/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1731842629357826.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1731842629357826.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1731842629357826.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1731842629357826.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1731842629357826.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1731842629357826.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1724612300762373.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1724612300762373.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1724612300762373.png StreetBuzz s:what
WhatsApp पर एक क्लिक और सारे राज दफन, नहीं खोल पाएगा कोई पोल

आपके वॉट्सऐप पर कुछ पर्सनल चैट्स हैं जिन्हें आप छिपाना चाहते हैं. तो ये आप आसानी से कर सकते हैं. आपके वॉट्सऐप पर एक फीचर है जिसकी मदद से आपकी प्राइवेट चैट भी हाइड हो जाएगी. इसके बाद कोई आपकी चैट नहीं देख पाएगा. कई बार फैमिली, दोस्त या पार्टनर फोटो-वीडियो क्लिक या सेंड करने के लिए फोन मांग ही लेते हैं. ऐसे सारे राज खुलकर उनके साथ सामने आ सकते हैं. इन्हें हाइड करके रखने का यहीं सबसे आसान तरीका है.

वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर

ऐप में वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर मिलता है. इस फीचर को ज्यादातर लोगों ने देखा होगा. लेकिन यूज नहीं किया. इस फीचर का काम आपकी प्राइवेट चैट पर लॉक लगाना है.

अगर फोन किसी और के हाथ में और आपसे दूर है तो कोई भी इस चैट को नहीं खोल पाएगा. यहां जानें कि आप इस फीचर को किस तरह से यूज कर सकते हैं. कैसे प्राइवेट लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड सेट कर सकते हैं.

WhatsApp चैट को हाइड करने का प्रोसेस

वॉट्सऐप चैट को हाइड करना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें. इसके लिए उस चैट पर लॉन्ग प्रेस करें. चैट सलेक्ट करने के बाद ऊपर की तरफ राइड साइड में बनी थ्री डॉट पर क्लिक करें. .

इसके बाद Lock Chat वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. इस ऑप्शन पर जाने के बाद कंफर्म करें. फोन में फिंगरप्रिंट लॉक लगा या पिन दोनों में से जो लॉक सेट है. वो वॉट्सऐप चैट लॉक पर भी सेट करें.

आप पासवर्ड अलग-अलग रख सकते हैं.

कंफर्म करते ही चैट डायरेक्ट लॉक्ड चैट फोल्डर में पहुंच जाएगी. ये आपके फोन के पिन या फिंगरप्रिंट सेंसर से ही ओपन होगा.

ध्यान रहे कि अगर आपके फोन का पिन या पैटर्न किसी दूसरे को पता है तो आप लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड क्रिएट कर सकते हैं. इस सीक्रेट कोड को डाले बिना कोई इस फोल्डर तक नहीं पहुंच पाएगा.

लॉक्ड चैट फोल्डर हाइड

सीक्रेट कोड के अलावा आप अपने लॉक्ड चैट के फोल्डर को भी चैट लिस्ट से गायब कर सकते हैं. फोल्डर और चैट हाइड होने के बाद लॉक्ड चैट को सर्च करने के लिए सर्चबार में अपना सीक्रेट कोड डालना होगा. सीक्रेट कोड डालते ही लॉक्ड चैट का फोल्डर शो हो जाएगा.

नो डिटेंशन पॉलिसी' क्या था वो नियम जिसे केन्द्र सरकार ने किया खत्म? तमिलनाडु ने किया विरोध

#whatisthenodetentionpolicyforclasses5thand8th

5वीं से लेकर 8वीं क्लास में फेल होने वाले बच्चों को अब अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' (No Detention Policy) खत्म कर दी है। पहले इस नियम के तहत फेल होने वाले छात्रों को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। नए नियम के तहत अब उनको फेल ही माना जायेगा। पास होने के लिए उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। जब तक वे पास नहीं होते, तब तक उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा।

नो-डिटेंशन पॉलिसी क्या है?

शिक्षा के अधिकार अधिनियम यानी राइट टू एजुकेशन (आरटीई) में नो-डिटेंशन पॉलिसी का जिक्र है। इसके मुताबिक, किसी भी छात्र को तब तक फेल या स्कूल से निकाला नहीं जा सकता, जब तक वह क्लास 1 से 8 तक की प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता। यानी अगर कोई बच्चा क्लास 8 तक परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे अगली क्लास में प्रमोट करने का प्रावधान है।

ये पॉलिसी क्यों रखी गई थी?

साल 2010-11 से 8वीं क्लास तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद बच्चों को फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। ताकि बच्चों में हीन भावना न आए या वो सुसाइड जैसा कदम न उठा लें। कमजोर बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह बेसिक एजुकेशन हासिल कर सके।

कैसे बनी ये पॉलिसी?

जुलाई 2018 में लोकसभा में राइट टु एजुकेशन को संशोधित करने के लिए बिल पेश किया गया था। इसमें स्कूलों में लागू ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म करने की बात थी। 2019 में ये बिल राज्य सभा में पास हुआ। इसके बाद ये कानून बन गया। राज्य सरकारों को ये हक था कि वो ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' हटा सकते हैं या लागू रख सकते हैं। यानी राज्य सरकार ये फैसला ले सकती थीं कि 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्रों को प्रमोट किया जाए या क्लास रिपीट करवाई जाए।

पॉलिसी से क्या हुई दिक्कत?

इस पॉलिसी से शिक्षा के लेवल में धीरे धीरे गिरावट आने लगी. यानी बच्चे बिना पढ़े और मेहनत किए अगली क्लास में पहुंच जाते थे. इसका सीधा असर बोर्ड एग्जाम में देखा जा सकता था. इसलिए काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया. इस पॉलिसी से बच्चों में लापरवाही बढ़ी, उन्हें फेल होने का डर नहीं रहा.

खत्म होने का किस पर होगा असर?

यह बदलाव केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे 3,000 से ज़्यादा स्कूलों पर लागू होता है, जिसमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल शामिल हैं, लेकिन राज्यों को इस नीति को अपनाने या अस्वीकार करने की आजादी है। शिक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, "चूंकि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। पहले ही 16 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेश कक्षा 5 और 8 के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' से बाहर हो चुके हैं।"

विरोध में आया तमिलनाडु

तमिलनाडु में 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को आगे प्रमोट किया जाता रहेगा. इस पर राज्य सरकार ने रोक नहीं लगाई है। इस बीच स्कूली शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने कहा कि राज्य में कक्षा 8 तक ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ का पालन जारी रहेगा।मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन नहीं करता है और केंद्र के इस फैसले से तमिलनाडु के स्कूलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, सिवाय उन स्कूलों के जो केंद्र सरकार के दायरे में आते हैं।

वर्ष 2024-25 के लिए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार का द्वितीय अनुपूरक बजट विधानसभा में पारित हुआ। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट आज विधानसभा में पारित किया गया। आज पारित हुए अनुपूरक बजट को मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 01 लाख 55 हजार 580 करोड़ रूपए का हो गया है। इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 1 लाख 47 हजार 446 करोड़, प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए और द्वितीय अनुपूरक बजट का 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए शामिल है।
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है। सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी की गारंटी के अनुरूप सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक में राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय को अमल में लाते हुए 8 लाख हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए पहली किस्त जारी की जा चुकी है। श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में 5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी। हमारी सरकार ने खरीफ वर्ष 2023 में रिकार्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से किसानों को 13 हजार 320 करोड़ रूपए भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को राशि का भुगतान सरकार जल्द करेगी। 
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के जवाब में कहा कि हम लोग सरकार बनने के तीसरे महीने से ही महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं। यह योजना राज्य की महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखेगी। इस योजना की लाभार्थी महिलाओं को ग्रामीण विकास बैंक द्वारा महतारी सशक्तीकरण योजना के माध्यम से 9 प्रतिशत ब्याज पर 25 हजार रूपए का लोन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वनांचलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 4000 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया है। राज्य के साढ़े 12 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों को राजमोहिनी देवी तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बीमा का लाभ मिल रहा है। उनके लिए चरण पादुका योजना दोबारा शुरू कर रहे हैं। 
 
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि राज्य शासन तेज आर्थिक और सुधारवादी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ स्थापना के 25वें वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप मनाया जाएगा। इसके तहत अधोसंरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क, पुल, अस्पतालों और रेल लाईनों में पूंजीगत व्यय के लिए पर्याप्त राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 30 हजार करोड़ रूपए के सड़कों का काम आगे बढ़ रहा है। इनमें 4 राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के साथ ही रायपुर के सरोना चौक, तेलीबांधा चौक और धनेली में फ्लाई ओवर के निर्माण शामिल है। श्री चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के अधोसंरचना की मजबूती के लिए भी हम पर्याप्त राशि दे रहे हैं। गीदम, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा और मनेन्द्रगढ़ में 4 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 1280 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 232 करोड़, सिम्स बिलासपुर के लिए 700 करोड़ और अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए 109 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं।
 
अनुपूरक बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के साथ सुधारवादी बजट लेकर आए हैं। तीसरे अनुपूरक बजट में प्रावधानित 806 करोड़ रूपए में से 508 करोड़ रूपए पूंजीगत व्यय के लिए और 298 करोड़ रूपए राजस्व व्यय के लिए है। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 250 करोड़ रूपए, नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास के लिए 200 करोड़ रूपए और मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। 
 
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि द्वितीय अनुपूरक बजट मेें घरेलू विमान सेवा (उड़ान योजना) के लिए 25 करोड़ रूपए, हस्तशिल्प उत्पादों को राजधानी रायपुर में एक जगह उपलब्ध कराने के लिए बनाए जा रहे यूनिटी मॉल के 19 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में चित्रोत्पला फिल्म सिटी, बस्तर ओलंपिक, नियद नेल्लानार, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पीएम जनमन योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं के लिए भी प्रमुखता से प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाओं को जॉब-सीकर्स (JOB-SEEKER) से जॉब-क्रिएटर्स (JOB-CREATERS)  बनाने और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के लिए नई औद्योगिक नीति में जोर दिया गया है।
गया पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत 02 मोबाईल बरामद कर वास्तविक धारक को सौंपा गया: एसएसपी

गया। बिहार के गया में गया एसएसपी आशीष भारती ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि गया पुलिस के द्वारा गया जिले में ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुम-चोरी हुए मोबाईल फोन की बरामदगी कर उसके वास्तविक धारक को सौंपा जा रहा है।

इसी क्रम में आज कुल 02 मोबाईल बरामद कर उनके वास्तविक धारक को सौंपा गया है। एसएसपी ने बताया कि जनवरी 2023 से 30 नवंबर 2024 तक कुल 752 मोबाईल एक करोड़ पच्चास लाख चालीस हजार का बरामद कर वितरण किया जा चुका है।

अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट आई सामने, जानें क्या हुआ खुलासा

देश के बहुचर्चित अतुल सुभाष सुसाइड केस में एक के बाद एक ऐसी जानकारियां सामने आ रही हैं, जो कि सच में हैरान कर देने वाली हैं. 24 पन्नों के सुसाइड नोट, वीडियो, घर में लटके लेटर के बाद अब अतुल और पत्नी निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट सामने आई है. इमें अतुल अपनी बीवी निकिता से बेटे व्योम के बारे में बात करते दिखे. लेकिन निकिता ने पहले तो अतुल को कोई रिप्लाई नहीं दिया. फिर बाद में सिर्फ एक रिप्लाई दिया, वो भी ऐसा जिससे पता चलता है कि वो अतुल को उसके बेटे से बात तक नहीं करने दिया जाता था.

WhatsApp चैट 2021 की है. उस समय निकिता अपने बेटे व्योम के साथ जौनपुर में थी. अतुल ने आरोप लगाया था कि साढ़े तीन साल तक निकिता ने उसे बेटे से बात नहीं करने दी. न ही उसका चेहरा दिखाया. चैट में अतुल ने हर बार यही लिखा- फ्री हो तो बाबू के साथ कॉल करवा दो. रोज-रोज अतुल मैसेज करते लेकिन निकिता उन्हें रिप्लाई नहीं करती. फिर एक दिन 26 जून को निकिता ने लिखा- नहीं कराएंगे वीडियो कॉल.

अतुल ने इस बारे में बेटे व्योम को जो लेटर लिखा है, उसमें भी जिक्र किया है. अतुल ने कहा- मैं अपने बेटे की शक्ल तक देखने के लिए तरसता रहा. मैं उसकी शक्ल तक भूल गया हूं. फोटो देखता हूं तभी उसका चेहरा याद आता है. बेटे को औजार बनाकर निकिता और उसके घर वाले मुझसे पैसे ऐंठ रहे हैं. लेकिन जब मैं रहूंगा ही नहीं तो कौन उन्हें पैसे देगा. जब मैं मर जाऊंगा तो न ही पैसे देने की जरूरत पड़ेगी. न ही वो लोग मेरे मम्मी पापा को परेशान कर पाएंगे.

बेटे के नाम एक खत

इसके साथ ही अतुल ने बेटे को लिखा- बेटा एक न एक दिन अपने पापा को जरूर समझोगे. तुम किसी पर भी भरोसा मत करना. सभी तुम्हारा इस्तेमाल कर रहे हैं. मैं तुम्हें एक गिफ्ट दे रहा हूं. लेकिन इसे तभी खोलना जब साल 2038 आएगा. अतुल ने तो बेटे के लिए कार खरीदने के लिए पैसे भी जोड़ने शुरू कर दिए थे. सुसाइड नोट के मुताबिक, अतुल इस हद तक टूट गया था कि उसे मौत को गले लगाना ही एक सॉल्यूशन लगा.

