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दिल्ली में चुनाव से पहले पूर्वांचली वोटर्स पर बीजेपी और आप आमने-सामने, जानें किन सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा

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दिल्ली में वोटर लिस्ट के नाम पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है, एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हजार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग। आम आदमी के इस आरोप को बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों से अपमान से जोड़ा है।

भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली वोटर का अपमान किया है। इसे लेकर दिल्ली में शुक्रवार को खूब बवाल हुआ। भाजपा ने केजरीवाल का घेराव किया। इस दौरान खूब गहमागहमी दिखी। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर यह प्रदर्शन किया।

दिल्ली में वोटर लिस्ट और पूर्वांचलियों पर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर सियासी लिहाज से काफी अहम हैं। पूर्वी यूपी और बिहार के वोटरों को पूर्वांचली वोटर कहते हैं। उनकी तादाद दिल्ली में अच्छी खासी है। आंकडों में देखें तो करीब 25 से 30 फीसदी पूर्वांचली वोटर दिल्ली में रहते हैं।25 से 30 फीसदी वाले ये पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली की कई सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

पहले भी यूपी-बिहार पर कर चुके हैं टिप्पणी

केजरीवाल की जुबान से पहली बार बिहार-यूपी को केंद्र कर प्रतिकूल प्रभाव वाली टिप्पणी नहीं निकलती है। इससे पहले 2019 में भी केजरीवाल ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे काफी बवेला मचा था। पहली बार केजरीवाल ने कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।केजरीवाल अब कह रहे हैं कि भाजपा बिहार-यूपी से लोगों को दिल्ली लाकर वोटर बनवा रही

दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। पूर्वांचली लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

दिल्ली में पूर्वांचल का प्रभाव

दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोग तकरीबन दो दर्जन सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि बिहार मूल की राजनीतिक पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकने के लिए बेचौन दिखती हैं। जेडीयू और आरजेडी के अलावा एलजेपी भी पिछले चुनावों में किस्मत आजमा चुकी हैं। इस बार भी तीनों पार्टियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो बाजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने की बात कुछ ही दिनों पहले कही थी।

जाटों को क्यों रिझानें की कोशिश में अरविंद केजरीवाल? जानें दिल्ली के लिए ये कितने जरूरी

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पिछले कई माह से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारी भी कर रही थीं। अब चुनावी रण में उतरने का समय आ गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इस बीच मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए सभी दलों ने कसरत तेज कर दी गयी है। बीजेपी और आप दोनों ही इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए कोशिश कर रही हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रेस को संबोधित करते हुए न्द्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। यही नहीं, आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जाट वोटर्स की उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है उसमें दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। केजरीवाल का कहना है कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में न होने की वजह से दिल्ली के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग न तो पुलिस की नौकरी में आरक्षण ले पा रहे हैं और न ही दिल्ली विश्वविद्यालय के नामांकन में।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज के लोग जब केंद्र की किसी योजना का लाभ लेने जाते है तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। 4 बार पीएम मोदी ने जाट समाज के लोगों को कहा था कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को शामिल किया जाएगा लेकिन नहीं किया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री झूठ बोल कर अपने वादे पुरे नहीं करते हैं। चुनाव के समय उन्हें केवल जाटों की याद आती है लेकिन कभी उनका काम नहीं करते हैं। अगर वे ऐसे झूठ बोलेंगे तो देश में कुछ बचेगा ही नहीं। दिल्ली के अंदर दिल्लीवालों को आरक्षण नहीं मिलता है, बाहर वालों को मिलता है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनको उनके वादे याद दिलाए हैं। उन्होंने कहा कि जाट समाज के साथ 5 और जातियां हैं जिन्हें ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया जाए।

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। केजरीवाल की ओर से उठाए गए इस कदम को जाट समुदाय और अन्य जातियों को रिझाने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में जानते हैं ओबीसी वोट बैंक दिल्ली में क्यों महत्वपूर्ण हैः-

दिल्ली में लगभग 10 प्रतिशत जाट वोटर्स

दिल्ली में जाट वोटर्स की संख्या लगभग 10 प्रतिशत मानी जाती है। दिल्ली की कई ग्रामीण सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक माने जाते हैं। दिल्ली की 8 ऐसी सीटें हैं जो जाट बहुल है। इन सीटों पर हार और जीत जाट मतों से तय होता रहा है।

जाट सीटों का क्या रहा है गणित

जाट बहुल 8 सीटों में से 5 पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी जाट वोटर्स को साधने के लिए लगातार कदम उठा रही है। दिल्ली के चुनावों में बीजेपी को जाट वोटर्स का साथ भी मिलता रहा है।

जाट समुदाय की दिल्ली की राजनीति पर अच्छी पकड़

दिल्ली के जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण की अपनी सियासी अहमियत है। धार्मिक आधार पर देखें तो कुल 81 फीसदी हिंदू समुदाय के वोटर हैं। हालांकि हिंदू समुदाय के वोट में कई जाति समूहों का अलग-अलग चंक रहा है। हिंदू वोटर्स में सबसे बड़ा प्रभाव जाट समुदाय का देखने को मिलता है।

संगठित वोट बैंक

जाट समुदाय आमतौर पर एक संगठित वोट बैंक के रूप में कार्य करता है। यह समुदाय आमतौर पर अपनी राजनीतिक ताकत को समझता है और एकजुट होकर मतदान करता है, जिससे उसकी सामूहिक शक्ति बढ़ जाती है। जब जाट समुदाय किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करता है, तो यह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली के गांवों में जाट वोटर्स का दबदबा

दिल्ली के लगभग 60 प्रतिशत गांव पर जाट वोटर्स का दबदबा देखने को मिलता है। दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों की सीटों पर जाट वोटर ही हार-जीत जाट वोटर्स तय करते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नई दिल्ली सीट पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री रहे स्व.साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रवेश साहेब सिंह वर्मा के मार्फत बीजेपी जाट वोटर्स को साधना चाहती है।

दिल्ली में सीएम आवास को लेकर बवाल, मुख्यमंत्री आवास देखने पहुंचे सौरभ-संजय को पुलिस ने रोका

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दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक है। इस बीच आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले शीशमहल बनाम राजमहल की राजनीति तेज हो गई है। इस बीच आप नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज सीएम आवास देखने पहुंचे। पुलिस ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड के पास बेरिकेड्स लगा रखे हैं। पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। साथ ही आप नेताओं की पुलिस से बहस हुई। इसी के बाद दोनों नेता सीएम आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे, लेकिन फिर दोनों वापस चले गए।

बुधवार को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य नेता मीडिया के साथ सीएम हाउस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। आवास के बाहर बैरिकेडिंग की गई थी, जिसे पार करने की कोशिश पर पुलिस और आप नेताओं के बीच नोकझोंक हुई। आप नेताओं का आरोप है कि बीजेपी सीएम हाउस में लग्जरी सुविधाओं का दावा कर रही है, जिसे दिखाने की मांग पर उन्हें रोका जा रहा है। पुलिस ने ऊपर से आदेश का हवाला देते हुए किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी।

आप नेता संजय सिंह ने कहा, कल मैंने चुनौती दी थी बीजेपी जिस आवास के बारे में झूठा प्रचार कर रही है कि सोने की टॉयलेट, मिनी बार और स्विमिंग पूल बना हुआ है। हम खोजेंगे कहां ये सारी चीजें। पूरे देश को पता चलना चाहिए। दूसरा, देश के पीएम जिन्होंने बड़े बड़े फैशन डिजाइनर को फेल कर दिया है उनका राजमहल भी देखने चलेंगे। उनके 6700 जोड़ी जूते देखने चलेंगे, 200 करोड़ का झूमर देखने चलेंगे, सोने के धागे से जो 300 करोड़ की कालीन बनाई गई है उसे भी देखने जाएंगे। 10-10 लाख का पेन भी देखने चलेंगे। राजा राजमहल में रहने वाले मोदी जी 8400 करोड़ के जहाज से चलते है, 2700 करोड़ के घर में रहते हैं। मुझे लगता है कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। पूरे देश के सामने सच्चाई आयेगी।

दरअसल, बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी पर दिल्ली के सीएम हाउस को लेकर कई आरोप लगाती रही है। इसी को लेकर उन आरोपों का खुलासा करने और सीएम हाउस में सोने का टॉयलेट, बार और स्विमिंग पूल ढूंढने के लिए आज आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह सीएम हाउस पहुंचे थे।

बता दें कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास को लेकर बीजेपी लगातार आरोप लगाती रही है। हाल ही में बीजेपी ने सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले पर हुए खर्च को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेस में सीएजी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी की ओर से 17 मार्च 2020 को एक प्रपोजल दिया था कि सीएम हाउस को रीमॉडलिंग करना होगा।

इसका मतलब केवल रिनोवेशन नहीं है, इसका मतलब था कि बिल्डिंग को गिराकर उस पर एक नया फ्लोर तैयार करना है। एक दिन के अदंर ही इस प्रपोजल को मान लिया गया. प्रपोजल में सीएम हाउस की एस्टीमेट कॉस्ट 7 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी। इसके बाद जो टेंडर निकाला गया तो वो 8 करोड़ 62 लाख रुपए का निकाला गया था। साथ ही संबित पात्रा ने कहा कि सीएम हाउस के लिए फाइनल पेमेंट 33 करोड़ 66 लाख रुपए दिया गया। कहां 7 करोड़ का एस्टीमेट और कहां 33 करोड़ रुपए दिए गए।

दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, मतों की गिनती 8 को

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दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावों का एलान हो गया है। दिल्ली में एक चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा। आठ फरवरी को मतगणना होगी।इलेक्शन कमीशन के मुखिया चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शेड्यूल जारी किया। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तारीखों की घोषणा के साथ आयोग पर लगे कई तरह के आरोपों पर भी जवाब दिया।

'दिल्ली चुनाव का पूरा कार्यक्रम'

दिल्ली में वोटिंग कब- 5 फरवरी

दिल्ली चुनाव का रिजल्ट कब- 8 फरवरी

अधिसूचना जारी कब होगी- 10 जनवरी

'उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी'

चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार नेउम्मीद जताई कि आने वाले समय में लोकतंत्र मजबूत होता रहेगा। 2024 दुनिया भर में चुनाव का साल रहा। लोकसभा में रिकॉर्ड मतदान हुआ। नया साल दिल्ली के चुनावों से शुरू हो रहा है। कहा कि हमें उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी।

'13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ'

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं। दिल्ली में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 85,49,645 हैं, जबकि 71,73,952 महिला मतदाता हैं। दिल्ली में दो लाख फर्स्ट वोटर हैं।

दिल्ली में कब होगा विधानसभा चुनाव, आज दो बजे चुनाव आयोग करेगा तारीखों का एलान

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दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी, 2025 तक का है। इससे पहले दिल्ली विधानसभा का गठन करने के लिए चुनाव होने हैं। इसके लिए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। चुनाव आयोग आज (मंगलवार) 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें वो दिल्ली में चुनाव की तारीख का ऐलान करेगा।चुनाव आयोग की ओर से विज्ञान भवन में केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव के शेड्यूल की घोषणा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है।

एक ही चरण में चुनाव होने की उम्मीद

दिल्ली चुनाव एक ही चरण में होने की उम्मीद है। संभवतः फरवरी के दूसरे हफ्ते के आसपास चुनाव हो। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की देखरेख में यह अंतिम चुनाव हो सकता है. वह 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

दिल्ली में कुल एक करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर

इस बार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा सकता है। सोमवार को ही चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। इस चुनाव में दो लाख के करीब मतदाता 18 से 19 वर्ष के हैं। वह पहली बार विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस सूची में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं।

1,67,329 नए मतदाता जुड़े

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में एक महीने में 29 अक्तूबर से 28 नवंबर तक 1,35,089 मतदाताओं ने फार्म- 6 और 83,825 ने फार्म 8 के तहत मतदाता सूचियों में नाम जुड़वाने, पता बदलने, नाम को सूची से हटाने और आपत्तियां और सुझाव के लिए आवेदन किया। चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारियों ने सभी आवेदनों को 24 दिसंबर तक सुलझा दिया। इस तरह से अंतिम मतदाता सूची जारी होने तक 3,08,942 नए नाम मतदाता सूचियों में जुड़े। 1,41,613 नाम हटाए गए। इस दौरान कुल 1,67,329 मतदाता नए जुड़े।

दिल्ली में 27 साल का सूखा खत्म कर पाएगी बीजेपी? आप का किला भेदने के लिए बनाई खास रणनीति
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* दिल्ली विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन स्टार्ट हो गया है कुछ ही दिनों में बहुत जल्द केंद्रीय निर्वाचन आयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है लेकिन उससे पहले सभी राजनीतिक दल दिल्ली में अपनी-अपनी सरकार बनाने के लिए हर जोर-आजमाइश में जुटे हुए हैं। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को लोक लुभावन योजनाओं के जरिए साधने में लगी है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव की कमान अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल ली है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या भाजपा दिल्ली में 27 साल से चला आ रहा सूखा खत्म कर पाएगी? *क़रीब तीन दशक से सत्ता से गायब बीजेपी* दिल्ली में बीजेपी क़रीब तीन दशक से सत्ता से गायब है। दिल्ली में बीजेपी ने पिछली बार साल 1993 में जीत हासिल की थी। उस वक़्त मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। 1993 में 49 सीटों पर मिली बड़ी जीत के बाद भी उस दौरान पांच साल में बीजेपी को तीन बार मुख्यमंत्री बदलने पड़े थे। बीजेपी ने पहले मदनलाल खुराना, फिर साहिब सिंह वर्मा और अंत में सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। कहा जाता है कि उस वक़्त प्याज़ की बढ़ी कीमतों के आंसू बीजेपी को लंबे वक़्त तक रुलाते रहे। बीजेपी के लिए तीन मुख्यमंत्रियों का प्रयोग ऐसा रहा कि बीते क़रीब तीन दशक से उसे दिल्ली की सत्ता नहीं मिल पाई है। *लोकसभा में सफल लेकिन विधानसभा में फेल* उसके बाद जनता ने लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाई और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। आम आदमी पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद दिल्ली में जनता ने आम आदमी पार्टी को पसंद कर लिया, लेकिन बीजेपी जैसी पुरानी पार्टी पर भरोसा नहीं जताया। दिल्ली में लगातार छह बार चुनाव हारने के बाद सातवीं बार उसे जीतने के इरादे से बीजेपी मैदान में उतर रही है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी को बीते तीन लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सीटों पर जीत मिली है। लेकिन इस दौरान विधानसभा चुनावों में पार्टी सफल नहीं हो पाई है। 70 सीटों की दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को साल 2013 में 31 सीटों पर जीत मिली। उसके बाद साल 2015 के विधानसभा चुनावों में उसे महज 3 सीटें और साल 2020 में 8 सीटों से संतोष करना पड़ा। जबकि बीते तीनों लोकसभा चुनावों यानी साल 2014, 2019 और 2024 में बीजेपी को दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत मिली ऐसे में बीजेपी ने इस बार अपनी विरोधी आम आदमी पार्टी “साफ” करने के ले खास रणनीति अपनाई है। *पीएम मोदी ने खुद संभाली कमान* इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीख़ों के ऐलान से पहले ही पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम नेता चुनावी मैदान में दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी पर 'आप-दा' कहकर हमला किया है। उन्होंने कहा है, दिल्ली में एक ही आवाज़ गूंज रही है, आप-दा नहीं सहेंगे, बदलकर रहेंगे। अब दिल्ली विकास की धारा चाहती है। जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने भी अरविंद केजरीवाल पर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को 'शीशमहल' बनाने का आरोप लगाया है। *आप के दिग्गजों को कड़ी चुनौती देने की कोशिश* यही नहीं, बीजेपी ने इस बार अपनी विरोधी आम आदमी पार्टी के दिग्गजों को कड़ी चुनौती देने के इरादे से अपने दो पूर्व सांसदों को दांव पर लगाया है। इसके अलावा पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों में से भी चार पर फिर से भरोसा जताया है। पार्टी ने इस बार आप के दिग्गज नेताओं को घेरने पर अधिक फोकस रखा है। यही वजह है कि पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपने पूर्व सांसद और जाट नेता प्रवेश वर्मा को टिकट दिया है। पार्टी को लग रहा है कि कांग्रेस के संदीप दीक्षित भी तगड़े दावेदार हैं। ऐसे में बीजेपी विरोधी वोट कांग्रेस व आप में बंट गए तो नई दिल्ली का किला बीजेपी जीत सकती है। इसी तरह से पार्टी ने वोटरों का प्रोफाइल देखकर जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवाह को टिकट दिया है। पार्टी को लग रहा है कि यहां मनीष सिसोदिया को मारवाह ही टक्कर दे सकते हैं। *स्थानीय मुद्दों पर आप का घेराव* वहीं, सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी को आम आदमी पार्टी (आप) के एक दशक लंबे शासन के खिलाफ “सत्ता विरोधी भावना” का एहसास है। इस बार भाजपा का अभियान भी बहुत स्थानीय है, जिसमें प्रधानमंत्री सीवर और जल-जमाव वाली सड़कों और डीटीसी बेड़े के बारे में बोल रहे हैं। भाजपा दिल्ली में आप के शासन मॉडल को घेरने के लिए यमुना नदी की स्थिति और राष्ट्रीय राजधानी में लगातार वायु प्रदूषण के मुद्दे पर भी जोर दे रही है। भाजपा लोगों को यह बताने की कोशिश कर रही है कि आप सीवेज सिस्टम और पानी की कमी जैसे मुख्य शासन मुद्दों पर विफल रही है और हमेशा केंद्र के साथ टकराव की मुद्रा में रहती है, जिससे दिल्ली का विकास बाधित होता है। उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों का उदाहरण देकर बीजेपी दिल्ली की जनता के सामने ये पेश करने के प्रयास में लगी है कि,दिल्ली में भी अब भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की जरुरत है। भाजपा ने आप की दो बड़ी मुफ्त बिजली योजना और पानी का बिल फ्री कराने का तोड़ निकाल लिया है। भाजपा ने दिल्ली में झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पीएम आवास की चाबी देकर इसकी शुरुआत भी कर दी है।
कैग रिपोर्ट में केजरीवाल के ‘काले कारनामों’, 'शीश महल' बनाने में उड़ाई नियमों की धज्जियां, खर्ज किए करोड़ों
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* दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर फिर चर्चा में है। दिल्‍ली चुनाव से ठीक पहले सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए। दावा किया गया कि सीएम हाउस पर तय लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम खर्च की गई। पहले ही अरविंद केजरीवाल के घर को 'शीशमहल' बता चुकी बीजेपी दिल्‍ली चुनाव के बीचे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करने में लगी है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना इजाज़त लिए इमरजेंसी क्‍लॉज का इस्तेमाल करके बंगला बनाया है। साथ ही दावा किया कि एमसीडी की इजाजत लिये बिना बंगला बनाया गया। साल 2022 तक इस बंगले पर क़रीब 33 करोड़ रुपये खर्च किया गया। कैग रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर 139 सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने निजी संस्था के तौर पर काम किया, बिना इजाज़त करोड़ रुपये बंगला बनाने के लिए खर्च किए। पहले 7 करोड़ 91 लाख का बजट इमरजेंसी के तौर पर पास किया गया था। साल 2020 में पहला वर्क स्टीमेट बना जब दिल्ली कोविड की मार झेल रहा था। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बंगले पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, कैग रिपोर्ट में 2023 और 2024 का खुलासा होना बाकी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2020 में जब दिल्ली की जनता अपने लोगों को खो रही थी। उस समय अरविंद केजरीवाल अपना शीश महल बनवा रहे थे। किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके निर्माण में अनियमितताएं बरती गईं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने 2024 में जो इन्वेंटरी घोषित की है और जो समान दिखाया है कि यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं लगाया है, वह समान कहां से आया। वह किसका पैसा है? इसका जवाब अरविंद केजरीवाल को देना होगा।
भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के बयान पर रो पड़ीं दिल्ली सीएम आतिशी, बोलीं-मेरे बीमार, बुजुर्ग पिता को दे रहे गाली
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* दिल्ली की सीएम आतिशी ने अपने पिता को लेकर हो रही बयानबाजी पर रो पड़ीं। सीएम आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मेरे बुजुर्ग पिता को गाली दी जा रही है। वो इतने बीमार रहते हैं कि बिना सहारे के चल तक नहीं पाते। रमेश बिधूड़ी अपने काम पर वोट मांगें। मेरे पिता को गाली देकर वोट नहीं मांगें। इस दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने चुनाव में बड़े घोटाले का दावा किया। आतिशी बोलीं- "मेरे पिता जिंदगी भर शिक्षक रहे, उन्होंने दिल्ली के हजारों मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग बच्चों को पढ़ाया है, आज वे 80 सालों के हो गए हैं। चुनाव के लिए बिधूड़ी ऐसी घटिया हरकत करेंगे कि बुजुर्ग व्यक्ति को गालियां देने पर उतर आएंगे। इस देश की राजनीति इतने निचले स्तर तक गिर सकती है यह मैं कभी नहीं सोच सकती थी। बिधूड़ी बताएं कि 10 साल में लोगों के लिए उन्होंने क्या किया? *बिधूड़ी ने कहा क्या था?* बीजेपी की की ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए बिधूड़ी ने कहा था कि आतिशी ने अपना सरनेम बदलकर मार्लेना से ‘सिंह’ कर लिया है। उन्होंने कहा कि कालकाजी सीट से मौजूदा विधायक आतिशी ने कुछ समय पहले अपना सरनेम हटा दिया था। बिधूड़ी ने आरोप लगाया था कि वह मार्लेना से सिंह बन गईं, उन्होंने नाम बदल लिया। केजरीवाल ने अपने बच्चों की कसम खाकर कहा था कि भ्रष्ट कांग्रेस के साथ नहीं जाउंगा, (और अब) मार्लेना ने अपना बाप बदल लिया। पहले वह मार्लेना थीं, अब वह सिंह बन गई हैं। यह उनका चरित्र है। *बीजेपी राज्य में वोटर घोटाला कर रही-आतिशी* वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़े घोटाले का दावा किया। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में घोटाला हो रहा है। नईदिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ा खेल हो रहा है। गलत तरीके से वोट काटने की साजिश हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्य में वोटर घोटाला कर रही है। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने इसकी जांच नहीं की। आतिशी ने आरोप लगाया- चुनाव आयोग, डोर टू डोर सर्वे, बूथ लेवल अधिकारी यह पता नहीं लगा पाए कि लोग शिफ्ट हो गए हैं, लेकिन इन बीजेपी लोगों ने पता लगा लिया है। जब समरी रिवीजन चल रहा था, तो मतदाताओं को क्यों नहीं शिफ्ट किया गया? आतिशी ने कहा- यह साफ है कि गलत तरीके से वोट काटने की साजिश चल रही है। 10% वोट जोड़े जाने हैं और 5% हटाए जाने हैं, यही साजिश चल रही है।
दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट, केजरीवाल के खिलाफ लड़ेंगे प्रवेश वर्मा
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भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है।भाजपा ने प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उतारा है।प्रवेश वर्मा आप के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली सूची में 29 उम्मीदवारों का नाम हैं। कालकाजी सीट से आप की उम्मीदवार दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ भाजपा ने रमेश बिधुड़ी को उतारा है। करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत चुनाव लड़ेंगे। वहीं करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया है। प्रवेश वर्मा पूर्व सांसद हैं। हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। वह दिल्ली के पूर्व सीएम और भापजा के दिग्गज नेता साहेब सिंह वर्मा के बेटे हैं। पिछले दिनों उन पर अपने आवास पर महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप लगे थे। नई दिल्ली सीट पर मुकाबला काफी कांटे का है। कांग्रेस ने अपने दिग्गज संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा हैं। संदीप दीक्षित पूर्व सांसद और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं।
दिल्ली ने ओढ़ी कोहरे की “चादर”, रफ्तार पर ब्रेक, 100 से अधिक उड़ानें रद्द

