/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:delhi
तुर्की-चाइना मेड हथियार से दिल्ली दहलाने की थी साजिश, इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

#delhicrimebranchbustedpakistanisibackedinternationalweaponssmugglingracket

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान की एक और घातक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था।

तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?

डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार सप्लाई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गैंग के चार मुख्य ऑपरेटिवों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के सदस्यों कोके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे था काम

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में भेजी गई थी, जो बताती है कि दुश्मन कितनी आधुनिक तकनीक से आतंक फैलाने की तैयारी में था।

आरोपी पंजाब-यूपी और दिल्ली के

इन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय उर्फ मोनू के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी पंजाब, यूपी और दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।

लाल किला धमाके के बाद सतर्क हुईं एजेसियां

बता दें कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की का इस्तेमाल करता था आतंकी डॉक्टर

#delhiredfortblastterrordoctorsbombmakingmachine 

दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच जितनी आगे बढ़ रही है, उतने ही चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी मुजम्मिल शकील विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की और इलेक्ट्रिकल मशीनों का इस्तेमाल किया था। एनआईए की टीम ने फरीदाबाद और धौज गांव से जो सामग्री बरामद की, उसने पूरे मॉड्यूल का सच सामने ला दिया। 

लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच में ये बात सामने आई है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी मुजम्मिल शकील गनई फरीदाबाद में किराए के कमरे में आटा चक्की की मदद से यूरिया को बारीक पीसता था और फिर इलेक्ट्रिकल मशीन से उसे रिफाइन करके केमिकल तैयार करता था। 9 नवंबर को पुलिस ने इसी जगह से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था मुजम्मिल

पूछताछ के दौरान आरोपी गनई ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इसी तरीके से अमोनियम नाइट्रेट को यूरिया से अलग कर विस्फोटक तैयार कर रहा था। इसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चोरी किए गए केमिकल इस पाउडर में मिलाए जाते थे। यही मिश्रण आगे चलकर घातक विस्फोटक बन जाता था। बता दें कि मुजम्मिल शकील फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था।

टैक्सी ड्राइवर के घर में मिले उपकरण

एनआईए की टीम ने फरीदाबाद के उस टैक्सी ड्राइवर को भी हिरासत में लिया है, जिसके घर से यह उपकरण बरामद हुए। ड्राइवर ने बताया कि उसकी मुलाकात गनई से लगभग चार साल पहले हुई थी, जब वह अपने बेटे का इलाज कराने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज गया था। यहीं से बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे ड्राइवर उसके संपर्क में आने लगा। इसी बीच मुजम्मिल एक दिन आटा चक्की और मशीनें उसके घर रख गया। ड्राइवर को शक न हो, इसलिए उसने इसे ‘दहेज’ बताया।

धुंधला हुआ दिल्ली-एनसीआर, AQI 450 पार, सबसे 'जहरीला' फरीदाबाद

#delhincrairpollutioaqicrosses450

दिल्ली और एनसीआर में गहरे वायु प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली-एनसीआर में धुंध की मोटी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। नवंबर के महीने में अभी तो सर्दी शुरुआती दौर में है, लेकिन अभी से ही राजधानी में प्रदूषण के चलते लोगों को परेशानी होने लगी है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार हो गया है।

शुक्रवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर गहरे काले चादर से ढंकी हुई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीबीसीबी) की आज सुबह की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। रोहिणी, मुंडका, बवाना समेत कई स्थानों पर एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

राजधानी दिल्ली में कहां कितना एक्यूआई

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आज सुबह राजधानी दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई 416, अशोक विहार में 412, आया नगर में 343, बवाना में 431, बुराड़ी में 404, डीटीयू में 417, द्वारका में 369, आईटीओ में 381, जहांगीरपुरी में 433, मुंडका 434, नजफगढ़ में 353, पंजाबी बाग में 381, रोहिणी 423, आरकेपुरम 402, वजीरपुर में 442 दर्ज किया गया है। आज सुबह इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आस-पास के इलाके में जहरीले स्मॉग की एक परत छाई हुई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, इलाके के आस-पास एक्यूआई 331 दर्ज किया गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है।

देश के 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर फरीदाबाद

भारत के 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों के आंकड़े डराने वाले हैं। फरीदाबाद का एक्यूआई इस वक्त देश में सबसे ज्यादा (624) है। इसके बाद दूसरे नंबर पर गाजियाबाद (617) है। तीसरे नंबर पर रोहतक (587) तो वहीं चौथे नंबर पर नोएडा (560) है। पांचवे नंबर पर कैराना (542) है।

अगले 6 दिन ऐसा रह सकता है AQI

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि इससे पहले बुधवार को औसत एक्यूआई 392, मंगलवार को 374 और सोमवार को 351 था। आने वाले दिनों में दिल्ली का एक्यूआई और भी खराब होकर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। ये अगले छह दिनों तक ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहने की आशंका है। सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, गुरुवार को 38 चालू केंद्रों में से 18 में एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इनमें चांदनी चौक, आनंद विहार, डीटीयू, बवाना, मुंडका, नरेला और वजीरपुर स्टेशन शामिल हैं। यहां एक्यूआई 400 से अधिक रहा।

दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, दमघोंटू हुई हवा, जानिए कितना पहुंचा AQI

#suffocatingairindelhincraqiagainatsevere_level

दिल्ली की हाव दमघोंटू हो गई है। वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता आज भी बेहद खराब है। सुबह से ही प्रदूषण स्तर ‘सीवियर' कैटेगरी में पहुंच गया है। राजधानी के आसपास के कई इलाकों में AQI 400 के पार दर्ज किया गया, जिससे हालात गैस चेंबर जैसे महसूस हो रहे हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आज सुबह राजधानी दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई 416, अशोक विहार में 443, आया नगर में 332, बवाना में 437, बुराड़ी में 418, डीटीयू में 432, द्वारका में 414, आईटीओ में 399, जहांगीरपुरी में 451 दर्ज किया गया है।

