मदर ऑफ ट्री के संदेशों से सजी गमला प्रतियोगिता, लाइफ साईंस विभाग रहा प्रथम तो दूसरे स्थान पर रहा शिक्षा विभाग

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इको क्लब के तत्वावधान में आयोजित गमला प्रतियोगिता में आपरेशन सिंधूर की दमक तो हरियाली की चमक ने सभी को चकाचौंध कर दिया। मदर ऑफ ट्री की जीवंतता दिखी तो भगवान बुद्ध का शांति संदेश जीवन के पथ पर चलने का संदेश दिया। भगवान गणेश की आस्था को विद्यार्थियों ने गमले पर उकेरा तो देवी की डोली शक्ति की आराधना का संदेश दे रही थी। सरगुजिहा लोक कला ने जहां सरगुजा के सौन्दर्य को दिखाया तो वहीं छत्तीसगढ़ की विरासत ने सभी का मन मोह लिया। आजादी का उत्सव से विकसित भारत का संदेश दिया तो सोशल मीडिया की चकाचौंध में जीवन की सचाई नजर आयी। वरली लोककला से जहां महाराष्ट्र की लोक कला परिलक्षित हुई तो वहीं महिला क्रिकेट विश्वकप विजेता टीम का सौन्दर्य सभी को आधी आबाजी के जीत का जश्न मनाता दिखा। बिरसा मुंडा का जयघोष आदिवासी समाज को एकजुट करता नजर आया तो मनुष्य के डीएनए का इतिहास मानवीय सभ्यता को प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों ने गमलों को आयल कलर, वॉटर कलर के साथ म्यूरल कलर को बेहतरीन संयोजन में प्रस्तुत किया।


निर्णायकों ने प्रस्तुति, विषय और संदेश के आधार पर लाइफ साईंस विभाग को प्रथम, शिक्षा विभाग को द्वितीय तथा कम्प्यूटर एंड आईटी तथा कला एवं समाज कार्य विभाग को तीसर स्थान प्रदान किया।

प्रतियोगिता के दौरान सजे गमलों को अवलोकन अतिथि इंदर भगत, प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, इको क्लब प्रभारी अरविन्द तिवारी, एनईपी प्रभारी डॉ. आर.एन शर्मा, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेष देवांगन ने किया।

अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

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अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

पीवीयूएनएल टाउनशिप स्कूल में एक सप्ताहीय ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ का सफल आयोजन

पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) द्वारा पीवीयूएनएल टाउनशिप स्कूल परिसर में एक सप्ताहीय ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ का सफल आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन श्री ए. के. सहगल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), PVUNL तथा श्रीमती रेनू सहगल, अध्यक्ष, स्वर्णरेखा महिला समिति द्वारा किया गया।

उद्घाटन अवसर पर श्री अनुपम मुखर्जी, सीजीएम (प्रोजेक्ट), श्री मनीष खेतरपाल, महाप्रबंधक (ओ एंड एम), श्री ज़ियाउर रहमान, एचओएचआर, सहित पीवीयूएनएल की सीएसआर टीम एवं एचआर टीम के सदस्य उपस्थित रहे।

यह कार्यशाला पीवीयूएनएल की सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहल के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसमें आसपास के गांवों से चयनित 26 बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एक सप्ताह तक चली इस कार्यशाला के दौरान बालिकाओं को कला एवं शिल्प, गणित एवं विज्ञान की बुनियादी समझ, भावनात्मक एवं शारीरिक विकास, आत्मरक्षा, तथा आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा ।

अपने संबोधन में श्री ए. के. सहगल, सीईओ, पीवीयूएनएल ने बालिकाओं के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बेटियाँ समाज की अनमोल धरोहर हैं। उन्होंने प्रतिभागी बालिकाओं को अपनी छिपी प्रतिभाओं को पहचानने, आत्मनिर्भर बनने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “ये बालिकाएं हमारे समाज की सच्ची GEM (जेम) हैं, जो भविष्य में समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।”

श्रीमती रेनू सहगल ने भी बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए ऐसे कार्यक्रमों को उनके आत्मबल और आत्मविश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

पीवीयूएनएल द्वारा आयोजित यह ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल है, जो शिक्षा के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

जमशेदपुर के करनडीह में ऐतिहासिक 'परसी महा' उत्सव: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंडित रघुनाथ मुर्मू को दी श्रद्धांजलि; जाहेरथान में की

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: जमशेदपुर का करनडीह आज संताली भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प का गवाह बना। अवसर था 22वें संताली "परसी महा" (भाषा दिवस) और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समारोह का। इस भव्य समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ सम्मिलित हुए।

पारंपरिक विधि-विधान से की पूजा-अर्चना

समारोह की शुरुआत में महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दिशोम जाहेर (करनडीह) पहुंचे। यहाँ उन्होंने जाहेरथान में पारंपरिक संताली रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य और देश की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।

गुरु गोमके को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नेताओं ने संताली भाषा की लिपि 'ओलचिकी' के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस शताब्दी वर्ष समारोह ने संताली समाज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया।

संताली भाषा और गौरव का दिन

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि संताली भाषा को संवैधानिक मान्यता (8वीं अनुसूची) मिलने और ओलचिकी लिपि के प्रसार की यात्रा का जश्न भी था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अपनी जड़ों और मातृभाषा के संरक्षण पर जोर दिया।

श्रीशंकर जी इण्टर कॉलेज पुष्पनगर के पूर्व छात्र एवं सन्तकबीर नगर के मेहदावल विधायक का गर्मजोशी से हुआ स्वागत
एस के यादव
मार्टीनगंज (आजमगढ़)  तहसील क्षेत्रांतर्गत पुष्पनगर स्थित श्री शंकर जी इंटर कालेज के पूर्व छात्र व निषाद पार्टी के मेंहदावल संतकबीरनगर विधायक अनिल त्रिपाठी के विधायक बनने के बाद कालेज में प्रथम आगमन पर उनका विद्यालय प्रबंध समिति तथा क्षेत्रीय जनों द्वारा करतल ध्वनि के बीच उन्हें बुके देकर व माल्यार्पण कर व अंगवस्त्रम देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया तत्पश्चात विधायक ने अपने कराम्बुज से कालेज के संस्थापक स्व0बाबूलाल साहू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कुछ ही क्षणों में कालेज के जीव विज्ञान प्रयोगशाला का फीता काटकर अवलोकन किया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर समक्ष दीप प्रज्जवलित किया कार्यक्रम में उपस्थित समस्त आगंतुकों पूर्व शिक्षकों वर्तमान शिक्षकों , पूर्व छात्रों वर्तमान छात्रों को विधायक ने अपने हाथों माल्यार्पण कर सभी को अंगवस्त्रम ,नववर्ष की डायरी भेंट कर लोगों का दिल जीत लिया। कालेज के मेधावी छात्रों के लिए आयोजित सम्मान समारोह का शुभारम्भ किया और बोर्ड परीक्षा 2025में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को विधायक ने स्मृति चिन्ह,मेडल, प्रशस्ति पत्र व नकद धनराशि देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर कालेज के प्रबंधक घनश्याम जायसवाल, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ उमादत्त मिश्र, कृष्ण नाथ मिश्र, प्रधानाचार्य भगौती प्रसाद गुप्ता,डा 0अशोक गुप्त, अच्छेलाल यादव,विनय कुमार शुक्ल,नसीम अहमद, डा फहीम अहमद खान ,जमशेद अहमद, रविन्द्र नाथ यादव, प्रमोद कुमार चतुर्वेदी,संतोष कुमार यादव,दुर्गेश कुमार अस्थाना, वीरेन्द्र विश्वकर्मा, हरनारायण बर्नवाल भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ लालगंज,संजय सिंह,भानुप्रताप सिंह, सत्यनारायण बरनवाल, सुशील जायसवाल, इमरान अहमद,मोहन स्वरूप सहित विद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे।
नलकूप कनेक्शन के नाम नगरा पावर हाउस पर 25 हजार की अवैध वसूली, एक साल बाद भी नहीं मिला कनेक्शन
संजीव सिंह बलिया।नगरा पावर हाउस में नलकूप कनेक्शन देने के नाम पर घूसखोरी और उपभोक्ता के शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित नगरा निवासी शिवकुमार यादव पुत्र शिवचंद यादव ने आरोप लगाया है कि वह 15 दिसंबर 2024 को अपनी माता उमरावती देवी के नाम से नलकूप का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए नगरा पावर हाउस गए थे। पीड़ित के अनुसार, पावर हाउस में तैनात लाइन मैन अजय गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजितेश यादव ने नलकूप कनेक्शन के लिए 25,000 रुपये की मांग की। जबकि विभागीय नियमों के अनुसार नलकूप कनेक्शन का शुल्क लगभग 6,000 रुपये ही है। मजबूरी में पीड़ित ने दोनों कर्मचारियों को 25,000 रुपये दे दिए। आरोप है कि इतनी बड़ी रकम देने के बावजूद आज तक, लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी नलकूप का कनेक्शन नहीं दिया गया। इस दौरान पीड़ित को बार-बार झूठे आश्वासन देकर गुमराह किया गया और मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान किया जाता रहा। कनेक्शन न मिलने से खेती-किसानी पर भी बुरा असर पड़ा है। पीड़ित शिवकुमार यादव ने इसे विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया गया खुला भ्रष्टाचार और उपभोक्ता शोषण बताया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच कर लाइन मैन अजय गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजितेश यादव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही ली गई अवैध रकम वापस दिलाने की भी मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते ऐसे मामलों पर कार्रवाई नहीं की गई तो आम उपभोक्ताओं का विभाग से विश्वास उठ जाएगा। अब देखना यह है कि बिजली विभाग के उच्च अधिकारी इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाते हैं।
*शीतलहर से राहत हेतु जिला प्रशासन अलर्ट, 14 विभागों के दायित्व तय*

शीतलहर से निपटने को जिला प्रशासन सतर्क, 14 विभागों की जिम्मेदारियां तय

ठंड के प्रकोप के बीच गोण्डा प्रशासन अलर्ट, राहत कार्यों के लिए SOP लागू

शीतलहर राहत अभियान तेज, रैन बसेरे से लेकर चिकित्सा सेवाओं तक सख्त निर्देश

जनहित सर्वोपरि: शीतलहर से सुरक्षा हेतु सभी विभागों को समयबद्ध कार्रवाई के आदेश

गोण्डा 29 दिसम्बर 2025 — जनपद में लगातार बढ़ती ठंड, शीतलहर एवं कोहरे के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। आमजन, विशेषकर जरूरतमंद, असहाय, वृद्ध, बच्चों एवं पशुओं को शीतलहर से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करते हुए सभी संबंधित विभागों के कार्य एवं दायित्व निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि ठंड के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा का सामना न करना पड़े और राहत कार्य समयबद्ध ढंग से संचालित हों।

जारी आदेश के अनुसार पुलिस विभाग को रात्रि गश्त सघन करने, खुले में सो रहे व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाने तथा अलाव स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। विकास एवं पंचायत राज विभाग को ग्राम पंचायत स्तर पर शीतलहर से प्रभावित संवेदनशील व्यक्तियों की सूची तैयार करने, पंचायत व सामुदायिक भवनों को अस्थायी रैन बसेरों के रूप में उपयोग करने, अलाव हेतु लकड़ी व ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण स्तर पर जन-जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चिकित्सा विभाग को शीतजनित रोगों से निपटने के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, 24×7 एम्बुलेंस सेवा, वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की विशेष निगरानी तथा कंट्रोल रूम की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पशुपालन विभाग को पशुओं को ठंड से बचाने, पशु अस्पतालों में दवाओं व टीकों की उपलब्धता तथा गौशालाओं में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

स्थानीय निकायों को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, जल निकासी, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, रैन बसेरों का संचालन, अलाव व्यवस्था एवं व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग को खाद्यान्न की सुचारु आपूर्ति, ईंधन की उपलब्धता तथा वितरण केंद्रों पर अलाव व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग को प्रमुख मार्गों, संपर्क सड़कों एवं पुलों की सतत निगरानी, आवश्यकता पड़ने पर त्वरित मरम्मत, संकेतक बोर्ड लगाने तथा मार्ग परिवर्तन की स्थिति में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत विभाग को संभावित फॉल्ट वाले क्षेत्रों की पहचान, ट्रांसफार्मरों की जांच तथा विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में शीघ्र सुधार सुनिश्चित करने को कहा गया है।

शिक्षा, परिवहन, कृषि, सूचना एवं राजस्व/आपदा प्रबंधन विभाग को भी अपने-अपने क्षेत्रों में ठंड से बचाव हेतु निर्धारित दायित्वों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की है कि शीतलहर से राहत संबंधी कार्यों में आपसी समन्वय बनाए रखते हुए शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनहित सर्वोपरि रहेगा।

*गीता गोष्ठी समीक्षा बैठक में आगामी समारोह पर हुई चर्चा*

गोण्डा। मालवीय नगर के रामलीला मैदान स्थित रामेश्वरम शिव मंदिर में गीता गोष्ठी में पिछले पखवारे सम्पन्न रजत जयंती समारोह की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया ।

गीता श्लोक पर नियमित चर्चा के उपरांत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गीता रजत जयंती समारोह के संयोजक इं. सुरेश दूबे ने कहा कि गीता गोष्ठी की नियमित साप्ताहिक गोष्ठी एवं वर्ष में दिसम्बर माह में एक बार गीता जयंती समारोह का आयोजन चलता रहा है। उन्होंने पिछले 14 दिसम्बर को सम्पन्न हुए रजत जयंती समारोह के सफल आयोजन के लिए गोष्ठी के सभी सदस्यों को बधाई दी और आगामी वर्ष गीता समारोह और भी भव्य व आकर्षक रूप से आयोजित करने के लिए गीता प्रेमियों को समारोह का दायित्व संभालने का आह्वान किया। चर्चा में उपस्थित उत्तम शुक्ल एवं पवन जायसवाल ने समारोह आयोजन के लिए सक्रिय कमेटी का गठन एवं नगर के अध्यात्म प्रेमियों को गोष्ठी से जोडने का सुझाव दिया। बैठक में उपस्थित अन्य सदस्यों ने आगामी बैठक में गोष्ठी से जुड़े सभी सदस्यों की उपस्थिति में समारोह के आयोजन पर विचार करने पर बल दिया।

इस मौके पर उत्तम शुक्ल, अनिल सिंह, धीरेन्द्र प्रताप पाण्डेय, रमेश दूबे, अशोक जायसवाल, अनिल सिंह , दिनेश तिवारी , श्याम अनुज द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

वन माफिया बेलगाम: कर्नलगंज में सागौन के सौ से अधिक प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान, जिम्मेदार बने तमाशबीन

कर्नलगंज (गोंडा)।

जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और कथित मिलीभगत के चलते वन माफिया बेखौफ होकर सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। हरियाली की रक्षा और अवैध कटान रोकने की जिम्मेदारी जिन विभागों पर है, वही आंखें मूंदे बैठे हैं। ताजा मामला जनपद गोंडा के कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पारा के मजरा तिवारी पुरवा का है, जहां खुलेआम सागौन के अनगिनत कीमती और संरक्षित पेड़ों को काट दिया गया, जबकि जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने रहे।

गांव के सामने स्थित सागौन के एक बाग में वर्षों से सौ से अधिक पेड़ लगे थे। वन माफियाओं की नजर इस बाग पर पड़ी और बाग स्वामी से सांठगांठ कर लाखों रुपये में सौदा तय कर लिया गया। सोमवार की भोर करीब चार बजे अत्याधुनिक मशीनों के साथ माफिया मौके पर पहुंचे और पेड़ों पर आरा चलाना शुरू कर दिया।

एक ओर मशीनों से सागौन के पेड़ों को काटकर बोटों में तब्दील किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर मजदूर उन्हें तेजी से ट्रॉली में लोड कर रहे थे। कुछ ही समय में सागौन के बोटों से भरी ट्रॉली मौके से रवाना हो गई, मानो पूरी कार्रवाई पहले से तय और सुरक्षित हो।

सूचना मिलने पर हमारे संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर घटना को कैमरे में कैद किया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि पुलिस और वन विभाग के अधिकारी आने वाले नहीं हैं, इसलिए उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। यह बयान अपने आप में व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है और यह दर्शाता है कि माफियाओं को कानून का कोई भय नहीं रह गया है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पहले भी इस तरह की अवैध कटान होती रही है, लेकिन कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतों के बाद केवल आश्वासन ही मिले। नतीजतन, हरियाली तेजी से उजड़ रही है और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। सागौन जैसे बहुमूल्य और संरक्षित वृक्षों की कटान न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से भी सीधा खिलवाड़ है।

मामले में उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा, वन विभाग के एसडीओ सुदर्शन और प्रभारी निरीक्षक कर्नलगंज नरेंद्र प्रताप राय का कहना है कि सागौन के बाग की कटान की उन्हें कोई सूचना नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ऐसा मामला सामने आया है तो जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि जांच वास्तव में होती है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाता है।

महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को यूपी राज्य अभिलेखागार में प्रशिक्षण

लखनऊ। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार, लखनऊ में 26 दिसंबर से 09 जनवरी 2026 तक शोध गतिविधियों से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को अभिलेखीय शोध की विभिन्न विधाओं से परिचित कराया जा रहा है। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस, 29 दिसंबर को विद्यार्थियों को राज्य अभिलेखागार स्थित शोध कक्ष में अभिलेखों की खोज एवं संदर्भ (सर्च केस) से संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन एवं शोध प्रक्रिया की व्यावहारिक समझ प्रदान करना है, जिससे वे अपने अकादमिक और शोध कार्यों में अभिलेखीय स्रोतों का प्रभावी उपयोग कर सकें।
मदर ऑफ ट्री के संदेशों से सजी गमला प्रतियोगिता, लाइफ साईंस विभाग रहा प्रथम तो दूसरे स्थान पर रहा शिक्षा विभाग

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इको क्लब के तत्वावधान में आयोजित गमला प्रतियोगिता में आपरेशन सिंधूर की दमक तो हरियाली की चमक ने सभी को चकाचौंध कर दिया। मदर ऑफ ट्री की जीवंतता दिखी तो भगवान बुद्ध का शांति संदेश जीवन के पथ पर चलने का संदेश दिया। भगवान गणेश की आस्था को विद्यार्थियों ने गमले पर उकेरा तो देवी की डोली शक्ति की आराधना का संदेश दे रही थी। सरगुजिहा लोक कला ने जहां सरगुजा के सौन्दर्य को दिखाया तो वहीं छत्तीसगढ़ की विरासत ने सभी का मन मोह लिया। आजादी का उत्सव से विकसित भारत का संदेश दिया तो सोशल मीडिया की चकाचौंध में जीवन की सचाई नजर आयी। वरली लोककला से जहां महाराष्ट्र की लोक कला परिलक्षित हुई तो वहीं महिला क्रिकेट विश्वकप विजेता टीम का सौन्दर्य सभी को आधी आबाजी के जीत का जश्न मनाता दिखा। बिरसा मुंडा का जयघोष आदिवासी समाज को एकजुट करता नजर आया तो मनुष्य के डीएनए का इतिहास मानवीय सभ्यता को प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों ने गमलों को आयल कलर, वॉटर कलर के साथ म्यूरल कलर को बेहतरीन संयोजन में प्रस्तुत किया।


निर्णायकों ने प्रस्तुति, विषय और संदेश के आधार पर लाइफ साईंस विभाग को प्रथम, शिक्षा विभाग को द्वितीय तथा कम्प्यूटर एंड आईटी तथा कला एवं समाज कार्य विभाग को तीसर स्थान प्रदान किया।

प्रतियोगिता के दौरान सजे गमलों को अवलोकन अतिथि इंदर भगत, प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, इको क्लब प्रभारी अरविन्द तिवारी, एनईपी प्रभारी डॉ. आर.एन शर्मा, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैलेष देवांगन ने किया।

अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

#supremecourthasstayedorderinthearavallicase

अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

पीवीयूएनएल टाउनशिप स्कूल में एक सप्ताहीय ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ का सफल आयोजन

पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) द्वारा पीवीयूएनएल टाउनशिप स्कूल परिसर में एक सप्ताहीय ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ का सफल आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन श्री ए. के. सहगल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), PVUNL तथा श्रीमती रेनू सहगल, अध्यक्ष, स्वर्णरेखा महिला समिति द्वारा किया गया।

उद्घाटन अवसर पर श्री अनुपम मुखर्जी, सीजीएम (प्रोजेक्ट), श्री मनीष खेतरपाल, महाप्रबंधक (ओ एंड एम), श्री ज़ियाउर रहमान, एचओएचआर, सहित पीवीयूएनएल की सीएसआर टीम एवं एचआर टीम के सदस्य उपस्थित रहे।

यह कार्यशाला पीवीयूएनएल की सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहल के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसमें आसपास के गांवों से चयनित 26 बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एक सप्ताह तक चली इस कार्यशाला के दौरान बालिकाओं को कला एवं शिल्प, गणित एवं विज्ञान की बुनियादी समझ, भावनात्मक एवं शारीरिक विकास, आत्मरक्षा, तथा आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा ।

अपने संबोधन में श्री ए. के. सहगल, सीईओ, पीवीयूएनएल ने बालिकाओं के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बेटियाँ समाज की अनमोल धरोहर हैं। उन्होंने प्रतिभागी बालिकाओं को अपनी छिपी प्रतिभाओं को पहचानने, आत्मनिर्भर बनने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “ये बालिकाएं हमारे समाज की सच्ची GEM (जेम) हैं, जो भविष्य में समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।”

श्रीमती रेनू सहगल ने भी बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए ऐसे कार्यक्रमों को उनके आत्मबल और आत्मविश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

पीवीयूएनएल द्वारा आयोजित यह ‘जेम विंटर वर्कशॉप’ बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल है, जो शिक्षा के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

जमशेदपुर के करनडीह में ऐतिहासिक 'परसी महा' उत्सव: राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पंडित रघुनाथ मुर्मू को दी श्रद्धांजलि; जाहेरथान में की

जमशेदपुर/करनडीह | 29 दिसंबर 2025: जमशेदपुर का करनडीह आज संताली भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण के संकल्प का गवाह बना। अवसर था 22वें संताली "परसी महा" (भाषा दिवस) और ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समारोह का। इस भव्य समारोह में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एक साथ सम्मिलित हुए।

पारंपरिक विधि-विधान से की पूजा-अर्चना

समारोह की शुरुआत में महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दिशोम जाहेर (करनडीह) पहुंचे। यहाँ उन्होंने जाहेरथान में पारंपरिक संताली रीति-रिवाजों और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य और देश की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।

गुरु गोमके को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

नेताओं ने संताली भाषा की लिपि 'ओलचिकी' के आविष्कारक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस शताब्दी वर्ष समारोह ने संताली समाज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया।

संताली भाषा और गौरव का दिन

यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि संताली भाषा को संवैधानिक मान्यता (8वीं अनुसूची) मिलने और ओलचिकी लिपि के प्रसार की यात्रा का जश्न भी था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अपनी जड़ों और मातृभाषा के संरक्षण पर जोर दिया।

श्रीशंकर जी इण्टर कॉलेज पुष्पनगर के पूर्व छात्र एवं सन्तकबीर नगर के मेहदावल विधायक का गर्मजोशी से हुआ स्वागत
एस के यादव
मार्टीनगंज (आजमगढ़)  तहसील क्षेत्रांतर्गत पुष्पनगर स्थित श्री शंकर जी इंटर कालेज के पूर्व छात्र व निषाद पार्टी के मेंहदावल संतकबीरनगर विधायक अनिल त्रिपाठी के विधायक बनने के बाद कालेज में प्रथम आगमन पर उनका विद्यालय प्रबंध समिति तथा क्षेत्रीय जनों द्वारा करतल ध्वनि के बीच उन्हें बुके देकर व माल्यार्पण कर व अंगवस्त्रम देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया तत्पश्चात विधायक ने अपने कराम्बुज से कालेज के संस्थापक स्व0बाबूलाल साहू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कुछ ही क्षणों में कालेज के जीव विज्ञान प्रयोगशाला का फीता काटकर अवलोकन किया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर समक्ष दीप प्रज्जवलित किया कार्यक्रम में उपस्थित समस्त आगंतुकों पूर्व शिक्षकों वर्तमान शिक्षकों , पूर्व छात्रों वर्तमान छात्रों को विधायक ने अपने हाथों माल्यार्पण कर सभी को अंगवस्त्रम ,नववर्ष की डायरी भेंट कर लोगों का दिल जीत लिया। कालेज के मेधावी छात्रों के लिए आयोजित सम्मान समारोह का शुभारम्भ किया और बोर्ड परीक्षा 2025में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को विधायक ने स्मृति चिन्ह,मेडल, प्रशस्ति पत्र व नकद धनराशि देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर कालेज के प्रबंधक घनश्याम जायसवाल, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ उमादत्त मिश्र, कृष्ण नाथ मिश्र, प्रधानाचार्य भगौती प्रसाद गुप्ता,डा 0अशोक गुप्त, अच्छेलाल यादव,विनय कुमार शुक्ल,नसीम अहमद, डा फहीम अहमद खान ,जमशेद अहमद, रविन्द्र नाथ यादव, प्रमोद कुमार चतुर्वेदी,संतोष कुमार यादव,दुर्गेश कुमार अस्थाना, वीरेन्द्र विश्वकर्मा, हरनारायण बर्नवाल भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ लालगंज,संजय सिंह,भानुप्रताप सिंह, सत्यनारायण बरनवाल, सुशील जायसवाल, इमरान अहमद,मोहन स्वरूप सहित विद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे।
नलकूप कनेक्शन के नाम नगरा पावर हाउस पर 25 हजार की अवैध वसूली, एक साल बाद भी नहीं मिला कनेक्शन
संजीव सिंह बलिया।नगरा पावर हाउस में नलकूप कनेक्शन देने के नाम पर घूसखोरी और उपभोक्ता के शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित नगरा निवासी शिवकुमार यादव पुत्र शिवचंद यादव ने आरोप लगाया है कि वह 15 दिसंबर 2024 को अपनी माता उमरावती देवी के नाम से नलकूप का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए नगरा पावर हाउस गए थे। पीड़ित के अनुसार, पावर हाउस में तैनात लाइन मैन अजय गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजितेश यादव ने नलकूप कनेक्शन के लिए 25,000 रुपये की मांग की। जबकि विभागीय नियमों के अनुसार नलकूप कनेक्शन का शुल्क लगभग 6,000 रुपये ही है। मजबूरी में पीड़ित ने दोनों कर्मचारियों को 25,000 रुपये दे दिए। आरोप है कि इतनी बड़ी रकम देने के बावजूद आज तक, लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी नलकूप का कनेक्शन नहीं दिया गया। इस दौरान पीड़ित को बार-बार झूठे आश्वासन देकर गुमराह किया गया और मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान किया जाता रहा। कनेक्शन न मिलने से खेती-किसानी पर भी बुरा असर पड़ा है। पीड़ित शिवकुमार यादव ने इसे विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया गया खुला भ्रष्टाचार और उपभोक्ता शोषण बताया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच कर लाइन मैन अजय गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजितेश यादव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही ली गई अवैध रकम वापस दिलाने की भी मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते ऐसे मामलों पर कार्रवाई नहीं की गई तो आम उपभोक्ताओं का विभाग से विश्वास उठ जाएगा। अब देखना यह है कि बिजली विभाग के उच्च अधिकारी इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाते हैं।
*शीतलहर से राहत हेतु जिला प्रशासन अलर्ट, 14 विभागों के दायित्व तय*

शीतलहर से निपटने को जिला प्रशासन सतर्क, 14 विभागों की जिम्मेदारियां तय

ठंड के प्रकोप के बीच गोण्डा प्रशासन अलर्ट, राहत कार्यों के लिए SOP लागू

शीतलहर राहत अभियान तेज, रैन बसेरे से लेकर चिकित्सा सेवाओं तक सख्त निर्देश

जनहित सर्वोपरि: शीतलहर से सुरक्षा हेतु सभी विभागों को समयबद्ध कार्रवाई के आदेश

गोण्डा 29 दिसम्बर 2025 — जनपद में लगातार बढ़ती ठंड, शीतलहर एवं कोहरे के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। आमजन, विशेषकर जरूरतमंद, असहाय, वृद्ध, बच्चों एवं पशुओं को शीतलहर से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करते हुए सभी संबंधित विभागों के कार्य एवं दायित्व निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि ठंड के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा का सामना न करना पड़े और राहत कार्य समयबद्ध ढंग से संचालित हों।

जारी आदेश के अनुसार पुलिस विभाग को रात्रि गश्त सघन करने, खुले में सो रहे व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाने तथा अलाव स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। विकास एवं पंचायत राज विभाग को ग्राम पंचायत स्तर पर शीतलहर से प्रभावित संवेदनशील व्यक्तियों की सूची तैयार करने, पंचायत व सामुदायिक भवनों को अस्थायी रैन बसेरों के रूप में उपयोग करने, अलाव हेतु लकड़ी व ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण स्तर पर जन-जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चिकित्सा विभाग को शीतजनित रोगों से निपटने के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, 24×7 एम्बुलेंस सेवा, वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की विशेष निगरानी तथा कंट्रोल रूम की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पशुपालन विभाग को पशुओं को ठंड से बचाने, पशु अस्पतालों में दवाओं व टीकों की उपलब्धता तथा गौशालाओं में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

स्थानीय निकायों को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, जल निकासी, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, रैन बसेरों का संचालन, अलाव व्यवस्था एवं व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग को खाद्यान्न की सुचारु आपूर्ति, ईंधन की उपलब्धता तथा वितरण केंद्रों पर अलाव व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग को प्रमुख मार्गों, संपर्क सड़कों एवं पुलों की सतत निगरानी, आवश्यकता पड़ने पर त्वरित मरम्मत, संकेतक बोर्ड लगाने तथा मार्ग परिवर्तन की स्थिति में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत विभाग को संभावित फॉल्ट वाले क्षेत्रों की पहचान, ट्रांसफार्मरों की जांच तथा विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में शीघ्र सुधार सुनिश्चित करने को कहा गया है।

शिक्षा, परिवहन, कृषि, सूचना एवं राजस्व/आपदा प्रबंधन विभाग को भी अपने-अपने क्षेत्रों में ठंड से बचाव हेतु निर्धारित दायित्वों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की है कि शीतलहर से राहत संबंधी कार्यों में आपसी समन्वय बनाए रखते हुए शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनहित सर्वोपरि रहेगा।

*गीता गोष्ठी समीक्षा बैठक में आगामी समारोह पर हुई चर्चा*

गोण्डा। मालवीय नगर के रामलीला मैदान स्थित रामेश्वरम शिव मंदिर में गीता गोष्ठी में पिछले पखवारे सम्पन्न रजत जयंती समारोह की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया ।

गीता श्लोक पर नियमित चर्चा के उपरांत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गीता रजत जयंती समारोह के संयोजक इं. सुरेश दूबे ने कहा कि गीता गोष्ठी की नियमित साप्ताहिक गोष्ठी एवं वर्ष में दिसम्बर माह में एक बार गीता जयंती समारोह का आयोजन चलता रहा है। उन्होंने पिछले 14 दिसम्बर को सम्पन्न हुए रजत जयंती समारोह के सफल आयोजन के लिए गोष्ठी के सभी सदस्यों को बधाई दी और आगामी वर्ष गीता समारोह और भी भव्य व आकर्षक रूप से आयोजित करने के लिए गीता प्रेमियों को समारोह का दायित्व संभालने का आह्वान किया। चर्चा में उपस्थित उत्तम शुक्ल एवं पवन जायसवाल ने समारोह आयोजन के लिए सक्रिय कमेटी का गठन एवं नगर के अध्यात्म प्रेमियों को गोष्ठी से जोडने का सुझाव दिया। बैठक में उपस्थित अन्य सदस्यों ने आगामी बैठक में गोष्ठी से जुड़े सभी सदस्यों की उपस्थिति में समारोह के आयोजन पर विचार करने पर बल दिया।

इस मौके पर उत्तम शुक्ल, अनिल सिंह, धीरेन्द्र प्रताप पाण्डेय, रमेश दूबे, अशोक जायसवाल, अनिल सिंह , दिनेश तिवारी , श्याम अनुज द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

वन माफिया बेलगाम: कर्नलगंज में सागौन के सौ से अधिक प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान, जिम्मेदार बने तमाशबीन

कर्नलगंज (गोंडा)।

जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और कथित मिलीभगत के चलते वन माफिया बेखौफ होकर सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। हरियाली की रक्षा और अवैध कटान रोकने की जिम्मेदारी जिन विभागों पर है, वही आंखें मूंदे बैठे हैं। ताजा मामला जनपद गोंडा के कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पारा के मजरा तिवारी पुरवा का है, जहां खुलेआम सागौन के अनगिनत कीमती और संरक्षित पेड़ों को काट दिया गया, जबकि जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने रहे।

गांव के सामने स्थित सागौन के एक बाग में वर्षों से सौ से अधिक पेड़ लगे थे। वन माफियाओं की नजर इस बाग पर पड़ी और बाग स्वामी से सांठगांठ कर लाखों रुपये में सौदा तय कर लिया गया। सोमवार की भोर करीब चार बजे अत्याधुनिक मशीनों के साथ माफिया मौके पर पहुंचे और पेड़ों पर आरा चलाना शुरू कर दिया।

एक ओर मशीनों से सागौन के पेड़ों को काटकर बोटों में तब्दील किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर मजदूर उन्हें तेजी से ट्रॉली में लोड कर रहे थे। कुछ ही समय में सागौन के बोटों से भरी ट्रॉली मौके से रवाना हो गई, मानो पूरी कार्रवाई पहले से तय और सुरक्षित हो।

सूचना मिलने पर हमारे संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर घटना को कैमरे में कैद किया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि पुलिस और वन विभाग के अधिकारी आने वाले नहीं हैं, इसलिए उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। यह बयान अपने आप में व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है और यह दर्शाता है कि माफियाओं को कानून का कोई भय नहीं रह गया है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पहले भी इस तरह की अवैध कटान होती रही है, लेकिन कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतों के बाद केवल आश्वासन ही मिले। नतीजतन, हरियाली तेजी से उजड़ रही है और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। सागौन जैसे बहुमूल्य और संरक्षित वृक्षों की कटान न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से भी सीधा खिलवाड़ है।

मामले में उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा, वन विभाग के एसडीओ सुदर्शन और प्रभारी निरीक्षक कर्नलगंज नरेंद्र प्रताप राय का कहना है कि सागौन के बाग की कटान की उन्हें कोई सूचना नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ऐसा मामला सामने आया है तो जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि जांच वास्तव में होती है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाता है।

महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को यूपी राज्य अभिलेखागार में प्रशिक्षण

लखनऊ। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार, लखनऊ में 26 दिसंबर से 09 जनवरी 2026 तक शोध गतिविधियों से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को अभिलेखीय शोध की विभिन्न विधाओं से परिचित कराया जा रहा है। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस, 29 दिसंबर को विद्यार्थियों को राज्य अभिलेखागार स्थित शोध कक्ष में अभिलेखों की खोज एवं संदर्भ (सर्च केस) से संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन एवं शोध प्रक्रिया की व्यावहारिक समझ प्रदान करना है, जिससे वे अपने अकादमिक और शोध कार्यों में अभिलेखीय स्रोतों का प्रभावी उपयोग कर सकें।