ऐसे चरित्र का आदमी जो...ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से मणिशंकर अय्यर हैं दुखी

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से सीनियर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर बड़े दुखी हैं। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत पर विवादित बयान दिया है।अय्यर ने ट्रंप को 'संदिग्ध चरित्र वाला व्यक्ति' बताया।अय्यर ने कहा कि मुझे बेहद दुख हो रहा है कि ट्रंप जैसे संदिग्ध चरित्र वाले व्यक्ति को दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्र का राष्ट्रपति चुन लिया गया है। उन्हें राष्ट्रपति नहीं चुना जाना चाहिए था।

न्यूज एजेंसी एएनाई से बात करते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा, (अमेरिकी चुनाव से) नैतिक आयाम गायब था। यह बहुत दुखद है कि इतने शक्तिशाली देश का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाएगा, जिसे 34 अलग-अलग मामलों में अपराधी के रूप में दोषी ठहराया गया है। ऐसे चरित्र के आदमी को, जिसका इतिहास रहा है कि वह वेश्याओं के साथ संबंध बनाता था और उनको मुंह बंद करने के लिए पैसे देता था, ऐसे जलील आदमी को लोगों ने राष्ट्रपति चुना है। मुझे नहीं लगता कि इस तरह के चरित्र का व्यक्ति अपने देश या दुनिया के लिए अच्छा है।

ट्रंप और पीएम मोदी के संबंधों पर उठाया सवाल

कांग्रेस नेता ने ट्रंप के साथ पीएम मोदी के संबंधों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैं यह भी मानता हूं कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच व्यक्तिगत स्तर पर एक विशेष तालमेल है, जो मुझे लगता है कि पीएम मोदी और उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर बुरा असर डालता है।

कमला हैरिस के लिए जताया दुख

अय्यर ने कमला हैरिस की हार पर भी दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कमला हैरिस, जो जीत जातीं, राष्ट्रपति बनने वाली भारत की पहली महिला और पहली राजनेता होतीं। यह एक ऐतिहासिक और सकारात्मक कदम होता। अय्यर ने कहा, जहां तक कमला हैरिस का सवाल है, उन्हें बहुत कम समय दिया गया था। वह पीछे से आगे आईं। वह बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं। लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिकी समाज में बहुत गहरी खामियां आखिरकार उनके खिलाफ हो गईं और वह इस दौड़ में हार गईं।

चार दिवसीय छठ पर्व की आप सभी को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं•••
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भारत देश के वर्तमान पीएम श्री #नरेंद्र मोदी और सामने बिहार के लोकप्रिय #पत्रकार सह भाजपा नेता #मनीष कश्यप Narendra Modi Manish Kasyap Chandan Singh तस्वीर आपको कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताइएगा फोटो श्रे - मनीष कश्यप का फेसबुक पेज।।
एलेक्सा को दिया गया ऐसा अजीब कमांड, देखकर हैरान रह गए लोग
डेस्क :– एलेक्सा को आमतौर पर जब हम कोई कमांड देते हैं, तो वह उसे पूरा करती है, लेकिन इस बार उसे कुछ ऐसी कमांड दी गई है, जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। दो दिनों बाद दिवाली आने वाली है और लोग त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच, एक अनोखा वीडियो सामने आया है जिसमें एलेक्सा को रॉकेट लॉन्च करते हुए देखा जा सकता है।

इंस्टाग्राम पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति Amazon Alexa से एक छोटा रॉकेट लॉन्च करने का कमांड दे रहा है। यह रॉकेट बाद में आसमान में जाकर फट जाता है। इस वीडियो पर अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों के लाइक आए हैं। आइए, इस बारे में और जानते हैं।

इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति बिना हाथ लगाए बोतल में रखे रॉकेट को जलाते हुए दिखाई देता है, और इसके लिए वह एलेक्सा की मदद ले रहा है। वह रॉकेट फायर करने का कमांड एलेक्सा को देता है, और एलेक्सा उस कमांड का पालन करते हुए कहती है, “यस बॉस।” हालांकि, उस बोतल के पास आपको दो लाल तार नजर आएंगे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसमें कुछ तकनीकी पहलू शामिल हैं। इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर “manisprojectslab” नामक यूजर ने साझा किया है।
Playboy turned Humanitarian Kamal Muhamed recognised among Top 10 Authors of 2024

Kamal Muhamed is among the list of Top 10 authors recognised for courages efforts and attempt. His maiden book Daring Prince Truth Revaled, in english an autobioraphy which took 6 long years of dedication for its completion. and was released on March 23rd 2024 by Dr.Mohanji his Childhood friend.( Humanitarian , Author & Spiritual Leader)

Kamal Muhamed, was born on September 8, 1964, in Kannur, a go-getter an artistic thinker and marketing enthusiast known for his resiliencec and determination.

Raised in a modest family, he pursued his vision of becoming a Human Rights activist and social worker, for serving underprivileged society, leaving school early to become self-reliant. Starting as a Sales Trainee at 21, with multinational he built a career across India Gulf and Middle East, and Africa overcoming challenges, including surviving Yemen’s war.

Kamal played an important role in OPERATION RAHAT’s mass evacuation in 2015 and during Covid 19 with selfless social activities for the community.

His Daring Prince Truth Revealed, is nominated for the 2025 Sahitya Sparsh Awards. A BOOK fully devoted to serve the needy and poor and Global Noble Causes the list of Top 10 Authors includes Legend Robin Sharma. Founder & Author The 5 am Club

Kamal a proven humble and down to earth Humanitarian & Social Activist attained various accolades naming a few in 2024, Dada Saheb Phalke Motivational Award, for Best Author & Social Activist, JCI Humanitarian Award & NCFC Best Humanitarian for Social Services from Nepal.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS & NCNB( Member United Nations Global Compact) as Head of State, Wellmed Trip. Com Mauritius, Long Rock Hospitalities, an upcoming project to fulfill his young age dream .

He is also Well Wisher and supporter of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation) He lives with His Arab Wife Leila Nasher and 3 Children Haroon, Maryam & Moosa at outskirts of Kochi.

After Author's recognition news was spread he was given a warm welcome by Surya Vanitha Library at his home town where he donated few books gifted by Dr.Mohanji on my request..

Daring Prince's Malayalam version is getting ready for Publication in early 2025 through renowned Olive Books. His advice always to young and startup entrepreneurs: embrace risk, learn, and never quit.

https://www.amazon.in/Daring-Prince-Revealed-Kamal-Muhamed/dp/8197046433?dplnkId=8d49bdef-7258-4d81-b64a-79bb119acdfd

https://hrcin.org/

https://ammucare.org/

24న నగరానికి కృష్ణాజలాలు బంద్‌..

ఈనెల 24న నగరంలోని పలు ప్రాంతాలకు తాగునీటి సరఫరాలో 24 గంటల పాటు అంతరాయం తలెత్తనున్నది. హైదరాబాద్‌(Hyderabad) మహా నగరానికి తాగునీటిని సరఫరా చేసే కృష్ణా డ్రింకింగ్‌ వాటర్‌ సరఫరా ఫేజ్‌-3లోని 2375 ఎంఎం డయా ఎంఎస్‌ పంపింగ్‌ మెయిన్‌ పైపులైనుకు లీకేజీ ఏర్పడింది.

ఈనెల 24న నగరంలోని పలు ప్రాంతాలకు తాగునీటి సరఫరాలో 24 గంటల పాటు అంతరాయం తలెత్తనున్నది. హైదరాబాద్‌(Hyderabad) మహా నగరానికి తాగునీటిని సరఫరా చేసే కృష్ణా డ్రింకింగ్‌ వాటర్‌ సరఫరా ఫేజ్‌-3లోని 2375 ఎంఎం డయా ఎంఎస్‌ పంపింగ్‌ మెయిన్‌ పైపులైనుకు లీకేజీ ఏర్పడింది. లీకేజీని అరికట్టడానికి ఈ నెల 24న ఉదయం ఆరు గంటల నుంచి మరుసటి రోజు (25వ తేదీ) ఉదయం ఆరు గంటల వరకు మరమ్మతు పనులు చేపట్టనున్నారు.

ఈ నేపథ్యంలో నగరానికి కృష్ణా ఫేజ్‌-3 నుంచి వచ్చే జలాలను 24గంటల పాటు బంద్‌ చేయనున్నట్లు వాటర్‌బోర్డు అధికారులు సోమవారం ప్రకటించారు. దీనివల్ల శాస్త్రీపురం, బండ్లగూడ, భోజగుట్ట, షేక్‌పేట్‌, ఆళ్లబండ, జూబ్లీహిల్స్‌, ఫిల్మ్‌నగర్‌, ప్రశాసన్‌నగర్‌, తట్టిఖానా, లాలాపేట్‌, సాహెబ్‌నగర్‌, ఆటోనగర్‌, సరూర్‌నగర్‌, వాసవి రిజర్వాయర్లు, సైనిక్‌పురి, మౌలాలి, గచ్చిబౌలి, మాదాపూర్‌, అయ్యప్ప సొసైటీ(Gachibowli, Madapur, Ayyappa Society), కావూరిహిల్స్‌, స్నేహపురి, కైలాసగిరి, దేవేంద్రనగర్‌, మధుబన్‌,

దుర్గానగర్‌, బుద్వేల్‌, సులేమాన్‌నగర్‌, గోల్డెన్‌హైట్స్‌, 9 నంబర్‌, కిస్మత్‌పూర్‌, గంధంగూడ, బోడుప్పల్‌, మల్లికార్జుననగర్‌, మాణిక్‌చంద్‌, చెంగిచెర్ల(Manikchand, Chengicherla), భరత్‌నగర్‌, ఫీర్జాదిగూడ, పెద్ద అంబర్‌పేట్‌, ధర్మసాయి (శంషాబాద్‌) రిజర్వాయర్ల పరిధిలోని ప్రాంతాలకు నీటి సరఫరా నిలిచిపోనుంది. ఆయా ప్రాంతాల వినియోగదారులు గమనించి నీటిని పొదుపుగా వాడుకోవాలని అధికారులు సూచించారు.

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में  'आजादी का अमृत महोत्सव' समिति की ओर से 'आत्मनिर्भर भारत: औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटाना'  ( Atmanirbhar Bharat: Removing any trace of colonial mindset ) विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिता के दौरान समन्वयक के तौर पर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के डॉ. सोमीपेम आर. शिमरे एवं डॉ. नितेश वर्मा उपस्थित रहे। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने निबंध के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किये‌ और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों के विचार, तार्किकता, विषय गंभीरता एवं लेखन शैली के आधार पर प्रतियोगिता का परिणाम निर्धारित किया जायेगा।
Harry Porter Book Day Celebrated with Readers Meet Up

Kochi Oct 14 : Harry Porter Book Day was organised by JCI Cochin, SMRI & Book Lovers Club as its first edition on October 12 at Subash Bose Park in Ernakulam with Day long event.

There were 40 plus Readers from all districts of Kerala.

All members had an oppurtunity to introduce themselves with speech.

The Event inaugurated with a Cake cutting ceremony kickstarted by Dr.Shabeer Iqbal JCI President in the presence of Kamal Muhamed Author of Daring Prince & Head of AICHLS ( Kerala)3 Humanitaran Awards Winner 2024, Shaun Joseph secretary JCI, Unnikrishnan past president JCI, Shijin BT founder & Dean SMRI & Faizy Sayed Ibrahim Author & Organisor of event from JCI.

All the participants were honored with Recognition Certificates , apart  Best 4 Readers selected through Jury,Haneefa Cherumukku (7000 Books)

Ajay Jose ( 190)

Fincy Biju ;( 154)

Anju Prejith ;(130) were given Special Honors Momentos Gifts & Books.

Kamal Muhamed Author Daring Prince & Shijin Founder of SMRI were blessed with special token of respect by JCI Cochin.

Shijin Author & Founder of SMRI gave few words about the Book Harry Porter & Author J.K Rowlings.

There were sponsors who have shared their books to be distributed free to participants includes Global Humanitarian & Philanthropist Dr. Mohanji ;( Shubha Raathri Chindakal) he also shared a viedeo message with Best wishes all the way from Montenegro. Where he stressed the importance of reading .

 Author AL Ameen also shared his book ORIDAM THEDI for free distribution.

There was surprise announcement by Author Kamal Muhamed during the event on New Book Release Faizy Syed Ibrahim: IRU HRIDHAYANGAL was cheered. accordingly was released by Dr.Shabeer Iqbal JCI President. event concluded at 5 pm with Photo session by members hoding Play card of Harry Porter..

Global Stars Award, International Kids Fashion Show, and Abrielle Miss and Mrs. India 2024 Illuminate Indo-Nepal Cultural Heritage in Patna

A grand and influential evening unfolded at the Shangri-La Palace in Patna on September 15, 2024. Organized by Narulas & Co., the event focused on women's development and autism awareness, drawing esteemed personalities from both India and Nepal, making the evening truly special.

The highlight of the event was the Indo-Nepal Cultural Show, where artists from India and Nepal showcased their deep-rooted cultural ties through music, dance, and art. This mesmerizing performance left the audience with an unforgettable experience.

Bollywood actress Poonam Dhillon, gracing the event as the celebrity guest, added a touch of glamour and significance. She emphasized the importance of cultural exchange between India and Nepal, stating, "The exchange of art and culture strengthens the ties between our two nations." She also stressed the need for raising awareness about autism and women's empowerment, highlighting the potential for positive societal change.

Under the Global Stars Award 2024, 70 remarkable individuals were honored for their outstanding contributions in various fields, reinforcing the message of empowerment and social progress.

In the International Kids Fashion Show, Shubhani Pandey and Piyush Pallavi were crowned winners, while Angelina Raj secured the first runner-up position, followed by Pragati Kumari as the second runner-up. Additionally, in the Abrielle Miss and Mrs. India 2024 competition, Kumari Rupa was crowned Miss India, and Dr. Kavita won the title of Mrs. India. Dr. Amrita Swaraj and Shrishti were the first runners-up in the Miss and Mrs. categories, respectively. Anuradha Roy (Miss) and Dr. Lakshmi (Mrs.) were honored as the second runners-up.

The event was further dignified by the presence of esteemed guests, including Sudhir Singh, Shashank Shekhar, Sanjay Chandra, Abhay Singh, Rashmi Verma (MLA), Madhavendra Singh, Rajesh Jaiswal, and Pratibha Prasad, whose attendance added grandeur to the occasion.

The event's organizer, Shikha Narula, founder and director of Narulas & Co., highlighted the significance of the program, stating, "This is the first time an Indo-Nepal cultural show of this magnitude has been held in Bihar. Through this event, we aim to strengthen the cultural ties between our two countries and demonstrate that art and culture transcend borders." She further added, "The purpose of this event goes beyond entertainment—it's about spreading awareness on women's development and autism. We are proud to host such an event in Bihar and hope this marks the beginning of more initiatives that foster such meaningful exchanges in the future."

The event's success was made possible with the support of sponsors like RAV Organics, Roshni Welfare Charitable Trust, Helping Human, Dr. Prabhat Hiravati Memorial Hospital, Anshul Homes, Sanjay Chandra, Prem Kumar, Sunil Singh, Manish Singh, and Gyan. Their collaboration brought together glamour, social awareness, and cultural appreciation, leaving an indelible mark on all who attended.

मणिपुरः सीमा पर से घुसपैठ और हिंसा, क्यों बार-बार भड़क उठती है “आग”, लंबा है संघर्ष का इतिहास
#manipur_violence_history_between_ethnic_groups
* पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर को जातीय हिंसा की आग में जलते हुए डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। समाधान अभी तक कुछ निकला नहीं है। शांति बहाली की कोशिशें हो रही है, लेकिन बात नहीं बन पा रही। कुछ दिनों की शांति के बाद राज्य फिर जल उठता है। सीमा पार से कथित घुसपैठ, हथियारों के इस्तेमाल, ड्रग्स की भूमिका, हिंसा के तमाम कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकाले जा सकें हैं। मणिपुर में भाजपा शासन कर रही है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मानें तो आने वाले 4 से 6 महीने में हिंसा पर पूरी तरफ से काबू पाया जा सकेगा। हालांकि, इस बीच एक रिपोर्ट के खुलासे से हडकंप मचा हुआ है। खुफिया जानकारी के अनुसार, 900 से अधिक कुकी उग्रवादी जो ड्रोन-आधारित बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और जंगल में युद्ध लड़ने में ट्रेंड हैं उन्होंने म्यांमार के रास्ते मणिपुर में एंट्री कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार, ये उग्रवादी 30 सदस्यों के समूहों में बंटे हुए हैं और राज्य के चारों ओर फैले हुए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का दावा कितना सही होगा, ये तो भविष्य ही बताएगा। अब भविष्य देखने से राज्य में हिंसा के इतिहास पर एन नजर डालते हैं। मणिपुर एक ऐसा राज्य रहा है जहां हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है।भारत में विलय के पहले से ये इलाक़ा हिंसक वारदातों का गवाह रहा है और द्वितीय विश्व युद्ध में तो यहाँ जापानी फौजों ने लगातार दो सालों तक बमबारी भी की।60 के दशक में मैतेई समुदाय ने यहां एक बड़ा विद्रोह किया था और दावा किया था कि 1949 में मणिपुर को भारत में धोखे से शामिल किया गया था। इतिहासकारों ने लिखा है कि मणिपुर साम्राज्य की स्थापना ‘निंगथोउजा’ कुनबे के दस क़बीलों के एक साथ आने के बाद हुई। इतिहासकार बताते हैं कि ये इलाक़ा बर्मा और चीन के साथ व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की सेना और ‘मित्र देशों’ की सेना के बीच चल रहे युद्ध का एक बड़ा केंद्र भी रहा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व वाली ‘आज़ाद हिन्द फ़ौज’ का साथ जापान की सेना ने दिया था क्योंकि बोस जापान की सेना की मदद से ब्रितानी हुकूमत को शिकस्त देना चाहते थे। लेकिन इस मोर्चे पर जापान की सेना और ‘आज़ाद हिन्द फ़ौज’ को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। मणिपुर दो सालों तक बमबारी झेलता रहा जिसने पूरे प्रांत में भारी तबाही मचाई थी. इस दौरान इंफ़ाल स्थित राजा का महल भी क्षतिग्रस्त हो गया था। इस तबाही के बाद मणिपुर के लोग ब्रितानी हुकूमत के ख़िलाफ़ गोलबंद होने लगे। आखिरकार ब्रितानी हुकूमत ने 1947 में प्रान्त की बागडोर महाराजा बुधाचंद्र को सौंप दी। *केंद्र शासित घोषित होने के बाद शुरू हुआ संघर्ष* मणिपुर के महाराजा ने शिलॉन्ग में, 21 सितम्बर 1949 को, भारत के साथ विलय के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किये और उसी साल 15 अक्टूबर को मणिपुर भारत का अभिन्न अंग बन गया। इसकी औपचारिक घोषणा भारतीय सेना के मेजर जनरल अमर रावल ने की थी। महाराजा बुधाचंद्र की मृत्यु वर्ष 1955 में हो गयी। मणिपुर स्वतंत्र भारत का हिस्सा बन गया था और एक निर्वाचित विधायिका के माध्यम से सरकार का गठन भी हो गया। फिर 1956 से लेकर 1972 तक मणिपुर केंद्र शासित राज्य बना रहा। जानकार मानते हैं कि 1956 में केंद्र शासित राज्य घोषित किये जाने के बाद से ही मणिपुर में संघर्ष शुरू हो गया और बाद में ये संघर्ष हिंसक होने लगा। *अलग राज्य की मांग को लेकर शुरू हुआ उग्र आन्दोलन* इस बीच अलग राज्य की मांग को लेकर राजनीतिक और छात्र संगठनों का उग्र आन्दोलन भी चलता रहा। इस दौरान ‘यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट’ नाम का संगठन खड़ा किया जो आज़ादी की मांग करने लगा और समाजवादी विचारधारा की वकालत करने लगा। 1971 की जंग के बाद मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री आर के दोरेंद्रो सिंह ने कई अलगाववादी नेताओं से आत्मसमर्पण करवा लिया, जबकि कुछ बाग़ी मैतेई अलगाववादी नेताओं को गिरफ़्तार भी किया गया। इनमें अलगाववादी नेता एन बिशेश्वर सिंह भी शामिल थे जिन्हें त्रिपुरा की जेल में बंद किया गया था जहां उनकी मुलाक़ात पहले से बंद माओवादी नेताओं से हुई। जून 1975 में जेल से छूटने के बाद 16 अन्य मेतेई अलगावादी नेताओं के साथ बिशेश्वर सिंह ने तिब्बत के ल्हासा में शरण ले ली। हथियार चलाने और छापामार युद्ध का प्रशिक्षण लेने के बाद वो अपने सहयोगियों के साथ मणिपुर लौटे। मणिपुर आने के बाद बिशेश्वर ने ‘जनमुक्ति छापामार सेना’ का गठन कर लिया और ‘अलगाववादी संघर्ष ने फिर ज़ोर पकड़ लिया। *सत्तर-अस्सी के दशक में चरम पर थी हिंसा* सत्तर के दशक के अंत में और अस्सी के दशक की शुरुआत में कई और अलगाववादी संगठन पनप उठे जिनमें ‘पीपल्स रेवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ़ कांगलेइपाक’, ‘कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी’ (केसीपी), ‘पोइरेई लिबरेशन फ्रंट’, ‘मेतेई स्टेट कमिटी’ और ‘यूनाइटेड पीपल्स रेवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी’ शामिल थे। इसी दौरान नागा चरमपंथियों ने भी सक्रिय होना शुरू कर दिया। मणिपुर ने नगा बहुल चंदेल, उखरुल, तामेंगलांग और सेनापति ज़िलों में आइज़ैक मुईवाह के नेतृत्व वाले संगठन ‘नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नागालैंड’ ने एक के बाद एक हिंसक वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। 1993 में मई और सितम्बर महीनों के बीच ‘नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नागालैंड’ के हथियारबंद चरमपंथियों के हमलों में सुरक्षा बलों के 120 के आसपास जवान और अधिकारी मारे गए थे। *अलगावादी गतिविधियों और हिंसा के लिए बना विशेष कानून* आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पॉवर्स एक्ट यानी सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 का ही क़ानून है जो पूर्वोत्तर राज्यों में अलगावादी गतिविधियों और हिंसा को रोकने के लिए बनाया गया था। ये क़ानून तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिष्णु राम मेढ़ी की पहल पर 1958 में ही लाया गया था। शुरू में तो ये क़ानून मणिपुर के नगा बहुल उखरुल ज़िले में ही प्रभावी था, मगर 18 सितंबर 1981 को इसे पूरे मणिपुर में लागू कर दिया गया। हालंकि मार्च 2023 में इसे मणिपुर, असम और नागालैंड के कई इलाकों से हटा लिया गया था। *हालिया हिंसा का कारण* मणिपुर में हाल में भड़की हिंसा का प्रमुख कारण मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग रहा है। मैतेई समुदाय की यह मांग नई नहीं है, बल्कि 10 साल से अधिक समय से वह ये मांग कर रहे हैं। इस बार हिंसा तब भड़की जब मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए चार हफ्ते के अंदर सिफारिश केंद्रीय आदिवासी मंत्रालय को भेजे। इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि मैतेई समुदाय को 1949 में मणिपुर के भारत में शामिल होने से पहले अनुसूचित जनजाति का दर्जा हासिल था। उनका कहना है कि अपनी रिति-रिवाज, संस्कृति, जमीन और बोली को बचाए रखने के लिए उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा वापस मिलना चाहिए। मणिपुल हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद राज्यभर में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। राज्य के सभी 10 जिलों में छात्र संगठनों के आह्वान पर हजारों लोग ‘ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च’ के नाम पर सड़कों पर उतर आए। इन प्रदर्शनों के जरिए मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने का विरोध किया गया।
मणिपुर में म्यांमार से रची जा रही साजिश? 900 कुकी उग्रवादियों ने की घुसपैठ, ड्रोन चलाने में हैं माहिर*
#kuki_militants_infiltration_into_manipur_from_myanmar
मणिपुर में एक साल से ज्यादा समय से हिंसा जारी है। हालांकि, हाल के दिनों में आई खबरों से साफ हो गया है कि राज्य में हिसां ने एक अलग ही रूप ले लिया है। हाल ही में राज्य में ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमले हुए है। जिसके बाद कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में साजिश की बू आने लगी है। इस बीच एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।मणिपुर में म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की बात सामने आई है। ये आतंकी राज्य में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। घुसपैठी ड्रोन, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से उग्रवादियों की आवाजाही की खबरें मिल रही हैं। सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि घुसपैठी उग्रवादी ड्रोन बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड हैं। ये 30-30 लोगों के ग्रुप में हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में छिपे हुए हैं। 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमले की आशंका कुलदीप सिंह ने कहा, उग्रवादी 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमले कर सकते हैं। हमले की आशंका के बीच चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, उखरुल, कामजोंग और फेरजॉल समेत कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सितंबर में बढ़ी हिंसक घटनाएं बता दें कि 1 सितंबर के बाद से मणिपुर में एक बार फिर हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। -पहला ड्रोन हमलाःएक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। -दूसरा ड्रोन अटैकः 3 सितंबर को इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। -तीसरा रॉकेट अटैकः 6 सितंबर को पूर्व सीएम के घर रॉकेट से हमला किया गया। बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। -चौथा हमला-7 सितंबर को जिरिबाम में दो हमले हुए। पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 किमी दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई। मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में अब तक 237 लोगों की मौत हो चुकी है। 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 60 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।
ऐसे चरित्र का आदमी जो...ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से मणिशंकर अय्यर हैं दुखी

#manishankaraiyarexpresseddisappointmentondonaldtrumpwin

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से सीनियर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर बड़े दुखी हैं। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत पर विवादित बयान दिया है।अय्यर ने ट्रंप को 'संदिग्ध चरित्र वाला व्यक्ति' बताया।अय्यर ने कहा कि मुझे बेहद दुख हो रहा है कि ट्रंप जैसे संदिग्ध चरित्र वाले व्यक्ति को दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्र का राष्ट्रपति चुन लिया गया है। उन्हें राष्ट्रपति नहीं चुना जाना चाहिए था।

न्यूज एजेंसी एएनाई से बात करते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा, (अमेरिकी चुनाव से) नैतिक आयाम गायब था। यह बहुत दुखद है कि इतने शक्तिशाली देश का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाएगा, जिसे 34 अलग-अलग मामलों में अपराधी के रूप में दोषी ठहराया गया है। ऐसे चरित्र के आदमी को, जिसका इतिहास रहा है कि वह वेश्याओं के साथ संबंध बनाता था और उनको मुंह बंद करने के लिए पैसे देता था, ऐसे जलील आदमी को लोगों ने राष्ट्रपति चुना है। मुझे नहीं लगता कि इस तरह के चरित्र का व्यक्ति अपने देश या दुनिया के लिए अच्छा है।

ट्रंप और पीएम मोदी के संबंधों पर उठाया सवाल

कांग्रेस नेता ने ट्रंप के साथ पीएम मोदी के संबंधों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैं यह भी मानता हूं कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच व्यक्तिगत स्तर पर एक विशेष तालमेल है, जो मुझे लगता है कि पीएम मोदी और उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर बुरा असर डालता है।

कमला हैरिस के लिए जताया दुख

अय्यर ने कमला हैरिस की हार पर भी दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कमला हैरिस, जो जीत जातीं, राष्ट्रपति बनने वाली भारत की पहली महिला और पहली राजनेता होतीं। यह एक ऐतिहासिक और सकारात्मक कदम होता। अय्यर ने कहा, जहां तक कमला हैरिस का सवाल है, उन्हें बहुत कम समय दिया गया था। वह पीछे से आगे आईं। वह बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं। लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिकी समाज में बहुत गहरी खामियां आखिरकार उनके खिलाफ हो गईं और वह इस दौड़ में हार गईं।

चार दिवसीय छठ पर्व की आप सभी को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं•••
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भारत देश के वर्तमान पीएम श्री #नरेंद्र मोदी और सामने बिहार के लोकप्रिय #पत्रकार सह भाजपा नेता #मनीष कश्यप Narendra Modi Manish Kasyap Chandan Singh तस्वीर आपको कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताइएगा फोटो श्रे - मनीष कश्यप का फेसबुक पेज।।
एलेक्सा को दिया गया ऐसा अजीब कमांड, देखकर हैरान रह गए लोग
डेस्क :– एलेक्सा को आमतौर पर जब हम कोई कमांड देते हैं, तो वह उसे पूरा करती है, लेकिन इस बार उसे कुछ ऐसी कमांड दी गई है, जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। दो दिनों बाद दिवाली आने वाली है और लोग त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच, एक अनोखा वीडियो सामने आया है जिसमें एलेक्सा को रॉकेट लॉन्च करते हुए देखा जा सकता है।

इंस्टाग्राम पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति Amazon Alexa से एक छोटा रॉकेट लॉन्च करने का कमांड दे रहा है। यह रॉकेट बाद में आसमान में जाकर फट जाता है। इस वीडियो पर अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों के लाइक आए हैं। आइए, इस बारे में और जानते हैं।

इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति बिना हाथ लगाए बोतल में रखे रॉकेट को जलाते हुए दिखाई देता है, और इसके लिए वह एलेक्सा की मदद ले रहा है। वह रॉकेट फायर करने का कमांड एलेक्सा को देता है, और एलेक्सा उस कमांड का पालन करते हुए कहती है, “यस बॉस।” हालांकि, उस बोतल के पास आपको दो लाल तार नजर आएंगे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसमें कुछ तकनीकी पहलू शामिल हैं। इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर “manisprojectslab” नामक यूजर ने साझा किया है।
Playboy turned Humanitarian Kamal Muhamed recognised among Top 10 Authors of 2024

Kamal Muhamed is among the list of Top 10 authors recognised for courages efforts and attempt. His maiden book Daring Prince Truth Revaled, in english an autobioraphy which took 6 long years of dedication for its completion. and was released on March 23rd 2024 by Dr.Mohanji his Childhood friend.( Humanitarian , Author & Spiritual Leader)

Kamal Muhamed, was born on September 8, 1964, in Kannur, a go-getter an artistic thinker and marketing enthusiast known for his resiliencec and determination.

Raised in a modest family, he pursued his vision of becoming a Human Rights activist and social worker, for serving underprivileged society, leaving school early to become self-reliant. Starting as a Sales Trainee at 21, with multinational he built a career across India Gulf and Middle East, and Africa overcoming challenges, including surviving Yemen’s war.

Kamal played an important role in OPERATION RAHAT’s mass evacuation in 2015 and during Covid 19 with selfless social activities for the community.

His Daring Prince Truth Revealed, is nominated for the 2025 Sahitya Sparsh Awards. A BOOK fully devoted to serve the needy and poor and Global Noble Causes the list of Top 10 Authors includes Legend Robin Sharma. Founder & Author The 5 am Club

Kamal a proven humble and down to earth Humanitarian & Social Activist attained various accolades naming a few in 2024, Dada Saheb Phalke Motivational Award, for Best Author & Social Activist, JCI Humanitarian Award & NCFC Best Humanitarian for Social Services from Nepal.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS & NCNB( Member United Nations Global Compact) as Head of State, Wellmed Trip. Com Mauritius, Long Rock Hospitalities, an upcoming project to fulfill his young age dream .

He is also Well Wisher and supporter of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation) He lives with His Arab Wife Leila Nasher and 3 Children Haroon, Maryam & Moosa at outskirts of Kochi.

After Author's recognition news was spread he was given a warm welcome by Surya Vanitha Library at his home town where he donated few books gifted by Dr.Mohanji on my request..

Daring Prince's Malayalam version is getting ready for Publication in early 2025 through renowned Olive Books. His advice always to young and startup entrepreneurs: embrace risk, learn, and never quit.

https://www.amazon.in/Daring-Prince-Revealed-Kamal-Muhamed/dp/8197046433?dplnkId=8d49bdef-7258-4d81-b64a-79bb119acdfd

https://hrcin.org/

https://ammucare.org/

24న నగరానికి కృష్ణాజలాలు బంద్‌..

ఈనెల 24న నగరంలోని పలు ప్రాంతాలకు తాగునీటి సరఫరాలో 24 గంటల పాటు అంతరాయం తలెత్తనున్నది. హైదరాబాద్‌(Hyderabad) మహా నగరానికి తాగునీటిని సరఫరా చేసే కృష్ణా డ్రింకింగ్‌ వాటర్‌ సరఫరా ఫేజ్‌-3లోని 2375 ఎంఎం డయా ఎంఎస్‌ పంపింగ్‌ మెయిన్‌ పైపులైనుకు లీకేజీ ఏర్పడింది.

ఈనెల 24న నగరంలోని పలు ప్రాంతాలకు తాగునీటి సరఫరాలో 24 గంటల పాటు అంతరాయం తలెత్తనున్నది. హైదరాబాద్‌(Hyderabad) మహా నగరానికి తాగునీటిని సరఫరా చేసే కృష్ణా డ్రింకింగ్‌ వాటర్‌ సరఫరా ఫేజ్‌-3లోని 2375 ఎంఎం డయా ఎంఎస్‌ పంపింగ్‌ మెయిన్‌ పైపులైనుకు లీకేజీ ఏర్పడింది. లీకేజీని అరికట్టడానికి ఈ నెల 24న ఉదయం ఆరు గంటల నుంచి మరుసటి రోజు (25వ తేదీ) ఉదయం ఆరు గంటల వరకు మరమ్మతు పనులు చేపట్టనున్నారు.

ఈ నేపథ్యంలో నగరానికి కృష్ణా ఫేజ్‌-3 నుంచి వచ్చే జలాలను 24గంటల పాటు బంద్‌ చేయనున్నట్లు వాటర్‌బోర్డు అధికారులు సోమవారం ప్రకటించారు. దీనివల్ల శాస్త్రీపురం, బండ్లగూడ, భోజగుట్ట, షేక్‌పేట్‌, ఆళ్లబండ, జూబ్లీహిల్స్‌, ఫిల్మ్‌నగర్‌, ప్రశాసన్‌నగర్‌, తట్టిఖానా, లాలాపేట్‌, సాహెబ్‌నగర్‌, ఆటోనగర్‌, సరూర్‌నగర్‌, వాసవి రిజర్వాయర్లు, సైనిక్‌పురి, మౌలాలి, గచ్చిబౌలి, మాదాపూర్‌, అయ్యప్ప సొసైటీ(Gachibowli, Madapur, Ayyappa Society), కావూరిహిల్స్‌, స్నేహపురి, కైలాసగిరి, దేవేంద్రనగర్‌, మధుబన్‌,

దుర్గానగర్‌, బుద్వేల్‌, సులేమాన్‌నగర్‌, గోల్డెన్‌హైట్స్‌, 9 నంబర్‌, కిస్మత్‌పూర్‌, గంధంగూడ, బోడుప్పల్‌, మల్లికార్జుననగర్‌, మాణిక్‌చంద్‌, చెంగిచెర్ల(Manikchand, Chengicherla), భరత్‌నగర్‌, ఫీర్జాదిగూడ, పెద్ద అంబర్‌పేట్‌, ధర్మసాయి (శంషాబాద్‌) రిజర్వాయర్ల పరిధిలోని ప్రాంతాలకు నీటి సరఫరా నిలిచిపోనుంది. ఆయా ప్రాంతాల వినియోగదారులు గమనించి నీటిని పొదుపుగా వాడుకోవాలని అధికారులు సూచించారు.

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ निबंध प्रतियोगिता का आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में  'आजादी का अमृत महोत्सव' समिति की ओर से 'आत्मनिर्भर भारत: औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटाना'  ( Atmanirbhar Bharat: Removing any trace of colonial mindset ) विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिता के दौरान समन्वयक के तौर पर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के डॉ. सोमीपेम आर. शिमरे एवं डॉ. नितेश वर्मा उपस्थित रहे। प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने निबंध के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किये‌ और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों के विचार, तार्किकता, विषय गंभीरता एवं लेखन शैली के आधार पर प्रतियोगिता का परिणाम निर्धारित किया जायेगा।
Harry Porter Book Day Celebrated with Readers Meet Up

Kochi Oct 14 : Harry Porter Book Day was organised by JCI Cochin, SMRI & Book Lovers Club as its first edition on October 12 at Subash Bose Park in Ernakulam with Day long event.

There were 40 plus Readers from all districts of Kerala.

All members had an oppurtunity to introduce themselves with speech.

The Event inaugurated with a Cake cutting ceremony kickstarted by Dr.Shabeer Iqbal JCI President in the presence of Kamal Muhamed Author of Daring Prince & Head of AICHLS ( Kerala)3 Humanitaran Awards Winner 2024, Shaun Joseph secretary JCI, Unnikrishnan past president JCI, Shijin BT founder & Dean SMRI & Faizy Sayed Ibrahim Author & Organisor of event from JCI.

All the participants were honored with Recognition Certificates , apart  Best 4 Readers selected through Jury,Haneefa Cherumukku (7000 Books)

Ajay Jose ( 190)

Fincy Biju ;( 154)

Anju Prejith ;(130) were given Special Honors Momentos Gifts & Books.

Kamal Muhamed Author Daring Prince & Shijin Founder of SMRI were blessed with special token of respect by JCI Cochin.

Shijin Author & Founder of SMRI gave few words about the Book Harry Porter & Author J.K Rowlings.

There were sponsors who have shared their books to be distributed free to participants includes Global Humanitarian & Philanthropist Dr. Mohanji ;( Shubha Raathri Chindakal) he also shared a viedeo message with Best wishes all the way from Montenegro. Where he stressed the importance of reading .

 Author AL Ameen also shared his book ORIDAM THEDI for free distribution.

There was surprise announcement by Author Kamal Muhamed during the event on New Book Release Faizy Syed Ibrahim: IRU HRIDHAYANGAL was cheered. accordingly was released by Dr.Shabeer Iqbal JCI President. event concluded at 5 pm with Photo session by members hoding Play card of Harry Porter..

Global Stars Award, International Kids Fashion Show, and Abrielle Miss and Mrs. India 2024 Illuminate Indo-Nepal Cultural Heritage in Patna

A grand and influential evening unfolded at the Shangri-La Palace in Patna on September 15, 2024. Organized by Narulas & Co., the event focused on women's development and autism awareness, drawing esteemed personalities from both India and Nepal, making the evening truly special.

The highlight of the event was the Indo-Nepal Cultural Show, where artists from India and Nepal showcased their deep-rooted cultural ties through music, dance, and art. This mesmerizing performance left the audience with an unforgettable experience.

Bollywood actress Poonam Dhillon, gracing the event as the celebrity guest, added a touch of glamour and significance. She emphasized the importance of cultural exchange between India and Nepal, stating, "The exchange of art and culture strengthens the ties between our two nations." She also stressed the need for raising awareness about autism and women's empowerment, highlighting the potential for positive societal change.

Under the Global Stars Award 2024, 70 remarkable individuals were honored for their outstanding contributions in various fields, reinforcing the message of empowerment and social progress.

In the International Kids Fashion Show, Shubhani Pandey and Piyush Pallavi were crowned winners, while Angelina Raj secured the first runner-up position, followed by Pragati Kumari as the second runner-up. Additionally, in the Abrielle Miss and Mrs. India 2024 competition, Kumari Rupa was crowned Miss India, and Dr. Kavita won the title of Mrs. India. Dr. Amrita Swaraj and Shrishti were the first runners-up in the Miss and Mrs. categories, respectively. Anuradha Roy (Miss) and Dr. Lakshmi (Mrs.) were honored as the second runners-up.

The event was further dignified by the presence of esteemed guests, including Sudhir Singh, Shashank Shekhar, Sanjay Chandra, Abhay Singh, Rashmi Verma (MLA), Madhavendra Singh, Rajesh Jaiswal, and Pratibha Prasad, whose attendance added grandeur to the occasion.

The event's organizer, Shikha Narula, founder and director of Narulas & Co., highlighted the significance of the program, stating, "This is the first time an Indo-Nepal cultural show of this magnitude has been held in Bihar. Through this event, we aim to strengthen the cultural ties between our two countries and demonstrate that art and culture transcend borders." She further added, "The purpose of this event goes beyond entertainment—it's about spreading awareness on women's development and autism. We are proud to host such an event in Bihar and hope this marks the beginning of more initiatives that foster such meaningful exchanges in the future."

The event's success was made possible with the support of sponsors like RAV Organics, Roshni Welfare Charitable Trust, Helping Human, Dr. Prabhat Hiravati Memorial Hospital, Anshul Homes, Sanjay Chandra, Prem Kumar, Sunil Singh, Manish Singh, and Gyan. Their collaboration brought together glamour, social awareness, and cultural appreciation, leaving an indelible mark on all who attended.

मणिपुरः सीमा पर से घुसपैठ और हिंसा, क्यों बार-बार भड़क उठती है “आग”, लंबा है संघर्ष का इतिहास
#manipur_violence_history_between_ethnic_groups
* पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर को जातीय हिंसा की आग में जलते हुए डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। समाधान अभी तक कुछ निकला नहीं है। शांति बहाली की कोशिशें हो रही है, लेकिन बात नहीं बन पा रही। कुछ दिनों की शांति के बाद राज्य फिर जल उठता है। सीमा पार से कथित घुसपैठ, हथियारों के इस्तेमाल, ड्रग्स की भूमिका, हिंसा के तमाम कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकाले जा सकें हैं। मणिपुर में भाजपा शासन कर रही है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मानें तो आने वाले 4 से 6 महीने में हिंसा पर पूरी तरफ से काबू पाया जा सकेगा। हालांकि, इस बीच एक रिपोर्ट के खुलासे से हडकंप मचा हुआ है। खुफिया जानकारी के अनुसार, 900 से अधिक कुकी उग्रवादी जो ड्रोन-आधारित बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और जंगल में युद्ध लड़ने में ट्रेंड हैं उन्होंने म्यांमार के रास्ते मणिपुर में एंट्री कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार, ये उग्रवादी 30 सदस्यों के समूहों में बंटे हुए हैं और राज्य के चारों ओर फैले हुए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का दावा कितना सही होगा, ये तो भविष्य ही बताएगा। अब भविष्य देखने से राज्य में हिंसा के इतिहास पर एन नजर डालते हैं। मणिपुर एक ऐसा राज्य रहा है जहां हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है।भारत में विलय के पहले से ये इलाक़ा हिंसक वारदातों का गवाह रहा है और द्वितीय विश्व युद्ध में तो यहाँ जापानी फौजों ने लगातार दो सालों तक बमबारी भी की।60 के दशक में मैतेई समुदाय ने यहां एक बड़ा विद्रोह किया था और दावा किया था कि 1949 में मणिपुर को भारत में धोखे से शामिल किया गया था। इतिहासकारों ने लिखा है कि मणिपुर साम्राज्य की स्थापना ‘निंगथोउजा’ कुनबे के दस क़बीलों के एक साथ आने के बाद हुई। इतिहासकार बताते हैं कि ये इलाक़ा बर्मा और चीन के साथ व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की सेना और ‘मित्र देशों’ की सेना के बीच चल रहे युद्ध का एक बड़ा केंद्र भी रहा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व वाली ‘आज़ाद हिन्द फ़ौज’ का साथ जापान की सेना ने दिया था क्योंकि बोस जापान की सेना की मदद से ब्रितानी हुकूमत को शिकस्त देना चाहते थे। लेकिन इस मोर्चे पर जापान की सेना और ‘आज़ाद हिन्द फ़ौज’ को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। मणिपुर दो सालों तक बमबारी झेलता रहा जिसने पूरे प्रांत में भारी तबाही मचाई थी. इस दौरान इंफ़ाल स्थित राजा का महल भी क्षतिग्रस्त हो गया था। इस तबाही के बाद मणिपुर के लोग ब्रितानी हुकूमत के ख़िलाफ़ गोलबंद होने लगे। आखिरकार ब्रितानी हुकूमत ने 1947 में प्रान्त की बागडोर महाराजा बुधाचंद्र को सौंप दी। *केंद्र शासित घोषित होने के बाद शुरू हुआ संघर्ष* मणिपुर के महाराजा ने शिलॉन्ग में, 21 सितम्बर 1949 को, भारत के साथ विलय के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किये और उसी साल 15 अक्टूबर को मणिपुर भारत का अभिन्न अंग बन गया। इसकी औपचारिक घोषणा भारतीय सेना के मेजर जनरल अमर रावल ने की थी। महाराजा बुधाचंद्र की मृत्यु वर्ष 1955 में हो गयी। मणिपुर स्वतंत्र भारत का हिस्सा बन गया था और एक निर्वाचित विधायिका के माध्यम से सरकार का गठन भी हो गया। फिर 1956 से लेकर 1972 तक मणिपुर केंद्र शासित राज्य बना रहा। जानकार मानते हैं कि 1956 में केंद्र शासित राज्य घोषित किये जाने के बाद से ही मणिपुर में संघर्ष शुरू हो गया और बाद में ये संघर्ष हिंसक होने लगा। *अलग राज्य की मांग को लेकर शुरू हुआ उग्र आन्दोलन* इस बीच अलग राज्य की मांग को लेकर राजनीतिक और छात्र संगठनों का उग्र आन्दोलन भी चलता रहा। इस दौरान ‘यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट’ नाम का संगठन खड़ा किया जो आज़ादी की मांग करने लगा और समाजवादी विचारधारा की वकालत करने लगा। 1971 की जंग के बाद मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री आर के दोरेंद्रो सिंह ने कई अलगाववादी नेताओं से आत्मसमर्पण करवा लिया, जबकि कुछ बाग़ी मैतेई अलगाववादी नेताओं को गिरफ़्तार भी किया गया। इनमें अलगाववादी नेता एन बिशेश्वर सिंह भी शामिल थे जिन्हें त्रिपुरा की जेल में बंद किया गया था जहां उनकी मुलाक़ात पहले से बंद माओवादी नेताओं से हुई। जून 1975 में जेल से छूटने के बाद 16 अन्य मेतेई अलगावादी नेताओं के साथ बिशेश्वर सिंह ने तिब्बत के ल्हासा में शरण ले ली। हथियार चलाने और छापामार युद्ध का प्रशिक्षण लेने के बाद वो अपने सहयोगियों के साथ मणिपुर लौटे। मणिपुर आने के बाद बिशेश्वर ने ‘जनमुक्ति छापामार सेना’ का गठन कर लिया और ‘अलगाववादी संघर्ष ने फिर ज़ोर पकड़ लिया। *सत्तर-अस्सी के दशक में चरम पर थी हिंसा* सत्तर के दशक के अंत में और अस्सी के दशक की शुरुआत में कई और अलगाववादी संगठन पनप उठे जिनमें ‘पीपल्स रेवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ़ कांगलेइपाक’, ‘कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी’ (केसीपी), ‘पोइरेई लिबरेशन फ्रंट’, ‘मेतेई स्टेट कमिटी’ और ‘यूनाइटेड पीपल्स रेवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी’ शामिल थे। इसी दौरान नागा चरमपंथियों ने भी सक्रिय होना शुरू कर दिया। मणिपुर ने नगा बहुल चंदेल, उखरुल, तामेंगलांग और सेनापति ज़िलों में आइज़ैक मुईवाह के नेतृत्व वाले संगठन ‘नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नागालैंड’ ने एक के बाद एक हिंसक वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। 1993 में मई और सितम्बर महीनों के बीच ‘नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नागालैंड’ के हथियारबंद चरमपंथियों के हमलों में सुरक्षा बलों के 120 के आसपास जवान और अधिकारी मारे गए थे। *अलगावादी गतिविधियों और हिंसा के लिए बना विशेष कानून* आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पॉवर्स एक्ट यानी सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 का ही क़ानून है जो पूर्वोत्तर राज्यों में अलगावादी गतिविधियों और हिंसा को रोकने के लिए बनाया गया था। ये क़ानून तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिष्णु राम मेढ़ी की पहल पर 1958 में ही लाया गया था। शुरू में तो ये क़ानून मणिपुर के नगा बहुल उखरुल ज़िले में ही प्रभावी था, मगर 18 सितंबर 1981 को इसे पूरे मणिपुर में लागू कर दिया गया। हालंकि मार्च 2023 में इसे मणिपुर, असम और नागालैंड के कई इलाकों से हटा लिया गया था। *हालिया हिंसा का कारण* मणिपुर में हाल में भड़की हिंसा का प्रमुख कारण मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग रहा है। मैतेई समुदाय की यह मांग नई नहीं है, बल्कि 10 साल से अधिक समय से वह ये मांग कर रहे हैं। इस बार हिंसा तब भड़की जब मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए चार हफ्ते के अंदर सिफारिश केंद्रीय आदिवासी मंत्रालय को भेजे। इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि मैतेई समुदाय को 1949 में मणिपुर के भारत में शामिल होने से पहले अनुसूचित जनजाति का दर्जा हासिल था। उनका कहना है कि अपनी रिति-रिवाज, संस्कृति, जमीन और बोली को बचाए रखने के लिए उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा वापस मिलना चाहिए। मणिपुल हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद राज्यभर में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। राज्य के सभी 10 जिलों में छात्र संगठनों के आह्वान पर हजारों लोग ‘ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च’ के नाम पर सड़कों पर उतर आए। इन प्रदर्शनों के जरिए मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने का विरोध किया गया।
मणिपुर में म्यांमार से रची जा रही साजिश? 900 कुकी उग्रवादियों ने की घुसपैठ, ड्रोन चलाने में हैं माहिर*
#kuki_militants_infiltration_into_manipur_from_myanmar
मणिपुर में एक साल से ज्यादा समय से हिंसा जारी है। हालांकि, हाल के दिनों में आई खबरों से साफ हो गया है कि राज्य में हिसां ने एक अलग ही रूप ले लिया है। हाल ही में राज्य में ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमले हुए है। जिसके बाद कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में साजिश की बू आने लगी है। इस बीच एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।मणिपुर में म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की बात सामने आई है। ये आतंकी राज्य में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। घुसपैठी ड्रोन, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से उग्रवादियों की आवाजाही की खबरें मिल रही हैं। सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि घुसपैठी उग्रवादी ड्रोन बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड हैं। ये 30-30 लोगों के ग्रुप में हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में छिपे हुए हैं। 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमले की आशंका कुलदीप सिंह ने कहा, उग्रवादी 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमले कर सकते हैं। हमले की आशंका के बीच चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, उखरुल, कामजोंग और फेरजॉल समेत कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सितंबर में बढ़ी हिंसक घटनाएं बता दें कि 1 सितंबर के बाद से मणिपुर में एक बार फिर हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। -पहला ड्रोन हमलाःएक सितंबर को राज्य में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। -दूसरा ड्रोन अटैकः 3 सितंबर को इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। उग्रवादियों ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। -तीसरा रॉकेट अटैकः 6 सितंबर को पूर्व सीएम के घर रॉकेट से हमला किया गया। बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। -चौथा हमला-7 सितंबर को जिरिबाम में दो हमले हुए। पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 किमी दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। वे घर में अकेले रहते थे। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई। मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में अब तक 237 लोगों की मौत हो चुकी है। 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 60 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।