हवा की गति कम होने से परेशानी और बढ़ी

विशेषज्ञों के मुताबिक कम तापमान, ठहरी हुई हवाएं और स्थानीय उत्सर्जन मिलकर प्रदूषण को जमीन के नजदीक फंसा रहे हैं। एनसीआर के शहरों—नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में भी हालात लगभग ऐसे ही हैं और AQI 400-450 के बीच रिकॉर्ड हुआ। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरी भारत में ठंड बढ़ने और हवा की गति कम होने से हवा में मौजूद कण ऊपर नहीं उठ पा रहे। इसके अलावा वाहनों का धुआं, निर्माण गतिविधियां और औद्योगिक उत्सर्जन हवा को और जहरीला बना रहे हैं।

सुबह-शाम स्मॉग ने बढ़ाई परेशानी

राजधानी और एनसीआर में सुबह और शाम के समय हालात सबसे ज्यादा बिगड़ जाते हैं। लोगों को भारीपन, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं होने लगती हैं। सड़कों पर सफर करना तक मुश्किल हो जाता है। कई इलाकों में लोगों ने बताया कि कुछ मीटर दूर तक भी साफ दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में यह साफ है कि फिलहाल हवा में सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिख रही।

आतंकी डॉक्टर उमर नबी का धमाके से पहले का वीडियो आया सामने, सुसाइड बॉम्बिंग को बताया शहादत

#delhiredfortcarblastdoctorumarunnabifirstvideo

दिल्ली ब्लास्ट के आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी का वीडियो सामने आया है, जिसमें वो सुसाइड बॉम्बिंग की वकालत करता नजर आ रहा है। वीडियो में डॉ. उमर-उन-नबी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सुसाइड बॉम्बिंग को लोग गलत समझते हैं। इंग्लिश में बोलते हुए वह दावा कर रहा है कि जिसे सुसाइड बॉम्बिंग कहा जाता है, वह असल में 'शहादत का ऑपरेशन' है।

पूरे वीडियो में वह बेहतरीन अंग्रेजी में बात करता दिख रहा है।वीडियो में उमर अकेला नजर आ रहा है और उसने एक कमरे में बैठकर यह वीडियो रिकॉर्ड किया है। वह सुसाइड हमले को इस्लामिक सिद्धांतों से जायज ठहराने की कोशिश करते हुए कहता है। उसका कहना है कि सुसाइड बॉम्बिंग को ठीक से समझा नहीं गया है

आत्मघाती हमले को इस्लाम में बताया जायज

वीडियो में उमर मोहम्मद ने कहा कि जिसे आत्मघाती बम विस्फोट कहा जाता है, वह अवधारणा बहुत ही गलतफहमी में से एक है। यह एक शहादत अभियान है... जिसे इस्लाम में जाना जाता है।" वह आगे स्वीकार करता है कि इस अवधारणा के खिलाफ कई तर्क दिए गए हैं, और इसमें विरोधाभास भी है। उमर के अनुसार, "शहादत" अभियान वह होता है जिसमें व्यक्ति यह मान लेता है कि उसकी मौत किसी खास जगह और समय पर होगी तो वह एक खतरनाक मानसिक अवस्था में पहुंच जाता है। वह मानने लगता है कि मौत ही उसका अंतिम लक्ष्य है।

वीडियो लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए बनाया

जांचकर्ताओं का दावा है कि उमर ने यह वीडियो लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए बनाया था। 10 नवंबर का धमाका लाल किले के पास एक व्यस्त सड़क पर हुआ था। इसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। यह मॉड्यूल पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। इसमें 9–10 लोग शामिल थे, जिनमें से 5–6 डॉक्टर थे। ये लोग अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे और अपनी मेडिकल पहचान का इस्तेमाल करके विस्फोटक बनाने वाले रसायन और सामग्री जुटाते थे।

सोच-समझकर बनाई गई थी दिल्ली विस्फोट की योजना

यह वीडियो इस बात की भी पुष्टि करता है कि दिल्ली कार विस्फोट की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई गई थी। यह इस अटकल को खारिज करता है कि विस्फोटकों को ले जाते समय यह अनजाने में हुआ होगा। दरअसल आतंकी डॉक्टर उमर ने 10 नवंबर को सफेद हुंडई i20 कार में विस्फोटक भरकर उसे लाल किले के पास भीड़ में उड़ा दिया। घटना में 15 मौत हुई है, जिसमें उमर के भी चीथड़े उड़ गए।

दिल्ली विस्फोट से एक दिन पहले फरीदाबाद मॉड्यूल का खुलासा

दिल्ली विस्फोट से एक दिन पहले अल-फलाह विश्वविद्यालय से डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन सईद समेत 7 लोग गिरफ्तार हुए थे। आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के साथ पुलिस ने 2,900 किलो विस्फोटक और हथियार बरामद किया। उमर ने आतंकी खुलासे के एक दिन बाद जल्दबाजी में 10 नवंबर को लाल किले के पास आत्मधाती हमला किया था।

लाल किला ब्लास्ट केस में अल फलाह ट्रस्ट पर शिकंजा, दिल्ली-फरीदाबाद के की ठिकानों पर ईडी का छापा

#delhiterrorblastcaseedraidalfalahuniversity

लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट केस में एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हुई हैं। इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्थित ओखला कार्यालय में मंगलवार सुबह में छापेमारी की है।अल फलाह ट्रस्ट पर शिकंजा कसने को लेकर ईडी की टीम ने दिल्ली और फरीदाबाद में अलग-अलग जगहों पर ये छापेमारी की है।

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय में उसके ट्रस्टियों, संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। दिल्ली और अन्य जगहों पर 25 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।यह कार्रवाई सुबह 5 बजे से जारी है।

जांच एजेंसी की एक टीम ने आज सुबह फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के कार्यालय में दस्तक दी। एजेंसी की टीम परिसर के अंदर मौजूद है और विभिन्न दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की तलाशी ले रही है।

विवि के खिलाफ जालसाजी-धोखाधड़ी के मामले दर्ज

बीते सोमवार को दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच, जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए अल फलाह विश्वविद्यालय के चेयरमैन को दो समन जारी किए थे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की शिकायत पर विवि के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए गए हैं।

'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल का केन्द्र

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट केस में अल-फलाह विश्वविद्यालय लगातार सवालों में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस ब्लास्ट में शामिल प्रमुख आरोपी इसी यूनिवर्सिटी से हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस घटना से जुड़े लोग डॉक्टर थे। जांच में सामने आया कि विस्फोट में शामिल आतंकी उमर भी डॉक्टर था और अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था। ऐसे में अल फलाह यूनिवर्सिटी 'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल जांच के केंद्र में है।

दिल्ली धमाके में बड़ा खुलासा: लालकिले से पहले पीएम आवास के पास गया था आतंकी डॉक्टर उमर

#delhiblastdrumaralsowenttopmresidencebeforeredfortattack

दिल्ली में हुए बम धमाके को लेकर पुलिस की जांच अभी जारी है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस इस धमाके के बाद से आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में देश के अलग-अलग राज्यों से कई संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। जिनसे फिलहाल जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि आतंकी डॉक्टर प्रधानमंत्री आवास और कर्तव्य पथ जैसे अत्यंत संवेदनशील इलाकों के आसपास भी देखा गया था।

धमाके से पहले बिना रूके घूमता रहा

दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं कि सोमवार को लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके से ठीक पहले आतंकी डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी के मन में क्या चल रहा था। जाँच में यह तथ्य साफ उभरकर आया है कि 9 नवंबर की रात 11:30 बजे से लेकर धमाके की घड़ी तक वह बिना रुके दिल्ली और एनसीआर में घूमता रहा। उसकी यह अनवरत मूवमेंट इस बात की ओर संकेत करती है कि वह किसी उपयुक्त स्थान की तलाश में था, जहाँ भीड़, ऐतिहासिक महत्व वाली जगहें या संभवतः वीआईपी क्षेत्र उसके निशाने पर हो सकते थे।

नौ नवंबर की रात दिल्ली में प्रवेश

जांच के दौरान ये साफ सामने आई है कि डॉक्टर उमर नौ नवंबर की रात एमपुर और दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे के संगम बिंदु रिवासन टोल के पास से दिल्ली में प्रवेश किया। वहाँ से वह फिरोजपुर झिरका गया, जहाँ से थोड़ी देर बाद ही वापस फरीदाबाद होकर बदरपुर के रास्ते दिल्ली में दाखिल हुआ। उसके बाद की रात में आश्रम चौक उसका मुख्य घूमने का बिंदु बन गया।

पीएम आवास और कर्तव्य पथ पर भी देखा गया

सबसे पहले वह आश्रम चौक से डीएनडी होकर मयूर विहार और नोएडा की ओर गया और फिर वापस आश्रम लौट आया। इसके बाद उसने आश्रम चौक से नई दिल्ली की ओर रुख किया और इंडिया गेट, अकबर रोड, तुगलक रोड और आईएनए मार्केट जैसे इलाकों में घूमने के बाद रिंग रोड के रास्ते फिर आश्रम चौक पहुँच गया। तीसरी बार वह आश्रम से नई दिल्ली की ओर गया और कर्तव्य पथ, राष्ट्रपति भवन, धौला कुंआ, पंजाबी बाग और वजीरपुर होते हुए वापस सेंट्रल दिल्ली लौट आया। अंत में वह कनॉट प्लेस से होते हुए लालकिला के पास पहुँचा और पार्किंग में अपनी कार लेकर रुका। इसके बाद वही कार लेकर वह मेट्रो स्टेशन के पास गया और विस्फोट को अंजाम दिया।

उमर के दो साथी अब भी फरार

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लालकिला बम धमाका करने वाला आरोपी उमर नबी के दो साथी भी फरार हैं। हो सकता है कि ये दिल्ली-एनसीआर में पनाह लिए हों।

दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा एक्शन, आतंकी डॉक्टर उमर के घर को IED से उड़ाया

#securityforcesdemolishedhouseofdelhiattackcarbomberumarin_pulwama 

सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को पुलवामा में आतंकी डॉ उमर नबी के घर को विस्फोट कर ढहा दिया। यह कार्रवाई लाल किला ब्लास्ट मामले की जाँच के तहत की गई, जिसमें सोमवार को हुए धमाके में 13 लोग मारे गए थे और 20 से अधिक घायल हुए थे।

इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई और शुरुआती जांच में सामने आया कि जम्मू-कश्मीर का रहने वाला डॉ. उमर इस हमले का मास्टरमाइंड था। जांच एजेंसियों के अनुसार, वह इस वारदात की तैयारी लंबे समय से कर रहा था। घटना के बाद एजेंसियों ने लगातार छापेमारी और कार्रवाई तेज की है। इसी कार्रवाई के तहत आतंकी उमर के घर को भी IED से ढहा दिया गया है।

आतंकवादी की पहचान उसके डीएनए से हुई

पुलिस के अनुसार डॉ. उमर ने ही आई20 कार में विस्फोट किया था, जिसमें वह स्वयं मारा गया। दिल्ली ब्लास्ट केस में कार चलाने वाले आतंकवादी की पहचान उसके डीएनए से हुई थी, उसकी मां और उसका डीएनए मैच हुआ, जिसके बाद ये बात साफ हो गई की उमर ने ही इस आतंकी हमले को अंजाम दिया। धमाके के बाद आई-20 कार के स्टीयरिंग के पास उसके पैर का एक टुकड़ा मिला था, जिसे वहां से बरामद किया गया था। इसके बाद फॉरेंसिक के लिए इसे भेज दिया गया।

जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा था उमर

जांच एजेंसियों ने यह भी पुष्टि की कि इस धमाके में उमर की भी मौत हो गई। पेशे से डॉक्टर उमर, जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा था। धमाके से पहले ही पुलिस ने उमर की गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनके कब्जे से 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था।

फरीदाबाद से पकड़े गए थे आतंकी

दिल्ली में धमाके से ठीक पहले हरियाणा के फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन को गिरफ्तार किया गया था। इनके कई ठिकानों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस को तीसरे डॉक्टर उमर की तलाश थी, लेकिन जब तक पुलिस उसे पकड़ पाती, तब तक उसने दिल्ली आकर बम धमाका कर दिया।

भारत खुद सक्षम...दिल्ली ब्लास्ट की जांच में मदद के ऑफर पर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो का बड़ा बयान

#indiadontneedourhelpusstatesecretarymarcorubiodelhiblastinquiry

अमेरिका ने दिल्ली में हुए धमाके को आतंकी हमला करार दिया। साथ ही दिल्ली विस्फोट की जांच को लेकर भारत की एजेंसियों की तारीफ की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है। लेकिन यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी असाधारण पेशेवर तरीके से जांच का प्रबंधन कर रहे हैं। रुबियो ने यह टिप्पणी भारत द्वारा दिल्ली में हुए विस्फोट को "आतंकवादी घटना" घोषित करने पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए की।

भारतीय एजेंसियों की सराहना

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, भारतीयों की सराहना की जानी चाहिए। वे बहुत ही नपे-तुले, सतर्क और बहुत ही पेशेवर तरीके से इस जांच को अंजाम दे रहे हैं। यह जांच जारी है। यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था। यह अत्यधिक विस्फोटक सामग्री से लदी एक कार थी जिसमें विस्फोट हुआ और कई लोग मारे गए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वे जांच करने का बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि जब उनके पास तथ्य (फैक्ट) होंगे, तो वे उन तथ्यों को जारी करेंगे।

अमेरिका ने मदद की पेशकश

अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने विस्फोट के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। रुबियो ने कहा कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है, लेकिन भारत जांच को संभालने में "बहुत सक्षम" है और उसे मदद की जरूरत नहीं है।

दिल्ली ब्लास्टः धमाके वाली कार में मौजूद था आतंकी उमर, DNA टेस्ट में खुला राज

#delhiblastcasednatestconfirmsdrumarpresentini20_car

दिल्ली कार ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सोमवार शाम को चांदनी चौक पर लाल किले के पास जिस कार में धमाका हुआ था, उसमें आतंकी डॉक्टर उमर खुद मौजूद था। DNA टेस्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा

कार के मलबे से मिले जले हुए शव का DNA टेस्ट उमर के परिवार के सदस्यों के सैंपल से 100 फीसदी मैच हुआ है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति डॉ. उमर उन नबी था। विस्फोट के बाद, उसका पैर स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेटर के बीच फंस गया था। उसका डीएनए सैंपल उसकी मां से मेल खाता है।

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद किया विस्फोट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व दिल्ली पुलिस को बुधवार देर रात डीएनए जांच की रिपोर्ट मिली। इससे साफ हो गया कि आई20 कार उमर नबी ही चला रहा था और धमाके में उसकी भी मौत हो गई। उसने आई20 में विस्फोटक लाद रखा था। बता दें कि लाल किले के पास ब्लास्ट फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के सामने आने के बाद हुआ। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद होने के कुछ ही घंटों बाद सोमवार शाम आतंकी उमर ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में विस्फोट किया था।

साथी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद दिया घटना को अंजाम

इस मामले की तहकीकात कर रही टीमों को शुरुआत से ही इस बात का शक था कि कार में मौजूद शख्स डॉ उमर ही है। उमर ने विस्फोट से ठीक 11 दिन पहले सफेद ह्यूंडई i20 कार खरीदी थी। वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था। आतंकी मुजम्मिल और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद से वह फरार चल रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की एक्शन से हड़बड़ा गया और पैनिक में आकर घटना को अंजाम दिया।

परिवार वालों को थी उमर के कट्टरपंथी होने की जानकारी

मीडिया रिपोर्टों में यह बात भी सामने आई है कि आतंकी उमर के परिवार वालों को भी उसके कट्टरपंथी होने का पता लग चुका था, लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य ने इसकी जानकारी प्रशासन या पुलिस को नहीं दी। यह बात भी सामने निकल कर आ रही है कि उमर तुर्किए की राजधानी अंकारा में बैठे अपने हैंडलर के साथ संपर्क में था। साल 2022 में उमर अपने कुछ साथियों के साथ अंकारा भी गया था। इसी दौरान सभी का ब्रेन वॉश किया गया। इस मामले में NIA की टीम ने तुर्किए दूतावास से सहयोग मांगा है।

तुर्की-चाइना मेड हथियार से दिल्ली दहलाने की थी साजिश, इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

#delhicrimebranchbustedpakistanisibackedinternationalweaponssmugglingracket

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान की एक और घातक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था।

तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?

डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार सप्लाई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गैंग के चार मुख्य ऑपरेटिवों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के सदस्यों कोके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे था काम

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में भेजी गई थी, जो बताती है कि दुश्मन कितनी आधुनिक तकनीक से आतंक फैलाने की तैयारी में था।

आरोपी पंजाब-यूपी और दिल्ली के

इन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय उर्फ मोनू के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी पंजाब, यूपी और दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।

लाल किला धमाके के बाद सतर्क हुईं एजेसियां

बता दें कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की का इस्तेमाल करता था आतंकी डॉक्टर

#delhiredfortblastterrordoctorsbombmakingmachine 

दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच जितनी आगे बढ़ रही है, उतने ही चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को बड़ा सुराग मिला है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी मुजम्मिल शकील विस्फोटक तैयार करने के लिए आटा चक्की और इलेक्ट्रिकल मशीनों का इस्तेमाल किया था। एनआईए की टीम ने फरीदाबाद और धौज गांव से जो सामग्री बरामद की, उसने पूरे मॉड्यूल का सच सामने ला दिया। 

लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच में ये बात सामने आई है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी मुजम्मिल शकील गनई फरीदाबाद में किराए के कमरे में आटा चक्की की मदद से यूरिया को बारीक पीसता था और फिर इलेक्ट्रिकल मशीन से उसे रिफाइन करके केमिकल तैयार करता था। 9 नवंबर को पुलिस ने इसी जगह से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था मुजम्मिल

पूछताछ के दौरान आरोपी गनई ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इसी तरीके से अमोनियम नाइट्रेट को यूरिया से अलग कर विस्फोटक तैयार कर रहा था। इसके बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की लैब से चोरी किए गए केमिकल इस पाउडर में मिलाए जाते थे। यही मिश्रण आगे चलकर घातक विस्फोटक बन जाता था। बता दें कि मुजम्मिल शकील फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था।

टैक्सी ड्राइवर के घर में मिले उपकरण

एनआईए की टीम ने फरीदाबाद के उस टैक्सी ड्राइवर को भी हिरासत में लिया है, जिसके घर से यह उपकरण बरामद हुए। ड्राइवर ने बताया कि उसकी मुलाकात गनई से लगभग चार साल पहले हुई थी, जब वह अपने बेटे का इलाज कराने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज गया था। यहीं से बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे ड्राइवर उसके संपर्क में आने लगा। इसी बीच मुजम्मिल एक दिन आटा चक्की और मशीनें उसके घर रख गया। ड्राइवर को शक न हो, इसलिए उसने इसे ‘दहेज’ बताया।

धुंधला हुआ दिल्ली-एनसीआर, AQI 450 पार, सबसे 'जहरीला' फरीदाबाद

#delhincrairpollutioaqicrosses450

दिल्ली और एनसीआर में गहरे वायु प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली-एनसीआर में धुंध की मोटी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। नवंबर के महीने में अभी तो सर्दी शुरुआती दौर में है, लेकिन अभी से ही राजधानी में प्रदूषण के चलते लोगों को परेशानी होने लगी है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार हो गया है।

शुक्रवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर गहरे काले चादर से ढंकी हुई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीबीसीबी) की आज सुबह की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। रोहिणी, मुंडका, बवाना समेत कई स्थानों पर एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

राजधानी दिल्ली में कहां कितना एक्यूआई

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आज सुबह राजधानी दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई 416, अशोक विहार में 412, आया नगर में 343, बवाना में 431, बुराड़ी में 404, डीटीयू में 417, द्वारका में 369, आईटीओ में 381, जहांगीरपुरी में 433, मुंडका 434, नजफगढ़ में 353, पंजाबी बाग में 381, रोहिणी 423, आरकेपुरम 402, वजीरपुर में 442 दर्ज किया गया है। आज सुबह इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आस-पास के इलाके में जहरीले स्मॉग की एक परत छाई हुई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, इलाके के आस-पास एक्यूआई 331 दर्ज किया गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है।

देश के 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर फरीदाबाद

भारत के 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों के आंकड़े डराने वाले हैं। फरीदाबाद का एक्यूआई इस वक्त देश में सबसे ज्यादा (624) है। इसके बाद दूसरे नंबर पर गाजियाबाद (617) है। तीसरे नंबर पर रोहतक (587) तो वहीं चौथे नंबर पर नोएडा (560) है। पांचवे नंबर पर कैराना (542) है।

अगले 6 दिन ऐसा रह सकता है AQI

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि इससे पहले बुधवार को औसत एक्यूआई 392, मंगलवार को 374 और सोमवार को 351 था। आने वाले दिनों में दिल्ली का एक्यूआई और भी खराब होकर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। ये अगले छह दिनों तक ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहने की आशंका है। सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, गुरुवार को 38 चालू केंद्रों में से 18 में एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इनमें चांदनी चौक, आनंद विहार, डीटीयू, बवाना, मुंडका, नरेला और वजीरपुर स्टेशन शामिल हैं। यहां एक्यूआई 400 से अधिक रहा।

दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, दमघोंटू हुई हवा, जानिए कितना पहुंचा AQI

#suffocatingairindelhincraqiagainatsevere_level

दिल्ली की हाव दमघोंटू हो गई है। वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता आज भी बेहद खराब है। सुबह से ही प्रदूषण स्तर ‘सीवियर' कैटेगरी में पहुंच गया है। राजधानी के आसपास के कई इलाकों में AQI 400 के पार दर्ज किया गया, जिससे हालात गैस चेंबर जैसे महसूस हो रहे हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आज सुबह राजधानी दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई 416, अशोक विहार में 443, आया नगर में 332, बवाना में 437, बुराड़ी में 418, डीटीयू में 432, द्वारका में 414, आईटीओ में 399, जहांगीरपुरी में 451 दर्ज किया गया है।

हवा की गति कम होने से परेशानी और बढ़ी

विशेषज्ञों के मुताबिक कम तापमान, ठहरी हुई हवाएं और स्थानीय उत्सर्जन मिलकर प्रदूषण को जमीन के नजदीक फंसा रहे हैं। एनसीआर के शहरों—नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में भी हालात लगभग ऐसे ही हैं और AQI 400-450 के बीच रिकॉर्ड हुआ। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरी भारत में ठंड बढ़ने और हवा की गति कम होने से हवा में मौजूद कण ऊपर नहीं उठ पा रहे। इसके अलावा वाहनों का धुआं, निर्माण गतिविधियां और औद्योगिक उत्सर्जन हवा को और जहरीला बना रहे हैं।

सुबह-शाम स्मॉग ने बढ़ाई परेशानी

राजधानी और एनसीआर में सुबह और शाम के समय हालात सबसे ज्यादा बिगड़ जाते हैं। लोगों को भारीपन, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं होने लगती हैं। सड़कों पर सफर करना तक मुश्किल हो जाता है। कई इलाकों में लोगों ने बताया कि कुछ मीटर दूर तक भी साफ दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में यह साफ है कि फिलहाल हवा में सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिख रही।

आतंकी डॉक्टर उमर नबी का धमाके से पहले का वीडियो आया सामने, सुसाइड बॉम्बिंग को बताया शहादत

#delhiredfortcarblastdoctorumarunnabifirstvideo

दिल्ली ब्लास्ट के आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी का वीडियो सामने आया है, जिसमें वो सुसाइड बॉम्बिंग की वकालत करता नजर आ रहा है। वीडियो में डॉ. उमर-उन-नबी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सुसाइड बॉम्बिंग को लोग गलत समझते हैं। इंग्लिश में बोलते हुए वह दावा कर रहा है कि जिसे सुसाइड बॉम्बिंग कहा जाता है, वह असल में 'शहादत का ऑपरेशन' है।

पूरे वीडियो में वह बेहतरीन अंग्रेजी में बात करता दिख रहा है।वीडियो में उमर अकेला नजर आ रहा है और उसने एक कमरे में बैठकर यह वीडियो रिकॉर्ड किया है। वह सुसाइड हमले को इस्लामिक सिद्धांतों से जायज ठहराने की कोशिश करते हुए कहता है। उसका कहना है कि सुसाइड बॉम्बिंग को ठीक से समझा नहीं गया है

आत्मघाती हमले को इस्लाम में बताया जायज

वीडियो में उमर मोहम्मद ने कहा कि जिसे आत्मघाती बम विस्फोट कहा जाता है, वह अवधारणा बहुत ही गलतफहमी में से एक है। यह एक शहादत अभियान है... जिसे इस्लाम में जाना जाता है।" वह आगे स्वीकार करता है कि इस अवधारणा के खिलाफ कई तर्क दिए गए हैं, और इसमें विरोधाभास भी है। उमर के अनुसार, "शहादत" अभियान वह होता है जिसमें व्यक्ति यह मान लेता है कि उसकी मौत किसी खास जगह और समय पर होगी तो वह एक खतरनाक मानसिक अवस्था में पहुंच जाता है। वह मानने लगता है कि मौत ही उसका अंतिम लक्ष्य है।

वीडियो लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए बनाया

जांचकर्ताओं का दावा है कि उमर ने यह वीडियो लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए बनाया था। 10 नवंबर का धमाका लाल किले के पास एक व्यस्त सड़क पर हुआ था। इसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। यह मॉड्यूल पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। इसमें 9–10 लोग शामिल थे, जिनमें से 5–6 डॉक्टर थे। ये लोग अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे और अपनी मेडिकल पहचान का इस्तेमाल करके विस्फोटक बनाने वाले रसायन और सामग्री जुटाते थे।

सोच-समझकर बनाई गई थी दिल्ली विस्फोट की योजना

यह वीडियो इस बात की भी पुष्टि करता है कि दिल्ली कार विस्फोट की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई गई थी। यह इस अटकल को खारिज करता है कि विस्फोटकों को ले जाते समय यह अनजाने में हुआ होगा। दरअसल आतंकी डॉक्टर उमर ने 10 नवंबर को सफेद हुंडई i20 कार में विस्फोटक भरकर उसे लाल किले के पास भीड़ में उड़ा दिया। घटना में 15 मौत हुई है, जिसमें उमर के भी चीथड़े उड़ गए।

दिल्ली विस्फोट से एक दिन पहले फरीदाबाद मॉड्यूल का खुलासा

दिल्ली विस्फोट से एक दिन पहले अल-फलाह विश्वविद्यालय से डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन सईद समेत 7 लोग गिरफ्तार हुए थे। आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के साथ पुलिस ने 2,900 किलो विस्फोटक और हथियार बरामद किया। उमर ने आतंकी खुलासे के एक दिन बाद जल्दबाजी में 10 नवंबर को लाल किले के पास आत्मधाती हमला किया था।

लाल किला ब्लास्ट केस में अल फलाह ट्रस्ट पर शिकंजा, दिल्ली-फरीदाबाद के की ठिकानों पर ईडी का छापा

#delhiterrorblastcaseedraidalfalahuniversity

लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट केस में एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हुई हैं। इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्थित ओखला कार्यालय में मंगलवार सुबह में छापेमारी की है।अल फलाह ट्रस्ट पर शिकंजा कसने को लेकर ईडी की टीम ने दिल्ली और फरीदाबाद में अलग-अलग जगहों पर ये छापेमारी की है।

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय में उसके ट्रस्टियों, संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। दिल्ली और अन्य जगहों पर 25 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।यह कार्रवाई सुबह 5 बजे से जारी है।

जांच एजेंसी की एक टीम ने आज सुबह फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के कार्यालय में दस्तक दी। एजेंसी की टीम परिसर के अंदर मौजूद है और विभिन्न दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की तलाशी ले रही है।

विवि के खिलाफ जालसाजी-धोखाधड़ी के मामले दर्ज

बीते सोमवार को दिल्ली पुलिस ने फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच, जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए अल फलाह विश्वविद्यालय के चेयरमैन को दो समन जारी किए थे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की शिकायत पर विवि के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए गए हैं।

'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल का केन्द्र

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट केस में अल-फलाह विश्वविद्यालय लगातार सवालों में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस ब्लास्ट में शामिल प्रमुख आरोपी इसी यूनिवर्सिटी से हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस घटना से जुड़े लोग डॉक्टर थे। जांच में सामने आया कि विस्फोट में शामिल आतंकी उमर भी डॉक्टर था और अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था। ऐसे में अल फलाह यूनिवर्सिटी 'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल जांच के केंद्र में है।

दिल्ली धमाके में बड़ा खुलासा: लालकिले से पहले पीएम आवास के पास गया था आतंकी डॉक्टर उमर

#delhiblastdrumaralsowenttopmresidencebeforeredfortattack

दिल्ली में हुए बम धमाके को लेकर पुलिस की जांच अभी जारी है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस इस धमाके के बाद से आतंकियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में देश के अलग-अलग राज्यों से कई संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। जिनसे फिलहाल जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि आतंकी डॉक्टर प्रधानमंत्री आवास और कर्तव्य पथ जैसे अत्यंत संवेदनशील इलाकों के आसपास भी देखा गया था।

धमाके से पहले बिना रूके घूमता रहा

दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं कि सोमवार को लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके से ठीक पहले आतंकी डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी के मन में क्या चल रहा था। जाँच में यह तथ्य साफ उभरकर आया है कि 9 नवंबर की रात 11:30 बजे से लेकर धमाके की घड़ी तक वह बिना रुके दिल्ली और एनसीआर में घूमता रहा। उसकी यह अनवरत मूवमेंट इस बात की ओर संकेत करती है कि वह किसी उपयुक्त स्थान की तलाश में था, जहाँ भीड़, ऐतिहासिक महत्व वाली जगहें या संभवतः वीआईपी क्षेत्र उसके निशाने पर हो सकते थे।

नौ नवंबर की रात दिल्ली में प्रवेश

जांच के दौरान ये साफ सामने आई है कि डॉक्टर उमर नौ नवंबर की रात एमपुर और दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे के संगम बिंदु रिवासन टोल के पास से दिल्ली में प्रवेश किया। वहाँ से वह फिरोजपुर झिरका गया, जहाँ से थोड़ी देर बाद ही वापस फरीदाबाद होकर बदरपुर के रास्ते दिल्ली में दाखिल हुआ। उसके बाद की रात में आश्रम चौक उसका मुख्य घूमने का बिंदु बन गया।

पीएम आवास और कर्तव्य पथ पर भी देखा गया

सबसे पहले वह आश्रम चौक से डीएनडी होकर मयूर विहार और नोएडा की ओर गया और फिर वापस आश्रम लौट आया। इसके बाद उसने आश्रम चौक से नई दिल्ली की ओर रुख किया और इंडिया गेट, अकबर रोड, तुगलक रोड और आईएनए मार्केट जैसे इलाकों में घूमने के बाद रिंग रोड के रास्ते फिर आश्रम चौक पहुँच गया। तीसरी बार वह आश्रम से नई दिल्ली की ओर गया और कर्तव्य पथ, राष्ट्रपति भवन, धौला कुंआ, पंजाबी बाग और वजीरपुर होते हुए वापस सेंट्रल दिल्ली लौट आया। अंत में वह कनॉट प्लेस से होते हुए लालकिला के पास पहुँचा और पार्किंग में अपनी कार लेकर रुका। इसके बाद वही कार लेकर वह मेट्रो स्टेशन के पास गया और विस्फोट को अंजाम दिया।

उमर के दो साथी अब भी फरार

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लालकिला बम धमाका करने वाला आरोपी उमर नबी के दो साथी भी फरार हैं। हो सकता है कि ये दिल्ली-एनसीआर में पनाह लिए हों।

दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा एक्शन, आतंकी डॉक्टर उमर के घर को IED से उड़ाया

#securityforcesdemolishedhouseofdelhiattackcarbomberumarin_pulwama 

सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को पुलवामा में आतंकी डॉ उमर नबी के घर को विस्फोट कर ढहा दिया। यह कार्रवाई लाल किला ब्लास्ट मामले की जाँच के तहत की गई, जिसमें सोमवार को हुए धमाके में 13 लोग मारे गए थे और 20 से अधिक घायल हुए थे।

इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई और शुरुआती जांच में सामने आया कि जम्मू-कश्मीर का रहने वाला डॉ. उमर इस हमले का मास्टरमाइंड था। जांच एजेंसियों के अनुसार, वह इस वारदात की तैयारी लंबे समय से कर रहा था। घटना के बाद एजेंसियों ने लगातार छापेमारी और कार्रवाई तेज की है। इसी कार्रवाई के तहत आतंकी उमर के घर को भी IED से ढहा दिया गया है।

आतंकवादी की पहचान उसके डीएनए से हुई

पुलिस के अनुसार डॉ. उमर ने ही आई20 कार में विस्फोट किया था, जिसमें वह स्वयं मारा गया। दिल्ली ब्लास्ट केस में कार चलाने वाले आतंकवादी की पहचान उसके डीएनए से हुई थी, उसकी मां और उसका डीएनए मैच हुआ, जिसके बाद ये बात साफ हो गई की उमर ने ही इस आतंकी हमले को अंजाम दिया। धमाके के बाद आई-20 कार के स्टीयरिंग के पास उसके पैर का एक टुकड़ा मिला था, जिसे वहां से बरामद किया गया था। इसके बाद फॉरेंसिक के लिए इसे भेज दिया गया।

जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा था उमर

जांच एजेंसियों ने यह भी पुष्टि की कि इस धमाके में उमर की भी मौत हो गई। पेशे से डॉक्टर उमर, जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा था। धमाके से पहले ही पुलिस ने उमर की गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनके कब्जे से 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था।

फरीदाबाद से पकड़े गए थे आतंकी

दिल्ली में धमाके से ठीक पहले हरियाणा के फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन को गिरफ्तार किया गया था। इनके कई ठिकानों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस को तीसरे डॉक्टर उमर की तलाश थी, लेकिन जब तक पुलिस उसे पकड़ पाती, तब तक उसने दिल्ली आकर बम धमाका कर दिया।

भारत खुद सक्षम...दिल्ली ब्लास्ट की जांच में मदद के ऑफर पर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो का बड़ा बयान

#indiadontneedourhelpusstatesecretarymarcorubiodelhiblastinquiry

अमेरिका ने दिल्ली में हुए धमाके को आतंकी हमला करार दिया। साथ ही दिल्ली विस्फोट की जांच को लेकर भारत की एजेंसियों की तारीफ की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है। लेकिन यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी असाधारण पेशेवर तरीके से जांच का प्रबंधन कर रहे हैं। रुबियो ने यह टिप्पणी भारत द्वारा दिल्ली में हुए विस्फोट को "आतंकवादी घटना" घोषित करने पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए की।

भारतीय एजेंसियों की सराहना

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, भारतीयों की सराहना की जानी चाहिए। वे बहुत ही नपे-तुले, सतर्क और बहुत ही पेशेवर तरीके से इस जांच को अंजाम दे रहे हैं। यह जांच जारी है। यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था। यह अत्यधिक विस्फोटक सामग्री से लदी एक कार थी जिसमें विस्फोट हुआ और कई लोग मारे गए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वे जांच करने का बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि जब उनके पास तथ्य (फैक्ट) होंगे, तो वे उन तथ्यों को जारी करेंगे।

अमेरिका ने मदद की पेशकश

अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने विस्फोट के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। रुबियो ने कहा कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है, लेकिन भारत जांच को संभालने में "बहुत सक्षम" है और उसे मदद की जरूरत नहीं है।

दिल्ली ब्लास्टः धमाके वाली कार में मौजूद था आतंकी उमर, DNA टेस्ट में खुला राज

#delhiblastcasednatestconfirmsdrumarpresentini20_car

दिल्ली कार ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सोमवार शाम को चांदनी चौक पर लाल किले के पास जिस कार में धमाका हुआ था, उसमें आतंकी डॉक्टर उमर खुद मौजूद था। DNA टेस्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा

कार के मलबे से मिले जले हुए शव का DNA टेस्ट उमर के परिवार के सदस्यों के सैंपल से 100 फीसदी मैच हुआ है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति डॉ. उमर उन नबी था। विस्फोट के बाद, उसका पैर स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेटर के बीच फंस गया था। उसका डीएनए सैंपल उसकी मां से मेल खाता है।

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद किया विस्फोट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व दिल्ली पुलिस को बुधवार देर रात डीएनए जांच की रिपोर्ट मिली। इससे साफ हो गया कि आई20 कार उमर नबी ही चला रहा था और धमाके में उसकी भी मौत हो गई। उसने आई20 में विस्फोटक लाद रखा था। बता दें कि लाल किले के पास ब्लास्ट फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के सामने आने के बाद हुआ। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद होने के कुछ ही घंटों बाद सोमवार शाम आतंकी उमर ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में विस्फोट किया था।

साथी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद दिया घटना को अंजाम

इस मामले की तहकीकात कर रही टीमों को शुरुआत से ही इस बात का शक था कि कार में मौजूद शख्स डॉ उमर ही है। उमर ने विस्फोट से ठीक 11 दिन पहले सफेद ह्यूंडई i20 कार खरीदी थी। वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था। आतंकी मुजम्मिल और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद से वह फरार चल रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की एक्शन से हड़बड़ा गया और पैनिक में आकर घटना को अंजाम दिया।

परिवार वालों को थी उमर के कट्टरपंथी होने की जानकारी

मीडिया रिपोर्टों में यह बात भी सामने आई है कि आतंकी उमर के परिवार वालों को भी उसके कट्टरपंथी होने का पता लग चुका था, लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य ने इसकी जानकारी प्रशासन या पुलिस को नहीं दी। यह बात भी सामने निकल कर आ रही है कि उमर तुर्किए की राजधानी अंकारा में बैठे अपने हैंडलर के साथ संपर्क में था। साल 2022 में उमर अपने कुछ साथियों के साथ अंकारा भी गया था। इसी दौरान सभी का ब्रेन वॉश किया गया। इस मामले में NIA की टीम ने तुर्किए दूतावास से सहयोग मांगा है।