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पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल जारी, जानें क्यों खास है रूसी राष्ट्रपति की यात्रा

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल घोषित हो गया है। पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर को भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन का दौरा पाँच दिसंबर तक रहेगा।

पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन का दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस दौरे में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उनकी मुलाकात होगी।

रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। साथ ही दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें दिल्ली पर

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। भारत ने इस बीच रूस से तेल खरीद में कमी भी की है। पुतिन की इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

डिफेंस डील को लेकर चर्चा

भारत और रूस के बीच डिफेंस डील की लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी पुतिन के साथ मुलाकात में S-400 की खरीद को लेकर डिफेंस डील कर सकते हैं। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खर्च हुई S-400 की मिसाइलों की खरीद पर भी डील हो सकती है। इसके अलावा पुतिन पीएम मोदी से रूस के पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के बारे में बातचीत कर सकते हैं।

प्रयागराज का गौरव:डॉ.प्रोबाल नियोगी ने रूस में भारत का प्रतिनिधित्व कर चमकाया देश का नाम

रूसी सर्जनो की सोसाइटी ने पहली बार भारत से सर्जनों को किया आमंत्रित, एम.ओ.यू.के जरिए दोनों देशों में होगा शल्य चिकित्सा का आदान-प्रदान

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रसिद्ध लैप्रोस्कोपिक सर्जन और सर्जरी विभाग के प्रो.डॉ.प्रोबाल नियोगी ने एक बार फिर शहर का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।उन्हें रूसी सर्जनों की सोसाइटी (Russian Society of Surgeons)द्वारा आमंत्रित किया गया ताकि वे भारत के उच्चस्तरीय शल्य चिकित्सक प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य के रूप में मॉस्को में आयोजित XVI वें कांग्रेस ऑफ रशियन सर्जन्स (21 से 23 अक्टूबर 2025)में भाग लेकर व्याख्यान दे सके।यह पहली बार है जब रूस ने भारतीय सर्जनों को अपने वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रित किया है।डॉ.नियोगी जो एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (ASI)के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय मामलो के संयोजक है के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.प्रवीण सुर्यवंशी(महाराष्ट्र)भी शामिल थे।सम्मेलन के दौरान दोनो देशो के बीच शल्य चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक एमओयू (MOU)का प्रारूप तैयार किया गया।रूसी सर्जनों की सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो.अलेक्सी वासिलीविच शाबुनिन ने कहा भारतीय सर्जनों का गोली और युद्ध संबंधी चोटों के उपचार में अनुभव बेहद महत्वपूर्ण है।यह हमारे रक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों के लिए उपयोगी होगा।यह एमओयू दिसम्बर 2025 में कोलकाता में होने वाले एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा।भारतीय प्रतिनिधिमंडल को मॉस्को के 1800 बेड वाले बॉटकिन मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड क्लिनिकल सेंटर का दौरा भी कराया गया जहाँ उन्होंने ट्रॉमा सर्जरी कैंसर केयर और अन्य विशेष शाखाओं के निदेशकों से विचार-विमर्श किया।डॉ.प्रोबाल नियोगी ने कहा “यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और भावनात्मक क्षण था कि मैं प्रयागराज और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रूस जैसे बड़े देश में भारतीय सर्जनों की उपलब्धियों को साझा कर सका।भारत में शल्य चिकित्सा का अनुभव और दक्षता विश्व स्तर पर सराही जा रही है।यह सहयोग आने वाले समय में दोनों देशों के बीच चिकित्सा अनुसंधान प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक के आदान-प्रदान का नया अध्याय खोलेगा।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

रूस से अभी भी तेल खरीद रहा भारत, ट्रंप का दावा हुआ “फुस्स”

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद रॉयटर्स ने खबर दी थी कि भारतीय कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को बताया कि भारतीय रिफाइनर (भारतीय कंपनियां) ऑयल इंपोर्ट से जुड़े फैसले किसी दबाव में नहीं करती हैं। उनकी खरीद का फैसला देश का आर्थिक हितों पर निर्भर करता है। कंपनियां मूल्य, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और अन्य आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लेते हैं।

सूत्रों का कहना है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वह रोजाना करीब 95 लाख बैरल तेल निकालता है, जो दुनिया की मांग का लगभग 10% है। रूस तेल बेचने के मामले में भी दूसरे नंबर पर है। वह रोजाना लगभग 45 लाख बैरल कच्चा तेल और 23 लाख बैरल रिफाइन किया हुआ तेल दूसरे देशों को भेजता है। यूक्रेन युद्ध के बाद डर था कि रूसी तेल बाजार से बाहर हो जाएगा। इस कारण मार्च 2022 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

सूत्रों ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। वह अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल दूसरे देशों से खरीदता है। मुश्किल समय में भारत ने समझदारी से काम लिया और अपनी जरूरत के हिसाब से तेल खरीदा ताकि उसे सस्ता तेल मिल सके। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन किया। यूक्रेन युद्ध से भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी थी जो अब करीब 37 फीसदी हो गई है। रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर है।

ट्रंप के दावों की हवा निकली

यह रिएक्‍शन रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह रूस से स्पॉट क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। रिपोर्ट में इसके पीछे छूट में कमी और बढ़ते जीयो-पॉलिटिकल प्रेशर का हवाला दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि उन्हें सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे एक अच्छा कदम बताया था।

ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर दी थी चेतावनी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल न खरीदने को कहा था।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award - 2025 !

