अजमेर में वॉटरशेड महोत्सव आयोजित: पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर दिया समुदाय आधारित जल संरक्षण पर जोर

अजमेर, राजस्थान: राजस्थान सरकार ने शनिवार को अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में वॉटरशेड महोत्सव का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के जरिए जिले में हुए प्रगति का जश्न मनाने पर आधारित रहा। महोत्सव का मूल विचार यही था कि जल सुरक्षा तभी मजबूत होती है, जब इसे समुदाय खुद आगे बढ़कर लागू करे।

पाँच जिलों की टीमों ने अपने अनुभव साझा किए। पंचायत राज संस्थाओं, स्थानीय नेतृत्व और समुदाय समूहों के प्रतिनिधियों ने बताया कि जमीनी स्तर पर क्या बदलाव आया है और वॉटरशेड कार्यों से लोगों की जिंदगी में कैसे सुधार हुआ। कार्यक्रम में माननीय सांसद श्री भागीरथ चौधरी जी और विधायक वासुदेव देवनानी जी के साथ-साथ अजमेर के अन्य महत्वपूर्ण जिला अधिकारी शामिल रहे।

वॉटरशेड और मृदा संरक्षण विभाग के साझेदार के रूप में पिरामल फाउंडेशन ने कार्यक्रम का संचालन करने में अहम् भूमिका निभाई। समुदाय की भागीदारी से जल स्रोतों को फिर से जीवित करने के प्रयासों पर खास फोकस रहा, ताकि जल सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।

कार्यक्रम में पिरामल फाउंडेशन और ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन (एटीईसीएफ) द्वारा साथ मिलकर बनाई गई एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। इस फिल्म में बताया गया कि यदि तालाबों से गाद निकाल दी जाए, तो कैसे उनमें पानी जमा होने की क्षमता साफ तौर पर बढ़ जाती है। और यह काम मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के तहत कैसे किया जा सकता है। साथ ही यह भी समझाया गया कि इसके लिए फिफ्टींथ फाइनेंस कमीशन (एफएफसी) की राशि का उपयोग किस तरह होता है। फिल्म के जरिए लोगों के सामने एक ऐसा आसान और कम खर्च वाला मॉडल पेश किया गया, जो जन भागीदारी पर आधारित है और जिसमें समुदाय सिर्फ हिस्सा ही नहीं बने, बल्कि उसकी जिम्मेदारी भी खुद ले।

पिछले तीन वर्षों में ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन और उसके सहयोगी संगठनों ने राजस्थान के 12 जिलों में करीब 1,200 जलाशयों को पुनर्जीवित करने में मदद की। हाल के चरण में यह काम वित्त आयोग (एफएफसी) की मदद से और पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर और आगे बढ़ाया गया। इस पूरे काम का करीब 14 प्रतिशत हिस्सा नीति आयोग के आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स में हुआ। इससे लगभग 1,200 करोड़ लीटर अतिरिक्त पानी जमा करने की क्षमता बनी, जो 12 लाख से ज्यादा पानी के टैंकर्स के बराबर है। इस पहल से लगभग 1,800 गाँवों के करीब 18 लाख लोगों को फायदा पहुँचा।

डब्ल्यूआरआईएस के आँकड़ों के मुताबिक राजस्थान में करीब 82 हजार जलाशय हैं, जिनमें से लगभग 49 हजार को पुनर्जीवित किया जा सकता है। यदि जल निकायों के पुनरुद्धार (आरडब्ल्यूबी) को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के साथ बड़े स्तर पर जोड़ा जाए, तो करीब 26 हजार गाँवों में जल सुरक्षा मजबूत हो सकती है। इससे करीब 33,210 करोड़ लीटर पानी जमा करने की क्षमता बन सकती है, भूजल रिचार्ज बेहतर होगा और पानी के टैंकरों पर होने वाले खर्च में लगभग 9,963 करोड़ रुपये की बचत संभव है।

इस अवसर पर पिरामल फाउंडेशन की स्कूल ऑफ क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी की प्रमुख संगीता ममगैन ने कहा , "पिछले 17 वर्षों से पिरामल फाउंडेशन राजस्थान सरकार के साथ मिलकर स्कूल नेतृत्व, शिक्षकों की क्षमता और छात्रों की पढ़ाई के नतीजों को बेहतर बनाने पर काम करता रहा है। इसी अनुभव के आधार पर अब फाउंडेशन गांधी फेलोशिप मॉडल को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जोड़ रहा है। अजमेर में एमजेएसए के तहत वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण निदेशालय के साथ मिलकर जल स्रोतों के मशीन आधारित पुनर्जीवन में सहयोग किया गया, ताकि राजस्थान को जलवायु के लिहाज से ज्यादा मजबूत बनाया जा सके।"

इस मौके पर ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन की सीओओ अमृता कस्तूरी रंगन ने कहा , "राजस्थान पानी की अहमियत को अच्छी तरह समझता है। जब विभाग और फाउंडेशन एक साथ आते हैं, तो काम का असर कई गुना बढ़ जाता है। पिछले कुछ सालों में यह साफ दिखा है कि जब लोग, संस्थान और सिस्टम मिलकर काम करते हैं, तो जल स्रोतों का पुनर्जीवन तेजी से होता है। वॉटरशेड महोत्सव उसी साझी मेहनत को सराहने का एक मौका है। ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन आगे भी ऐसे ही काम करता रहेगा, जिनमें लोगों को केंद्र में रखा जाए, पर्यावरण की रक्षा हो और आने वाले समय के लिए जल सुरक्षा मजबूत बने।"

वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण विभाग, राजस्थान सरकार के निदेशक, आईएएस श्री मुहम्मद जुनैद पी. पी. ने कहा , "मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में जमीन पर बेहतर नतीजे मिले हैं, लेकिन आगे का सफर अभी लंबा है। सामाजिक संगठनों और सीएसआर साझेदारों के साथ मिलकर हम सबसे असरदार उपाय और नए प्रयोग पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि अगला चरण सही दिशा में आगे बढ़ सके। उनके अनुसार, मिलकर एक साफ कार्ययोजना तय करने से लंबे समय तक जुड़ाव बना रहेगा और राजस्थान के गाँवों को स्थायी लाभ मिल सकेगा।"

वॉटरशेड महोत्सव का उद्देश्य समाज के लोगों, सरकारी टीमों और साझेदार संगठनों को एक साथ लाना रहा। यहाँ जमीनी स्तर पर हो रहे उत्कृष्ट कार्यों को पहचानने, उनसे सीखने और जल सुरक्षित राजस्थान की ओर और तेजी से बढ़ने पर जोर दिया गया।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”

भारतीय राजनीति में उपनामों की परंपरा - डॉ अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

भारत हो या विश्व का कोई भी देश, राजनीति में राजनेताओं को दिए जाने वाले उपनाम केवल संबोधन के लिए नहीं होते, बल्कि जनता के मन में बसे उनके व्यक्तित्व, योगदान और छवि का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। आज़ादी के पहले या बाद में, यह परंपरा निरंतर चलती रही है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यह उपनाम उनके बच्चों के प्रति विशेष लगाव और उनकी कोमल, सहृदय छवि का प्रतीक बन गया। दूसरी ओर, देश को एकजुट करने वाले प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष कहा गया। यह उपनाम उनके कठोर इरादों और देश को सैकड़ों रियासतों से जोड़ने की अद्वितीय क्षमता का परिणाम था।

राजनीति में महिला नेतृत्व की पहचान भी उपनामों के माध्यम से ही मजबूत हुई है। भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके दृढ़ फैसलों और निर्णायक नेतृत्व के कारण आयरन लेडी कहा गया। वहीं तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता को जनता अम्मा के रूप में पूजती थी, क्योंकि उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों तक सीधे लाभ पहुंचाया का काम किया था। इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दीदी के नाम से जाना जाता है। यह उपनाम उनकी सादगी और संघर्षशील छवि को दर्शाता है।

बहुजन राजनीति में उपनामों का महत्व और भी अधिक दिखाई देता है। दलित आंदोलन के प्रमुख नेता जगजीवन राम को प्यार से बाबूजी कहा जाता था। उनकी संवेदनशीलता और सिद्धांतवादी राजनीति ने उन्हें देश के सबसे सम्मानित नेताओं में शामिल किया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को उनकी पार्टी और समर्थकों के बीच बहनजी के नाम से संबोधित किया जाता है, जो उन्हें एक संरक्षक और मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त डॉ. सोनेलाल पटेल के संदर्भ में दूसरी आज़ादी के महानायक जैसे उपनाम यह सिद्ध करते हैं कि क्षेत्रीय राजनीति में भी नेता केवल अपने संगठनात्मक कौशल से नहीं, बल्कि अपने वैचारिक संघर्षों से जनता में अमिट छाप छोड़ सकते हैं। सामाजिक न्याय को लेकर उनका संघर्ष उन्हें ऐसे नेताओं की श्रेणी में लाता है, जिन्हें लोग किसी विचारधारा की ताकत के रूप में याद करते हैं।

समाजवादी राजनीति में भी यह संस्कृति स्पष्ट रही है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को उनके अनुयायियों और कार्यकर्ताओं ने नेताजी का दर्जा दिया, क्योंकि वे साधारण कार्यकर्ता से बढ़कर एक बड़े जननेता के रूप में उभरे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोग बुलडोजर बाबा कहकर बुलाने लगे हैं, जहां यह उपनाम उनके जीरो-टॉलरेंस मॉडल और माफिया के खिलाफ कार्रवाई के कारण लोकप्रिय हुआ।

यह सभी उदाहरण बताते हैं कि भारत की राजनीतिक संस्कृति में उपनाम केवल संज्ञा नहीं, बल्कि एक प्रतीक होते हैं जो किसी नेता की विचारधारा, कार्यशैली और जनसंपर्क को समझाने का सरल तरीका समझे जा सकते हैं। यह उपनाम कभी जनता देती है, कभी मीडिया, और कई बार विरोधी दल भी व्यंग्यात्मक रूप से फेंकू या पप्पू जैसे नाम गढ़ते हैं जो बाद में लोकप्रिय हो जाते हैं।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का 79वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया

Sambhal जिला कांग्रेस कमेटी एवं शहर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में आज जिला कार्यालय, चंदौसी रोड सम्भल पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का 79वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे। सभी ने केक काटकर श्रीमती सोनिया गांधी जी की लंबी उम्र एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। इसके उपरांत कार्यकर्ताओं ने स्थानीय अस्पताल हसीना बेगम हॉस्पिटल पहुंचकर मरीजों में फल वितरित किए तथा सोनिया जी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष आरिफ तुर्की ने की तथा संचालन अमित कुमार उठवाल जी किया आरिफ तुर्की ने कहा कि।नारीशक्ति की प्रतीक चिन्ह श्रीमती सोनिया गांधी जी सेवा व समर्पण की प्रतिमूर्ति, सौहार्द व सद्भाव की पर्याय तथा ममता व त्याग की मूरत हैं।

उनका व्यक्तिगत एवं राजनैतिक जीवन हमेशा प्रेरणा का नवदीप जलाकर हम सभी को रास्ता दिखाता रहेगा।

ईश्वर उन्हें दीर्घायु,आरोग्य एवं यशस्वी जीवन प्रदान करें।

जन्मदिवस की बधाई एवं शुभकामनाओं सहित!

इस अवसर पर शहर अध्यक्ष शिव किशोर गौतम महिला जिला अध्यक्ष कल्पना सिंह नगर अध्यक्ष साहू संजीव कुमार डीके वाल्मीकि छिददा खा सलीम सैफी कोस्तुभ रस्तोगी दाऊद पाशा सफी सैफी अक्षय कुमार सिंह सलाउद्दीन सैफी रईस मसूदी जयप्रकाश सहगल बब्बू कलीम भाई यासीन अंसारी मोअज्जम हुसैन डॉ मरगूब अंजार मंसूरी फुरकान कुरैशी सरफराज नोमान हैदर राशिद हुसैन सैफी शिशु पाल निसार भूरा आदि मौजूद रहे।

परिषदीय विद्यालयों में अध्ययन कर रहे बच्चों एवं दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया

देवरिया M N पाण्डेय 9 दिसंबर। आज परिषदीय विद्यालयों में अध्ययन कर रहे बच्चों एवं दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया । प्रातः 10:00 बजे हरी झंडी दिखाकर मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव के द्वारा बच्चों को पुलिस लाइन से रवाना किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने बच्चों को स्नेक्स चॉकलेट आदि देकर बसों को रवाना किया। इसमें समस्त विकास खण्डों से 151 दिव्यांग श्रेणी के बच्चों के द्वारा प्रतिभाग किया गया l

इन बच्चों में 14 बच्चे पी एम श्री विद्यालय के शामिल रहे। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को बस के माध्यम से कुशीनगर के विभिन्न पर्यटक स्थलों का भ्रमण कराया गया जिसमें रामा भार स्तूप माथा कुंवर मंदिर मुख्य मंदिर थाईलैंड मंदिर और चीनी मंदिर का भ्रमण बच्चों के द्वारा किया गया। शैक्षिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए जिला समन्वयक ज्ञानेंद्र सिंह के द्वारा बताया गया कि बौद्ध धर्म से जुड़े होने के कारण कुशीनगर का महत्व ऐतिहासिक एवं धार्मिक है । सभी बच्चे भ्रमण में अपने शिक्षकों के साथ ज्ञान अर्जित किए। इस भ्रमण में शामिल बच्चे आलोक कुमार, कविता , रानी, नीतीश ,माझी श्रवण कुमार, मंगिया , शामिल हुए। बच्चों के साथ इनके विशेष शिक्षक विजय कुमार पांडेय ,संतोष पांडेय , ओमकार पांडेय , राजाराम दुबे के साथ बच्चे भ्रमण किया ।

देशही ब्लाक के ग्राम पंचायत हरैया बसन्तपुर मे खुलेआम हो रहा मनरेगा में घोटाला

देवरिया । M N पाण्डेय। देवरिया जिले के देशही ब्लाक के ग्राम पंचायत हरैया बसन्तपुर मे खुलेआम हो रहा मनरेगा मे घोटाला । दबंग व खुद को भा. ज. पा . नेता कहने वाले प्रधान के आगे प्रशासन भी हुआ मौन l

देसही देवरिया । एक तरफ प्रदेश सरकार मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार देने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ मनरेगा में भ्रष्टाचार काल के गाल में शमा रहा है। ताजा मामला विकास खंड देसही के अंतर्गत ग्राम पंचायत हरैयबसन्तपुर का है। इस ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत विकास कार्य कराया जा रहा जिसमें चकबंद का कार्य कराया जा रहा है इस कार्य में जितने भी मस्टरोल चल रहे है और जितने भी मजदूर कार्य कर रहे है उनके फोटो को देखकर ये नहीं लग रहा है कि ये मजदूर कार्य करने वाले है तथा एक ही फोटो को कई बार प्रयोग किया गया है। फोटो ग्राफ में नाम परिवर्तित कर प्रदर्शित किया गया है। इससे साफ भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है। आपको बताते चले कि इस ग्राम सभा में जो भी कार्य कराया जाता है धरातल पर कुछ भी देखने को नहीं मिलता है।

प्रदेश सरकार कुछ भी उपाय कर ले लेकिन ऐसे प्रधान व जिम्मेदार अधिकारी सरकार के सपनों पर पलीता लगाने में मशगूल हैं। उधर ग्रामीणों का कहना है कि हमारा ग्राम पंचायत ग्राम प्रधान के अनदेखी का शिकार हो रहा है जिससे ग्राम पंचायत विकास विहीन बनकर रह गया है।

जब इसके बारे में मुख्य विकास अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह विकास कार्यो में हो रहे घोटाले को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा और उक्त कार्य को शून्य करके कार्रवाई की जाएगी।

*भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने घुस लेते रोजगार सेवक को पकड़ा राजगढ़ थाने में दी तहरीर*

मीरजापुर। जिले के विकासखंड राजगढ़ क्षेत्र में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने आज रोजगार सेवक को दस हजार रुपए घूस लेते हुए पकड़ा। जानकारी के अनुसार मिर्जापुर सोनभद्र मार्ग पर स्थित एक ढाबे पर रोजगार सेवक के द्वारा पशु निर्माण शेड सामग्री के बिल वाउचर का एमआईएस लगाने के एवज रिश्वत मांगने का आरोप में टीम ने गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता उमेश पुत्र रामेश्वर ग्राम पंचायत अटारी थाना मड़िहान जनपद मिर्जापुर की शिकायत के बाद सामने आया उमेश ने 5 दिसंबर 2025 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन मिर्जापुर इकाई को शिकायत पत्र दिया उसने बताया कि रोजगार सेवक शिव शंकर ग्राम पंचायत कुंदरूप में मजदूरी और मिस्त्री की भुगतान कर चुके थे।लेकिन पशु शेड निर्माण सामग्री के लिए बिल वाउचर का एमआईएस करने के लिए दस हज़ाए रिश्वत मांग रहे थे शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच में आप सही पाए गए इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जाल बिछाया। और आज मिर्जापुर सोनभद्र स्थित ढाबे के पास आज शिकायतकर्ता की गाड़ी के अंदर आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने आरोपी रोजगार सेवक को अपने साथ राजगढ़ थाने ले गई। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है इस घटना से राजगढ़ ब्लॉक मुख्यालय मे हड़कंप मच गया है। की टीम के इकाई के निरिक्षक अशोक कुमार सिंह, अनिल कुमार चौरसिया, पतिराम यादव, दिग्विजय नाथ तिवारी, मुख्य आरक्षी पुनीत सिंह, मुकेश यादव, अमितेश सिंह, आरक्षी सूरज गुप्ता आलोक मिश्र सर्वेश तिवारी शामिल रहे।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह को लेकर डीएम ने की बैठक, 12 को होगा विवाह कार्यक्रम

फर्रूखाबाद l12 दिसंबर 2025 को आयोजित होने बाले मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह की तैयारियों की जिला अधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में कलेक्टर सभागार में समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान बैठक में जिलाधिलारी द्वारा निर्देशित किया गया कि सामूहिक विवाह की समस्त तैयारियां समय से पूर्ण कर ले, लगाये जाने बाले पंडाल की अग्निशमन विभाग, विद्युत सुरक्षा व लोक निर्माण विभाग से एन0ओ0सी0 प्राप्त कर ले, विवाह स्थल पर अग्निशमन विभाग को फायर टेंडर लगाने, नगर पालिका को साफ सफाई की व्यवस्था करने,पानी के टैंकर लगाने, व मोबाइल शौचालय लगाने के लिये निर्देशित किया गया मुख्य चिकित्सा अधिकारी को विवाह स्थल पर मेडिकल कैम्प लगाने व एम्बुलेंस लगाने के लिये निर्देशित किया गया, विद्युत विभाग को पंडाल की वायरिंग चेक करने व पी0डब्ल्यू0डी0 को मंच की स्ट्रैंथ चेक करने के निर्देश दिये गये, ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर को पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था करने, समाज कल्याण अधिकारी को फोटोग्राफी व ड्रोन की व्यवस्था करने, नाश्ते, खाने व समान वितरण के लिये पर्याप्त काउंटर लगाने के निर्देश दिये।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक ,जिला विकास अधिकारी, व संवंधित मौजूद रहे।

संभावित शीत लहर से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी

बलरामपुर।मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दिनों में जनपद में ठण्ड एवं घने कोहरे का प्रकोप बढ़ेगा। सर्दी और शीत लहर से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने ठण्ड से बचाव के लिए गाइड लाइन यानी ठण्ड से बचाव को लेकर क्या करें, क्या न करें के बारे में विस्तार से बताया है। 

 जिलाधिकारी जैन ने बताया कि ठण्ड से बचाव को लेकर जिले में 06 जगहों पर रैन बसेरे बनाये गये हैं जिसमें नगर क्षेत्र में दो जगहों पर तुलसीपुर रोड पर अम्बेडकर तिराहे के पास एवं रोडवेज बस स्टाप पर, नगर पंचायत तुलसीपुर में जलकल परिसर में, नगर पंचायत उतरौला में मोहल्ला सुभाष नगर निकट बस स्टैण्ड के पास, नगर पंचायत गैसड़ी में वार्ड 15 मझौली में तथा नगर पंचायत पचपेड़वा में जगगदीशपुर वार्ड नम्बर 05 में निराश्रितों, असहायों एवं राहगीरों के ठहरने के लिए रैन बसेरे संचालित हैं। उन्होंने बताया कि रैन बसेरे में कोई भी जरूरतमंद, निराश्रित, असहाय अथवा राहगीर निःशुल्क ठहर सकता है। सभी रैन बसेरों में शासन के निर्देशानुसार चारपाई, बिस्तर, रजाई-गद्दा, प्रकाश, पेयजल, शौचालय एवं अलाव सहित अन्य आवश्यक प्रबन्ध किये गए हैं। इसके अलावा प्रमुख स्थलों पर अलाव जलवाने का भी प्रबन्ध सुनिश्चित किया जा रहा है।

 जिलाधिकारी ने ठण्ड से बचाव के उपायों के बारे में बताते हुए कहा कि जनसामान्य लगातार समाचार पत्रों, रेडियो एवं टीवी के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें तथा जिला प्रशासन व राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाली एडवाजरी को प्राप्त कर जानकारी लेतेे रहें। उन्होंने बताया कि कान, नाक व गले को ढक कर रखें। कई परत वाले गर्म कपड़े पहनें। स्नान हेतु गरम पानी का प्रयोग करें। विशेष परिस्थितियों के लिए ईंधन बचाकर रखें। शरीर को गरम रखने हेतु पेय पदार्थों एएवं पौष्टिक आहार का सेवन करते रहें। शरीर के अंगों का सुन्न होना, हाथ पैर, कान पर सफेद या पीले रंग के दाग पड़ने पर तुरनत डाक्टर से सम्पर्क करें। कंप-कपी को नजर अंदाज न करें तुरन्त डाक्टर से सम्पर्क करें और सबसे जरूरी बात यह कि अपने पशुओं को रात में ढक कर रखें तथा उन्हें सड़कों पर न छोड़ें।

उन्होने बताया कि कमरे को गर्म रखने के लिए जलावन यानी लकड़ी का प्रयोग कतई न करें क्योंकि इससे कमरे में धुआं फैलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। कोयले की अंगीठी, हीटर या ब्लोअर आदि का प्रयोग यदि करते हैं तो सावधानी बरतें। कमरे की खिड़कियां खोल कर रखें ताकि अंगीठी से उत्पन्न जहरीले धुएं से आपको नुकसान न हो तथा कमरे में आक्सीजन की कमी भी न होने पावे। वाहन आदि धीमी गति से चलाएं तथा वाहनों पर रेफ्लेक्टर लगवा लें ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम रहे।

देवघर- उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा के द्वारा सभी योजनाओं की पंचायत वार गहन समीक्षा की गई।
देवघर: उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा द्वारा 09 दिसंबर 2024 को प्रखंड कार्यालय देवीपुर के सभागार मे पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता आदि के साथ पंचायतवार प्रधानमंत्री आवास योजना, अबुआ आवास योजना ,मनरेगा के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 के पूर्व की लंबित विभिन्न योजनाओं जैसे बिरसा सिंचाई संबर्धन कूप मिशन योजना, पोटो हो खेल योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, डोभा,टी.सी.बी आदि योजनाओं की पंचायतवार गहन समीक्षा की गयी एवं विभागीय निर्देश के आलोक में प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा विगत 5 साल कि सभी योजनाओं में अनिवार्य रूप से सूचनापट्ट लगाने का निर्देश दिया गया। साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर सभी योजनाओं में सूचनापट्ट लगवाना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त सभी पंचायत सेवक एवं रोजगार सेवक को पंचायत में संचिकाओं को उचित तरीके से संधारित करने एवं मनरेगा की सातअनिवार्य पंजीयों को एक सप्ताह में अद्यतन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही समीक्षा के क्रम मे लंबित आवास योजनाओं को एक सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। लाभुकों को स समय भुगतान करने एवम् आवास योजना का लगातार पर्यवेक्षण एवम् अनुश्रवण करने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकार, देवीपुर को दिया गया। इस समीक्षा बैठक मे प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, प्रखंड समन्वयक, प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर के साथ साथ डी आर डी ए,देवघर की निदेशक सागरी बराल, परियोजना पदाधिकारी प्रीति कुमारी, आदि उपस्थित थे।
अजमेर में वॉटरशेड महोत्सव आयोजित: पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर दिया समुदाय आधारित जल संरक्षण पर जोर

अजमेर, राजस्थान: राजस्थान सरकार ने शनिवार को अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में वॉटरशेड महोत्सव का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के जरिए जिले में हुए प्रगति का जश्न मनाने पर आधारित रहा। महोत्सव का मूल विचार यही था कि जल सुरक्षा तभी मजबूत होती है, जब इसे समुदाय खुद आगे बढ़कर लागू करे।

पाँच जिलों की टीमों ने अपने अनुभव साझा किए। पंचायत राज संस्थाओं, स्थानीय नेतृत्व और समुदाय समूहों के प्रतिनिधियों ने बताया कि जमीनी स्तर पर क्या बदलाव आया है और वॉटरशेड कार्यों से लोगों की जिंदगी में कैसे सुधार हुआ। कार्यक्रम में माननीय सांसद श्री भागीरथ चौधरी जी और विधायक वासुदेव देवनानी जी के साथ-साथ अजमेर के अन्य महत्वपूर्ण जिला अधिकारी शामिल रहे।

वॉटरशेड और मृदा संरक्षण विभाग के साझेदार के रूप में पिरामल फाउंडेशन ने कार्यक्रम का संचालन करने में अहम् भूमिका निभाई। समुदाय की भागीदारी से जल स्रोतों को फिर से जीवित करने के प्रयासों पर खास फोकस रहा, ताकि जल सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।

कार्यक्रम में पिरामल फाउंडेशन और ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन (एटीईसीएफ) द्वारा साथ मिलकर बनाई गई एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। इस फिल्म में बताया गया कि यदि तालाबों से गाद निकाल दी जाए, तो कैसे उनमें पानी जमा होने की क्षमता साफ तौर पर बढ़ जाती है। और यह काम मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के तहत कैसे किया जा सकता है। साथ ही यह भी समझाया गया कि इसके लिए फिफ्टींथ फाइनेंस कमीशन (एफएफसी) की राशि का उपयोग किस तरह होता है। फिल्म के जरिए लोगों के सामने एक ऐसा आसान और कम खर्च वाला मॉडल पेश किया गया, जो जन भागीदारी पर आधारित है और जिसमें समुदाय सिर्फ हिस्सा ही नहीं बने, बल्कि उसकी जिम्मेदारी भी खुद ले।

पिछले तीन वर्षों में ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन और उसके सहयोगी संगठनों ने राजस्थान के 12 जिलों में करीब 1,200 जलाशयों को पुनर्जीवित करने में मदद की। हाल के चरण में यह काम वित्त आयोग (एफएफसी) की मदद से और पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर और आगे बढ़ाया गया। इस पूरे काम का करीब 14 प्रतिशत हिस्सा नीति आयोग के आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स में हुआ। इससे लगभग 1,200 करोड़ लीटर अतिरिक्त पानी जमा करने की क्षमता बनी, जो 12 लाख से ज्यादा पानी के टैंकर्स के बराबर है। इस पहल से लगभग 1,800 गाँवों के करीब 18 लाख लोगों को फायदा पहुँचा।

डब्ल्यूआरआईएस के आँकड़ों के मुताबिक राजस्थान में करीब 82 हजार जलाशय हैं, जिनमें से लगभग 49 हजार को पुनर्जीवित किया जा सकता है। यदि जल निकायों के पुनरुद्धार (आरडब्ल्यूबी) को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के साथ बड़े स्तर पर जोड़ा जाए, तो करीब 26 हजार गाँवों में जल सुरक्षा मजबूत हो सकती है। इससे करीब 33,210 करोड़ लीटर पानी जमा करने की क्षमता बन सकती है, भूजल रिचार्ज बेहतर होगा और पानी के टैंकरों पर होने वाले खर्च में लगभग 9,963 करोड़ रुपये की बचत संभव है।

इस अवसर पर पिरामल फाउंडेशन की स्कूल ऑफ क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी की प्रमुख संगीता ममगैन ने कहा , "पिछले 17 वर्षों से पिरामल फाउंडेशन राजस्थान सरकार के साथ मिलकर स्कूल नेतृत्व, शिक्षकों की क्षमता और छात्रों की पढ़ाई के नतीजों को बेहतर बनाने पर काम करता रहा है। इसी अनुभव के आधार पर अब फाउंडेशन गांधी फेलोशिप मॉडल को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जोड़ रहा है। अजमेर में एमजेएसए के तहत वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण निदेशालय के साथ मिलकर जल स्रोतों के मशीन आधारित पुनर्जीवन में सहयोग किया गया, ताकि राजस्थान को जलवायु के लिहाज से ज्यादा मजबूत बनाया जा सके।"

इस मौके पर ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन की सीओओ अमृता कस्तूरी रंगन ने कहा , "राजस्थान पानी की अहमियत को अच्छी तरह समझता है। जब विभाग और फाउंडेशन एक साथ आते हैं, तो काम का असर कई गुना बढ़ जाता है। पिछले कुछ सालों में यह साफ दिखा है कि जब लोग, संस्थान और सिस्टम मिलकर काम करते हैं, तो जल स्रोतों का पुनर्जीवन तेजी से होता है। वॉटरशेड महोत्सव उसी साझी मेहनत को सराहने का एक मौका है। ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन आगे भी ऐसे ही काम करता रहेगा, जिनमें लोगों को केंद्र में रखा जाए, पर्यावरण की रक्षा हो और आने वाले समय के लिए जल सुरक्षा मजबूत बने।"

वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण विभाग, राजस्थान सरकार के निदेशक, आईएएस श्री मुहम्मद जुनैद पी. पी. ने कहा , "मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में जमीन पर बेहतर नतीजे मिले हैं, लेकिन आगे का सफर अभी लंबा है। सामाजिक संगठनों और सीएसआर साझेदारों के साथ मिलकर हम सबसे असरदार उपाय और नए प्रयोग पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि अगला चरण सही दिशा में आगे बढ़ सके। उनके अनुसार, मिलकर एक साफ कार्ययोजना तय करने से लंबे समय तक जुड़ाव बना रहेगा और राजस्थान के गाँवों को स्थायी लाभ मिल सकेगा।"

वॉटरशेड महोत्सव का उद्देश्य समाज के लोगों, सरकारी टीमों और साझेदार संगठनों को एक साथ लाना रहा। यहाँ जमीनी स्तर पर हो रहे उत्कृष्ट कार्यों को पहचानने, उनसे सीखने और जल सुरक्षित राजस्थान की ओर और तेजी से बढ़ने पर जोर दिया गया।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”

भारतीय राजनीति में उपनामों की परंपरा - डॉ अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

भारत हो या विश्व का कोई भी देश, राजनीति में राजनेताओं को दिए जाने वाले उपनाम केवल संबोधन के लिए नहीं होते, बल्कि जनता के मन में बसे उनके व्यक्तित्व, योगदान और छवि का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। आज़ादी के पहले या बाद में, यह परंपरा निरंतर चलती रही है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यह उपनाम उनके बच्चों के प्रति विशेष लगाव और उनकी कोमल, सहृदय छवि का प्रतीक बन गया। दूसरी ओर, देश को एकजुट करने वाले प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष कहा गया। यह उपनाम उनके कठोर इरादों और देश को सैकड़ों रियासतों से जोड़ने की अद्वितीय क्षमता का परिणाम था।

राजनीति में महिला नेतृत्व की पहचान भी उपनामों के माध्यम से ही मजबूत हुई है। भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके दृढ़ फैसलों और निर्णायक नेतृत्व के कारण आयरन लेडी कहा गया। वहीं तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता को जनता अम्मा के रूप में पूजती थी, क्योंकि उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों तक सीधे लाभ पहुंचाया का काम किया था। इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दीदी के नाम से जाना जाता है। यह उपनाम उनकी सादगी और संघर्षशील छवि को दर्शाता है।

बहुजन राजनीति में उपनामों का महत्व और भी अधिक दिखाई देता है। दलित आंदोलन के प्रमुख नेता जगजीवन राम को प्यार से बाबूजी कहा जाता था। उनकी संवेदनशीलता और सिद्धांतवादी राजनीति ने उन्हें देश के सबसे सम्मानित नेताओं में शामिल किया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को उनकी पार्टी और समर्थकों के बीच बहनजी के नाम से संबोधित किया जाता है, जो उन्हें एक संरक्षक और मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त डॉ. सोनेलाल पटेल के संदर्भ में दूसरी आज़ादी के महानायक जैसे उपनाम यह सिद्ध करते हैं कि क्षेत्रीय राजनीति में भी नेता केवल अपने संगठनात्मक कौशल से नहीं, बल्कि अपने वैचारिक संघर्षों से जनता में अमिट छाप छोड़ सकते हैं। सामाजिक न्याय को लेकर उनका संघर्ष उन्हें ऐसे नेताओं की श्रेणी में लाता है, जिन्हें लोग किसी विचारधारा की ताकत के रूप में याद करते हैं।

समाजवादी राजनीति में भी यह संस्कृति स्पष्ट रही है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को उनके अनुयायियों और कार्यकर्ताओं ने नेताजी का दर्जा दिया, क्योंकि वे साधारण कार्यकर्ता से बढ़कर एक बड़े जननेता के रूप में उभरे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोग बुलडोजर बाबा कहकर बुलाने लगे हैं, जहां यह उपनाम उनके जीरो-टॉलरेंस मॉडल और माफिया के खिलाफ कार्रवाई के कारण लोकप्रिय हुआ।

यह सभी उदाहरण बताते हैं कि भारत की राजनीतिक संस्कृति में उपनाम केवल संज्ञा नहीं, बल्कि एक प्रतीक होते हैं जो किसी नेता की विचारधारा, कार्यशैली और जनसंपर्क को समझाने का सरल तरीका समझे जा सकते हैं। यह उपनाम कभी जनता देती है, कभी मीडिया, और कई बार विरोधी दल भी व्यंग्यात्मक रूप से फेंकू या पप्पू जैसे नाम गढ़ते हैं जो बाद में लोकप्रिय हो जाते हैं।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का 79वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया

Sambhal जिला कांग्रेस कमेटी एवं शहर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में आज जिला कार्यालय, चंदौसी रोड सम्भल पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का 79वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे। सभी ने केक काटकर श्रीमती सोनिया गांधी जी की लंबी उम्र एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। इसके उपरांत कार्यकर्ताओं ने स्थानीय अस्पताल हसीना बेगम हॉस्पिटल पहुंचकर मरीजों में फल वितरित किए तथा सोनिया जी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष आरिफ तुर्की ने की तथा संचालन अमित कुमार उठवाल जी किया आरिफ तुर्की ने कहा कि।नारीशक्ति की प्रतीक चिन्ह श्रीमती सोनिया गांधी जी सेवा व समर्पण की प्रतिमूर्ति, सौहार्द व सद्भाव की पर्याय तथा ममता व त्याग की मूरत हैं।

उनका व्यक्तिगत एवं राजनैतिक जीवन हमेशा प्रेरणा का नवदीप जलाकर हम सभी को रास्ता दिखाता रहेगा।

ईश्वर उन्हें दीर्घायु,आरोग्य एवं यशस्वी जीवन प्रदान करें।

जन्मदिवस की बधाई एवं शुभकामनाओं सहित!

इस अवसर पर शहर अध्यक्ष शिव किशोर गौतम महिला जिला अध्यक्ष कल्पना सिंह नगर अध्यक्ष साहू संजीव कुमार डीके वाल्मीकि छिददा खा सलीम सैफी कोस्तुभ रस्तोगी दाऊद पाशा सफी सैफी अक्षय कुमार सिंह सलाउद्दीन सैफी रईस मसूदी जयप्रकाश सहगल बब्बू कलीम भाई यासीन अंसारी मोअज्जम हुसैन डॉ मरगूब अंजार मंसूरी फुरकान कुरैशी सरफराज नोमान हैदर राशिद हुसैन सैफी शिशु पाल निसार भूरा आदि मौजूद रहे।

परिषदीय विद्यालयों में अध्ययन कर रहे बच्चों एवं दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया

देवरिया M N पाण्डेय 9 दिसंबर। आज परिषदीय विद्यालयों में अध्ययन कर रहे बच्चों एवं दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया । प्रातः 10:00 बजे हरी झंडी दिखाकर मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव के द्वारा बच्चों को पुलिस लाइन से रवाना किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने बच्चों को स्नेक्स चॉकलेट आदि देकर बसों को रवाना किया। इसमें समस्त विकास खण्डों से 151 दिव्यांग श्रेणी के बच्चों के द्वारा प्रतिभाग किया गया l

इन बच्चों में 14 बच्चे पी एम श्री विद्यालय के शामिल रहे। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को बस के माध्यम से कुशीनगर के विभिन्न पर्यटक स्थलों का भ्रमण कराया गया जिसमें रामा भार स्तूप माथा कुंवर मंदिर मुख्य मंदिर थाईलैंड मंदिर और चीनी मंदिर का भ्रमण बच्चों के द्वारा किया गया। शैक्षिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए जिला समन्वयक ज्ञानेंद्र सिंह के द्वारा बताया गया कि बौद्ध धर्म से जुड़े होने के कारण कुशीनगर का महत्व ऐतिहासिक एवं धार्मिक है । सभी बच्चे भ्रमण में अपने शिक्षकों के साथ ज्ञान अर्जित किए। इस भ्रमण में शामिल बच्चे आलोक कुमार, कविता , रानी, नीतीश ,माझी श्रवण कुमार, मंगिया , शामिल हुए। बच्चों के साथ इनके विशेष शिक्षक विजय कुमार पांडेय ,संतोष पांडेय , ओमकार पांडेय , राजाराम दुबे के साथ बच्चे भ्रमण किया ।

देशही ब्लाक के ग्राम पंचायत हरैया बसन्तपुर मे खुलेआम हो रहा मनरेगा में घोटाला

देवरिया । M N पाण्डेय। देवरिया जिले के देशही ब्लाक के ग्राम पंचायत हरैया बसन्तपुर मे खुलेआम हो रहा मनरेगा मे घोटाला । दबंग व खुद को भा. ज. पा . नेता कहने वाले प्रधान के आगे प्रशासन भी हुआ मौन l

देसही देवरिया । एक तरफ प्रदेश सरकार मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार देने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ मनरेगा में भ्रष्टाचार काल के गाल में शमा रहा है। ताजा मामला विकास खंड देसही के अंतर्गत ग्राम पंचायत हरैयबसन्तपुर का है। इस ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत विकास कार्य कराया जा रहा जिसमें चकबंद का कार्य कराया जा रहा है इस कार्य में जितने भी मस्टरोल चल रहे है और जितने भी मजदूर कार्य कर रहे है उनके फोटो को देखकर ये नहीं लग रहा है कि ये मजदूर कार्य करने वाले है तथा एक ही फोटो को कई बार प्रयोग किया गया है। फोटो ग्राफ में नाम परिवर्तित कर प्रदर्शित किया गया है। इससे साफ भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है। आपको बताते चले कि इस ग्राम सभा में जो भी कार्य कराया जाता है धरातल पर कुछ भी देखने को नहीं मिलता है।

प्रदेश सरकार कुछ भी उपाय कर ले लेकिन ऐसे प्रधान व जिम्मेदार अधिकारी सरकार के सपनों पर पलीता लगाने में मशगूल हैं। उधर ग्रामीणों का कहना है कि हमारा ग्राम पंचायत ग्राम प्रधान के अनदेखी का शिकार हो रहा है जिससे ग्राम पंचायत विकास विहीन बनकर रह गया है।

जब इसके बारे में मुख्य विकास अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह विकास कार्यो में हो रहे घोटाले को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा और उक्त कार्य को शून्य करके कार्रवाई की जाएगी।

*भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने घुस लेते रोजगार सेवक को पकड़ा राजगढ़ थाने में दी तहरीर*

मीरजापुर। जिले के विकासखंड राजगढ़ क्षेत्र में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने आज रोजगार सेवक को दस हजार रुपए घूस लेते हुए पकड़ा। जानकारी के अनुसार मिर्जापुर सोनभद्र मार्ग पर स्थित एक ढाबे पर रोजगार सेवक के द्वारा पशु निर्माण शेड सामग्री के बिल वाउचर का एमआईएस लगाने के एवज रिश्वत मांगने का आरोप में टीम ने गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता उमेश पुत्र रामेश्वर ग्राम पंचायत अटारी थाना मड़िहान जनपद मिर्जापुर की शिकायत के बाद सामने आया उमेश ने 5 दिसंबर 2025 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन मिर्जापुर इकाई को शिकायत पत्र दिया उसने बताया कि रोजगार सेवक शिव शंकर ग्राम पंचायत कुंदरूप में मजदूरी और मिस्त्री की भुगतान कर चुके थे।लेकिन पशु शेड निर्माण सामग्री के लिए बिल वाउचर का एमआईएस करने के लिए दस हज़ाए रिश्वत मांग रहे थे शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच में आप सही पाए गए इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जाल बिछाया। और आज मिर्जापुर सोनभद्र स्थित ढाबे के पास आज शिकायतकर्ता की गाड़ी के अंदर आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने आरोपी रोजगार सेवक को अपने साथ राजगढ़ थाने ले गई। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है इस घटना से राजगढ़ ब्लॉक मुख्यालय मे हड़कंप मच गया है। की टीम के इकाई के निरिक्षक अशोक कुमार सिंह, अनिल कुमार चौरसिया, पतिराम यादव, दिग्विजय नाथ तिवारी, मुख्य आरक्षी पुनीत सिंह, मुकेश यादव, अमितेश सिंह, आरक्षी सूरज गुप्ता आलोक मिश्र सर्वेश तिवारी शामिल रहे।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह को लेकर डीएम ने की बैठक, 12 को होगा विवाह कार्यक्रम

फर्रूखाबाद l12 दिसंबर 2025 को आयोजित होने बाले मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह की तैयारियों की जिला अधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में कलेक्टर सभागार में समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान बैठक में जिलाधिलारी द्वारा निर्देशित किया गया कि सामूहिक विवाह की समस्त तैयारियां समय से पूर्ण कर ले, लगाये जाने बाले पंडाल की अग्निशमन विभाग, विद्युत सुरक्षा व लोक निर्माण विभाग से एन0ओ0सी0 प्राप्त कर ले, विवाह स्थल पर अग्निशमन विभाग को फायर टेंडर लगाने, नगर पालिका को साफ सफाई की व्यवस्था करने,पानी के टैंकर लगाने, व मोबाइल शौचालय लगाने के लिये निर्देशित किया गया मुख्य चिकित्सा अधिकारी को विवाह स्थल पर मेडिकल कैम्प लगाने व एम्बुलेंस लगाने के लिये निर्देशित किया गया, विद्युत विभाग को पंडाल की वायरिंग चेक करने व पी0डब्ल्यू0डी0 को मंच की स्ट्रैंथ चेक करने के निर्देश दिये गये, ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर को पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था करने, समाज कल्याण अधिकारी को फोटोग्राफी व ड्रोन की व्यवस्था करने, नाश्ते, खाने व समान वितरण के लिये पर्याप्त काउंटर लगाने के निर्देश दिये।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक ,जिला विकास अधिकारी, व संवंधित मौजूद रहे।

संभावित शीत लहर से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी

बलरामपुर।मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दिनों में जनपद में ठण्ड एवं घने कोहरे का प्रकोप बढ़ेगा। सर्दी और शीत लहर से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने ठण्ड से बचाव के लिए गाइड लाइन यानी ठण्ड से बचाव को लेकर क्या करें, क्या न करें के बारे में विस्तार से बताया है। 

 जिलाधिकारी जैन ने बताया कि ठण्ड से बचाव को लेकर जिले में 06 जगहों पर रैन बसेरे बनाये गये हैं जिसमें नगर क्षेत्र में दो जगहों पर तुलसीपुर रोड पर अम्बेडकर तिराहे के पास एवं रोडवेज बस स्टाप पर, नगर पंचायत तुलसीपुर में जलकल परिसर में, नगर पंचायत उतरौला में मोहल्ला सुभाष नगर निकट बस स्टैण्ड के पास, नगर पंचायत गैसड़ी में वार्ड 15 मझौली में तथा नगर पंचायत पचपेड़वा में जगगदीशपुर वार्ड नम्बर 05 में निराश्रितों, असहायों एवं राहगीरों के ठहरने के लिए रैन बसेरे संचालित हैं। उन्होंने बताया कि रैन बसेरे में कोई भी जरूरतमंद, निराश्रित, असहाय अथवा राहगीर निःशुल्क ठहर सकता है। सभी रैन बसेरों में शासन के निर्देशानुसार चारपाई, बिस्तर, रजाई-गद्दा, प्रकाश, पेयजल, शौचालय एवं अलाव सहित अन्य आवश्यक प्रबन्ध किये गए हैं। इसके अलावा प्रमुख स्थलों पर अलाव जलवाने का भी प्रबन्ध सुनिश्चित किया जा रहा है।

 जिलाधिकारी ने ठण्ड से बचाव के उपायों के बारे में बताते हुए कहा कि जनसामान्य लगातार समाचार पत्रों, रेडियो एवं टीवी के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें तथा जिला प्रशासन व राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाली एडवाजरी को प्राप्त कर जानकारी लेतेे रहें। उन्होंने बताया कि कान, नाक व गले को ढक कर रखें। कई परत वाले गर्म कपड़े पहनें। स्नान हेतु गरम पानी का प्रयोग करें। विशेष परिस्थितियों के लिए ईंधन बचाकर रखें। शरीर को गरम रखने हेतु पेय पदार्थों एएवं पौष्टिक आहार का सेवन करते रहें। शरीर के अंगों का सुन्न होना, हाथ पैर, कान पर सफेद या पीले रंग के दाग पड़ने पर तुरनत डाक्टर से सम्पर्क करें। कंप-कपी को नजर अंदाज न करें तुरन्त डाक्टर से सम्पर्क करें और सबसे जरूरी बात यह कि अपने पशुओं को रात में ढक कर रखें तथा उन्हें सड़कों पर न छोड़ें।

उन्होने बताया कि कमरे को गर्म रखने के लिए जलावन यानी लकड़ी का प्रयोग कतई न करें क्योंकि इससे कमरे में धुआं फैलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। कोयले की अंगीठी, हीटर या ब्लोअर आदि का प्रयोग यदि करते हैं तो सावधानी बरतें। कमरे की खिड़कियां खोल कर रखें ताकि अंगीठी से उत्पन्न जहरीले धुएं से आपको नुकसान न हो तथा कमरे में आक्सीजन की कमी भी न होने पावे। वाहन आदि धीमी गति से चलाएं तथा वाहनों पर रेफ्लेक्टर लगवा लें ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम रहे।

देवघर- उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा के द्वारा सभी योजनाओं की पंचायत वार गहन समीक्षा की गई।
देवघर: उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा द्वारा 09 दिसंबर 2024 को प्रखंड कार्यालय देवीपुर के सभागार मे पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता आदि के साथ पंचायतवार प्रधानमंत्री आवास योजना, अबुआ आवास योजना ,मनरेगा के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 के पूर्व की लंबित विभिन्न योजनाओं जैसे बिरसा सिंचाई संबर्धन कूप मिशन योजना, पोटो हो खेल योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, डोभा,टी.सी.बी आदि योजनाओं की पंचायतवार गहन समीक्षा की गयी एवं विभागीय निर्देश के आलोक में प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा विगत 5 साल कि सभी योजनाओं में अनिवार्य रूप से सूचनापट्ट लगाने का निर्देश दिया गया। साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर सभी योजनाओं में सूचनापट्ट लगवाना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त सभी पंचायत सेवक एवं रोजगार सेवक को पंचायत में संचिकाओं को उचित तरीके से संधारित करने एवं मनरेगा की सातअनिवार्य पंजीयों को एक सप्ताह में अद्यतन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही समीक्षा के क्रम मे लंबित आवास योजनाओं को एक सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। लाभुकों को स समय भुगतान करने एवम् आवास योजना का लगातार पर्यवेक्षण एवम् अनुश्रवण करने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकार, देवीपुर को दिया गया। इस समीक्षा बैठक मे प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, प्रखंड समन्वयक, प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर के साथ साथ डी आर डी ए,देवघर की निदेशक सागरी बराल, परियोजना पदाधिकारी प्रीति कुमारी, आदि उपस्थित थे।