मिशन दिल्ली' के लिए बीजेपी का माइक्रोमैनेजमेंट, ऐसे हर सीट पर वोट बढ़ाने का है प्लान
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दिल्ली में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबले ने राष्ट्रीय राजधानी के सियासी परिदृश्य को काफी हद तक बदल दिया है। जैसे जैसे चुनावी तारीख नजदीक आ रही बीजेपी और आक्रामक होती जा रही है। अपने प्रचार अभियान के आखिरी दिनों में उसे धार देने के लिए बीजेपी ने दिल्ली में विशाल रैलियां कराने का खाका खींच लिया है। इसके तहत पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, मनोहर लाल खट्टर और नितिन गडकरी सहित तमाम पार्टी नेता दिल्ली में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेगे। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता भी अभियान में शामिल होंगे।
बीजेपी ने दिल्ली फतह करने के लिए लक्ष्य भी तय कर लिया है। हर विधानसभा सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 20 हजार वोट बढ़ाना, हर बूथ पर पचास प्रतिशत वोट हासिल करना और हर बूथ पर पिछली बार की तुलना में अधिक वोट डलवाना। इन तीनों लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बीजेपी ने बूथ दर बूथ, वोटर लिस्ट दर वोटर लिस्ट माइक्रोमैनेजमेंट की एक रणनीति तैयार की है।बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। हर बूथ का विश्लेषण कर क्षेत्रवार ब्यौरा तैयार किया गया है।
बीजेपी पिछले कई महीनों से मतदाता सूचियों को खंगाल रही है। हर बूथ के मतदाताओं का डेटा तैयार किया गया। नए वोटर जुड़वाए गए और फर्जी वोटर हटवाए गए। ऐसे मतदाताओं की सूची बनाई गई जो अब उस बूथ के क्षेत्र में नहीं रहते लेकिन वोटर लिस्ट में उनका नाम है। कोविड के समय दिल्ली से अपने गांवों में चले गए मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है कि मतदान के लिए दिल्ली आएं और बीजेपी को वोट दें। ऐसे वोटरों की सूची भी तैयार की गई है, जो किसी दूसरे कारण से दिल्ली से बाहर चले गए लेकिन उनका वोट अब भी दिल्ली में ही है। उन्हें भी पांच फरवरी को वोट डालने के लिए दिल्ली आने के लिए तैयार किया जा रहा है।
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से बसे पूर्वांचलियों और उत्तराखंड से आकर बसे पहाड़ियों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। पूर्वांचल से बीजेपी नेताओं को लेकर पूर्वांचली मतदाताओं के बीच प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी इसका समन्वय देख रहे हैं। बीजेपी पूर्वांचलियों का दिल जीतना चाहती है। वह आप के इस प्रचार का भी जवाब देना चाहती है कि बीजेपी ने पूर्वांचलियों को बड़ी संख्या में टिकट नहीं दिया।
बीजेपी ने राज्यवार मतदाताओं की सूची भी तैयार की। हर बूथ के वोटरों की सोशल प्रोफाइल भी खंगाली गई। उदाहरण के तौर पर यह पता लगाया गया कि वह मूलत दिल्ली निवास है या किसी अन्य राज्य से दिल्ली में आकर बसा है। अगर बाहर से आकर बसा है तो जहां से आया, वहां के स्थानीय बीजेपी नेताओं को उस वोटर से व्यक्तिगत संपर्क स्थापित करने को कहा गया ताकि स्थानीय संबंधों का लाभ उठा कर उसे बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए मनाया जा सके। उदाहरण के तौर पर करीब तीन लाख मतदाता तेलुगु भाषी हैं। उनसे संपर्क स्थापित करने की जिम्मेदारी आंध्र प्रदेश के बीजेपी और टीडीपी नेताओं को दी गई है। इसी तरह उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात जैसे राज्यों के दिल्ली में रह रहे लोगों को बीजेपी के पाले में लाने के लिए वहां के बीजेपी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है।
Jan 25 2025, 16:16