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award – 2025 Presented by Krishna Chouhan Foundation on Thursday 19th June 2025 at Mayor’s Hall, Andheri (West).

Chief Guest Dheeraj Kumar, Deepak Parashar, Pratima Kanan, Kannan Arunachalam, B N Tiwari, Singer Deepa Narayan Jha, Singer Rutu Pathak, ACP Sanjay Patil, Dilip Sen, Producer Actor CD Shete, Rekha Rao, Abhishek Khanna, Bright Outdoor Media representatives were presented.

Shantanu Bhamare with ACP Sanjay Patil

KCF presented this awards ceremony honoured celebrities who have established their distinct identity in the film world. Many celebrities were present in this award ceremony organized by Dr. Krishna Chauhan, among whom this name is notable. Chief guest idol Kanan, ACP Sanjay Patil, Deepak Parashar, Rekha Rao, Dilip Sen, Abhishek Khanna, Singer Sagar Acharya, Singer Naresh etc.

Shantanu Bhamare with Dheeraj Kumar, Kannan Arunachalam & B N Tiwari

On this occasion Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ for his work done in Bollywood.

Shantanu Bhamare with Deepak Parashar

As a Bollywood Film Producer work done by Shantanu Bhamare :

Co – Producer Of Bollywood Film - Fire Of Love : RED. Starring Krushna Abhishek, Payal Ghosh Kamlesh Sawant, Shantanu Bhamare & Bharat Dabholkar.

Producer Of Teri Aashiqui Mein - Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Elena Tuteja (Russian Actress), which got 1.2 Million Views in short period.

Producer Of Baby De Ek Chance – Romantic Pop Item Song he played Lead Male Role with Female Lead Abhilasha Suryawanshi (Miss Maharashtra), which got more than Half Million Views in short period.

Producer Of Mann Kyun Behka Ja Raha Hai - Seductive Romantic Song, he played Lead Male Role with Female Lead Anna Gavrichkova (another Russian Actress), which got 1.5 Million Views in short period.

Producer Of Tu Hi Meri Jaan – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Prachi Thorat, which got 200K+ Views in short period.

Producer Of Tere Bina Jeena Nahin – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Ruchita Aglawe.

Tags : Shantanu Bhamare, Shan Se Entertainment, Actor, Producer, Best Bollywood Film Producer, Bollywood Iconic Award

सऊदी में 12 घंटे अमेरिकी और रूसी अधिकारियों का मंथन,यूक्रेन युद्ध रोकने पर कहां तक बनी बात?

#us_and_russian_officials_meeting_held_in_riyadh 

यूक्रेन जंग रोकने को लेकर सऊदी अरब के रियाद में अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने मंथन किया। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक 12 घंटों से ज्यादा लंबी चली, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्धविराम की कोशिशों पर प्रगति की। वहीं, रूसी मीडिया के मुताबिक, इस बैठक को लेकर अमेरिका और रूस मंगलवार यानी 25 मार्च को एक संयुक्त बयान जारी करेंगे।

अमेरिका के साथ बैठक के बाद रूसी विदेश मंत्रालय ने एक छोटा सा वीडियो जारी किया। इस वीडियो में रूसी अधिकारियों को वार्ता के खत्म होने के बाद बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, मंत्रालय की ओर से इस वीडियो पोस्ट पर कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई। केवल लिखा गया, “रूसी-अमेरिकी बैठक खत्म हो गई है।

रूस के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और सीनियर डिप्लोमेट ग्रिगोरी करासिन ने रियाद में हुई वार्ता को ‘रचनात्मक’ के साथ-साथ ‘तकनीकि’ भी बताया है। करासिन ने बातचीत में ब्रेक के दौरान मीडिया से कहा, “सभी बैठकों में हाई-प्रोफाइल दस्तावेज या समझौते नहीं होते हैं, बैठक में महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि संबंधित पक्षों के बीच संवाद को बनाकर रखा जाए और एक-दूसरे की स्थिति को गहनता से समझा जाए और इस संबंध में हम सफल हो रहे हैं।

हालांकि एक तरफ तो सीजफायर को लेकर बैठक चल रही थी वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन बॉर्डर पर दोनों तरफ से हमले जारी हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि जब अमेरिका और यूक्रेन के बीच रियाद के एक लक्जरी होटल में बैठक हो रही थी, तब उत्तरपूर्वी यूक्रेन के सुमी पर सोमवार को एक रूसी मिसाइल हमले में 17 बच्चों सहित लगभग 90 लोग घायल हो गए।

इससे पहले पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी। इस दौरान ट्रम्प ने दोनों नेताओं से एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले न करने के लिए कहा था।

हालांकि, इस बातचीत में स्पष्टता की कमी की वजह से यह समझौता लागू नहीं हो पाया। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले भी किए।

अमेरिका यूक्रेन को पहले ही प्रस्ताव दे चुका है कि वह पावर प्लांट्स (ऊर्जा ठिकानों) की सुरक्षा के लिए उन्हें अमेरिका को सौंप दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने टीवी पर दिए एक बयान में बताया कि बातचीत काफी उपयोगी रही। यूक्रेन के रक्षामंत्री रुसतेम उमेरोव के मुताबिक इस बातचीत का मकसद जल्द शांति और सुरक्षा को मजबूत करना है। रविवार को इस सब पर तकनीकी बातचीत हुई। वहीं जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों, खासतौर से अमेरिका से पुतिन को हमले रोकने के लिए आदेश देने के लिए कहा

ट्रंप का बड़ा बयान, बोले- यूक्रेन किसी भी दिन रूस का हो जाएगा, धमकी की आड़ में कर डाली ये मांग
#trump_said_ukraine_may_be_russian_someday
* अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से तहलका मचा दिया है। पहले उन्होंने कनाडा और पनामा को लेकर दावे किए और अब उन्होंने यूक्रेन को लेकर बड़ी बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि यूक्रेन किसी दिन रूसी हो सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन की जंग में जितनी मदद की है, उसे वापस लेने में वे नहीं हिचकिचाएंगे। ट्रंप के बयान से साफ है कि यूक्रेन को अमेरिकी सहायता पाने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ट्रंप ने सोमवार को फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के भविष्य अपने युद्ध खत्म करने के वादे को भी दोहराया। फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “वे सौदा कर सकते हैं, वे सौदा नहीं भी कर सकते हैं। वे किसी दिन रूसी हो सकते हैं, या वे किसी दिन रूसी नहीं भी हो सकते हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि वह दुर्लभ पृथ्वी खनिजों तक पहुंच के रूप में यूक्रेन को अमेरिका द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए मुआवजा चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि यदि यूक्रेन को अमेरिकी मदद चाहिए तो उसे 500 बिलियन डॉलर के रेयर अर्थ मटेरिलय (दुर्लभ खनिज) अमेरिका को देने होंगे। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को धमकी दी कि यदि उन्होंने ट्रंप की बात नहीं मानी तो अमेरिका यूक्रेन को और मदद देना बंद कर देगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन कमजोर पड़ जाएगा। इसके बाद रूस किसी भी दिन उसे अपने में मिला सकता है। ट्रंप ने अपनी पॉलिसी को क्लियर करते हुए कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को सैकड़ों अरब डॉलर की सहायता दी है और अब वह इसकी भरपाई करना चाहता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर यूक्रेन भविष्य में रूस का हिस्सा बन जाता है तो अमेरिका को अपने निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। उनका दावा है कि यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को अनौपचारिक रूप से स्वीकार भी कर लिया था। इधर, रूस ने ट्रंप के बयान पर का समर्थन का है। राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस के साथ दोबारा मिल जाना चाहता है और ऐसा पहले ही हो चुका है। पेस्कोव ने कहा- यह एक सच्चाई है, जो जमीनी स्तर पर साकार हुआ है। रूस में अब चार नए क्षेत्र मिल गए हैं। यूक्रेन में लोग कई खतरों के बावजूद रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में वोटिंग के लिए तैयार हैं।
*क्या अज़रबैजान प्लेन क्रैश के पीछे रूस का हाथ? जानें क्यों उठ रही उंगलियां

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कजाकिस्तान में अकताऊ शहर के निकट अजरबैजान एयरलाइन्स का एक विमान बुधवार को क्रैश हो गया। इस हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे से जुड़े वीडियो सामने आए हैं। कई तरह की अटकलें भी लग रही हैं। कई रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा है कि अजरबैजान एयरलाइंस का विमान, जो क्रिसमस के दिन कजाकिस्तान के अक्ताउ के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वह बाकू से रूस के ग्रोज़्नी जाते समय रूसी मिसाइल या विमान भेदी हमले का शिकार हुआ है। कई रिपोर्ट्स में मिलिट्री एक्सपर्ट्स ने शंका जाहिर की है कि हो सकता है इस विमान को रूस ने 'गलती' से मिसाइल से उड़ा दिया हो।

हादसे के बाद बताया गया कि पक्षी के टकराने से विमान का ऑक्सीजन टैंक फट गया। मगर, अब सामने आए वीडियो में विमान के पिछले हिस्से पर छर्रे के निशान मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एम्ब्रेयर 190 फ्लाइट के पिछले हिस्से पर जो निशानों दिखाए दे रहे हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर शक की नजर से देखा जा रहा है। पहली नजर में ये निशान पक्षियों की टक्कर के नहीं लग रहे और किसी प्रकार के हमले के लग रहे हैं। बीएनओ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जब रूसी वायु रक्षा यूक्रेनी ड्रोन हमले का जवाब दे रही थी उसी समय विमान के पायलटों ने एमरजेंसी कॉल भेजा था।

बता दें कि 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन बाकू से रूस जा रहा अजरबैजान एयरलाइंस का विमान कजाखस्तान के अक्ताउ के पास क्रैश हो गया था। विमान की अकताऊ से तीन किलोमीटर दूर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी, तभी यह लैंडिंग के वक्त जमीन से टकरा गया और उसमें आग लग गई। घटना के कई वीडियो फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें विमान बेहद तेजी से नीचे आते देखा जा सकता है, जो समुद्री किनारे से टकराते ही आग का गोला बन जाता है और इसके बाद आसमान में काले धुएं का गुबार दिखाई देने लगता है। घायल और खून से लथपथ यात्रियों को दुर्घटना में सही बचे विमान के पिछले हिस्से से निकलते देखा जा सकता है। इस भयानक हादसे में विमान में सवार 67 लोगों में से 38 यात्रियों की जान चली गई।

भारत को सिर्फ यूरोप को खुश करने के लिए ऊंची कीमतें क्यों चुकानी चाहिए”, जयशंकर के इन चुभते सवालों के क्या हैं मायने?*
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भारतीय विदेश मंत्री अपनी हाजिरजवाबी के लिए जाने जाते हैं। एस जयशंकर अपने जवाब से अच्छे-अच्छों को लाजवाब कर चुके हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर हो रही आलोचनाओं पर पश्चिमी देशों को दो टूक जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया के हर हिस्से के अपने-अपने हित होते हैं और यह समझना जरूरी है। उन्होंने यूरोप के चयनात्मक दृष्टिकोण की आलोचना की और पूछा कि अगर यह सिद्धांतों का मामला है, तो यूरोप ने खुद रूस के साथ अपने कारोबार में कटौती क्यों नहीं की। इटली में इतालवी न्यूज़पेपर कोरिएरे डेला सेरा को दिए इंटरव्यू में एस जयशंकर ने दुनिया के अन्य हिस्सों से यूरोप की अनुचित अपेक्षाओं पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही एस जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बात की और यूक्रेन वॉर डिप्लोमैटिक हल पर जोर दिया। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान भारत-चीन संबंधों समेत कई मुद्दों पर भी बात की। जयशंकर ने कहा, दुनिया के इस हिस्से (पश्चिमी देश) को यह समझना होगा कि दुनिया के हर हिस्से के अपने हित हैं। यूरोप की प्राथमिकताएं स्वाभाविक रूप से एशिया या अफ्रीका या लैटिन अमेरिका के देशों से अलग होंगी। अगर सब कुछ इतने गहरे सिद्धांत का मामला है तो यूरोप को खुद ही रूस के साथ अपने सभी व्यापार खत्म कर देने चाहिए थे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वह बहुत ही चयनात्मक रहा है और उसने बहुत ही सावधानी से अपने अलगाव को आगे बढ़ाया है। इसलिए, यह कहना कि यह क्षेत्र (यूरोप) अपने लोगों की चिंता करेगा और दूसरों को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि उन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, उचित नहीं है।' *जयशंकर के तीखे सवाल* जयशंकर ने आगे पूछा कि भारत को सिर्फ यूरोप को खुश करने के लिए ऊंची कीमतें क्यों चुकानी चाहिए। उन्होंने बताया कि यूरोप ने पहले रूस से ऊर्जा खरीदी थी, लेकिन अब वह अन्य देशों से ऊर्जा खरीद रहा है, जिससे बाजार में दबाव बढ़ा है। भारत को इस स्थिति में अपनी कीमतें क्यों बढ़ानी चाहिए? *रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले भी दे चुके हैं जवाब* यह पहली बार नहीं है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सस्ता रूसी तेल खरीदने के लिए भारत के रुख को जाहिर किया हो। पहले भी कई मंचों पर वे भारत का रुख साफ शब्दों में रख चुके हैं। जयशंकर ने कहा कि रूस एक सोर्स है। भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनने का अधिकार है।
पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल जारी, जानें क्यों खास है रूसी राष्ट्रपति की यात्रा

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल घोषित हो गया है। पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर को भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन का दौरा पाँच दिसंबर तक रहेगा।

पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन का दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस दौरे में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उनकी मुलाकात होगी।

रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। साथ ही दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें दिल्ली पर

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। भारत ने इस बीच रूस से तेल खरीद में कमी भी की है। पुतिन की इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

डिफेंस डील को लेकर चर्चा

भारत और रूस के बीच डिफेंस डील की लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी पुतिन के साथ मुलाकात में S-400 की खरीद को लेकर डिफेंस डील कर सकते हैं। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खर्च हुई S-400 की मिसाइलों की खरीद पर भी डील हो सकती है। इसके अलावा पुतिन पीएम मोदी से रूस के पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के बारे में बातचीत कर सकते हैं।

प्रयागराज का गौरव:डॉ.प्रोबाल नियोगी ने रूस में भारत का प्रतिनिधित्व कर चमकाया देश का नाम

रूसी सर्जनो की सोसाइटी ने पहली बार भारत से सर्जनों को किया आमंत्रित, एम.ओ.यू.के जरिए दोनों देशों में होगा शल्य चिकित्सा का आदान-प्रदान

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रसिद्ध लैप्रोस्कोपिक सर्जन और सर्जरी विभाग के प्रो.डॉ.प्रोबाल नियोगी ने एक बार फिर शहर का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।उन्हें रूसी सर्जनों की सोसाइटी (Russian Society of Surgeons)द्वारा आमंत्रित किया गया ताकि वे भारत के उच्चस्तरीय शल्य चिकित्सक प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य के रूप में मॉस्को में आयोजित XVI वें कांग्रेस ऑफ रशियन सर्जन्स (21 से 23 अक्टूबर 2025)में भाग लेकर व्याख्यान दे सके।यह पहली बार है जब रूस ने भारतीय सर्जनों को अपने वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रित किया है।डॉ.नियोगी जो एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (ASI)के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय मामलो के संयोजक है के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.प्रवीण सुर्यवंशी(महाराष्ट्र)भी शामिल थे।सम्मेलन के दौरान दोनो देशो के बीच शल्य चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक एमओयू (MOU)का प्रारूप तैयार किया गया।रूसी सर्जनों की सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो.अलेक्सी वासिलीविच शाबुनिन ने कहा भारतीय सर्जनों का गोली और युद्ध संबंधी चोटों के उपचार में अनुभव बेहद महत्वपूर्ण है।यह हमारे रक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों के लिए उपयोगी होगा।यह एमओयू दिसम्बर 2025 में कोलकाता में होने वाले एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा।भारतीय प्रतिनिधिमंडल को मॉस्को के 1800 बेड वाले बॉटकिन मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड क्लिनिकल सेंटर का दौरा भी कराया गया जहाँ उन्होंने ट्रॉमा सर्जरी कैंसर केयर और अन्य विशेष शाखाओं के निदेशकों से विचार-विमर्श किया।डॉ.प्रोबाल नियोगी ने कहा “यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और भावनात्मक क्षण था कि मैं प्रयागराज और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रूस जैसे बड़े देश में भारतीय सर्जनों की उपलब्धियों को साझा कर सका।भारत में शल्य चिकित्सा का अनुभव और दक्षता विश्व स्तर पर सराही जा रही है।यह सहयोग आने वाले समय में दोनों देशों के बीच चिकित्सा अनुसंधान प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक के आदान-प्रदान का नया अध्याय खोलेगा।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

रूस से अभी भी तेल खरीद रहा भारत, ट्रंप का दावा हुआ “फुस्स”

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद रॉयटर्स ने खबर दी थी कि भारतीय कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को बताया कि भारतीय रिफाइनर (भारतीय कंपनियां) ऑयल इंपोर्ट से जुड़े फैसले किसी दबाव में नहीं करती हैं। उनकी खरीद का फैसला देश का आर्थिक हितों पर निर्भर करता है। कंपनियां मूल्य, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और अन्य आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लेते हैं।

सूत्रों का कहना है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वह रोजाना करीब 95 लाख बैरल तेल निकालता है, जो दुनिया की मांग का लगभग 10% है। रूस तेल बेचने के मामले में भी दूसरे नंबर पर है। वह रोजाना लगभग 45 लाख बैरल कच्चा तेल और 23 लाख बैरल रिफाइन किया हुआ तेल दूसरे देशों को भेजता है। यूक्रेन युद्ध के बाद डर था कि रूसी तेल बाजार से बाहर हो जाएगा। इस कारण मार्च 2022 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

सूत्रों ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। वह अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल दूसरे देशों से खरीदता है। मुश्किल समय में भारत ने समझदारी से काम लिया और अपनी जरूरत के हिसाब से तेल खरीदा ताकि उसे सस्ता तेल मिल सके। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन किया। यूक्रेन युद्ध से भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी थी जो अब करीब 37 फीसदी हो गई है। रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर है।

ट्रंप के दावों की हवा निकली

यह रिएक्‍शन रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह रूस से स्पॉट क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। रिपोर्ट में इसके पीछे छूट में कमी और बढ़ते जीयो-पॉलिटिकल प्रेशर का हवाला दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि उन्हें सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे एक अच्छा कदम बताया था।

ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर दी थी चेतावनी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल न खरीदने को कहा था।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award - 2025 !

Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ In Bollywood Iconic Award – 2025 Presented by Krishna Chouhan Foundation on Thursday 19th June 2025 at Mayor’s Hall, Andheri (West).

Chief Guest Dheeraj Kumar, Deepak Parashar, Pratima Kanan, Kannan Arunachalam, B N Tiwari, Singer Deepa Narayan Jha, Singer Rutu Pathak, ACP Sanjay Patil, Dilip Sen, Producer Actor CD Shete, Rekha Rao, Abhishek Khanna, Bright Outdoor Media representatives were presented.

Shantanu Bhamare with ACP Sanjay Patil

KCF presented this awards ceremony honoured celebrities who have established their distinct identity in the film world. Many celebrities were present in this award ceremony organized by Dr. Krishna Chauhan, among whom this name is notable. Chief guest idol Kanan, ACP Sanjay Patil, Deepak Parashar, Rekha Rao, Dilip Sen, Abhishek Khanna, Singer Sagar Acharya, Singer Naresh etc.

Shantanu Bhamare with Dheeraj Kumar, Kannan Arunachalam & B N Tiwari

On this occasion Bollywood Film Producer & Actor Shantanu Bhamare Awarded as ‘Best Bollywood Film Producer’ for his work done in Bollywood.

Shantanu Bhamare with Deepak Parashar

As a Bollywood Film Producer work done by Shantanu Bhamare :

Co – Producer Of Bollywood Film - Fire Of Love : RED. Starring Krushna Abhishek, Payal Ghosh Kamlesh Sawant, Shantanu Bhamare & Bharat Dabholkar.

Producer Of Teri Aashiqui Mein - Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Elena Tuteja (Russian Actress), which got 1.2 Million Views in short period.

Producer Of Baby De Ek Chance – Romantic Pop Item Song he played Lead Male Role with Female Lead Abhilasha Suryawanshi (Miss Maharashtra), which got more than Half Million Views in short period.

Producer Of Mann Kyun Behka Ja Raha Hai - Seductive Romantic Song, he played Lead Male Role with Female Lead Anna Gavrichkova (another Russian Actress), which got 1.5 Million Views in short period.

Producer Of Tu Hi Meri Jaan – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Prachi Thorat, which got 200K+ Views in short period.

Producer Of Tere Bina Jeena Nahin – Romantic song, he played Lead Male Role with Female Lead Ruchita Aglawe.

Tags : Shantanu Bhamare, Shan Se Entertainment, Actor, Producer, Best Bollywood Film Producer, Bollywood Iconic Award

सऊदी में 12 घंटे अमेरिकी और रूसी अधिकारियों का मंथन,यूक्रेन युद्ध रोकने पर कहां तक बनी बात?

#us_and_russian_officials_meeting_held_in_riyadh 

यूक्रेन जंग रोकने को लेकर सऊदी अरब के रियाद में अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने मंथन किया। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक 12 घंटों से ज्यादा लंबी चली, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्धविराम की कोशिशों पर प्रगति की। वहीं, रूसी मीडिया के मुताबिक, इस बैठक को लेकर अमेरिका और रूस मंगलवार यानी 25 मार्च को एक संयुक्त बयान जारी करेंगे।

अमेरिका के साथ बैठक के बाद रूसी विदेश मंत्रालय ने एक छोटा सा वीडियो जारी किया। इस वीडियो में रूसी अधिकारियों को वार्ता के खत्म होने के बाद बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, मंत्रालय की ओर से इस वीडियो पोस्ट पर कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई। केवल लिखा गया, “रूसी-अमेरिकी बैठक खत्म हो गई है।

रूस के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और सीनियर डिप्लोमेट ग्रिगोरी करासिन ने रियाद में हुई वार्ता को ‘रचनात्मक’ के साथ-साथ ‘तकनीकि’ भी बताया है। करासिन ने बातचीत में ब्रेक के दौरान मीडिया से कहा, “सभी बैठकों में हाई-प्रोफाइल दस्तावेज या समझौते नहीं होते हैं, बैठक में महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि संबंधित पक्षों के बीच संवाद को बनाकर रखा जाए और एक-दूसरे की स्थिति को गहनता से समझा जाए और इस संबंध में हम सफल हो रहे हैं।

हालांकि एक तरफ तो सीजफायर को लेकर बैठक चल रही थी वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन बॉर्डर पर दोनों तरफ से हमले जारी हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि जब अमेरिका और यूक्रेन के बीच रियाद के एक लक्जरी होटल में बैठक हो रही थी, तब उत्तरपूर्वी यूक्रेन के सुमी पर सोमवार को एक रूसी मिसाइल हमले में 17 बच्चों सहित लगभग 90 लोग घायल हो गए।

इससे पहले पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी। इस दौरान ट्रम्प ने दोनों नेताओं से एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले न करने के लिए कहा था।

हालांकि, इस बातचीत में स्पष्टता की कमी की वजह से यह समझौता लागू नहीं हो पाया। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले भी किए।

अमेरिका यूक्रेन को पहले ही प्रस्ताव दे चुका है कि वह पावर प्लांट्स (ऊर्जा ठिकानों) की सुरक्षा के लिए उन्हें अमेरिका को सौंप दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने टीवी पर दिए एक बयान में बताया कि बातचीत काफी उपयोगी रही। यूक्रेन के रक्षामंत्री रुसतेम उमेरोव के मुताबिक इस बातचीत का मकसद जल्द शांति और सुरक्षा को मजबूत करना है। रविवार को इस सब पर तकनीकी बातचीत हुई। वहीं जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों, खासतौर से अमेरिका से पुतिन को हमले रोकने के लिए आदेश देने के लिए कहा

ट्रंप का बड़ा बयान, बोले- यूक्रेन किसी भी दिन रूस का हो जाएगा, धमकी की आड़ में कर डाली ये मांग
#trump_said_ukraine_may_be_russian_someday
* अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से तहलका मचा दिया है। पहले उन्होंने कनाडा और पनामा को लेकर दावे किए और अब उन्होंने यूक्रेन को लेकर बड़ी बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि यूक्रेन किसी दिन रूसी हो सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन की जंग में जितनी मदद की है, उसे वापस लेने में वे नहीं हिचकिचाएंगे। ट्रंप के बयान से साफ है कि यूक्रेन को अमेरिकी सहायता पाने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ट्रंप ने सोमवार को फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के भविष्य अपने युद्ध खत्म करने के वादे को भी दोहराया। फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “वे सौदा कर सकते हैं, वे सौदा नहीं भी कर सकते हैं। वे किसी दिन रूसी हो सकते हैं, या वे किसी दिन रूसी नहीं भी हो सकते हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि वह दुर्लभ पृथ्वी खनिजों तक पहुंच के रूप में यूक्रेन को अमेरिका द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए मुआवजा चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि यदि यूक्रेन को अमेरिकी मदद चाहिए तो उसे 500 बिलियन डॉलर के रेयर अर्थ मटेरिलय (दुर्लभ खनिज) अमेरिका को देने होंगे। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को धमकी दी कि यदि उन्होंने ट्रंप की बात नहीं मानी तो अमेरिका यूक्रेन को और मदद देना बंद कर देगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन कमजोर पड़ जाएगा। इसके बाद रूस किसी भी दिन उसे अपने में मिला सकता है। ट्रंप ने अपनी पॉलिसी को क्लियर करते हुए कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को सैकड़ों अरब डॉलर की सहायता दी है और अब वह इसकी भरपाई करना चाहता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर यूक्रेन भविष्य में रूस का हिस्सा बन जाता है तो अमेरिका को अपने निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। उनका दावा है कि यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को अनौपचारिक रूप से स्वीकार भी कर लिया था। इधर, रूस ने ट्रंप के बयान पर का समर्थन का है। राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस के साथ दोबारा मिल जाना चाहता है और ऐसा पहले ही हो चुका है। पेस्कोव ने कहा- यह एक सच्चाई है, जो जमीनी स्तर पर साकार हुआ है। रूस में अब चार नए क्षेत्र मिल गए हैं। यूक्रेन में लोग कई खतरों के बावजूद रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में वोटिंग के लिए तैयार हैं।
*क्या अज़रबैजान प्लेन क्रैश के पीछे रूस का हाथ? जानें क्यों उठ रही उंगलियां

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कजाकिस्तान में अकताऊ शहर के निकट अजरबैजान एयरलाइन्स का एक विमान बुधवार को क्रैश हो गया। इस हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे से जुड़े वीडियो सामने आए हैं। कई तरह की अटकलें भी लग रही हैं। कई रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा है कि अजरबैजान एयरलाइंस का विमान, जो क्रिसमस के दिन कजाकिस्तान के अक्ताउ के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वह बाकू से रूस के ग्रोज़्नी जाते समय रूसी मिसाइल या विमान भेदी हमले का शिकार हुआ है। कई रिपोर्ट्स में मिलिट्री एक्सपर्ट्स ने शंका जाहिर की है कि हो सकता है इस विमान को रूस ने 'गलती' से मिसाइल से उड़ा दिया हो।

हादसे के बाद बताया गया कि पक्षी के टकराने से विमान का ऑक्सीजन टैंक फट गया। मगर, अब सामने आए वीडियो में विमान के पिछले हिस्से पर छर्रे के निशान मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एम्ब्रेयर 190 फ्लाइट के पिछले हिस्से पर जो निशानों दिखाए दे रहे हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर शक की नजर से देखा जा रहा है। पहली नजर में ये निशान पक्षियों की टक्कर के नहीं लग रहे और किसी प्रकार के हमले के लग रहे हैं। बीएनओ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जब रूसी वायु रक्षा यूक्रेनी ड्रोन हमले का जवाब दे रही थी उसी समय विमान के पायलटों ने एमरजेंसी कॉल भेजा था।

बता दें कि 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन बाकू से रूस जा रहा अजरबैजान एयरलाइंस का विमान कजाखस्तान के अक्ताउ के पास क्रैश हो गया था। विमान की अकताऊ से तीन किलोमीटर दूर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी, तभी यह लैंडिंग के वक्त जमीन से टकरा गया और उसमें आग लग गई। घटना के कई वीडियो फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें विमान बेहद तेजी से नीचे आते देखा जा सकता है, जो समुद्री किनारे से टकराते ही आग का गोला बन जाता है और इसके बाद आसमान में काले धुएं का गुबार दिखाई देने लगता है। घायल और खून से लथपथ यात्रियों को दुर्घटना में सही बचे विमान के पिछले हिस्से से निकलते देखा जा सकता है। इस भयानक हादसे में विमान में सवार 67 लोगों में से 38 यात्रियों की जान चली गई।

भारत को सिर्फ यूरोप को खुश करने के लिए ऊंची कीमतें क्यों चुकानी चाहिए”, जयशंकर के इन चुभते सवालों के क्या हैं मायने?*
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भारतीय विदेश मंत्री अपनी हाजिरजवाबी के लिए जाने जाते हैं। एस जयशंकर अपने जवाब से अच्छे-अच्छों को लाजवाब कर चुके हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर हो रही आलोचनाओं पर पश्चिमी देशों को दो टूक जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया के हर हिस्से के अपने-अपने हित होते हैं और यह समझना जरूरी है। उन्होंने यूरोप के चयनात्मक दृष्टिकोण की आलोचना की और पूछा कि अगर यह सिद्धांतों का मामला है, तो यूरोप ने खुद रूस के साथ अपने कारोबार में कटौती क्यों नहीं की। इटली में इतालवी न्यूज़पेपर कोरिएरे डेला सेरा को दिए इंटरव्यू में एस जयशंकर ने दुनिया के अन्य हिस्सों से यूरोप की अनुचित अपेक्षाओं पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही एस जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बात की और यूक्रेन वॉर डिप्लोमैटिक हल पर जोर दिया। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान भारत-चीन संबंधों समेत कई मुद्दों पर भी बात की। जयशंकर ने कहा, दुनिया के इस हिस्से (पश्चिमी देश) को यह समझना होगा कि दुनिया के हर हिस्से के अपने हित हैं। यूरोप की प्राथमिकताएं स्वाभाविक रूप से एशिया या अफ्रीका या लैटिन अमेरिका के देशों से अलग होंगी। अगर सब कुछ इतने गहरे सिद्धांत का मामला है तो यूरोप को खुद ही रूस के साथ अपने सभी व्यापार खत्म कर देने चाहिए थे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वह बहुत ही चयनात्मक रहा है और उसने बहुत ही सावधानी से अपने अलगाव को आगे बढ़ाया है। इसलिए, यह कहना कि यह क्षेत्र (यूरोप) अपने लोगों की चिंता करेगा और दूसरों को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि उन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, उचित नहीं है।' *जयशंकर के तीखे सवाल* जयशंकर ने आगे पूछा कि भारत को सिर्फ यूरोप को खुश करने के लिए ऊंची कीमतें क्यों चुकानी चाहिए। उन्होंने बताया कि यूरोप ने पहले रूस से ऊर्जा खरीदी थी, लेकिन अब वह अन्य देशों से ऊर्जा खरीद रहा है, जिससे बाजार में दबाव बढ़ा है। भारत को इस स्थिति में अपनी कीमतें क्यों बढ़ानी चाहिए? *रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले भी दे चुके हैं जवाब* यह पहली बार नहीं है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सस्ता रूसी तेल खरीदने के लिए भारत के रुख को जाहिर किया हो। पहले भी कई मंचों पर वे भारत का रुख साफ शब्दों में रख चुके हैं। जयशंकर ने कहा कि रूस एक सोर्स है। भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनने का अधिकार है।