अरविंद केजरीवाल ने रामायण को लेकर ऐसा क्या कह दिया, मच गया बवाल, जानें बीजेपी ने क्या कहा
#delhi_bjp_attack_arvind_kejriwal_statement_over_ravana
दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने रामायण को लेकर ऐसा क्या कह दिया, मच गया बवाल, जानें बीजेपी ने क्या कहा
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दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।
*8वें वेतन आयोग की मंजूरी का दांव, दिल्ली विधानसभा चुनाव पर कितना होगा असर?

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है। एक तरफ आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, बीजेपी 26 साल के सियासी सूखे को खत्म करने की जद्दोजहद में है। इस सियासी तपिश के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दे दी। नए वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशों के आने के बाद सरकारी कर्मचारियों तथा पेशनरों को वेतन में सीधा लाभ मिलेगा। इसे दिल्ली चुनाव के लिए पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में लाखों की संख्या में सरकारी कर्मचारी हैं और यहां की सियासत में अहम भूमिका भी तय करते हैं?

7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने वाला है। दिल्ली चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। ऐसे में केंद्र के इस फैसले को चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार ने बीजेपी के लिए काफी अहम माने जा रहे चुनाव से पहले बड़ा फैसला लिया है। जानकारों के अनुसार दिल्ली में केंद्रीय कर्मचारियों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में इस घोषणा से पार्टी चुनाव में निश्चित रूप से इस घोषणा के वोट में बदलने की उम्मीद लगा रही है।

केवल दिल्ली में 4 लाभ से ज्यादा कर्मचारियों पर निगाहें

आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशें स्वीकार होने पर लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के वेतन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। एक आंकड़े के मुताबिक, अकेले दिल्ली में रक्षा और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों सहित लगभग 4 लाख ऐसे कर्मचारी है, जिन्हें सीधे तौर पर इसका फायदा मिलेगा। राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), पुलिस और डिफेंस के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर सहित कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। आठवां वेतन आयोग लागू होने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है।

दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम

केंद्रीय कर्मचारियों के लिहाज से दिल्ली की तीन विधानसभा काफी अहम है। इसमें नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम सीट शामिल हैं। इन इलाकों में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अलग-अलग कर्मचारी रहते हैं। सरकारी कर्मचारी वाली ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही कब्जा है। उदाहरण के तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न को देखें तो नई दिल्ली लोकसभा सीट के तहत 10 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से पांच सीटों पर सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में रहते हैं। बीजेपी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट जरूर जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन सरकारी कर्मचारियों वाली नई दिल्ली, दिल्ली कैंट और आरके पुरम जैसी अहम सीट पर आम आदमी पार्टी से पिछड़ गई थी।

बीजेपी ने बदली अपनी रणनीति

बीजेपी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी रणनीति बदली है। बीजेपी ने दिल्ली के मतदाताओं को सिर्फ एक प्लेटफार्म से नहीं लुभा रही है बल्कि इसके लिए अलग-अलग रणनीति भी तैयार की है। विभिन्न वर्गों के बीच कौन से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचेंगे, इसका अलग से खाका तैयार किया गया है। हर विधानसभा क्षेत्र में किसी बड़े नेता के नेतृत्व में एक समूह तैयार किया गया। इसी तर्ज पर बीजेपी ने दिल्ली के रह रहे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को साधने के लिए रणनीति बनाई है। मोदी सरकार के द्वारा आठवें वेतन आयोग की घोषणा, इसी दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।

क्या खत्म होगा बीजेपी का वनवास?

दिल्ली की सियासत में बीजेपी सिर्फ एक बार ही सत्ता पर विराजमान हो सकी है और पिछले 27 साल से वनवास झेल रही है। बीजेपी सिर्फ 1993 में ही दिल्ली को फतह करने में कामयाब रही थी. 1998 में उसके हाथों से सत्ता चली गई तो फिर वापसी नहीं हो सकी। पहले 15 साल तक शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस के सामने खड़ी नहीं हो सकी। शीला दीक्षित के बाद से 11 साल से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आगे पस्त नजर आई है। बीजेपी 2025 में होने वाले विधानसभा में हर हाल में दिल्ली में कमल खिलाना चाहती है, जिसके लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।

दिल्ली में फिलहाल लागू नहीं होगी आयुष्मान भारत योजना, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) योजना को लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था। जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र, एम्स और दिल्ली नगर निगम को नोटिस भी जारी किए।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को 5 जनवरी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर दिल्ली सरकार की याचिका पर जवाब मांगा है। यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के 24 दिसंबर 2024 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अदालत को इस याचिका पर नोटिस जारी करना चाहिए क्योंकि आप सरकार को केंद्रीय सरकार के साथ ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जा रहा था।ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी।

