/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png StreetBuzz s:congress
राहुल गांधी के समर्थन में आए शशि थरूर, ‘वोट चोरी’ के दावे पर दिया साथ

#congressmpshashitharoorbacksrahulgandhivotechori_claims

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव में ‘वोट चोरी’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राहुल गांदी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पीपीटी पेश कर कर्नाटक में लोकसभा सीट, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और साथ ही एक ही वोटर के कई कई बूथों और राज्यों में नाम होने का आरोप लगाया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना की है। हालांकि, काफी समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया है।

पिछले कुछ महीनों से पार्टी आलाकमान से इतर नजरिया रखने वाले शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली के 'ठोस सबूत' पेश किए और भारतीय चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। थरूर ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने और स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।

चुनाव आयोग से की खास गुजारिश

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी के पोस्ट को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसमें राहुल गांधी लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बारे में बता रहे हैं। शशि थरूर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कहा, ‘ये गंभीर प्रश्न हैं जिनका सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता। चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और चुनाव आयोग के प्रवक्ता को देश को सूचित करते रहना चाहिए।’

काफी समय से पार्टी लाइन से हटकर दे रहे थे बयान

शशि थरूर का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, शशि थरूर पिछले कुछ महीनों से कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी और इमरजेंसी के दौर की आलोचना भी की थी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी थरूर सरकार के साथ खड़े नजर आए। जिसके बाद मॉनसूव सत्र के दौरान कांग्रेस की ओर से पार्टी के वक्ताओं में थरूर का नाम शामिल नहीं किया गया था। जिसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

अमित शाह पर प्रियंका गांधी का पलटवार, बोलीं-आप इतिहास की बात कीजिए मैं वर्तमान की बात करती हूं

#congressleaderpriyankagandhiaskedsharpquestions

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सदन में अपनी बात रखी। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत देश के जवानों को नमन के साथ की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रहे बहस के दौरान केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे की सुरक्षाचूक को रेखांकित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया।

प्रियंका ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार से पूछा, पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ? पहलगाम में जो देशवासी गए थे वहां कैसे गए? प्रचार किया जा रहा था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है। इस बीच आतंकवादी लोगों के चुन-चुनकर मारते हैं। एक घंटे तक आतंकवादी मार रहे। इस पूरे समय एक भी सुरक्षकर्मी नहीं दिखा। मैं कह सकती हूं कि सरकार ने हमें अनाथ छोड़ दिया।

पर्यटकों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा- प्रियंका

प्रियंका ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज 100-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे, न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।

अमित शाह पर साधा निशाना, पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने आगे गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने संसद में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मेरी मां सोनिया गांधी के आंसुओं की बात तो की, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीजफायर क्यों किया गया, इसका जवाब नहीं दिया। प्रियंका ने कहा कि आज गृह मंत्री ने बीते नेताओं की बातें कीं, लेकिन देश को यह नहीं बताया कि जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब सरकार ने संघर्षविराम क्यों घोषित किया? साथ ही उन्होंने सरकार से सीधे सवाल पूछा कि क्या यह फैसला जनता और सेना के हित में था या कोई राजनीतिक मजबूरी? साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।

टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा

प्रियंका गांधी ने टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि टीआरएफ ने कई आतंकी हमले किए, लेकिन 2023 में उसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। एक संगठन इतना बड़ा हमला करता है और सरकार को पता नहीं चला? हमारी एजेंसियां हैं, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? खुफिया विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है, क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली। इतिहास की बात आप करते हैं, मैं वर्तमान की बात करूंगी। 11 साल से तो आपकी सरकार है, आपकी कोई जिम्मेदारी है कि नहीं

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

#amit_shah_angry_on_congress_and_chidambaram_statement 

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

भारत की बात सुनाता हूं...' शशि थरूर के 'मौन व्रत' के बाद क्या कहना चाह रहे मनीष तिवारी ?