बेटे को देखने के लिए तरस गए

अतुल के भाई विकास सुभाष ने भी बताया कि अतुल की शादी 2019 में हुई थी. उनकी पत्नी और उसके पूरे परिवार ने उन्हें कई संगीन झूठे मामलों में फंसाया था. साल 2021 में ही भाभी निकिता अपने बेटे अपने साथ लेकर चली गई थी. उसके बाद से अतुल ने कभी अपने बेटे को नहीं देखा. अंतिम समय तक वो बेटे से मिलने के लिए तरसता रहा. इससे अतुल बहुत परेशान रहने लगे थे.

डिप्रेशन की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. पुलिस ने अतुल के परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है. जब पुलिस निकिता के घर पहुंची तो उसका परिवार फरार था. बताया जा रहा है कि निकिता दिल्ली में है. जल्द ही सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, उनमें निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुनील शामिल हैं.

Best AI Powered Social Media Management Tool

 

In today’s hyper-connected world, social media has become an indispensable tool for businesses, influencers, and individuals alike. Managing multiple social media platforms can be overwhelming, but advanced tools like Posttely are here to revolutionize the way we handle social media management.Whether you are a marketer aiming to grow your brand, an influencer striving to boost your engagement, or a business seeking a seamless online presence, Posttely offers a one-stop solution to all your social media needs.

About Posttely

Posttely, founded by Pintu Burman, is a next-generation social media management platform designed to empower users to manage their digital footprints effortlessly. Pintu Burman envisioned Posttely as more than just a tool—it’s a complete ecosystem for creating, curating, and optimizing content across platforms.

From its inception, Posttely has aimed to bridge the gap between creativity and strategy, ensuring that users can focus on their content while the tool handles the complexities of scheduling, analytics, and audience engagement.

Key Features of Posttely

Posttely boasts a suite of powerful features tailored to meet the diverse needs of its users. Let’s dive into what makes this platform a top choice:

1. Multi-Platform Integration

Posttely supports seamless integration with all leading social media platforms, including Facebook, Instagram, Twitter, LinkedIn, and more. With a single dashboard, users can connect, monitor, and manage multiple accounts simultaneously.

2. Advanced Content Scheduling

Stay ahead of the game by scheduling posts days, weeks, or even months in advance. Posttely ensures that your content is published at the optimal time to maximize audience reach and engagement.

3. Analytics and Reporting

Measure the success of your campaigns with detailed analytics. Posttely provides insights into audience behavior, engagement rates, and post performance, helping you make data-driven decisions to refine your social media strategies.

4. Team Collaboration

For businesses and agencies, collaboration is key. Posttely allows team members to work together on content creation, approval workflows, and campaign management, ensuring smooth coordination and efficiency.

5. Template Library and Design Tools

No design experience? No problem! Posttely offers a library of professionally designed templates that you can customize to suit your brand’s needs. These tools make it easy to create stunning visuals that captivate your audience.

6. Post Previews Across Platforms

Consistency matters. With Posttely’s post preview feature, you can see exactly how your posts will appear on different platforms before hitting publish.

7. AI-Driven Suggestions

Leverage the power of AI to identify trending hashtags, suggest engaging keywords, and recommend content ideas that align with your target audience’s preferences.

8. Content Calendar

Plan and visualize your content strategy with Posttely’s interactive content calendar. This feature ensures that you never miss an important event or promotional opportunity.

9. Customer Support and Resources

Posttely offers unparalleled customer support, with a team available to assist users 24/7. Additionally, the platform includes a wealth of resources like tutorials, webinars, and blogs to help users get the most out of their experience.

Why Choose Posttely?

Posttely is more than just a tool—it’s a partner in your social media journey. Here’s why thousands of users trust Posttely:

Ease of Use: The intuitive interface makes it accessible for both beginners and professionals.

Customizable Plans: Tailor the platform to suit your unique requirements, from small businesses to enterprise-level operations.

Constant Innovation: Regular updates ensure that Posttely stays ahead of the curve, adapting to new trends and platform updates.

Affordability: Posttely provides a cost-effective solution without compromising on quality or features.

Who Can Benefit from Posttely?

Posttely is designed for a wide range of users, including:

Small Businesses: Boost your brand visibility and connect with your audience without hiring a full-time social media manager.

Marketing Agencies: Manage multiple client accounts efficiently with Posttely’s collaborative tools.

Content Creators and Influencers: Focus on creating great content while Posttely handles scheduling and analytics.

Enterprises: Streamline large-scale social media campaigns and foster team collaboration across departments.

Explore Posttely

Ready to elevate your social media game? Posttely has everything you need to stay organized, save time, and achieve your goals.

Visit Posttely's Website today to learn more about its features, pricing, and how it can transform your social media strategy. Experience the difference with Posttely—a tool designed to empower you to succeed.

https://www.posttely.com/

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

#mamatabanerjeetoleadindiablocwhatotherparties_says

हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, क्यों हो रही इसे पूरी तरह से रद्द करने की मांग ?

#whatisplacesofworship_act

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991, भारत सरकार द्वारा पारित एक ऐतिहासिक कानून है, जिसका उद्देश्य धार्मिक स्थलों के मामलों में सांप्रदायिक सौहार्द और स्थिरता बनाए रखना था। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी धार्मिक स्थल की धार्मिक स्थिति, जैसा कि 15 अगस्त 1947 को था, वैसी ही बनी रहे। इस एक्ट के तहत, धार्मिक स्थलों के स्वरूप, स्थिति, या स्वरूप में बदलाव करने पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि धार्मिक स्थलों को लेकर किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो। 

एक्ट का उद्देश्य

इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य यह था कि किसी भी धार्मिक स्थल को बदलने या उसमें किसी प्रकार के विवाद को जन्म देने की संभावना को समाप्त किया जाए। इसका लागू होने के बाद, जो भी धार्मिक स्थल 15 अगस्त 1947 को जिस रूप में था, वही उसकी स्थिति मानी जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी मस्जिद, मंदिर या चर्च का रूप तब कुछ था, तो उसे बदलने का प्रयास अब कानूनी रूप से अवैध होगा। 

यह कानून विशेष रूप से उन विवादों को रोकने के लिए लाया गया था जो ऐतिहासिक रूप से धार्मिक स्थलों के आसपास उत्पन्न होते रहे थे, जैसे कि बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद। इसका उद्देश्य समाज में धार्मिक तनाव को कम करना और सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच भाईचारे और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बढ़ावा देना था। 

क्यों हो रही है रद्द करने की मांग?

हालांकि इस कानून के निर्माण का उद्देश्य समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखना था, लेकिन वर्तमान में कई समूहों और राजनेताओं द्वारा इसे पूरी तरह से रद्द करने की मांग की जा रही है। इन मांगों के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:

1. धार्मिक स्थलों का ऐतिहासिक विवाद: कई लोग यह मानते हैं कि इस एक्ट के कारण कुछ धार्मिक स्थलों से जुड़े ऐतिहासिक विवादों का समाधान नहीं हो पा रहा है। उदाहरण के लिए, कुछ स्थानों पर यह सवाल उठता है कि क्या वहां पहले कोई मंदिर था या मस्जिद, और इस एक्ट के कारण इन विवादों को कानूनी रूप से निपटाने में समस्या आ रही है।

2. धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रश्न: कुछ धार्मिक और राजनीतिक समूहों का यह मानना है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है। उनका कहना है कि अगर किसी धार्मिक स्थल के ऐतिहासिक संदर्भ में बदलाव हुआ हो, तो उसके बारे में कानूनी रूप से विवाद न सुलझाना किसी धर्म या संस्कृति के अनुयायियों के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

3. राजनीतिक और सामाजिक दबाव: कुछ समूहों का तर्क है कि इस एक्ट का प्रयोग राजनीतिक दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, कुछ समूहों का कहना है कि यह कानून उन धार्मिक स्थानों के इतिहास को दबाने में मदद करता है, जो उनके अनुसार अस्वीकार्य हैं। यह विचारधारात्मक और राजनीतिक संघर्षों के कारण विवाद का कारण बन सकता है।

4. भविष्य के विवादों को हल करने में दिक्कतें: इस एक्ट के कारण, भविष्य में किसी भी धार्मिक स्थल से जुड़े विवादों का समाधान करने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि यह कानून किसी भी परिवर्तन की अनुमति नहीं देता है। इसे लेकर कुछ लोग यह महसूस करते हैं कि यह विवादों को सुलझाने के बजाय और बढ़ा सकता है।

क्या हो सकता है आगे?

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर चल रही बहस और विरोध के बावजूद, यह कानून अभी तक कायम है। हालांकि, इस पर चर्चा और आलोचना लगातार जारी है। अगर इसे पूरी तरह से रद्द किया जाता है, तो इससे भविष्य में धार्मिक स्थलों के विवादों के समाधान के तरीकों में बदलाव हो सकता है, और शायद इसे लेकर नई कानूनी पहल की आवश्यकता महसूस हो सकती है। यह कहना मुश्किल है कि इस एक्ट को पूरी तरह से रद्द किया जाएगा या नहीं, लेकिन इसे लेकर भविष्य में और अधिक राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक विमर्श की संभावना बनी रहेगी।

अमित शाह से क्यों मिलीं प्रियंका गांधी, एमपी बनने के बाद मुलाकात के क्या हैं मायने?

#priyankagandhiwhatdemandamit_shah

प्रियंका गांधी केरल के वायनाड से सांसद चुनीं गई हैं। इसी चल रहे शीतकालीन सत्र में ही उन्होंने सांसद पद की शपथ ली है। सांसद चुने जाने के बाद प्रियंका एक्शन में दिख रही हैं। बाढ़ से अस्त-व्यस्त हो चुके केरल के वायनाड को उबारने के लिए प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं। इसी क्रम में प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड के स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर संसद में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

2221 करोड़ का रिलीफ फंड की मांग

केरल के वायनाड में 30 जुलाई को भारी बारिश के बीच भूस्खलन हुआ था, जिससे बड़े इलाके में तबाही मच गई थी। इस लैंडस्लाइड में हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए और सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। उन्हीं पीड़ित लोगों के लिए वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने विशेष पैकेज के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान 21 और सांसद मौजूद थे। प्रियंका ने अमित शाह से वायनाड के लिए 2221 करोड़ का रिलीफ फंड जारी करने की मांग की है।

गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया

प्रियंका गांधी ने बताया कि वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर हमने ये अमित शाह से मुलाकात की है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वहां जो स्थिति है, उससे हमने उन्हें अवगत कराया है। उन्हें बताया है कि वहां क्या-क्या हुआ है और लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। लोगों के पास कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं बचा है। पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका ने कहा कि गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया है।

प्रियंका की अपील- राजनीति को परे रखते हुए मदद करें

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपील की है कि राजनीति को परे रखते हुए वहां लोगों की जितनी मदद की जाए वो करें। हमने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री भी वायनाड गए थे। उन्होंने वहां के पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी। अब उन लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री आए थे तो जरूर कुछ मदद मिलेगी।

केन्द्र ने ठुकरायी राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

बता दें कि जुलाई-अगस्त के महीने में केरल के वायनाड को भयावह बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इस बाढ़ की वजह से करीब 400 लोगों की जान जा चुकी है। केरल सरकार ने वायनाड के इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने इसे ठुकरा दिया था। केरल सरकार का कहना था कि बिना राष्ट्रीय आपदा घोषित किए यहां राहत और पुनर्वास का काम आसान नहीं है। केरल सरकार ने इसके लिए केंद्र से 2 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी।

यह मुलाकात इस वजह से भी अहम कही जा सकती है क्योंकि गांधी परिवार की तरफ से केंद्र सरकार के किसी मंत्री और खास और पर गृह मंत्री से अपने लोकसभा क्षेत्र को लेकर इस तरह की मुलाकातें कम ही याद आती है।

बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा क्वार्टरों से हटाया गया अवैध कब्जा
बोकारो


बोकारो - जिले में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को मुक्त कराने के लिए बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, सेक्टर 12 ए और सेक्टर 9 में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को हटाया गया है। बोकारो स्टील सुरक्षा विभाग के जवानों ने घरों में रखे सभी सामानों को बाहर निकालने का काम किया और घरों में ताला बंद कर अपने कब्जे में लिया। बोकारो स्टील के सभी सेक्टरों में हजारों क्वार्टरों में अवैध कब्जा कर लोग रह रहे हैं। इस दौरान बोकारो स्टील डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकारियों से कब्जा मुक्त करने को लेकर लगातार कार्रवाई जारी है।


       ज्ञात हो कि बोकारो स्टील प्लांट के सभी सेक्टर में सैकड़ो की संख्या में लोग क्वार्टर में कब्जा कर अवैध तरीके से रह रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन का मानना है कि ऐसे में आपराधिक तत्व के लोग भी इन क्वार्टरों में रहकर अपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित होते हैं और घटना को अंजाम देकर भाग जाते हैं जिसका पता लगाना काफी कठिन हो जाता है। इसलिए इस प्रकार के अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।
WhatsApp पर एक क्लिक और सारे राज दफन, नहीं खोल पाएगा कोई पोल

आपके वॉट्सऐप पर कुछ पर्सनल चैट्स हैं जिन्हें आप छिपाना चाहते हैं. तो ये आप आसानी से कर सकते हैं. आपके वॉट्सऐप पर एक फीचर है जिसकी मदद से आपकी प्राइवेट चैट भी हाइड हो जाएगी. इसके बाद कोई आपकी चैट नहीं देख पाएगा. कई बार फैमिली, दोस्त या पार्टनर फोटो-वीडियो क्लिक या सेंड करने के लिए फोन मांग ही लेते हैं. ऐसे सारे राज खुलकर उनके साथ सामने आ सकते हैं. इन्हें हाइड करके रखने का यहीं सबसे आसान तरीका है.

वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर

ऐप में वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर मिलता है. इस फीचर को ज्यादातर लोगों ने देखा होगा. लेकिन यूज नहीं किया. इस फीचर का काम आपकी प्राइवेट चैट पर लॉक लगाना है.

अगर फोन किसी और के हाथ में और आपसे दूर है तो कोई भी इस चैट को नहीं खोल पाएगा. यहां जानें कि आप इस फीचर को किस तरह से यूज कर सकते हैं. कैसे प्राइवेट लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड सेट कर सकते हैं.

WhatsApp चैट को हाइड करने का प्रोसेस

वॉट्सऐप चैट को हाइड करना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें. इसके लिए उस चैट पर लॉन्ग प्रेस करें. चैट सलेक्ट करने के बाद ऊपर की तरफ राइड साइड में बनी थ्री डॉट पर क्लिक करें. .

इसके बाद Lock Chat वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. इस ऑप्शन पर जाने के बाद कंफर्म करें. फोन में फिंगरप्रिंट लॉक लगा या पिन दोनों में से जो लॉक सेट है. वो वॉट्सऐप चैट लॉक पर भी सेट करें.

आप पासवर्ड अलग-अलग रख सकते हैं.

कंफर्म करते ही चैट डायरेक्ट लॉक्ड चैट फोल्डर में पहुंच जाएगी. ये आपके फोन के पिन या फिंगरप्रिंट सेंसर से ही ओपन होगा.

ध्यान रहे कि अगर आपके फोन का पिन या पैटर्न किसी दूसरे को पता है तो आप लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड क्रिएट कर सकते हैं. इस सीक्रेट कोड को डाले बिना कोई इस फोल्डर तक नहीं पहुंच पाएगा.

लॉक्ड चैट फोल्डर हाइड

सीक्रेट कोड के अलावा आप अपने लॉक्ड चैट के फोल्डर को भी चैट लिस्ट से गायब कर सकते हैं. फोल्डर और चैट हाइड होने के बाद लॉक्ड चैट को सर्च करने के लिए सर्चबार में अपना सीक्रेट कोड डालना होगा. सीक्रेट कोड डालते ही लॉक्ड चैट का फोल्डर शो हो जाएगा.

नो डिटेंशन पॉलिसी' क्या था वो नियम जिसे केन्द्र सरकार ने किया खत्म? तमिलनाडु ने किया विरोध

#whatisthenodetentionpolicyforclasses5thand8th

5वीं से लेकर 8वीं क्लास में फेल होने वाले बच्चों को अब अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' (No Detention Policy) खत्म कर दी है। पहले इस नियम के तहत फेल होने वाले छात्रों को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। नए नियम के तहत अब उनको फेल ही माना जायेगा। पास होने के लिए उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। जब तक वे पास नहीं होते, तब तक उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा।

नो-डिटेंशन पॉलिसी क्या है?

शिक्षा के अधिकार अधिनियम यानी राइट टू एजुकेशन (आरटीई) में नो-डिटेंशन पॉलिसी का जिक्र है। इसके मुताबिक, किसी भी छात्र को तब तक फेल या स्कूल से निकाला नहीं जा सकता, जब तक वह क्लास 1 से 8 तक की प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता। यानी अगर कोई बच्चा क्लास 8 तक परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे अगली क्लास में प्रमोट करने का प्रावधान है।

ये पॉलिसी क्यों रखी गई थी?

साल 2010-11 से 8वीं क्लास तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद बच्चों को फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। ताकि बच्चों में हीन भावना न आए या वो सुसाइड जैसा कदम न उठा लें। कमजोर बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह बेसिक एजुकेशन हासिल कर सके।

कैसे बनी ये पॉलिसी?

जुलाई 2018 में लोकसभा में राइट टु एजुकेशन को संशोधित करने के लिए बिल पेश किया गया था। इसमें स्कूलों में लागू ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म करने की बात थी। 2019 में ये बिल राज्य सभा में पास हुआ। इसके बाद ये कानून बन गया। राज्य सरकारों को ये हक था कि वो ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' हटा सकते हैं या लागू रख सकते हैं। यानी राज्य सरकार ये फैसला ले सकती थीं कि 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्रों को प्रमोट किया जाए या क्लास रिपीट करवाई जाए।

पॉलिसी से क्या हुई दिक्कत?

इस पॉलिसी से शिक्षा के लेवल में धीरे धीरे गिरावट आने लगी. यानी बच्चे बिना पढ़े और मेहनत किए अगली क्लास में पहुंच जाते थे. इसका सीधा असर बोर्ड एग्जाम में देखा जा सकता था. इसलिए काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया. इस पॉलिसी से बच्चों में लापरवाही बढ़ी, उन्हें फेल होने का डर नहीं रहा.

खत्म होने का किस पर होगा असर?

यह बदलाव केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे 3,000 से ज़्यादा स्कूलों पर लागू होता है, जिसमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल शामिल हैं, लेकिन राज्यों को इस नीति को अपनाने या अस्वीकार करने की आजादी है। शिक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, "चूंकि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। पहले ही 16 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेश कक्षा 5 और 8 के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' से बाहर हो चुके हैं।"

विरोध में आया तमिलनाडु

तमिलनाडु में 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को आगे प्रमोट किया जाता रहेगा. इस पर राज्य सरकार ने रोक नहीं लगाई है। इस बीच स्कूली शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने कहा कि राज्य में कक्षा 8 तक ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ का पालन जारी रहेगा।मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन नहीं करता है और केंद्र के इस फैसले से तमिलनाडु के स्कूलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, सिवाय उन स्कूलों के जो केंद्र सरकार के दायरे में आते हैं।

वर्ष 2024-25 के लिए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार का द्वितीय अनुपूरक बजट विधानसभा में पारित हुआ। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट आज विधानसभा में पारित किया गया। आज पारित हुए अनुपूरक बजट को मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 01 लाख 55 हजार 580 करोड़ रूपए का हो गया है। इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 1 लाख 47 हजार 446 करोड़, प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए और द्वितीय अनुपूरक बजट का 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए शामिल है।
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है। सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी की गारंटी के अनुरूप सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक में राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय को अमल में लाते हुए 8 लाख हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए पहली किस्त जारी की जा चुकी है। श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में 5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी। हमारी सरकार ने खरीफ वर्ष 2023 में रिकार्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से किसानों को 13 हजार 320 करोड़ रूपए भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को राशि का भुगतान सरकार जल्द करेगी। 
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के जवाब में कहा कि हम लोग सरकार बनने के तीसरे महीने से ही महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं। यह योजना राज्य की महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखेगी। इस योजना की लाभार्थी महिलाओं को ग्रामीण विकास बैंक द्वारा महतारी सशक्तीकरण योजना के माध्यम से 9 प्रतिशत ब्याज पर 25 हजार रूपए का लोन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वनांचलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 4000 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया है। राज्य के साढ़े 12 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों को राजमोहिनी देवी तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बीमा का लाभ मिल रहा है। उनके लिए चरण पादुका योजना दोबारा शुरू कर रहे हैं। 
 
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि राज्य शासन तेज आर्थिक और सुधारवादी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ स्थापना के 25वें वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप मनाया जाएगा। इसके तहत अधोसंरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क, पुल, अस्पतालों और रेल लाईनों में पूंजीगत व्यय के लिए पर्याप्त राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 30 हजार करोड़ रूपए के सड़कों का काम आगे बढ़ रहा है। इनमें 4 राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के साथ ही रायपुर के सरोना चौक, तेलीबांधा चौक और धनेली में फ्लाई ओवर के निर्माण शामिल है। श्री चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के अधोसंरचना की मजबूती के लिए भी हम पर्याप्त राशि दे रहे हैं। गीदम, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा और मनेन्द्रगढ़ में 4 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 1280 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 232 करोड़, सिम्स बिलासपुर के लिए 700 करोड़ और अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए 109 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं।
 
अनुपूरक बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के साथ सुधारवादी बजट लेकर आए हैं। तीसरे अनुपूरक बजट में प्रावधानित 806 करोड़ रूपए में से 508 करोड़ रूपए पूंजीगत व्यय के लिए और 298 करोड़ रूपए राजस्व व्यय के लिए है। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 250 करोड़ रूपए, नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास के लिए 200 करोड़ रूपए और मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। 
 
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि द्वितीय अनुपूरक बजट मेें घरेलू विमान सेवा (उड़ान योजना) के लिए 25 करोड़ रूपए, हस्तशिल्प उत्पादों को राजधानी रायपुर में एक जगह उपलब्ध कराने के लिए बनाए जा रहे यूनिटी मॉल के 19 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में चित्रोत्पला फिल्म सिटी, बस्तर ओलंपिक, नियद नेल्लानार, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पीएम जनमन योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं के लिए भी प्रमुखता से प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाओं को जॉब-सीकर्स (JOB-SEEKER) से जॉब-क्रिएटर्स (JOB-CREATERS)  बनाने और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के लिए नई औद्योगिक नीति में जोर दिया गया है।
गया पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत 02 मोबाईल बरामद कर वास्तविक धारक को सौंपा गया: एसएसपी

गया। बिहार के गया में गया एसएसपी आशीष भारती ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि गया पुलिस के द्वारा गया जिले में ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुम-चोरी हुए मोबाईल फोन की बरामदगी कर उसके वास्तविक धारक को सौंपा जा रहा है।

इसी क्रम में आज कुल 02 मोबाईल बरामद कर उनके वास्तविक धारक को सौंपा गया है। एसएसपी ने बताया कि जनवरी 2023 से 30 नवंबर 2024 तक कुल 752 मोबाईल एक करोड़ पच्चास लाख चालीस हजार का बरामद कर वितरण किया जा चुका है।

अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट आई सामने, जानें क्या हुआ खुलासा

देश के बहुचर्चित अतुल सुभाष सुसाइड केस में एक के बाद एक ऐसी जानकारियां सामने आ रही हैं, जो कि सच में हैरान कर देने वाली हैं. 24 पन्नों के सुसाइड नोट, वीडियो, घर में लटके लेटर के बाद अब अतुल और पत्नी निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट सामने आई है. इमें अतुल अपनी बीवी निकिता से बेटे व्योम के बारे में बात करते दिखे. लेकिन निकिता ने पहले तो अतुल को कोई रिप्लाई नहीं दिया. फिर बाद में सिर्फ एक रिप्लाई दिया, वो भी ऐसा जिससे पता चलता है कि वो अतुल को उसके बेटे से बात तक नहीं करने दिया जाता था.

WhatsApp चैट 2021 की है. उस समय निकिता अपने बेटे व्योम के साथ जौनपुर में थी. अतुल ने आरोप लगाया था कि साढ़े तीन साल तक निकिता ने उसे बेटे से बात नहीं करने दी. न ही उसका चेहरा दिखाया. चैट में अतुल ने हर बार यही लिखा- फ्री हो तो बाबू के साथ कॉल करवा दो. रोज-रोज अतुल मैसेज करते लेकिन निकिता उन्हें रिप्लाई नहीं करती. फिर एक दिन 26 जून को निकिता ने लिखा- नहीं कराएंगे वीडियो कॉल.

अतुल ने इस बारे में बेटे व्योम को जो लेटर लिखा है, उसमें भी जिक्र किया है. अतुल ने कहा- मैं अपने बेटे की शक्ल तक देखने के लिए तरसता रहा. मैं उसकी शक्ल तक भूल गया हूं. फोटो देखता हूं तभी उसका चेहरा याद आता है. बेटे को औजार बनाकर निकिता और उसके घर वाले मुझसे पैसे ऐंठ रहे हैं. लेकिन जब मैं रहूंगा ही नहीं तो कौन उन्हें पैसे देगा. जब मैं मर जाऊंगा तो न ही पैसे देने की जरूरत पड़ेगी. न ही वो लोग मेरे मम्मी पापा को परेशान कर पाएंगे.

बेटे के नाम एक खत

इसके साथ ही अतुल ने बेटे को लिखा- बेटा एक न एक दिन अपने पापा को जरूर समझोगे. तुम किसी पर भी भरोसा मत करना. सभी तुम्हारा इस्तेमाल कर रहे हैं. मैं तुम्हें एक गिफ्ट दे रहा हूं. लेकिन इसे तभी खोलना जब साल 2038 आएगा. अतुल ने तो बेटे के लिए कार खरीदने के लिए पैसे भी जोड़ने शुरू कर दिए थे. सुसाइड नोट के मुताबिक, अतुल इस हद तक टूट गया था कि उसे मौत को गले लगाना ही एक सॉल्यूशन लगा.

बेटे को देखने के लिए तरस गए

अतुल के भाई विकास सुभाष ने भी बताया कि अतुल की शादी 2019 में हुई थी. उनकी पत्नी और उसके पूरे परिवार ने उन्हें कई संगीन झूठे मामलों में फंसाया था. साल 2021 में ही भाभी निकिता अपने बेटे अपने साथ लेकर चली गई थी. उसके बाद से अतुल ने कभी अपने बेटे को नहीं देखा. अंतिम समय तक वो बेटे से मिलने के लिए तरसता रहा. इससे अतुल बहुत परेशान रहने लगे थे.

डिप्रेशन की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. पुलिस ने अतुल के परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है. जब पुलिस निकिता के घर पहुंची तो उसका परिवार फरार था. बताया जा रहा है कि निकिता दिल्ली में है. जल्द ही सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, उनमें निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुनील शामिल हैं.

Best AI Powered Social Media Management Tool

 

In today’s hyper-connected world, social media has become an indispensable tool for businesses, influencers, and individuals alike. Managing multiple social media platforms can be overwhelming, but advanced tools like Posttely are here to revolutionize the way we handle social media management.Whether you are a marketer aiming to grow your brand, an influencer striving to boost your engagement, or a business seeking a seamless online presence, Posttely offers a one-stop solution to all your social media needs.

About Posttely

Posttely, founded by Pintu Burman, is a next-generation social media management platform designed to empower users to manage their digital footprints effortlessly. Pintu Burman envisioned Posttely as more than just a tool—it’s a complete ecosystem for creating, curating, and optimizing content across platforms.

From its inception, Posttely has aimed to bridge the gap between creativity and strategy, ensuring that users can focus on their content while the tool handles the complexities of scheduling, analytics, and audience engagement.

Key Features of Posttely

Posttely boasts a suite of powerful features tailored to meet the diverse needs of its users. Let’s dive into what makes this platform a top choice:

1. Multi-Platform Integration

Posttely supports seamless integration with all leading social media platforms, including Facebook, Instagram, Twitter, LinkedIn, and more. With a single dashboard, users can connect, monitor, and manage multiple accounts simultaneously.

2. Advanced Content Scheduling

Stay ahead of the game by scheduling posts days, weeks, or even months in advance. Posttely ensures that your content is published at the optimal time to maximize audience reach and engagement.

3. Analytics and Reporting

Measure the success of your campaigns with detailed analytics. Posttely provides insights into audience behavior, engagement rates, and post performance, helping you make data-driven decisions to refine your social media strategies.

4. Team Collaboration

For businesses and agencies, collaboration is key. Posttely allows team members to work together on content creation, approval workflows, and campaign management, ensuring smooth coordination and efficiency.

5. Template Library and Design Tools

No design experience? No problem! Posttely offers a library of professionally designed templates that you can customize to suit your brand’s needs. These tools make it easy to create stunning visuals that captivate your audience.

6. Post Previews Across Platforms

Consistency matters. With Posttely’s post preview feature, you can see exactly how your posts will appear on different platforms before hitting publish.

7. AI-Driven Suggestions

Leverage the power of AI to identify trending hashtags, suggest engaging keywords, and recommend content ideas that align with your target audience’s preferences.

8. Content Calendar

Plan and visualize your content strategy with Posttely’s interactive content calendar. This feature ensures that you never miss an important event or promotional opportunity.

9. Customer Support and Resources

Posttely offers unparalleled customer support, with a team available to assist users 24/7. Additionally, the platform includes a wealth of resources like tutorials, webinars, and blogs to help users get the most out of their experience.

Why Choose Posttely?

Posttely is more than just a tool—it’s a partner in your social media journey. Here’s why thousands of users trust Posttely:

Ease of Use: The intuitive interface makes it accessible for both beginners and professionals.

Customizable Plans: Tailor the platform to suit your unique requirements, from small businesses to enterprise-level operations.

Constant Innovation: Regular updates ensure that Posttely stays ahead of the curve, adapting to new trends and platform updates.

Affordability: Posttely provides a cost-effective solution without compromising on quality or features.

Who Can Benefit from Posttely?

Posttely is designed for a wide range of users, including:

Small Businesses: Boost your brand visibility and connect with your audience without hiring a full-time social media manager.

Marketing Agencies: Manage multiple client accounts efficiently with Posttely’s collaborative tools.

Content Creators and Influencers: Focus on creating great content while Posttely handles scheduling and analytics.

Enterprises: Streamline large-scale social media campaigns and foster team collaboration across departments.

Explore Posttely

Ready to elevate your social media game? Posttely has everything you need to stay organized, save time, and achieve your goals.

Visit Posttely's Website today to learn more about its features, pricing, and how it can transform your social media strategy. Experience the difference with Posttely—a tool designed to empower you to succeed.

https://www.posttely.com/

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

#mamatabanerjeetoleadindiablocwhatotherparties_says

हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, क्यों हो रही इसे पूरी तरह से रद्द करने की मांग ?

#whatisplacesofworship_act

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991, भारत सरकार द्वारा पारित एक ऐतिहासिक कानून है, जिसका उद्देश्य धार्मिक स्थलों के मामलों में सांप्रदायिक सौहार्द और स्थिरता बनाए रखना था। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी धार्मिक स्थल की धार्मिक स्थिति, जैसा कि 15 अगस्त 1947 को था, वैसी ही बनी रहे। इस एक्ट के तहत, धार्मिक स्थलों के स्वरूप, स्थिति, या स्वरूप में बदलाव करने पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि धार्मिक स्थलों को लेकर किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो। 

एक्ट का उद्देश्य

इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य यह था कि किसी भी धार्मिक स्थल को बदलने या उसमें किसी प्रकार के विवाद को जन्म देने की संभावना को समाप्त किया जाए। इसका लागू होने के बाद, जो भी धार्मिक स्थल 15 अगस्त 1947 को जिस रूप में था, वही उसकी स्थिति मानी जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी मस्जिद, मंदिर या चर्च का रूप तब कुछ था, तो उसे बदलने का प्रयास अब कानूनी रूप से अवैध होगा। 

यह कानून विशेष रूप से उन विवादों को रोकने के लिए लाया गया था जो ऐतिहासिक रूप से धार्मिक स्थलों के आसपास उत्पन्न होते रहे थे, जैसे कि बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद। इसका उद्देश्य समाज में धार्मिक तनाव को कम करना और सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच भाईचारे और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बढ़ावा देना था। 

क्यों हो रही है रद्द करने की मांग?

हालांकि इस कानून के निर्माण का उद्देश्य समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखना था, लेकिन वर्तमान में कई समूहों और राजनेताओं द्वारा इसे पूरी तरह से रद्द करने की मांग की जा रही है। इन मांगों के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:

1. धार्मिक स्थलों का ऐतिहासिक विवाद: कई लोग यह मानते हैं कि इस एक्ट के कारण कुछ धार्मिक स्थलों से जुड़े ऐतिहासिक विवादों का समाधान नहीं हो पा रहा है। उदाहरण के लिए, कुछ स्थानों पर यह सवाल उठता है कि क्या वहां पहले कोई मंदिर था या मस्जिद, और इस एक्ट के कारण इन विवादों को कानूनी रूप से निपटाने में समस्या आ रही है।

2. धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रश्न: कुछ धार्मिक और राजनीतिक समूहों का यह मानना है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है। उनका कहना है कि अगर किसी धार्मिक स्थल के ऐतिहासिक संदर्भ में बदलाव हुआ हो, तो उसके बारे में कानूनी रूप से विवाद न सुलझाना किसी धर्म या संस्कृति के अनुयायियों के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

3. राजनीतिक और सामाजिक दबाव: कुछ समूहों का तर्क है कि इस एक्ट का प्रयोग राजनीतिक दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, कुछ समूहों का कहना है कि यह कानून उन धार्मिक स्थानों के इतिहास को दबाने में मदद करता है, जो उनके अनुसार अस्वीकार्य हैं। यह विचारधारात्मक और राजनीतिक संघर्षों के कारण विवाद का कारण बन सकता है।

4. भविष्य के विवादों को हल करने में दिक्कतें: इस एक्ट के कारण, भविष्य में किसी भी धार्मिक स्थल से जुड़े विवादों का समाधान करने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि यह कानून किसी भी परिवर्तन की अनुमति नहीं देता है। इसे लेकर कुछ लोग यह महसूस करते हैं कि यह विवादों को सुलझाने के बजाय और बढ़ा सकता है।

क्या हो सकता है आगे?

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर चल रही बहस और विरोध के बावजूद, यह कानून अभी तक कायम है। हालांकि, इस पर चर्चा और आलोचना लगातार जारी है। अगर इसे पूरी तरह से रद्द किया जाता है, तो इससे भविष्य में धार्मिक स्थलों के विवादों के समाधान के तरीकों में बदलाव हो सकता है, और शायद इसे लेकर नई कानूनी पहल की आवश्यकता महसूस हो सकती है। यह कहना मुश्किल है कि इस एक्ट को पूरी तरह से रद्द किया जाएगा या नहीं, लेकिन इसे लेकर भविष्य में और अधिक राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक विमर्श की संभावना बनी रहेगी।

अमित शाह से क्यों मिलीं प्रियंका गांधी, एमपी बनने के बाद मुलाकात के क्या हैं मायने?

#priyankagandhiwhatdemandamit_shah

प्रियंका गांधी केरल के वायनाड से सांसद चुनीं गई हैं। इसी चल रहे शीतकालीन सत्र में ही उन्होंने सांसद पद की शपथ ली है। सांसद चुने जाने के बाद प्रियंका एक्शन में दिख रही हैं। बाढ़ से अस्त-व्यस्त हो चुके केरल के वायनाड को उबारने के लिए प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं। इसी क्रम में प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड के स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर संसद में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

2221 करोड़ का रिलीफ फंड की मांग

केरल के वायनाड में 30 जुलाई को भारी बारिश के बीच भूस्खलन हुआ था, जिससे बड़े इलाके में तबाही मच गई थी। इस लैंडस्लाइड में हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए और सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। उन्हीं पीड़ित लोगों के लिए वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने विशेष पैकेज के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान 21 और सांसद मौजूद थे। प्रियंका ने अमित शाह से वायनाड के लिए 2221 करोड़ का रिलीफ फंड जारी करने की मांग की है।

गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया

प्रियंका गांधी ने बताया कि वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर हमने ये अमित शाह से मुलाकात की है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वहां जो स्थिति है, उससे हमने उन्हें अवगत कराया है। उन्हें बताया है कि वहां क्या-क्या हुआ है और लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। लोगों के पास कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं बचा है। पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका ने कहा कि गृह मंत्री ने सकारात्मक भरोसा दिया है।

प्रियंका की अपील- राजनीति को परे रखते हुए मदद करें

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपील की है कि राजनीति को परे रखते हुए वहां लोगों की जितनी मदद की जाए वो करें। हमने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री भी वायनाड गए थे। उन्होंने वहां के पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी। अब उन लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री आए थे तो जरूर कुछ मदद मिलेगी।

केन्द्र ने ठुकरायी राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

बता दें कि जुलाई-अगस्त के महीने में केरल के वायनाड को भयावह बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इस बाढ़ की वजह से करीब 400 लोगों की जान जा चुकी है। केरल सरकार ने वायनाड के इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने इसे ठुकरा दिया था। केरल सरकार का कहना था कि बिना राष्ट्रीय आपदा घोषित किए यहां राहत और पुनर्वास का काम आसान नहीं है। केरल सरकार ने इसके लिए केंद्र से 2 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी।

यह मुलाकात इस वजह से भी अहम कही जा सकती है क्योंकि गांधी परिवार की तरफ से केंद्र सरकार के किसी मंत्री और खास और पर गृह मंत्री से अपने लोकसभा क्षेत्र को लेकर इस तरह की मुलाकातें कम ही याद आती है।

बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा क्वार्टरों से हटाया गया अवैध कब्जा
बोकारो


बोकारो - जिले में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को मुक्त कराने के लिए बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, सेक्टर 12 ए और सेक्टर 9 में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को हटाया गया है। बोकारो स्टील सुरक्षा विभाग के जवानों ने घरों में रखे सभी सामानों को बाहर निकालने का काम किया और घरों में ताला बंद कर अपने कब्जे में लिया। बोकारो स्टील के सभी सेक्टरों में हजारों क्वार्टरों में अवैध कब्जा कर लोग रह रहे हैं। इस दौरान बोकारो स्टील डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकारियों से कब्जा मुक्त करने को लेकर लगातार कार्रवाई जारी है।


       ज्ञात हो कि बोकारो स्टील प्लांट के सभी सेक्टर में सैकड़ो की संख्या में लोग क्वार्टर में कब्जा कर अवैध तरीके से रह रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन का मानना है कि ऐसे में आपराधिक तत्व के लोग भी इन क्वार्टरों में रहकर अपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित होते हैं और घटना को अंजाम देकर भाग जाते हैं जिसका पता लगाना काफी कठिन हो जाता है। इसलिए इस प्रकार के अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।