बता दें कि कि दिल्ली में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना लागू नहीं है। साल 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटीलेटर्स की उपलब्धता पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही याचिका में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना को दिल्ली में भी लागू कराने की मांग की गई थी। ऐसे में उच्च न्यायालय ने योजना को पूरी तरह से लागू करने की बजाय केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच समझौता करने का आदेश दिया था।

आधी रात को अचानक एम्स पहुंचे राहुल गांधी, केंद्र और दिल्ली सरकार पर जमकर निकाली भड़ास

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दिल्ली में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। हालांकि, देश की राजधानी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी गुरुवार देर रात अचानक दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स अस्पताल पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने एम्स के पास में सड़कों, फुटपाथों और सबवे पर डेरा डाले मरीजों और उनके परिवार वालों से मुलाकात की है। इस दौरान राहुल गांधी ने केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों पर ही मरीजों के प्रति असंवेदनशीलता बरतने का आरोप लगाया है।

गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एम्स का दौरा किया जहां उन्होंने मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं को करीब से देखा। राहुल गांधी ने एम्स के बाहर फुटपाथों और सबवे पर बैठे लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मरीजों और उनके परिवार वालों से उनकी समस्याओं और परेशानियों के बारे में बातचीत की। उन्होंने न केवल उनकी व्यथा सुनी बल्कि उनकी हालत पर गहरी चिंता भी व्यक्त की।

लोगों से मुलाकात के बाद गांधी ने ‘इंस्टाग्राम’ पर लिखा, 'बीमारी का बोझ, ठिठुराने वाली सर्दी और सरकारी असंवेदनशीलता। आज मैं एम्स के बाहर मरीजों और उनके परिवारों से मिला, जो दूर-दराज से इलाज की आस में आए हैं।' गांधी ने कहा, 'इलाज की राह में वे सड़कों, फुटपाथों और सबवे पर सोने को मजबूर हैं-ठंडी जमीन, भूख, और असुविधाओं के बीच भी बस उम्मीद की एक लौ जलाए बैठे हैं। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों, जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।

कांग्रेस ने भी राहुल गांधी की तस्वीरें शेयर की हैं। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, 'नेता विपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली एम्स के बाहर मरीजों और उनके परिवार से मुलाकात की। दूर-दराज से इलाज के लिए आए लोग यहां सड़कों, फुटपाथ और सबवे पर सोने को मजबूर हैं। मोदी सरकार और दिल्ली की सरकार ने इन्हें अपने हाल पर छोड़ रखा है। अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रखा है।

दूसरे पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा, इलाज के लिए महीनों का इंतजार, असुविधा और सरकार की असंवेदनशीलता- ये आज दिल्ली एम्स की सच्चाई है। हालात ये हैं कि अपनों की बीमारी का बोझ लिए दूर-दराज से आए लोग इस ठिठुरती सर्दी में फुटपाथ और सबवे पर सोने को मजबूर हैं। आज नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इलाज का इंतजार करते उन मरीजों से मुलाकात कर उनसे बात की और उनकी परेशानियां सुनीं।

फिर बिगड़े रमेश बिधूड़ी के बोल, कहा- हिरनी के जैसे घूम रही हैं आतिशी
#ramesh_bidhuri_said_atishi_is_roaming_streets_of_delhi_like_a_deer
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच सियासी बयानबाजी जारी है। एक बार फिर कालकाजी से भाजपा के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी का विवादित बयान सामने आया है। रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली सीएम आतिशी को लेकर एक बयान दिया है। बिधूड़ी ने कहा है कि आतिशी दिल्ली की सड़कों पर हिरनी के जैसे घूम रही हैं।

अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे वाले कालकाजी से बीजेपी प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी ने एक बार फिर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लेकर विवाद बयान दिया। अपनी एक रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने कहा कि उन्होंने कहा कि आतिशी दिल्ली की सड़कों पर हिरनी के जैसे घूम रही हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि केजरीवाल शीशमहल में रहते हैं, 2 करोड़ की कार चलाते हैं। उन्होंने शीला दीक्षित को जेल नहीं भेजा, बल्कि सोनिया गांधी की गोद में बैठ गए।

