18 वर्षों से अभाविप के सर्जना निखार शिविर से हुनर सीख कर 830 से अधिक छात्राएं बनी आत्मनिर्भर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित सर्जना निखार शिविर का समापन समारोह मंगलवार को मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में हुआ।इसमें मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कुमार पंडित, परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार ओझा, अभाविप उत्तर बिहार प्रान्त संगठन मंत्री धीरज कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पूजा कश्यप, विभाग प्रमुख अमृत झा, जिला प्रमुख बिन्दु चौहान, नगर मंत्री शाश्वत स्नेहिल ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती माता एवं स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
पूजा कश्यप ने कहा कि सर्जना निखार शिविर पिछले 18 वर्षों से आयोजित हो रहा है। इसके माध्यम से प्रतिवर्ष सैकड़ों छात्राओं की प्रतिभाओं का कौशल विकास कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जा रहा है। कुलसचिव कुमार पंडित ने बताया कि अभाविप का यह अद्भुत कार्यक्रम काफी सराहनीय है।
प्रत्येक व्यक्ति को जीवन को संवारने का कार्य एक स्त्री ही करती हैं इसलिए उनका कौशल विकास हो तभी वे हम सभी को मजबूत कर सकती हैं ताकि हम आगे चलकर राष्ट्र हित में समाज हित में अपना योगदान दे सकें। परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार ओझा, धीरज कुमार , बिंदु चौहान आदि ने कहा कि सर्जना निखार शिविर के 18 वर्षों में अभी तक 7500 से अधिक छात्राएं प्रशिक्षित हुई हैं
साथ ही 830 से अधिक छात्राएं आत्मनिर्भर बनी हैं।कार्यक्रम का संचालन नगर सह मंत्री नीली रानी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विभाग संयोजक राहुल सिंह ने किया। कार्यक्रम संयोजक सोनम कुमारी, सुमेधा श्रीवास्तव, हरिओम झा, विकास कुमार, नवनीत कुमार, राघव आचार्य, वागीश झा, रवि यादव, मृत्युंजय कुमार, नीलेश कुमार, शशिभूषण यादव, राहुल कुमार, नीली रानी, कुमारी खुशी, संजीव कुमार, सूर्यकांत सिंह, शिवसुंदर चौधरी, रूपेश, राजकुमार, आदर्श कुमार आदि मौजूद थे।

इसमें मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कुमार पंडित, परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार ओझा, अभाविप उत्तर बिहार प्रान्त संगठन मंत्री धीरज कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पूजा कश्यप, विभाग प्रमुख अमृत झा, जिला प्रमुख बिन्दु चौहान, नगर मंत्री शाश्वत स्नेहिल ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती माता एवं स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अब नए सिरे से सभी चयनित छात्रों का चयन पत्र वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। अध्यक्ष छात्र कल्याण ने उक्त जिले के सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देशित करते हुए कहा कि 4 साल के स्नातक प्रथम सेमेस्टर में स्पाट नामांकन पोर्टल में आई तकनीकी खराबी के कारण कुछ विषयों में रिक्त सीटों से अधिक चयन पत्र जारी हो गया है।
लेकिन यहां के विकास कार्यों को देश के मानचित्र पर स्थापित करना उनके संसदीय जीवन की सबसे बड़ी अनेकों है। दरभंगा के भाजपा सांसद तथा लोकसभा में पार्टी के सचेतक डॉ. गोपालजी ठाकुर ने पटना में बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा से एक औपचारिक भेंट मुलाकात के बाद उपरोक्त बातें कही।
मंच पर जिला प्रभारी राय के अलावे आशीष झा, केदार साह, ज्योति सिंह, विनीत कुमार नन्हे, उमाकांत राय मौजूद थे। आयोजित बैठक में फ्रेंड ऑफ आनंद के संतोष सिंह ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जनसुराज की सदस्यता ली। प्रभारी राय ने कहा कि बिहार की स्थिति दयनीय है।
जो काफी दिनों से बारिश के पानी से डूबा हुआ है। छोटे बच्चे तो गांव के विद्यालय में पढ़ लेते हैं लेकिन 9वीं और 10वीं कक्षा के स्कूली बच्चों को देउरी गांव से अहिरैण स्कूल जाने में घुठने भर पानी से होकर जाना पड़ता है। साइकिल को कंधा पर लेकर पानी को पार कर विद्यालय जाने की मजबूरी है। कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। देउरी गांव के लोगों को पाली बाजार जाने के लिए 4 किमी घूम कर घनश्यामपुर चौक होते हुए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
'लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर IPS काम्या मिश्रा 2019 में पुलिस सेवा में आईं थीं। उन्होंने पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया था। एक महीने से रिजाइन करने का मन बना रहीं थीं। दरभंगा में ग्रामीण एसपी के पद पर रहते हुए उन्हें बिरौल और बेनीपुर अनुमंडल की जिमेदारी सौंपी गई थीं। इस संबंध में काम्या मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उसने संपर्क नहीं हुआ। उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
पति सरोज भी आईपीएस
किसानों को डीएपी खाद मिलने में कठिनाई हो रही है। करीब एक-दो महीने से जिले में डीएपी की भारी किल्लत चल रही है। किसानों का कहना है कि 1300 रुपए की डीएपी के लिए 1500 रुपए देने के लिए भी तैयार हैं, फिर भी खाद नहीं मिल रही है। मानसून आने के बाद किसानों को डीएपी खाद की किल्लत शुरू हो गई है।
लेकिन, संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली में पढ़ने के लिए बच्चों के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है। उच्च शिक्षा में भी कमोबेश यही हाल है। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के प्रयास से मिथिला में मैथिली को समृद्ध कर इस भाषा में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए बुनियादी संसाधन जुटाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मिथिला विश्वविद्यालय को सौंपी है।
बैठक में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इंडोर सेवा शुरू करने तथा नवनिर्मित सर्जरी बिल्डिंग में शेष बचे कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश बीएमएसआइसिल के अधिकारियों को दिया।
वही मीडिया से बात करते हुए प्रत्यय अमृत ने कहा कि एम्स का निर्माण अपनी जगह पर है। लेकिन DMCH को कैसे बेहतर से बेहतर बने। इसके लिए स्टीमेट के हिसाब से काम करना है। जिसको लेकर मैं खुद मॉनिटर कर रहा हूँ। वही उन्होंने कहा कि 2 माह के अंदर मैं खुद आऊंगा।
Aug 08 2024, 19:39
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