तेनुघाट उपकारा में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
पेटरवार (बोकारो)
मिथलेश कुमारमाननीय सर्वोच्च न्यायलय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं प्रधान जिला जज बोकारो अनिल मिश्रा के निर्देशानुसार तेनुघाट जेल में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार की अगुवाई में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने बंदियों को कानून की जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर लोग आवेश में आकर या फिर नशे में अपराध करते हैं वह गलत है क्योंकि अपराध तो अपराध होता है। छोटे मोटे अपराधों में आप अपने दोष को स्वीकार कर जेल से बाहर निकल सकते हैं। अगर आपके खिलाफ थाना में मामला दर्ज किया जाता है और आपको थाना से नोटिस जारी किया जाता है तो आप थाना में जाकर अपनी बात रख सकते हैं। ताकि आपकी बातों को सुनकर मामला की जांच पड़ताल हो। बंदियों को मिलने वाली सारी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। बताया कि जेल जेल नहीं यह सुधार गृह है, जहां से आप अपने गलतियों पर विचार कर उसे सुधार कर बाहर निकले। आगे बताया कि आपको किसी भी प्रकार की समस्या या तो जेल में हो या फिर अपने मुकदमे को लेकर हो तो आप बंदी आवेदन देकर न्यायालय में भेज सकते हैं। जिससे आपकी समस्या का समाधान हो सकता है। साथ ही दहेज अधिनियम, डायन अधिनियम सहित अन्य कई तरह की कानूनी जानकारियां दी।
अधिवक्ता चेतना नंद प्रसाद ने बताया कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। साथ ही बंदियों से उनके समस्याओं के बारे में पूछा और उनके निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करने की बातें कही।मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन देते हुए अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बतलाते हुए कहा कि माननीय नालसा, नई दिल्ली एवं माननीय झालसा, रांची के द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं। जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है।स्वागत भाषण जेलर नीरज कुमार ने देते हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जेल में बंद बंदी जो हमेशा ही अपने को सुधार कर रहे हैं और बाहर निकल कर एक जिम्मेदार नागरिक बनने को तैयार हैं।साथ ही बंदियों के द्वारा बताए गए समस्याओं का भी निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही।बंदियों को जानकारियां देने के बाद प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार, अधिवक्ता चेतना नंद प्रसाद, सुभाष कटरियार ने जेल में बंदी वार्ड, रसोईघर, महिला वार्ड सहित अन्य जगह का निरीक्षण किया।मौके पर विजय कुमार, इस्तियाक अंसारी, संजय मंडल, मदन प्रजापति एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने दी।![]()





माननीय सर्वोच्च न्यायलय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं प्रधान जिला जज बोकारो अनिल मिश्रा के निर्देशानुसार तेनुघाट जेल में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार की अगुवाई में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने बंदियों को कानून की जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर लोग आवेश में आकर या फिर नशे में अपराध करते हैं वह गलत है क्योंकि अपराध तो अपराध होता है। छोटे मोटे अपराधों में आप अपने दोष को स्वीकार कर जेल से बाहर निकल सकते हैं। अगर आपके खिलाफ थाना में मामला दर्ज किया जाता है और आपको थाना से नोटिस जारी किया जाता है तो आप थाना में जाकर अपनी बात रख सकते हैं। ताकि आपकी बातों को सुनकर मामला की जांच पड़ताल हो। बंदियों को मिलने वाली सारी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। बताया कि जेल जेल नहीं यह सुधार गृह है, जहां से आप अपने गलतियों पर विचार कर उसे सुधार कर बाहर निकले। आगे बताया कि आपको किसी भी प्रकार की समस्या या तो जेल में हो या फिर अपने मुकदमे को लेकर हो तो आप बंदी आवेदन देकर न्यायालय में भेज सकते हैं। जिससे आपकी समस्या का समाधान हो सकता है। साथ ही दहेज अधिनियम, डायन अधिनियम सहित अन्य कई तरह की कानूनी जानकारियां दी।

Sep 15 2024, 18:04
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
5- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1.6k