बता दें कि कालकाजी विधानसभा से रमेश बिधूड़ी ने आज नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।  नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यहां कोई लड़ाई नहीं है। यहां बहुत बड़ी सत्ता विरोधी लहर है। लोगों ने आतिशी को विदाई दे दी है। उनके नामांकन के समय कालकाजी से 50 लोग भी नहीं थे। हम राजनीति में लोगों की सेवा करने आए हैं। अरविंद केजरीवाल की तरह झूठ बोलकर सीएम बनने नहीं आए।

इससे पहले भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी ने आप नेता आतिशी और प्रियंका गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था, जिससे राजनीति गरमा गई थी। 5 जनवरी को एक रैली में बिधूड़ी ने आतिशी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने अपना ‘बाप बदल लिया’ और मार्लेना से सिंह बन गई हैं। इसके अलावा, उन्होंने प्रियंका गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कालकाजी की सड़कों को उनके ‘गाल जैसी चिकनी’ बना देंगे। बाद में बिधूड़ी ने अपने बयान के लिए माफी मांगी।
दिल्ली-एनसीआर को घने कोहरे ने घेरा, लो विजिबिलिटी से थमी रफ्तार, ट्रेनों और उड़ानों पर असर
#dense_fog_and_yellow_alert_in_delhi_ncr

* देश के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड पर रही है। पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ रही है। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में आज सुबह ठंड के साथ घना कोहरा देखने को मिला। साथ ही दो दिन बारिश को लेकर मौसम विभाग ने पहले ही यलो अलर्ट जारी किया है। कोहरे की वजह से सड़क पर गाड़ियों की रफ्तार पर असर देखने को मिला। इसके अलावा ट्रेन और फ्लाइट्स पर भी असर दिख रहा है। दिल्ली-एनसीआर में कड़ाके की ठंड के साथ घने कोहरे ने लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कई इलाकों में विजिबिलिटी ना के बराबर है। विजिबिलटी इतनी कम है कि सड़कों पर गाड़ियों के हेडलाइट्स और पार्किंग लाइट्स ही दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही रेंगती हुई रफ्तार में गाड़ियां चल पा रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, आज का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। *हल्की बारिश का आसार* इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 15 और 16 जनवरी को उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत में बारिश लाएगा। पूरे सप्ताह उत्तर-पश्चिम भारत में घने कोहरे की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली के लिए कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें अधिकांश क्षेत्रों में धुंध और घने कोहरे की चेतावनी दी गई है। सुबह के दौरान अलग-अलग स्थानों पर बहुत घना कोहरा रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने 15 और 16 जनवरी को बारिश का अनुमान लगाया है। 15 जनवरी को सुबह घने कोहरे के बाद दिन में आसमान में बादल छाए रहेंगे और शाम या रात में बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है। *दिल्ली आने वाले 26 ट्रेने लेट* मौसम को देखते हुए रेलवे ने कई ट्रेनों को कैंसल कर दिया है। इसमें 14617-18 अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस (2 मार्च तक), 14606-05 ऋषिकेश जम्मू तवी एक्सप्रेस (24 फरवरी तक), 14616-15 अमृतसर लालकुआं एक्सप्रेस (22 मार्च तक), 14524-23 अंबाला हरिहर एक्सप्रेस (27 फरवरी तक), 18103-04 जलियांवाला बाग एक्सप्रेस (28 फरवरी तक), 12210-09 काठगोदाम कानपुर वीक्ली एक्सप्रेस (25 फरवरी तक), 14003-04 मालदा टाउन दिल्ली एक्सप्रेस (1 मार्च तक)। भारतीय रेलवे ने इस बात पर जोर दिया कि ये उपाय दुर्घटनाओं को रोकने और कोहरे के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति ऑनलाइन या नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जांच लें।
*कैग रिपोर्ट में देरी होने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा, कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

#highcourtcriticiseddelhigovernmentdelayaddressingcagreports

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग रिपोर्ट का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।

हाईकोर्टकी नाराजगी की वजह

कोर्ट ने विजेंदर गुप्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर के पास भेजना चाहिए था और सदन में बहस शुरू करवानी चाहिए थी। दरअसल, दिल्‍ली सरकार की यह जिम्‍मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की।

आपका टालमटोल बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण-हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कैग रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था।

कैग रिपोर्ट में किया गया दावा

सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी। शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्‍यादा थी। जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्‍म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्‍यादा था। यह रकम निविदा राशि से 290.49 प्रतिशत अधिक पाई गई।

दिल्‍ली के दंगल में राहुल गांधी की एंट्री, सीलमपुर से आज फूंकेंगे चुनावी बिगुल

#rahul_gandhi_to_kickstart_congress_delhi_campaign

दिल्ली में कांग्रेस अपनी खोई हुई सियासी जमीन को वापस पाने लकी कोशिश में है। कांग्रेस दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कश्मकश में उलझी हुई है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। राहुल गांधी और उनकी पार्टी अबतक दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में सुस्‍त नजर आ रही थी। हालांकि आज लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उत्‍तरी-पूर्वी दिल्‍ली के सीलमपुर इलाके में बड़ी रैली करने जा रहे हैं।

राहुल गांधी की दिल्ली में पहली जनसभा उस क्षेत्र में रखी गई है, जहां पर कांग्रेस के वोट बैंक का अपना सियासी आधार है और चुनावी मुकाबला सीधे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से है। ऐसे में दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं को उम्मीद है कि राहुल गांधी अपनी पहली जनसभा में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी 10 साल के शासन की विफलताओं को लेकर आक्रामक रुख अपनाएंगे।

राहुल गांधी के प्रचार अभियान की रणनीति और भागीदारी की इसमें सबसे निर्णायक भूमिका रहेगी, क्योंकि पार्टी के राजनीतिक फैसलों में उनकी राय ही अंतिम मानी जाती है। कांग्रेस दिल्ली चुनाव में भले बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन सत्ता पर केजरीवाल की पार्टी का कब्जा है। इसीलिए दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों का दावा है कि राहुल गांधी न केवल बीजेपी बल्कि आम आदमी पार्टी के दस साल की विफलताओं पर हमला करने में कोई रियायत नहीं बरतेंगे।

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के अब तक के आक्रामक तेवरों को पार्टी नेतृत्व ने अगले पायदान पर ले जाने का जज्बा दिखाया तो यह चुनाव बेहद रोचक मोड़ ले सकता है। दिल्ली के चुनावी मुकाबले में प्रासंगिक बने रहने के साथ ही कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं के मद्देनजर राहुल गांधी की सीलमपुर में सोमवार को हो रही पहली जनसभा बेहद महत्वपूर्ण है।

दिल्ली में चुनाव से पहले पूर्वांचली वोटर्स पर बीजेपी और आप आमने-सामने, जानें किन सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा

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दिल्ली में वोटर लिस्ट के नाम पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है, एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हजार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग। आम आदमी के इस आरोप को बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों से अपमान से जोड़ा है।

भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली वोटर का अपमान किया है। इसे लेकर दिल्ली में शुक्रवार को खूब बवाल हुआ। भाजपा ने केजरीवाल का घेराव किया। इस दौरान खूब गहमागहमी दिखी। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर यह प्रदर्शन किया।

दिल्ली में वोटर लिस्ट और पूर्वांचलियों पर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर सियासी लिहाज से काफी अहम हैं। पूर्वी यूपी और बिहार के वोटरों को पूर्वांचली वोटर कहते हैं। उनकी तादाद दिल्ली में अच्छी खासी है। आंकडों में देखें तो करीब 25 से 30 फीसदी पूर्वांचली वोटर दिल्ली में रहते हैं।25 से 30 फीसदी वाले ये पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली की कई सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

पहले भी यूपी-बिहार पर कर चुके हैं टिप्पणी

केजरीवाल की जुबान से पहली बार बिहार-यूपी को केंद्र कर प्रतिकूल प्रभाव वाली टिप्पणी नहीं निकलती है। इससे पहले 2019 में भी केजरीवाल ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे काफी बवेला मचा था। पहली बार केजरीवाल ने कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।केजरीवाल अब कह रहे हैं कि भाजपा बिहार-यूपी से लोगों को दिल्ली लाकर वोटर बनवा रही

दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। पूर्वांचली लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

दिल्ली में पूर्वांचल का प्रभाव

दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोग तकरीबन दो दर्जन सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि बिहार मूल की राजनीतिक पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकने के लिए बेचौन दिखती हैं। जेडीयू और आरजेडी के अलावा एलजेपी भी पिछले चुनावों में किस्मत आजमा चुकी हैं। इस बार भी तीनों पार्टियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो बाजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने की बात कुछ ही दिनों पहले कही थी।

अरविंद केजरीवाल ने रामायण को लेकर ऐसा क्या कह दिया, मच गया बवाल, जानें बीजेपी ने क्या कहा
#delhi_bjp_attack_arvind_kejriwal_statement_over_ravana
दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।
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दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।