वंदे मातरम को लेकर प्रियंका का पीएम मोदी पर निशाना, बोले- बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा

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राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर संसद में आज इस पर चर्चा हो रही है। सबसे पहले चर्चा की शुरुआत लोकसभा में हुई। पीएम मोदी ने वंदे मातरम पर लोकसभा में अपना संबोधन दिया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सदन में वंदे मातरम पर चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम विषय भारत की आत्मा का हिस्सा है। इस गीत ने गुलामी में सोए हुए लोगों को जगाया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम 150 सालों से भारत की आत्मा में बस चुका है। ऐसे में आज इस बहस की क्या आवश्यकता है।

प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लेते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री बहुत अच्छे भाषण देते हैं, लेकिन उनमें तथ्य नहीं होते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार किसी अधिवेशन में वंदे मातरम गाया था। प्रियंका ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री यह बताना भूल गए कि टैगोर ने इसे कांग्रेस के अधिवेशन में गाया था।

प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला

प्रियंका गांदी ने गे जोड़ा, प्रधानमंत्री ने कहा कि नेहरू ने नेताजी को पत्र लिखकर वंदे मातरम् के उपयोग पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस कथित पत्र से तीन दिन पहले नेताजी ने ही नेहरू को पत्र लिखकर यह मुद्दा लेकर कलकत्ता कांग्रेस में चर्चा करने का आग्रह किया था। उन्होंने नेहरू के पत्र के आगे के पैराग्राफ भी पढ़कर सुनाए, जिसमें लिखा था कि वंदे मातरम् का विवाद साम्प्रदायिक आधार पर खड़ा किया गया था। प्रियंका ने टैगोर का वह पत्र भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानी कविता के सिर्फ दो अनुच्छेद ही गाते हैं और केवल वही उपयोग किए जाने चाहिए।

प्रियंका का सरकार पर तीखा हमला

प्रियंका गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आप सिर्फ चुनाव के लिए हैं, जबकि हम देश के लिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितने भी चुनाव हार जाए, लेकिन वह बीजेपी और सरकार की नीतियों के खिलाफ संसद में बैठकर लगातार लड़ती रहेगी। प्रियंका ने कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता की आवाज बने और लोकतंत्र की रक्षा करे, और कांग्रेस इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बहसों से बचती है, मुद्दों से ध्यान भटकाती है, जबकि कांग्रेस जनता के असली सवालों को उठाती रहेगी।

बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा-प्रियंका

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम इसे किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सदन में हम अपने राष्ट्रगीत पर भी बहस करेंगे। प्रियंका ने सवाल उठाया है कि आखिर इस बहस की जरूरत क्या है। हम यह बहस आज यहां दो वजह से कर रहे हैं। पहला बंगाल का चुनाव आ रहा है, इस वजह से इसका चुनाव हो रहा है। दूसरी वजह इनकी पुराना मकसद है, जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी उन पर दोष थोपना चाहती है। प्रियंका ने कहा कि आपका मकसद उसी अतीत में मंडराने से जो बीत चुका है। प्रियंका ने कहा कि सच्चाई यह है कि पीएम मोदी वह प्रधानमंत्री नहीं है, अब उनका आत्मविश्वास घटने लगा है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक

मरांडी ने कहा- 'सरकार ने छात्र-किसानों को ठगा', मंत्री सुदिव्य कुमार का पलटवार- 'दिल्ली जाकर बकाया केंद्रीय हिस्सेदारी का समाधान कराएँ'

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने छात्रवृत्ति और किसानों की समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान सदन के बाहर भी सियासत की गर्माहट महसूस की गई, जहाँ सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए।

विपक्ष का हमला: 'सरकार ने सबको ठगा है'

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने छात्र हो या किसान, सबों को ठगा है।

छात्रवृत्ति का मुद्दा: उन्होंने कहा कि पिछले दो-दो वर्ष से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसके कारण एससी/एसटी, ओबीसी और गरीब तबके के कुछ बच्चों को पढ़ाई छोड़कर होटल में थाली धोने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भले ही नौजवानों के लिए होने का दावा करे, लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा उन्हीं को ठगा और लूटा जा रहा है।

किसानों का छल: मरांडी ने किसानों को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार देर से धान खरीद शुरू हुई और ₹2300 प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान हुआ, जबकि घोषणा पत्र में ₹3200 प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने की बात की गई थी।

इस वर्ष की स्थिति: उन्होंने कहा कि इस साल स्थिति और भी खराब है। किसान खेत से धान काटकर बाजार में औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य सरकार सोई हुई है और धान खरीद की दर व तिथि का कोई अता पता नहीं है।

सत्तापक्ष का पलटवार: 'दिल्ली जाकर समस्या सुलझाएँ'

बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

जनता ने ठुकराया रंग: मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि "भाजपा के हमारे मित्र जिस रंग की चश्मे से झारखंड को देखना चाहते हैं, उस रंग को यहाँ की जनता ने ठुकरा चुकी है।"

केंद्रीय बकाया: उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जिन छात्रवृत्ति और किसानों के मुद्दों पर रो रहे हैं, उन्हें वे दिल्ली जाकर समाधान कराने का काम करें। मंत्री ने दावा किया कि राज्य को केंद्रीय करों की जो हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी, उसमें 10 महीने में मात्र 55 फीसदी हिस्सेदारी मिली है।

सहयोग की अपील: उन्होंने विपक्ष से मांग की कि जो बकाया राशि है, उसका भुगतान कराने में राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए।

विधानसभा के बाहर हुई इस बयानबाजी से साफ है कि शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार राजनीतिक टकराव जारी रहेगा।

दादा तबीयत तो ठीक है न...पीएम मोदी ने वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान किससे पूछा

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संसद में आज वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर भारत के राष्ट्रीय गीत और इससे जुड़े इतिहास पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में चर्चा की शुरुआत की। इस बीच एक मजेदार वाकया भी सामने आया। जब लोकसभा में पीएम मोदी अपनी बात रख रहे थे, तभी टीएमसी सांसद ने उन्हें टोक दिया। इसके बाद पीएम मोदी ने उनसे मजाक में पूछ लिया कि दादा आपकी तबीयत तो ठीक है न। प्रधानमंत्री मंत्री की बात सुनकर पूरे सदन में ठहाका गूंज गया।

दरअसल पीएम मोदी लोकसभा में वंदे मातरम के महत्व पर बात कर रहे थे। इस दौरान वह वंदे मातरम के रचयिता कवि बंकिम चंद्र चटर्जी को 'बंकिम दा' कहकर संबोधित कर रहे थे। विपक्ष में बैठे टीएमसी सांसद सौगत रॉय को यह पसंद नहीं आया। इस कारण उन्होंने पीएम मोदी को टोक दिया।

सौगत रॉय बोले- बंकिम बाबू कहना चाहिए

सौगत रॉय ने पीएम से कहा, आप बंकिम दा कह रहे हैं। आपको बंकिम बाबू कहना चाहिए।इस पर पीएम ने तुरंत जवाब दिया, धन्यवाद, मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं बंकिम बाबू कहूंगा।

पीएम ने ली सांसद सौगत रॉय की चुटकी

हालांकि, पीएम मोदी यहीं नहीं रूके। उन्होंने टीएमसी सांसद सौगत रॉय की चुटकी ले ली। उन्होंने तृणमूल सांसद सौगत रॉय से एक बार फिर कहा, 'आपको तो दादा कह सकता हूं न? या उसमें भी एतराज हो जाएगा...'।

पीएम ने की कांग्रेस की नीतियों की आलोचना

बाद में पीएम ने अपने पूरे संबोधन में बंकिम चंद्र चटर्जी को बंकिम बाबू ही कहा। उन्होंने आजादी से लेकर आपातकाल और जिन्ना से लेकर बंगाल विभाजन तक का जिक्र किया और कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की।

हमारा दायित्व है जिन्दगी को सजाना व संवारना, साई कॉलेज में खुसरो ईरानी ने दिये मोटीवेशनल टिप्स

अम्बिकापुर- जन्म और मृत्यु जीवन के दो छोर हैं और इस बीच हमारी जिन्दगी है। इस जिन्दगी को सजाना, संवारना ही हमारी कर्तव्य दायित्व है। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान के दौरान मोटीवेशनल स्पीकर खुसरो ईरानी ने कहा।

उन्होंने कहा कि जिन्दगी में माता-पिता की इच्छाओं के साथ अपने चयन को भी महत्व दिया जाना चाहिए। प्रत्येक काम, कर्तव्य और जिम्मेदारी के दौरान हमेशा दो चयन उपलब्ध होते हैं। इन्हीं दोनों में अपने लिये किसी एक का चयन करते हैं जो निर्णायक होता है। उन्होंने प्राध्यापक और विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षण कार्य और विद्यार्थीपन जीवन का आदर्श होता है, जिसमें हम हमेशा सीखते हैं। उन्होंने तकनीकी जीवन, एआई, चैट जीपीटी जैसे एप्प के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कक्षाओं को तकनीकी का प्रयोग कीजिये जो प्राध्यापकों के साथ विद्यार्थियों के लिये भी सुगम होगी।

इससे पहले महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले और अतिथियों में ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों को स्वागत बैच लगाकर और पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया।

विद्यार्थी और शिक्षकों के लिए अलग-अलग सत्र आयोजित हुआ जिसमें शैक्षिक जिज्ञासाओं को समाधान किया गया। शासी निकाय अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले और डॉ. आरएन शर्मा ने मोटीवेशनल स्पीकर खुसरो ईरानी को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान लाईफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेष देवांगन, कम्प्यूटर साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

ग्राम पंचायतों को अपनी स्वयं की आय के स्रोत बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाना है-श्रवण कुमार चौरसिया

देवरिया M N पाण्डेय 8 दिसंबर । सदर विकास खण्ड में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत ग्राम पंचायत के स्वयं के आय का स्रोत विषयक प्रत्येक विकास खण्ड से 5 ग्राम प्रधानों और ग्राम सचिवों के का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ किया गया। 

कार्यक्रम का उद्घाटन एडीपीआरओ श्रवण कुमार चौरसिया ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों को अपनी स्वयं की आय के स्रोत बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाना है। पंचायत स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर नवाचार अपनाएं, जिससे विकास के नए आयाम स्थापित हो सकें।

डीपीआरसी सहप्रबंधक ब्रजेश नाथ तिवारी ने बताया कि कार्यशाला का केंद्रीय विषय ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि कैसे की जाए, इस पर मंथन करना था। इसमें सभी प्रतिभागियों से ग्राम पंचायतों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने हेतु कई अच्छे सुझाव प्राप्त हुए।

मुख्य प्रशिक्षक अजीत कुमार तिवारी ने कहा कि पंचायतों की आय के लिए कर लगाने के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की, जो पंचायतों को वित्तीय रूप से सशक्त बना सकते हैं।

सहायक विकास अधिकारी पंचायत विंध्याचल सिंह ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षणो के आयोजन से जनजागरूकता फैलती है।

प्रशिक्षक आशुतोष दूबे ने पंचायतों के लिए गैर-कर आय के तरीकों पर प्रशिक्षण दिया। इनमें बाजार और तालाबों का पट्टा, पार्कों में ओपन जिम स्थापित करना और पुस्तकालय कर जैसे उपाय शामिल थे।

अजय दूबे ने जन सेवा केंद्र से शुल्क या फीस और टूरिस्ट टैक्स के माध्यम से आय बढ़ाने का सुझाव दिया। 

प्रशिक्षक अर्पिता द्विवेदी ने कूड़ा कचरा प्रबंधन पर सुविधा शुल्क लगाने की बात कही और सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन और शुल्क अधिरोपण से आय अर्जित करने के तरीके बताए।

 प्रशिक्षक प्रतिभा ने गौशाला के उत्पादों से आय जैसे अन्य उपायों पर भी चर्चा की।जिससे पंचायतें अपनी आय बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

उक्त अवसर पर दीनानाथ प्रजापति , शशिभूषण मिश्रा, अविनाश पासवान, यशपाल सिंह, चंदू पासवान, रुपेश यादव, शुभम गुप्ता, हरिपाल यादव, आनन्द मणि,देवेश उपाध्याय, रविन्द्र राजभर आदि मौजूद रहे।

सामाजिक विकास संघ द्वारा आचार्य पवन त्रिपाठी का भव्य सम्मान

मुंबई। सामाजिक विकास संघ, मुंबई द्वारा दयानंद वैदिक विद्यालय मुलुंड पश्चिम में आयोजित कार्यक्रम में श्री सिद्धि विनायक मंदिर न्यास के कोषाध्यक्ष एवं मुंबई बीजेपी के नवनियुक्त महामंत्री आचार्य पवन त्रिपाठी का भव्य सम्मानकिया गया, जिसमें प्रमुख रूप से विधायक मिहिर कोटेजा, पूर्व सांसद मनोज कोटक, आर यू सिंह, सुरेश पाल , प्रदुम शुक्ला, श्रीकांत दुबे, संजय शर्मा ,मनीष तिवारी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संस्था के संस्थापक आर डी यादव ने संस्था के विषय पर विचार व्यक्त किया। संचालन विनोद दुबे एवं कन्हैया लाल शर्मा ने किया । संस्था के कार्यक्रम का विशेष सहयोग उत्तर भारतीय मोर्चा के महाराष्ट्र प्रदेश मंत्री विजय यू सिंह ने किया।

जल जीवन मिशन में तकनीकी अनियमितता का आरोप: DI Pipe की जगह O-PVC का उपयोग, एक साल से कार्रवाई ठप

रायपुर- जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज स्कीम में कथित तकनीकी अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने 23 अक्टूबर 2024 को पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक को एक विस्तृत शिकायत-पत्र भेजकर मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र रायपुर राजेश गुप्ता के खिलाफ D.I. Pipe की जगह O-PVC Pipe उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए अनियमितता की जांच करने तथा राजेश गुप्ता के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने की बात लिखी गई थी।

पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता रहे टीडी शांडिल्य ने भी विभागीय सचिव को 29 अप्रैल 2025 तथा 18 जुलाई 2025 को राजेश गुप्ता को निलंबित करने पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग एक साल बीतने के बाद भी विभाग स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि पत्र में उठाए गए बिंदु पूरी तरह तकनीकी और नीति-विरुद्ध बदलाव से जुड़े हुए हैं।

क्या है मामला?

डॉ.भूरे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज योजनाओं के DPR में Gravity Main लाइन के लिए DI K-7 Pipe को अनिवार्य रूप से अपनाया गया था। उच्च स्तरीय वित्तीय/तकनीकी स्वीकृति भी इसी पाइप के आधार पर दी गई थी।

लेकिन विभागीय स्तर पर बाद में 250 mm से नीचे Diameter वाले O-PVC Pipe को लेकर डिजाइन बनाया गया और फिर इसी आधार पर PAC की तकनीकी स्वीकृति देकर निविदा प्रक्रिया संचालित की गई।

पत्र में उठाए गए प्रमुख तकनीकी बिंदु

DPR में DI K-7 Pipe की ही स्वीकृति

Bulk Water Supply के लिए DI K-7 Pipe प्रस्तावित थी, जिसकी राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (SLSSC) से प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी।

यहां डिजाइन बदलकर O-PVC Pipe ले लिया गया। आरोप है कि मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता द्वारा अपने स्तर पर डिजाइन बदला गया और O-PVC Pipe को मंजूरी देते हुए PAC स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

DPR में प्रस्तावित सामग्री को बदलने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्य थी, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार यह स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।

SLSSC से पुनरीक्षित स्वीकृति भी नहीं ली गई। पत्र में साफ उल्लेख है कि O-PVC पाइप के उपयोग को लेकर SLSSC की संशोधित स्वीकृति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

डॉ. भूरे ने तकनीकी समिति से जांच की अनुशंसा की

पत्र में कहा गया है कि मामला पूरी तरह तकनीकी है, इसलिए जल जीवन मिशन की तकनीकी समिति के माध्यम से मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा। यह भी लिखा है कि उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट करते हैं कि विभागीय नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

O-PVC बनाम DI Pipe – तकनीकी और वित्तीय अंतर

DI (Ductile Iron) Pipe - अधिक मजबूत, टिकाऊ, जंग-प्रतिरोधी, लंबी अवधि की योजनाओं के लिए उपयुक्त,महंगी, लेकिन गुणवत्ता और सुरक्षा अधिक।

O-PVC Pipe - सस्ती, हल्की और आसान इंस्टॉलेशन,हाई-प्रेशर और Gravity Main जैसी लाइनों में मानकों के अनुसार कम उपयुक्त अधिक बार मरम्मत/रिसाव की संभावना।

विशेषज्ञों के अनुसार Bulk Water Supply में DI Pipe का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानकों में दर्ज है, जबकि O-PVC को बिना तकनीकी समिति की स्वीकृति के बदलना गंभीर प्रक्रिया उल्लंघन माना जाता है।

एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं? विभाग के भीतर चर्चाएँ तेज

यह पत्र 23 अक्टूबर 2024 को लिखा गया था। अब लगभग 12 महीने बाद भी न तो तकनीकी जांच कमेटी बनी, न मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया गया और न किसी प्रकार की निलंबन/जांच कार्रवाई हुई।विभाग के भीतर इस चुप्पी को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं विभागीय सचिव भी संदेह के दायरे में है।

सवाल उठता है कि क्या फाइल दबा दी गई? क्या जानबूझकर जांच नहीं की जा रही? या फिर यह मामला किसी बड़े ठेकेदार-इंजीनियर गठजोड़ से जुड़ा है?

ऐसे में जल जीवन मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली योजनाओं में इस प्रकार की तकनीकी अनियमितताओं का आरोप गंभीर है। पूर्व संचालक का पत्र स्वयं विभाग के उच्च अधिकारियों को संबोधित था, फिर भी एक वर्ष तक कार्रवाई का अभाव शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद बाद विभाग मंत्री उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करते है।

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, पीएम मोदी ने आपातकाल को किया याद

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संसद में शीतकालीन सत्र का आज छठा दिन है। आज संसद में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा हो रही है। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की शुरूआत की। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।

सरदार पटेल से लेकर बिरसा मुंडा तक को किया याद

प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा, प्रेरणा दी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया, उस पर हम चर्चा करेंगे। हम सभी का यह सौभाग्य है। हमारे लिए गर्व की बात है कि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन रहे हैं। यह एक ऐसा कालखंड था, जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को सामने लेकर आता है। यह एक ऐसा कालखंड है, जब इतिहास के कई प्रेरक अध्याय हम सभी के सामने उजागर हुए हैं। अभी हमने संविधान के 75 वर्ष गौरवपूर्वक पूरे किए हैं। देश ने सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई है। अभी-अभी गुरु तेगबहादुर के बलिदान के 350 वर्ष भी पूरे हुए हैं।

पीएम मोदी ने आपातकाल का किया जिक्र

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम की 150 वर्ष की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन वंदे मातरम के जब 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। वंदे मातरम के 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जब 100 का अत्यंत उत्तम पर्व था, तब भारत के संविधान का गला घोट दिया गया था।

एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हुआ-पीएम मोदी

प्रदानमंत्री ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वालों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम ने देश की आजादी को ऊर्जा दी थी, उसके जब 100 साल पूरे हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हो गया।

वंदे मातरम् का ऋण स्वीकार करने का अवसर है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं। मेरा मानना है कि देश और सदन, दोनों को इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। यही वंदे मातरम् है, जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं, यहां कोई पक्ष–प्रतिपक्ष नहीं है। क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं, हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है, वह ऋण, जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया, और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में विपक्ष ने हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा, आजसू (AJSU) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायकों ने तख्तियाँ लेकर प्रदर्शन किया।

विरोध के मुख्य मुद्दे

विपक्ष ने मुख्यतः दो बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा:

छात्रवृत्ति बकाया: राज्य के छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति (Scholarship) की राशि नहीं मिलने पर सरकार से अतिशीघ्र भुगतान की मांग।

किसानों का वादा: किसानों से किए गए वादे के अनुसार धान खरीद का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3200 प्रति क्विंटल करने का दबाव।

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

नारेबाजी कर रहे विधायकों ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का सीधा आरोप लगाया और कहा कि किसान और छात्र दोनों ही इस सरकार से बेहद परेशान हैं।

नीरा यादव का हमला (BJP): भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीद का वादा किया गया था, जिसे सरकार भूल गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि कई महीनों से नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान हैं, मगर सरकार इनकी सुनने वाली नहीं है।

जनार्दन पासवान का बयान (LJP): लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि छात्रों के साथ-साथ किसान भी यहाँ परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर लगातार उठाता रहेगा।

सदन में अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष के तीखे तेवर के बीच आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर रखा गया। विपक्ष के तेवर से साफ जाहिर होता है कि सदन में इन जनहित के मुद्दों पर तीखी बहस और दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।

*एसआईआर भविष्य सुरक्षित करने वाला दस्तावेज-संजय राय*
*राष्ट्र की सुरक्षा व लोकतंत्र की मजबूती के लिए एसआईआर जरुरी-संजय राय*

*शिक्षक-स्नातक एमएलसी समेत यूपी चुनाव-2027 में मिलेगी बंपर जीत- संजय राय***********************

*प्रदेश महामंत्री ने बैठक कर SIR को लेकर की बिंदुवार समीक्षा*********** सुलतानपुर,विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के अन्तिम चरण को सफल बनाने के लिए रविवार को प्रदेश महामंत्री संजय राय ने भाजपा जिला कार्यालय पर जिला पदाधिकारी, मण्डल अध्यक्ष व अभियान से जुड़े हुए पदाधिकारियों की बैठक ली।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने एसआईआर को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर सिलसिलेवार समीक्षा की। उन्होंने कहा हम सब 11 दिसम्बर तक सभी कार्य स्थगित कर अभियान में पूरी ऊर्जा व ताकत से जुटे। उन्होंने कहा एसआईआर केवल मतदाता सूची का काम नही है।यह आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उन्होंने कहा पार्टी का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे तथा बोगस मतदाताओं को सूची से बाहर किया जाए।उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा राष्ट्र की सुरक्षा व लोकतंत्र की मजबूती के लिए एसआईआर जरुरी है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा आगामी शिक्षक व स्नातक एमएलसी चुनाव समेत 2027 यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक बार फिर ऐतिहासिक व बंपर जीत मिलेगी।उन्होंने कहा 11 दिसम्बर के बाद जब ड्राफ्ट प्रकाशित होगा उसके बाद छूटे व 18 साल पूरा करने वाले मतदाताओं को जुड़वाने व बोगस मतदाताओं को सूची से बाहर करने का अभियान भी चलाना होगा।जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत व आभार व्यक्त करते हुए कहा बूथ विजय के लिए मतदाता सूची का शुद्धिकरण आवश्यक है। भाजपा मीडिया प्रमुख विजय सिंह रघुवंशी ने जानकारी दी कि आनन्द द्विवेदी के संचालन में आयोजित बैठक में प्रमुख रूप से नगर पालिकाध्यक्ष प्रवीन कुमार अग्रवाल, सहकारी बैंक अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप सिंह, जिला महामंत्री विजय त्रिपाठी,संदीप सिंह,डॉ प्रीति प्रकाश, विजय रघुवंशी, आलोक आर्या, विवेक सिंह, सुनील वर्मा,जगदीश चौरसिया,मनोज मौर्य, राजेश सिंह,राजित राम,अरूण जायसवाल, संजय सोमवंशी,चन्दन नारायन सिंह, डॉ रामजी गुप्ता, रेखा निषाद, सुमन राव कोरी,रामेन्द्र प्रताप सिंह,इन्द्रदेव मिश्रा, रीना जायसवाल, विजय लक्ष्मी शुक्ला, प्रदीप शर्मा, राहुल भान मिश्रा,राम अभिलाष सिंह, राजेश चतुर्वेदी रोहित यादव आदि मौजूद रहे।
वंदे मातरम को लेकर प्रियंका का पीएम मोदी पर निशाना, बोले- बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा

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राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर संसद में आज इस पर चर्चा हो रही है। सबसे पहले चर्चा की शुरुआत लोकसभा में हुई। पीएम मोदी ने वंदे मातरम पर लोकसभा में अपना संबोधन दिया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सदन में वंदे मातरम पर चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम विषय भारत की आत्मा का हिस्सा है। इस गीत ने गुलामी में सोए हुए लोगों को जगाया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम 150 सालों से भारत की आत्मा में बस चुका है। ऐसे में आज इस बहस की क्या आवश्यकता है।

प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लेते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री बहुत अच्छे भाषण देते हैं, लेकिन उनमें तथ्य नहीं होते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार किसी अधिवेशन में वंदे मातरम गाया था। प्रियंका ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री यह बताना भूल गए कि टैगोर ने इसे कांग्रेस के अधिवेशन में गाया था।

प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला

प्रियंका गांदी ने गे जोड़ा, प्रधानमंत्री ने कहा कि नेहरू ने नेताजी को पत्र लिखकर वंदे मातरम् के उपयोग पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस कथित पत्र से तीन दिन पहले नेताजी ने ही नेहरू को पत्र लिखकर यह मुद्दा लेकर कलकत्ता कांग्रेस में चर्चा करने का आग्रह किया था। उन्होंने नेहरू के पत्र के आगे के पैराग्राफ भी पढ़कर सुनाए, जिसमें लिखा था कि वंदे मातरम् का विवाद साम्प्रदायिक आधार पर खड़ा किया गया था। प्रियंका ने टैगोर का वह पत्र भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानी कविता के सिर्फ दो अनुच्छेद ही गाते हैं और केवल वही उपयोग किए जाने चाहिए।

प्रियंका का सरकार पर तीखा हमला

प्रियंका गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आप सिर्फ चुनाव के लिए हैं, जबकि हम देश के लिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितने भी चुनाव हार जाए, लेकिन वह बीजेपी और सरकार की नीतियों के खिलाफ संसद में बैठकर लगातार लड़ती रहेगी। प्रियंका ने कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता की आवाज बने और लोकतंत्र की रक्षा करे, और कांग्रेस इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बहसों से बचती है, मुद्दों से ध्यान भटकाती है, जबकि कांग्रेस जनता के असली सवालों को उठाती रहेगी।

बंगाल चुनाव की वजह से हो रही चर्चा-प्रियंका

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम इसे किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सदन में हम अपने राष्ट्रगीत पर भी बहस करेंगे। प्रियंका ने सवाल उठाया है कि आखिर इस बहस की जरूरत क्या है। हम यह बहस आज यहां दो वजह से कर रहे हैं। पहला बंगाल का चुनाव आ रहा है, इस वजह से इसका चुनाव हो रहा है। दूसरी वजह इनकी पुराना मकसद है, जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी उन पर दोष थोपना चाहती है। प्रियंका ने कहा कि आपका मकसद उसी अतीत में मंडराने से जो बीत चुका है। प्रियंका ने कहा कि सच्चाई यह है कि पीएम मोदी वह प्रधानमंत्री नहीं है, अब उनका आत्मविश्वास घटने लगा है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक

मरांडी ने कहा- 'सरकार ने छात्र-किसानों को ठगा', मंत्री सुदिव्य कुमार का पलटवार- 'दिल्ली जाकर बकाया केंद्रीय हिस्सेदारी का समाधान कराएँ'

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने छात्रवृत्ति और किसानों की समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान सदन के बाहर भी सियासत की गर्माहट महसूस की गई, जहाँ सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए।

विपक्ष का हमला: 'सरकार ने सबको ठगा है'

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने छात्र हो या किसान, सबों को ठगा है।

छात्रवृत्ति का मुद्दा: उन्होंने कहा कि पिछले दो-दो वर्ष से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसके कारण एससी/एसटी, ओबीसी और गरीब तबके के कुछ बच्चों को पढ़ाई छोड़कर होटल में थाली धोने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भले ही नौजवानों के लिए होने का दावा करे, लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा उन्हीं को ठगा और लूटा जा रहा है।

किसानों का छल: मरांडी ने किसानों को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार देर से धान खरीद शुरू हुई और ₹2300 प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान हुआ, जबकि घोषणा पत्र में ₹3200 प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने की बात की गई थी।

इस वर्ष की स्थिति: उन्होंने कहा कि इस साल स्थिति और भी खराब है। किसान खेत से धान काटकर बाजार में औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य सरकार सोई हुई है और धान खरीद की दर व तिथि का कोई अता पता नहीं है।

सत्तापक्ष का पलटवार: 'दिल्ली जाकर समस्या सुलझाएँ'

बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

जनता ने ठुकराया रंग: मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि "भाजपा के हमारे मित्र जिस रंग की चश्मे से झारखंड को देखना चाहते हैं, उस रंग को यहाँ की जनता ने ठुकरा चुकी है।"

केंद्रीय बकाया: उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जिन छात्रवृत्ति और किसानों के मुद्दों पर रो रहे हैं, उन्हें वे दिल्ली जाकर समाधान कराने का काम करें। मंत्री ने दावा किया कि राज्य को केंद्रीय करों की जो हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी, उसमें 10 महीने में मात्र 55 फीसदी हिस्सेदारी मिली है।

सहयोग की अपील: उन्होंने विपक्ष से मांग की कि जो बकाया राशि है, उसका भुगतान कराने में राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए।

विधानसभा के बाहर हुई इस बयानबाजी से साफ है कि शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार राजनीतिक टकराव जारी रहेगा।

दादा तबीयत तो ठीक है न...पीएम मोदी ने वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान किससे पूछा

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संसद में आज वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर भारत के राष्ट्रीय गीत और इससे जुड़े इतिहास पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में चर्चा की शुरुआत की। इस बीच एक मजेदार वाकया भी सामने आया। जब लोकसभा में पीएम मोदी अपनी बात रख रहे थे, तभी टीएमसी सांसद ने उन्हें टोक दिया। इसके बाद पीएम मोदी ने उनसे मजाक में पूछ लिया कि दादा आपकी तबीयत तो ठीक है न। प्रधानमंत्री मंत्री की बात सुनकर पूरे सदन में ठहाका गूंज गया।

दरअसल पीएम मोदी लोकसभा में वंदे मातरम के महत्व पर बात कर रहे थे। इस दौरान वह वंदे मातरम के रचयिता कवि बंकिम चंद्र चटर्जी को 'बंकिम दा' कहकर संबोधित कर रहे थे। विपक्ष में बैठे टीएमसी सांसद सौगत रॉय को यह पसंद नहीं आया। इस कारण उन्होंने पीएम मोदी को टोक दिया।

सौगत रॉय बोले- बंकिम बाबू कहना चाहिए

सौगत रॉय ने पीएम से कहा, आप बंकिम दा कह रहे हैं। आपको बंकिम बाबू कहना चाहिए।इस पर पीएम ने तुरंत जवाब दिया, धन्यवाद, मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं बंकिम बाबू कहूंगा।

पीएम ने ली सांसद सौगत रॉय की चुटकी

हालांकि, पीएम मोदी यहीं नहीं रूके। उन्होंने टीएमसी सांसद सौगत रॉय की चुटकी ले ली। उन्होंने तृणमूल सांसद सौगत रॉय से एक बार फिर कहा, 'आपको तो दादा कह सकता हूं न? या उसमें भी एतराज हो जाएगा...'।

पीएम ने की कांग्रेस की नीतियों की आलोचना

बाद में पीएम ने अपने पूरे संबोधन में बंकिम चंद्र चटर्जी को बंकिम बाबू ही कहा। उन्होंने आजादी से लेकर आपातकाल और जिन्ना से लेकर बंगाल विभाजन तक का जिक्र किया और कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की।

हमारा दायित्व है जिन्दगी को सजाना व संवारना, साई कॉलेज में खुसरो ईरानी ने दिये मोटीवेशनल टिप्स

अम्बिकापुर- जन्म और मृत्यु जीवन के दो छोर हैं और इस बीच हमारी जिन्दगी है। इस जिन्दगी को सजाना, संवारना ही हमारी कर्तव्य दायित्व है। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान के दौरान मोटीवेशनल स्पीकर खुसरो ईरानी ने कहा।

उन्होंने कहा कि जिन्दगी में माता-पिता की इच्छाओं के साथ अपने चयन को भी महत्व दिया जाना चाहिए। प्रत्येक काम, कर्तव्य और जिम्मेदारी के दौरान हमेशा दो चयन उपलब्ध होते हैं। इन्हीं दोनों में अपने लिये किसी एक का चयन करते हैं जो निर्णायक होता है। उन्होंने प्राध्यापक और विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षण कार्य और विद्यार्थीपन जीवन का आदर्श होता है, जिसमें हम हमेशा सीखते हैं। उन्होंने तकनीकी जीवन, एआई, चैट जीपीटी जैसे एप्प के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कक्षाओं को तकनीकी का प्रयोग कीजिये जो प्राध्यापकों के साथ विद्यार्थियों के लिये भी सुगम होगी।

इससे पहले महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले और अतिथियों में ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों को स्वागत बैच लगाकर और पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया।

विद्यार्थी और शिक्षकों के लिए अलग-अलग सत्र आयोजित हुआ जिसमें शैक्षिक जिज्ञासाओं को समाधान किया गया। शासी निकाय अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले और डॉ. आरएन शर्मा ने मोटीवेशनल स्पीकर खुसरो ईरानी को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान लाईफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेष देवांगन, कम्प्यूटर साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

ग्राम पंचायतों को अपनी स्वयं की आय के स्रोत बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाना है-श्रवण कुमार चौरसिया

देवरिया M N पाण्डेय 8 दिसंबर । सदर विकास खण्ड में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत ग्राम पंचायत के स्वयं के आय का स्रोत विषयक प्रत्येक विकास खण्ड से 5 ग्राम प्रधानों और ग्राम सचिवों के का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ किया गया। 

कार्यक्रम का उद्घाटन एडीपीआरओ श्रवण कुमार चौरसिया ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों को अपनी स्वयं की आय के स्रोत बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाना है। पंचायत स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर नवाचार अपनाएं, जिससे विकास के नए आयाम स्थापित हो सकें।

डीपीआरसी सहप्रबंधक ब्रजेश नाथ तिवारी ने बताया कि कार्यशाला का केंद्रीय विषय ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि कैसे की जाए, इस पर मंथन करना था। इसमें सभी प्रतिभागियों से ग्राम पंचायतों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने हेतु कई अच्छे सुझाव प्राप्त हुए।

मुख्य प्रशिक्षक अजीत कुमार तिवारी ने कहा कि पंचायतों की आय के लिए कर लगाने के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की, जो पंचायतों को वित्तीय रूप से सशक्त बना सकते हैं।

सहायक विकास अधिकारी पंचायत विंध्याचल सिंह ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षणो के आयोजन से जनजागरूकता फैलती है।

प्रशिक्षक आशुतोष दूबे ने पंचायतों के लिए गैर-कर आय के तरीकों पर प्रशिक्षण दिया। इनमें बाजार और तालाबों का पट्टा, पार्कों में ओपन जिम स्थापित करना और पुस्तकालय कर जैसे उपाय शामिल थे।

अजय दूबे ने जन सेवा केंद्र से शुल्क या फीस और टूरिस्ट टैक्स के माध्यम से आय बढ़ाने का सुझाव दिया। 

प्रशिक्षक अर्पिता द्विवेदी ने कूड़ा कचरा प्रबंधन पर सुविधा शुल्क लगाने की बात कही और सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन और शुल्क अधिरोपण से आय अर्जित करने के तरीके बताए।

 प्रशिक्षक प्रतिभा ने गौशाला के उत्पादों से आय जैसे अन्य उपायों पर भी चर्चा की।जिससे पंचायतें अपनी आय बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

उक्त अवसर पर दीनानाथ प्रजापति , शशिभूषण मिश्रा, अविनाश पासवान, यशपाल सिंह, चंदू पासवान, रुपेश यादव, शुभम गुप्ता, हरिपाल यादव, आनन्द मणि,देवेश उपाध्याय, रविन्द्र राजभर आदि मौजूद रहे।

सामाजिक विकास संघ द्वारा आचार्य पवन त्रिपाठी का भव्य सम्मान

मुंबई। सामाजिक विकास संघ, मुंबई द्वारा दयानंद वैदिक विद्यालय मुलुंड पश्चिम में आयोजित कार्यक्रम में श्री सिद्धि विनायक मंदिर न्यास के कोषाध्यक्ष एवं मुंबई बीजेपी के नवनियुक्त महामंत्री आचार्य पवन त्रिपाठी का भव्य सम्मानकिया गया, जिसमें प्रमुख रूप से विधायक मिहिर कोटेजा, पूर्व सांसद मनोज कोटक, आर यू सिंह, सुरेश पाल , प्रदुम शुक्ला, श्रीकांत दुबे, संजय शर्मा ,मनीष तिवारी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संस्था के संस्थापक आर डी यादव ने संस्था के विषय पर विचार व्यक्त किया। संचालन विनोद दुबे एवं कन्हैया लाल शर्मा ने किया । संस्था के कार्यक्रम का विशेष सहयोग उत्तर भारतीय मोर्चा के महाराष्ट्र प्रदेश मंत्री विजय यू सिंह ने किया।

जल जीवन मिशन में तकनीकी अनियमितता का आरोप: DI Pipe की जगह O-PVC का उपयोग, एक साल से कार्रवाई ठप

रायपुर- जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज स्कीम में कथित तकनीकी अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने 23 अक्टूबर 2024 को पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक को एक विस्तृत शिकायत-पत्र भेजकर मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र रायपुर राजेश गुप्ता के खिलाफ D.I. Pipe की जगह O-PVC Pipe उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए अनियमितता की जांच करने तथा राजेश गुप्ता के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने की बात लिखी गई थी।

पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता रहे टीडी शांडिल्य ने भी विभागीय सचिव को 29 अप्रैल 2025 तथा 18 जुलाई 2025 को राजेश गुप्ता को निलंबित करने पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग एक साल बीतने के बाद भी विभाग स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि पत्र में उठाए गए बिंदु पूरी तरह तकनीकी और नीति-विरुद्ध बदलाव से जुड़े हुए हैं।

क्या है मामला?

डॉ.भूरे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज योजनाओं के DPR में Gravity Main लाइन के लिए DI K-7 Pipe को अनिवार्य रूप से अपनाया गया था। उच्च स्तरीय वित्तीय/तकनीकी स्वीकृति भी इसी पाइप के आधार पर दी गई थी।

लेकिन विभागीय स्तर पर बाद में 250 mm से नीचे Diameter वाले O-PVC Pipe को लेकर डिजाइन बनाया गया और फिर इसी आधार पर PAC की तकनीकी स्वीकृति देकर निविदा प्रक्रिया संचालित की गई।

पत्र में उठाए गए प्रमुख तकनीकी बिंदु

DPR में DI K-7 Pipe की ही स्वीकृति

Bulk Water Supply के लिए DI K-7 Pipe प्रस्तावित थी, जिसकी राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (SLSSC) से प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी।

यहां डिजाइन बदलकर O-PVC Pipe ले लिया गया। आरोप है कि मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता द्वारा अपने स्तर पर डिजाइन बदला गया और O-PVC Pipe को मंजूरी देते हुए PAC स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

DPR में प्रस्तावित सामग्री को बदलने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्य थी, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार यह स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।

SLSSC से पुनरीक्षित स्वीकृति भी नहीं ली गई। पत्र में साफ उल्लेख है कि O-PVC पाइप के उपयोग को लेकर SLSSC की संशोधित स्वीकृति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

डॉ. भूरे ने तकनीकी समिति से जांच की अनुशंसा की

पत्र में कहा गया है कि मामला पूरी तरह तकनीकी है, इसलिए जल जीवन मिशन की तकनीकी समिति के माध्यम से मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा। यह भी लिखा है कि उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट करते हैं कि विभागीय नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

O-PVC बनाम DI Pipe – तकनीकी और वित्तीय अंतर

DI (Ductile Iron) Pipe - अधिक मजबूत, टिकाऊ, जंग-प्रतिरोधी, लंबी अवधि की योजनाओं के लिए उपयुक्त,महंगी, लेकिन गुणवत्ता और सुरक्षा अधिक।

O-PVC Pipe - सस्ती, हल्की और आसान इंस्टॉलेशन,हाई-प्रेशर और Gravity Main जैसी लाइनों में मानकों के अनुसार कम उपयुक्त अधिक बार मरम्मत/रिसाव की संभावना।

विशेषज्ञों के अनुसार Bulk Water Supply में DI Pipe का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानकों में दर्ज है, जबकि O-PVC को बिना तकनीकी समिति की स्वीकृति के बदलना गंभीर प्रक्रिया उल्लंघन माना जाता है।

एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं? विभाग के भीतर चर्चाएँ तेज

यह पत्र 23 अक्टूबर 2024 को लिखा गया था। अब लगभग 12 महीने बाद भी न तो तकनीकी जांच कमेटी बनी, न मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया गया और न किसी प्रकार की निलंबन/जांच कार्रवाई हुई।विभाग के भीतर इस चुप्पी को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं विभागीय सचिव भी संदेह के दायरे में है।

सवाल उठता है कि क्या फाइल दबा दी गई? क्या जानबूझकर जांच नहीं की जा रही? या फिर यह मामला किसी बड़े ठेकेदार-इंजीनियर गठजोड़ से जुड़ा है?

ऐसे में जल जीवन मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली योजनाओं में इस प्रकार की तकनीकी अनियमितताओं का आरोप गंभीर है। पूर्व संचालक का पत्र स्वयं विभाग के उच्च अधिकारियों को संबोधित था, फिर भी एक वर्ष तक कार्रवाई का अभाव शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद बाद विभाग मंत्री उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करते है।

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, पीएम मोदी ने आपातकाल को किया याद

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संसद में शीतकालीन सत्र का आज छठा दिन है। आज संसद में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा हो रही है। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा की शुरूआत की। संसद में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आज़ादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।

सरदार पटेल से लेकर बिरसा मुंडा तक को किया याद

प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा, प्रेरणा दी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया, उस पर हम चर्चा करेंगे। हम सभी का यह सौभाग्य है। हमारे लिए गर्व की बात है कि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर के हम साक्षी बन रहे हैं। यह एक ऐसा कालखंड था, जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को सामने लेकर आता है। यह एक ऐसा कालखंड है, जब इतिहास के कई प्रेरक अध्याय हम सभी के सामने उजागर हुए हैं। अभी हमने संविधान के 75 वर्ष गौरवपूर्वक पूरे किए हैं। देश ने सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई है। अभी-अभी गुरु तेगबहादुर के बलिदान के 350 वर्ष भी पूरे हुए हैं।

पीएम मोदी ने आपातकाल का किया जिक्र

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम की 150 वर्ष की यह यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन वंदे मातरम के जब 50 वर्ष हुए, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। वंदे मातरम के 100 साल हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जब 100 का अत्यंत उत्तम पर्व था, तब भारत के संविधान का गला घोट दिया गया था।

एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हुआ-पीएम मोदी

प्रदानमंत्री ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वालों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। जिस वंदे मातरम ने देश की आजादी को ऊर्जा दी थी, उसके जब 100 साल पूरे हुए तो दुर्भाग्य से एक काला कालखंड हमारे देश में उजागर हो गया।

वंदे मातरम् का ऋण स्वीकार करने का अवसर है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 150 वर्ष उस महान अध्याय और उस गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर हैं। मेरा मानना है कि देश और सदन, दोनों को इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। यही वंदे मातरम् है, जिसने 1947 में देश को आजादी दिलाई। आज जब मैं वंदे मातरम् 150 निमित्त चर्चा आरंभ करने के लिए खड़ा हुआ हूं, यहां कोई पक्ष–प्रतिपक्ष नहीं है। क्योंकि हम सब जो यहां बैठे हैं, हमारे लिए यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है, वह ऋण, जिसे निभाते हुए लाखों लोगों ने वंदे मातरम् के मंत्र के साथ आजादी का आंदोलन चलाया, और उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं। इसलिए हम सभी सांसदों के लिए वंदे मातरम् का यह ऋण स्वीकार करने का अवसर है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में विपक्ष ने हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा, आजसू (AJSU) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायकों ने तख्तियाँ लेकर प्रदर्शन किया।

विरोध के मुख्य मुद्दे

विपक्ष ने मुख्यतः दो बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा:

छात्रवृत्ति बकाया: राज्य के छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति (Scholarship) की राशि नहीं मिलने पर सरकार से अतिशीघ्र भुगतान की मांग।

किसानों का वादा: किसानों से किए गए वादे के अनुसार धान खरीद का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3200 प्रति क्विंटल करने का दबाव।

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

नारेबाजी कर रहे विधायकों ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का सीधा आरोप लगाया और कहा कि किसान और छात्र दोनों ही इस सरकार से बेहद परेशान हैं।

नीरा यादव का हमला (BJP): भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीद का वादा किया गया था, जिसे सरकार भूल गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि कई महीनों से नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान हैं, मगर सरकार इनकी सुनने वाली नहीं है।

जनार्दन पासवान का बयान (LJP): लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि छात्रों के साथ-साथ किसान भी यहाँ परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर लगातार उठाता रहेगा।

सदन में अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष के तीखे तेवर के बीच आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर रखा गया। विपक्ष के तेवर से साफ जाहिर होता है कि सदन में इन जनहित के मुद्दों पर तीखी बहस और दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।

*एसआईआर भविष्य सुरक्षित करने वाला दस्तावेज-संजय राय*
*राष्ट्र की सुरक्षा व लोकतंत्र की मजबूती के लिए एसआईआर जरुरी-संजय राय*

*शिक्षक-स्नातक एमएलसी समेत यूपी चुनाव-2027 में मिलेगी बंपर जीत- संजय राय***********************

*प्रदेश महामंत्री ने बैठक कर SIR को लेकर की बिंदुवार समीक्षा*********** सुलतानपुर,विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के अन्तिम चरण को सफल बनाने के लिए रविवार को प्रदेश महामंत्री संजय राय ने भाजपा जिला कार्यालय पर जिला पदाधिकारी, मण्डल अध्यक्ष व अभियान से जुड़े हुए पदाधिकारियों की बैठक ली।भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने एसआईआर को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर सिलसिलेवार समीक्षा की। उन्होंने कहा हम सब 11 दिसम्बर तक सभी कार्य स्थगित कर अभियान में पूरी ऊर्जा व ताकत से जुटे। उन्होंने कहा एसआईआर केवल मतदाता सूची का काम नही है।यह आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उन्होंने कहा पार्टी का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे तथा बोगस मतदाताओं को सूची से बाहर किया जाए।उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा राष्ट्र की सुरक्षा व लोकतंत्र की मजबूती के लिए एसआईआर जरुरी है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा आगामी शिक्षक व स्नातक एमएलसी चुनाव समेत 2027 यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक बार फिर ऐतिहासिक व बंपर जीत मिलेगी।उन्होंने कहा 11 दिसम्बर के बाद जब ड्राफ्ट प्रकाशित होगा उसके बाद छूटे व 18 साल पूरा करने वाले मतदाताओं को जुड़वाने व बोगस मतदाताओं को सूची से बाहर करने का अभियान भी चलाना होगा।जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत व आभार व्यक्त करते हुए कहा बूथ विजय के लिए मतदाता सूची का शुद्धिकरण आवश्यक है। भाजपा मीडिया प्रमुख विजय सिंह रघुवंशी ने जानकारी दी कि आनन्द द्विवेदी के संचालन में आयोजित बैठक में प्रमुख रूप से नगर पालिकाध्यक्ष प्रवीन कुमार अग्रवाल, सहकारी बैंक अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप सिंह, जिला महामंत्री विजय त्रिपाठी,संदीप सिंह,डॉ प्रीति प्रकाश, विजय रघुवंशी, आलोक आर्या, विवेक सिंह, सुनील वर्मा,जगदीश चौरसिया,मनोज मौर्य, राजेश सिंह,राजित राम,अरूण जायसवाल, संजय सोमवंशी,चन्दन नारायन सिंह, डॉ रामजी गुप्ता, रेखा निषाद, सुमन राव कोरी,रामेन्द्र प्रताप सिंह,इन्द्रदेव मिश्रा, रीना जायसवाल, विजय लक्ष्मी शुक्ला, प्रदीप शर्मा, राहुल भान मिश्रा,राम अभिलाष सिंह, राजेश चतुर्वेदी रोहित यादव आदि मौजूद रहे।