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संसद ही सर्वोच्च…,न्यायपालिका की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराई बात


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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक बार फिर भारत के संविधान में निर्धारित शासन व्यवस्था के ढांचे के भीतर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक "अधिकारों के अतिक्रमण" की आलोचना की और दोहराया कि "संसद ही सर्वोच्च है"।

संविधान में संसद से ऊपर कोई नहीं-धनखड़

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि संविधान के तहत किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की बात हमेशा राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवैधानिक पद सिर्फ औपचारिक या दिखावटी होते हैं, लेकिन यह गलत सोच है। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी संस्था की कल्पना नहीं की गई है। संसद सबसे सर्वोच्च है।

लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका-धनखड़

धनखड़ ने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

लोकतंत्र में चुप रहना खतरनाक है-धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है। अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए। हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें। देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई थी चिंता

यहां, उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया। हालांकि, साफ है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना करने वालों पर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, शासकीय कार्य करेंगे और ‘‘सुपर संसद’’ के रूप में कार्य करेंगे।

बिल नहीं लाते तो संसद भवन भी...’वक्फ संशोधन विधेयक पर किरेन रिजिजू का जोरदार तर्क


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वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया।केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू प्रश्नकाल के बाद दोपहर इसे सदन में चर्चा के लिए पेश किया। किरेन रिजिजू ने संसद में बिल पेश करने के दौरान मुसलमानों को भरोसा दिलाया कि किसी भी मस्जिद पर कोई कार्रवाई का प्रावधान इस बिल में नहीं है। ये सिर्फ संपत्ति का मामला है धार्मिक संस्थानों से इस बिल का कोई लेना देना नहीं है। इसके अलावा रिजिजू ने बिल के पक्ष में जोरदार तर्क पेश करते हुए कहा कि अगर यह बिल नहीं लाया जाता, तो वक्फ बोर्ड की मनमानी के चलते संसद भवन जैसी अहम संपत्ति भी वक्फ की संपत्ति घोषित हो सकती थीं।

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का मकसद वक्फ बोर्ड के धार्मिक कार्यों में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि उसकी संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली के एयरपोर्ट और वसंत विहार जैसे इलाकों पर भी दावा ठोका था, जो इसकी अनियंत्रित शक्तियों को दर्शाता है।

किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने पार्लियामेंट की जो बिल्डिंग है, उसे भी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया था। साल 2013 में मुझे इस बात पर बहुत आश्चर्य हुआ कि इसे कैसे जबरन पारित किया गया। 2013 में वक्फ अधिनियम में प्रावधान जोड़े जाने के बाद दिल्ली में 1977 से एक मामला चल रहा था, जिसमें सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन सहित कई संपत्तियां शामिल थीं। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन पर वक्फ संपत्ति होने का दावा किया था। मामला अदालत में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने सारी जमीन को डीनोटिफाई करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया।

केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर नरेंद्र मोदी जी की सरकार नहीं होती, हम संशोधन नहीं लाते तो जिस जगह हम बैठे हैं, वह भी वक्फ की संपत्ति होती। यूपीए की सरकार होती तो पता नहीं कितनी संपत्तियां डिनोटिफाई होतीं। उन्होंने कहा, मैं कुछ भी अपने मन से नहीं बोल रहा हूं। ये सब रिकॉर्ड की बात है।

रिजिजू ने बिल की तैयारी में व्यापक परामर्श का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी बिल पर इतनी बड़ी संख्या में याचिकाएं नहीं आईं जितनी इस बिल के लिए आई हैं। 284 डेलिगेशन ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने अपनी बात रखी। 25 राज्यों के वक्फ बोर्डों ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। नीति निर्माताओं, विद्वानों और विशेषज्ञों ने भी कमेटी के समक्ष अपने विचार रखे। उनका कहना था कि इस बिल को सकारात्मक सोच के साथ देखने वाले लोग इसका समर्थन करेंगे, भले ही वे पहले विरोध में रहे हों। रिजिजू ने इसे गरीब मुस्लिमों के हित में एक कदम बताया, जिससे उनकी संपत्तियों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होगा।

आज लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयकः भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने व्हिप जारी किया, घमासान तय


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केंद्र सरकार आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश करने जा रही है। दोपहर 12 बजे बिल पेश होने के बाद 8 घंटे चर्चा का समय तय किया गया है। 4 घंटे 40 मिनट एनडीए के सांसद अपनी बात रखेंगे, बाकी वक्त विपक्षी सांसदों को दिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू चर्चा की शुरुआत करेंगे। बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने अपने सांसदों की लिए व्हिप जारी किया है।

वक्फ बिल पर महाभारत जारी है। विपक्ष ने कहा कि चर्चा 12 घंटे होनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिल पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर अपने एजेंडे को थोपने और विपक्षी सदस्यों की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया।

सदन में नंबर गेम से ऐसा लगता है कि सरकार इसे पास करा लेगी। हालांकि, विपक्ष अपनी एकजुटता के भरोसे इसे फेल करने का दावा कर रहा है। विपक्ष को उम्मीद है कि वे इसे पास करने से रोक देंगे। वहीं, सरकार इसे पास कराने की पूरी तैयारी कर चुकी है। जदयू-टीडीपी जैसे एनडीए के सहयोगियों का भी साथ मिल चुका है, जो पहले अन्य मुद्दों पर अलग रुख रखा करते थे।

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

सूत्रों के मुताबिक, वक्फ की पुरानी संपत्तियों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी. साथ ही बोर्ड में 2 गैर मुस्लिम होंगे और वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे. इसके अलावा कलेक्टर की जगह जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त होगा. वहीं, 5 साल इस्लाम मानने वाला ही संपत्ति वक्फ कर सकता है. 2025 से पहले तक जो संपत्ति वक्फ की है, उसकी ही रहेगी, जो ट्रस्ट धर्मार्थ कार्य में हैं उस पर कानून लागू नहीं होगा.

जेपीसी ने करीब छह महीने विधेयक पर किया मंथन

केंद्र ने इस विधेयक को पिछले साल अगस्त को लोकसभा के सामने रखा था। बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया। जेपीसी ने करीब छह महीने तक विधेयक पर मिले संशोधन के सुझावों पर विचार किया और 27 जनवरी को इसे फिर से संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। एक महीने बाद ही केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस विधेयक पर मुहर लगा दी।  

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

अब सरकार ने बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिर में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने का फैसला लिया है। इसके जरिए सरकार वक्फ कानून, 1995 में संशोधन करना चाहती है। फिलहाल इसी कानून के तहत देश में वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन होता है। हालांकि, सरकार अब वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर ढंग से अंजाम देना चाहती है। साथ ही इनसे जुड़े विवादों को भी जल्द सुलझाना चाहती है।

*সেবাশ্রয় শিবিরে নারী দিবস উদ্‌যাপন*

Khabar kolkata News Desk : তৃণমূল কংগ্রেসের সর্বভারতীয় সাধারণ সম্পাদক তথা ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায়ের নির্দেশে, শনিবার মহেশতলার সেবাশ্রয় শিবিরে আন্তর্জাতিক নারী দিবস উদ্‌যাপনের মধ্য দিয়ে, স্বাস্থ্য পরিষেবায় নারীদের পরিশ্রম ও পরিষেবাকে সম্মানিত করা হল।

শিবিরে উপস্থিত মহিলা চিকিৎসক, স্বাস্থ্যকর্মী এবং রোগীদের পুষ্প, স্মারক ও উত্তরীয় প্রদান করা হয় তাঁদের অক্লান্ত পরিশ্রম এবং পরিষেবার জন্য। অনুষ্ঠানে একটি সংক্ষিপ্ত বক্তব্যে, যেখানে তাঁদের অমূল্য অবদানগুলির প্রতি শ্রদ্ধাজ্ঞাপন করা হয়। বক্তারা বিভিন্ন ক্ষেত্রে নারীদের গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকার উপর জোর দেন এবং তাঁদের প্রচেষ্টার জন্য ধারাবাহিক স্বীকৃতি এবং সমর্থনের গুরুত্বও তুলে ধরেন।

সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় এক্স-এ পোস্ট করেন:" I salute our mothers, sisters and daughters - not just from the halls of Parliament, but from classrooms, hospitals, boardrooms and homes. Your courage reshapes policies, your voices strengthen our democracy and your leadership inspires generations. Today, we honour your resilience and the countless ways you have shaped our nation's story. Your voices matter not just today, but every day."

ছবি সৌজন্যে I-PAC

अमृतपाल सिंह की संसद सदस्यता पर संकट, जानें पूरा मामला

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खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह ने जेल से बाहर आने और संसद सत्र में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या उनकी सीट को रिक्त घोषित करने के लिए किसी कमेटी का गठन किया गया है या नहीं। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने किसी भी अंतरिम आदेश को जारी करने से इनकार कर दिया है।

पंजाब के खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संसद के चल रहे सत्र में भाग लेने की मांग की।अमृतपाल सिंह ने याचिका में कहा है कि जेल में बंद होने की वजह से वह संसद की कार्यवाही में भाग नहीं ले पा रहे हैं और उन्हें अनुपस्थित रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा यह है कि उनके संसदीय क्षेत्र को प्रतिनिधित्व से वंचित रखा जाए और 60 दिनों की अनुपस्थिति के बाद उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी जाए।

इसके साथ ही अमृतपाल ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करने की अनुमति भी मांगी है, ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याओं और विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकें। उनका कहना है कि वे एक निर्वाचित सांसद हैं और इस नाते उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के साथ संवाद करने का पूरा अधिकार है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक अपनी याचिका में सांसद ने कहा है कि लोकसभा के महासचिव की ओर से जारी समन के मुताबिक उनकी उपस्थिति जरूरी है और कहा कि उनकी गैरहाजिरी उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्हें अप्रैल 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में हिरासत में रखा गया है। उन्होंने जेल से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। लेकिन पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार अब तक उनकी उपस्थिति केवल दो फीसदी है।

बता दें कि अनुच्छेद 101(4) के मुताबिक यदि संसद के किसी भी सदन का कोई सदस्य साठ दिनों की अवधि के लिए सदन की अनुमति के बिना सदन की सभी बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो सदन उसकी सीट को रिक्त घोषित कर सकता है। हालाकि 60 दिनों में वह अवधि शामिल नहीं है, जिसके दौरान सदन को चार दिनों से अधिक लगातार स्थगित किया जाता है या स्थगित किया जाता है। प्रभावी रूप से, अनुपस्थिति की अवधि की गणना केवल संसद की वास्तविक बैठकों के आधार पर की जाती है।

राज्यसभा में वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश, मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया फर्जी, कहा- हम नहीं मानेंगे

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संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है। राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई। राज्यसभा में जेपीसी रिपोर्ट मेधा कुलकर्णी ने पेश की। रिपोर्ट पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इससे कई सदस्य असहमत हैं। खरगे ने जेपीसी की रिपोर्च को फर्जी और अलोकतांत्रिक करार दिया।

खरगे ने कहा- असंसदीय रिपोर्ट

राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, विपक्ष की ओर से जो सुझाव दिए गए थे उनको कंसीडर ही नहीं किया गया। नॉन स्टेक होल्डर को बाहर से बुलाकर उनका स्टेक ले रहे हैं। क्या हम पढ़े-लिखे नहीं हैं। जानकार नहीं हैं। डिसेंट नोट पर आपको बोलना चाहिए था। ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम कभी नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि बाहर से सदस्यों को आमंत्रित कर बयान दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसी असंसदीय रिपोर्ट को सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। खरगे ने कहा कि अगर रिपोर्ट में असहमति के स्वर को जगह नहीं दी गई है तो ऐसी स्थिति में इसे अस्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को हर हाल में वापस किया जाना चाहिए।

टीएमसी ने राज्यसभा का किया वॉकआउट*

वहीं, टीएमसी ने वक्फ पर जेपीसी रिपोर्ट टेबल करने के दौरान वॉक आउट किया। टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि ये लोकतंत्र में कैसे होगा कि आपने हमारे डिसेंट को नोट नहीं लिया। राज्य सभा में पेश कर दिया। इसलिए हमने विरोध किया कि यह रिपोर्ट जल्दबाजी में आई है।

संसद में आज नया आयकर बिल होगा पेश, पर जेपीसी रिपोर्ट भी आएगी, हंगामे के आसार*
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संसद का बजट सत्र जारी है। आज बजट सत्र के 10वें दिन की कार्यवाही होगी। कुछ देर बार नया इनकम टैक्स बिल संसद में पेश क‍िया जाना है। नए इनकम टैक्स बिल का मकसद मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 को आम आदमी के ल‍िए आसान बनाना और मुकदमेबाजी कम करना है। मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में लागू होने के बाद से अब तक 66 बजट (दो अंतरिम बजट सहित) में काफी बदलाव देख चुका है। नया इनकम टैक्स बिल को लेकर तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इस बिल का ड्राफ्ट भी जारी हो गया है। नए इनकम टैक्स बिल में 536 धाराएं और 23 चैप्टर हैं। मौजूदा कानून में 14 अनुसूचियां हैं जो नए कानून में बढ़कर 16 हो जाएंगी। नए बिल में चैप्टर की संख्या 23 ही रखी गई है। पेजों की संख्या काफी कम होकर 622 हो गई है, जो वर्तमान भारी-भरकम कानून का लगभग आधा है, जिसमें पिछले छह दशकों में किए गए संशोधन शामिल हैं। जब इनकम टैक्स कानून 1961 लाया गया था, तो इसमें 880 पेज थे। लोकसभा में बिल पेश किए जाने के बाद इसे विस्तृत चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजे जाने की संभावना है। प्रस्तावित कानून में कर विवादों के मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए नये प्रावधान किए गए हैं। *आज वक्फ बोर्ड पर जेपीसी रिपोर्ट भी होगी पेश* इसके अलावा, लोकसभा में आज वक्फ बोर्ड पर जेपीसी रिपोर्ट भी पेश होगी। इस दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखी जाएगी। लोकसभा की कार्यवाही सूची के मुताबिक, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल विधेयक से संबंधित रिपोर्ट और साक्ष्यों का रिकॉर्ड सदन के पटल पर रखेंगे। यह रिपोर्ट राज्यसभा के पटल पर भी रखी जाएगी। *वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पर क्या बोले जगदम्बिका पाल?* समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, 'आज जेपीसी और वक्फ की रिपोर्ट को लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यसूची पर रखा है, जिसे आज हम प्रस्तुत करने जा रहे हैं। छह महीने पहले जब सरकार इस बिल पर संशोधन लेकर आई थी, तब केंद्रीय मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आग्रह किया था कि इस बिल पर विस्तार से चर्चा की जाए, क्योंकि यह देश का ज्वलंत मुद्दा है। आज जेपीसी ने पूरे छह महीने में कई बैठकों और सभी राज्यों के दौरे के बाद रिपोर्ट तैयार की है।
आज लोकसभा में पेश हो सकता है नया इनकम टैक्स बिल, अमेरिका से भेजे गए भारतीयों के मुद्दे पर हंगामे के आसार
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* आज संसद में बजट सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही होगी। लोकसभा में आज नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जा सकता है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस बिल को मंजूरी दे दी। यह बिल टैक्सेशन सिस्टम में सुधार के लिए एक बड़ा सुधार ला सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद आज संसद कार्यवाही का पहला दिन है। ऐसे में सदन की कार्वाही में दिल्ली चुनाव के नतीजों का असर देखने को मिल सकता है। बीजेपी के सदस्य जहां नए जोश से लबरेज नजर आएंगे, वहीं विपक्ष के नेता थोड़े मायूस होंगे। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से हंगामा जारी रहने के आसार हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीयों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है। वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है, जिसमें श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है।
लोकसभा में राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा, बोले-मेक इन इंडिया फेल

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लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लिया।राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इसमें नया कुछ नहीं। राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। राष्ट्रपति का अभिभाषण वैसा नहीं था, जैसा होना चाहिए था। ये अभिभाषण अलग होना चाहिए। मैं यहां कुछ वैकल्पिक बातें बता रहा हूं और ऐसा अभिभाषण हो सकता था। इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई हमले किए।

रिलायंस, अडाणी, टाटा सब बढे पर तेज नहीं- राहुल

राहुल ने कहा कि पिछले 60 सालों में सबसे कम इंफ्रास्टक्चर हुआ है, तो इस सवाल का जवाब क्या है, युवाओं को क्या बताएंगे? कोई भी देश दो चीजों पर चलता है कंज्प्शन और प्रोडक्शन, 1990 से सभी सरकारों ने कंज्प्शन पर अच्छा काम किया। रिलायंस, अडाणी, टाटा, महिंद्रा सभी तेजी से बढ़े लेकिन ओवरऑल देश का विकास नहीं हुआ। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि युवाओं के रोजगार के मसले पर सरकारें गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पूर्व की यूपीए सरकार हो या फिर मौजूदा पीएम मोदी की सरकार दोनों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया को सफल बनाने का प्रयास नहीं किया-राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया योजना अच्छी थी लेकिन, सच्चाई यह है कि यह योजना पूरी तरह विफल साबित हुई है। रोजगार के मसले पर इस सरकार की योजना साफ नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं करा रहा हूं। मैं नहीं कहूंगा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए प्रयास नहीं किया, लेकिन वो इसमें असफल रहे।

भारत में मोबाइल फोन बनते नहीं, असेंबल हो रहे-राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट आई है। उन्होंने मोबाइल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत में मोबाइल फोन बन नहीं रहे हैं। यहां ये असेंबल हो रहे हैं। मोबाइल का हर एक पार्ट चीन से आता है और अपने यहां उसे केवल असेंबल किया जाता है।

दुनिया आज पूरी तरह से बदल रही है

राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया आज पूरी तरह से बदल रही है। बदलाव जो हो रहा है कि दुनिया ईवी की तरफ बढ़ रही है, हम पेट्रोल से बैट्री की तरफ जा रहे हैं। सोलर और न्यूक्लियर एनर्जी की तरफ जा रहे हैं। ये बदलाव वॉर फेयर, एजुकेशन समेत हर जगह बदल रहा है। आखिरी बार हमने कंप्यूटर क्रांति देखी थी। कांग्रेस सरकार ने सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट पर ध्यान दिया था। मुझे याद है कि उस समय लोग हंस रहे थे। वाजपेयी ने भी कहा था कि कंप्यूटर का भारत में कोई भविष्य नहीं है।

यूक्रेन में युद्ध लड़ा जा रहा है, ईवी और इंजन से- राहुल गांधी

लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध लड़ा जा रहा है, ईवी और इंजन से है। इलेक्ट्रिक मोटर ड्रोन में है, इंजन टैंक में है। देखिए आज यूक्रेन में क्या हो रहा है टैंक का खात्मा हो रहा है लेकिन ड्रोन कमाल कर रहा है। ड्रोन पूरे टैंक को ध्वस्त कर रहा है। ड्रोन इलेक्ट्रिक मोटर है, ये बैट्री है। इलेक्ट्रिक कार और रोबॉट्स भी इलेक्ट्रिक मोटर है। चार तरह की तकनीक पूरी दुनिया को ड्राइव कर रही है, इलेक्ट्रिक मोटर, बैट्री, ऑप्टिकस, एआई।

दुनिया के बदलावों पर सरकार सजग नहीं- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया के बदलावों पर सरकार सजग नहीं है। चीन भारत से 10 साल आगे है, बैट्री, मोटर, ऑप्टिक से। राष्ट्रपति के अभिभाषण में युवाओं के लिए क्या था। जब हम अमेरिका की बात करते हैं तो हम अपने विदेश मंत्री को अपने पीएम को विदेशी मुद्दे पर बुलाने के लिए अमेरिका नहीं भेजते हैं। हम उन्हें ये जाकर नहीं कहते कि हमारे पीएम को बुलाइए। अगर हमारे पास प्रोडक्शन सिस्टम होता तो हम उनको मजबूर करते कि वो आकर हमारे पीएम को बुलाते।

बजट सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार, महाकुंभ में मची भगदड़ पर जवाब मांग रहा विपक्ष

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बजट सत्र 2025 का आज तीसरा दिन है। संसद में जारी बजट सत्र के तीसरे दिन इस वक्‍त कुंभ भगदड़ को लेकर जोरदार हंगामा जारी है। विपक्षी नेता कुंभ में भगदड़ को चर्चा कराना चाहते हैं। सत्‍ता पक्ष अभी इसके लिए तैयार नहीं है।लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। विपक्ष महाकुंभ में हादसे को लेकर चर्चा करना चाहता है। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।

लोकसभा स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रपति ने कुंभ हादसे का भी जिक्र किया है उनके अभिभाषण पर चर्चा के दौरान इसपर बहस की जा सकती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में नारेबाजी करने वाले विपक्षी दलों के सांसदों से कहा कि यदि जनता ने उन्हें नारे लगाने के लिए भेजा है जो यही काम करें या फिर कार्यवाही चलने दें।

विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘शेम शेम’ के नारे लगाए। बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने इस घटना में मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बताया।

संसद ही सर्वोच्च…,न्यायपालिका की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराई बात


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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक बार फिर भारत के संविधान में निर्धारित शासन व्यवस्था के ढांचे के भीतर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक "अधिकारों के अतिक्रमण" की आलोचना की और दोहराया कि "संसद ही सर्वोच्च है"।

संविधान में संसद से ऊपर कोई नहीं-धनखड़

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि संविधान के तहत किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की बात हमेशा राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवैधानिक पद सिर्फ औपचारिक या दिखावटी होते हैं, लेकिन यह गलत सोच है। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी संस्था की कल्पना नहीं की गई है। संसद सबसे सर्वोच्च है।

लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका-धनखड़

धनखड़ ने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

लोकतंत्र में चुप रहना खतरनाक है-धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है। अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए। हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें। देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई थी चिंता

यहां, उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया। हालांकि, साफ है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना करने वालों पर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, शासकीय कार्य करेंगे और ‘‘सुपर संसद’’ के रूप में कार्य करेंगे।

बिल नहीं लाते तो संसद भवन भी...’वक्फ संशोधन विधेयक पर किरेन रिजिजू का जोरदार तर्क


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वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया।केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू प्रश्नकाल के बाद दोपहर इसे सदन में चर्चा के लिए पेश किया। किरेन रिजिजू ने संसद में बिल पेश करने के दौरान मुसलमानों को भरोसा दिलाया कि किसी भी मस्जिद पर कोई कार्रवाई का प्रावधान इस बिल में नहीं है। ये सिर्फ संपत्ति का मामला है धार्मिक संस्थानों से इस बिल का कोई लेना देना नहीं है। इसके अलावा रिजिजू ने बिल के पक्ष में जोरदार तर्क पेश करते हुए कहा कि अगर यह बिल नहीं लाया जाता, तो वक्फ बोर्ड की मनमानी के चलते संसद भवन जैसी अहम संपत्ति भी वक्फ की संपत्ति घोषित हो सकती थीं।

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का मकसद वक्फ बोर्ड के धार्मिक कार्यों में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि उसकी संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली के एयरपोर्ट और वसंत विहार जैसे इलाकों पर भी दावा ठोका था, जो इसकी अनियंत्रित शक्तियों को दर्शाता है।

किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने पार्लियामेंट की जो बिल्डिंग है, उसे भी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया था। साल 2013 में मुझे इस बात पर बहुत आश्चर्य हुआ कि इसे कैसे जबरन पारित किया गया। 2013 में वक्फ अधिनियम में प्रावधान जोड़े जाने के बाद दिल्ली में 1977 से एक मामला चल रहा था, जिसमें सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन सहित कई संपत्तियां शामिल थीं। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन पर वक्फ संपत्ति होने का दावा किया था। मामला अदालत में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने सारी जमीन को डीनोटिफाई करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया।

केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर नरेंद्र मोदी जी की सरकार नहीं होती, हम संशोधन नहीं लाते तो जिस जगह हम बैठे हैं, वह भी वक्फ की संपत्ति होती। यूपीए की सरकार होती तो पता नहीं कितनी संपत्तियां डिनोटिफाई होतीं। उन्होंने कहा, मैं कुछ भी अपने मन से नहीं बोल रहा हूं। ये सब रिकॉर्ड की बात है।

रिजिजू ने बिल की तैयारी में व्यापक परामर्श का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी बिल पर इतनी बड़ी संख्या में याचिकाएं नहीं आईं जितनी इस बिल के लिए आई हैं। 284 डेलिगेशन ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने अपनी बात रखी। 25 राज्यों के वक्फ बोर्डों ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। नीति निर्माताओं, विद्वानों और विशेषज्ञों ने भी कमेटी के समक्ष अपने विचार रखे। उनका कहना था कि इस बिल को सकारात्मक सोच के साथ देखने वाले लोग इसका समर्थन करेंगे, भले ही वे पहले विरोध में रहे हों। रिजिजू ने इसे गरीब मुस्लिमों के हित में एक कदम बताया, जिससे उनकी संपत्तियों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होगा।

आज लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयकः भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने व्हिप जारी किया, घमासान तय


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केंद्र सरकार आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश करने जा रही है। दोपहर 12 बजे बिल पेश होने के बाद 8 घंटे चर्चा का समय तय किया गया है। 4 घंटे 40 मिनट एनडीए के सांसद अपनी बात रखेंगे, बाकी वक्त विपक्षी सांसदों को दिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू चर्चा की शुरुआत करेंगे। बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने अपने सांसदों की लिए व्हिप जारी किया है।

वक्फ बिल पर महाभारत जारी है। विपक्ष ने कहा कि चर्चा 12 घंटे होनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिल पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर अपने एजेंडे को थोपने और विपक्षी सदस्यों की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया।

सदन में नंबर गेम से ऐसा लगता है कि सरकार इसे पास करा लेगी। हालांकि, विपक्ष अपनी एकजुटता के भरोसे इसे फेल करने का दावा कर रहा है। विपक्ष को उम्मीद है कि वे इसे पास करने से रोक देंगे। वहीं, सरकार इसे पास कराने की पूरी तैयारी कर चुकी है। जदयू-टीडीपी जैसे एनडीए के सहयोगियों का भी साथ मिल चुका है, जो पहले अन्य मुद्दों पर अलग रुख रखा करते थे।

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

सूत्रों के मुताबिक, वक्फ की पुरानी संपत्तियों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी. साथ ही बोर्ड में 2 गैर मुस्लिम होंगे और वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे. इसके अलावा कलेक्टर की जगह जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त होगा. वहीं, 5 साल इस्लाम मानने वाला ही संपत्ति वक्फ कर सकता है. 2025 से पहले तक जो संपत्ति वक्फ की है, उसकी ही रहेगी, जो ट्रस्ट धर्मार्थ कार्य में हैं उस पर कानून लागू नहीं होगा.

जेपीसी ने करीब छह महीने विधेयक पर किया मंथन

केंद्र ने इस विधेयक को पिछले साल अगस्त को लोकसभा के सामने रखा था। बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया। जेपीसी ने करीब छह महीने तक विधेयक पर मिले संशोधन के सुझावों पर विचार किया और 27 जनवरी को इसे फिर से संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। एक महीने बाद ही केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस विधेयक पर मुहर लगा दी।  

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

अब सरकार ने बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिर में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने का फैसला लिया है। इसके जरिए सरकार वक्फ कानून, 1995 में संशोधन करना चाहती है। फिलहाल इसी कानून के तहत देश में वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन होता है। हालांकि, सरकार अब वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर ढंग से अंजाम देना चाहती है। साथ ही इनसे जुड़े विवादों को भी जल्द सुलझाना चाहती है।

*সেবাশ্রয় শিবিরে নারী দিবস উদ্‌যাপন*

Khabar kolkata News Desk : তৃণমূল কংগ্রেসের সর্বভারতীয় সাধারণ সম্পাদক তথা ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায়ের নির্দেশে, শনিবার মহেশতলার সেবাশ্রয় শিবিরে আন্তর্জাতিক নারী দিবস উদ্‌যাপনের মধ্য দিয়ে, স্বাস্থ্য পরিষেবায় নারীদের পরিশ্রম ও পরিষেবাকে সম্মানিত করা হল।

শিবিরে উপস্থিত মহিলা চিকিৎসক, স্বাস্থ্যকর্মী এবং রোগীদের পুষ্প, স্মারক ও উত্তরীয় প্রদান করা হয় তাঁদের অক্লান্ত পরিশ্রম এবং পরিষেবার জন্য। অনুষ্ঠানে একটি সংক্ষিপ্ত বক্তব্যে, যেখানে তাঁদের অমূল্য অবদানগুলির প্রতি শ্রদ্ধাজ্ঞাপন করা হয়। বক্তারা বিভিন্ন ক্ষেত্রে নারীদের গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকার উপর জোর দেন এবং তাঁদের প্রচেষ্টার জন্য ধারাবাহিক স্বীকৃতি এবং সমর্থনের গুরুত্বও তুলে ধরেন।

সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় এক্স-এ পোস্ট করেন:" I salute our mothers, sisters and daughters - not just from the halls of Parliament, but from classrooms, hospitals, boardrooms and homes. Your courage reshapes policies, your voices strengthen our democracy and your leadership inspires generations. Today, we honour your resilience and the countless ways you have shaped our nation's story. Your voices matter not just today, but every day."

ছবি সৌজন্যে I-PAC

अमृतपाल सिंह की संसद सदस्यता पर संकट, जानें पूरा मामला

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खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की संसद सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह ने जेल से बाहर आने और संसद सत्र में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या उनकी सीट को रिक्त घोषित करने के लिए किसी कमेटी का गठन किया गया है या नहीं। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने किसी भी अंतरिम आदेश को जारी करने से इनकार कर दिया है।

पंजाब के खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संसद के चल रहे सत्र में भाग लेने की मांग की।अमृतपाल सिंह ने याचिका में कहा है कि जेल में बंद होने की वजह से वह संसद की कार्यवाही में भाग नहीं ले पा रहे हैं और उन्हें अनुपस्थित रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा यह है कि उनके संसदीय क्षेत्र को प्रतिनिधित्व से वंचित रखा जाए और 60 दिनों की अनुपस्थिति के बाद उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी जाए।

इसके साथ ही अमृतपाल ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करने की अनुमति भी मांगी है, ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याओं और विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकें। उनका कहना है कि वे एक निर्वाचित सांसद हैं और इस नाते उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के साथ संवाद करने का पूरा अधिकार है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक अपनी याचिका में सांसद ने कहा है कि लोकसभा के महासचिव की ओर से जारी समन के मुताबिक उनकी उपस्थिति जरूरी है और कहा कि उनकी गैरहाजिरी उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्हें अप्रैल 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में हिरासत में रखा गया है। उन्होंने जेल से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। लेकिन पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार अब तक उनकी उपस्थिति केवल दो फीसदी है।

बता दें कि अनुच्छेद 101(4) के मुताबिक यदि संसद के किसी भी सदन का कोई सदस्य साठ दिनों की अवधि के लिए सदन की अनुमति के बिना सदन की सभी बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो सदन उसकी सीट को रिक्त घोषित कर सकता है। हालाकि 60 दिनों में वह अवधि शामिल नहीं है, जिसके दौरान सदन को चार दिनों से अधिक लगातार स्थगित किया जाता है या स्थगित किया जाता है। प्रभावी रूप से, अनुपस्थिति की अवधि की गणना केवल संसद की वास्तविक बैठकों के आधार पर की जाती है।

राज्यसभा में वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश, मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया फर्जी, कहा- हम नहीं मानेंगे

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संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है। राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई। राज्यसभा में जेपीसी रिपोर्ट मेधा कुलकर्णी ने पेश की। रिपोर्ट पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इससे कई सदस्य असहमत हैं। खरगे ने जेपीसी की रिपोर्च को फर्जी और अलोकतांत्रिक करार दिया।

खरगे ने कहा- असंसदीय रिपोर्ट

राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, विपक्ष की ओर से जो सुझाव दिए गए थे उनको कंसीडर ही नहीं किया गया। नॉन स्टेक होल्डर को बाहर से बुलाकर उनका स्टेक ले रहे हैं। क्या हम पढ़े-लिखे नहीं हैं। जानकार नहीं हैं। डिसेंट नोट पर आपको बोलना चाहिए था। ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम कभी नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि बाहर से सदस्यों को आमंत्रित कर बयान दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसी असंसदीय रिपोर्ट को सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। खरगे ने कहा कि अगर रिपोर्ट में असहमति के स्वर को जगह नहीं दी गई है तो ऐसी स्थिति में इसे अस्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को हर हाल में वापस किया जाना चाहिए।

टीएमसी ने राज्यसभा का किया वॉकआउट*

वहीं, टीएमसी ने वक्फ पर जेपीसी रिपोर्ट टेबल करने के दौरान वॉक आउट किया। टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि ये लोकतंत्र में कैसे होगा कि आपने हमारे डिसेंट को नोट नहीं लिया। राज्य सभा में पेश कर दिया। इसलिए हमने विरोध किया कि यह रिपोर्ट जल्दबाजी में आई है।

संसद में आज नया आयकर बिल होगा पेश, पर जेपीसी रिपोर्ट भी आएगी, हंगामे के आसार*
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संसद का बजट सत्र जारी है। आज बजट सत्र के 10वें दिन की कार्यवाही होगी। कुछ देर बार नया इनकम टैक्स बिल संसद में पेश क‍िया जाना है। नए इनकम टैक्स बिल का मकसद मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 को आम आदमी के ल‍िए आसान बनाना और मुकदमेबाजी कम करना है। मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में लागू होने के बाद से अब तक 66 बजट (दो अंतरिम बजट सहित) में काफी बदलाव देख चुका है। नया इनकम टैक्स बिल को लेकर तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इस बिल का ड्राफ्ट भी जारी हो गया है। नए इनकम टैक्स बिल में 536 धाराएं और 23 चैप्टर हैं। मौजूदा कानून में 14 अनुसूचियां हैं जो नए कानून में बढ़कर 16 हो जाएंगी। नए बिल में चैप्टर की संख्या 23 ही रखी गई है। पेजों की संख्या काफी कम होकर 622 हो गई है, जो वर्तमान भारी-भरकम कानून का लगभग आधा है, जिसमें पिछले छह दशकों में किए गए संशोधन शामिल हैं। जब इनकम टैक्स कानून 1961 लाया गया था, तो इसमें 880 पेज थे। लोकसभा में बिल पेश किए जाने के बाद इसे विस्तृत चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजे जाने की संभावना है। प्रस्तावित कानून में कर विवादों के मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए नये प्रावधान किए गए हैं। *आज वक्फ बोर्ड पर जेपीसी रिपोर्ट भी होगी पेश* इसके अलावा, लोकसभा में आज वक्फ बोर्ड पर जेपीसी रिपोर्ट भी पेश होगी। इस दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखी जाएगी। लोकसभा की कार्यवाही सूची के मुताबिक, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल विधेयक से संबंधित रिपोर्ट और साक्ष्यों का रिकॉर्ड सदन के पटल पर रखेंगे। यह रिपोर्ट राज्यसभा के पटल पर भी रखी जाएगी। *वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पर क्या बोले जगदम्बिका पाल?* समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, 'आज जेपीसी और वक्फ की रिपोर्ट को लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यसूची पर रखा है, जिसे आज हम प्रस्तुत करने जा रहे हैं। छह महीने पहले जब सरकार इस बिल पर संशोधन लेकर आई थी, तब केंद्रीय मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आग्रह किया था कि इस बिल पर विस्तार से चर्चा की जाए, क्योंकि यह देश का ज्वलंत मुद्दा है। आज जेपीसी ने पूरे छह महीने में कई बैठकों और सभी राज्यों के दौरे के बाद रिपोर्ट तैयार की है।
आज लोकसभा में पेश हो सकता है नया इनकम टैक्स बिल, अमेरिका से भेजे गए भारतीयों के मुद्दे पर हंगामे के आसार
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* आज संसद में बजट सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही होगी। लोकसभा में आज नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जा सकता है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस बिल को मंजूरी दे दी। यह बिल टैक्सेशन सिस्टम में सुधार के लिए एक बड़ा सुधार ला सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद आज संसद कार्यवाही का पहला दिन है। ऐसे में सदन की कार्वाही में दिल्ली चुनाव के नतीजों का असर देखने को मिल सकता है। बीजेपी के सदस्य जहां नए जोश से लबरेज नजर आएंगे, वहीं विपक्ष के नेता थोड़े मायूस होंगे। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से हंगामा जारी रहने के आसार हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीयों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है। वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है, जिसमें श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है।
लोकसभा में राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा, बोले-मेक इन इंडिया फेल

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लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लिया।राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इसमें नया कुछ नहीं। राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। राष्ट्रपति का अभिभाषण वैसा नहीं था, जैसा होना चाहिए था। ये अभिभाषण अलग होना चाहिए। मैं यहां कुछ वैकल्पिक बातें बता रहा हूं और ऐसा अभिभाषण हो सकता था। इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई हमले किए।

रिलायंस, अडाणी, टाटा सब बढे पर तेज नहीं- राहुल

राहुल ने कहा कि पिछले 60 सालों में सबसे कम इंफ्रास्टक्चर हुआ है, तो इस सवाल का जवाब क्या है, युवाओं को क्या बताएंगे? कोई भी देश दो चीजों पर चलता है कंज्प्शन और प्रोडक्शन, 1990 से सभी सरकारों ने कंज्प्शन पर अच्छा काम किया। रिलायंस, अडाणी, टाटा, महिंद्रा सभी तेजी से बढ़े लेकिन ओवरऑल देश का विकास नहीं हुआ। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि युवाओं के रोजगार के मसले पर सरकारें गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पूर्व की यूपीए सरकार हो या फिर मौजूदा पीएम मोदी की सरकार दोनों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया को सफल बनाने का प्रयास नहीं किया-राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया योजना अच्छी थी लेकिन, सच्चाई यह है कि यह योजना पूरी तरह विफल साबित हुई है। रोजगार के मसले पर इस सरकार की योजना साफ नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं करा रहा हूं। मैं नहीं कहूंगा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए प्रयास नहीं किया, लेकिन वो इसमें असफल रहे।

भारत में मोबाइल फोन बनते नहीं, असेंबल हो रहे-राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट आई है। उन्होंने मोबाइल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत में मोबाइल फोन बन नहीं रहे हैं। यहां ये असेंबल हो रहे हैं। मोबाइल का हर एक पार्ट चीन से आता है और अपने यहां उसे केवल असेंबल किया जाता है।

दुनिया आज पूरी तरह से बदल रही है

राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया आज पूरी तरह से बदल रही है। बदलाव जो हो रहा है कि दुनिया ईवी की तरफ बढ़ रही है, हम पेट्रोल से बैट्री की तरफ जा रहे हैं। सोलर और न्यूक्लियर एनर्जी की तरफ जा रहे हैं। ये बदलाव वॉर फेयर, एजुकेशन समेत हर जगह बदल रहा है। आखिरी बार हमने कंप्यूटर क्रांति देखी थी। कांग्रेस सरकार ने सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट पर ध्यान दिया था। मुझे याद है कि उस समय लोग हंस रहे थे। वाजपेयी ने भी कहा था कि कंप्यूटर का भारत में कोई भविष्य नहीं है।

यूक्रेन में युद्ध लड़ा जा रहा है, ईवी और इंजन से- राहुल गांधी

लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध लड़ा जा रहा है, ईवी और इंजन से है। इलेक्ट्रिक मोटर ड्रोन में है, इंजन टैंक में है। देखिए आज यूक्रेन में क्या हो रहा है टैंक का खात्मा हो रहा है लेकिन ड्रोन कमाल कर रहा है। ड्रोन पूरे टैंक को ध्वस्त कर रहा है। ड्रोन इलेक्ट्रिक मोटर है, ये बैट्री है। इलेक्ट्रिक कार और रोबॉट्स भी इलेक्ट्रिक मोटर है। चार तरह की तकनीक पूरी दुनिया को ड्राइव कर रही है, इलेक्ट्रिक मोटर, बैट्री, ऑप्टिकस, एआई।

दुनिया के बदलावों पर सरकार सजग नहीं- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया के बदलावों पर सरकार सजग नहीं है। चीन भारत से 10 साल आगे है, बैट्री, मोटर, ऑप्टिक से। राष्ट्रपति के अभिभाषण में युवाओं के लिए क्या था। जब हम अमेरिका की बात करते हैं तो हम अपने विदेश मंत्री को अपने पीएम को विदेशी मुद्दे पर बुलाने के लिए अमेरिका नहीं भेजते हैं। हम उन्हें ये जाकर नहीं कहते कि हमारे पीएम को बुलाइए। अगर हमारे पास प्रोडक्शन सिस्टम होता तो हम उनको मजबूर करते कि वो आकर हमारे पीएम को बुलाते।

बजट सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार, महाकुंभ में मची भगदड़ पर जवाब मांग रहा विपक्ष

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बजट सत्र 2025 का आज तीसरा दिन है। संसद में जारी बजट सत्र के तीसरे दिन इस वक्‍त कुंभ भगदड़ को लेकर जोरदार हंगामा जारी है। विपक्षी नेता कुंभ में भगदड़ को चर्चा कराना चाहते हैं। सत्‍ता पक्ष अभी इसके लिए तैयार नहीं है।लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। विपक्ष महाकुंभ में हादसे को लेकर चर्चा करना चाहता है। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।

लोकसभा स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रपति ने कुंभ हादसे का भी जिक्र किया है उनके अभिभाषण पर चर्चा के दौरान इसपर बहस की जा सकती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में नारेबाजी करने वाले विपक्षी दलों के सांसदों से कहा कि यदि जनता ने उन्हें नारे लगाने के लिए भेजा है जो यही काम करें या फिर कार्यवाही चलने दें।

विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘शेम शेम’ के नारे लगाए। बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने इस घटना में मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बताया।