चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन को कोई संभावना नहीं है।'

आप-कांग्रेस गठबंधन की लग रहीं थी अटकलें

बता दें कि मंगलवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के नेता आप के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। इसके बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के नेता पहुंचे शरद पवार के घर पहुंचे। जिसके बाद ये कयास लगने और तेज हो गए कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है।

कांग्रेस के पास अकेले लड़ने की “ताकत” नहीं

इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर चुके हैं।आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनों से लगातार इनकार कर रही है, लेकिन कांग्रेस अपने सियासी ताकत को समझ रही हैं। कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि अकेले चुनाव लड़ने पर कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि मुस्लिम और दलित दोनों ही कांग्रेस से छिटक गया है और अपने-अपने कारणों से आम आदमी पार्टी के पास जा चुका है। कांग्रेस के कमजोर होने का सबसे बड़ी वजह यही रही और अब इसके चलते ही कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान से मान रहे हैं कि बिना गठबंधन के कोई हल नहीं निकलने वाला, क्योंकि दिल्ली की चुनावी लड़ाई अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच केंद्रित हो गई है।

केजरीवाल के लिए आसान नहीं दिल्ली चुनाव

वैसे इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए काफी मुश्किल भरा माना जा रहा है। ऐसे में चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रेस में पार्टी को इस बार कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच सालों में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, उन्हें जेल भी जाना पड़ा और केजरीवाल को सीएम पद से इस्तीफा देकर अतिशी को कमान सौंपनी पड़ी। ऐसे में आम आदमी पार्टी एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को नजरअंदाज नहीं कर रही है।

अवैध रूप से रहे बांग्लादेशियों पर कार्रवाई करें, एलजी वीके सक्सेना का आदेश, दो महीना का दिया वक्त
#bangladeshi_infiltrators_leave_delhi_in_2_months_lg_vinai_kumar_saxena_order
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों पर एक्शन का आदेश दिया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से जारी लेटर में सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर राजधानी में अवैध रूप से रहे बांग्लादेशियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पत्र में एलजी ने साफ तौर पर कहा है कि

राजभवन की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि दो महीने का विशेष अभियान चलाया जाए और अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों पर कार्रवाई की जाए। इसमें अवैध रूप से सड़क, पार्क, फुटपाथ आदि में रहने वाले घुसपैठियों पर एक्शन का आदेश दिया गया है।

*उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं से मुलाकात के बाद आदेश*
एलजी वीके सक्सेना ने यह कदम हजरत निजामुद्दीन और बस्ती हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद उठाया। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हमलों को लेकर हजरत निज़ामुद्दीन दरगाह क्षेत्र और बस्ती हज़रत निज़ामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की, जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। प्रतिनिधिमंडल ने इस मुलाकात में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के बारे में गहरी चिंता जताई थी। इसके साथ ही राजधानी में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

*उलेमाओं ने की थी ये मांग*
हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं ने एलजी को सौंपे ज्ञापन में मांग की थी कि अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशियों को तत्काल बाहर निकाला जाए। इन्हें न किराए पर घर दिए जाएंऔर न ही किसी प्रतिष्ठान में नौकरी दी जाए, जो लोग पहले से काम कर रहे हैं उन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। अगर किसी ने सड़क फुटबात पर कब्जा कर लिया है तो एमसीडी और पुलिस से कहकर उसे हटाया जाए। अगर किसी ने छल से कोई पहचान पत्र हासिल कर दिया है तो उसे निरस्त कर दिया जाए।

*क्या हैं एलजी के आदेश*
दिल्ली में रह रहे अवैध प्रवासी बांग्लादेशी लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की ओर से मुख्य सचिव ने पत्र जारी किया है। इसमें हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं का जिक्र कर कहा गया है कि दो माह के अंदर दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को चिह्नित किया जाए और इस संबंध में आख्या प्रस्तुत की जाए। इस पत्र में ये भी कहा गया है कि जो मुद्दा उठाया गया है वो बेहद गंभीर है। इसलिए हर सप्ताह ही इसकी रिपोर्ट दी जाए।
मोहम्मद यूनुस का एक और भारत विरोधी कदम, अब यूरोपीय देशों से बांग्लादेशी वीजा सेंटर दिल्ली से हटाने की मांग
#bangladesh_muhammad_yunus_european_union_ambassadors_visa_centers_shifted_from_delhi
* बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरों के बीच वहां की अंतरिम सरकार लगातार भारत विरोधी रूख अपनाए हुए है। ताजा घटनाक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद यूनुस ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्रों को दिल्ली से हटाकर ढाका या किसी अन्य पड़ोसी देश में स्थापित करें। सोमवार को ढाका में यूरोपीय संघ के देशों के राजनयिकों के साथ बैठक में यह आह्वान किया.। बांग्लादेश में नियुक्त यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख माइकल मिलर ने दोपहर 12 बजे राजधानी के तेजगांव स्थित मुख्य सलाहकार के कार्यालय में मोहम्मद यूनुस के साथ बैठक की। इस बैठक में 19 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए। इस दौरान यूनुस ने भारत के "वीजा प्रतिबंधों" को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "बांग्लादेशियों के लिए वीजा पर भारत के प्रतिबंधों ने कई छात्रों के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है, जो यूरोपीय वीजा के लिए दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकते हैं।" मोहम्मद यूनुस ने आरोप लगाया कि इसके परिणामस्वरूप यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिभाशाली बांग्लादेशी छात्रों से वंचित रह रहे हैं। यूनुस ने कहा कि कई छात्र दिल्ली जाकर यूरोपीय वीजा पाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि भारत ने बांग्लादेशियों के लिए वीजा प्रतिबंधित कर दिया है। परिणामस्वरूप, उनके शैक्षिक करियर को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। उन्होंने राजनयिकों से कहा, "वीजा कार्यालयों को ढाका या किसी नजदीकी देश में स्थानांतरित करने से बांग्लादेश और यूरोपीय संघ दोनों को लाभ होगा।" ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका के अधिकारियों ने बुल्गारिया का उदाहरण भी दिया, जिसने बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्र को पहले ही इंडोनेशिया और वियतनाम में ट्रांसफर कर दिया है। राजनयिकों ने कहा कि वे ढाका की सुधार पहल का समर्थन करते हैं और नये बांग्लादेश के निर्माण में सलाह और सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता का वादा करते हैं। इस बीच, बांग्लादेश ने सोमवार को कहा कि भारत ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए वीजा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का वादा किया है। यह बयान मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस की भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के ठीक बाद आया है। पर्यावरण सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने संवाददाताओं से कहा कि मिस्री ने बांग्लादेशी पक्ष से वादा किया है कि वह कदम उठाएंगे। मौजूदा समय में भारत बांग्लादेशियों को सीमित वीजा दे रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वे चिकित्सा और अन्य जरूरी कारणों से सीमित वीजा दे रहे हैं।
दिल्ली चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री, ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी को दिया टिकट
#delhi_chuna_2025_owaisi_gave_ticket_to_accused_of_delhi_riot_tahir_hussain
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले ही सियासी बिसातें बिछने लगीं हैं। चुनाव आयोग की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) धुआंधार तरीके से अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर रही है। इसी क्रम में दिल्ली विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की भी एंट्री हो गई है। एआईएमआईएम ने भी अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। पार्टी ने दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट दिया गया है। असदुद्दीन ओवैसी ने ताहिर हुसैन की उम्मीदवारी की औपचारिक रूप से ऐलान किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, एमसीडी पार्षद ताहिर हुसैन एआईएमआईएम में शामिल हुए। वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे। उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने आज मुझसे मुलाकात की और पार्टी में शामिल हुए। *बीजेपी हमलावर* ओवैसी की पार्टी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। जिसके बाद बीजेपी हमलावर है। ओवैसी के इस फैसले पर बीजेपी ने निशाना साधा है और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं। *“जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर...”* बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'जिस ताहिर हुसैन ने दिल्ली में सैकड़ो हिंदुओं की हत्या की साजिश रची थी। जिसके घर से हिंदुओं को मारने के लिए बम, पत्थर, गुलेल रखे थे। जिसने IB ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या 400 बार चाकुओं से गोद कर शव नाले में फेंक दिया था। ऐसे जिहादी को चुनाव मैदान में उतारकर दिल्ली के हिंदुओं को चुनौती देने की कोशिश की जा रही हैं। अगर दिल्ली में दुबारा दंगे करवाने की कोशिश की गई तो अंजाम तुम्हारी सात पीढ़ियां याद रखेंगी। *आप का हिस्सा रह चुके हैं ताहिर हुसैन* ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी का हिस्‍सा रहे हैं। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में उनका नाम सामने आने के बाद उन्‍हें आरोपी बनाया गया। वह आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद रह चुके हैं। लेकिन दंगों में नाम आने के बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। कुछ दिनों पहले ही ताहिर हुसैन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली थी, जिसके बाद उनके फिर से राजनीति में सक्रिय होने की चर्चा हो रही थी। अब ओवैसी की पार्टी ने उन्‍हें अपना उम्‍मीदवार बनाया है। ताहिर हुसैन के चुनाव मैदान में उतरने से आम आदमी पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती हैं। *अभी जेल में बंद हैं ताहिर हुसैन* दिल्ली की एक कोर्ट ने इस साल मई में 2020 के दिल्ली दंगों के एक मामले में पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी थी और कहा था कि उनकी भूमिका 'दूरस्थ प्रकृति की' थी और वह पहले ही तीन साल से अधिक समय हिरासत में बिता चुके हैं। हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी ताहिर हुसैन जेल में बंद हैं, क्योंकि वह दंगों के अन्य मामलों में भी आरोपी हैं, जिसमें सांप्रदायिक दंगे के पीछे साजिश और वित्तपोषण से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शामिल है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आप ने जारी की दूसरी सूची, मनीष सिसोदिया कीक सीट बदली, अवध ओझा को भी मिला टिकट

#aapreleasessecondlistofcandidatesfordelhiassembly_polls

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है। लिस्ट में भी कई नेताओं के टिकट कटे हैं तो कई की सीटों को बदल दिया गया है। जिनके सीट बदले गए हैं उसमें सबसे बड़ा नाम मनीष सिसोदिया का है। हाल ही में शिक्षक से नेता बने अवध ओझा को आप ने मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से टिकट दिया है। वहीं, मनीष सिसोदिया की सीट बदलकर उन्हें जंगपुरा से टिकट दिया गया है।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का अब तक ऐलान नहीं हुआ है। हालांकि, राजनीतिक दल चुनाव को लेकर सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी ने आज सोमवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 20 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया। आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अब तक पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई है और पार्टी ने उन्हें जंगपुरा सीट से मैदान में उतारा है। पटपड़गंज सीट से अवध ओझा को मैदान में उतारा गया है।

विधायक हाजी यूनूस का टिकट कटा

सिसोदिया के अलावा आप ने मुस्तफाबाद से आदिल अहमद खान को टिकट दिया है। जबकि मादीपुर सीट से राखी बिड़लान, जनकपुरी से प्रवीण कुमार, शाहदरा से पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी, गांधीनगर से नवीन चौधरी को उतारा गया है। हालांकि मौजूदा विधायक हाजी यूनूस का टिकट काट दिया गया।

पहली लिस्ट में कटे 3 विधायकों के टिकट

पिछले महीने 21 नवंबर को आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 11 लोगों को टिकट दिया था, जिसमें 3 वर्तमान विधायकों के टिकट काट दिए गए। साथ ही पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस से आप में आए 6 नेताओं को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया।

बीजेपी से आए 3 नेताओं को मिला टिकट

पहली लिस्ट में बड़े नामों में पूर्व विधायक ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी और अनिल झा का नाम शामिल था। ये तीनों पिछले दिनों बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। इनके अलावा वीर सिंह धींगान, सुमेश शौकीन और जुबैर चौधरी को भी टिकट दिया गया. ये तीनों पहले कांग्रेस में थे, बाद में आप में आ गए। छतरपुर सीट से ब्रह्म सिंह मैदान में उतारा गया, तो लक्ष्मी नगर सीट से बीबी त्यागी अपनी किस्मत आजमाएंगे। पिछले चुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इसी तरह मटियाला सीट से आप ने मौजूदा विधायक गुलाब सिंह का टिकट काटकर उनकी जगह कांग्रेस से पार्टी में आए पूर्व विधायक सुमेश शौकीन को मौका दिया है।

दिल्ली में स्कूलों को फिर बम से उड़ाने की धमकी, कई स्कूल हुए बंद

#delhidpsrkpuramandgdgoenkaschoolgetbombthreat

देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर स्कूलों को धमकी मिली है। दिल्ली के चालीस से अधिक स्‍कूलों में फिर से बम से उड़ाने की धमकी मिली है। धमकी को ईमेल के जरिए भेजा गया है। 8 दिसंबर को रात करीब 11:38 बजे मेल आया। मेल भेजने वाले ने तीस हजार डॉलर मांगा है।धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद स्कूलों ने बच्चों को वापस घर भेज दिया है। कई स्कूल बंद हो गए हैं। बम की धमकी के बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस जानकारी दी गई है।

जिन स्कूलों के बम से उड़ाने की धमकी दी गई है, इनमें आरके पुरम, पश्चिम विहार और मयूर विहार फेज-1 स्थित स्कूल शामिल हैं।इस बार ब्रिटिश स्कूल, सलवान स्कूल, माडर्न स्कूल, कैंब्रिज स्कूल,डीएवी स्कूल, डीपीएस और जीडी गोयनका समेत 40 स्कूल शामिल है। दिल्ली अग्निशमन विभाग को सुबह करीब 7 बजे इस घटना की जानकारी दी गई। हालंकि बाद में पुलिस ने इस ईमेल को फर्जी बताया।

ईमेल करने वाले ने मांगे पैसे

दिल्ली पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को दिल्ली के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। जिसमें डीपीएस आर के पूरम और पश्चिम विहार के जीडी गोयनका स्कूल, मदर मैरी स्कूल, ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल समेत कई स्कूल शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आज 40 से ज्यादा स्कूलों को ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। मेल में लिखा है कि मैंने इमारतों के अंदर कई बम लगाए हैं। बम छोटे हैं और बहुत अच्छी तरह से छिपाए गए हैं। इससे इमारत को ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन बमों के फटने से कई लोग घायल हो जाएंगे। अगर मुझे 30,000 डॉलर नहीं मिले तो मैं बम विस्फोट कर दूंगा।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

यह ताजा घटना एक महीने से भी अधिक समय बाद हुई है, जब दिल्ली के दो और हैदराबाद के एक स्कूल सहित देश भर के कई सीआरपीएफ स्कूलों को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी। तमिलनाडु के एक सीआरपीएफ स्कूल को 21 अक्टूबर की रात को सबसे पहले धमकी मिली थी, जिसके बाद देश के सभी संबद्ध स्कूलों को अलर्ट भेजा गया था। हालांकि, यह धमकी एक धोखा साबित हुई। 20 अक्टूबर को, दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक सीआरपीएफ स्कूल की दीवार में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिससे आस-पास की दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और इमारत की दीवार में भी छेद हो गया। इसके परिणामस्वरूप किसी के हताहत होने या घायल होने की कोई खबर नहीं आई।

झूठी धमकियों की संख्या में बढ़ोतरी

संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा था कि एयरलाइनों को मिलने वाली झूठी धमकियों की संख्या 2023 में 122 से बढ़कर 2024 में 994 हो गई है, जो 714.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। जून में एयरलाइनों को 666 बम धमकियों वाली कॉल मिली हैं। जून में ऐसी 122 धमकियां मिल चुकी हैं। वहीं, सितंबर और अक्टूबर 2023 में 15 धमकियों वाली कॉल दर्ज की गई थी।

मसूद अजहर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच एक कूटनीतिक संघर्ष और पाकिस्तान का दोहरा चरित्र

#newdelhidemandsstrictactionagainstmasoodazharclaimimgpakistansduplicity

Masood Azhar

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर, भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का केंद्रीय मुद्दा बने हुए हैं। भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। ऐसी खबरें सामने आई हैं कि उसने हाल ही में पाकिस्तान के शहर बहावलपुर में एक सार्वजनिक सभा में भाषण दिया है। नई दिल्ली ने कहा कि पाकिस्तान का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।अजहर, जो भारत में 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई प्रमुख हमलों में शामिल रहे हैं, दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का मुख्य कारण हैं। 

पृष्ठभूमि और बढ़ता तनाव

मसूद अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी, और इस समूह को भारत में कई आतंकवादी हमलों से जोड़ा गया है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद, जिसमें 40 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में जैश के प्रशिक्षण शिविरों पर एयरस्ट्राइक की, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया।

संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध और भारत की कूटनीतिक सफलता

भारत ने लंबे समय से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की मांग की थी। मई 2019 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जो एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा गया। इस कदम ने अजहर की संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिया और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए। यह कदम भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता था, जिसे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम माना गया।

कूटनीतिक चुनौतियां और पाकिस्तान का रुख

हालांकि, यह कदम केवल एक कूटनीतिक जीत थी, मसूद अजहर का प्रभाव और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां अब भी एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। पाकिस्तान ने बार-बार यह दावा किया है कि वह अजहर और उसके समूह पर नियंत्रण नहीं रखता, लेकिन भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि पाकिस्तान के सैन्य और खुफिया तंत्र ने इन आतंकवादी समूहों को समर्थन दिया है। भारत अब भी पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है कि वह आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए।

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

मसूद अजहर पाकिस्तान के लिए केवल एक आतंकी नेता नहीं, बल्कि कश्मीर में आतंकवाद और संघर्ष का प्रतीक बन चुके हैं। भारत के लिए, अजहर पाकिस्तानी आतंकवाद को रोकने में पाकिस्तान की विफलता का प्रतीक बन गए हैं। भारत अब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बना रहा है कि पाकिस्तान जैश और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए। मसूद अजहर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच जटिल और संवेदनशील संबंधों का एक मुख्य कारण बना हुआ है। हालांकि भारत ने UNSC में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर कूटनीतिक सफलता प्राप्त की है, लेकिन अजहर और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित आतंकवाद की समस्या अब भी बरकरार है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और भारत के कूटनीतिक प्रयास इस मुद्दे के समाधान के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

डिप्टी सीएम बनते ही अजित पवार को बड़ी राहत, आयकर विभाग लौटाएगा करोड़ों की प्रॉपर्टी

#ajit_pawar_property_case_delhi_tribunal_court_gives_clean_chit

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ लेने के दूसरे दिन ही अजित पवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।दिल्ली की बेनामी ट्रिब्यूलन कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में अजित पवार की सीज की हुई संपत्तियों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अटैचमेंट से मुक्त कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद आयकर विभाग की तरफ से जब्त संपत्ति लौटा दी जाएगी। तीन साल पहले जांच के बाद अजित पवार, उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और बेटे पार्थ पवार की संपत्ति आयकर विभाग ने अटैच कर ली थी।

साल 2021 में आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के मामले में अजित पवार, उनके बेटे पार्थ पवार और पत्नी सुमित्रा पवार की संपत्ति सीज की थी। इनकम टैक्स विभाग ने रेड के बादस्पार्कलिंग सॉइल, गुरु कमोडिटीज, फायर पावर एग्री फार्म और निबोध ट्रेडिंग कंपनी से संबंधित उनकीसंपत्तियां जब्त कर थी, जिसे रिलीज किया गया है। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति रोकथाम अधिनियम के तहत एक हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। आयकर विभाग ने कई कंपनियों पर छापे मारे जिसमें ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जो कथित तौर पर बेनामी पाए गए। आयकर विभाग ने इन संपत्तियों का स्वामित्व कथित तौर पर अजित पवार और उनके परिवार से जुड़े होने का दावा किया। हालांकि, न्यायाधिकरण ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि इसके पक्ष में पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

इसमें यह भी कहा गया कि विचाराधीन संपत्तियों के लिए सभी भुगतान वैध माध्यमों से किए गए थे। ट्रिब्यूनल ने आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है कि अजित पवार, सुनेत्रा पवार और पार्थ पवार ने बेनामी संपत्तियां खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर किया।

संजय राउत ने कसा तंज

वहीं, इस मामले पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, "अजित पवार बीजेपी के साथ आए, तो सब वाशिंग मशीन से साफ हो गया। बीजेपी से हाथ मिलाइए तो सब साफ हो जाता है।" नवाब मलिक को क्लीन चिट मिल गई। बीजेपी के साथ में जाते ही सब आरोप खत्म हो गए। सब वाशिंग मशीन में धुल गए। इस देश में क्या हो रहा है।

बता दें कि महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व में महायुति की सरकार बनी है। भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि उनके साथ अजित पवार और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।अजित पवार ने 5 दिसंबर को राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके दूसरे दिन अजित पवार को कोर्ट से राहत मिल गई।

दिल्ली जाने पर अड़े किसान, एंट्री की जिद पर आंसू गैस के गोले दागे गए

#farmersmarchtodelhikisan_andolan

किसान आंदोलन के चलते 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाना चाहता था। हालांकि किसानों के पास इसकी परमीशन नहीं है। इसको देखते हुए पुलिस ने भी पुख्ता इंतजाम किया है। पुलिस ने सुरक्षा को देखते हुए बॉर्डर के आसपास बैरिकैडिंग कर दी है। हालांकि, किसान अपनी जिद्द पर अड़े हैं। जिसके बाद हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया है।

रास्तों पर लगे लोहे की कीलों को किसान ने हटाया

किसानों को हरियाणा की तरफ से वापस जाने की अपील की जा रही है। वहीं किसानों का कहना है कि हमें अपनी राजधानी में जाने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। हरियाणा पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए लोहे की कीलें लगाई गई हैं। यह कीलें सीमेंट में गाड़ रखी हैं ताकि गाड़ियां आगे ना जा सकें। किसान कंटीले तारों को रास्ते से हटा रहे हैं ताकि वे अपनी गाड़ियों को वहां ला सकें। किसानों को कहना है कि हरियाणा सरकार हमें न रोके, हमारी लड़ाई केंद्र सरकार से हैं।

किसानों की वीडियोग्राफी

हरियाणा की और से लगातार किसानों की वीडियोग्राफी की जा रही है। मौके पर घोषणा भी की गई कि सरकारी संपत्ति का नुक्सान न करो, पुलिस कार्रवाई की जाएगी। किसान आगे बढ़ने को अडिग हैं।

या तो सरकार दिल्ली आने दे या फिर बात करे, बोले किसान नेता सरवन सिंह

शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दिया जाए या फिर हमारी मांगों पर हमसे बात की जाए। किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं। हम कहते रहे हैं कि अगर सरकार बात करना चाहती है तो हमें केंद्र सरकार या हरियाणा या पंजाब के सीएम ऑफिस का पत्र दिखाए। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमारी मांगें मान ले। उन्हें हमें दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए जगह देनी चाहिए। अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बहाल करनी चाहिए। या तो हमें दिल्ली जाने दिया जाए या फिर हमसे बात की जाए।"

आज किसानों का दिल्ली कूच, बॉर्डर पर बैरिकेडिंग, चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा

#farmersdelhimarch

पिछले 8 महीने से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठन एक बार फिर दिल्ली कूच करने के लिए तैयार हैं। एमएसपी लागू करने व अन्य मांगों को लेकर 297 दिन से बॉर्डर पर डटे किसान शुक्रवार दोपहर एक बजे शंभू बॉर्डरों से पैदल दिल्ली कूच करेंगे। किसानों ने इसे 'दिल्ली चलो' आंदोलन नाम दिया है। शंभू-खनौरी बॉर्डरों पर करीब 10 हजार किसान जमा हो गए हैं। इन्हें रोकने के लिए हरियाणा ने दोनों बॉर्डरों पर अर्द्धसैनिक बलों की 29 कंपनियां तैनात की गई हैं। किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर पुलिस ने अंबाला-दिल्ली सीमा पर सुरक्षा कड़ी करते हुए बैरिकेडिंग कर दी है।

ये दिल्ली चलो आंदोलन किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में हो रहा है। अपने फैसले के बारे में बात करते हुए पंधेर ने कहा,'हम यहां पिछले 8 महीनों से बैठे हैं। हमारे ट्रैक्टरों को मॉडिफाइड कहकर हम पर आरोप लगाया गया, इसलिए हमने अब पैदल दिल्ली जाने का फैसला किया है। किसानों के आंदोलन को हरियाणा के खाप पंचायतों और व्यापारिक समुदाय सहित व्यापक समर्थन मिल रहा है।'

101 किसानों का जत्था दिल्ली जाएगा

किसान आंदोलन में शुक्रवार को दिल्ली कूच से पहले अंबाला के शंभू बाॅर्डर पर सुबह दस बजे किसानों ने अरदास की है और श्री गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर स्टेज की तरफ गए हैं। यहां पर पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। किसान दोपहर बाद दिल्ली जाएंगे। 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाएगा। इसमें बुजुर्ग किसानों को शामिल किया गया है।

मार्च में शामिल होंगे ये किसान नेता

आज शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का पहला जत्था रवाना होगा। इस जत्थे में किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह शामिल होंगे। ये जत्था जरूरी सामान लेकर दिल्ली रवाना होगा और शांतिपूर्ण मार्च करेगा। पहला जत्था अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर, मोहरा अनाज मंडी, खानपुर जट्टन और हरियाणा के पिपली में रुकने के बाद दिल्ली की ओर बढ़ेगा। आज जत्था 1 बजे रवाना होगा, लेकिन रोजाना किसान 9 बजे सुबह से शाम 5 बजे तक चलेंगे और रात सड़क पर बिताएंगे।

कई किसान नेताओं ने दिल्ली मार्च से बनाई दूरी

किसानों के दिल्ली मार्च से संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने खुद को अलग कर लिया है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा,'हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई, इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है. हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं. वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.' ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि SKM इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है.

किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सतर्क हुई दिल्ली और हरियाणा पुलिस

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने एहतियातन शंभू बॉर्डर पर सात स्तरीय बैरिकेडिंग कर दी है। सीमेंट की दीवारों के साथ लोहे की कीलें व कंटीली तार लगाई गई है। इनके अलावा वाटर कैनन वैन व आंसू गैस के गोले फेंकने वाले ड्रोन से सुरक्षा चक्रव्यूह और मजबूत किया गया है। हरियाणा पुलिस ने आगामी आदेश तक पुलिस कर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं। दातासिंहवाला बॉर्डर पर पुलिस ने नाकाबंदी की है। इन दोनों सीमाओं से आम लोग आवागमन नहीं कर पाएंगे। सिर्फ ट्रेन के जरिये ही लोग पंजाब जा सकते हैं। इसके अलावा पंजाब से सटे कैथल, कुरुक्षेत्र, सिरसा और फतेहाबाद की सीमाओं पर पुलिस ने चाैकसी बढ़ा दी है। हालांकि अभी यहां से लोगों का आवागमन जारी है। सिरसा के मलोट, बठिंडा और मुसाहिबवाला बाॅर्डर पर एसपी विक्रांत भूषण ने सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। पुलिस जवानों की मॉक ड्रिल भी करवाई गई। सिरसा व जींद में भी धारा 163 लागू कर दी गई है। अंबाला में एक दिन पहले ही धारा 163 लगाई जा चुकी है।