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देश में सर्दी ने अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है। देश की राजदानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर बारत ठंड से कांप रहा है।दिल्ली-एनसीआर कोहरे की चादर में लिपटे हुए हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश में भी घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। शुक्रवार को कोहरे के कारण दिल्ली के कई इलाकों में दृश्यता शून्य हो गई। कोहरे की वजह से यातायात पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। विमान और ट्रेन के मुसाफिरों पर कोहरे का कहर पड़ रही है। बीते शुक्रवार को सड़कों पर वाहन रेंगते हुए नजर आए। कोहरे के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं और शहर में शीतलहर का प्रकोप जारी है।

सबसे ज्यादा हालात आईजीआई हवाई अड्डे पर खराब रहे। यहां शनिवार सुबह विजिब्लिटी शून्य थी। ऐसे में घने कोहरे के कारण विमानों के परिचालन पर बहुत बुरा असर पड़ा है। रनवे पर विजिब्लिटी का रेंज 100 से 250 मीटर के बीच है। इस कारण सुबह सात बजे तक ही आईजीआई से उड़ान भरने वाली और लैंड करने वाली 88 फ्लाइट्स देर हो चुकी थी। इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के मुताबिक, कोहरे की वजह से 507 उड़ानें प्रभावित हुईं। इसके अलावा खराब मौसम की वजह से 15 उड़ानों को रद्द तक करना पड़ा है।

रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह में दिल्ली पहुंचने वाली वंदेभारत और राजधानी सहित 30 से अधिक ट्रेनें एक घंटे से अधिक की देरी से चल रही हैं। ये अभी शनिवार दोपहर एक बजे तक का शेड्यूल है। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली स्टेशन पर आने वाली कम से कम 18 ट्रेनें एक घंटे से अधिक की देरी से चल रही हैं। आनंद विहार टर्मिनल पहुंचने वाली कम से कम 9 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। वहीं नई दिल्ली स्टेशन पहुंचने वाली 30 से अधिक ट्रेनें एक घंटे से अधिक देरी से चल रही हैं। इनमें वंदेभारत और राजधानी ट्रेनें भी शामिल हैं। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर पहुंचने वाली कम से कम 24 ट्रेनें एक घंटे से अधिक देरी से चल रही हैं।

ठंड के बीच बारिश के आसार

मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ निचले से ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों पर बना हुआ है। इसके कारण 5-6 जनवरी को राजधानी दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तराखंड में गरज के साथ छिटपुट से लेकर मध्यम बारिश, बिजली गिरने की संभावना है। इसके अलावा 4 से 6 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और 5 से 6 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।

छाया रहेगा घना कोहरा

मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ इलाकों और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में देर रात और सुबह के समय बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है। हिमाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, असम और मेघालय के कुछ इलाकों में भी घना कोहरा छाया रहेगा। शनिवार को उत्तरी मध्य प्रदेश, बिहार के कुछ इलाकों, असम और मेघालय में भी कोहरा छाए रहने की संभावना है।

कितना रहेगा तापमान

मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों में हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है। अगले 24 घंटों के दौरान मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की भी संभावना नहीं है। उसके बाद 2-3 दिनों में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। वहीं, अगले 5 दिनों के दौरान गुजरात राज्य को छोड़कर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है, जहां अगले 3 दिनों के दौरान कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा और उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी।

दिल्ली में चुनाव से पहले पूर्वांचली वोटर्स पर बीजेपी और आप आमने-सामने, जानें किन सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा

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दिल्ली में वोटर लिस्ट के नाम पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है, एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हजार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग। आम आदमी के इस आरोप को बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों से अपमान से जोड़ा है।

भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली वोटर का अपमान किया है। इसे लेकर दिल्ली में शुक्रवार को खूब बवाल हुआ। भाजपा ने केजरीवाल का घेराव किया। इस दौरान खूब गहमागहमी दिखी। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर यह प्रदर्शन किया।

दिल्ली में वोटर लिस्ट और पूर्वांचलियों पर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर सियासी लिहाज से काफी अहम हैं। पूर्वी यूपी और बिहार के वोटरों को पूर्वांचली वोटर कहते हैं। उनकी तादाद दिल्ली में अच्छी खासी है। आंकडों में देखें तो करीब 25 से 30 फीसदी पूर्वांचली वोटर दिल्ली में रहते हैं।25 से 30 फीसदी वाले ये पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली की कई सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

पहले भी यूपी-बिहार पर कर चुके हैं टिप्पणी

केजरीवाल की जुबान से पहली बार बिहार-यूपी को केंद्र कर प्रतिकूल प्रभाव वाली टिप्पणी नहीं निकलती है। इससे पहले 2019 में भी केजरीवाल ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे काफी बवेला मचा था। पहली बार केजरीवाल ने कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।केजरीवाल अब कह रहे हैं कि भाजपा बिहार-यूपी से लोगों को दिल्ली लाकर वोटर बनवा रही

दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। पूर्वांचली लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

दिल्ली में पूर्वांचल का प्रभाव

दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोग तकरीबन दो दर्जन सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि बिहार मूल की राजनीतिक पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकने के लिए बेचौन दिखती हैं। जेडीयू और आरजेडी के अलावा एलजेपी भी पिछले चुनावों में किस्मत आजमा चुकी हैं। इस बार भी तीनों पार्टियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो बाजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने की बात कुछ ही दिनों पहले कही थी।

जाटों को क्यों रिझानें की कोशिश में अरविंद केजरीवाल? जानें दिल्ली के लिए ये कितने जरूरी

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पिछले कई माह से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारी भी कर रही थीं। अब चुनावी रण में उतरने का समय आ गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इस बीच मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए सभी दलों ने कसरत तेज कर दी गयी है। बीजेपी और आप दोनों ही इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए कोशिश कर रही हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रेस को संबोधित करते हुए न्द्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। यही नहीं, आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जाट वोटर्स की उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है उसमें दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। केजरीवाल का कहना है कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में न होने की वजह से दिल्ली के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग न तो पुलिस की नौकरी में आरक्षण ले पा रहे हैं और न ही दिल्ली विश्वविद्यालय के नामांकन में।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज के लोग जब केंद्र की किसी योजना का लाभ लेने जाते है तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। 4 बार पीएम मोदी ने जाट समाज के लोगों को कहा था कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को शामिल किया जाएगा लेकिन नहीं किया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री झूठ बोल कर अपने वादे पुरे नहीं करते हैं। चुनाव के समय उन्हें केवल जाटों की याद आती है लेकिन कभी उनका काम नहीं करते हैं। अगर वे ऐसे झूठ बोलेंगे तो देश में कुछ बचेगा ही नहीं। दिल्ली के अंदर दिल्लीवालों को आरक्षण नहीं मिलता है, बाहर वालों को मिलता है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनको उनके वादे याद दिलाए हैं। उन्होंने कहा कि जाट समाज के साथ 5 और जातियां हैं जिन्हें ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया जाए।

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। केजरीवाल की ओर से उठाए गए इस कदम को जाट समुदाय और अन्य जातियों को रिझाने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में जानते हैं ओबीसी वोट बैंक दिल्ली में क्यों महत्वपूर्ण हैः-

दिल्ली में लगभग 10 प्रतिशत जाट वोटर्स

दिल्ली में जाट वोटर्स की संख्या लगभग 10 प्रतिशत मानी जाती है। दिल्ली की कई ग्रामीण सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक माने जाते हैं। दिल्ली की 8 ऐसी सीटें हैं जो जाट बहुल है। इन सीटों पर हार और जीत जाट मतों से तय होता रहा है।

जाट सीटों का क्या रहा है गणित

जाट बहुल 8 सीटों में से 5 पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी जाट वोटर्स को साधने के लिए लगातार कदम उठा रही है। दिल्ली के चुनावों में बीजेपी को जाट वोटर्स का साथ भी मिलता रहा है।

जाट समुदाय की दिल्ली की राजनीति पर अच्छी पकड़

दिल्ली के जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण की अपनी सियासी अहमियत है। धार्मिक आधार पर देखें तो कुल 81 फीसदी हिंदू समुदाय के वोटर हैं। हालांकि हिंदू समुदाय के वोट में कई जाति समूहों का अलग-अलग चंक रहा है। हिंदू वोटर्स में सबसे बड़ा प्रभाव जाट समुदाय का देखने को मिलता है।

संगठित वोट बैंक

जाट समुदाय आमतौर पर एक संगठित वोट बैंक के रूप में कार्य करता है। यह समुदाय आमतौर पर अपनी राजनीतिक ताकत को समझता है और एकजुट होकर मतदान करता है, जिससे उसकी सामूहिक शक्ति बढ़ जाती है। जब जाट समुदाय किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करता है, तो यह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली के गांवों में जाट वोटर्स का दबदबा

दिल्ली के लगभग 60 प्रतिशत गांव पर जाट वोटर्स का दबदबा देखने को मिलता है। दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों की सीटों पर जाट वोटर ही हार-जीत जाट वोटर्स तय करते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नई दिल्ली सीट पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री रहे स्व.साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रवेश साहेब सिंह वर्मा के मार्फत बीजेपी जाट वोटर्स को साधना चाहती है।

दिल्ली में सीएम आवास को लेकर बवाल, मुख्यमंत्री आवास देखने पहुंचे सौरभ-संजय को पुलिस ने रोका

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दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक है। इस बीच आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले शीशमहल बनाम राजमहल की राजनीति तेज हो गई है। इस बीच आप नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज सीएम आवास देखने पहुंचे। पुलिस ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड के पास बेरिकेड्स लगा रखे हैं। पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। साथ ही आप नेताओं की पुलिस से बहस हुई। इसी के बाद दोनों नेता सीएम आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे, लेकिन फिर दोनों वापस चले गए।

बुधवार को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य नेता मीडिया के साथ सीएम हाउस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। आवास के बाहर बैरिकेडिंग की गई थी, जिसे पार करने की कोशिश पर पुलिस और आप नेताओं के बीच नोकझोंक हुई। आप नेताओं का आरोप है कि बीजेपी सीएम हाउस में लग्जरी सुविधाओं का दावा कर रही है, जिसे दिखाने की मांग पर उन्हें रोका जा रहा है। पुलिस ने ऊपर से आदेश का हवाला देते हुए किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी।

आप नेता संजय सिंह ने कहा, कल मैंने चुनौती दी थी बीजेपी जिस आवास के बारे में झूठा प्रचार कर रही है कि सोने की टॉयलेट, मिनी बार और स्विमिंग पूल बना हुआ है। हम खोजेंगे कहां ये सारी चीजें। पूरे देश को पता चलना चाहिए। दूसरा, देश के पीएम जिन्होंने बड़े बड़े फैशन डिजाइनर को फेल कर दिया है उनका राजमहल भी देखने चलेंगे। उनके 6700 जोड़ी जूते देखने चलेंगे, 200 करोड़ का झूमर देखने चलेंगे, सोने के धागे से जो 300 करोड़ की कालीन बनाई गई है उसे भी देखने जाएंगे। 10-10 लाख का पेन भी देखने चलेंगे। राजा राजमहल में रहने वाले मोदी जी 8400 करोड़ के जहाज से चलते है, 2700 करोड़ के घर में रहते हैं। मुझे लगता है कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। पूरे देश के सामने सच्चाई आयेगी।

दरअसल, बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी पर दिल्ली के सीएम हाउस को लेकर कई आरोप लगाती रही है। इसी को लेकर उन आरोपों का खुलासा करने और सीएम हाउस में सोने का टॉयलेट, बार और स्विमिंग पूल ढूंढने के लिए आज आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह सीएम हाउस पहुंचे थे।

बता दें कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास को लेकर बीजेपी लगातार आरोप लगाती रही है। हाल ही में बीजेपी ने सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले पर हुए खर्च को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेस में सीएजी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी की ओर से 17 मार्च 2020 को एक प्रपोजल दिया था कि सीएम हाउस को रीमॉडलिंग करना होगा।

इसका मतलब केवल रिनोवेशन नहीं है, इसका मतलब था कि बिल्डिंग को गिराकर उस पर एक नया फ्लोर तैयार करना है। एक दिन के अदंर ही इस प्रपोजल को मान लिया गया. प्रपोजल में सीएम हाउस की एस्टीमेट कॉस्ट 7 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी। इसके बाद जो टेंडर निकाला गया तो वो 8 करोड़ 62 लाख रुपए का निकाला गया था। साथ ही संबित पात्रा ने कहा कि सीएम हाउस के लिए फाइनल पेमेंट 33 करोड़ 66 लाख रुपए दिया गया। कहां 7 करोड़ का एस्टीमेट और कहां 33 करोड़ रुपए दिए गए।

दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, मतों की गिनती 8 को

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दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावों का एलान हो गया है। दिल्ली में एक चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा। आठ फरवरी को मतगणना होगी।इलेक्शन कमीशन के मुखिया चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शेड्यूल जारी किया। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तारीखों की घोषणा के साथ आयोग पर लगे कई तरह के आरोपों पर भी जवाब दिया।

'दिल्ली चुनाव का पूरा कार्यक्रम'

दिल्ली में वोटिंग कब- 5 फरवरी

दिल्ली चुनाव का रिजल्ट कब- 8 फरवरी

अधिसूचना जारी कब होगी- 10 जनवरी

'उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी'

चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार नेउम्मीद जताई कि आने वाले समय में लोकतंत्र मजबूत होता रहेगा। 2024 दुनिया भर में चुनाव का साल रहा। लोकसभा में रिकॉर्ड मतदान हुआ। नया साल दिल्ली के चुनावों से शुरू हो रहा है। कहा कि हमें उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी।

'13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ'

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं। दिल्ली में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 85,49,645 हैं, जबकि 71,73,952 महिला मतदाता हैं। दिल्ली में दो लाख फर्स्ट वोटर हैं।

दिल्ली में कब होगा विधानसभा चुनाव, आज दो बजे चुनाव आयोग करेगा तारीखों का एलान

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दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी, 2025 तक का है। इससे पहले दिल्ली विधानसभा का गठन करने के लिए चुनाव होने हैं। इसके लिए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। चुनाव आयोग आज (मंगलवार) 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें वो दिल्ली में चुनाव की तारीख का ऐलान करेगा।चुनाव आयोग की ओर से विज्ञान भवन में केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव के शेड्यूल की घोषणा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है।

एक ही चरण में चुनाव होने की उम्मीद

दिल्ली चुनाव एक ही चरण में होने की उम्मीद है। संभवतः फरवरी के दूसरे हफ्ते के आसपास चुनाव हो। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की देखरेख में यह अंतिम चुनाव हो सकता है. वह 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

दिल्ली में कुल एक करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर

इस बार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा सकता है। सोमवार को ही चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। इस चुनाव में दो लाख के करीब मतदाता 18 से 19 वर्ष के हैं। वह पहली बार विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस सूची में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं।

1,67,329 नए मतदाता जुड़े

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में एक महीने में 29 अक्तूबर से 28 नवंबर तक 1,35,089 मतदाताओं ने फार्म- 6 और 83,825 ने फार्म 8 के तहत मतदाता सूचियों में नाम जुड़वाने, पता बदलने, नाम को सूची से हटाने और आपत्तियां और सुझाव के लिए आवेदन किया। चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारियों ने सभी आवेदनों को 24 दिसंबर तक सुलझा दिया। इस तरह से अंतिम मतदाता सूची जारी होने तक 3,08,942 नए नाम मतदाता सूचियों में जुड़े। 1,41,613 नाम हटाए गए। इस दौरान कुल 1,67,329 मतदाता नए जुड़े।

दिल्ली में 27 साल का सूखा खत्म कर पाएगी बीजेपी? आप का किला भेदने के लिए बनाई खास रणनीति
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* दिल्ली विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन स्टार्ट हो गया है कुछ ही दिनों में बहुत जल्द केंद्रीय निर्वाचन आयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है लेकिन उससे पहले सभी राजनीतिक दल दिल्ली में अपनी-अपनी सरकार बनाने के लिए हर जोर-आजमाइश में जुटे हुए हैं। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को लोक लुभावन योजनाओं के जरिए साधने में लगी है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव की कमान अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल ली है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या भाजपा दिल्ली में 27 साल से चला आ रहा सूखा खत्म कर पाएगी? *क़रीब तीन दशक से सत्ता से गायब बीजेपी* दिल्ली में बीजेपी क़रीब तीन दशक से सत्ता से गायब है। दिल्ली में बीजेपी ने पिछली बार साल 1993 में जीत हासिल की थी। उस वक़्त मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। 1993 में 49 सीटों पर मिली बड़ी जीत के बाद भी उस दौरान पांच साल में बीजेपी को तीन बार मुख्यमंत्री बदलने पड़े थे। बीजेपी ने पहले मदनलाल खुराना, फिर साहिब सिंह वर्मा और अंत में सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। कहा जाता है कि उस वक़्त प्याज़ की बढ़ी कीमतों के आंसू बीजेपी को लंबे वक़्त तक रुलाते रहे। बीजेपी के लिए तीन मुख्यमंत्रियों का प्रयोग ऐसा रहा कि बीते क़रीब तीन दशक से उसे दिल्ली की सत्ता नहीं मिल पाई है। *लोकसभा में सफल लेकिन विधानसभा में फेल* उसके बाद जनता ने लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाई और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। आम आदमी पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद दिल्ली में जनता ने आम आदमी पार्टी को पसंद कर लिया, लेकिन बीजेपी जैसी पुरानी पार्टी पर भरोसा नहीं जताया। दिल्ली में लगातार छह बार चुनाव हारने के बाद सातवीं बार उसे जीतने के इरादे से बीजेपी मैदान में उतर रही है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी को बीते तीन लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सीटों पर जीत मिली है। लेकिन इस दौरान विधानसभा चुनावों में पार्टी सफल नहीं हो पाई है। 70 सीटों की दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को साल 2013 में 31 सीटों पर जीत मिली। उसके बाद साल 2015 के विधानसभा चुनावों में उसे महज 3 सीटें और साल 2020 में 8 सीटों से संतोष करना पड़ा। जबकि बीते तीनों लोकसभा चुनावों यानी साल 2014, 2019 और 2024 में बीजेपी को दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत मिली ऐसे में बीजेपी ने इस बार अपनी विरोधी आम आदमी पार्टी “साफ” करने के ले खास रणनीति अपनाई है। *पीएम मोदी ने खुद संभाली कमान* इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीख़ों के ऐलान से पहले ही पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम नेता चुनावी मैदान में दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी पर 'आप-दा' कहकर हमला किया है। उन्होंने कहा है, दिल्ली में एक ही आवाज़ गूंज रही है, आप-दा नहीं सहेंगे, बदलकर रहेंगे। अब दिल्ली विकास की धारा चाहती है। जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने भी अरविंद केजरीवाल पर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को 'शीशमहल' बनाने का आरोप लगाया है। *आप के दिग्गजों को कड़ी चुनौती देने की कोशिश* यही नहीं, बीजेपी ने इस बार अपनी विरोधी आम आदमी पार्टी के दिग्गजों को कड़ी चुनौती देने के इरादे से अपने दो पूर्व सांसदों को दांव पर लगाया है। इसके अलावा पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों में से भी चार पर फिर से भरोसा जताया है। पार्टी ने इस बार आप के दिग्गज नेताओं को घेरने पर अधिक फोकस रखा है। यही वजह है कि पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपने पूर्व सांसद और जाट नेता प्रवेश वर्मा को टिकट दिया है। पार्टी को लग रहा है कि कांग्रेस के संदीप दीक्षित भी तगड़े दावेदार हैं। ऐसे में बीजेपी विरोधी वोट कांग्रेस व आप में बंट गए तो नई दिल्ली का किला बीजेपी जीत सकती है। इसी तरह से पार्टी ने वोटरों का प्रोफाइल देखकर जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवाह को टिकट दिया है। पार्टी को लग रहा है कि यहां मनीष सिसोदिया को मारवाह ही टक्कर दे सकते हैं। *स्थानीय मुद्दों पर आप का घेराव* वहीं, सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी को आम आदमी पार्टी (आप) के एक दशक लंबे शासन के खिलाफ “सत्ता विरोधी भावना” का एहसास है। इस बार भाजपा का अभियान भी बहुत स्थानीय है, जिसमें प्रधानमंत्री सीवर और जल-जमाव वाली सड़कों और डीटीसी बेड़े के बारे में बोल रहे हैं। भाजपा दिल्ली में आप के शासन मॉडल को घेरने के लिए यमुना नदी की स्थिति और राष्ट्रीय राजधानी में लगातार वायु प्रदूषण के मुद्दे पर भी जोर दे रही है। भाजपा लोगों को यह बताने की कोशिश कर रही है कि आप सीवेज सिस्टम और पानी की कमी जैसे मुख्य शासन मुद्दों पर विफल रही है और हमेशा केंद्र के साथ टकराव की मुद्रा में रहती है, जिससे दिल्ली का विकास बाधित होता है। उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों का उदाहरण देकर बीजेपी दिल्ली की जनता के सामने ये पेश करने के प्रयास में लगी है कि,दिल्ली में भी अब भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की जरुरत है। भाजपा ने आप की दो बड़ी मुफ्त बिजली योजना और पानी का बिल फ्री कराने का तोड़ निकाल लिया है। भाजपा ने दिल्ली में झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पीएम आवास की चाबी देकर इसकी शुरुआत भी कर दी है।
कैग रिपोर्ट में केजरीवाल के ‘काले कारनामों’, 'शीश महल' बनाने में उड़ाई नियमों की धज्जियां, खर्ज किए करोड़ों
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* दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर फिर चर्चा में है। दिल्‍ली चुनाव से ठीक पहले सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए। दावा किया गया कि सीएम हाउस पर तय लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम खर्च की गई। पहले ही अरविंद केजरीवाल के घर को 'शीशमहल' बता चुकी बीजेपी दिल्‍ली चुनाव के बीचे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करने में लगी है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना इजाज़त लिए इमरजेंसी क्‍लॉज का इस्तेमाल करके बंगला बनाया है। साथ ही दावा किया कि एमसीडी की इजाजत लिये बिना बंगला बनाया गया। साल 2022 तक इस बंगले पर क़रीब 33 करोड़ रुपये खर्च किया गया। कैग रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर 139 सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने निजी संस्था के तौर पर काम किया, बिना इजाज़त करोड़ रुपये बंगला बनाने के लिए खर्च किए। पहले 7 करोड़ 91 लाख का बजट इमरजेंसी के तौर पर पास किया गया था। साल 2020 में पहला वर्क स्टीमेट बना जब दिल्ली कोविड की मार झेल रहा था। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बंगले पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, कैग रिपोर्ट में 2023 और 2024 का खुलासा होना बाकी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2020 में जब दिल्ली की जनता अपने लोगों को खो रही थी। उस समय अरविंद केजरीवाल अपना शीश महल बनवा रहे थे। किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके निर्माण में अनियमितताएं बरती गईं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने 2024 में जो इन्वेंटरी घोषित की है और जो समान दिखाया है कि यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं लगाया है, वह समान कहां से आया। वह किसका पैसा है? इसका जवाब अरविंद केजरीवाल को देना होगा।
भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के बयान पर रो पड़ीं दिल्ली सीएम आतिशी, बोलीं-मेरे बीमार, बुजुर्ग पिता को दे रहे गाली
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* दिल्ली की सीएम आतिशी ने अपने पिता को लेकर हो रही बयानबाजी पर रो पड़ीं। सीएम आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मेरे बुजुर्ग पिता को गाली दी जा रही है। वो इतने बीमार रहते हैं कि बिना सहारे के चल तक नहीं पाते। रमेश बिधूड़ी अपने काम पर वोट मांगें। मेरे पिता को गाली देकर वोट नहीं मांगें। इस दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने चुनाव में बड़े घोटाले का दावा किया। आतिशी बोलीं- "मेरे पिता जिंदगी भर शिक्षक रहे, उन्होंने दिल्ली के हजारों मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग बच्चों को पढ़ाया है, आज वे 80 सालों के हो गए हैं। चुनाव के लिए बिधूड़ी ऐसी घटिया हरकत करेंगे कि बुजुर्ग व्यक्ति को गालियां देने पर उतर आएंगे। इस देश की राजनीति इतने निचले स्तर तक गिर सकती है यह मैं कभी नहीं सोच सकती थी। बिधूड़ी बताएं कि 10 साल में लोगों के लिए उन्होंने क्या किया? *बिधूड़ी ने कहा क्या था?* बीजेपी की की ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए बिधूड़ी ने कहा था कि आतिशी ने अपना सरनेम बदलकर मार्लेना से ‘सिंह’ कर लिया है। उन्होंने कहा कि कालकाजी सीट से मौजूदा विधायक आतिशी ने कुछ समय पहले अपना सरनेम हटा दिया था। बिधूड़ी ने आरोप लगाया था कि वह मार्लेना से सिंह बन गईं, उन्होंने नाम बदल लिया। केजरीवाल ने अपने बच्चों की कसम खाकर कहा था कि भ्रष्ट कांग्रेस के साथ नहीं जाउंगा, (और अब) मार्लेना ने अपना बाप बदल लिया। पहले वह मार्लेना थीं, अब वह सिंह बन गई हैं। यह उनका चरित्र है। *बीजेपी राज्य में वोटर घोटाला कर रही-आतिशी* वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़े घोटाले का दावा किया। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में घोटाला हो रहा है। नईदिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ा खेल हो रहा है। गलत तरीके से वोट काटने की साजिश हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्य में वोटर घोटाला कर रही है। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने इसकी जांच नहीं की। आतिशी ने आरोप लगाया- चुनाव आयोग, डोर टू डोर सर्वे, बूथ लेवल अधिकारी यह पता नहीं लगा पाए कि लोग शिफ्ट हो गए हैं, लेकिन इन बीजेपी लोगों ने पता लगा लिया है। जब समरी रिवीजन चल रहा था, तो मतदाताओं को क्यों नहीं शिफ्ट किया गया? आतिशी ने कहा- यह साफ है कि गलत तरीके से वोट काटने की साजिश चल रही है। 10% वोट जोड़े जाने हैं और 5% हटाए जाने हैं, यही साजिश चल रही है।
दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट, केजरीवाल के खिलाफ लड़ेंगे प्रवेश वर्मा
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भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है।भाजपा ने प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उतारा है।प्रवेश वर्मा आप के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली सूची में 29 उम्मीदवारों का नाम हैं। कालकाजी सीट से आप की उम्मीदवार दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ भाजपा ने रमेश बिधुड़ी को उतारा है। करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत चुनाव लड़ेंगे। वहीं करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया है। प्रवेश वर्मा पूर्व सांसद हैं। हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। वह दिल्ली के पूर्व सीएम और भापजा के दिग्गज नेता साहेब सिंह वर्मा के बेटे हैं। पिछले दिनों उन पर अपने आवास पर महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप लगे थे। नई दिल्ली सीट पर मुकाबला काफी कांटे का है। कांग्रेस ने अपने दिग्गज संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा हैं। संदीप दीक्षित पूर्व सांसद और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं।
दिल्ली ने ओढ़ी कोहरे की “चादर”, रफ्तार पर ब्रेक, 100 से अधिक उड़ानें रद्द

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देश में सर्दी ने अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है। देश की राजदानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर बारत ठंड से कांप रहा है।दिल्ली-एनसीआर कोहरे की चादर में लिपटे हुए हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश में भी घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। शुक्रवार को कोहरे के कारण दिल्ली के कई इलाकों में दृश्यता शून्य हो गई। कोहरे की वजह से यातायात पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। विमान और ट्रेन के मुसाफिरों पर कोहरे का कहर पड़ रही है। बीते शुक्रवार को सड़कों पर वाहन रेंगते हुए नजर आए। कोहरे के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं और शहर में शीतलहर का प्रकोप जारी है।

सबसे ज्यादा हालात आईजीआई हवाई अड्डे पर खराब रहे। यहां शनिवार सुबह विजिब्लिटी शून्य थी। ऐसे में घने कोहरे के कारण विमानों के परिचालन पर बहुत बुरा असर पड़ा है। रनवे पर विजिब्लिटी का रेंज 100 से 250 मीटर के बीच है। इस कारण सुबह सात बजे तक ही आईजीआई से उड़ान भरने वाली और लैंड करने वाली 88 फ्लाइट्स देर हो चुकी थी। इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के मुताबिक, कोहरे की वजह से 507 उड़ानें प्रभावित हुईं। इसके अलावा खराब मौसम की वजह से 15 उड़ानों को रद्द तक करना पड़ा है।

रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह में दिल्ली पहुंचने वाली वंदेभारत और राजधानी सहित 30 से अधिक ट्रेनें एक घंटे से अधिक की देरी से चल रही हैं। ये अभी शनिवार दोपहर एक बजे तक का शेड्यूल है। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली स्टेशन पर आने वाली कम से कम 18 ट्रेनें एक घंटे से अधिक की देरी से चल रही हैं। आनंद विहार टर्मिनल पहुंचने वाली कम से कम 9 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। वहीं नई दिल्ली स्टेशन पहुंचने वाली 30 से अधिक ट्रेनें एक घंटे से अधिक देरी से चल रही हैं। इनमें वंदेभारत और राजधानी ट्रेनें भी शामिल हैं। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर पहुंचने वाली कम से कम 24 ट्रेनें एक घंटे से अधिक देरी से चल रही हैं।

ठंड के बीच बारिश के आसार

मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ निचले से ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों पर बना हुआ है। इसके कारण 5-6 जनवरी को राजधानी दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तराखंड में गरज के साथ छिटपुट से लेकर मध्यम बारिश, बिजली गिरने की संभावना है। इसके अलावा 4 से 6 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और 5 से 6 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।

छाया रहेगा घना कोहरा

मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ इलाकों और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में देर रात और सुबह के समय बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है। हिमाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, असम और मेघालय के कुछ इलाकों में भी घना कोहरा छाया रहेगा। शनिवार को उत्तरी मध्य प्रदेश, बिहार के कुछ इलाकों, असम और मेघालय में भी कोहरा छाए रहने की संभावना है।

कितना रहेगा तापमान

मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों में हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है। अगले 24 घंटों के दौरान मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की भी संभावना नहीं है। उसके बाद 2-3 दिनों में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। वहीं, अगले 5 दिनों के दौरान गुजरात राज्य को छोड़कर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है, जहां अगले 3 दिनों के दौरान कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा और उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी।