बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

उस्मान हादी की हत्या के दो आरोपी भारत भागे...', बांग्लादेश पुलिस का दावा कितना सच?

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बांग्लादेश के इंकिलाब मंच के नेता उस्मान हादी की मौत के बाद से वहां बवाल मचा हुआ है और सरकार से उनके हत्यारों को पकड़ने की मांग हो रही थी। हालांकि, उस्मान हादी के हत्यारे का अब तक पता नहीं चला है। इस नाकामी के बीच ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस ने दावा किया है कि उस्मान हादी की हत्या के दोनों प्रमुख अभियुक्त भारत भाग गए हैं।

स्थानीय मदद से सीमा करने का दावा

बांग्लादेश की ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने दावा किया है कि शरीफ उस्मान हादी की हत्या के दो मुख्य आरोपी भारत भाग गए हैं। ढाका पुलिस के मुताबिक ये आरोपी मयमनसिंह जिले के हलुआघाट बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुए, जो मेघालय से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी स्थानीय मदद से सीमा पार कर भारत पहुंचे।

मदद देने वालों की भारत में गिरफ्तारी का दावा

ढाका के डीएमपी मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त आयुक्त एसएन नज़रुल इस्लाम ने बताया कि आरोपी फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख हुलुआघाट सीमा पार कर भारत पहुंचे। पुलिस के अनुसार, सीमा पार करने के बाद उन्हें पहले पूर्ति नाम के व्यक्ति ने रिसीव किया और फिर सामी नामक टैक्सी चालक ने उन्हें मेघालय के तुरा शहर तक पहुंचाया। अधिकारी ने यह भी कहा कि जिन दो लोगों ने आरोपियों को मेघालय पहुंचाने में मदद की, उन्हें भारत में हिरासत में लिया गया है। बांग्लादेशी पुलिस ने भरोसा जताया कि भारतीय एजेंसियों के साथ औपचारिक और अनौपचारिक दोनों स्तरों पर समन्वय जारी है ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जा सके।

कौन थे शरीफ उस्मान हादी?

शरीफ उस्मान हादी बांग्लादेश के छात्र नेता थे और शेख हसीना विरोधी मंच ‘इनक़िलाब मंच’ से जुड़े थे। वे आगामी फरवरी चुनावों में ढाका-8 सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी उन पर जानलेवा हमला हुआ। 12 दिसंबर को उस्मान हादी को गोली मार दी गई थी। इसके बाद 18 दिसंबर को हादी का सिंगापुर में निधन हो गया और तब से लेकर अब तक बांग्लादेश में लगातार माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

17 साल के निर्वासन के बाद तारिक रहमान की वचन वापसी, ढाका में सियासत हलचल तेज*

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बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़े घटनाक्रम के तहत बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) प्रमुख बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान करीब 17 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद स्वदेश लौट आए हैं। रहमान लंदन में स्व-निर्वासन में रहने के बाद ढाका आए हैं। तारिक रहमान के बांग्‍लादेश पहुंचते ही बीएनपी के समर्थकों ने उनका जोरदार स्‍वागत किया।तारिक रहमान की वापसी के बाद बीएनपी समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है और इसे देश की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।

रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश में अशांति और राजनीतिक अस्थिरता की एक नई लहर चल रही है। हादी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी।

पीएम पद के प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे

बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के 60 वर्षीय बेटे रहमान, आने वाले फरवरी के आम चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे हैं। रहमान की बांग्लादेश वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जमात बांग्लादेश के टूटे-फूटे राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

शेख हसीना के जाने के बाद वापसी

17 साल के निर्वासन के दौरान तारिक रहमान लंदन में रह रहे थे और इस बीच उन पर कई कानूनी मामले चले। हालांकि शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद अदालतों से उन्हें राहत मिली और उनकी वापसी का रास्ता साफ हुआ।

चुनाव में बीएनपी को मिलेगी नई ऊर्जा

तारिक रहमान की वापसी को बीएनपी राजनीतिक प्रतिशोध के अंत के तौर पर पेश कर रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तारिक रहमान की वापसी से बांग्लादेश की चुनावी राजनीति पूरी तरह गरमा गई है। ऐसे समय में, जब देश हालिया हिंसा, छात्र आंदोलनों और सुरक्षा चिंताओं से गुजर रहा है, उनकी मौजूदगी न सिर्फ बीएनपी को नई ऊर्जा देगी बल्कि सत्ताधारी अंतरिम सरकार पर दबाव भी बढ़ाएगी। फरवरी में प्रस्तावित आम चुनावों से पहले तारिक रहमान की यह वापसी बांग्लादेश की राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदलने वाली मानी जा रही है।

बांग्लादेश में हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग मामले में 7 अरेस्ट, चौतरफा आलोचना के बाद झुके मोहम्‍मद यूनुस*

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बांग्लादेश में हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में चौतरफा आलोचना के बाद मोहम्मद यूनुस की सरकार ने कार्रवाई की है। बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन ने मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने यह जानकारी दी है। मोहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के आधिकारिक हैंडल से की गई पोस्ट में कहा गया कि सनातन धर्म के अनुयायी युवक दीपू चंद्र दास (27) की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में रैपिड ऐक्शन बटालियन (RAB) ने सात लोगों को संदिग्ध के तौर पर गिरफ्तार किया है। पोस्ट में बताया गया है कि RAB-14 ने अलग-अलग स्थानों पर अभियान चलाकर संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

ये सात आरोपी गिरफ्तार

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम हैं- 1- मोहम्मद लिमोन सरकार (19) 2- मोहम्मद तारेक हुसैन (19) 3- मोहम्मद माणिक मिया (20) 4- इरशाद अली (39) 5- निजुम उद्दीन (20) 6- अलोमगीर हुसैन (38) 7- मोहम्मद मिराज हुसैन एकॉन (46)

हिंदू युवा की मॉब लिंचिंग पर यूनुस सरकार ने की निंदा

इससे पहले मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कल एक बयान में कहा था कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्य सलाहकार की मीडिया टीम की ओर से जारी बयान में कहा गया- हम हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति को नष्ट करने के सभी कृत्यों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। बयान में कहा गया था कि इस नाजुक घड़ी में, हम प्रत्येक नागरिक से हिंसा, उकसावे और नफरत को अस्वीकार करके और उनका विरोध करके हादी का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।

हादी की मौत के बाद फैली हिंसा के बीच वारदात

दीपू चंद दास की गुरुवार को ईशनिंदा के आरोप में पीटकर हत्या कर दी गई थी और उनके शव को आग लगा दी गई। यह देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की नवीनतम घटना है। यह लिंचिंग उस समय हुई जब देश में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद तनाव और हिंसा फैल गई थी। हादी पिछले साल हुए छात्र-नेतृत्व वाले ‘जुलाई आंदोलन’ के प्रमुख नेताओं में से थे और ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता भी थे।

बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या, फिर शव को पेड़ से बांध जलाया

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बांग्लादेश में युवा नेता उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा भड़क गई है। पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच एक खौफनाक मामला सामने आया है। कट्टरपंथियों के भारत विरोधी प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और उसे पेड़ में बांधकर आग लगा दी गई।

बांग्लादेश में एक हिंदू युवक को ईशनिंदा का आरोप लगाकार पहले पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को नग्न कर पेड़ पर लटका दिया गया और उसमें आग लगा दी गई। मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो एक युवा गारमेंट फैक्ट्री कर्मचारी था और भालुका उपजिला के डुबालिया पाड़ा इलाके में किराए पर रहता था। मॉब लिंचिंग की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप

पुलिस के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 9 बजे कुछ स्थानीय लोगों ने उस पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिना किसी जांच या कानूनी प्रक्रिया के, भीड़ ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

हिंसा पर क्या बोले मोहम्मद यूनुस?

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद कट्टर इस्लामिक संगठनों ने हिंदुओं के खिलाफ हिंसा शुरू कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सैकड़ों हिंदुओं के घर तोड़ दिए गये। कई हिंदुओं की हत्या कर दी गई। लेकिन मोहम्मद यूनुस ने चुप्पी साध रखी थी। अब जबकि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और मोहम्मद यूनुस के लिए इस घटना को झुठलाना मुमकिन नहीं हो रहा है, तो उसने इस घटना की निंदा की है। बांग्लादेश की सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में नागरिकों से सतर्क रहने और हर तरह की हिंसा को खारिज करने की अपील की है।

बांग्‍लादेश में बवालः छात्र नेता हादी की मौत के बाद ढाका की सड़कों पर उतरे युवा, हिंसा-आगजनी

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बांग्लादेश के युवा एक्टिविस्ट उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई है, उनके समर्थक सड़कों पर है और कई इमारतों को आग के हवाला कर दिया है। मौत के बाद भीड़ ने रातभर तांडव मचाया और विशेष रूप से मीडिया-पत्रकारों को निशाना बनाया।

बांग्लादेश में 32 साल के छात्र नेता और इंकलाब मंच प्लेटफॉर्म के प्रवक्ता और बांग्लादेश में होने वाले नेशनल चुनावों में उम्मीदवार उस्मान हादी की हत्या के बाद अराजकता का माहौल है। रात भर राजधानी ढाका समेत देश के कई हिस्सों में हल्ला हंगामा और हिंसा जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने डेली स्टार, प्रथोम आलो समेत बड़े अखबारों के दफ्तरों को निशाना बनाया है, जिससे कई पत्रकार रात भर अंदर ही फंसे रहे।

कैंपेन करते समय हादी की हत्या

उस्मान हादी की 12 दिसंबर को ढाका में कैंपेन करते समय नकाबपोश हमलावरों ने सिर में गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था। उस्मान हादी की मौत की खबर सार्वजनिक होते ही ढाका समेत देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे।

प्रदर्शनकारियों ने मीडिया हाउस को बनाया निशाना

ढाका में हालात उस वक्त तनावपूर्ण हो गए, जब उग्र भीड़ ने डेली स्टार अखबार के दफ्तर पर हमला कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखबार के कार्यालय में फंसे कम से कम 25 पत्रकारों को चार घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया। शुक्रवार रात करीब 12 बजे भीड़ ढाका के करवान बाजार स्थित डेली स्टार के दफ्तर में घुस गई। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने प्रथम आलो अखबार के दफ्तर पर भी हमला किया था, जहां तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई और नारेबाजी की गई।

एंटी इंडिया रूख से जोड़ी जा रही हादी की मौत

दरअसल, हादी की मौत को उनके एंटी इंडिया और एंटी अवामी लीग रुख से जोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों प्रमुख अखबारों को प्रदर्शनकारी भारत समर्थक मान रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया संस्थानों पर आरोप लगाया कि वे भारत समर्थक हैं और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पक्ष में काम कर रहे हैं, जो अगस्त 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत चली गई थीं।

आवामी लीग के नेता के घर लगाई आग

वहीं, आवामी लीग के नेता भी प्रदर्शनकारियों के निशाने पर हैं। उग्र प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश के चटगांव के शोलाशहर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग के संगठन सचिव और पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी नवफेल के घर में घुस गए। जबरदस्ती घुसे इन उग्रवादियों ने घर में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी को अंजाम दिया है।

ভারতীয় কোস্ট গার্ডের উদ্যোগে বাংলাদেশ থেকে ভারতীয় জেলেদের প্রত্যাবর্তন

Khabar kolkata News Desk: ভারত সরকারের পররাষ্ট্র মন্ত্রণালয় বাংলাদেশে আটক ৪৭ জন ভারতীয় জেলে এবং তিনটি (০৩) ভারতীয় মাছ ধরার নৌকা (IFB) প্রত্যাবর্তনের অনুমোদন দিয়েছে। ০৯ ডিসেম্বর ২০২৫-এ পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য সরকারের সমন্বয়ে ভারতীয় কোস্ট গার্ড সফলভাবে এই প্রত্যাবর্তন প্রক্রিয়া সম্পন্ন করে। বঙ্গোপসাগরে আন্তর্জাতিক সামুদ্রিক সীমারেখা বরাবর এই আদান-প্রদান অনুষ্ঠিত হয়।

এই প্রত্যাবর্তন প্রক্রিয়াটি পারস্পরিক ব্যবস্থার অংশ হিসেবে সম্পন্ন হয়, যেখানে ভারত ও তার জলসীমায় অবৈধ মাছ ধরার অভিযোগে ভারতীয় কোস্ট গার্ড কর্তৃক আটক ৩২ জন বাংলাদেশি জেলে এবং একটি (০১) বাংলাদেশি মাছ ধরার নৌকা ফেরত দেয়। ভারতীয় কোস্ট গার্ড জাহাজ বিজয়া নিরাপদে ওই বাংলাদেশি জেলেদের Bangladesh Coast Guard-এর জাহাজ BCGS Kamaruzzaman ও Sadhin Bangla-এর কাছে হস্তান্তর করে।

প্রত্যাবর্তিত ভারতীয় জেলেদের তিনটি IFB-সহ ভারতীয় কোস্ট গার্ড জাহাজ বিজয়া পশ্চিমবঙ্গের ফ্রেজারগঞ্জে নিয়ে আসে এবং ১০ ডিসেম্বর ২০২৫-এ ICGS Frazerganj-এর মাধ্যমে পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য প্রশাসনের কাছে হস্তান্তর করে। জেলেদের ও তাদের নৌযানগুলোর এই পারস্পরিক বিনিময় ভারত সরকারের পররাষ্ট্র মন্ত্রণালয় মানবিক দিক ও জেলে সম্প্রদায়ের জীবিকা-সংক্রান্ত বিষয় বিবেচনা করে সম্পন্ন করেছে। গত তিন মাসে ভারতীয় কোস্ট গার্ড ভারতীয় EEZ-এর ভিতরে অবৈধভাবে পরিচালনাকারী ছয়টি বাংলাদেশি মাছ ধরার নৌকা আটক করেছে।

যদিও ভারতীয় কোস্ট গার্ড নিয়মিতভাবে IMBL-এ ভারতীয় মাছ ধরার নৌকাগুলিকে পথনির্দেশ করে থাকে, তবুও নৌকাগুলি অগভীর জলসীমা ব্যবহার করে সীমারেখা অতিক্রম করছে। গত এক বছরে IMBL-এ ভারতীয় কোস্ট গার্ডের ইউনিটগুলো ৩০০-র বেশি IFB-কে ভারতীয় জলসীমায় ফেরত পাঠিয়েছে। পাশাপাশি, জেলেদের IMBL অতিক্রম না করতে উদ্বুদ্ধ করতে স্থানীয় মৎস্য বিভাগ ও মেরিন পুলিশের প্রতিনিধিদের সমন্বয়ে উপকূলবর্তী বিভিন্ন জেলেপল্লিতে নিয়মিতভাবে কমিউনিটি ইন্টারঅ্যাকশন প্রোগ্রাম (CIP) আয়োজন করা হচ্ছে।

IMBL অতিক্রম করে বৈধ নথিপত্র ছাড়া বিদেশি জলসীমায় মাছ ধরা একটি গুরুতর অপরাধ এবং এর মারাত্মক পরিণতি রয়েছে। এ ধরনের লঙ্ঘন বিদেশি আইন-শৃঙ্খলা রক্ষাকারী সংস্থা বা সামুদ্রিক সংস্থার দ্বারা নৌকা/জেলেদের আটক হওয়ার কারণ হয়। এর ফলে জেলেদের এবং তাদের পরিবারের অযথা শারীরিক ও মানসিক কষ্টের সৃষ্টি হয়।

এই প্রসঙ্গে ভারতীয় কোস্ট গার্ড পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য প্রশাসনকে স্থানীয় জেলে সম্প্রদায়কে IMBL অতিক্রমের আইনি ও নিরাপত্তাজনিত প্রভাব সম্পর্কে সচেতন করতে প্রয়োজনীয় নির্দেশ জারি করার অনুরোধ জানিয়েছে।

ছবি সৌজন্যে :- ইন্ডিয়ান কোস্ট গার্ড।

पीएम मोदी ने खालिदा जिया की गंभीर हालत पर जताई चिंता, बीएनपी ने जताया आभार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के स्वास्थ्य पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने आभार जताया है।

बीएनपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के इस ‘सद्भावना संदेश और मदद के लिए तत्परता’ की दिल से सराहना करती है। पार्टी के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट में कहा गया, ‘बीएनपी भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सद्भावना संदेश और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा ज़िया के जल्दी ठीक होने की शुभकामनाओं के लिए दिल से शुक्रिया अदा करती है। बीएनपी इस नेकनियती और मदद देने की इच्छा की तहे दिल से तारीफ़ करती है।

पीएम मोदी के संदेश में क्या

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पहले एक्स पर लिखा था कि वह बेगम खालिदा जिया की खराब होती सेहत से गहराई से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि खालिदा जिया ने कई वर्षों तक बांग्लादेश के सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पीएम मोदी ने बीएनपी प्रमुख के त्वरित स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। साथ ही कहा कि इस कठिन समय में भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।

बेगम खालिदा जिया की स्थिति गंभीर

बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री इस समय गंभीर स्थिति में अस्पताल में हैं। उन्होंने फेफड़ों में संक्रमण के कारण 23 नवम्बर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो बाद में बिगड़ गया। बीएनपी के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया है। एक मेडिकल टीम उनकी देखरेख कर रही है, जिसमें विदेश से आए विशेषज्ञ शामिल हैं।

Imity Travels Introduces New Meghalaya Tour Packages Featuring Waterfalls, Living Root Bridges, and Monsoon Experiences

Meghalaya, India — Imity Travels has announced the introduction of its dedicated Meghalaya tour packages, designed to showcase the natural beauty of Shillong, Cherrapunji, Mawlynnong, Dawki, and the famous Living Root Bridges. These new itineraries highlight Meghalaya’s monsoon charm, lush landscapes, and offbeat cultural experiences.With increasing interest in Northeast India tourism, Imity Travels curated Meghalaya packages that include guided sightseeing, safe transportation, comfortable stays, and local experiences that travellers rarely find in standard tours.

“Meghalaya is one of India’s most breathtaking destinations, especially in monsoon,” said Prity Pathak, CEO of Imity Travels. “Our Meghalaya tour packages combine waterfalls, cloud-draped villages, and unique natural wonders with reliable logistics and experienced local guides.”

Features of Meghalaya Tour Packages

Shillong sightseeing (Ward Lake, Police Bazar, viewpoints)

Cherrapunji waterfalls including Nohkalikai & Seven Sisters

Mawlynnong village & Living Root Bridge trek

Dawki boating & Indo-Bangladesh border viewpoint

Eco-friendly and monsoon-safe itineraries

Driver-cum-guide, comfortable vehicles & curated stays

These itineraries are ideal for families, honeymooners, nature lovers, and travellers seeking offbeat escapes.

Explore Meghalaya Tour Packages

https://www.imitytravels.com/domestic/meghalaya-tour-package/

About Imity Travels

Imity Travels delivers personalized domestic and international travel packages designed to offer comfort, adventure, and cultural immersion. With strong local teams across Northeast India and Southeast Asia, the company ensures safe and high-quality travel experiences.

These new packages also reflect Imity Travels’ mission to make Northeast travel more accessible and traveler-friendly, especially for those visiting Meghalaya for the first time. From handling unpredictable monsoon conditions to coordinating with trusted local partners, the company ensures that every detail is taken care of so travelers can simply enjoy the journey. Whether it’s watching clouds drift over endless valleys or walking through rain-washed forests, Imity Travels creates itineraries that capture Meghalaya’s soulful charm while keeping comfort, safety, and convenience at the core.

शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा, मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराया

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बांग्लादेशी की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे एक मामले पर सोमवार को ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश) की तरफ से फैसला सुनाया गया। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए कहा कि वे अधिकतम सजा की हकदार हैं। इसी के साथ न्यायाधिकरण ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। पहले से ही माना जा रहा था कि उन्हें सख्त सजा दी जा सकती है।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध और हत्या जैसे कुल 5 मामले चल रहे थे, जिस पर तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अपना 453 पन्नों का फैसला सुना दिया है। उन्हें अलग-अलग मामलों में आईटीसी ने दोषी करार दिया है और मौत की सजा सुनाई है। ट्रिब्यूनल को जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदर लीड कर रहे थे। आईसीटी जज के मुताबिक ये मामला काफी बड़ा था, ऐसे में फैसला भी 6 भाग में सुनाया गया है।

शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ फैसला

ट्रिब्यूनल ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के पांच आरोपों पर अपना फैसला सुनाया है। ये आरोप जुलाई-अगस्त 2024 में आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन से जुड़ी अशांति से उत्पन्न हुए हैं। शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ 8747 पन्नों के आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल गये थे, जिनमें पीड़ितों के बयान, जब्त किए सबूत और पीड़ितों की पूरी लिस्ट होने की बात कही गई थी। इसी आधार पर इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश ने शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाया है।

शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए

ट्रिब्यूनल ने कहा है कि हमने मानवाधिकार संगठन और अन्य संगठनों की कई रिपोर्ट्स पर विचार किया है। हमने क्रूरताओं का विवरण भी दिया है। शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए। ट्रिब्यूनल ने फैसले में यह भी कहा है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा है कि अवामी लीग के कार्यकर्ता कथित रूप से सड़कों पर उतर आए और पार्टी नेतृत्व की पूरी जानकारी में सुनियोजित हमले किए।

कोर्ट ने कहा-मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ

ट्रिब्यूनल ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की ओर से दिए गए सीधे आदेशों की वजह से प्रदर्शनकारियों और अन्य नागरिकों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ। मामले में अभियोजकों ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि हसीना सरकार की ओर से आदेश के बाद 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच ‘विद्रोह’ के दौरान 1,400 लोग मारे गए थे। 11 हजार से अधिक लोग हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार किए गए थे।

हसीना ने सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया

बता दें कि कि शेख हसीना इस वक्त भारत में हैं। उन्होंने ट्रिब्यूनल में मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं और वे ऐसे फैसलों की परवाह नहीं करतीं। आईसीटी के फैसले से पहले अपने समर्थकों को जारी एक ऑडियो संदेश में हसीना ने कहा था कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है। हसीना ने कहा था कि यह इतना भी आसान नहीं है। आवामी लीग जमीन से उठी पार्टी है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

उस्मान हादी की हत्या के दो आरोपी भारत भागे...', बांग्लादेश पुलिस का दावा कितना सच?

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बांग्लादेश के इंकिलाब मंच के नेता उस्मान हादी की मौत के बाद से वहां बवाल मचा हुआ है और सरकार से उनके हत्यारों को पकड़ने की मांग हो रही थी। हालांकि, उस्मान हादी के हत्यारे का अब तक पता नहीं चला है। इस नाकामी के बीच ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस ने दावा किया है कि उस्मान हादी की हत्या के दोनों प्रमुख अभियुक्त भारत भाग गए हैं।

स्थानीय मदद से सीमा करने का दावा

बांग्लादेश की ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने दावा किया है कि शरीफ उस्मान हादी की हत्या के दो मुख्य आरोपी भारत भाग गए हैं। ढाका पुलिस के मुताबिक ये आरोपी मयमनसिंह जिले के हलुआघाट बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुए, जो मेघालय से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी स्थानीय मदद से सीमा पार कर भारत पहुंचे।

मदद देने वालों की भारत में गिरफ्तारी का दावा

ढाका के डीएमपी मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त आयुक्त एसएन नज़रुल इस्लाम ने बताया कि आरोपी फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख हुलुआघाट सीमा पार कर भारत पहुंचे। पुलिस के अनुसार, सीमा पार करने के बाद उन्हें पहले पूर्ति नाम के व्यक्ति ने रिसीव किया और फिर सामी नामक टैक्सी चालक ने उन्हें मेघालय के तुरा शहर तक पहुंचाया। अधिकारी ने यह भी कहा कि जिन दो लोगों ने आरोपियों को मेघालय पहुंचाने में मदद की, उन्हें भारत में हिरासत में लिया गया है। बांग्लादेशी पुलिस ने भरोसा जताया कि भारतीय एजेंसियों के साथ औपचारिक और अनौपचारिक दोनों स्तरों पर समन्वय जारी है ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जा सके।

कौन थे शरीफ उस्मान हादी?

शरीफ उस्मान हादी बांग्लादेश के छात्र नेता थे और शेख हसीना विरोधी मंच ‘इनक़िलाब मंच’ से जुड़े थे। वे आगामी फरवरी चुनावों में ढाका-8 सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी उन पर जानलेवा हमला हुआ। 12 दिसंबर को उस्मान हादी को गोली मार दी गई थी। इसके बाद 18 दिसंबर को हादी का सिंगापुर में निधन हो गया और तब से लेकर अब तक बांग्लादेश में लगातार माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

17 साल के निर्वासन के बाद तारिक रहमान की वचन वापसी, ढाका में सियासत हलचल तेज*

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बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़े घटनाक्रम के तहत बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) प्रमुख बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान करीब 17 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद स्वदेश लौट आए हैं। रहमान लंदन में स्व-निर्वासन में रहने के बाद ढाका आए हैं। तारिक रहमान के बांग्‍लादेश पहुंचते ही बीएनपी के समर्थकों ने उनका जोरदार स्‍वागत किया।तारिक रहमान की वापसी के बाद बीएनपी समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है और इसे देश की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।

रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश में अशांति और राजनीतिक अस्थिरता की एक नई लहर चल रही है। हादी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी।

पीएम पद के प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे

बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के 60 वर्षीय बेटे रहमान, आने वाले फरवरी के आम चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे हैं। रहमान की बांग्लादेश वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जमात बांग्लादेश के टूटे-फूटे राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

शेख हसीना के जाने के बाद वापसी

17 साल के निर्वासन के दौरान तारिक रहमान लंदन में रह रहे थे और इस बीच उन पर कई कानूनी मामले चले। हालांकि शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद अदालतों से उन्हें राहत मिली और उनकी वापसी का रास्ता साफ हुआ।

चुनाव में बीएनपी को मिलेगी नई ऊर्जा

तारिक रहमान की वापसी को बीएनपी राजनीतिक प्रतिशोध के अंत के तौर पर पेश कर रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तारिक रहमान की वापसी से बांग्लादेश की चुनावी राजनीति पूरी तरह गरमा गई है। ऐसे समय में, जब देश हालिया हिंसा, छात्र आंदोलनों और सुरक्षा चिंताओं से गुजर रहा है, उनकी मौजूदगी न सिर्फ बीएनपी को नई ऊर्जा देगी बल्कि सत्ताधारी अंतरिम सरकार पर दबाव भी बढ़ाएगी। फरवरी में प्रस्तावित आम चुनावों से पहले तारिक रहमान की यह वापसी बांग्लादेश की राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदलने वाली मानी जा रही है।

बांग्लादेश में हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग मामले में 7 अरेस्ट, चौतरफा आलोचना के बाद झुके मोहम्‍मद यूनुस*

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बांग्लादेश में हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में चौतरफा आलोचना के बाद मोहम्मद यूनुस की सरकार ने कार्रवाई की है। बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन ने मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने यह जानकारी दी है। मोहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के आधिकारिक हैंडल से की गई पोस्ट में कहा गया कि सनातन धर्म के अनुयायी युवक दीपू चंद्र दास (27) की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में रैपिड ऐक्शन बटालियन (RAB) ने सात लोगों को संदिग्ध के तौर पर गिरफ्तार किया है। पोस्ट में बताया गया है कि RAB-14 ने अलग-अलग स्थानों पर अभियान चलाकर संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

ये सात आरोपी गिरफ्तार

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम हैं- 1- मोहम्मद लिमोन सरकार (19) 2- मोहम्मद तारेक हुसैन (19) 3- मोहम्मद माणिक मिया (20) 4- इरशाद अली (39) 5- निजुम उद्दीन (20) 6- अलोमगीर हुसैन (38) 7- मोहम्मद मिराज हुसैन एकॉन (46)

हिंदू युवा की मॉब लिंचिंग पर यूनुस सरकार ने की निंदा

इससे पहले मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कल एक बयान में कहा था कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्य सलाहकार की मीडिया टीम की ओर से जारी बयान में कहा गया- हम हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति को नष्ट करने के सभी कृत्यों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। बयान में कहा गया था कि इस नाजुक घड़ी में, हम प्रत्येक नागरिक से हिंसा, उकसावे और नफरत को अस्वीकार करके और उनका विरोध करके हादी का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।

हादी की मौत के बाद फैली हिंसा के बीच वारदात

दीपू चंद दास की गुरुवार को ईशनिंदा के आरोप में पीटकर हत्या कर दी गई थी और उनके शव को आग लगा दी गई। यह देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की नवीनतम घटना है। यह लिंचिंग उस समय हुई जब देश में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद तनाव और हिंसा फैल गई थी। हादी पिछले साल हुए छात्र-नेतृत्व वाले ‘जुलाई आंदोलन’ के प्रमुख नेताओं में से थे और ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता भी थे।

बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या, फिर शव को पेड़ से बांध जलाया

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बांग्लादेश में युवा नेता उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा भड़क गई है। पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच एक खौफनाक मामला सामने आया है। कट्टरपंथियों के भारत विरोधी प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और उसे पेड़ में बांधकर आग लगा दी गई।

बांग्लादेश में एक हिंदू युवक को ईशनिंदा का आरोप लगाकार पहले पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को नग्न कर पेड़ पर लटका दिया गया और उसमें आग लगा दी गई। मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो एक युवा गारमेंट फैक्ट्री कर्मचारी था और भालुका उपजिला के डुबालिया पाड़ा इलाके में किराए पर रहता था। मॉब लिंचिंग की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप

पुलिस के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 9 बजे कुछ स्थानीय लोगों ने उस पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिना किसी जांच या कानूनी प्रक्रिया के, भीड़ ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

हिंसा पर क्या बोले मोहम्मद यूनुस?

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद कट्टर इस्लामिक संगठनों ने हिंदुओं के खिलाफ हिंसा शुरू कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सैकड़ों हिंदुओं के घर तोड़ दिए गये। कई हिंदुओं की हत्या कर दी गई। लेकिन मोहम्मद यूनुस ने चुप्पी साध रखी थी। अब जबकि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और मोहम्मद यूनुस के लिए इस घटना को झुठलाना मुमकिन नहीं हो रहा है, तो उसने इस घटना की निंदा की है। बांग्लादेश की सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में नागरिकों से सतर्क रहने और हर तरह की हिंसा को खारिज करने की अपील की है।

बांग्‍लादेश में बवालः छात्र नेता हादी की मौत के बाद ढाका की सड़कों पर उतरे युवा, हिंसा-आगजनी

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बांग्लादेश के युवा एक्टिविस्ट उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई है, उनके समर्थक सड़कों पर है और कई इमारतों को आग के हवाला कर दिया है। मौत के बाद भीड़ ने रातभर तांडव मचाया और विशेष रूप से मीडिया-पत्रकारों को निशाना बनाया।

बांग्लादेश में 32 साल के छात्र नेता और इंकलाब मंच प्लेटफॉर्म के प्रवक्ता और बांग्लादेश में होने वाले नेशनल चुनावों में उम्मीदवार उस्मान हादी की हत्या के बाद अराजकता का माहौल है। रात भर राजधानी ढाका समेत देश के कई हिस्सों में हल्ला हंगामा और हिंसा जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने डेली स्टार, प्रथोम आलो समेत बड़े अखबारों के दफ्तरों को निशाना बनाया है, जिससे कई पत्रकार रात भर अंदर ही फंसे रहे।

कैंपेन करते समय हादी की हत्या

उस्मान हादी की 12 दिसंबर को ढाका में कैंपेन करते समय नकाबपोश हमलावरों ने सिर में गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था। उस्मान हादी की मौत की खबर सार्वजनिक होते ही ढाका समेत देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे।

प्रदर्शनकारियों ने मीडिया हाउस को बनाया निशाना

ढाका में हालात उस वक्त तनावपूर्ण हो गए, जब उग्र भीड़ ने डेली स्टार अखबार के दफ्तर पर हमला कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखबार के कार्यालय में फंसे कम से कम 25 पत्रकारों को चार घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया। शुक्रवार रात करीब 12 बजे भीड़ ढाका के करवान बाजार स्थित डेली स्टार के दफ्तर में घुस गई। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने प्रथम आलो अखबार के दफ्तर पर भी हमला किया था, जहां तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई और नारेबाजी की गई।

एंटी इंडिया रूख से जोड़ी जा रही हादी की मौत

दरअसल, हादी की मौत को उनके एंटी इंडिया और एंटी अवामी लीग रुख से जोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों प्रमुख अखबारों को प्रदर्शनकारी भारत समर्थक मान रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया संस्थानों पर आरोप लगाया कि वे भारत समर्थक हैं और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पक्ष में काम कर रहे हैं, जो अगस्त 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत चली गई थीं।

आवामी लीग के नेता के घर लगाई आग

वहीं, आवामी लीग के नेता भी प्रदर्शनकारियों के निशाने पर हैं। उग्र प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश के चटगांव के शोलाशहर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग के संगठन सचिव और पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी नवफेल के घर में घुस गए। जबरदस्ती घुसे इन उग्रवादियों ने घर में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी को अंजाम दिया है।

ভারতীয় কোস্ট গার্ডের উদ্যোগে বাংলাদেশ থেকে ভারতীয় জেলেদের প্রত্যাবর্তন

Khabar kolkata News Desk: ভারত সরকারের পররাষ্ট্র মন্ত্রণালয় বাংলাদেশে আটক ৪৭ জন ভারতীয় জেলে এবং তিনটি (০৩) ভারতীয় মাছ ধরার নৌকা (IFB) প্রত্যাবর্তনের অনুমোদন দিয়েছে। ০৯ ডিসেম্বর ২০২৫-এ পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য সরকারের সমন্বয়ে ভারতীয় কোস্ট গার্ড সফলভাবে এই প্রত্যাবর্তন প্রক্রিয়া সম্পন্ন করে। বঙ্গোপসাগরে আন্তর্জাতিক সামুদ্রিক সীমারেখা বরাবর এই আদান-প্রদান অনুষ্ঠিত হয়।

এই প্রত্যাবর্তন প্রক্রিয়াটি পারস্পরিক ব্যবস্থার অংশ হিসেবে সম্পন্ন হয়, যেখানে ভারত ও তার জলসীমায় অবৈধ মাছ ধরার অভিযোগে ভারতীয় কোস্ট গার্ড কর্তৃক আটক ৩২ জন বাংলাদেশি জেলে এবং একটি (০১) বাংলাদেশি মাছ ধরার নৌকা ফেরত দেয়। ভারতীয় কোস্ট গার্ড জাহাজ বিজয়া নিরাপদে ওই বাংলাদেশি জেলেদের Bangladesh Coast Guard-এর জাহাজ BCGS Kamaruzzaman ও Sadhin Bangla-এর কাছে হস্তান্তর করে।

প্রত্যাবর্তিত ভারতীয় জেলেদের তিনটি IFB-সহ ভারতীয় কোস্ট গার্ড জাহাজ বিজয়া পশ্চিমবঙ্গের ফ্রেজারগঞ্জে নিয়ে আসে এবং ১০ ডিসেম্বর ২০২৫-এ ICGS Frazerganj-এর মাধ্যমে পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য প্রশাসনের কাছে হস্তান্তর করে। জেলেদের ও তাদের নৌযানগুলোর এই পারস্পরিক বিনিময় ভারত সরকারের পররাষ্ট্র মন্ত্রণালয় মানবিক দিক ও জেলে সম্প্রদায়ের জীবিকা-সংক্রান্ত বিষয় বিবেচনা করে সম্পন্ন করেছে। গত তিন মাসে ভারতীয় কোস্ট গার্ড ভারতীয় EEZ-এর ভিতরে অবৈধভাবে পরিচালনাকারী ছয়টি বাংলাদেশি মাছ ধরার নৌকা আটক করেছে।

যদিও ভারতীয় কোস্ট গার্ড নিয়মিতভাবে IMBL-এ ভারতীয় মাছ ধরার নৌকাগুলিকে পথনির্দেশ করে থাকে, তবুও নৌকাগুলি অগভীর জলসীমা ব্যবহার করে সীমারেখা অতিক্রম করছে। গত এক বছরে IMBL-এ ভারতীয় কোস্ট গার্ডের ইউনিটগুলো ৩০০-র বেশি IFB-কে ভারতীয় জলসীমায় ফেরত পাঠিয়েছে। পাশাপাশি, জেলেদের IMBL অতিক্রম না করতে উদ্বুদ্ধ করতে স্থানীয় মৎস্য বিভাগ ও মেরিন পুলিশের প্রতিনিধিদের সমন্বয়ে উপকূলবর্তী বিভিন্ন জেলেপল্লিতে নিয়মিতভাবে কমিউনিটি ইন্টারঅ্যাকশন প্রোগ্রাম (CIP) আয়োজন করা হচ্ছে।

IMBL অতিক্রম করে বৈধ নথিপত্র ছাড়া বিদেশি জলসীমায় মাছ ধরা একটি গুরুতর অপরাধ এবং এর মারাত্মক পরিণতি রয়েছে। এ ধরনের লঙ্ঘন বিদেশি আইন-শৃঙ্খলা রক্ষাকারী সংস্থা বা সামুদ্রিক সংস্থার দ্বারা নৌকা/জেলেদের আটক হওয়ার কারণ হয়। এর ফলে জেলেদের এবং তাদের পরিবারের অযথা শারীরিক ও মানসিক কষ্টের সৃষ্টি হয়।

এই প্রসঙ্গে ভারতীয় কোস্ট গার্ড পশ্চিমবঙ্গ রাজ্য প্রশাসনকে স্থানীয় জেলে সম্প্রদায়কে IMBL অতিক্রমের আইনি ও নিরাপত্তাজনিত প্রভাব সম্পর্কে সচেতন করতে প্রয়োজনীয় নির্দেশ জারি করার অনুরোধ জানিয়েছে।

ছবি সৌজন্যে :- ইন্ডিয়ান কোস্ট গার্ড।

पीएम मोदी ने खालिदा जिया की गंभीर हालत पर जताई चिंता, बीएनपी ने जताया आभार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के स्वास्थ्य पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने आभार जताया है।

बीएनपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के इस ‘सद्भावना संदेश और मदद के लिए तत्परता’ की दिल से सराहना करती है। पार्टी के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट में कहा गया, ‘बीएनपी भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सद्भावना संदेश और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा ज़िया के जल्दी ठीक होने की शुभकामनाओं के लिए दिल से शुक्रिया अदा करती है। बीएनपी इस नेकनियती और मदद देने की इच्छा की तहे दिल से तारीफ़ करती है।

पीएम मोदी के संदेश में क्या

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पहले एक्स पर लिखा था कि वह बेगम खालिदा जिया की खराब होती सेहत से गहराई से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि खालिदा जिया ने कई वर्षों तक बांग्लादेश के सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पीएम मोदी ने बीएनपी प्रमुख के त्वरित स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। साथ ही कहा कि इस कठिन समय में भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।

बेगम खालिदा जिया की स्थिति गंभीर

बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री इस समय गंभीर स्थिति में अस्पताल में हैं। उन्होंने फेफड़ों में संक्रमण के कारण 23 नवम्बर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो बाद में बिगड़ गया। बीएनपी के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया है। एक मेडिकल टीम उनकी देखरेख कर रही है, जिसमें विदेश से आए विशेषज्ञ शामिल हैं।

Imity Travels Introduces New Meghalaya Tour Packages Featuring Waterfalls, Living Root Bridges, and Monsoon Experiences

Meghalaya, India — Imity Travels has announced the introduction of its dedicated Meghalaya tour packages, designed to showcase the natural beauty of Shillong, Cherrapunji, Mawlynnong, Dawki, and the famous Living Root Bridges. These new itineraries highlight Meghalaya’s monsoon charm, lush landscapes, and offbeat cultural experiences.With increasing interest in Northeast India tourism, Imity Travels curated Meghalaya packages that include guided sightseeing, safe transportation, comfortable stays, and local experiences that travellers rarely find in standard tours.

“Meghalaya is one of India’s most breathtaking destinations, especially in monsoon,” said Prity Pathak, CEO of Imity Travels. “Our Meghalaya tour packages combine waterfalls, cloud-draped villages, and unique natural wonders with reliable logistics and experienced local guides.”

Features of Meghalaya Tour Packages

Shillong sightseeing (Ward Lake, Police Bazar, viewpoints)

Cherrapunji waterfalls including Nohkalikai & Seven Sisters

Mawlynnong village & Living Root Bridge trek

Dawki boating & Indo-Bangladesh border viewpoint

Eco-friendly and monsoon-safe itineraries

Driver-cum-guide, comfortable vehicles & curated stays

These itineraries are ideal for families, honeymooners, nature lovers, and travellers seeking offbeat escapes.

Explore Meghalaya Tour Packages

https://www.imitytravels.com/domestic/meghalaya-tour-package/

About Imity Travels

Imity Travels delivers personalized domestic and international travel packages designed to offer comfort, adventure, and cultural immersion. With strong local teams across Northeast India and Southeast Asia, the company ensures safe and high-quality travel experiences.

These new packages also reflect Imity Travels’ mission to make Northeast travel more accessible and traveler-friendly, especially for those visiting Meghalaya for the first time. From handling unpredictable monsoon conditions to coordinating with trusted local partners, the company ensures that every detail is taken care of so travelers can simply enjoy the journey. Whether it’s watching clouds drift over endless valleys or walking through rain-washed forests, Imity Travels creates itineraries that capture Meghalaya’s soulful charm while keeping comfort, safety, and convenience at the core.

शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा, मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराया

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बांग्लादेशी की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे एक मामले पर सोमवार को ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश) की तरफ से फैसला सुनाया गया। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए कहा कि वे अधिकतम सजा की हकदार हैं। इसी के साथ न्यायाधिकरण ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। पहले से ही माना जा रहा था कि उन्हें सख्त सजा दी जा सकती है।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध और हत्या जैसे कुल 5 मामले चल रहे थे, जिस पर तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अपना 453 पन्नों का फैसला सुना दिया है। उन्हें अलग-अलग मामलों में आईटीसी ने दोषी करार दिया है और मौत की सजा सुनाई है। ट्रिब्यूनल को जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदर लीड कर रहे थे। आईसीटी जज के मुताबिक ये मामला काफी बड़ा था, ऐसे में फैसला भी 6 भाग में सुनाया गया है।

शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ फैसला

ट्रिब्यूनल ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के पांच आरोपों पर अपना फैसला सुनाया है। ये आरोप जुलाई-अगस्त 2024 में आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन से जुड़ी अशांति से उत्पन्न हुए हैं। शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ 8747 पन्नों के आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल गये थे, जिनमें पीड़ितों के बयान, जब्त किए सबूत और पीड़ितों की पूरी लिस्ट होने की बात कही गई थी। इसी आधार पर इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश ने शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाया है।

शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए

ट्रिब्यूनल ने कहा है कि हमने मानवाधिकार संगठन और अन्य संगठनों की कई रिपोर्ट्स पर विचार किया है। हमने क्रूरताओं का विवरण भी दिया है। शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए। ट्रिब्यूनल ने फैसले में यह भी कहा है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा है कि अवामी लीग के कार्यकर्ता कथित रूप से सड़कों पर उतर आए और पार्टी नेतृत्व की पूरी जानकारी में सुनियोजित हमले किए।

कोर्ट ने कहा-मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ

ट्रिब्यूनल ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की ओर से दिए गए सीधे आदेशों की वजह से प्रदर्शनकारियों और अन्य नागरिकों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ। मामले में अभियोजकों ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि हसीना सरकार की ओर से आदेश के बाद 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच ‘विद्रोह’ के दौरान 1,400 लोग मारे गए थे। 11 हजार से अधिक लोग हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार किए गए थे।

हसीना ने सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया

बता दें कि कि शेख हसीना इस वक्त भारत में हैं। उन्होंने ट्रिब्यूनल में मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं और वे ऐसे फैसलों की परवाह नहीं करतीं। आईसीटी के फैसले से पहले अपने समर्थकों को जारी एक ऑडियो संदेश में हसीना ने कहा था कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है। हसीना ने कहा था कि यह इतना भी आसान नहीं है। आवामी लीग जमीन से उठी पार्टी है।