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कांग्रेस की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर केस दर्ज, कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

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झरिया की पूर्व कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के विरुद्ध अदालत की अवमानना का मुकदमा न्यायालय में दायर हुआ है। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी टिप्पणी के बाद पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कानूनी दांवपेच में फंसती दिख रही हैं। धनबाद में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

न्यायालय के फैसले की खुले मंच से आलोचना का आरोप

धनबाद कोर्ट के वकील वकार अहमद ने यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 अगस्त 25 को धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नीरज हत्याकांड में अपना फैसला सुनाया और आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। फैसले के विरुद्ध 1 सितंबर 25 को संध्या 6 बजे से 7:30 बजे तक रणधीर वर्मा चौक में मृतक नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह के नेतृत्व में जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक न्यायालय के फैसले के विरुद्ध कैंडल सह आक्रोश मार्च निकाला गया और उस स्थल पर पूर्णिमा नीरज सिंह ने फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश के विरुद्ध घोर अपमान सूचक व अपयशकारी शब्दों का खुलेआम प्रयोग किया।

वकील ने कहा- साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया

शिकायत करने वाले अधिवक्ता ने कहा कि न्यायालय सभी साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला देती है। नीरज सिंह हत्याकांड में भी कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया था। साक्ष्य के अभाव में सभी लोगों को बरी किया था, लेकिन नीरज सिंह हत्याकांड में न्यायालय के दिए गए फैसले पर पूर्व विधायक की ओर से सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की गई, जो सही नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि नीरज सिंह हत्याकांड में 27 अगस्त 2025 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने मामले में आरोपी पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत दूसरों को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ स्व. नीरज सिंह की पत्नी और पूर्व विधायक ने सड़क पर विरोध मार्च निकाला था। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में न्यायाधीश के खिलाफ अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया था। मीडिया को बयान देने के साथ ही पूर्व विधायक ने सोशल मीडिया पर अपने विवादित बयान को पोस्ट किया था।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

मेरी मां का अपमान, देश की हर मां का अपमान', बिहार में अपशब्द कहे जाने पर दुखी हुए पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपए की राशि को जीविका निधि में ट्रांसफर किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दरभंगा में राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के मंच से अपनी मां के लिए कहे गए अपशब्द के लिए कांग्रेस-आरजेडी पर निशाना साधा।

मां ही हमारा संसार है...-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कुछ दिनों बाद नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, यानी मां के नौ रूपों की पूजा होगी। लेकिन, बिहार और पुरबिया इलाके में नवदुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है। मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। 'मां ही हमारा संसार है। मां ही हमारा स्वाभिमान है। इस परंपरा संपन्न बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।

मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर-पीएम मोदी

बिहार में राजद-कांग्रेस के मंच से मोरी को गाली दी गईं। ये गालियां सिर्फ़ मेरी मां का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान हैं। वह राजनीति से जुड़ी नहीं थीं। मेरी मां ने मुझे मां भारती की सेवा करना सिखाया, उन्होंने मुझसे गरीबों की सेवा करने के लिए कहा था। मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर होता है।

मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादात में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं। ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।

जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, आज मंगलवार को एक बहुत ही शुभ कार्य का शुभारंभ हो रहा है। बिहार की माताओं और बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है। जीविका निधि साख सहकारी संघ है, इसके माध्यम से, गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिल सकेगा। उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे उनके काम और उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग, याचिका में खरगे-राहुल गांधी पर गंभीर आरोप

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सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की दई है। चुनाव आयोग पर आरोप लगाने को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल ने चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने को लेकर कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली है। याचिका में कांग्रेस का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है।

संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप

सतीश कुमार अग्रवाल द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग पर निराधार आरोप लगाकर एक संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता रद्द करने की मांग की है। याचिका में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट ऑफ मंडमस (परमादेश) जारी करने की अपील की गई है, जिसमें केंद्र सरकार (प्रतिवादी नंबर 1) को कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

दुष्प्रचार की एसआईटी जांच की मांग

याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर और गैर जिम्मेदाराना हैं। इन दोनों ने एक संवैधानिक संस्था की साख को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में न सिर्फ पार्टी की मान्यता रद्द हो बल्कि इनके दुष्प्रचार की जांच एसआईटी से कराई जाए।

संविधान के प्रति वफादारी की शपथ तोड़ने का आरोप

याचिका में कुछ नियमों का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि कांग्रेस ने अपनी स्थापना के समय भारत के संविधान के प्रति निष्ठा बनाए रखने की शपथ ली थी। हालांकि, ईसीआई के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान इस शपथ का उल्लंघन करता है और आयोग के कार्यों को गैरकानूनी तरीके से बाधित करने की कोशिश कर रहा है।

पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस-आरजेडी को घेरा, बोले-पाप करने वाले दूसरे से छुपाते हैं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार दौरे पर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं के शिलान्यास उद्धघाटन के बाद कई बड़ी बातें कहीं। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पीएम-सीएम बिल पर राहुल-केजरीवाल-लालू- तेजस्वी को खूब सुनाया।

बिहार के गयाजी से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि क्लर्क से लेकर अफसर तक घूसखोरी करे तो उसकी जिंदगी तबाह हो जाती है। लेकिन पीएम-सीएम-मंत्री के साथ ऐसा नहीं होता। हमने कुछ दिन पहले देखा कि जेल से फाइलें निपटाई जा रही हैं। पीएम ने बगैर नाम लिए अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया। कहा, ऐसा होगा तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसीलिए एनडीए सरकार एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री भी है, इसके दायरे में सीएम और मंत्री भी हैं। अगर इनमें से कोई भी जेल जाता है तो उसे 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी, अगर जमानत नहीं ले पाया तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी।

राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे-पीएम मोदी

प्रधामंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि ये राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं, कौन नहीं जानता कि इनको किस बात का डर है। जिन्होंने पाप किया है, उनको पता है कि भीतर से उन्होंने क्या-क्या खेल खेला है। ये राजद-कांग्रेस वाले, कोई बेल पर बाहर है, कोई रेल का खेल कर चुका है, वो आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इनको पता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसीलिए ये मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इसीलिए बौखलाहट में ये जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं। बाबा साहेब अंबेडकर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग इतना भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी के लिए भूखे रहेंगे। अब ये जेल भी जाएंगे और कुर्सी भी छोड़नी पड़ेगी।

आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजद पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने गयाजी में कहा कि कांग्रेस और राजद के भ्रष्टाचार की लिस्ट बहुत लंबी है। उन्होंने कहा, 2014 से अब तक हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा। जबकि कांग्रेस की भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है और आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है। इसके खात्मे के लिए कोई भी कार्यवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस में कई युवा नेता बहुत प्रतिभाशाली लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया जाता...पीएम मोदी का राहुल गांधी पर करारा हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष के कई नेता प्रतिभाशाली और अच्छे वक्ता हैं, लेकिन राहुल गांधी की वजह से उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता। संसद के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन था लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो चुकी है। मॉनसून सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा स्पीकर से लोकसभा के सभी सदस्यों के लिए टी मीटिंग रखी थी। लेकिन विपक्ष का कोई भी सदस्य इस मीटिंग में नहीं पहुंचा। विपक्ष ने स्पीकर की चाय पार्टी का बहिष्कार किया। इसे लेकर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा।

युवा नेताके कारण घबराहट में राहुल-पीएम मोदी

संसद परिसर में आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ये सत्र बहुत अच्छा रहा क्योंकि कई महत्वपूर्ण बिल पारित हुए। यही वो मुद्दा है जिस पर ज्यादा चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष बड़े-बड़े विधेयकों पर चर्चा में शामिल हो सकता था, लेकिन वो सिर्फ व्यवधान डालने में लगे रहे। पीएम ने यह भी कहा कि विपक्ष में, खासकर कांग्रेस में, बहुत से युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन परिवार की असुरक्षा की वजह से इन युवाओं को बोलने का मौका नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि संभव है कि यही युवा नेता राहुल गांधी को असुरक्षित और घबराहट में डाल रहे हों।

स्पीकर की टी पार्टी में नहीं पहुंचे राहुल गांधी

लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन समय के स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने टी पार्टी दिया। टी पार्टी में पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों समेत एनडीए के नेता पहुंचे लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष का एक भी सांसद इसमें शामिल नहीं हुआ।

हंगामेदार रहा मॉनसून सत्र

बीते एक महीने में संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा मचाया। खास तौर पर बिहार में SIR (वोटर लिस्ट रीविजन) का मुद्दा सदन के अंदर और बाहर छाया रहा। लगभग रोज ही विपक्ष ने इसको लेकर प्रदर्शन किया। इतने हंगामे के बीच भी इस सत्र में लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए। 419 प्रश्न शामिल किए गए। बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन अहम बिल पेश किए। इन बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने इसका विरोध किया। पीएम-सीएम को गंभीर अपराध करने पर पद से हटाए जाने को लेकर यह बिल पेश किए गएष

100 साल से देश सेवा में लगे स्वयंसेवकों को नमन’, लाल किले से आरएसएस की तारीफ के क्या है मायने

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79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज लाल किले से अपने 103 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की चर्चा की। पीएम ने आरएसएस की जमकर तारीफ की और 100 साल की सेवा गौरवपूर्ण बताया। अपने तीन कार्यकालों में पहले के 11 स्वतंत्रता दिवस के भाषणों में भी पीएम मोदी ने कभी आरएसएस की चर्चा नहीं की थी। हालांकि, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष 100 साल पूरे करने वाला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने संघ के 100 साल के इतिहास को याद किया।

पीएम ने जमकर की आरएसएस की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा, आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक संघ ने काम किया। राष्ट्र निर्माण के लिए संघ काम करता है।

आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया

पीएम ने संघ की तारीफ करते हुए कहा, सेवा, समर्पण, संगठन और अनुशासन संघ की पहचान रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एक प्रकार से सबसे बड़ा एनजीओ है। उसका समर्पण का 100 साल का इतिहास है. 100 साल की इस यात्रा में योगदान देने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदर पूर्वक याद करता हूं और देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा पर गर्व करता है। हमें संघ प्रेरणा देता रहेगा।

आरएसएस को खुश कर रहे पीएम मोदी?

लाल किले से आरएसएस का जिक्र करना विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 75 वर्ष की आयु के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहना चाहते हैं, इसलिए वह संघ की इस तरह से सराहना में जुटे गए हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ वाले भाषण को रिट्वीट करते हुए एक लंबा-चौड़ा एक्स पोस्ट लिखा है। इसमें बीते 100 वर्षों आरएसएस की देश में भूमिका और इसके सर संघचालकों के रोल की आलोचनात्मक चर्चा की गई है। इसमें, पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा है, '...फिर भी प्रधानमंत्री मोदी-आरएसएस को खुश करने के लिए 17 सितंबर, 2025 को कथित तौर पर अपनी रिटायरमेंट की योजना को रोक रहे हैं।

पीएम थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे-जयराम रमेश

वहीं काग्रेस नेता जयराम ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे चिंताजनक पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। 4 जून 2024 की घटनाओं के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है। आज प्रधानमंत्री थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे।

राहुल गांधी के समर्थन में आए शशि थरूर, ‘वोट चोरी’ के दावे पर दिया साथ

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव में ‘वोट चोरी’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राहुल गांदी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पीपीटी पेश कर कर्नाटक में लोकसभा सीट, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और साथ ही एक ही वोटर के कई कई बूथों और राज्यों में नाम होने का आरोप लगाया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना की है। हालांकि, काफी समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया है।

पिछले कुछ महीनों से पार्टी आलाकमान से इतर नजरिया रखने वाले शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली के 'ठोस सबूत' पेश किए और भारतीय चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। थरूर ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने और स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।

चुनाव आयोग से की खास गुजारिश

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी के पोस्ट को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसमें राहुल गांधी लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बारे में बता रहे हैं। शशि थरूर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कहा, ‘ये गंभीर प्रश्न हैं जिनका सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता। चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और चुनाव आयोग के प्रवक्ता को देश को सूचित करते रहना चाहिए।’

काफी समय से पार्टी लाइन से हटकर दे रहे थे बयान

शशि थरूर का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, शशि थरूर पिछले कुछ महीनों से कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी और इमरजेंसी के दौर की आलोचना भी की थी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी थरूर सरकार के साथ खड़े नजर आए। जिसके बाद मॉनसूव सत्र के दौरान कांग्रेस की ओर से पार्टी के वक्ताओं में थरूर का नाम शामिल नहीं किया गया था। जिसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

अमित शाह पर प्रियंका गांधी का पलटवार, बोलीं-आप इतिहास की बात कीजिए मैं वर्तमान की बात करती हूं

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संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सदन में अपनी बात रखी। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत देश के जवानों को नमन के साथ की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रहे बहस के दौरान केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे की सुरक्षाचूक को रेखांकित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया।

प्रियंका ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार से पूछा, पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ? पहलगाम में जो देशवासी गए थे वहां कैसे गए? प्रचार किया जा रहा था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है। इस बीच आतंकवादी लोगों के चुन-चुनकर मारते हैं। एक घंटे तक आतंकवादी मार रहे। इस पूरे समय एक भी सुरक्षकर्मी नहीं दिखा। मैं कह सकती हूं कि सरकार ने हमें अनाथ छोड़ दिया।

पर्यटकों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा- प्रियंका

प्रियंका ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज 100-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे, न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।

अमित शाह पर साधा निशाना, पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने आगे गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने संसद में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मेरी मां सोनिया गांधी के आंसुओं की बात तो की, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीजफायर क्यों किया गया, इसका जवाब नहीं दिया। प्रियंका ने कहा कि आज गृह मंत्री ने बीते नेताओं की बातें कीं, लेकिन देश को यह नहीं बताया कि जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब सरकार ने संघर्षविराम क्यों घोषित किया? साथ ही उन्होंने सरकार से सीधे सवाल पूछा कि क्या यह फैसला जनता और सेना के हित में था या कोई राजनीतिक मजबूरी? साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।

टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा

प्रियंका गांधी ने टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि टीआरएफ ने कई आतंकी हमले किए, लेकिन 2023 में उसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। एक संगठन इतना बड़ा हमला करता है और सरकार को पता नहीं चला? हमारी एजेंसियां हैं, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? खुफिया विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है, क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली। इतिहास की बात आप करते हैं, मैं वर्तमान की बात करूंगी। 11 साल से तो आपकी सरकार है, आपकी कोई जिम्मेदारी है कि नहीं

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

कांग्रेस की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर केस दर्ज, कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

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झरिया की पूर्व कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के विरुद्ध अदालत की अवमानना का मुकदमा न्यायालय में दायर हुआ है। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी टिप्पणी के बाद पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कानूनी दांवपेच में फंसती दिख रही हैं। धनबाद में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

न्यायालय के फैसले की खुले मंच से आलोचना का आरोप

धनबाद कोर्ट के वकील वकार अहमद ने यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 अगस्त 25 को धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नीरज हत्याकांड में अपना फैसला सुनाया और आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। फैसले के विरुद्ध 1 सितंबर 25 को संध्या 6 बजे से 7:30 बजे तक रणधीर वर्मा चौक में मृतक नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह के नेतृत्व में जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक न्यायालय के फैसले के विरुद्ध कैंडल सह आक्रोश मार्च निकाला गया और उस स्थल पर पूर्णिमा नीरज सिंह ने फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश के विरुद्ध घोर अपमान सूचक व अपयशकारी शब्दों का खुलेआम प्रयोग किया।

वकील ने कहा- साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया

शिकायत करने वाले अधिवक्ता ने कहा कि न्यायालय सभी साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला देती है। नीरज सिंह हत्याकांड में भी कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया था। साक्ष्य के अभाव में सभी लोगों को बरी किया था, लेकिन नीरज सिंह हत्याकांड में न्यायालय के दिए गए फैसले पर पूर्व विधायक की ओर से सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की गई, जो सही नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि नीरज सिंह हत्याकांड में 27 अगस्त 2025 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने मामले में आरोपी पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत दूसरों को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ स्व. नीरज सिंह की पत्नी और पूर्व विधायक ने सड़क पर विरोध मार्च निकाला था। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में न्यायाधीश के खिलाफ अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया था। मीडिया को बयान देने के साथ ही पूर्व विधायक ने सोशल मीडिया पर अपने विवादित बयान को पोस्ट किया था।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

मेरी मां का अपमान, देश की हर मां का अपमान', बिहार में अपशब्द कहे जाने पर दुखी हुए पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपए की राशि को जीविका निधि में ट्रांसफर किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दरभंगा में राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के मंच से अपनी मां के लिए कहे गए अपशब्द के लिए कांग्रेस-आरजेडी पर निशाना साधा।

मां ही हमारा संसार है...-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कुछ दिनों बाद नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, यानी मां के नौ रूपों की पूजा होगी। लेकिन, बिहार और पुरबिया इलाके में नवदुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है। मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। 'मां ही हमारा संसार है। मां ही हमारा स्वाभिमान है। इस परंपरा संपन्न बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।

मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर-पीएम मोदी

बिहार में राजद-कांग्रेस के मंच से मोरी को गाली दी गईं। ये गालियां सिर्फ़ मेरी मां का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान हैं। वह राजनीति से जुड़ी नहीं थीं। मेरी मां ने मुझे मां भारती की सेवा करना सिखाया, उन्होंने मुझसे गरीबों की सेवा करने के लिए कहा था। मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर होता है।

मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादात में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं। ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।

जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, आज मंगलवार को एक बहुत ही शुभ कार्य का शुभारंभ हो रहा है। बिहार की माताओं और बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है। जीविका निधि साख सहकारी संघ है, इसके माध्यम से, गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिल सकेगा। उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे उनके काम और उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग, याचिका में खरगे-राहुल गांधी पर गंभीर आरोप

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सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की दई है। चुनाव आयोग पर आरोप लगाने को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल ने चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने को लेकर कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली है। याचिका में कांग्रेस का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है।

संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप

सतीश कुमार अग्रवाल द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग पर निराधार आरोप लगाकर एक संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता रद्द करने की मांग की है। याचिका में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट ऑफ मंडमस (परमादेश) जारी करने की अपील की गई है, जिसमें केंद्र सरकार (प्रतिवादी नंबर 1) को कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

दुष्प्रचार की एसआईटी जांच की मांग

याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर और गैर जिम्मेदाराना हैं। इन दोनों ने एक संवैधानिक संस्था की साख को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में न सिर्फ पार्टी की मान्यता रद्द हो बल्कि इनके दुष्प्रचार की जांच एसआईटी से कराई जाए।

संविधान के प्रति वफादारी की शपथ तोड़ने का आरोप

याचिका में कुछ नियमों का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि कांग्रेस ने अपनी स्थापना के समय भारत के संविधान के प्रति निष्ठा बनाए रखने की शपथ ली थी। हालांकि, ईसीआई के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान इस शपथ का उल्लंघन करता है और आयोग के कार्यों को गैरकानूनी तरीके से बाधित करने की कोशिश कर रहा है।

पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस-आरजेडी को घेरा, बोले-पाप करने वाले दूसरे से छुपाते हैं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार दौरे पर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं के शिलान्यास उद्धघाटन के बाद कई बड़ी बातें कहीं। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पीएम-सीएम बिल पर राहुल-केजरीवाल-लालू- तेजस्वी को खूब सुनाया।

बिहार के गयाजी से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि क्लर्क से लेकर अफसर तक घूसखोरी करे तो उसकी जिंदगी तबाह हो जाती है। लेकिन पीएम-सीएम-मंत्री के साथ ऐसा नहीं होता। हमने कुछ दिन पहले देखा कि जेल से फाइलें निपटाई जा रही हैं। पीएम ने बगैर नाम लिए अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया। कहा, ऐसा होगा तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसीलिए एनडीए सरकार एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री भी है, इसके दायरे में सीएम और मंत्री भी हैं। अगर इनमें से कोई भी जेल जाता है तो उसे 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी, अगर जमानत नहीं ले पाया तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी।

राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे-पीएम मोदी

प्रधामंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि ये राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं, कौन नहीं जानता कि इनको किस बात का डर है। जिन्होंने पाप किया है, उनको पता है कि भीतर से उन्होंने क्या-क्या खेल खेला है। ये राजद-कांग्रेस वाले, कोई बेल पर बाहर है, कोई रेल का खेल कर चुका है, वो आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इनको पता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसीलिए ये मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इसीलिए बौखलाहट में ये जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं। बाबा साहेब अंबेडकर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग इतना भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी के लिए भूखे रहेंगे। अब ये जेल भी जाएंगे और कुर्सी भी छोड़नी पड़ेगी।

आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजद पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने गयाजी में कहा कि कांग्रेस और राजद के भ्रष्टाचार की लिस्ट बहुत लंबी है। उन्होंने कहा, 2014 से अब तक हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा। जबकि कांग्रेस की भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है और आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है। इसके खात्मे के लिए कोई भी कार्यवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस में कई युवा नेता बहुत प्रतिभाशाली लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया जाता...पीएम मोदी का राहुल गांधी पर करारा हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष के कई नेता प्रतिभाशाली और अच्छे वक्ता हैं, लेकिन राहुल गांधी की वजह से उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता। संसद के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन था लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो चुकी है। मॉनसून सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा स्पीकर से लोकसभा के सभी सदस्यों के लिए टी मीटिंग रखी थी। लेकिन विपक्ष का कोई भी सदस्य इस मीटिंग में नहीं पहुंचा। विपक्ष ने स्पीकर की चाय पार्टी का बहिष्कार किया। इसे लेकर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा।

युवा नेताके कारण घबराहट में राहुल-पीएम मोदी

संसद परिसर में आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ये सत्र बहुत अच्छा रहा क्योंकि कई महत्वपूर्ण बिल पारित हुए। यही वो मुद्दा है जिस पर ज्यादा चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष बड़े-बड़े विधेयकों पर चर्चा में शामिल हो सकता था, लेकिन वो सिर्फ व्यवधान डालने में लगे रहे। पीएम ने यह भी कहा कि विपक्ष में, खासकर कांग्रेस में, बहुत से युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन परिवार की असुरक्षा की वजह से इन युवाओं को बोलने का मौका नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि संभव है कि यही युवा नेता राहुल गांधी को असुरक्षित और घबराहट में डाल रहे हों।

स्पीकर की टी पार्टी में नहीं पहुंचे राहुल गांधी

लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन समय के स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने टी पार्टी दिया। टी पार्टी में पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों समेत एनडीए के नेता पहुंचे लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष का एक भी सांसद इसमें शामिल नहीं हुआ।

हंगामेदार रहा मॉनसून सत्र

बीते एक महीने में संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा मचाया। खास तौर पर बिहार में SIR (वोटर लिस्ट रीविजन) का मुद्दा सदन के अंदर और बाहर छाया रहा। लगभग रोज ही विपक्ष ने इसको लेकर प्रदर्शन किया। इतने हंगामे के बीच भी इस सत्र में लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए। 419 प्रश्न शामिल किए गए। बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन अहम बिल पेश किए। इन बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने इसका विरोध किया। पीएम-सीएम को गंभीर अपराध करने पर पद से हटाए जाने को लेकर यह बिल पेश किए गएष

100 साल से देश सेवा में लगे स्वयंसेवकों को नमन’, लाल किले से आरएसएस की तारीफ के क्या है मायने

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79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज लाल किले से अपने 103 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की चर्चा की। पीएम ने आरएसएस की जमकर तारीफ की और 100 साल की सेवा गौरवपूर्ण बताया। अपने तीन कार्यकालों में पहले के 11 स्वतंत्रता दिवस के भाषणों में भी पीएम मोदी ने कभी आरएसएस की चर्चा नहीं की थी। हालांकि, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष 100 साल पूरे करने वाला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने संघ के 100 साल के इतिहास को याद किया।

पीएम ने जमकर की आरएसएस की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा, आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक संघ ने काम किया। राष्ट्र निर्माण के लिए संघ काम करता है।

आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया

पीएम ने संघ की तारीफ करते हुए कहा, सेवा, समर्पण, संगठन और अनुशासन संघ की पहचान रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एक प्रकार से सबसे बड़ा एनजीओ है। उसका समर्पण का 100 साल का इतिहास है. 100 साल की इस यात्रा में योगदान देने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदर पूर्वक याद करता हूं और देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा पर गर्व करता है। हमें संघ प्रेरणा देता रहेगा।

आरएसएस को खुश कर रहे पीएम मोदी?

लाल किले से आरएसएस का जिक्र करना विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 75 वर्ष की आयु के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहना चाहते हैं, इसलिए वह संघ की इस तरह से सराहना में जुटे गए हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ वाले भाषण को रिट्वीट करते हुए एक लंबा-चौड़ा एक्स पोस्ट लिखा है। इसमें बीते 100 वर्षों आरएसएस की देश में भूमिका और इसके सर संघचालकों के रोल की आलोचनात्मक चर्चा की गई है। इसमें, पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा है, '...फिर भी प्रधानमंत्री मोदी-आरएसएस को खुश करने के लिए 17 सितंबर, 2025 को कथित तौर पर अपनी रिटायरमेंट की योजना को रोक रहे हैं।

पीएम थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे-जयराम रमेश

वहीं काग्रेस नेता जयराम ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे चिंताजनक पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। 4 जून 2024 की घटनाओं के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है। आज प्रधानमंत्री थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे।

राहुल गांधी के समर्थन में आए शशि थरूर, ‘वोट चोरी’ के दावे पर दिया साथ

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव में ‘वोट चोरी’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राहुल गांदी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पीपीटी पेश कर कर्नाटक में लोकसभा सीट, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और साथ ही एक ही वोटर के कई कई बूथों और राज्यों में नाम होने का आरोप लगाया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना की है। हालांकि, काफी समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया है।

पिछले कुछ महीनों से पार्टी आलाकमान से इतर नजरिया रखने वाले शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली के 'ठोस सबूत' पेश किए और भारतीय चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। थरूर ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने और स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।

चुनाव आयोग से की खास गुजारिश

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी के पोस्ट को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसमें राहुल गांधी लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बारे में बता रहे हैं। शशि थरूर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कहा, ‘ये गंभीर प्रश्न हैं जिनका सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता। चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और चुनाव आयोग के प्रवक्ता को देश को सूचित करते रहना चाहिए।’

काफी समय से पार्टी लाइन से हटकर दे रहे थे बयान

शशि थरूर का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, शशि थरूर पिछले कुछ महीनों से कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी और इमरजेंसी के दौर की आलोचना भी की थी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी थरूर सरकार के साथ खड़े नजर आए। जिसके बाद मॉनसूव सत्र के दौरान कांग्रेस की ओर से पार्टी के वक्ताओं में थरूर का नाम शामिल नहीं किया गया था। जिसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

अमित शाह पर प्रियंका गांधी का पलटवार, बोलीं-आप इतिहास की बात कीजिए मैं वर्तमान की बात करती हूं

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संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सदन में अपनी बात रखी। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत देश के जवानों को नमन के साथ की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रहे बहस के दौरान केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे की सुरक्षाचूक को रेखांकित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया।

प्रियंका ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार से पूछा, पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ? पहलगाम में जो देशवासी गए थे वहां कैसे गए? प्रचार किया जा रहा था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है। इस बीच आतंकवादी लोगों के चुन-चुनकर मारते हैं। एक घंटे तक आतंकवादी मार रहे। इस पूरे समय एक भी सुरक्षकर्मी नहीं दिखा। मैं कह सकती हूं कि सरकार ने हमें अनाथ छोड़ दिया।

पर्यटकों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा- प्रियंका

प्रियंका ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज 100-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे, न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।

अमित शाह पर साधा निशाना, पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने आगे गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने संसद में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मेरी मां सोनिया गांधी के आंसुओं की बात तो की, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीजफायर क्यों किया गया, इसका जवाब नहीं दिया। प्रियंका ने कहा कि आज गृह मंत्री ने बीते नेताओं की बातें कीं, लेकिन देश को यह नहीं बताया कि जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब सरकार ने संघर्षविराम क्यों घोषित किया? साथ ही उन्होंने सरकार से सीधे सवाल पूछा कि क्या यह फैसला जनता और सेना के हित में था या कोई राजनीतिक मजबूरी? साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।

टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा

प्रियंका गांधी ने टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि टीआरएफ ने कई आतंकी हमले किए, लेकिन 2023 में उसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। एक संगठन इतना बड़ा हमला करता है और सरकार को पता नहीं चला? हमारी एजेंसियां हैं, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? खुफिया विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है, क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली। इतिहास की बात आप करते हैं, मैं वर्तमान की बात करूंगी। 11 साल से तो आपकी सरकार है, आपकी कोई जिम्मेदारी है कि नहीं

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।