भारत के साथ तख्त रिश्ते के बीच पहले पाक फिर चीन से संबंध बढ़ा रहा बांग्लादेश, क्या हैं मोहम्‍मद यूनुस के इरादे

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चीन और भारत के रिश्ते कभी सामान्य नहीं रहे। खासकर दुनियाभर में भारत की बढ़ती ताकत ने चीन को बार-बार “चोट” पहुंचाई है। यही वजह है कि चीन, भारत को कमजोर करने की कोई भी चाल को हाथ से गंवाना नहीं चाहता है। भारत के पड़ोसी देशों में पिछले एक साल में कई बदलाव आए हैं। मालदीव, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों में राजनीतिक उथल-पुथल देखी गई है। चीन ने इसका फायदा उठाने की कोशिश लगातार की है। चीन अपनी लोन नीति के चलते कई देशों में अपनी पकड़ मजबूत कर चुका है। पाकिस्तान को अपने चंगुल में लेने के बाद चीन अब बांग्लादेश पर नजर रखे हुए है।

हाल के दिनों में भारत-बांग्लादेश के रिश्ते तल्ख हुए हैं। भारत के ससाथ संबंधों में आई गिरावट के साथ ही बांग्लादेश पहले पाकिस्तान अब चीन के करीब आने लगा है। इसी बीच बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन चीन दौरे पर हैं। बांग्‍लादेश आर्मी के टॉप जनरल कमरुल हसन ने कुछ दिनों पहले ही पाकिस्‍तान की यात्रा की थी। उन्‍होंने पाकिस्‍तान आर्मी चीफ असीम मुनीर से मुलाकात की थी। अब यूनुस ने अपने विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन को बीजिंग भेजा है।

बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार हसन की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन बांग्लादेश के साथ विभिन्न स्तरों पर बातचीत को मजबूत करने, राजनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता वाले बेल्ट एंड रोड सहयोग और अन्य क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को गहरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन-बांग्लादेश व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी को बढ़ाया जाएगा।

बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हसन चीन दौरे पर हैं और उनके इस दौरे में चीन से लिए लोन भुगतान की मियाद को बढ़ाना अहम मुद्दों में से एक है। द डेली स्टार के खबर के मुताबिक चीन ने इस पर सहमति भी व्यक्त कर दी है। बीजिंग चीनी लौन भुगतान के लिए समय सीमा बढ़ाने पर राजी हो गया और ढाका को आश्वासन दिया है कि वह बांग्लादेश के विदेशी ऋण भुगतान के दबाव को कम करने के लिए ब्याज दर कम करने के अनुरोध पर विचार करेगा।

हसन ने चीन से ब्याज दर को 2-3 फीसद से घटाकर 1 फीसद करने की मांग की है, साथ ही अनुरोध किया है कि भुगतान करने के अच्छे रिकार्ड को देखते हुए, लोन चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया जाए। खबरों के मुताबिक चीनी ने दोनों ही मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

हसीन के तख्तापलट के बाद आ रहे करीब

बांग्‍लादेश में प्रचंड विरोध प्रदर्शन से कुछ दिन पहले शेख हसीना ने आधिकारिक तौर पर चीन का दौरा किया था। वहां से लौटने के बाद उनका तख्‍ता पलट हो गया था। वहीं, अंतरिम सरकार के गठन के बाद से, सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के दौरे की मेजबानी की, जिसके बाद कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी सहित बांग्लादेशी इस्लामी दलों के प्रतिनिधिमंडल का भी दौरा हुआ।

छोटे देशों को फांसना चीन की चाल

बता दें कि छोटे देशों को लोन देना चीन के लिए कोई नया नहीं है। देशों को अपने लोन की जाल में फंसाना चीन की नीति का पुराना हिस्सा रहा है। श्रीलंका को भी चीन ने बड़े पैमाने पर लोन दिया है और भुगतान करने में विफल रहने पर श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर कब्जा कर लिया है। हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन की मौजूदगी भारत के लिए बड़ा खतरा है।

चीन ने अपने नौसैनिक निगरानी और जासूसी जहाजों को हंबनटोटा में खड़ा किया है। पिछले दो सालों में बीजिंग ने कई मौकों पर अपने 25 हजार टन वजनी सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज युआन वांग 5 को हंबनटोटा में तैनात किया है, जो श्रीलंका की भारत से करीबी की वजह से भारत के हितों के लिए हानिकारक है। हालांकि भारत के चिंताओं के बाद श्रीलंका ने आश्वासन दिया है कि वह देश धरती भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा।

सैफ अली खान पर हमले का बांग्लादेश कनेक्शन! जानें पूरा मामला

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बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाले आरोपी पकड़ा जा चुका है। सैफ अली खान पर हमले का बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया है। मुंबई पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी दीक्षित गेडाम ने बताया कि आरोपी के बांग्लादेशी होने का शक है। आरोपी का नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद है। शहजाद के अवैध घुसपैठिए होने का शक है। पहचान छिपाने के लिए उसने कई नाम बदले।

सैफ अली खान पर हमला करने वाले आरोपी शरीफुल का बर्थ सर्टिफिकेट सामने आया है, इसके मुताबिक वह बांग्लादेश के झालोकाठी का रहने वाला है। इसके साथ ये भी पता चला है कि आरोपी जल्द से जल्द बांग्लादेश भागने का प्लान बना चुका था। लेकिन, इससे पहले कि वह अपने प्लान को अंजाम दे पाता, वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया और बांग्लादेश भागने के उसके प्लान पर पानी फिर गया

पुलिस का दावा है कि आरोपी शरीफुल इस्लाम शहजाद ने बयान में बताया कि वो बांग्लादेश में कुश्ती का खिलाड़ी था और कम वेट कैटेगरी में मुकाबला करता था। वो जिला स्तर और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी भाग ले चुका था। कुश्ती में अनुभव होने के कारण ही सैफ अली खान के भारी शरीर के बावजूद उसने एक्टर पर हमला किया।

मुंबई पुलिस के मुताबिक आरोपी पांच छह महीने पहले मुंबई आया है। वो मुंबई में अपनी पहचान बदलकर रह रहा था। वह पहचान छिपाने के लिए विजय दास के नाम से रह रहा था। आरोपी के पास कोई भारतीय दस्तावेज नहीं है। वह अवैध तरीके से भारत में घुसा। वह पब में हाउसकीपिंग का काम करता था। फिलहाल उसके नाम का खुलासा हो गया है और जांच में पाया गया है कि आरोपी बांग्लादेश का रहने वाला है।

सैफ अली खान पर 16 जनवरी को सुबह 2:00 बजे उनके मुंबई के बांद्रा स्थित आवास पर हमला हुआ था, जिसमें अभिनेता बुरी तरह जख्मी हो गए थे। हमले के बाद अभिनेता सुबह 3:00 बजे खून से लथपथ हालत में लीलावती अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती किया गया। अभिनेता की हालत फिलहाल स्थिर है और 3 दिन की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिससे संबंधित अब अन्य जानकारियां सामने आई हैं।

इस बीच आरोपी के वकील ने दावा किया है कि बांग्लादेश से घुसपैठ की बात निराधार है। पीड़ित सेलिब्रिटी है, इस वजह से इस मामले को इतना तूल दिया जा रहा है। आरोपी के वकील संदीप शेरखाने ने आईएएनएस को बताया कि शहजाद को बांग्लादेश के नाम पर फंसाया गया। संदीप शेरखाने ने बताया, दलील पेश की गई है कि जो जांच की गई वह अधूरी है। शहजाद को नोटिस नहीं दी गई थी। हत्या के प्रयास का सैफ अली के बयान में जिक्र नहीं है और धमकी से संबंधित भी कुछ नहीं है। आरोपी की बांग्लादेशी नागरिकता को लेकर वकील ने कहा, यह गलत है। उसके पास कई साल से भारत में रहने के दस्तावेज हैं। पुलिस ने कहा कि शहजाद मात्र छह महीने से देश में रह रहा है जो गलत है। उसे फंसाया जा रहा है।

20 मिनट लेट होती तो...' हसीना बोलीं- रची गई थी मेरी हत्या की साजिश

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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने पिछले साल उनके सरकारी आवास पर हुए आंदोलनकारियों के हमले को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार अपना दर्द बयां किया है। हसीना ने एक ऑडियो टेप जारी कर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर मैं अपनी बहन के साथ उस दिन 20 मिनट पहले अपने सरकारी आवास से नहीं निकलती तो वो दिन हमारा आखिर दिन हो सकता था। बता दें कि बीते साल पांच अगस्त को समय शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर अपनी जान बचाकर भारत जाना पड़ा था।

शेख हसीना का ये ऑडियो बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गया। इस ऑडियो में शेख हसीना अल्लाह का शुक्रिया अदा करते भी दिख रही हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उन्हें मारने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया है। शेख हसीना ने शुक्रवार रात को फेसबुक पर अपनी पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के पेज पर एक ऑडियो संदेश में यह बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, रेहाना और मैं बच गए, हम केवल 20-25 मिनट के अंतराल से मौत से बच गए।

हसीना ने दावा किया है कि उनकी हत्या की कई बार साजिशें रची गई थीं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 21 अगस्त को हुई हत्याओं से बचना, कोटालीपारा में हुए विशाल बम विस्फोट से बचना या पांच अगस्त 2024 को जीवित बचना अल्लाह की इच्छा है। अल्लाह का हाथ ही होगा। अगर अल्लाह की इच्छा न होती, तो मैं अब तक जिंदा नहीं बची होती। उन्होंने कहा, 'आपने बाद में देखा कि कैसे मुझे मारने की योजना बनाई गई थी। हालांकि, अल्लाह की दया है कि मैं अभी भी जिंदा हूं क्योंकि अल्लाह चाहता है कि मैं कुछ और करूं।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वीजा अवधि को बड़ा दिया था। वह पिछले साल अगस्त से भारत में रह रही हैं। इस बीच खबर ये भी आई थी कि बांग्लादेश ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है। हालांकि वीजा अवधि बढ़ने से हसीना के लिए अधिक समय तक भारत में रहने का रास्ता साफ हो गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार, भारत से पूर्व पीएम के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

बढ़ता ही जा रहा है युनूस का पाकिस्तान प्रेम, बांग्लादेश के टॉप जनरल का रावलपिंडी दौरा

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बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ रही है। बांग्लादेश और पाकिस्तान तेजी से एक-दूसरे के साथ रक्षा संबंधों में विस्तार कर रहे हैं। अब मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सेना के एक हाई रैंक के अधिकारी को पाकिस्तान के दौरे पर भेजा। बांग्लादेश के एक टॉप जनरल लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन ने रावलपिंडी में पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिफ मुनीर से मुलाकात की। यह दो पुराने दुश्मनों के बीच नए रिश्ते की शुरुआत है।

बांग्लादेश सशस्त्र बल डिविजन के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर (पीएसओ) लेफ्टिनेंट जनरल एस एम कमरुल हसन की इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान सेना की मीडिया मामलों की शाखा आईएसपीआर ने बयान जारी किया। बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ अपने संबंधों में लचीलापन लाने पर जोर दिया, साथ ही दोनों अधिकारियों ने रक्षा संबंधों पर भी चर्चा की।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ मुलाकात के दौरान बांग्लादेशी लेफ्टिनेंट जनरल कमरुल हसन ने पाकिस्तान सेना की तारीफ की, जो एक ऐसा कदम था जिसके कुछ समय पहले तक बांग्लादेश में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। बांग्लादेशी लेफ्टिनेंट ने उस पाकिस्तानी सेना की तारीफ भी की, जिसने मुक्ति संग्राम के समय लोगों पर कभी न भुला पाने वाले अत्याचार किए थे। यही वजह है कि पाकिस्तानी मीडिया भी बांग्लादेश सेना के सीनियर अधिकारी की इस यात्रा को 'दुर्लभ' बता रहा है।

आज भी बांग्लादेश के लोग पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों को भूले नहीं है। इसी पाकिस्तान की सेना के साथ 20वीं सदी के सबसे खूनी युद्धों में से एक के बाद बांग्लादेश ने 1971 में आजादी पाई थी। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बनने के बाद ढाका और इस्लामाबाद के बीच संबंध हमेशा तनाव भरे रहे हैं। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के समर्थन वाली मोहम्मद यूनुस की अंतिम सरकार इसे मिटाने के काम पर लग गई है।

भारत के साथ घनिष्ठ दोस्ती रखने वाली पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सरकार के तख्तापलट के बाद पाकिस्तान-बांग्लादेश के रिश्तों ने नई करवट ली है। बीते साल, 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देकर भारत आ गईं थीं और तब से वह भारत में ही रह रहीं हैं। शेख हसीना की सत्ता गिरने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के रिश्ते पाकिस्तान के साथ काफी मजबूत हुए हैं।

उल्फा नेता पर “मेहरबान” बांग्लादेश, पहले मौत की सजा रद्द, अब आजीवन कारावास घटाकर किया 14 साल

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बांग्लादेश की अदालत पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोपों में बरी करने के बाद अब उल्फा नेता पर भी मेहरबान हो गई। उच्च न्यायालय ने देश के शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में उल्फा नेता परेश बरुआ की उम्रकैद की सजा को 14 साल की कैद में बदल दिया है, जबकि कई अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने उनकी मौत की सजा को रद्द कर दिया था और उसे आजीवन कारावास में बदल दिया था।

बता दें कि असम के यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट के सैन्य कमांडर बरुआ भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। वह फिलहाल चीन में है और उसकी अनुपस्थिति में बांग्लादेश हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। बुधवार को बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने दो दशक पहले असम में अलगाववादी समूह के ठिकानों पर हथियारों से भरे ट्रकों की तस्करी करने के प्रयास के सिलसिले में उल्फा नेता परेश बरुआ की आजीवन कारावास की सजा को घटाकर 14 वर्ष कारावास में बदल दिया।

अटॉर्नी जनरल ब्यूरो के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, दो न्यायाधीशों की पीठ ने बरुआ और चार बांग्लादेशी दोषियों की उम्रकैद की सजा में कटौती की है। अधिकारी के मुताबिक, उच्च न्यायालय ने मंगलवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर और पांच अन्य को बरी कर दिया, जिन्हें इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने बताया कि अदालत ने बरुआ सहित पांच अन्य दोषियों की जेल की सजा में कटौती की और तीन अन्य आरोपियों की मौत के कारण उनकी अपील निरस्त (समाप्त) घोषित कर दी।

परेश बरुआ को 2014 में उसकी गैरमौजूदगी में चलाए गए मुकदमे में मौत की सजा सुनाई गई थी। तब बांग्लादेश में शेख हसीना प्रधानमंत्री थीं। हालांकि, मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद पिछले महीने, अदालत ने बरुआ की मौत की सजा को कम कर उम्रकैद में बदला था।

अप्रैल 2004 में चट्टोग्राम (अब चटगांव) के रास्ते पूर्वोत्तर भारत में उल्फा के ठिकानों पर 10 ट्रक हथियार पहुंचाने के कुछ 'प्रभावशाली लोगों' के कथित प्रयासों को नाकाम कर दिया गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने इन ट्रक पर लदे हथियार जब्त कर लिए थे, जिनमें 27,000 से अधिक ग्रेनेड, 150 रॉकेट लॉन्चर, 11 लाख से अधिक गोला-बारूद, 1,100 सब मशीन गन और 1.14 करोड़ गोलियां शामिल थीं। घटना के सिलसिले में हथियारों की तस्करी के लिए विशेष शक्तियां अधिनियम 1974 के तहत एक मामला और अवैध रूप से हथियार रखने के लिए शस्त्र अधिनियम के तहत दूसरा मामला दर्ज किया गया था।

दोनों मामलों में पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर, सेना खुफिया महानिदेशालय के पूर्व प्रमुख जनरल रजाकुल हैदर चौधरी, सरकारी उर्वरक संयंत्र के पूर्व प्रबंध निदेशक मोहसिन तालुकदार, इसके महाप्रबंधक इनामुल हक, उद्योग मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव नुरूल अमीन और जमात-ए-इस्लामी नेता मोतिउर रहमान निजामी को मौत की सजा सुनाई गई थी। वहीं, बरुआ सहित पांच आरोपियों के लिए उम्रकैद की सजा मुकर्रर की गई थी।

भारत ने बांग्लादेश को उसी की भाषा मे दिया जवाब, डिप्टी हाईकमिश्नर को किया तलब

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भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बदलती परिस्थितियों पर चर्चा के लिए बांग्लादेश के उप-उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब किया। एक दिन पहले रविवार को बांग्लादेश ने ढाका में तैनात भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था। विवाद की ताजा वजह सीमा पर बाड़ लगाने का भारत की कोशिशें हैं। बांग्लादेश का आरोप है कि भारत 4,156 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच जगहों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। उसका दावा है कि यह द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सुरक्षा को सख्त कर दिया है। बॉर्डर एरिया पर बीएसएफ की पैनी नजर है जिसके चलते बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार बौखला गई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था और सीमा पर भारत की गतिविधियों पर चिंता जताई थी। सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी नई दिल्ली में मौजूद बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नूरुल इस्लाम को तलब किया है।

बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, रविवार को विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ प्रणय वर्मा की बैठक लगभग 45 मिनट तक चली थी। एक अधिकारी ने कहा, 'ढाका और नई दिल्ली के बीच सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर समझौता है। हमारे दोनों सीमा सुरक्षा बल – बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) इस संबंध में बातचीत कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस समझौते को लागू किया जाएगा और सीमा पर अपराधों से निपटने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,156 किलोमीटर का बॉर्डर है। इसमें से 3271 किलोमीटर एरिया में भारत ने फेंसिंग कर दी है। 885 किलोमीटर बॉर्डर पर अभी फेंसिंग का काम चल रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2010 से लेकर 2023 तक 160 जगहों पर फेंसिंग का काम किया था। 10 जनवरी से BSF ने फिर से यह काम शुरू किया। इनमें से 5 जगहों चपैनवाबगंज, लालमोनिरहाट में तीन बीघा कॉरिडोर, नौगांव में पटनीताला, फेनी, कुश्तिया और कुमिला में फेंसिंग को लेकर विवाद है।

बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को क्यों किया तलब, भारत के साथ नया विवाद

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भारत-बांग्लादेश के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। शेख हसीना के तख्तापल के बाद बांग्लादेश में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मो. यूनुस की अंतरिम सरकार बनी। यूनुस के सत्ता आने के बाद से बांग्लादेश में भारत विरोधी लहर बनी हुई है। इस बीच रविवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया है, यह कदम दोनों देशों के बीच सीमा तनाव के बढ़ने के बीच उठाया गया है।

सरकारी समाचार एजेंसी 'बीएसएस' ने पहले अपनी खबर में बताया था कि प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय ने सीमा पर बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए ''तलब'' किया था। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में हालांकि इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ''विदेश सचिव राजदूत मोहम्मद जशीम उद्दीन ने आज विदेश मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के समक्ष बांग्लादेश-भारत सीमा पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हाल की गतिविधियों को लेकर बांग्लादेश सरकार की ओर से गहरी चिंता जताई।'' बीएसएस की खबर के अनुसार वर्मा लगभग तीन बजे (स्थानीय समयानुसार) विदेश मंत्रालय पहुंचे। विदेश सचिव के साथ उनकी मुलाकात लगभग 45 मिनट तक चली।

भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, ''मैंने विदेश सचिव से मुलाकात कर अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने, तस्करी, अपराधियों की आवाजाही और मानव तस्करी की चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने संबंधी भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा की।'' उन्होंने कहा, ''सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने के संबंध में हमारे बीच आपसी सहमति है। इस संबंध में बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) के बीच बातचीत जारी है। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी सहमति को लागू किया जायेगा और अपराध से निपटने के लिए सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जायेगा।''

बांग्लादेश-भारत सीमा पर बाड़े के निर्माण को लेकर दोनों देशों में विवाद उपजा है। भारत उस पार से लगातार हो रहे घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर बाड़ का बना रहा है, लेकिन न केवल सीमा पर बने गांव बल्कि बांग्लादेशी सरकार की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है।

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में खटास साफ नजर आ रही है। रिश्तों की ये खटास शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद से उपजी है। पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश से पदस्थापित होने के बाद से पूर्व पीएम शेख हसीना भारत में रह रही हैं। उनके बाद बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनी। यूनुस के सत्ता आने के बाद से बांग्लादेश में भारत विरोधी लहर बनी हुई है।

बांग्लादेश के साथ भारत के कूटनीतिक में आया तनाव, लेकिन सामरिक रिश्तों पर अब भी मजबूत

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भारत का बांग्लादेश से रिश्ता ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक जुड़ावों से बना है। लेकिन अब इस रिश्ते के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद से दोनों देशों के बीच ऐसा लग रहा है कि अविश्वास बढ़ गया है। बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक रिश्ते भले ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। सामरिक रिश्तों पर इसका कोई असर फिलहाल नहीं दिख रहा है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच रिश्ते पहले की तरह मजबूत हैं। भारत और बांग्लादेश की सेना के अधिकारी एक दूसरे के वहां पहले की तरह ट्रेनिंग ले रहे हैं।

भारतीय सेना का कई मित्र देशों के साथ डिफेंस एक्सचेंज प्रोग्राम है। इसी तरह का एक्सचेंज प्रोग्राम बांग्लादेश के साथ भी है। बांग्लादेश की सेना के अधिकारी भारत के डिफेंस इंस्टीट्यूट्स में अलग अलग तरह के कोर्स करने आते रहे हैं। ऐसे ही प्रोग्राम के तहत विजय दिवस के मौके पर भी बांग्लादेश के सैन्य अधिकारी और मुक्तियोद्धा को कोलकाता आए थे। अब भारतीय सेना के 3 अफसर मिलिट्री एक्स्चेंज कोर्स करने लिए ढाका पहुंच चुके हैं।

अगर हम पिछले 5 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019-20 में 37 बांग्लादेशी अफसर भारतीय सेना के अलग अलग ट्रेनिंग कोर्स में शामिल हो चुके हैं. इसी तरह से साल 2021-22 में 62, साल 2022-23 में 52, साल 2023-24 में 30 और साल 2024-25 के कैलेंडर वर्ष में 41 बांग्लादेशी सेना के अफसरों को भारत में ट्रेनिंग ले चुके हैं। भारतीय सेना का कैलेंडर ईयर 1 जुलाई से 30 जून तक होता है। अगला बैच के आने में अभी थोड़ा वक्त है। इसी तरह से साल 2021-22 में 3 भारतीय सेना के अफसर भी बांग्लादेश सेना के अलग अलग कोर्स को करने गए। साल 2022-23 में 3, साल 2023-24 में 15और साल साल 2024-25 में 11 भारतीय सैन्य अधिकारियों ने बांग्लादेशी सेना को कोर्स को ज्वाइन किया।

पिछले हफ़्ते ही भारतीय सेना के तीन अधिकारी बांग्लादेश कोर्स करने के लिए रवाना हुए हैं। साथ ही भारतीय सेना के 4 अधिकारी बांग्लादेश के मिलिट्री इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में बांग्लादेशी अधिकारियों को कंप्यूटर ट्रेनिंग दे रहे हैं।इस वक्त बांग्लादेश की दो महिला कैडेट्स भी भारत के ओटीए चेन्नै में ट्रेनिंग ले रही हैं।

इससे पहले पिछले हफ्ते भारत से चल रहे तनावों के बीच बांग्लादेश के आर्मी चीफ का बड़ा बयान सामने आया है। सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने एक बयान में कहा कि भारत के साथ बांग्लादेश का बेहद खास रिश्ता है। इसलिए उनका देश कभी भारत के खिलाफ नहीं जा सकता। इस दौरान उन्होंने भारत को महत्वपूर्ण पड़ोसी बताया और कहा कि ढाका कई मामलों में नई दिल्ली पर निर्भर है। सेना प्रमुख ने कहा कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी अपना इलाज कराने भी भारत जाते हैं और वहां से ढाका बहुत सारा सामान भी आयात करता है। इसलिए बांग्लादेश ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जो भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ हो। भारत-बांग्लादेश के बीच लेन-देन से लेकर आपसी हितों को समान महत्व देने का रिश्ता है। इसमें कोई भेदभाव न हो। इसलिए बांग्लादेश को भारत से समान रिश्ते बना कर रखना होगा। यही बांग्लादेश के हित में है।

भारत ने फिर बढ़ाया शेख हसीना का वीजा, पासपोर्ट रद्द करने के बाद अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
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* बांग्लादेश और भारत के बीच पूर्व पीएम शेख हसीना को लेकर तनाव बरकार है। यूनुस सरकार किसी भी कीमत पर शेख हसीना की वतन वापसी चाहता है। बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार भारत से शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण की मांग कर रही है और हसीना को जेल में डालने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. शेख हसीना पर चल रहे आपराधिक मामलों को लेकर युनूस सरकार ने पहले उनका अरेस्‍ट वारंट निकाला। इस बीच खबर आई कि बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 96 अन्य लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। हालांकि, भारत शेख हसीना के साथ अपनी दोस्ती पूरी शिद्दत के साथ निभा रहा है। भारत ने दिल्‍ली में रह रहीं निर्वासित पीएम हसीना का वीजा बढ़ा दिया है। बांग्लादेश ने हाल ही में 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए, जिनमें शेख हसीना का नाम भी शामिल है। इन व्यक्तियों पर आरोप है कि वे जुलाई में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान गायब होने और हत्याओं में शामिल थे। बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार का पासपोर्ट रद्द करने का ये फैसला इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) द्वारा शेख हसीना और अन्य 11 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने के 1 दिन बाद आया है। आईसीटी ने 6 जनवरी को हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसके बाद हसीना और 11 बाकी लोगों को गिरफ्तार कर फरवरी में न्यायाधिकरण के समक्ष पेश करने का आदेश दिया गया। बांग्लादेश की सबसे लंबे समय प्रधानमंत्री रहने वाली 77 वर्षीय शेख हसीना देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश से भागकर भारत आ गई थीं। 5 अगस्त, 2024 को वह दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरी थीं। इसके बाद उनको सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। बताया जाता है कि वह दिल्ली में एक सुरक्षित घर में हैं। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद वहां नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी है। अंतरिम सरकार बनने के बाद हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में हत्या समेत कई केस दर्ज हुए हैं। यूनुस सरकार का कहना है कि शेख हसीना को बांग्लादेश भेजा जाए ताकि उन पर मुकदमा चल सके। बांग्लादेश ने 23 दिसंबर को एक नोट भेजकर भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की है। एक तरफ बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। दूसरी तरफ भारत ने हसीना का वीजा बढ़ाकर यूनुस सरकार को संकेत दिया है कि प्रत्यर्पण अनुरोध फिलहाल ठंडे बस्ते में ही रहेगा। भारत ने शेख हसीना के वीजा को हाल ही में बढ़ाया है ताकि उनके भारत में रहन-सहन को सुगम बनाया जा सके। सूत्रों के मुताबिक हसीना का वीजा विदेश मंत्रालय की ओर से बढ़ाया गया है साथ ही इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहमति भी शामिल थी। हालांकि अधिकारियों ने ये स्पष्ट किया कि भारत ने हसीना को शरण नहीं दी है, क्योंकि भारत में शरणार्थियों से संबंधित कोई विशेष कानून नहीं है। शेख हसीना को लेकर बांग्‍लादेश और भारत के हालिया कदम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अब शेख हसीना का भविष्य क्‍या होगा? इसे लेकर बात करें तो भारत के विदेश मंत्रालय ने पहले ही कह दिया है कि शेख हसीना को अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में खुद निर्णय लेना है। वहीं बांगलादेश के राष्ट्रीय स्वतंत्र जांच आयोग के प्रमुख ने कहा है कि आयोग के सदस्य भारत जाने की योजना बना रहे हैं ताकि शेख हसीना से 2009 में बांगलादेश राइफल्स द्वारा 74 लोगों की हत्या के मामले में पूछताछ की जा सके। ऐसे में देखने वाली बात है कि बांग्‍लादेश हसीना का प्रत्‍यर्पण करा पाने के दावे में कितना सफल हो पाता है।
‘निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए’: बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु की जमानत याचिका खारिज होने पर भारत