#congressmanishtewaricrypticpostbharatkibaatsonata_hoon

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में जारी चर्चा के दौरान जहां एक ओर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं पार्टी के भीतर असंतोष के सुर भी उभरकर सामने आ रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस में कांग्रेस की ओर से उन नेताओं को शामिल नहीं किया गया है, जो कि उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिन्होंने पहलगाम हमले के बारे में दुनियाभर को बताया। जिन दिग्गज नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर की बहस में जगह नहीं मिली है, उनमें तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर, चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी और फतेहगढ़ साहिब के सांसद अमर सिंह शामिल हैं। बहस में शामिल ना किए जाने पर थरूर के 'मौन व्रत' के बाद मनीष तिवारी ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 55 साल पुरानी फिल्म ‘पूरब और पश्चिम‘ के गाने की लाइन को एक्स पर एक क्रिप्टिक मैसेज के रूप में लिखा है। चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को एक्स पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बताया गया कि उन्हें और थरूर को संसद बहस से दूर रखा गया है। उन्होंने इस पोस्ट के साथ 1970 की फिल्म 'पूरब और पश्चिम' के देशभक्ति गीत की पंक्तियां लिखीं कि भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। इस इशारे को कांग्रेस नेतृत्व पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है।

शशि थरूर ने 'मौन व्रत' से दिया जवाब

इससे पहले सोमवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद भवन पहुंचे। शशि थरूर विदेश मामलों पर अपनी बेबाक राय और भाषण शैली के लिए मशहूर हैं। हालांकि इसके बावजूद वो कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में नहीं थे। ऐसे में संसद परिसर पहुंचे शशि थरूर से पत्रकारों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा। इस पर शशि थरूर ने कहा कि मौनव्रत...मौनव्रत। इसके बाद शशि थरूर हंसते हुए निकल गए।

इन सांसदों को बहस में नहीं मिला मौका

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में बहस चल रही है। सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब दे रही है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से उन नेताओं को बहस में शामिल नहीं किया गया है जो उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। जो दुनियाभर में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को बेनकाब करने गए थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार की वैश्विक कूटनीतिक पहल के तहत मनीष तिवारी और शशि थरूर उन सांसदों में शामिल थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों में भेजा गया था। इसी मिशन का हिस्सा रहे फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस सांसद अमर सिंह भी बहस में नहीं बोल रहे हैं।

कांग्रेस की नाराजगी पर बीजेपी की चुटकी

कांग्रेस नेताओं को वक्ताओं की सूची से बाहर किए जाने पर बीजेपी ने भी चुटकी ली है। बीजेपी नेता बैजयंत जय पांडा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी श्री थरूर को बोलने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, आपकी (कांग्रेस) पार्टी में कई नेता हैं जो अच्छा बोल सकते हैं। मेरे मित्र शशि थरूर जी, जो एक अच्छे वक्ता हैं, उन्हें उनकी पार्टी बोलने नहीं दे रही है।”

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले थरूर का “मौनव्रत”, कांग्रेस वक्ताओं की लिस्ट में क्यों नहीं मिली जगह?

#congressmpshashitharoorsays_maunvrat

संसद के मॉनसून सत्र में सोमवार यानी आज पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस हो रही है। दोपहर 12 बजे से इस चर्चा का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करने वाले थे, लेकिन जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। कांग्रेस की तरफ से चर्चा में शामिल होने वाले वक्ताओं की लिस्ट जारी कर दी गई है। खास बात है कि इस बार कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम नहीं है।

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर'पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, गौरव गोगोई , प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा, परिणीति शिंदे, शफी परमबिल, मणिकम टैगोर और राजा बराड़ पक्ष रखेंगे। कांग्रेस के शशि थरूर इस चर्चा में पार्टी की ओर से हिस्सा नहीं लेंगे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्वेच्छा से चर्चा में भाग लेने से मना कर दिया।

