India

Jul 08 2023, 17:05

लद्दाख में 15 हजार फीट पर सेना के भीष्म टैंक और धनुष तोप तैनात, अपनी हरकतों से बाज नहीं आया चीन, तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

#indianarmyaddsnewweaponsandequipmentineast_ladakh

2020 से लगातार चीन और भारत के बीच गतिरोध जारी है। चीन लगातार सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और बारतीय जवान बार-बार उन्हें खदेड़ रहे हैं। ऐसे में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना तैयार है। लेह से 200 किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख की न्योमा सरहद पर भारतीय सेना के जवान, टैंक, तोप और नए वाहन किस भी वक्त दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए तैयार खड़े हैं।इस बीच पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने भारी हथियारो के साथ युद्धाभ्यास कर चीन को कड़ा संकेत दिया। भारतीय सेना के टैंक (टी -90 भीष्म) और बीएमपी लड़ाकू वाहनों ने पूर्वी लद्दाख में सिंधु नदी को पार करने के लिए हुए इस अभ्यास में भाग लिया।यही नहीं, पहली बार बोफोर्स तोप का स्वदेशी वर्जन धनुष तोप को लद्दाख में चीन सरहद पर 15 हजार फीट पर तैनात किया गया है।

पिछले तीन साल से चीन के साथ लद्दाख बॉर्डर पर चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने न्योमा सैन्य स्टेशन पर नए लड़ाकू टैंक, तोप और ऑर्म्ड व्हीकल तैनात कर दिए हैं। इनमें धनुष होवित्जर से लेकर एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल शामिल हैं। इसके साथ ही सेना ने पहाड़ों पर चलने वाले ऑल टरेन व्हीकल को भी तैनात किया। इन नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे 14,500 फीट की ऊंचाई पर एक्सरसाइज भी की। इसका वीडियो भी सामने आया।

धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्‍जर

धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्‍जर है। 2010 में डिजाइन की गई इस तोप को ऐडवांस्‍ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (पहले ऑर्डनेंस फैक्‍टरी बोर्ड) बनाती है। 1 इस गन को 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता के रूप में देखा जाता है। 'धनुष' को किसी भी मौसम में, कैसे भी हालात में इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इसकी विभिन्‍न वर्जन की रेंज 40 किलोमीटर से 60+ किलोमीटर्स तक है।

एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल

एक और मेड इन इंडिया प्लेटफॉर्म एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल है जो सैनिकों को तेज गति से ले जाने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। यह युद्ध के लिए तैयार 10 सशस्त्र सैनिकों को एलएसी की फॉरवर्ड लोकेशंस पर ले जा सकता है। सेक्टर में तैनात सेना के अधिकारियों ने कहा कि लद्दाख सेक्टर के कठिन इलाके में भी यह लगभग 60-80 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है। एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स वाहनों को पिछले साल बल में शामिल किया जाना शुरू हुआ था। सेना की पूर्वी लद्दाख सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में अधिक संख्या में ऐसे वाहनों को शामिल करने की योजना है।

टी-90 टैंक

भारतीय सेना के टी-90 टैंक और बीएमपी की हुंकार भी देखने को मिलेगीय़ जरूरत पड़ने पर कुछ ही मिनटों में ये टैंक दुश्मन की सरहद में घुसकर उसके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकते हैं। दुनिया के सबसे अचूक टैंक माने जाने वाले टी-90 भीष्म टैंक को तैनात कर दिया है। टी-90 भीष्म टैंक में मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच है। इसमें शक्तिशाली 1000 हॉर्स पावर का इंजन है। यह एक बार में 550 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है। इसका वजन 48 टन है। यह दुनिया के हल्के टैंकों में एक है। यह दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता रखता है।

ऑल टरेन व्हीकल (एटीवी)

सेना ने बड़ी संख्या में ऑल-टरेन वाहनों को भी शामिल किया है। इससे एक बार में चार से छह सैनिकों को ले जाया जा सकता है। इन वाहनों का इस्तेमाल सैनिकों का सामान और उपकरण ले जाने के लिए किया जाता है।ये व्हीकल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम है। 2020 में गलवान में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद पहली बार इस वाहन को तैनात किया गया है।

रजक सर्विलांस सिस्टम

सेना ने सर्विलांस को मजबूत बनाने के लिए नए रजक सिस्टम को शामिल किया है। यह 15 किलोमीटर से अधिक दूरी से सैनिकों और 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से वाहनों का पता लगा सकता है।

India

Jul 08 2023, 17:05

लद्दाख में 15 हजार फीट पर सेना के भीष्म टैंक और धनुष तोप तैनात, अपनी हरकतों से बाज नहीं आया चीन, तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

#indianarmyaddsnewweaponsandequipmentineast_ladakh

2020 से लगातार चीन और भारत के बीच गतिरोध जारी है। चीन लगातार सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और बारतीय जवान बार-बार उन्हें खदेड़ रहे हैं। ऐसे में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना तैयार है। लेह से 200 किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख की न्योमा सरहद पर भारतीय सेना के जवान, टैंक, तोप और नए वाहन किस भी वक्त दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए तैयार खड़े हैं।इस बीच पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने भारी हथियारो के साथ युद्धाभ्यास कर चीन को कड़ा संकेत दिया। भारतीय सेना के टैंक (टी -90 भीष्म) और बीएमपी लड़ाकू वाहनों ने पूर्वी लद्दाख में सिंधु नदी को पार करने के लिए हुए इस अभ्यास में भाग लिया।यही नहीं, पहली बार बोफोर्स तोप का स्वदेशी वर्जन धनुष तोप को लद्दाख में चीन सरहद पर 15 हजार फीट पर तैनात किया गया है।

पिछले तीन साल से चीन के साथ लद्दाख बॉर्डर पर चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने न्योमा सैन्य स्टेशन पर नए लड़ाकू टैंक, तोप और ऑर्म्ड व्हीकल तैनात कर दिए हैं। इनमें धनुष होवित्जर से लेकर एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल शामिल हैं। इसके साथ ही सेना ने पहाड़ों पर चलने वाले ऑल टरेन व्हीकल को भी तैनात किया। इन नए हथियारों और वाहनों के साथ सेना ने सिंधु नदी के किनारे 14,500 फीट की ऊंचाई पर एक्सरसाइज भी की। इसका वीडियो भी सामने आया।

धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्‍जर

धनुष बेहद शक्तिशाली होवित्‍जर है। 2010 में डिजाइन की गई इस तोप को ऐडवांस्‍ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (पहले ऑर्डनेंस फैक्‍टरी बोर्ड) बनाती है। 1 इस गन को 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता के रूप में देखा जाता है। 'धनुष' को किसी भी मौसम में, कैसे भी हालात में इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इसकी विभिन्‍न वर्जन की रेंज 40 किलोमीटर से 60+ किलोमीटर्स तक है।

एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल

एक और मेड इन इंडिया प्लेटफॉर्म एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल है जो सैनिकों को तेज गति से ले जाने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। यह युद्ध के लिए तैयार 10 सशस्त्र सैनिकों को एलएसी की फॉरवर्ड लोकेशंस पर ले जा सकता है। सेक्टर में तैनात सेना के अधिकारियों ने कहा कि लद्दाख सेक्टर के कठिन इलाके में भी यह लगभग 60-80 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है। एम4 क्विक रिएक्शन फोर्स वाहनों को पिछले साल बल में शामिल किया जाना शुरू हुआ था। सेना की पूर्वी लद्दाख सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में अधिक संख्या में ऐसे वाहनों को शामिल करने की योजना है।

टी-90 टैंक

भारतीय सेना के टी-90 टैंक और बीएमपी की हुंकार भी देखने को मिलेगीय़ जरूरत पड़ने पर कुछ ही मिनटों में ये टैंक दुश्मन की सरहद में घुसकर उसके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकते हैं। दुनिया के सबसे अचूक टैंक माने जाने वाले टी-90 भीष्म टैंक को तैनात कर दिया है। टी-90 भीष्म टैंक में मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच है। इसमें शक्तिशाली 1000 हॉर्स पावर का इंजन है। यह एक बार में 550 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है। इसका वजन 48 टन है। यह दुनिया के हल्के टैंकों में एक है। यह दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता रखता है।

ऑल टरेन व्हीकल (एटीवी)

सेना ने बड़ी संख्या में ऑल-टरेन वाहनों को भी शामिल किया है। इससे एक बार में चार से छह सैनिकों को ले जाया जा सकता है। इन वाहनों का इस्तेमाल सैनिकों का सामान और उपकरण ले जाने के लिए किया जाता है।ये व्हीकल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी काम करने में सक्षम है। 2020 में गलवान में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद पहली बार इस वाहन को तैनात किया गया है।

रजक सर्विलांस सिस्टम

सेना ने सर्विलांस को मजबूत बनाने के लिए नए रजक सिस्टम को शामिल किया है। यह 15 किलोमीटर से अधिक दूरी से सैनिकों और 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से वाहनों का पता लगा सकता है।