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भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेश में गिरफ्तार लोगों के लिए निष्पक्ष सुनवाई की मांग की, यह बात पड़ोसी देश की स्थानीय अदालत द्वारा जेल में बंद हिंदू भिक्षु चिन्मय दास की जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद कही। हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश में गिरफ्तार किए गए लोगों को निष्पक्ष सुनवाई मिलनी चाहिए और यह हमारी अपील है," ANI ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से कहा।

इस्कॉन के पूर्व नेता दास को 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनके वकील ने अदालत से कहा कि पुजारी मातृभूमि का “अपनी मां की तरह” सम्मान करते हैं और देशद्रोही नहीं हैं। मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मोफिजुर हक भुइयां के अनुसार, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मेट्रोपॉलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने जमानत याचिका खारिज कर दी। हिंदू बुद्ध ईसाई एकता परिषद के महासचिव मोनिंद्रो कुमार नाथ ने कहा कि वे जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।

सरकारी वकील मोफिजुल हक भुइयां ने एपी को बताया, "हमने अदालत में तर्क दिया कि अगर उसे जमानत मिलती है तो इससे अराजकता पैदा हो सकती है, जैसा कि हमने पहले भी देखा है कि उसने हजारों समर्थकों को विरोध प्रदर्शन के लिए बुलाकर अदालत परिसर में हिंसा भड़काई थी। इसलिए, हमने उसकी जमानत याचिका के खिलाफ याचिका दायर की, क्योंकि हमें लगता था कि वह अपनी जमानत का दुरुपयोग कर सकता है।" 

बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने के आरोप में हिंदू भिक्षु को गिरफ्तार किया गया उन्हें चटगाँव में लाए गए बांग्लादेश के झंडे का कथित तौर पर "अपमान" करने के आरोप में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जहाँ उनकी गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा में एक सरकारी अभियोजक की मौत हो गई थी, जिससे तनाव और बढ़ गया था। 11 दिसंबर को, अदालत ने वकील रवींद्र घोष द्वारा उनकी जमानत याचिका पर अग्रिम सुनवाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया और फैसला सुनाया कि इस पर पहले से तय तारीख 2 जनवरी, 2025 को सुनवाई होगी। अदालत के अधिकारियों ने कहा कि उस समय न्यायाधीश ने याचिका को खारिज कर दिया क्योंकि अग्रिम सुनवाई की मांग करने वाली याचिका दायर करने वाले वकील (घोष) के पास भिक्षु की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी नहीं थी।

भारत के साथ तख्त रिश्ते के बीच पहले पाक फिर चीन से संबंध बढ़ा रहा बांग्लादेश, क्या हैं मोहम्‍मद यूनुस के इरादे

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चीन और भारत के रिश्ते कभी सामान्य नहीं रहे। खासकर दुनियाभर में भारत की बढ़ती ताकत ने चीन को बार-बार “चोट” पहुंचाई है। यही वजह है कि चीन, भारत को कमजोर करने की कोई भी चाल को हाथ से गंवाना नहीं चाहता है। भारत के पड़ोसी देशों में पिछले एक साल में कई बदलाव आए हैं। मालदीव, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों में राजनीतिक उथल-पुथल देखी गई है। चीन ने इसका फायदा उठाने की कोशिश लगातार की है। चीन अपनी लोन नीति के चलते कई देशों में अपनी पकड़ मजबूत कर चुका है। पाकिस्तान को अपने चंगुल में लेने के बाद चीन अब बांग्लादेश पर नजर रखे हुए है।

हाल के दिनों में भारत-बांग्लादेश के रिश्ते तल्ख हुए हैं। भारत के ससाथ संबंधों में आई गिरावट के साथ ही बांग्लादेश पहले पाकिस्तान अब चीन के करीब आने लगा है। इसी बीच बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन चीन दौरे पर हैं। बांग्‍लादेश आर्मी के टॉप जनरल कमरुल हसन ने कुछ दिनों पहले ही पाकिस्‍तान की यात्रा की थी। उन्‍होंने पाकिस्‍तान आर्मी चीफ असीम मुनीर से मुलाकात की थी। अब यूनुस ने अपने विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन को बीजिंग भेजा है।

बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार हसन की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन बांग्लादेश के साथ विभिन्न स्तरों पर बातचीत को मजबूत करने, राजनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता वाले बेल्ट एंड रोड सहयोग और अन्य क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को गहरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन-बांग्लादेश व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी को बढ़ाया जाएगा।

बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हसन चीन दौरे पर हैं और उनके इस दौरे में चीन से लिए लोन भुगतान की मियाद को बढ़ाना अहम मुद्दों में से एक है। द डेली स्टार के खबर के मुताबिक चीन ने इस पर सहमति भी व्यक्त कर दी है। बीजिंग चीनी लौन भुगतान के लिए समय सीमा बढ़ाने पर राजी हो गया और ढाका को आश्वासन दिया है कि वह बांग्लादेश के विदेशी ऋण भुगतान के दबाव को कम करने के लिए ब्याज दर कम करने के अनुरोध पर विचार करेगा।

हसन ने चीन से ब्याज दर को 2-3 फीसद से घटाकर 1 फीसद करने की मांग की है, साथ ही अनुरोध किया है कि भुगतान करने के अच्छे रिकार्ड को देखते हुए, लोन चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया जाए। खबरों के मुताबिक चीनी ने दोनों ही मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

हसीन के तख्तापलट के बाद आ रहे करीब

बांग्‍लादेश में प्रचंड विरोध प्रदर्शन से कुछ दिन पहले शेख हसीना ने आधिकारिक तौर पर चीन का दौरा किया था। वहां से लौटने के बाद उनका तख्‍ता पलट हो गया था। वहीं, अंतरिम सरकार के गठन के बाद से, सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के दौरे की मेजबानी की, जिसके बाद कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी सहित बांग्लादेशी इस्लामी दलों के प्रतिनिधिमंडल का भी दौरा हुआ।

छोटे देशों को फांसना चीन की चाल

बता दें कि छोटे देशों को लोन देना चीन के लिए कोई नया नहीं है। देशों को अपने लोन की जाल में फंसाना चीन की नीति का पुराना हिस्सा रहा है। श्रीलंका को भी चीन ने बड़े पैमाने पर लोन दिया है और भुगतान करने में विफल रहने पर श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर कब्जा कर लिया है। हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन की मौजूदगी भारत के लिए बड़ा खतरा है।

चीन ने अपने नौसैनिक निगरानी और जासूसी जहाजों को हंबनटोटा में खड़ा किया है। पिछले दो सालों में बीजिंग ने कई मौकों पर अपने 25 हजार टन वजनी सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज युआन वांग 5 को हंबनटोटा में तैनात किया है, जो श्रीलंका की भारत से करीबी की वजह से भारत के हितों के लिए हानिकारक है। हालांकि भारत के चिंताओं के बाद श्रीलंका ने आश्वासन दिया है कि वह देश धरती भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा।