सीखने में तीन महीने का समय लग सकता
भाषा वैज्ञानिकों की मानें तो इसे अच्छी तरह सीखने में तीन महीने का समय लग सकता है, लेकिन राज्य सरकार ने प्रशिक्षण के लिए तीन दिन का समय ही निर्धारित किया है। यह सिखाने वालों के अलावा सीखने वालों के लिए भी बड़ी चुनौती होगी।बता दें कि पुरानी कैथी लिपि में खतियान होने से इसे पढ़ पाना कठिन हो रहा था। ऐतिहासिक ब्राह्मी लिपि कैथी को कायथी या कायस्थी भी कहा जाता है। इसका उपयोग 600 ईसवी से शुरू होने का अनुमान है।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। अगले माह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। विश्वविद्यालय मुख्यालय से लेकर कॉलेजों तक छात्र संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है। पांच वर्ष बाद होने वाले चुनाव को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों समेत कॉलेजों में सदस्यता अभियान चलाना शुरू कर दिया है।
कॉलेजों से लेकर विश्वविद्यालय मुख्यालय तक धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है। छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, मिथिला स्टूडेंट यूनियन, आईसा, एनएसयूआई, एआईएसएप, एसएपआई, छात्र राजद, छात्र जदयू, छात्र युवा शक्ति की और से सदस्यता अभियान चलाकर छात्र-नौजवानों को जोड़ा जा रहा है।
संगठनों के विचारधाराओं से छात्रों को अवगत कराया जा रहा है। इसके साथ ही छात्र-छत्राएं भी अपने प्रतिनिधियों को चुनने को लेकर काफी उत्साहित हैं। कॉलेजों से लेकर विश्वविद्यालय तक समस्याओं की अंबार लगी है। अब इसे उठाने वाले छात्र प्रतिनिधियों की सक्रियता बढ़ने लगी है। छात्र संगठनों की ओर से मोबाइल और वाट्सएप नंबर जारी कर समस्याओं के निदान की गारंटी दी जा रही है।
2019 में हुआ था अंतिम चुनाव
मिथिला विश्वविद्यालय में 2019 के दिसंबर माह में छात्र संघ के प्रथम चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ था। इसमें चार जिला के कुल 38 अंगीभूत कॉलेजों व चार संकायों में छात्र-छात्राओं ने अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए वोट डाले थे। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर व बेगूसराय को मिलाकर कुल 13.29 प्रतिशत मतदान हुए थे। प्रथम चरण में ऑफिस बियरर व काउंसिल मेंबर के 414 पदों के लिए करीब 1074 प्रत्याशी मैदान में थे।
अभाविप समर्थित उम्मीदवारों ने सभी सीटों दर्ज की थी जीत
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 में लगातार तीसरी बार छात्र संघ चुनाव में अभाविप समर्थित उम्मीदवारों ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। अध्यक्ष पद पर एपीएसएम कालेज, बरौनी के आलोक कुमार, उपाध्यक्ष पद पर वीएसजे कॉलेज, राजनगर के ध्रुव कुमार, महासचिव पद पर एमआरएम कॉलेज, दरभंगा की प्रीति कुमारी, संयुक्त सचिव पद पर आरबी कॉलेज, दलसिंहसराय के अमत्र्य कुमार व कोषाध्यक्ष पद पर बीआरबी कॉलेज, समस्तीपुर के नीतीश कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी।
इस तरह अभाविप ने पांच संगठनों के प्रगतिशील गठबंधन, तीन संगठनों के वाम-जनवादी गठबंधन और मिथिला स्टूडेंट यूनियन को शिकस्त दी थी। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष के पदों पर वाम-जनवादी गठबंधन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था।
दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

बता दें कि पुरानी कैथी लिपि में खतियान होने से इसे पढ़ पाना कठिन हो रहा था। ऐतिहासिक ब्राह्मी लिपि कैथी को कायथी या कायस्थी भी कहा जाता है। इसका उपयोग 600 ईसवी से शुरू होने का अनुमान है।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि गांव तक बिजली पोल पहुंचाने के लिए 750 मीटर की दूरी तय करनी होगी। एसडीओ ने विभागीय अभियंता को चंपाकरिया महादलित टोला में जल्द विद्युत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
दरभंगा में भी हर तरह से खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। उक्त बातें दरभंगा के सांसद डॉ.गोपाल जी ठाकुर ने अपने आवासीय कार्यालय में बास्केट बॉल की जिला टीम के सदस्यों को भेंट के दौरान कही है।
टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए गुरुवार 19 सितंबर को दरभंगा क्लब में ओपन ट्रायल आयोजित किया गया। ट्रायल में विभिन्न स्कूल के विद्यार्थी ने अपने खेल के जज्बे को दिखाने और राज्यस्तरीय खेल प्रतियोगिता में चयन होने के लिए अपना पूरा दम लगा दिया।
बता दें कि दरभंगा से एक मजबूत टीम प्रतियोगिता में अपने जिला का नाम रौशन करने के लिए तैयार है। टीम चयन के लिए ट्रायल के अवसर पर जिला टेबल टेनिस संघ अध्यक्ष डॉ सविता मिश्रा, अध्यक्ष बलराम टेकरीवाल, कोषाध्यक्ष मनीष कुमार, जिला खेल संघ के सचिव जितेंद्र सिंह, मनीष कोहली, संजीव कुमार, सुजीत और अन्य लोग उपस्थित थे।
शहर समेत दूसरे जिले और प्रदेश में रोजी-रोटी को लेकर रह रहे लोग काम-धंधा छोड़ कर गांव लौट आए हैं। उन्हें पुश्तैनी जमीन को बचाने की चिंता सताने लगी है। दिनभर लोग कागजात की तलाश में हुए हैं। उपलब्ध कागजात को व्यवस्थित करने में लगे हैं।
दरभंगा जिला के बिरौल थाना क्षेत्र के ऊछटी पंचायत के कलना मूसहरी टोला के पास दिन के करीब 11:30 बजे सड़क हादसे में अपने बच्चों को बचाने के क्रम में एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बस को घेर लिया। घायल महिला को लोगों की ही मदद से बिरौल सीएससी ले जाया गया।
दरभंगा के सभी 18 प्रखंड के 1234 गांवों में विशेष भू-सर्वेक्षण काम शुरू हो चुका है। लेकिन जमीन सर्वे में कैथी लिपि में लिए गए दस्तावेज के जानकार लोग ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
बिहार भूमि सर्वे में लगे अधिकतर कर्मचारियों को कैथी लिपि का ज्ञान नहीं है। इलाके में इस लिपि के जानकार भी कम हैं। ऐसे में जमीन के दस्तावेज में लिखे गए तथ्यों की जानकारी पाना एक बड़ी समस्या बन गई है। वैसे तो जिले में कैथी लिपि के जानकार 100 से अधिक बताए जाते हैं। लेकिन निबंधित कैथी लिपि के जानकार दरभंगा कोर्ट में 1 ही हैं।
दस्तावेज के अनुवाद को लेकर भटक रहे हैं लोग
छात्रा के शव का पोस्टमॉर्टम सोमवार को कराया गया है। पीड़ित परिवार ने थाने में वॉर्डन के खिलाफ लिखित शिकायत की है। परिवार के अनुसार, वॉर्डन ने 1000 रुपए की चोरी का आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी है।
संध्या की मां समता कुमारी कहती हैं कि 'मैडम ने मुझे पहले फोन किया और पूछा कि आपने अपनी बेटी को ₹1000 दिया है? मैंने कहा कि कोई पैसा नहीं दिया है। मैंने अपनी बेटी से बात करवाने के लिए कहा। मैं हेलो-हेलो करती रही, लेकिन मैडम ने फोन काट दिया। जब दोबारा फोन किया तो मैडम ने नहीं उठाया।
तीसरी बार फोन किया तो मैडम ने कहा कि मैं बाजार में हूं। कुछ देर बाद मैडम ने कॉल किया और बताया संध्या बेहोश हो गई है। आप लोग जल्दी अस्पताल आ जाइए।'
अब यह रिपोर्ट मरीज के दिखाने के पांचवें दिन मिलती है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। पहले दिन के ओपीडी में डॉक्टर से दिखवाते हैं। पांचवें दिन जांच रिपोर्ट मिलती। इसके फिर डॉक्टर से दिखाते हैं। इससे मरीजों को कई बार अस्पताल आना पड़ता है। उपाधीक्षक डॉ हरेंद्र कुमार ने इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ओपीडी के मरीजों का सैंपल लेने के दूसरे दिन रिपोर्ट देनी है। अब पांचवें दिन रिपोर्ट दी जा रही है।
Sep 21 2024, 21:02
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