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राजधानी 'गैस चैंबर' में तब्दील, जहरीली हवा में सांस ले रहे लोगों ने मदद की गुहार लगाई

#delhiturnedintoagaschamberpeoplestrugglingto_breathe

गुरुवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के कई शहरों में जहरीली धुंध की घनी परत छा गई, जिससे विमान परिचालन और ट्रेन शेड्यूल बाधित हो गए। कई निवासियों ने खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की है, जबकि अस्पतालों में वायु प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की रिपोर्ट करने वाले रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

गुरुवार को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर ऐप के अनुसार, गुरुवार को सुबह 11 बजे तक पटपड़गंज में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 470 ('गंभीर प्लस') था। आनंद विहार में वायु प्रदूषण निगरानी स्टेशन ने 470 वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया। अशोक विहार में यह 469 दर्ज किया गया, जबकि आईटीओ में यह 417 और रोहिणी में 451 दर्ज किया गया।

निवासियों का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण उनकी दैनिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। हमें सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली छात्र ने सहयोग की कमी के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराया। अगर प्रदूषण का नियंत्रित इस्तेमाल हो और सीएनजी आधारित वाहन ज्यादा हों तो समस्या का समाधान हो सकता है। हालांकि, लोगों की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है I

मेदांता अस्पताल के चेस्ट ऑन्को सर्जरी और लंग ट्रांसप्लांटेशन के डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है। सरकार की कथित उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए डॉक्टर ने कहा, “साल दर साल यही कहानी है।” “जब आप उस तरह की हवा में सांस लेते हैं, तो आपका गला घुट जाता है उनके क्लीनिकों में बच्चों की बाढ़ आ गई है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। किसी भी घर में जाओ, बच्चे खांस रहे हैं, बड़े भी खांस रहे हैं,” डॉ. कुमार ने ANI से कहा।

दिल्ली वायु प्रदूषण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल

दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर दिल्ली में सड़क की धूल या कचरे के प्रबंधन के तरीके नहीं खोजने का आरोप लगाया। “यह सरकार केवल इवेंट मैनेजमेंट में लगी हुई है। क्या उन्होंने पिछले 10 वर्षों में दिल्ली के लिए कोई पर्यावरण योजना बनाई है? इस मौसम में पीएम 2.5 सबसे बड़ा कारण है, और यह धूल के कारण होता है। दिल्ली की सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि 3100 टन सीएनजी कचरा बिना उपचार के छोड़ा जा रहा है। उनके पास इसे उपचारित करने का कोई माध्यम नहीं है,” भाजपा नेता ने मास्क पहने हुए एएनआई को बताया।

कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने दिल्ली के लोगों को परेशानी देने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और आप के बीच झगड़े को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस नेता ने दावा किया, "जब दिल्ली में आप की सरकार आई थी, तो वे कहते थे कि अगर पंजाब में आप की सरकार बनी तो वे पराली जलाने की समस्या का समाधान करेंगे। आप सरकार सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। वे कोई काम नहीं कर रहे हैं। जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तो हरियाली ज्यादा थी, ज्यादा सीएनजी बसें चल रही थीं, कुल मिलाकर, दिल्ली में कांग्रेस सरकार के दौरान इतना प्रदूषण नहीं था।" उन्होंने बताया कि उन्हें बाहर घूमते समय भी खांसी आ रही थी।

दिल्ली में घुटने लगा दमः इन 10 इलाकों में AQI 400 के पार, अभी नहीं सुधरेंगे हालात

#delhincraqi450temperature_drop

देश का राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर दमघोटू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर धुंध की चादर में ढंक गई है। धुंध और कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हुई है। मौसम की ऐसी हालत की वजह हिमालय क्षेत्र में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है। जिसकी वजह से हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ चलने लगी है, लिहाजा अब तक पाकिस्तानी साइड के ऊपर जमा प्रदूषण दिल्ली की तरफ आ गया है। ऐसे में दिल्ली समेत पूरे एनसीआर की हवा की हालत दमघोटू सी हो गई है।

बुधवार को नई दिल्ली का AQI इस मौसम में पहली बार गंभीर स्तर पर पहुंच गई। राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 418 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरूवार को भी दिल्ली में सुबह धुंध की परत छाई रही और वहीं साथ ही वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। कोहरे और स्मॉग की वजह से दृश्यता कम रही। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण राजधानी में धुंध की चादर छाई हुई है। सीरीफोर्ट इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के मुताबिक 'गंभीर' श्रेणी में रखा गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 472 दर्ज हुआ है।

इन 10 इलाकों की हवा में सांस लेना मुश्किल

-आनंद विहार-------460

-जहांगीरपुरी--------445

-अशोक विहार------441

-सोनिया विहार------436

-आया नगर--------434

-नॉर्थ कैंपस--------431

-आईजीआई एयरपोर्ट---430

-आईटीओ----------429

-नजफगढ़----------426

-रोहिणी-----------429

स्कूलों को बंद करने की मांग

दिल्ली-एनसीआर के आसमान में प्रदूषण का स्तर आज बेहद खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। सुबह के समय सबसे ज्यादा पॉल्यूशन देखने को मिला। प्रदूषण से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह-सुबह स्मॉग के चलते विजिबिलिटी भी बहुत कम है। एक्यूआई के बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, वहीं बढ़ते प्रदूषण पर स्कूलों को बंद करने की मांग तेज हो गई है ।

घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट*

प्रदूषण के बीच मैसम विभाग ने एक और समस्‍या को लेकर आगाह किया है। आईएमडी ने घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब यह है कि गाड़ी चलाने वालों को संभलकर और सावधानी के साथ वाहन चलाना होगा, क्‍योंकि विजिबिलिटी के काफी होने के आसार हैं। आईएमडी ने दिल्‍ली के मौसम को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि गुरुवार 14 नवंबर 2024 को दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट तक जारी किया गया है। ऐसे में विजिबिलिटी के कम रहने के पूरे आसार हैं। इससे ट्रैफिक व्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, लिहाजा आमलोगों को वाहन चलाते समय अतिरिक्‍त सावधानी बरतने की भी सलाह दी गई है। घने कोहरे की वजह से एयर के साथ ही ट्रेन सर्विसेज के प्रभावित होने की भी आशंका है। बता दें कि बुधवार को भी सुबह घना कोहरा छाया रहा।

दिल्ली में घुटने लगा दमः इन 10 इलाकों में AQI 400 के पार, अभी नहीं सुधरेंगे हालात*
#delhi_ncr_aqi_450_temperature_drop
देश का राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर दमघोटू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर धुंध की चादर में ढंक गई है। धुंध और कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हुई है। मौसम की ऐसी हालत की वजह हिमालय क्षेत्र में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है। जिसकी वजह से हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ चलने लगी है, लिहाजा अब तक पाकिस्तानी साइड के ऊपर जमा प्रदूषण दिल्ली की तरफ आ गया है। ऐसे में दिल्ली समेत पूरे एनसीआर की हवा की हालत दमघोटू सी हो गई है। बुधवार को नई दिल्ली का AQI इस मौसम में पहली बार गंभीर स्तर पर पहुंच गई। राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 418 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरूवार को भी दिल्ली में सुबह धुंध की परत छाई रही और वहीं साथ ही वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। कोहरे और स्मॉग की वजह से दृश्यता कम रही। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण राजधानी में धुंध की चादर छाई हुई है। सीरीफोर्ट इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के मुताबिक 'गंभीर' श्रेणी में रखा गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 472 दर्ज हुआ है। *इन 10 इलाकों की हवा में सांस लेना मुश्किल* -आनंद विहार-------460 -जहांगीरपुरी--------445 -अशोक विहार------441 -सोनिया विहार------436 -आया नगर--------434 -नॉर्थ कैंपस--------431 -आईजीआई एयरपोर्ट---430 -आईटीओ----------429 -नजफगढ़----------426 -रोहिणी-----------429 स्कूलों को बंद करने की मांग* दिल्ली-एनसीआर के आसमान में प्रदूषण का स्तर आज बेहद खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। सुबह के समय सबसे ज्यादा पॉल्यूशन देखने को मिला। प्रदूषण से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह-सुबह स्मॉग के चलते विजिबिलिटी भी बहुत कम है। एक्यूआई के बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, वहीं बढ़ते प्रदूषण पर स्कूलों को बंद करने की मांग तेज हो गई है । *घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट* प्रदूषण के बीच मैसम विभाग ने एक और समस्‍या को लेकर आगाह किया है। आईएमडी ने घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब यह है कि गाड़ी चलाने वालों को संभलकर और सावधानी के साथ वाहन चलाना होगा, क्‍योंकि विजिबिलिटी के काफी होने के आसार हैं। आईएमडी ने दिल्‍ली के मौसम को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि गुरुवार 14 नवंबर 2024 को दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट तक जारी किया गया है। ऐसे में विजिबिलिटी के कम रहने के पूरे आसार हैं। इससे ट्रैफिक व्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, लिहाजा आमलोगों को वाहन चलाते समय अतिरिक्‍त सावधानी बरतने की भी सलाह दी गई है। घने कोहरे की वजह से एयर के साथ ही ट्रेन सर्विसेज के प्रभावित होने की भी आशंका है। बता दें कि बुधवार को भी सुबह घना कोहरा छाया रहा।
कश्मीर में बर्फबारी से बदला दिल्ली-एनसीआर का मौसम, हर तरफ छाया कोहरा, जल्द होगी कंपकपाती की ठंड की शुरुआत*
#weather_today_fresh_snowfall_in_jk_winter_arriving_in_delhi_ncr

मॉनसून की विदाई के बाद से लोगों को ठंड का इंतजार है। आधा नवंबर बीतने को है पर लोगों के घरों में पंखे चल रहे हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की घाटी में सफेद चादर ने मैदानी इलाकों के लोगों के चहरे की खुशी बिखेर दी है। ऊपरी इलाकों, गुलमर्ग और सोनमर्ग में इस मौसम की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश ने मौसम बदल दिया है।दिल्ली एनसीआर समेत देश के ज्यादातर राज्यों में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है। कश्मीर में हुई बर्फबारी की वजह से वादियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। जानकारी के मुताबिक बर्फबारी की वजह से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों में सुबह और शाम के वक्त हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के पूर्वानुमान के मुताबिक 13 नवंबर से 16 नवंबर के बीच कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इधर मौसम विभाग (आईएमडी) ने मैदानी इलाकों के लिए भी भविष्यवाणी कर दी है। मैदानी इलाकों में जल्द भी जल्द ही मौसम बदलने वाला है। आईएमडी ने बताया कि इस महीने के 15 तारीख के बाद से ठंड की शुरुआत हो जाएगी। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित दिल्ली-एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है। वहीं, दक्षिण भारत में चेन्नई, तिरुवनंतपुरम और गोवा में बारिश का दौर जारी है। वहीं, उत्तर प्रदेश-बिहार सहित कई राज्यों में घने कोहरे छाए रहने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में तापमान अभी बढ़ा हुआ है। दिन का तापमान 30 °C बना हुआ है। वहीं, रात का तापमान 16 से 18 °C बना हुआ है। अधिकतम तापमान 4 से 5 °C और न्यूनतम तापमान 2 से 3 °C अधिक बना हुआ है। वहीं, रात में हवा 10 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही है। इसके अलावा सुबह धुंध बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार 13 नवंबर को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। हालांकि दिल्ली अभी भी गैस चैंबर बनी हुई है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से काम चल रही है, जिस वजह से दिल्ली का औसत एकक्यूआई बुधवार की सुबह 6:00 बजे 349 दर्ज किया गया।
कश्मीर में बर्फबारी से बदला दिल्ली-एनसीआर का मौसम, हर तरफ छाया कोहरा, जल्द होगी कंपकपाती की ठंड की शुरुआत*
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मॉनसून की विदाई के बाद से लोगों को ठंड का इंतजार है। आधा नवंबर बीतने को है पर लोगों के घरों में पंखे चल रहे हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की घाटी में सफेद चादर ने मैदानी इलाकों के लोगों के चहरे की खुशी बिखेर दी है। ऊपरी इलाकों, गुलमर्ग और सोनमर्ग में इस मौसम की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश ने मौसम बदल दिया है।दिल्ली एनसीआर समेत देश के ज्यादातर राज्यों में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है। कश्मीर में हुई बर्फबारी की वजह से वादियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। जानकारी के मुताबिक बर्फबारी की वजह से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों में सुबह और शाम के वक्त हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के पूर्वानुमान के मुताबिक 13 नवंबर से 16 नवंबर के बीच कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इधर मौसम विभाग (आईएमडी) ने मैदानी इलाकों के लिए भी भविष्यवाणी कर दी है। मैदानी इलाकों में जल्द भी जल्द ही मौसम बदलने वाला है। आईएमडी ने बताया कि इस महीने के 15 तारीख के बाद से ठंड की शुरुआत हो जाएगी। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित दिल्ली-एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है। वहीं, दक्षिण भारत में चेन्नई, तिरुवनंतपुरम और गोवा में बारिश का दौर जारी है। वहीं, उत्तर प्रदेश-बिहार सहित कई राज्यों में घने कोहरे छाए रहने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में तापमान अभी बढ़ा हुआ है। दिन का तापमान 30 °C बना हुआ है। वहीं, रात का तापमान 16 से 18 °C बना हुआ है। अधिकतम तापमान 4 से 5 °C और न्यूनतम तापमान 2 से 3 °C अधिक बना हुआ है। वहीं, रात में हवा 10 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही है। इसके अलावा सुबह धुंध बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार 13 नवंबर को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। हालांकि दिल्ली अभी भी गैस चैंबर बनी हुई है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से काम चल रही है, जिस वजह से दिल्ली का औसत एकक्यूआई बुधवार की सुबह 6:00 बजे 349 दर्ज किया गया।
कश्मीर में बर्फबारी से बदला दिल्ली-एनसीआर का मौसम, हर तरफ छाया कोहरा, जल्द होगी कंपकपाती की ठंड की शुरुआत

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मॉनसून की विदाई के बाद से लोगों को ठंड का इंतजार है। आधा नवंबर बीतने को है पर लोगों के घरों में पंखे चल रहे हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की घाटी में सफेद चादर ने मैदानी इलाकों के लोगों के चहरे की खुशी बिखेर दी है। ऊपरी इलाकों, गुलमर्ग और सोनमर्ग में इस मौसम की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश ने मौसम बदल दिया है।दिल्ली एनसीआर समेत देश के ज्यादातर राज्यों में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है।

कश्मीर में हुई बर्फबारी की वजह से वादियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। जानकारी के मुताबिक बर्फबारी की वजह से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों में सुबह और शाम के वक्त हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के पूर्वानुमान के मुताबिक 13 नवंबर से 16 नवंबर के बीच कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है।

इधर मौसम विभाग (आईएमडी) ने मैदानी इलाकों के लिए भी भविष्यवाणी कर दी है। मैदानी इलाकों में जल्द भी जल्द ही मौसम बदलने वाला है। आईएमडी ने बताया कि इस महीने के 15 तारीख के बाद से ठंड की शुरुआत हो जाएगी। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित दिल्ली-एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है। वहीं, दक्षिण भारत में चेन्नई, तिरुवनंतपुरम और गोवा में बारिश का दौर जारी है। वहीं, उत्तर प्रदेश-बिहार सहित कई राज्यों में घने कोहरे छाए रहने की संभावना है।

वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में तापमान अभी बढ़ा हुआ है। दिन का तापमान 30 °C बना हुआ है। वहीं, रात का तापमान 16 से 18 °C बना हुआ है। अधिकतम तापमान 4 से 5 °C और न्यूनतम तापमान 2 से 3 °C अधिक बना हुआ है। वहीं, रात में हवा 10 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही है। इसके अलावा सुबह धुंध बने रहने की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार 13 नवंबर को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। हालांकि दिल्ली अभी भी गैस चैंबर बनी हुई है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से काम चल रही है, जिस वजह से दिल्ली का औसत एकक्यूआई बुधवार की सुबह 6:00 बजे 349 दर्ज किया गया।

पटाखों को लेकर दिल्ली पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पूछा-शादियों और चुनाव में भी पटाखे जलाए जा रहे, क्या कार्रवाई हुई?

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सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध के उसके आदेश को गंभीरता से न लेने के लिए दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने माना कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध पूरी तरह से लागू नहीं किया गया और महज दिखावा किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध था।⁠ क्या पुलिस ने बिक्री पर प्रतिबंध लगाया, आपने जो कुछ जब्त किया है, वह पटाखों का कच्चा माल हो सकता है?

इस दिवाली भी राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर सहित पूरे उत्‍तर भारत में दिवाली के शुभ अवसर पर जमकर पटाखे चलाए गए। पटाखों पर बैन के बावजूद धड़ल्‍ले से इनका इस्‍तेमाल हुआ, जिसके चलते प्रदूषण का स्‍तर पर नई रिकॉर्ड पर पहुंच गया। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता जो प्रदूषण को बढ़ावा दे या लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता करे। जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि अगर पटाखे इसी तरह से फोड़े जाते रहे तो इससे नागरिकों का सेहत का मौलिक अधिकार प्रभावित होगा।

विशेष सेल बनाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे प्रदूषण को कम रखने के लिए अपने द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में उसे सूचित करें। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से उसके आदेश के पूर्ण पालन के लिए स्पेशल सेल बनाने का निर्देश दिया। साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि बिना लाइसेंस के कोई भी पटाखों का उत्पादन और उनकी बिक्री न कर सके।

पटाखों की ऑनलाइन सेल भी बंद करें

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी करके पटाखा बैन पर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने के निर्देश दिए कोर्ट ने कहा कि कमिश्नर तुरंत एक्शन लें और पटाखों की ऑनलाइन सेल भी बंद करें। कोर्ट ने 14 अक्टूबर के उस आदेश पर जिक्र किया, जिसमें 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों पर पूर्ण बैन लगाया गया था। कोर्ट ने कहा कि जहां तक इसकी अनुपालना का सवाल है दिल्ली सरकार ने इसमें असहायता व्यक्त की क्योंकि इसे दिल्ली पुलिस द्वारा लागू किया जाना है। पुलिस की ओर से पेश एएसजी भाटी ने कहा कि प्रतिबंध जारी करने वाला आदेश 14 अक्टूबर को पारित किया गया था। हालांकि, हम पाते हैं कि दिल्ली पुलिस ने उक्त आदेश के कार्यान्वयन को गंभीरता से नहीं लिया।

कोई भी लाइसेंस धारक पटाखे न बेचे या न बनाए

कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वे तुरंत सभी संबंधितों को उक्त प्रतिबंध के बारे में सूचित करने की कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी लाइसेंस धारक पटाखे न बेचे या न बनाए। हम आयुक्त को पटाखों पर प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश देते हैं। हमें आश्चर्य है कि दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर तक प्रतिबंध (पटाखों पर) लगाने में देरी क्यों की। यह संभव है कि उपयोगकर्ताओं के पास उससे पहले ही पटाखों का स्टॉक रहा होगा।

बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिवाली से पहले पटाखों पर प्रतिबंध का निर्देश जारी किया था। हालांकि इसके बावजूद दिवाली पर खूब पटाखे छूटे और पटाखों पर प्रतिबंध का या तो बहुत कम या कई जगहों पर बिल्कुल प्रभाव नहीं पड़ा। इस पर दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पटाखों के उत्पादन और निर्माण को लेकर क्या-क्या कदम उठाए गए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट तर्कों से संतुष्ट नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने सिर्फ कच्चा माल जब्त करके महज दिखावा किया। पटाखों पर प्रतिबंध को गंभीरता के साथ लागू नहीं किया गया।

दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, पूछा- प्रतिबंध के बाद भी क्यों फोड़े गए पटाखे

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देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक लेबल पर पहुंच गया है। बढ़ते प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों को लेकर दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए दिल्ली सरकार को खूब फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली में दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। कोर्ट ने पटाखों पर बैन के बावजूद उनके इस्तेमाल पर गहरी आपत्ति जताई और पूछा कि अगले साल इस प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

पटाखों पर बैन सख्ती से क्यों लागू नहीं किया गया?

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय बेंच ने सवाल किया, अखबारों में बड़े पैमाने पर खबरें आ रही हैं कि पटाखों पर प्रतिबंध लागू नहीं हुआ। दिल्ली सरकार की ओर से कौन पेश हो रहा है? दिल्ली सरकार जवाब दे कि यह बैन क्यों सख्ती से लागू नहीं किया गया? इस बेंच में जस्टिस ओका के अलावा जस्टिस ऑगस्टीन मसीह भी शामिल थे

दिल्ली सरकार को नोटिस

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमाइकस ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया, उससे यह बात साफ हो गई है कि इस बार प्रदूषण का स्तर अब तक के उच्चतम स्तर पर है। यहां तक कि रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि ताड़ की आग भी उच्च समय पर बढ़ रही थी। हम दिल्ली सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।

पराली जलाने पर भी हलफनामा देने का निर्देश

इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली के पुलिस आयुक्त को प्रतिबंध लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दायर करने का भी निर्देश देते हैं। दोनों को इस बात पर प्रकाश डालना चाहिए कि वे क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं ताकि अगले साल ऐसा न हो। इसमें सार्वजनिक अभियान के कदम भी शामिल होने चाहिए। अदालत ने कहा कि पंजाब और हरियाणा राज्यों द्वारा पराली जलाने के पिछले 10 दिनों के विवरण के संबंध में हलफनामा भी दायर किया जाना चाहिए।

बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिवाली के बाद इसमें और बढ़ोतरी हुई। कई इलाकों में एक्यूआई 400-500 के बीच दर्ज किया गया। दमघोंटू हवा का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। इसके बाद भी प्रदूषण के स्तर पर में अभी तक कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है।

ఢిల్లీలో దారుణంగా వాయు నాణ్యత

దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత (Air Pollution) రోజురోజుకూ పడిపోతోంది. దీపావళి సందర్భంగా ప్రభుత్వం పటాకులపై నిషేధం విధించింది. అయినప్పటికీ ప్రజలు లెక్కచేయకుండా పెద్దమొత్తంలో బాంబులను కాల్చడంతో వాయుకాలుష్యం తీవ్ర స్థాయికి చేరుకుంది. దీంతో వాయు నాణ్యత దారుణంగా పడిపోతున్నది.

దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత (Air Pollution) రోజురోజుకూ పడిపోతోంది. దీపావళి సందర్భంగా ప్రభుత్వం పటాకులపై నిషేధం విధించింది. అయినప్పటికీ ప్రజలు లెక్కచేయకుండా పెద్దమొత్తంలో బాంబులను కాల్చడంతో వాయుకాలుష్యం తీవ్ర స్థాయికి చేరుకుంది. దీంతో వాయు నాణ్యత దారుణంగా పడిపోతున్నది. ప్రస్తుతం ఢిల్లీ-ఎన్సీఆర్‌ (Delhi – NCR) ప్రాంతంలో ఎయిర్‌ క్వాలిటీ ఇండెక్స్‌ 300కి పైనే నమోదవుతోంది. ఎయిర్‌ క్వాలిటీ అండ్‌ వెదర్‌ ఫోర్‌కాస్టింగ్‌ అండ్‌ రిసెర్చ్‌ (SAFAR) సంస్థ ప్రకారం.. ఇది చాలా ఆధ్వాన్నమైన స్థాయిలో ఉన్నట్లు. ఈ కారణంగా ఢిల్లీతోపాటు నేషనల్‌ క్యాపిటల్‌ రీజియన్‌లో ప్రజలు విష వాయువులను పీల్చుకుంటున్నారు. తద్వారా తీవ్ర అనారోగ్య సమస్యలను ఎదుర్కొంటున్నారు

దేశ రాజధానిలో దీపావళి రాత్రి అధిక స్థాయిలో వాయు కాలుష్యం నమోదైంది. పలు ప్రాంతాల్లో ఏక్యూఐ రీడింగ్‌లు గరిష్ఠ సాయి 999కి చేరాయి. దీని కారణంగా ఢిల్లీ – ఎన్సీఆర్‌ ప్రాంత ప్రజలు తీవ్ర ఆరోగ్య సమస్యలను నివేదించినట్లు ఓ సర్వే తాజాగా వెల్లడించింది. 69 శాతం కుటుంబాల్లో కనీసం ఒకరు లేదా అంతకంటే ఎక్కువ మంది గొంతునొప్పి, దగ్గుతో సహా కాలుష్య సంబంధిత వ్యాధులతో బాధపడుతున్నట్లు సదరు సర్వే నివేదించింది.

డిజిటల్ ప్లాట్‌ఫారమ్ అయిన లోకల్ సర్కిల్స్ ఈ సర్వే నిర్వహించింది. ఢిల్లీ-ఎన్సీఆర్‌ ప్రాంతంలో 21 వేల కంటే ఎక్కువ మందిపై సర్వే చేసింది. పెరుగుతున్న వాయు కాలుష్యం కారణంగా 62 శాతం కుటుంబాల్లో ఒకరు లేదా అంతకంటే ఎక్కువ మంది కళ్ల మంటలను ఎదుర్కొంటున్నట్లు తేలింది. 46 శాతం మంది ముక్కు కారటం వంటి సమస్యలు నివేదించారు. ఇక 31 శాతం మంది శ్వాస తీసుకోవడంలో ఇబ్బందులు లేదా ఆస్తమా ఉన్నట్లు తెలిపారు. మరో 31 శాతం మంది తలనొప్పిని ఎదుర్కొంటున్నట్లు పేర్కొన్నారు.

23 శాతం మంది ఏకాగ్రతను కోల్పోతున్నట్లు ఆందోళన వ్యక్తం చేయగా.. 15 శాతం మంది నిద్రపోతున్న సమయంలో ఇబ్బందులు ఎదుర్కొంటున్నట్లు నివేదించారు. అయితే, 31 శాతం మంది మాత్రం కాలుష్యం కారణంగా ఎలాంటి ఇబ్బందులనూ నివేదికంకపోవడం విశేషం. రాజధాని వాసులు చాలా మంది ఇప్పటికే దగ్గు, జలుబు, ఆస్తమా, బ్రోన్కైటిస్‌ క్రానిక్‌, క్రానిక్ అబ్స్ట్రక్టివ్ పల్మనరీ డిసీజ్ వంటి శ్వాసకోశ రుగ్మతలతో బాధపడుతున్నట్లు సదరు నివేదిక వెల్లడించింది. రానున్న రోజుల్లో ఢిల్లీ దాని పరిసర ప్రాంతాల్లో ఏక్యూఐ స్థాయిలు మరింత దిగజారే అవకాశం ఉందని సదరు సర్వే ఆందోళన వ్యక్తం చేసింది.

ఇక ఇదే సర్వే.. రాజధానిలో క్షీణిస్తున్న గాలి నాణ్యతను ఎదుర్కొనేందుకు ఎలా సిద్ధమవుతున్నారని ఢిల్లీ వాసులను ప్రశ్నించింది. 10,630 మందిలో 15 శాతం మంది ఈ సీజన్‌లో నగరాన్ని వదిలి వెళ్లిపోవాలని యోచిస్తున్నట్లు తెలిపారు. మరో 9 శాతం మంది రోగనిరోధక శక్తి పెరిగే ఆహారాలు, పానీయాలు తీసుకుంటూ ఇంటి పట్టునే ఉండాలనుకుంటున్నట్లు సమాధానం ఇచ్చారు. మరో 23 శాతం మంది ఎయిర్ ప్యూరిఫైయర్‌లను ఉపయోగించాలని యోచిస్తున్నారు. కొందరు కాలుష్య సంక్షోభాన్ని ఎదుర్కొనేందుకు పలు చర్యలు తీసుకుంటున్నట్లు వెల్లడించారు. మరికొందరు కాలుష్యాన్ని ఎదుర్కొనేందుకు సిద్ధంగా ఉన్నట్లు వెల్లడించారు.

గాలి నాణ్యత సున్నా నుంచి 50 మధ్య ఉంటే బాగా ఉన్నట్టు అర్ధం. 51 నుంచి 100 వరకు ఉంటే సంతృప్తికరమైనదని, 101 నుంచి 200 వరకు ఉంటే మితమైన నాణ్యత, 201 నుంచి 300 ఉంటే తక్కువ నాణ్యత అని, 301 నుంచి 400 వరకు ఉంటే చాలా పేలవమైనదని, 401 నుంచి 500 ఉంటే ప్రమాదకరస్థాయిగా పరిగణిస్తారు. అయితే, గత కొంతకాలంగా ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత ప్రమాదకరంగా మారుతోన్న విషయం తెలిసిందే. పొరుగు రాష్ట్రాల్లో పంట వ్యర్థాలను తగలపెట్టడానికి తోడు.. మంచు రాజధానిని కమ్మేయడంతో ఈ పరిస్థితి తలెత్తుతోంది. కాలుష్య నియంత్రణకు పాలకులు ఎన్ని చర్యలు చేపట్టినా ఫలితం ఉండటం లేదు. రోజురోజుకూ గాలి నాణ్యత క్షీణిస్తోంది. ఈ కారణంగా నగర వాసులు తీవ్ర అనారోగ్య సమసల్యకు గురికావాల్సి వస్తోంది.

दिल्ली में दिवाली के बाद 2015 के बाद से दूसरी सबसे साफ हवा दर्ज की गई, जानिए इसकी वजह

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Delhi post Diwali (PTI)

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता दिवाली के बाद 2015 के बाद से दूसरी सबसे साफ हवा रही है, जो “गंभीर” होने के बजाय “बहुत खराब” वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर बनी हुई है। इस स्थिरता का श्रेय “तेज हवा के वेंटिलेशन” को जाता है, जिसकी गति 16 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। जबकि 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गुरुवार रात तक लगातार चढ़ता रहा - शाम को 328 से आधी रात को 338 तक, शुक्रवार सुबह 9 बजे तक 362 तक पहुंच गया - शहर ने अप्रत्याशित राहत का अनुभव किया।

 दिल्ली में तेज, निरंतर हवाएं चलीं, जिससे घने धुएं की परत तेजी से छंट गई और शुक्रवार शाम 4 बजे तक AQI 339 तक नीचे आ गया, जो शाम 7 बजे तक और सुधरकर 323 हो गया। आतिशबाजी का उपयोग, पराली जलाने में वृद्धि, तथा विभिन्न स्थानीय स्रोतों से निकलने वाले जहरीले गैसों के उत्सर्जन ने शहर की वायु गुणवत्ता को गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह तक “बहुत खराब” की ऊपरी श्रेणी में पहुंचा दिया।

स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने तापमान और प्रदूषण के बीच इस जटिल अंतर्क्रिया को समझाया: “उच्च तापमान मिश्रण की ऊंचाई को ऊंचा रखता है और प्रदूषकों को स्वतंत्र रूप से घूमने और फैलने की अनुमति देता है। कम तापमान हवा की गति को धीमा कर देता है और प्रदूषकों को उलटा नामक घटना के माध्यम से सतह के करीब फंसा देता है।” उन्होंने कहा कि सर्दियों के महीनों में आमतौर पर मिश्रण की ऊंचाई मात्र 200-300 मीटर तक गिर जाती है, जबकि गुरुवार को मिश्रण की ऊंचाई 2,100 मीटर रही। “भले ही दिवाली पर वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में थी - आधी रात को गंभीर स्तर पर पहुंच गई - ये स्थितियां अगले दिन जल्दी ही खत्म हो गईं और दोपहर तक मध्यम स्तर पर पहुंच गईं। यह मुख्य रूप से उचित हवा की गति और प्राकृतिक वेंटिलेशन के साथ अपेक्षाकृत गर्म परिस्थितियों के कारण है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) में रिसर्च एंड एडवोकेसी की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "अभी तक गहरी शांति वाली सर्दियों की स्थितियां नहीं बनी हैं। इसके बावजूद, अक्टूबर के महीने में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक खराब और बहुत खराब दिन भी देखे गए हैं, तब भी जब खेतों में आग लगाने का योगदान केवल 1-3% के आसपास रहा है, जो स्थानीय और क्षेत्रीय प्रदूषण के बहुत अधिक प्रभाव को दर्शाता है।" 

जबकि दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों में पटाखों के उपयोग को सीमित कर दिया गया था, शहर के अधिकांश हिस्सों में गतिविधि में वृद्धि के साथ इसकी भरपाई की गई। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, शहर के पीएम 2.5 के स्तर में पराली जलाने का योगदान भी काफी बढ़ गया, दिवाली के दिन इसका हिस्सा 27.61% तक पहुंच गया, जो बुधवार को 8.4% और मंगलवार को 1.8% था। शुक्रवार की सुबह धुंध के साथ शुरू हुई, मौसम विभाग ने दिवाली की मध्यरात्रि तक 12-16 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति की सूचना दी, जो आधी रात के करीब 3-7 किलोमीटर प्रति घंटे तक गिर गई, लेकिन शुक्रवार की सुबह फिर से बढ़ गई, जिससे वायु संचार और प्रदूषकों के फैलाव में मदद मिली।

हालांकि 2024 के लिए दिवाली के बाद का AQI 2015 के बाद से दूसरा सबसे साफ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में PM2.5 के स्तर में हर घंटे बढ़ोतरी पर चिंता है, जो कथित तौर पर राष्ट्रीय अनुमेय सीमा से 30 गुना से अधिक है।

राजधानी 'गैस चैंबर' में तब्दील, जहरीली हवा में सांस ले रहे लोगों ने मदद की गुहार लगाई

#delhiturnedintoagaschamberpeoplestrugglingto_breathe

गुरुवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के कई शहरों में जहरीली धुंध की घनी परत छा गई, जिससे विमान परिचालन और ट्रेन शेड्यूल बाधित हो गए। कई निवासियों ने खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की है, जबकि अस्पतालों में वायु प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की रिपोर्ट करने वाले रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

गुरुवार को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर ऐप के अनुसार, गुरुवार को सुबह 11 बजे तक पटपड़गंज में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 470 ('गंभीर प्लस') था। आनंद विहार में वायु प्रदूषण निगरानी स्टेशन ने 470 वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया। अशोक विहार में यह 469 दर्ज किया गया, जबकि आईटीओ में यह 417 और रोहिणी में 451 दर्ज किया गया।

निवासियों का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण उनकी दैनिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। हमें सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली छात्र ने सहयोग की कमी के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराया। अगर प्रदूषण का नियंत्रित इस्तेमाल हो और सीएनजी आधारित वाहन ज्यादा हों तो समस्या का समाधान हो सकता है। हालांकि, लोगों की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है I

मेदांता अस्पताल के चेस्ट ऑन्को सर्जरी और लंग ट्रांसप्लांटेशन के डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है। सरकार की कथित उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए डॉक्टर ने कहा, “साल दर साल यही कहानी है।” “जब आप उस तरह की हवा में सांस लेते हैं, तो आपका गला घुट जाता है उनके क्लीनिकों में बच्चों की बाढ़ आ गई है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। किसी भी घर में जाओ, बच्चे खांस रहे हैं, बड़े भी खांस रहे हैं,” डॉ. कुमार ने ANI से कहा।

दिल्ली वायु प्रदूषण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल

दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर दिल्ली में सड़क की धूल या कचरे के प्रबंधन के तरीके नहीं खोजने का आरोप लगाया। “यह सरकार केवल इवेंट मैनेजमेंट में लगी हुई है। क्या उन्होंने पिछले 10 वर्षों में दिल्ली के लिए कोई पर्यावरण योजना बनाई है? इस मौसम में पीएम 2.5 सबसे बड़ा कारण है, और यह धूल के कारण होता है। दिल्ली की सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि 3100 टन सीएनजी कचरा बिना उपचार के छोड़ा जा रहा है। उनके पास इसे उपचारित करने का कोई माध्यम नहीं है,” भाजपा नेता ने मास्क पहने हुए एएनआई को बताया।

कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने दिल्ली के लोगों को परेशानी देने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और आप के बीच झगड़े को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस नेता ने दावा किया, "जब दिल्ली में आप की सरकार आई थी, तो वे कहते थे कि अगर पंजाब में आप की सरकार बनी तो वे पराली जलाने की समस्या का समाधान करेंगे। आप सरकार सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। वे कोई काम नहीं कर रहे हैं। जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तो हरियाली ज्यादा थी, ज्यादा सीएनजी बसें चल रही थीं, कुल मिलाकर, दिल्ली में कांग्रेस सरकार के दौरान इतना प्रदूषण नहीं था।" उन्होंने बताया कि उन्हें बाहर घूमते समय भी खांसी आ रही थी।

दिल्ली में घुटने लगा दमः इन 10 इलाकों में AQI 400 के पार, अभी नहीं सुधरेंगे हालात

#delhincraqi450temperature_drop

देश का राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर दमघोटू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर धुंध की चादर में ढंक गई है। धुंध और कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हुई है। मौसम की ऐसी हालत की वजह हिमालय क्षेत्र में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है। जिसकी वजह से हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ चलने लगी है, लिहाजा अब तक पाकिस्तानी साइड के ऊपर जमा प्रदूषण दिल्ली की तरफ आ गया है। ऐसे में दिल्ली समेत पूरे एनसीआर की हवा की हालत दमघोटू सी हो गई है।

बुधवार को नई दिल्ली का AQI इस मौसम में पहली बार गंभीर स्तर पर पहुंच गई। राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 418 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरूवार को भी दिल्ली में सुबह धुंध की परत छाई रही और वहीं साथ ही वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। कोहरे और स्मॉग की वजह से दृश्यता कम रही। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण राजधानी में धुंध की चादर छाई हुई है। सीरीफोर्ट इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के मुताबिक 'गंभीर' श्रेणी में रखा गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 472 दर्ज हुआ है।

इन 10 इलाकों की हवा में सांस लेना मुश्किल

-आनंद विहार-------460

-जहांगीरपुरी--------445

-अशोक विहार------441

-सोनिया विहार------436

-आया नगर--------434

-नॉर्थ कैंपस--------431

-आईजीआई एयरपोर्ट---430

-आईटीओ----------429

-नजफगढ़----------426

-रोहिणी-----------429

स्कूलों को बंद करने की मांग

दिल्ली-एनसीआर के आसमान में प्रदूषण का स्तर आज बेहद खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। सुबह के समय सबसे ज्यादा पॉल्यूशन देखने को मिला। प्रदूषण से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह-सुबह स्मॉग के चलते विजिबिलिटी भी बहुत कम है। एक्यूआई के बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, वहीं बढ़ते प्रदूषण पर स्कूलों को बंद करने की मांग तेज हो गई है ।

घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट*

प्रदूषण के बीच मैसम विभाग ने एक और समस्‍या को लेकर आगाह किया है। आईएमडी ने घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब यह है कि गाड़ी चलाने वालों को संभलकर और सावधानी के साथ वाहन चलाना होगा, क्‍योंकि विजिबिलिटी के काफी होने के आसार हैं। आईएमडी ने दिल्‍ली के मौसम को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि गुरुवार 14 नवंबर 2024 को दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट तक जारी किया गया है। ऐसे में विजिबिलिटी के कम रहने के पूरे आसार हैं। इससे ट्रैफिक व्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, लिहाजा आमलोगों को वाहन चलाते समय अतिरिक्‍त सावधानी बरतने की भी सलाह दी गई है। घने कोहरे की वजह से एयर के साथ ही ट्रेन सर्विसेज के प्रभावित होने की भी आशंका है। बता दें कि बुधवार को भी सुबह घना कोहरा छाया रहा।

दिल्ली में घुटने लगा दमः इन 10 इलाकों में AQI 400 के पार, अभी नहीं सुधरेंगे हालात*
#delhi_ncr_aqi_450_temperature_drop
देश का राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर दमघोटू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर धुंध की चादर में ढंक गई है। धुंध और कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हुई है। मौसम की ऐसी हालत की वजह हिमालय क्षेत्र में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है। जिसकी वजह से हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ चलने लगी है, लिहाजा अब तक पाकिस्तानी साइड के ऊपर जमा प्रदूषण दिल्ली की तरफ आ गया है। ऐसे में दिल्ली समेत पूरे एनसीआर की हवा की हालत दमघोटू सी हो गई है। बुधवार को नई दिल्ली का AQI इस मौसम में पहली बार गंभीर स्तर पर पहुंच गई। राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 418 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरूवार को भी दिल्ली में सुबह धुंध की परत छाई रही और वहीं साथ ही वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। कोहरे और स्मॉग की वजह से दृश्यता कम रही। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण राजधानी में धुंध की चादर छाई हुई है। सीरीफोर्ट इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के मुताबिक 'गंभीर' श्रेणी में रखा गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 472 दर्ज हुआ है। *इन 10 इलाकों की हवा में सांस लेना मुश्किल* -आनंद विहार-------460 -जहांगीरपुरी--------445 -अशोक विहार------441 -सोनिया विहार------436 -आया नगर--------434 -नॉर्थ कैंपस--------431 -आईजीआई एयरपोर्ट---430 -आईटीओ----------429 -नजफगढ़----------426 -रोहिणी-----------429 स्कूलों को बंद करने की मांग* दिल्ली-एनसीआर के आसमान में प्रदूषण का स्तर आज बेहद खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। सुबह के समय सबसे ज्यादा पॉल्यूशन देखने को मिला। प्रदूषण से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह-सुबह स्मॉग के चलते विजिबिलिटी भी बहुत कम है। एक्यूआई के बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, वहीं बढ़ते प्रदूषण पर स्कूलों को बंद करने की मांग तेज हो गई है । *घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट* प्रदूषण के बीच मैसम विभाग ने एक और समस्‍या को लेकर आगाह किया है। आईएमडी ने घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब यह है कि गाड़ी चलाने वालों को संभलकर और सावधानी के साथ वाहन चलाना होगा, क्‍योंकि विजिबिलिटी के काफी होने के आसार हैं। आईएमडी ने दिल्‍ली के मौसम को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि गुरुवार 14 नवंबर 2024 को दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट तक जारी किया गया है। ऐसे में विजिबिलिटी के कम रहने के पूरे आसार हैं। इससे ट्रैफिक व्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, लिहाजा आमलोगों को वाहन चलाते समय अतिरिक्‍त सावधानी बरतने की भी सलाह दी गई है। घने कोहरे की वजह से एयर के साथ ही ट्रेन सर्विसेज के प्रभावित होने की भी आशंका है। बता दें कि बुधवार को भी सुबह घना कोहरा छाया रहा।
कश्मीर में बर्फबारी से बदला दिल्ली-एनसीआर का मौसम, हर तरफ छाया कोहरा, जल्द होगी कंपकपाती की ठंड की शुरुआत*
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मॉनसून की विदाई के बाद से लोगों को ठंड का इंतजार है। आधा नवंबर बीतने को है पर लोगों के घरों में पंखे चल रहे हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की घाटी में सफेद चादर ने मैदानी इलाकों के लोगों के चहरे की खुशी बिखेर दी है। ऊपरी इलाकों, गुलमर्ग और सोनमर्ग में इस मौसम की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश ने मौसम बदल दिया है।दिल्ली एनसीआर समेत देश के ज्यादातर राज्यों में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है। कश्मीर में हुई बर्फबारी की वजह से वादियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। जानकारी के मुताबिक बर्फबारी की वजह से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों में सुबह और शाम के वक्त हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के पूर्वानुमान के मुताबिक 13 नवंबर से 16 नवंबर के बीच कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इधर मौसम विभाग (आईएमडी) ने मैदानी इलाकों के लिए भी भविष्यवाणी कर दी है। मैदानी इलाकों में जल्द भी जल्द ही मौसम बदलने वाला है। आईएमडी ने बताया कि इस महीने के 15 तारीख के बाद से ठंड की शुरुआत हो जाएगी। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित दिल्ली-एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है। वहीं, दक्षिण भारत में चेन्नई, तिरुवनंतपुरम और गोवा में बारिश का दौर जारी है। वहीं, उत्तर प्रदेश-बिहार सहित कई राज्यों में घने कोहरे छाए रहने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में तापमान अभी बढ़ा हुआ है। दिन का तापमान 30 °C बना हुआ है। वहीं, रात का तापमान 16 से 18 °C बना हुआ है। अधिकतम तापमान 4 से 5 °C और न्यूनतम तापमान 2 से 3 °C अधिक बना हुआ है। वहीं, रात में हवा 10 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही है। इसके अलावा सुबह धुंध बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार 13 नवंबर को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। हालांकि दिल्ली अभी भी गैस चैंबर बनी हुई है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से काम चल रही है, जिस वजह से दिल्ली का औसत एकक्यूआई बुधवार की सुबह 6:00 बजे 349 दर्ज किया गया।
कश्मीर में बर्फबारी से बदला दिल्ली-एनसीआर का मौसम, हर तरफ छाया कोहरा, जल्द होगी कंपकपाती की ठंड की शुरुआत*
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मॉनसून की विदाई के बाद से लोगों को ठंड का इंतजार है। आधा नवंबर बीतने को है पर लोगों के घरों में पंखे चल रहे हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की घाटी में सफेद चादर ने मैदानी इलाकों के लोगों के चहरे की खुशी बिखेर दी है। ऊपरी इलाकों, गुलमर्ग और सोनमर्ग में इस मौसम की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश ने मौसम बदल दिया है।दिल्ली एनसीआर समेत देश के ज्यादातर राज्यों में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है। कश्मीर में हुई बर्फबारी की वजह से वादियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। जानकारी के मुताबिक बर्फबारी की वजह से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों में सुबह और शाम के वक्त हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के पूर्वानुमान के मुताबिक 13 नवंबर से 16 नवंबर के बीच कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इधर मौसम विभाग (आईएमडी) ने मैदानी इलाकों के लिए भी भविष्यवाणी कर दी है। मैदानी इलाकों में जल्द भी जल्द ही मौसम बदलने वाला है। आईएमडी ने बताया कि इस महीने के 15 तारीख के बाद से ठंड की शुरुआत हो जाएगी। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित दिल्ली-एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है। वहीं, दक्षिण भारत में चेन्नई, तिरुवनंतपुरम और गोवा में बारिश का दौर जारी है। वहीं, उत्तर प्रदेश-बिहार सहित कई राज्यों में घने कोहरे छाए रहने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में तापमान अभी बढ़ा हुआ है। दिन का तापमान 30 °C बना हुआ है। वहीं, रात का तापमान 16 से 18 °C बना हुआ है। अधिकतम तापमान 4 से 5 °C और न्यूनतम तापमान 2 से 3 °C अधिक बना हुआ है। वहीं, रात में हवा 10 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही है। इसके अलावा सुबह धुंध बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार 13 नवंबर को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। हालांकि दिल्ली अभी भी गैस चैंबर बनी हुई है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से काम चल रही है, जिस वजह से दिल्ली का औसत एकक्यूआई बुधवार की सुबह 6:00 बजे 349 दर्ज किया गया।
कश्मीर में बर्फबारी से बदला दिल्ली-एनसीआर का मौसम, हर तरफ छाया कोहरा, जल्द होगी कंपकपाती की ठंड की शुरुआत

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मॉनसून की विदाई के बाद से लोगों को ठंड का इंतजार है। आधा नवंबर बीतने को है पर लोगों के घरों में पंखे चल रहे हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की घाटी में सफेद चादर ने मैदानी इलाकों के लोगों के चहरे की खुशी बिखेर दी है। ऊपरी इलाकों, गुलमर्ग और सोनमर्ग में इस मौसम की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश ने मौसम बदल दिया है।दिल्ली एनसीआर समेत देश के ज्यादातर राज्यों में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है।

कश्मीर में हुई बर्फबारी की वजह से वादियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। जानकारी के मुताबिक बर्फबारी की वजह से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों में सुबह और शाम के वक्त हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के पूर्वानुमान के मुताबिक 13 नवंबर से 16 नवंबर के बीच कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है।

इधर मौसम विभाग (आईएमडी) ने मैदानी इलाकों के लिए भी भविष्यवाणी कर दी है। मैदानी इलाकों में जल्द भी जल्द ही मौसम बदलने वाला है। आईएमडी ने बताया कि इस महीने के 15 तारीख के बाद से ठंड की शुरुआत हो जाएगी। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित दिल्ली-एनसीआर में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है। वहीं, दक्षिण भारत में चेन्नई, तिरुवनंतपुरम और गोवा में बारिश का दौर जारी है। वहीं, उत्तर प्रदेश-बिहार सहित कई राज्यों में घने कोहरे छाए रहने की संभावना है।

वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में तापमान अभी बढ़ा हुआ है। दिन का तापमान 30 °C बना हुआ है। वहीं, रात का तापमान 16 से 18 °C बना हुआ है। अधिकतम तापमान 4 से 5 °C और न्यूनतम तापमान 2 से 3 °C अधिक बना हुआ है। वहीं, रात में हवा 10 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही है। इसके अलावा सुबह धुंध बने रहने की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार 13 नवंबर को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। हालांकि दिल्ली अभी भी गैस चैंबर बनी हुई है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से काम चल रही है, जिस वजह से दिल्ली का औसत एकक्यूआई बुधवार की सुबह 6:00 बजे 349 दर्ज किया गया।

पटाखों को लेकर दिल्ली पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पूछा-शादियों और चुनाव में भी पटाखे जलाए जा रहे, क्या कार्रवाई हुई?

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सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध के उसके आदेश को गंभीरता से न लेने के लिए दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने माना कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध पूरी तरह से लागू नहीं किया गया और महज दिखावा किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध था।⁠ क्या पुलिस ने बिक्री पर प्रतिबंध लगाया, आपने जो कुछ जब्त किया है, वह पटाखों का कच्चा माल हो सकता है?

इस दिवाली भी राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर सहित पूरे उत्‍तर भारत में दिवाली के शुभ अवसर पर जमकर पटाखे चलाए गए। पटाखों पर बैन के बावजूद धड़ल्‍ले से इनका इस्‍तेमाल हुआ, जिसके चलते प्रदूषण का स्‍तर पर नई रिकॉर्ड पर पहुंच गया। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता जो प्रदूषण को बढ़ावा दे या लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता करे। जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि अगर पटाखे इसी तरह से फोड़े जाते रहे तो इससे नागरिकों का सेहत का मौलिक अधिकार प्रभावित होगा।

विशेष सेल बनाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे प्रदूषण को कम रखने के लिए अपने द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में उसे सूचित करें। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से उसके आदेश के पूर्ण पालन के लिए स्पेशल सेल बनाने का निर्देश दिया। साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि बिना लाइसेंस के कोई भी पटाखों का उत्पादन और उनकी बिक्री न कर सके।

पटाखों की ऑनलाइन सेल भी बंद करें

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी करके पटाखा बैन पर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने के निर्देश दिए कोर्ट ने कहा कि कमिश्नर तुरंत एक्शन लें और पटाखों की ऑनलाइन सेल भी बंद करें। कोर्ट ने 14 अक्टूबर के उस आदेश पर जिक्र किया, जिसमें 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों पर पूर्ण बैन लगाया गया था। कोर्ट ने कहा कि जहां तक इसकी अनुपालना का सवाल है दिल्ली सरकार ने इसमें असहायता व्यक्त की क्योंकि इसे दिल्ली पुलिस द्वारा लागू किया जाना है। पुलिस की ओर से पेश एएसजी भाटी ने कहा कि प्रतिबंध जारी करने वाला आदेश 14 अक्टूबर को पारित किया गया था। हालांकि, हम पाते हैं कि दिल्ली पुलिस ने उक्त आदेश के कार्यान्वयन को गंभीरता से नहीं लिया।

कोई भी लाइसेंस धारक पटाखे न बेचे या न बनाए

कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वे तुरंत सभी संबंधितों को उक्त प्रतिबंध के बारे में सूचित करने की कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी लाइसेंस धारक पटाखे न बेचे या न बनाए। हम आयुक्त को पटाखों पर प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश देते हैं। हमें आश्चर्य है कि दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर तक प्रतिबंध (पटाखों पर) लगाने में देरी क्यों की। यह संभव है कि उपयोगकर्ताओं के पास उससे पहले ही पटाखों का स्टॉक रहा होगा।

बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिवाली से पहले पटाखों पर प्रतिबंध का निर्देश जारी किया था। हालांकि इसके बावजूद दिवाली पर खूब पटाखे छूटे और पटाखों पर प्रतिबंध का या तो बहुत कम या कई जगहों पर बिल्कुल प्रभाव नहीं पड़ा। इस पर दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पटाखों के उत्पादन और निर्माण को लेकर क्या-क्या कदम उठाए गए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट तर्कों से संतुष्ट नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने सिर्फ कच्चा माल जब्त करके महज दिखावा किया। पटाखों पर प्रतिबंध को गंभीरता के साथ लागू नहीं किया गया।

दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, पूछा- प्रतिबंध के बाद भी क्यों फोड़े गए पटाखे

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देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक लेबल पर पहुंच गया है। बढ़ते प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों को लेकर दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए दिल्ली सरकार को खूब फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली में दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। कोर्ट ने पटाखों पर बैन के बावजूद उनके इस्तेमाल पर गहरी आपत्ति जताई और पूछा कि अगले साल इस प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

पटाखों पर बैन सख्ती से क्यों लागू नहीं किया गया?

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय बेंच ने सवाल किया, अखबारों में बड़े पैमाने पर खबरें आ रही हैं कि पटाखों पर प्रतिबंध लागू नहीं हुआ। दिल्ली सरकार की ओर से कौन पेश हो रहा है? दिल्ली सरकार जवाब दे कि यह बैन क्यों सख्ती से लागू नहीं किया गया? इस बेंच में जस्टिस ओका के अलावा जस्टिस ऑगस्टीन मसीह भी शामिल थे

दिल्ली सरकार को नोटिस

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमाइकस ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया, उससे यह बात साफ हो गई है कि इस बार प्रदूषण का स्तर अब तक के उच्चतम स्तर पर है। यहां तक कि रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि ताड़ की आग भी उच्च समय पर बढ़ रही थी। हम दिल्ली सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।

पराली जलाने पर भी हलफनामा देने का निर्देश

इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली के पुलिस आयुक्त को प्रतिबंध लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दायर करने का भी निर्देश देते हैं। दोनों को इस बात पर प्रकाश डालना चाहिए कि वे क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं ताकि अगले साल ऐसा न हो। इसमें सार्वजनिक अभियान के कदम भी शामिल होने चाहिए। अदालत ने कहा कि पंजाब और हरियाणा राज्यों द्वारा पराली जलाने के पिछले 10 दिनों के विवरण के संबंध में हलफनामा भी दायर किया जाना चाहिए।

बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिवाली के बाद इसमें और बढ़ोतरी हुई। कई इलाकों में एक्यूआई 400-500 के बीच दर्ज किया गया। दमघोंटू हवा का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। इसके बाद भी प्रदूषण के स्तर पर में अभी तक कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है।

ఢిల్లీలో దారుణంగా వాయు నాణ్యత

దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత (Air Pollution) రోజురోజుకూ పడిపోతోంది. దీపావళి సందర్భంగా ప్రభుత్వం పటాకులపై నిషేధం విధించింది. అయినప్పటికీ ప్రజలు లెక్కచేయకుండా పెద్దమొత్తంలో బాంబులను కాల్చడంతో వాయుకాలుష్యం తీవ్ర స్థాయికి చేరుకుంది. దీంతో వాయు నాణ్యత దారుణంగా పడిపోతున్నది.

దేశ రాజధాని ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత (Air Pollution) రోజురోజుకూ పడిపోతోంది. దీపావళి సందర్భంగా ప్రభుత్వం పటాకులపై నిషేధం విధించింది. అయినప్పటికీ ప్రజలు లెక్కచేయకుండా పెద్దమొత్తంలో బాంబులను కాల్చడంతో వాయుకాలుష్యం తీవ్ర స్థాయికి చేరుకుంది. దీంతో వాయు నాణ్యత దారుణంగా పడిపోతున్నది. ప్రస్తుతం ఢిల్లీ-ఎన్సీఆర్‌ (Delhi – NCR) ప్రాంతంలో ఎయిర్‌ క్వాలిటీ ఇండెక్స్‌ 300కి పైనే నమోదవుతోంది. ఎయిర్‌ క్వాలిటీ అండ్‌ వెదర్‌ ఫోర్‌కాస్టింగ్‌ అండ్‌ రిసెర్చ్‌ (SAFAR) సంస్థ ప్రకారం.. ఇది చాలా ఆధ్వాన్నమైన స్థాయిలో ఉన్నట్లు. ఈ కారణంగా ఢిల్లీతోపాటు నేషనల్‌ క్యాపిటల్‌ రీజియన్‌లో ప్రజలు విష వాయువులను పీల్చుకుంటున్నారు. తద్వారా తీవ్ర అనారోగ్య సమస్యలను ఎదుర్కొంటున్నారు

దేశ రాజధానిలో దీపావళి రాత్రి అధిక స్థాయిలో వాయు కాలుష్యం నమోదైంది. పలు ప్రాంతాల్లో ఏక్యూఐ రీడింగ్‌లు గరిష్ఠ సాయి 999కి చేరాయి. దీని కారణంగా ఢిల్లీ – ఎన్సీఆర్‌ ప్రాంత ప్రజలు తీవ్ర ఆరోగ్య సమస్యలను నివేదించినట్లు ఓ సర్వే తాజాగా వెల్లడించింది. 69 శాతం కుటుంబాల్లో కనీసం ఒకరు లేదా అంతకంటే ఎక్కువ మంది గొంతునొప్పి, దగ్గుతో సహా కాలుష్య సంబంధిత వ్యాధులతో బాధపడుతున్నట్లు సదరు సర్వే నివేదించింది.

డిజిటల్ ప్లాట్‌ఫారమ్ అయిన లోకల్ సర్కిల్స్ ఈ సర్వే నిర్వహించింది. ఢిల్లీ-ఎన్సీఆర్‌ ప్రాంతంలో 21 వేల కంటే ఎక్కువ మందిపై సర్వే చేసింది. పెరుగుతున్న వాయు కాలుష్యం కారణంగా 62 శాతం కుటుంబాల్లో ఒకరు లేదా అంతకంటే ఎక్కువ మంది కళ్ల మంటలను ఎదుర్కొంటున్నట్లు తేలింది. 46 శాతం మంది ముక్కు కారటం వంటి సమస్యలు నివేదించారు. ఇక 31 శాతం మంది శ్వాస తీసుకోవడంలో ఇబ్బందులు లేదా ఆస్తమా ఉన్నట్లు తెలిపారు. మరో 31 శాతం మంది తలనొప్పిని ఎదుర్కొంటున్నట్లు పేర్కొన్నారు.

23 శాతం మంది ఏకాగ్రతను కోల్పోతున్నట్లు ఆందోళన వ్యక్తం చేయగా.. 15 శాతం మంది నిద్రపోతున్న సమయంలో ఇబ్బందులు ఎదుర్కొంటున్నట్లు నివేదించారు. అయితే, 31 శాతం మంది మాత్రం కాలుష్యం కారణంగా ఎలాంటి ఇబ్బందులనూ నివేదికంకపోవడం విశేషం. రాజధాని వాసులు చాలా మంది ఇప్పటికే దగ్గు, జలుబు, ఆస్తమా, బ్రోన్కైటిస్‌ క్రానిక్‌, క్రానిక్ అబ్స్ట్రక్టివ్ పల్మనరీ డిసీజ్ వంటి శ్వాసకోశ రుగ్మతలతో బాధపడుతున్నట్లు సదరు నివేదిక వెల్లడించింది. రానున్న రోజుల్లో ఢిల్లీ దాని పరిసర ప్రాంతాల్లో ఏక్యూఐ స్థాయిలు మరింత దిగజారే అవకాశం ఉందని సదరు సర్వే ఆందోళన వ్యక్తం చేసింది.

ఇక ఇదే సర్వే.. రాజధానిలో క్షీణిస్తున్న గాలి నాణ్యతను ఎదుర్కొనేందుకు ఎలా సిద్ధమవుతున్నారని ఢిల్లీ వాసులను ప్రశ్నించింది. 10,630 మందిలో 15 శాతం మంది ఈ సీజన్‌లో నగరాన్ని వదిలి వెళ్లిపోవాలని యోచిస్తున్నట్లు తెలిపారు. మరో 9 శాతం మంది రోగనిరోధక శక్తి పెరిగే ఆహారాలు, పానీయాలు తీసుకుంటూ ఇంటి పట్టునే ఉండాలనుకుంటున్నట్లు సమాధానం ఇచ్చారు. మరో 23 శాతం మంది ఎయిర్ ప్యూరిఫైయర్‌లను ఉపయోగించాలని యోచిస్తున్నారు. కొందరు కాలుష్య సంక్షోభాన్ని ఎదుర్కొనేందుకు పలు చర్యలు తీసుకుంటున్నట్లు వెల్లడించారు. మరికొందరు కాలుష్యాన్ని ఎదుర్కొనేందుకు సిద్ధంగా ఉన్నట్లు వెల్లడించారు.

గాలి నాణ్యత సున్నా నుంచి 50 మధ్య ఉంటే బాగా ఉన్నట్టు అర్ధం. 51 నుంచి 100 వరకు ఉంటే సంతృప్తికరమైనదని, 101 నుంచి 200 వరకు ఉంటే మితమైన నాణ్యత, 201 నుంచి 300 ఉంటే తక్కువ నాణ్యత అని, 301 నుంచి 400 వరకు ఉంటే చాలా పేలవమైనదని, 401 నుంచి 500 ఉంటే ప్రమాదకరస్థాయిగా పరిగణిస్తారు. అయితే, గత కొంతకాలంగా ఢిల్లీలో గాలి నాణ్యత ప్రమాదకరంగా మారుతోన్న విషయం తెలిసిందే. పొరుగు రాష్ట్రాల్లో పంట వ్యర్థాలను తగలపెట్టడానికి తోడు.. మంచు రాజధానిని కమ్మేయడంతో ఈ పరిస్థితి తలెత్తుతోంది. కాలుష్య నియంత్రణకు పాలకులు ఎన్ని చర్యలు చేపట్టినా ఫలితం ఉండటం లేదు. రోజురోజుకూ గాలి నాణ్యత క్షీణిస్తోంది. ఈ కారణంగా నగర వాసులు తీవ్ర అనారోగ్య సమసల్యకు గురికావాల్సి వస్తోంది.

दिल्ली में दिवाली के बाद 2015 के बाद से दूसरी सबसे साफ हवा दर्ज की गई, जानिए इसकी वजह

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Delhi post Diwali (PTI)

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता दिवाली के बाद 2015 के बाद से दूसरी सबसे साफ हवा रही है, जो “गंभीर” होने के बजाय “बहुत खराब” वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर बनी हुई है। इस स्थिरता का श्रेय “तेज हवा के वेंटिलेशन” को जाता है, जिसकी गति 16 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। जबकि 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गुरुवार रात तक लगातार चढ़ता रहा - शाम को 328 से आधी रात को 338 तक, शुक्रवार सुबह 9 बजे तक 362 तक पहुंच गया - शहर ने अप्रत्याशित राहत का अनुभव किया।

 दिल्ली में तेज, निरंतर हवाएं चलीं, जिससे घने धुएं की परत तेजी से छंट गई और शुक्रवार शाम 4 बजे तक AQI 339 तक नीचे आ गया, जो शाम 7 बजे तक और सुधरकर 323 हो गया। आतिशबाजी का उपयोग, पराली जलाने में वृद्धि, तथा विभिन्न स्थानीय स्रोतों से निकलने वाले जहरीले गैसों के उत्सर्जन ने शहर की वायु गुणवत्ता को गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह तक “बहुत खराब” की ऊपरी श्रेणी में पहुंचा दिया।

स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने तापमान और प्रदूषण के बीच इस जटिल अंतर्क्रिया को समझाया: “उच्च तापमान मिश्रण की ऊंचाई को ऊंचा रखता है और प्रदूषकों को स्वतंत्र रूप से घूमने और फैलने की अनुमति देता है। कम तापमान हवा की गति को धीमा कर देता है और प्रदूषकों को उलटा नामक घटना के माध्यम से सतह के करीब फंसा देता है।” उन्होंने कहा कि सर्दियों के महीनों में आमतौर पर मिश्रण की ऊंचाई मात्र 200-300 मीटर तक गिर जाती है, जबकि गुरुवार को मिश्रण की ऊंचाई 2,100 मीटर रही। “भले ही दिवाली पर वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में थी - आधी रात को गंभीर स्तर पर पहुंच गई - ये स्थितियां अगले दिन जल्दी ही खत्म हो गईं और दोपहर तक मध्यम स्तर पर पहुंच गईं। यह मुख्य रूप से उचित हवा की गति और प्राकृतिक वेंटिलेशन के साथ अपेक्षाकृत गर्म परिस्थितियों के कारण है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) में रिसर्च एंड एडवोकेसी की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "अभी तक गहरी शांति वाली सर्दियों की स्थितियां नहीं बनी हैं। इसके बावजूद, अक्टूबर के महीने में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक खराब और बहुत खराब दिन भी देखे गए हैं, तब भी जब खेतों में आग लगाने का योगदान केवल 1-3% के आसपास रहा है, जो स्थानीय और क्षेत्रीय प्रदूषण के बहुत अधिक प्रभाव को दर्शाता है।" 

जबकि दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों में पटाखों के उपयोग को सीमित कर दिया गया था, शहर के अधिकांश हिस्सों में गतिविधि में वृद्धि के साथ इसकी भरपाई की गई। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, शहर के पीएम 2.5 के स्तर में पराली जलाने का योगदान भी काफी बढ़ गया, दिवाली के दिन इसका हिस्सा 27.61% तक पहुंच गया, जो बुधवार को 8.4% और मंगलवार को 1.8% था। शुक्रवार की सुबह धुंध के साथ शुरू हुई, मौसम विभाग ने दिवाली की मध्यरात्रि तक 12-16 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति की सूचना दी, जो आधी रात के करीब 3-7 किलोमीटर प्रति घंटे तक गिर गई, लेकिन शुक्रवार की सुबह फिर से बढ़ गई, जिससे वायु संचार और प्रदूषकों के फैलाव में मदद मिली।

हालांकि 2024 के लिए दिवाली के बाद का AQI 2015 के बाद से दूसरा सबसे साफ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में PM2.5 के स्तर में हर घंटे बढ़ोतरी पर चिंता है, जो कथित तौर पर राष्ट्रीय अनुमेय सीमा से 30 गुना से अधिक है।