थरूर के मौनव्रत के सियासी मायने

इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद भवन पहुंचे। संसद परिसर पहुंच शशि थरूर से पत्रकारों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा। इस पर शशि थरूर ने कहा कि मौनव्रत...मौनव्रत। इसके बाद शशि थरूर हंसते हुए निकल गए। 20 सेंकड के इस वीडियो में शशि थरूर ने जिस तरह से इस चर्चा से किनारा किया है उसके बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।

मौनव्रत की वजह

माना जा रहा है कि चर्चा पर थरूर के इनकार की वजह है कि वह इस मामले को लेकर सरकार पर हमला नहीं करना चाहते हैं। मालूम हो कि थरूर पहले ऑपरेशन सिंदूर को सरकार की तारीफ कर चुके हैं। वहीं, थरूर ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश गए प्रतिनिधि मंडल का भी हिस्सा थे। ऐसे में यदि थरूर इस चर्चा में कांग्रेस की तरफ से बोलते हैं तो यह उनके लिए अपनी ही बात से पीछे हटने वाली स्थिति हो जाती। ऐसे में माना जा रहा है कि थरूर ने इस तरह की स्थिति से बचने के लिए खुद के चर्चा से अलग कर लिया है।

थरूर ने की थी ऑपरेशन सिंदूर की सराहना

बता दें कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। शशि थरूर ने इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए इसे सटीक और सुनियोजित बताया था। उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि यह बहुत अच्छी तरह से किया गया। भारत ने वैध लक्ष्यों को निशाना बनाया। उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस की आधिकारिक रुख से अलग थी, क्योंकि पार्टी ने खुफिया विफलताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई थी।

'राहुल गांधी साबित होंगे दूसरे आंबेडकर', उदित राज के दावे ने बढ़ाई सियासी हलचल

#congressuditrajcomparesrahulgandhibabasaheb_ambedkar 

राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति जनगणना का जिक्र कर देश का सियासी पारा हाई कर दिया है। कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तुलना संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर से कर दी है। उदित राज ने कहा है कि राहुल गांदी देश के दूसरे अंबेडकर साबित होंगे।

दरअसल तेलंगाना में जाति जनगणना को समाज का एक्स-रे बताते हुए, राहुल गांधी इसे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। तेलंगाना में राज्य सरकार एससी और एसटी समुदायों के निवेशकों को कॉर्पोरेट क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। तेलंगाना की इसी पहल को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज का एक बयान सामने आया हैं। उदित राज ने कहा कि जिस तरह तेलंगाना सरकार एससी और एसटी समुदायों के लिए योजना चला रही है। 

राहुल गांधी की सोच में गहरी दूरदर्शिता-उदित राज

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उदित राज ने कहा, जो तेलंगाना में डेटा इकट्ठा हुआ है, जो समाज का एक्स-रे वहाँ हुआ है, वही राहुल गांधी पूरे देश में करना चाहते हैं। राहुल गांधी की सोच में गहरी दूरदर्शिता है। अगर पिछड़ों और दलितों को ऊपर लाया गया तो देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। उदित राज ने यह भी कहा कि जो लोग राहुल गांधी की सोच को समझेंगे, खासकर ओबीसी वर्ग, वे उन्हें भविष्य में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व करने वाला मानेंगे। अगर ओबीसी वर्ग राहुल गांधी की बात को समझे और उनके रास्ते पर चल पड़ा, तो वे उनके लिए दूसरे आंबेडकर साबित हो सकते हैं।

जो अब तक नहीं किया, अब करूंगा

राहुल गांधी ने तालकटोरा स्टेडियम में भाषण देते हुए कहा कि मैं 2004 से राजनीति कर रहा हूं। अपने इस करियर में मैंने बहुत से काम अच्छे किए लेकिन कुछ कमी भी रह गई। उन्होंने कहा कि मेरी सबसे बड़ी कमी है कि मैंने ओबीसी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। वह मेरी गलती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा जो मैं ओबेसी के लिए मैं अब तक नहीं कर पाया उसे अब करूंगा। उन्होंने अपना वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि देश की उत्पादक शक्ति को सम्मान और हिस्सेदारी दिलाकर रहूंगा। जो काम ओबीसी वर्ग के लिए अब तक नहीं कर पाया, उसे दोगुनी स्पीड से करूंगा।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

#congress _

देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

#congressmpjairamrameshraisedquestionsonpmsilenceontrump

भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेगी कांग्रेस? जानें जयराम रमेश ने क्या कहा

#congresssupportimpeachmentmotionagainstjusticeyashwant_verma

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सरकार महाभियोग लाने की तैयारी में है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद के मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा।

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सत्तापक्ष की पहल के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, 'सरकार महाभियोग नहीं चला सकती। संविधान के अनुच्छेद 124 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव सांसद ही लाते हैं। लोकसभा में 100 सांसद या राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं और यह महाभियोग के लिए नहीं, बल्कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित करने के लिए है।

जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए प्रस्ताव का समर्थ करेगी कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा और उसके सांसद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे, क्योंकि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 'हमें ऐसा करने के लिए बाध्य' कर दिया है।

न्यायमूर्ति शेखर यादव पर भी कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की संविधान विरोधी और सांप्रदायिक टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा, पिछले साल दिसंबर में 55 विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संबंधी नोटिस दिया था, लेकिन इसके बाद से सभापति जगदीप धनखड़ ने कोई कदम नहीं उठाया है।

क्या है जस्टिस वर्मा का कैश कांड

जस्टिस वर्मा के लुटियंस स्थित बंगले पर 14 मार्च की रात 11:35 बजे आग लगी थी। इसे अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने बुझाया था। घटना के वक्त जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। 21 मार्च को कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिला था। काफी नोट जल गए थे। 22 मार्च को सीजे आई संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की इंटरनल जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। पैनल ने 4 मई को CJI को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया था। रिपोर्ट के आधार पर ‘इन-हाउस प्रोसीजर’ के तहत CJI खन्ना ने सरकार से जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश की थी। जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन थीं।

झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त: राहुल गांधी से मिलेंगे प्रदेश अध्यक्ष और विधायक

नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) में जारी अंदरूनी कलह और गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा रुख अपना लिया है। पार्टी की सर्वोच्च कमान ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) समेत राज्य के सभी विधायकों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तलब किया है। यह महत्वपूर्ण कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी में एकजुटता बेहद आवश्यक मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के कांग्रेस नेता और विधायक आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश इकाई में व्याप्त मतभेदों को सुलझाना और पार्टी के भीतर एकजुटता स्थापित करना है। लंबे समय से झारखंड कांग्रेस के भीतर विभिन्न गुटों के बीच खींचतान की खबरें आ रही हैं, जिससे पार्टी की छवि और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। केंद्रीय नेतृत्व इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और वह चाहता है कि प्रदेश इकाई मिलकर काम करे।

यह बैठक सिर्फ गुटबाजी को खत्म करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें राज्य में पार्टी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, संगठन को मजबूत करने के उपाय और आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों की रणनीतियों पर भी गहन चर्चा होने की उम्मीद है। राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से सभी नेताओं से संवाद कर उनकी चिंताओं को समझेंगे और उन्हें पार्टी हित में एकजुट होकर काम करने का संदेश देंगे।

झारखंड कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इस बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सामान्य संगठनात्मक बैठक है और इसमें प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व विशेष रूप से गुटबाजी को लेकर चिंतित है और वह नहीं चाहता कि इसका असर पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर पड़े।

हाल के दिनों में, झारखंड कांग्रेस के भीतर कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से मतभेद सामने आए हैं, जिससे पार्टी आलाकमान की चिंता बढ़ी है। इस बैठक को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के साथ इस बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस में कितनी एकजुटता आ पाती है और क्या पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाएगी।

राहुल गांधी के समर्थन में आए शशि थरूर, ‘वोट चोरी’ के दावे पर दिया साथ

#congressmpshashitharoorbacksrahulgandhivotechori_claims

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव में ‘वोट चोरी’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राहुल गांदी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पीपीटी पेश कर कर्नाटक में लोकसभा सीट, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और साथ ही एक ही वोटर के कई कई बूथों और राज्यों में नाम होने का आरोप लगाया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना की है। हालांकि, काफी समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोल रहे केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया है।

पिछले कुछ महीनों से पार्टी आलाकमान से इतर नजरिया रखने वाले शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली के 'ठोस सबूत' पेश किए और भारतीय चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया। थरूर ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने और स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया।

चुनाव आयोग से की खास गुजारिश

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी के पोस्ट को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। इसमें राहुल गांधी लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बारे में बता रहे हैं। शशि थरूर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कहा, ‘ये गंभीर प्रश्न हैं जिनका सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता। चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और चुनाव आयोग के प्रवक्ता को देश को सूचित करते रहना चाहिए।’

काफी समय से पार्टी लाइन से हटकर दे रहे थे बयान

शशि थरूर का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, शशि थरूर पिछले कुछ महीनों से कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी और इमरजेंसी के दौर की आलोचना भी की थी। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी थरूर सरकार के साथ खड़े नजर आए। जिसके बाद मॉनसूव सत्र के दौरान कांग्रेस की ओर से पार्टी के वक्ताओं में थरूर का नाम शामिल नहीं किया गया था। जिसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

अमित शाह पर प्रियंका गांधी का पलटवार, बोलीं-आप इतिहास की बात कीजिए मैं वर्तमान की बात करती हूं

#congressleaderpriyankagandhiaskedsharpquestions

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सदन में अपनी बात रखी। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत देश के जवानों को नमन के साथ की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रहे बहस के दौरान केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे की सुरक्षाचूक को रेखांकित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया।

प्रियंका ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार से पूछा, पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ? पहलगाम में जो देशवासी गए थे वहां कैसे गए? प्रचार किया जा रहा था कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है। इस बीच आतंकवादी लोगों के चुन-चुनकर मारते हैं। एक घंटे तक आतंकवादी मार रहे। इस पूरे समय एक भी सुरक्षकर्मी नहीं दिखा। मैं कह सकती हूं कि सरकार ने हमें अनाथ छोड़ दिया।

पर्यटकों को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ा- प्रियंका

प्रियंका ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज 100-1500- पर्यटक जाते हैं, अगर यहां कुछ हो जाएगा तो लोग यहां से निकल नहीं पाएंगे, न सुरक्षा का न फर्स्ट ऐड का इंतजाम था, लोग वहां पर ये सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया। देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है, क्या इस देश के पीएम की नहीं, क्या इस देश के गृह मंत्री की नहीं है क्या रक्षा मंत्री की नहीं है।

अमित शाह पर साधा निशाना, पूछे तीखे सवाल

प्रियंका गांधी ने आगे गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ने संसद में पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मेरी मां सोनिया गांधी के आंसुओं की बात तो की, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीजफायर क्यों किया गया, इसका जवाब नहीं दिया। प्रियंका ने कहा कि आज गृह मंत्री ने बीते नेताओं की बातें कीं, लेकिन देश को यह नहीं बताया कि जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब सरकार ने संघर्षविराम क्यों घोषित किया? साथ ही उन्होंने सरकार से सीधे सवाल पूछा कि क्या यह फैसला जनता और सेना के हित में था या कोई राजनीतिक मजबूरी? साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।

टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा

प्रियंका गांधी ने टीआरएफ को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि टीआरएफ ने कई आतंकी हमले किए, लेकिन 2023 में उसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। एक संगठन इतना बड़ा हमला करता है और सरकार को पता नहीं चला? हमारी एजेंसियां हैं, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? खुफिया विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है, क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली। इतिहास की बात आप करते हैं, मैं वर्तमान की बात करूंगी। 11 साल से तो आपकी सरकार है, आपकी कोई जिम्मेदारी है कि नहीं

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

#amit_shah_angry_on_congress_and_chidambaram_statement 

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

भारत की बात सुनाता हूं...' शशि थरूर के 'मौन व्रत' के बाद क्या कहना चाह रहे मनीष तिवारी ?

#congressmanishtewaricrypticpostbharatkibaatsonata_hoon

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में जारी चर्चा के दौरान जहां एक ओर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं पार्टी के भीतर असंतोष के सुर भी उभरकर सामने आ रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस में कांग्रेस की ओर से उन नेताओं को शामिल नहीं किया गया है, जो कि उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिन्होंने पहलगाम हमले के बारे में दुनियाभर को बताया। जिन दिग्गज नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर की बहस में जगह नहीं मिली है, उनमें तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर, चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी और फतेहगढ़ साहिब के सांसद अमर सिंह शामिल हैं। बहस में शामिल ना किए जाने पर थरूर के 'मौन व्रत' के बाद मनीष तिवारी ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 55 साल पुरानी फिल्म ‘पूरब और पश्चिम‘ के गाने की लाइन को एक्स पर एक क्रिप्टिक मैसेज के रूप में लिखा है। चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को एक्स पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बताया गया कि उन्हें और थरूर को संसद बहस से दूर रखा गया है। उन्होंने इस पोस्ट के साथ 1970 की फिल्म 'पूरब और पश्चिम' के देशभक्ति गीत की पंक्तियां लिखीं कि भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। इस इशारे को कांग्रेस नेतृत्व पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है।

शशि थरूर ने 'मौन व्रत' से दिया जवाब

इससे पहले सोमवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद भवन पहुंचे। शशि थरूर विदेश मामलों पर अपनी बेबाक राय और भाषण शैली के लिए मशहूर हैं। हालांकि इसके बावजूद वो कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में नहीं थे। ऐसे में संसद परिसर पहुंचे शशि थरूर से पत्रकारों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा। इस पर शशि थरूर ने कहा कि मौनव्रत...मौनव्रत। इसके बाद शशि थरूर हंसते हुए निकल गए।

इन सांसदों को बहस में नहीं मिला मौका

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में बहस चल रही है। सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब दे रही है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से उन नेताओं को बहस में शामिल नहीं किया गया है जो उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। जो दुनियाभर में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को बेनकाब करने गए थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार की वैश्विक कूटनीतिक पहल के तहत मनीष तिवारी और शशि थरूर उन सांसदों में शामिल थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों में भेजा गया था। इसी मिशन का हिस्सा रहे फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस सांसद अमर सिंह भी बहस में नहीं बोल रहे हैं।

कांग्रेस की नाराजगी पर बीजेपी की चुटकी

कांग्रेस नेताओं को वक्ताओं की सूची से बाहर किए जाने पर बीजेपी ने भी चुटकी ली है। बीजेपी नेता बैजयंत जय पांडा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी श्री थरूर को बोलने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, आपकी (कांग्रेस) पार्टी में कई नेता हैं जो अच्छा बोल सकते हैं। मेरे मित्र शशि थरूर जी, जो एक अच्छे वक्ता हैं, उन्हें उनकी पार्टी बोलने नहीं दे रही है।”

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले थरूर का “मौनव्रत”, कांग्रेस वक्ताओं की लिस्ट में क्यों नहीं मिली जगह?

#congressmpshashitharoorsays_maunvrat

संसद के मॉनसून सत्र में सोमवार यानी आज पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस हो रही है। दोपहर 12 बजे से इस चर्चा का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करने वाले थे, लेकिन जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। कांग्रेस की तरफ से चर्चा में शामिल होने वाले वक्ताओं की लिस्ट जारी कर दी गई है। खास बात है कि इस बार कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम नहीं है।

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर'पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, गौरव गोगोई , प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा, परिणीति शिंदे, शफी परमबिल, मणिकम टैगोर और राजा बराड़ पक्ष रखेंगे। कांग्रेस के शशि थरूर इस चर्चा में पार्टी की ओर से हिस्सा नहीं लेंगे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्वेच्छा से चर्चा में भाग लेने से मना कर दिया।

थरूर के मौनव्रत के सियासी मायने

इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद भवन पहुंचे। संसद परिसर पहुंच शशि थरूर से पत्रकारों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा। इस पर शशि थरूर ने कहा कि मौनव्रत...मौनव्रत। इसके बाद शशि थरूर हंसते हुए निकल गए। 20 सेंकड के इस वीडियो में शशि थरूर ने जिस तरह से इस चर्चा से किनारा किया है उसके बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।

मौनव्रत की वजह

माना जा रहा है कि चर्चा पर थरूर के इनकार की वजह है कि वह इस मामले को लेकर सरकार पर हमला नहीं करना चाहते हैं। मालूम हो कि थरूर पहले ऑपरेशन सिंदूर को सरकार की तारीफ कर चुके हैं। वहीं, थरूर ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश गए प्रतिनिधि मंडल का भी हिस्सा थे। ऐसे में यदि थरूर इस चर्चा में कांग्रेस की तरफ से बोलते हैं तो यह उनके लिए अपनी ही बात से पीछे हटने वाली स्थिति हो जाती। ऐसे में माना जा रहा है कि थरूर ने इस तरह की स्थिति से बचने के लिए खुद के चर्चा से अलग कर लिया है।

थरूर ने की थी ऑपरेशन सिंदूर की सराहना

बता दें कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। शशि थरूर ने इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए इसे सटीक और सुनियोजित बताया था। उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि यह बहुत अच्छी तरह से किया गया। भारत ने वैध लक्ष्यों को निशाना बनाया। उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस की आधिकारिक रुख से अलग थी, क्योंकि पार्टी ने खुफिया विफलताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई थी।

'राहुल गांधी साबित होंगे दूसरे आंबेडकर', उदित राज के दावे ने बढ़ाई सियासी हलचल

#congressuditrajcomparesrahulgandhibabasaheb_ambedkar 

राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति जनगणना का जिक्र कर देश का सियासी पारा हाई कर दिया है। कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तुलना संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर से कर दी है। उदित राज ने कहा है कि राहुल गांदी देश के दूसरे अंबेडकर साबित होंगे।

दरअसल तेलंगाना में जाति जनगणना को समाज का एक्स-रे बताते हुए, राहुल गांधी इसे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। तेलंगाना में राज्य सरकार एससी और एसटी समुदायों के निवेशकों को कॉर्पोरेट क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। तेलंगाना की इसी पहल को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज का एक बयान सामने आया हैं। उदित राज ने कहा कि जिस तरह तेलंगाना सरकार एससी और एसटी समुदायों के लिए योजना चला रही है। 

राहुल गांधी की सोच में गहरी दूरदर्शिता-उदित राज

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उदित राज ने कहा, जो तेलंगाना में डेटा इकट्ठा हुआ है, जो समाज का एक्स-रे वहाँ हुआ है, वही राहुल गांधी पूरे देश में करना चाहते हैं। राहुल गांधी की सोच में गहरी दूरदर्शिता है। अगर पिछड़ों और दलितों को ऊपर लाया गया तो देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। उदित राज ने यह भी कहा कि जो लोग राहुल गांधी की सोच को समझेंगे, खासकर ओबीसी वर्ग, वे उन्हें भविष्य में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व करने वाला मानेंगे। अगर ओबीसी वर्ग राहुल गांधी की बात को समझे और उनके रास्ते पर चल पड़ा, तो वे उनके लिए दूसरे आंबेडकर साबित हो सकते हैं।

जो अब तक नहीं किया, अब करूंगा

राहुल गांधी ने तालकटोरा स्टेडियम में भाषण देते हुए कहा कि मैं 2004 से राजनीति कर रहा हूं। अपने इस करियर में मैंने बहुत से काम अच्छे किए लेकिन कुछ कमी भी रह गई। उन्होंने कहा कि मेरी सबसे बड़ी कमी है कि मैंने ओबीसी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। वह मेरी गलती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा जो मैं ओबेसी के लिए मैं अब तक नहीं कर पाया उसे अब करूंगा। उन्होंने अपना वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि देश की उत्पादक शक्ति को सम्मान और हिस्सेदारी दिलाकर रहूंगा। जो काम ओबीसी वर्ग के लिए अब तक नहीं कर पाया, उसे दोगुनी स्पीड से करूंगा।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

#congress _

देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

#congressmpjairamrameshraisedquestionsonpmsilenceontrump

भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेगी कांग्रेस? जानें जयराम रमेश ने क्या कहा

#congresssupportimpeachmentmotionagainstjusticeyashwant_verma

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सरकार महाभियोग लाने की तैयारी में है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद के मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा।

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सत्तापक्ष की पहल के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, 'सरकार महाभियोग नहीं चला सकती। संविधान के अनुच्छेद 124 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव सांसद ही लाते हैं। लोकसभा में 100 सांसद या राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं और यह महाभियोग के लिए नहीं, बल्कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित करने के लिए है।

जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए प्रस्ताव का समर्थ करेगी कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा और उसके सांसद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे, क्योंकि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 'हमें ऐसा करने के लिए बाध्य' कर दिया है।

न्यायमूर्ति शेखर यादव पर भी कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की संविधान विरोधी और सांप्रदायिक टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा, पिछले साल दिसंबर में 55 विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संबंधी नोटिस दिया था, लेकिन इसके बाद से सभापति जगदीप धनखड़ ने कोई कदम नहीं उठाया है।

क्या है जस्टिस वर्मा का कैश कांड

जस्टिस वर्मा के लुटियंस स्थित बंगले पर 14 मार्च की रात 11:35 बजे आग लगी थी। इसे अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने बुझाया था। घटना के वक्त जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। 21 मार्च को कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिला था। काफी नोट जल गए थे। 22 मार्च को सीजे आई संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की इंटरनल जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। पैनल ने 4 मई को CJI को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया था। रिपोर्ट के आधार पर ‘इन-हाउस प्रोसीजर’ के तहत CJI खन्ना ने सरकार से जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश की थी। जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन थीं।

झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त: राहुल गांधी से मिलेंगे प्रदेश अध्यक्ष और विधायक

नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) में जारी अंदरूनी कलह और गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा रुख अपना लिया है। पार्टी की सर्वोच्च कमान ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) समेत राज्य के सभी विधायकों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तलब किया है। यह महत्वपूर्ण कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी में एकजुटता बेहद आवश्यक मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के कांग्रेस नेता और विधायक आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश इकाई में व्याप्त मतभेदों को सुलझाना और पार्टी के भीतर एकजुटता स्थापित करना है। लंबे समय से झारखंड कांग्रेस के भीतर विभिन्न गुटों के बीच खींचतान की खबरें आ रही हैं, जिससे पार्टी की छवि और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। केंद्रीय नेतृत्व इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और वह चाहता है कि प्रदेश इकाई मिलकर काम करे।

यह बैठक सिर्फ गुटबाजी को खत्म करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें राज्य में पार्टी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, संगठन को मजबूत करने के उपाय और आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों की रणनीतियों पर भी गहन चर्चा होने की उम्मीद है। राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से सभी नेताओं से संवाद कर उनकी चिंताओं को समझेंगे और उन्हें पार्टी हित में एकजुट होकर काम करने का संदेश देंगे।

झारखंड कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इस बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सामान्य संगठनात्मक बैठक है और इसमें प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व विशेष रूप से गुटबाजी को लेकर चिंतित है और वह नहीं चाहता कि इसका असर पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर पड़े।

हाल के दिनों में, झारखंड कांग्रेस के भीतर कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से मतभेद सामने आए हैं, जिससे पार्टी आलाकमान की चिंता बढ़ी है। इस बैठक को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के साथ इस बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस में कितनी एकजुटता आ पाती है और क्या पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाएगी।