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अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट'...जानें किस कारण सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

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कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट' जैसा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों में खनन की छूट से अरावली पर्वतमाला को भारी नुकसान होगा। सोनिया गांधी ने अंग्रेजी दैनिक अखबार 'द हिंदू' के लिए लिखे एक लेख में इस बात का जिक्र किया कि अरावली के 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले किसी भी क्षेत्र में खनन को छूट दे दी गई है।

‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर जैसा

सोनिया गांधी ने कहा, गुजरात से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक फैली अरावली पर्वतमाला ने लंबे समय से भारतीय भूगोल और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार ने अवैध खनन से पहले ही बर्बाद हो चुकी इन पहाड़ियों के लिए अब लगभग ‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

ये फैसला अवैध खननकर्ताओं-माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण-सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार ने घोषणा की है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के अधीन नहीं है। यह फैसला अवैध खननकर्ताओं और माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण है कि वे इस श्रृंखला के उस 90 प्रतिशत हिस्से का भी सफाया कर दें, जो सरकार द्वारा निर्धारित ऊंचाई सीमा से नीचे आता है।

सरकारी नीति में पर्यावरण की गहरी उपेक्षा- सोनिया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकारी नीति निर्धारण में पर्यावरण के प्रति गहरी और निरंतर उपेक्षा व्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया गया है, लेकिन अब उसके गौरवपूर्ण स्थान को बहाल किया जाना चाहिए और सरकारी नीति और दबाव से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

साथ काम करने की आवश्यकता पर बल

सोनिया गांधी ने कहा, हमें पर्यावरणीय मामलों पर अधिक अंतर-सरकारी समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है। एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट के लिए भूजल यूरेनियम संदूषण मुद्दे की तरह ही एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पर्यावरण नीतियों को कानून के शासन के प्रति सम्मान, स्थानीय समुदायों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके साथ काम करने की प्रतिबद्धता और पर्यावरण व मानव विकास के बीच अटूट संबंध की समझ द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, केवल ऐसे दृष्टिकोण के साथ ही हम स्वस्थ और सुरक्षित भारत निर्माण कर सकते हैं।

नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट पर फैसला आज, सोनिया-राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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दिल्ली में राऊज ऐवन्यू कोर्ट आज नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट पर महत्वपूर्ण आदेश सुनाएगा। कोर्ट यह तय करेगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को जारी किए जाने वाले समन पर क्या फैसला लिया जाए। बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद आदेश को 29 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई में स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने कहा था कि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट के निर्देश पर केस फाइल का निरीक्षण करने के बाद अतिरिक्त स्पष्टीकरण और दलीलें पेश की हैं। अदालत अब इस पर अपना आदेश शनिवार (29 नवंबर) को सुनाएगी।

क्या है आरोप?

ईडी का आरोप है कि इन नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था, जो पहले नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी। आरोप है कि इसके लिए ‘यंग इंडियन' नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुमत के हिस्सेदार हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, गांधी परिवार की हिस्सेदारी यंग इंडियन में 76 प्रतिशत है, जिसने कथित रूप से सिर्फ 90 करोड़ रुपये के लोन के बदले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।

2012 में सामने आया था विवाद

नेशनल हेराल्ड के एसेट्स पर विवाद 2012 में तब सामने आया जब बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस लीडर्स ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को खरीदने के प्रोसेस में धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने में हिस्सा लिया था।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

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ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

प्राइवेट स्कूल के बच्चों ने जाना सरकारी स्कूल की एस्ट्रोनॉमी लैब व ICT लैब का कमाल, खगोल विज्ञान की ली लाइव जानकारी
ंजीव सिंह बलिया।नगरा: सेठ मिस्टर जयपुरिया स्कूल, मऊ की प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी के नेतृत्व में 16 छात्र-छात्राओं की टीम ने कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय, इन्दासो (नगरा, बलिया) स्थित ICT एवं खगोल विज्ञान प्रयोगशाला का अवलोकन किया।  वहीं प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी ने कम्पोजिट विद्यालय इन्दासो के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह को पुष्पगुच्छ व बुके  देकर सम्मानित की !  इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न मॉडलों एवं डिजिटल संसाधनों के माध्यम से खगोल विज्ञान की लाइव जानकारी प्राप्त की। यह अवसर शिक्षा क्षेत्र में सरकारी और निजी स्कूलों के अनोखे संगम के रूप में सामने आया, जहाँ निजी स्कूल के बच्चे सरकारी विद्यालय में जाकर आधुनिक प्रयोगों को नजदीक से देख और समझ सके। विद्यालय के प्रशासनिक प्रमुख पियूष शाहू तथा विज्ञान शिक्षिका अस्मिता मुखर्जी, तारीख अनवर एवं शुभम सिंह बच्चों के साथ मौजूद रहे। वहीं कम्पोजिट विद्यालय इन्दासो के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह, पूर्व ARP दयाशंकर व अजीत यादव,प्रेमचंद यादव,बच्चालाल, जयप्रकाश यादव, विष्णु यादव एवं विद्यालय परिवार ने सभी का स्वागत किया। छात्रों ने सौरमंडल, ज्वालामुखी, जलचक्र, सूर्यग्रहण-चंद्रग्रहण, दिन-रात व मौसम परिवर्तन से संबंधित चार्ट व मॉडल का अवलोकन किया। साथ ही Six Inch Dobsonian Telescope, VR वीडियो इंस्ट्रूमेंट (3D), माइक्रोस्कोप, मानव कंकाल, न्यूटन के गति के नियम, लेंस, प्रिज़्म, पी.एच. स्केल, रिफ्रेक्शन और रिफ्लेक्शन चार्ट जैसे प्रयोगों को देखा और अनुभव किया। बच्चों ने वैज्ञानिक राकेश शर्मा और सुनीता विलियम्स के जीवन परिचय चार्ट के माध्यम से प्रेरणा प्राप्त की। विद्यार्थियों ने बताया कि लाइव प्रयोग देखने से जटिल विषय भी सरल लगने लगा। छात्रा साक्षी, यश, नमन, काव्या, आहना, अर्नब, मानव, उत्कर्ष, युराज, अर्नव, सिद्दी, शिवांश, वैश्णवी आदि ने खगोल विज्ञान की जानकारी को बड़े उत्साह से ग्रहण किया। प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों के अंदर वैज्ञानिक सोच विकसित करती हैं। वहीं विद्यालय प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह ने इसे ज्ञान साझा करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बताया। इस संयुक्त प्रयास ने यह सिद्ध कर दिया कि सरकारी स्कूलों की ICT और विज्ञान प्रयोगशालाएं भी बच्चों को अत्याधुनिक व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में सक्षम हैं।  अंत में विद्यालय के प्राध्यापक ने जयपुरिया स्कूल, मऊ के बच्चों को जलपान कराया वहीं प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी ने कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय, इन्दासो के बच्चों को उपहार भेट स्वरूप कई प्रकार के चाकलेट  वितरित की!
नेशनल हेराल्ड: ईडी के आरोपपत्र पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 29 जुलाई को अहम दिन

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नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी, यंग इंडियन पर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण से संबंधित साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है

90 करोड़ ऋण के बदले संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) - नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन में 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़प लिया।

साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर

ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है।

कैसे सामने आया मामला?

नेशनल हेराल्ड मामला 2012 में तत्कालीन भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के माध्यम से धोखाधड़ी से हड़प लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। एजेएल को कांग्रेस पार्टी ने 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था। 2010 में इस ऋण को यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके बाद एजेएल की 99% हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास चली गई। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन में 38-38% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख शेयर धारक हैं।

29 जुलाई को आदेश सुनाएगा कोर्ट

वहीं, कांग्रेस नेताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं हुई. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई आधार नहीं है, क्योंकि कोई धन या संपत्ति का व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया गया। कोर्ट ने अप्रैल 2025 में ईडी की चार्जशीट में कमियों के कारण समन जारी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मई में कमियों को दूर करने के बाद आरोपियों को सुनवाई का अधिकार देते हुए नोटिस जारी किए। अब 29 जुलाई को कोर्ट यह तय करेगा कि क्या चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए और समन जारी किया जाए या नहीं।

नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी को कोर्ट का नोटिस, 8 मई को अगली सुनवाई

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नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े पीएमएलए मामले में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। ईडी की चार्जशीट से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए आरोपी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई में अगली तारीख 8 मई तय की गई है।

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में दूसरी सुनवाई हुई। इससे पहले 25 अप्रैल को कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने ईडी से और अधिक प्रासंगिक दस्तावेज लाने और खामियों को दूर करने को कहा था। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी। इस तारीख पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश होना होगा।

नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और बाकी आरोपियों को चार्जशीट पर सुनवाई का पूरा हक है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई का अधिकार सभी को मिलना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि निष्पक्ष सुनवाई के लिए ये ज़रूरी है कि हर आरोपी को सुना जाए। इसलिए नोटिस जारी करना ज़रूरी था। कोर्ट चाहता है कि सभी आरोपियों को अपनी बात रखने का मौका मिले। इससे ये सुनिश्चित होगा कि मामले की सुनवाई सही तरीके से हो।

आरोपपत्र में सोनिया-राहुल समेत कई नाम

इससे पहले नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर शिकंजा कसते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपपत्र दायर किया था। ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने सोनिया और राहुल नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया है। आरोपपत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे समेत कई नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला?

नेशनल हेराल्ड साल 1938 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एक ऐतिहासिक अखबार है। ईडी का आरोप है कि सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडियन लिमिटेड के माध्यम से एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपये में हासिल किया। ईडी का आरोप है कि यह लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा था। इसमें एजेएल की 99 फीसदी शेयर यंग इंडियन लिमिटेड को ट्रांसफर की गई। सोनिया और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन लिमिटिड में 38-38% हिस्सेदारी है। इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया कि वाईआईएल ने एजेएल की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया और यह धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।

नेशनल हेराल्ड केसः ईडी ने दाखिल की पहली चार्जशीट, सोनिया-राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पहली चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। चार्जशीट के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में है। बुधवार को कांग्रेस पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरेगी। संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान में सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की गई है। पार्टी इस कदम को लेकर कड़ा विरोध जताने के लिए देशभर में ईडी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी।

ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ईडी के आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘हड़पने’ के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची थी और इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी उस निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर कर दिए। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सबसे अधिक शेयर हैं।

कांग्रेस ने कहा बदले की राजनीति

ईडी के इस एक्शन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और इसे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बदले की राजनीति करार दिया है। साथ ही कहा है कि इसके खिलाफ कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। एक पोस्ट में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा।

राज्यों के ईडी दफ्तरों के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

पार्टी ने बुधवार को सभी प्रदेश कांग्रेस कमिटियों को राज्यों के ईडी हेडक्वॉर्टर के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सभी राज्यों में कांग्रेस के सीनियर नेता, विधायक, सांसद, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताने को कहा गया है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ चार्जशीट सरकार का अन्यायपूर्ण और मनमाना कदम है। पार्टी ने भारत की आत्मा के लिए लड़ाई लड़ी है और फिर से लड़ेंगे।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने की थी शिकायत

2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी। शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के ही दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नैशनल हेरल्ड अखबार और इसकी प्रकाशन कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धोखाधड़ी और हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। सोनिया और राहुल के पास यंग इंडियन के सबसे ज्यादा शेयर हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास 38% शेयर हैं।

2021 में शुरू हुई थी जांच

ईडी ने 2021 में जांच शुरू की और कहा कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की ‘आपराधिक साजिश’ को उजागर किया गया है। कुछ साल पहले इस मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल से घंटों पूछताछ की थी। कुछ दिन पहले ही ईडी ने इस मामले से जुड़ी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने का नोटिस जारी किया था।

वक्फ बिल पर सोनिया गांधी ने सरकार को घेरा, बोलीं- जबरन पारित किया विधेयक, संविधान पर हमला

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वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया है। अब इसे आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने विधेयक और उसे पारित कराने के लिए सरकार की ओर से दिखाई गई जल्दबाजी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस विधेयक को जबरन पारित किया गया। हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है। यह विधेयक संविधान पर एक हमला है।

कांग्रेस संसदीय पार्टी (सीपीपी) की आम सभा की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, कल, वक्फ अमेंडमेंट बिल, 2024 लोकसभा में पारित हो गया, और आज यह राज्यसभा में आने वाला है। यह बिल वास्तव में जबरदस्ती पारित कराया गया। हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है। यह बिल संविधान पर सीधा हमला है।

बीजेपी समाज को बांटकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है-सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) की एक सोची-समझी रणनीति है, जिसका उद्देश्य समाज में हमेशा विभाजन बनाए रखना है। उनका मानना है कि बीजेपी समाज को बांटकर अपना राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।

मोदी सरकार देश को रसातल में धकेल रही-सोनिया गांधी

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किए जाने के कुछ घंटों बाद कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को रसातल में धकेल रही है। सरकार शिक्षा, नागरिक अधिकार, लोगों की स्वतंत्रता, हमारे संघीय ढांचे, या चुनाव का संचालन हो, किसी को भी बख्श नहीं रही है। उन्होंने दावा किया कि अब हमारा संविधान केवल कागजों पर रह जाएगा। हम जानते हैं कि उनका इरादा उसे भी ध्वस्त करने का है।

लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय-सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं मिल रही है। इसी तरह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे जी को बार-बार अनुरोध के बावजूद वह कहने की अनुमति नहीं दी जाती है जो वह कहना चाहते हैं और वास्तव में उन्हें कहना चाहिए। आपकी तरह मैं भी इसकी साक्षी रही हूं कि कैसे सदन हमारी वजह से नहीं, बल्कि खुद सत्तापक्ष के विरोध के कारण स्थगित होता है।

सोनिया गांधी ने नई शिक्षा नीति पर केन्द्र को घेरा, बोलीं- शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए

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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारत की शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि बीते एक दशक में सरकार ने केवल अपने एजेंडे को लागू करने की कोशिश की है। शिक्षा संस्थानों का निजीकरण और सांप्रदायीकरण किया गया है।

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में लिखे लेख में सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ‘3 सी’ एजेंडे को आगे बढ़ा रही है और इसके जरिए शिक्षा व्यवस्था पर प्रहार कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा का केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकीकरण करती है। सोनिया ने केंद्र पर संघीय शिक्षा ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से बाहर रखकर शिक्षा के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है।

राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जाना शर्मनाक

सोनिया गांधी ने कहा कि 2019 से शिक्षा पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े बड़े बदलावों को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों से एक बार भी बात नहीं की, जबकि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पीएम श्री योजना के लिए राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जाना और फंड रोकना शर्मनाक बात है।

शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया गया

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने इस लेख में 89000 स्कूल के बंद होने, बीजेपी-आरएसएस से जुड़े लोगों की भर्ती जैसे मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के बच्चों और युवाओं की शिक्षा के प्रति बेहद उदासीन है। इसमें शिक्षा प्रणाली को जनसेवा की भावना से वंचित रखा गया और शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि यूजीसी नियमों के नए मसौदे में राज्य सरकारों के विश्वविद्यालय में भी कुलपति की नियुक्ति से राज्यों को बाहर कर राज्यपाल के ज़रिए केंद्र सरकार को अधिकार दिया गया है जो संघवाद पर बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए।

अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट'...जानें किस कारण सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

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कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट' जैसा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों में खनन की छूट से अरावली पर्वतमाला को भारी नुकसान होगा। सोनिया गांधी ने अंग्रेजी दैनिक अखबार 'द हिंदू' के लिए लिखे एक लेख में इस बात का जिक्र किया कि अरावली के 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले किसी भी क्षेत्र में खनन को छूट दे दी गई है।

‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर जैसा

सोनिया गांधी ने कहा, गुजरात से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक फैली अरावली पर्वतमाला ने लंबे समय से भारतीय भूगोल और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार ने अवैध खनन से पहले ही बर्बाद हो चुकी इन पहाड़ियों के लिए अब लगभग ‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

ये फैसला अवैध खननकर्ताओं-माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण-सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार ने घोषणा की है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के अधीन नहीं है। यह फैसला अवैध खननकर्ताओं और माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण है कि वे इस श्रृंखला के उस 90 प्रतिशत हिस्से का भी सफाया कर दें, जो सरकार द्वारा निर्धारित ऊंचाई सीमा से नीचे आता है।

सरकारी नीति में पर्यावरण की गहरी उपेक्षा- सोनिया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकारी नीति निर्धारण में पर्यावरण के प्रति गहरी और निरंतर उपेक्षा व्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया गया है, लेकिन अब उसके गौरवपूर्ण स्थान को बहाल किया जाना चाहिए और सरकारी नीति और दबाव से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

साथ काम करने की आवश्यकता पर बल

सोनिया गांधी ने कहा, हमें पर्यावरणीय मामलों पर अधिक अंतर-सरकारी समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है। एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट के लिए भूजल यूरेनियम संदूषण मुद्दे की तरह ही एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पर्यावरण नीतियों को कानून के शासन के प्रति सम्मान, स्थानीय समुदायों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके साथ काम करने की प्रतिबद्धता और पर्यावरण व मानव विकास के बीच अटूट संबंध की समझ द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, केवल ऐसे दृष्टिकोण के साथ ही हम स्वस्थ और सुरक्षित भारत निर्माण कर सकते हैं।

नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट पर फैसला आज, सोनिया-राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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दिल्ली में राऊज ऐवन्यू कोर्ट आज नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट पर महत्वपूर्ण आदेश सुनाएगा। कोर्ट यह तय करेगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को जारी किए जाने वाले समन पर क्या फैसला लिया जाए। बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद आदेश को 29 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई में स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने कहा था कि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट के निर्देश पर केस फाइल का निरीक्षण करने के बाद अतिरिक्त स्पष्टीकरण और दलीलें पेश की हैं। अदालत अब इस पर अपना आदेश शनिवार (29 नवंबर) को सुनाएगी।

क्या है आरोप?

ईडी का आरोप है कि इन नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था, जो पहले नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी। आरोप है कि इसके लिए ‘यंग इंडियन' नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुमत के हिस्सेदार हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, गांधी परिवार की हिस्सेदारी यंग इंडियन में 76 प्रतिशत है, जिसने कथित रूप से सिर्फ 90 करोड़ रुपये के लोन के बदले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।

2012 में सामने आया था विवाद

नेशनल हेराल्ड के एसेट्स पर विवाद 2012 में तब सामने आया जब बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस लीडर्स ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को खरीदने के प्रोसेस में धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने में हिस्सा लिया था।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

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ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

प्राइवेट स्कूल के बच्चों ने जाना सरकारी स्कूल की एस्ट्रोनॉमी लैब व ICT लैब का कमाल, खगोल विज्ञान की ली लाइव जानकारी
ंजीव सिंह बलिया।नगरा: सेठ मिस्टर जयपुरिया स्कूल, मऊ की प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी के नेतृत्व में 16 छात्र-छात्राओं की टीम ने कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय, इन्दासो (नगरा, बलिया) स्थित ICT एवं खगोल विज्ञान प्रयोगशाला का अवलोकन किया।  वहीं प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी ने कम्पोजिट विद्यालय इन्दासो के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह को पुष्पगुच्छ व बुके  देकर सम्मानित की !  इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न मॉडलों एवं डिजिटल संसाधनों के माध्यम से खगोल विज्ञान की लाइव जानकारी प्राप्त की। यह अवसर शिक्षा क्षेत्र में सरकारी और निजी स्कूलों के अनोखे संगम के रूप में सामने आया, जहाँ निजी स्कूल के बच्चे सरकारी विद्यालय में जाकर आधुनिक प्रयोगों को नजदीक से देख और समझ सके। विद्यालय के प्रशासनिक प्रमुख पियूष शाहू तथा विज्ञान शिक्षिका अस्मिता मुखर्जी, तारीख अनवर एवं शुभम सिंह बच्चों के साथ मौजूद रहे। वहीं कम्पोजिट विद्यालय इन्दासो के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह, पूर्व ARP दयाशंकर व अजीत यादव,प्रेमचंद यादव,बच्चालाल, जयप्रकाश यादव, विष्णु यादव एवं विद्यालय परिवार ने सभी का स्वागत किया। छात्रों ने सौरमंडल, ज्वालामुखी, जलचक्र, सूर्यग्रहण-चंद्रग्रहण, दिन-रात व मौसम परिवर्तन से संबंधित चार्ट व मॉडल का अवलोकन किया। साथ ही Six Inch Dobsonian Telescope, VR वीडियो इंस्ट्रूमेंट (3D), माइक्रोस्कोप, मानव कंकाल, न्यूटन के गति के नियम, लेंस, प्रिज़्म, पी.एच. स्केल, रिफ्रेक्शन और रिफ्लेक्शन चार्ट जैसे प्रयोगों को देखा और अनुभव किया। बच्चों ने वैज्ञानिक राकेश शर्मा और सुनीता विलियम्स के जीवन परिचय चार्ट के माध्यम से प्रेरणा प्राप्त की। विद्यार्थियों ने बताया कि लाइव प्रयोग देखने से जटिल विषय भी सरल लगने लगा। छात्रा साक्षी, यश, नमन, काव्या, आहना, अर्नब, मानव, उत्कर्ष, युराज, अर्नव, सिद्दी, शिवांश, वैश्णवी आदि ने खगोल विज्ञान की जानकारी को बड़े उत्साह से ग्रहण किया। प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों के अंदर वैज्ञानिक सोच विकसित करती हैं। वहीं विद्यालय प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह ने इसे ज्ञान साझा करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बताया। इस संयुक्त प्रयास ने यह सिद्ध कर दिया कि सरकारी स्कूलों की ICT और विज्ञान प्रयोगशालाएं भी बच्चों को अत्याधुनिक व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में सक्षम हैं।  अंत में विद्यालय के प्राध्यापक ने जयपुरिया स्कूल, मऊ के बच्चों को जलपान कराया वहीं प्रिंसिपल अनुप्रिया चटर्जी ने कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय, इन्दासो के बच्चों को उपहार भेट स्वरूप कई प्रकार के चाकलेट  वितरित की!
नेशनल हेराल्ड: ईडी के आरोपपत्र पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 29 जुलाई को अहम दिन

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नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी, यंग इंडियन पर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण से संबंधित साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है

90 करोड़ ऋण के बदले संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) - नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन में 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़प लिया।

साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर

ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है।

कैसे सामने आया मामला?

नेशनल हेराल्ड मामला 2012 में तत्कालीन भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के माध्यम से धोखाधड़ी से हड़प लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। एजेएल को कांग्रेस पार्टी ने 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था। 2010 में इस ऋण को यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके बाद एजेएल की 99% हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास चली गई। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन में 38-38% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख शेयर धारक हैं।

29 जुलाई को आदेश सुनाएगा कोर्ट

वहीं, कांग्रेस नेताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं हुई. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई आधार नहीं है, क्योंकि कोई धन या संपत्ति का व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया गया। कोर्ट ने अप्रैल 2025 में ईडी की चार्जशीट में कमियों के कारण समन जारी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मई में कमियों को दूर करने के बाद आरोपियों को सुनवाई का अधिकार देते हुए नोटिस जारी किए। अब 29 जुलाई को कोर्ट यह तय करेगा कि क्या चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए और समन जारी किया जाए या नहीं।

नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी को कोर्ट का नोटिस, 8 मई को अगली सुनवाई

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नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े पीएमएलए मामले में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। ईडी की चार्जशीट से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए आरोपी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई में अगली तारीख 8 मई तय की गई है।

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में दूसरी सुनवाई हुई। इससे पहले 25 अप्रैल को कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने ईडी से और अधिक प्रासंगिक दस्तावेज लाने और खामियों को दूर करने को कहा था। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी। इस तारीख पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश होना होगा।

नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और बाकी आरोपियों को चार्जशीट पर सुनवाई का पूरा हक है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई का अधिकार सभी को मिलना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि निष्पक्ष सुनवाई के लिए ये ज़रूरी है कि हर आरोपी को सुना जाए। इसलिए नोटिस जारी करना ज़रूरी था। कोर्ट चाहता है कि सभी आरोपियों को अपनी बात रखने का मौका मिले। इससे ये सुनिश्चित होगा कि मामले की सुनवाई सही तरीके से हो।

आरोपपत्र में सोनिया-राहुल समेत कई नाम

इससे पहले नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर शिकंजा कसते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपपत्र दायर किया था। ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने सोनिया और राहुल नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया है। आरोपपत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे समेत कई नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला?

नेशनल हेराल्ड साल 1938 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एक ऐतिहासिक अखबार है। ईडी का आरोप है कि सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडियन लिमिटेड के माध्यम से एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपये में हासिल किया। ईडी का आरोप है कि यह लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा था। इसमें एजेएल की 99 फीसदी शेयर यंग इंडियन लिमिटेड को ट्रांसफर की गई। सोनिया और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन लिमिटिड में 38-38% हिस्सेदारी है। इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया कि वाईआईएल ने एजेएल की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया और यह धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।

नेशनल हेराल्ड केसः ईडी ने दाखिल की पहली चार्जशीट, सोनिया-राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पहली चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। चार्जशीट के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में है। बुधवार को कांग्रेस पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरेगी। संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान में सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की गई है। पार्टी इस कदम को लेकर कड़ा विरोध जताने के लिए देशभर में ईडी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी।

ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ईडी के आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘हड़पने’ के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची थी और इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी उस निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर कर दिए। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सबसे अधिक शेयर हैं।

कांग्रेस ने कहा बदले की राजनीति

ईडी के इस एक्शन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और इसे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बदले की राजनीति करार दिया है। साथ ही कहा है कि इसके खिलाफ कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। एक पोस्ट में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा।

राज्यों के ईडी दफ्तरों के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

पार्टी ने बुधवार को सभी प्रदेश कांग्रेस कमिटियों को राज्यों के ईडी हेडक्वॉर्टर के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सभी राज्यों में कांग्रेस के सीनियर नेता, विधायक, सांसद, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताने को कहा गया है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ चार्जशीट सरकार का अन्यायपूर्ण और मनमाना कदम है। पार्टी ने भारत की आत्मा के लिए लड़ाई लड़ी है और फिर से लड़ेंगे।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने की थी शिकायत

2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी। शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के ही दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नैशनल हेरल्ड अखबार और इसकी प्रकाशन कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धोखाधड़ी और हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। सोनिया और राहुल के पास यंग इंडियन के सबसे ज्यादा शेयर हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास 38% शेयर हैं।

2021 में शुरू हुई थी जांच

ईडी ने 2021 में जांच शुरू की और कहा कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की ‘आपराधिक साजिश’ को उजागर किया गया है। कुछ साल पहले इस मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल से घंटों पूछताछ की थी। कुछ दिन पहले ही ईडी ने इस मामले से जुड़ी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने का नोटिस जारी किया था।

वक्फ बिल पर सोनिया गांधी ने सरकार को घेरा, बोलीं- जबरन पारित किया विधेयक, संविधान पर हमला

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वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया है। अब इसे आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने विधेयक और उसे पारित कराने के लिए सरकार की ओर से दिखाई गई जल्दबाजी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस विधेयक को जबरन पारित किया गया। हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है। यह विधेयक संविधान पर एक हमला है।

कांग्रेस संसदीय पार्टी (सीपीपी) की आम सभा की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, कल, वक्फ अमेंडमेंट बिल, 2024 लोकसभा में पारित हो गया, और आज यह राज्यसभा में आने वाला है। यह बिल वास्तव में जबरदस्ती पारित कराया गया। हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है। यह बिल संविधान पर सीधा हमला है।

बीजेपी समाज को बांटकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है-सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) की एक सोची-समझी रणनीति है, जिसका उद्देश्य समाज में हमेशा विभाजन बनाए रखना है। उनका मानना है कि बीजेपी समाज को बांटकर अपना राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।

मोदी सरकार देश को रसातल में धकेल रही-सोनिया गांधी

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किए जाने के कुछ घंटों बाद कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को रसातल में धकेल रही है। सरकार शिक्षा, नागरिक अधिकार, लोगों की स्वतंत्रता, हमारे संघीय ढांचे, या चुनाव का संचालन हो, किसी को भी बख्श नहीं रही है। उन्होंने दावा किया कि अब हमारा संविधान केवल कागजों पर रह जाएगा। हम जानते हैं कि उनका इरादा उसे भी ध्वस्त करने का है।

लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय-सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं मिल रही है। इसी तरह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे जी को बार-बार अनुरोध के बावजूद वह कहने की अनुमति नहीं दी जाती है जो वह कहना चाहते हैं और वास्तव में उन्हें कहना चाहिए। आपकी तरह मैं भी इसकी साक्षी रही हूं कि कैसे सदन हमारी वजह से नहीं, बल्कि खुद सत्तापक्ष के विरोध के कारण स्थगित होता है।

सोनिया गांधी ने नई शिक्षा नीति पर केन्द्र को घेरा, बोलीं- शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए

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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारत की शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार को घेरा है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि बीते एक दशक में सरकार ने केवल अपने एजेंडे को लागू करने की कोशिश की है। शिक्षा संस्थानों का निजीकरण और सांप्रदायीकरण किया गया है।

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में लिखे लेख में सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ‘3 सी’ एजेंडे को आगे बढ़ा रही है और इसके जरिए शिक्षा व्यवस्था पर प्रहार कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा का केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकीकरण करती है। सोनिया ने केंद्र पर संघीय शिक्षा ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से बाहर रखकर शिक्षा के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है।

राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जाना शर्मनाक

सोनिया गांधी ने कहा कि 2019 से शिक्षा पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े बड़े बदलावों को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों से एक बार भी बात नहीं की, जबकि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पीएम श्री योजना के लिए राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जाना और फंड रोकना शर्मनाक बात है।

शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया गया

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने इस लेख में 89000 स्कूल के बंद होने, बीजेपी-आरएसएस से जुड़े लोगों की भर्ती जैसे मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के बच्चों और युवाओं की शिक्षा के प्रति बेहद उदासीन है। इसमें शिक्षा प्रणाली को जनसेवा की भावना से वंचित रखा गया और शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि यूजीसी नियमों के नए मसौदे में राज्य सरकारों के विश्वविद्यालय में भी कुलपति की नियुक्ति से राज्यों को बाहर कर राज्यपाल के ज़रिए केंद्र सरकार को अधिकार दिया गया है जो संघवाद पर बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए।