भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़, आगजनी मामले में 7 कार्यकर्ता पार्टी से निष्कासित, निकाय चुनाव में पैसे लेकर टिकट वितरण का लगाया था आरोप

धमतरी- भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी मामले में 7 कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है. बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान टिकट वितरण को लेकर असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पैसा लेकर टिकट देने का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यालय में प्रदर्शन किया था. इस दौरान कार्यालय में तोड़फोड़ की गई थी. सामानों को आग के हवाले किया गया था.

इस घटना में निखिल साहू, शैलेन्द्र धेनुसेवक, भोला शर्मा, गज्जू शर्मा, रवेन्द्र साहू, संत कोठारी, सुनील निर्मलकर की संलिप्तता पाई गई है. यह पार्टी अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देश पर इन कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता से निष्कासित किया गया गया हैं।


ये कार्यकर्ता पार्टी से हुए निष्कासित

  1. निखिल साहू, सदस्य युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति
  2. शैलेन्द्र धेनुसेवक, अध्यक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा मंडल नगरी
  3. भोला शर्मा, कार्यकर्ता
  4. गज्जु शर्मा, युवा मोर्चा कार्यकर्ता
  5. रवेन्द्र साहू
  6. संत कोठारी
  7. सुनील निर्मलकर, अध्यक्ष युवा मोर्चा मंडल नगरी

ऑपरेशन सिंदूर में शामिल BSF जवान की सड़क दुर्घटना में मौत, पत्नी से मिलने जा रहा था ससुराल

जशपुर- देश की सेवा कर लौटे बीएसएफ जवान की दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक जवान की पहचान कुलवंत पन्ना के रूप में हुई है, जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लेकर घर लौटा था। हादसा कुनकुरी थाना क्षेत्र के गिनाबहार में हुआ, जहां स्कूटी अनियंत्रित होकर पुलिया से टकरा गई।

जानकारी के अनुसार, जवान कुलवंत पन्ना राजस्थान के जैसलमेर डाबला में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात था, जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी। दो दिन पहले ही वह छुट्टी पर अपने घर लौटा था। मंगलवार को बीएसएफ जवान कुलवंत स्कूटी में सवार होकर अपनी ससुराल पत्नी से मिलने जा रहा था, तभी गाड़ी पुलिया से टकरा गई। इस हादसे में जवान को गंभीर चोटें आईं। घायल आस्था में उसे इलाज के लिए तत्काल कुनकुरी होलीक्रॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना मिलते ही कुनकुरी पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। इस घटना से इलाके में शोक की लहर है।

कोरोना के नए वैरियंट को लेकर चिंता को स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने किया दूर, कहा- यह असरकारक नहीं, इमरजेंसी के लिए प्रदेश में पर्याप्त व्यवस्था…

रायपुर- कोरोना के नए वैरियंट को लेकर देश-दुनिया में मची हलचल के बीच स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह (वैरियंट) असरकारक नहीं है. प्रदेश में कोरोना के अब तक 3 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनकी हालत सामान्य है. प्रदेश में इमरजेंसी के लिए बेड, दवाइयां और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है, वैसे ऐसी स्थिति की उम्मीद नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से चर्चा में बीपीएल राशन कार्डधारकों को 3 माह का चावल एक साथ दिए जाने को लेकर कहा कि भारत सरकार के बीपीएल कार्डधारकों को शामिल करेंगे. APL कोटे का चावल कम लोग उठाते हैं.

दीपक बैज की न्याय यात्रा में कांग्रेस के बड़े नेता के शामिल नहीं होने पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस को अन्य यात्राएं छोड़ देनी चाहिए. अब कांग्रेस बचाओ यात्रा निकालनी चाहिए.

वहीं MSP बढ़ने से छत्तीसगढ़ किसानों की धान खरीदी राशि पर पड़ने वाले असर पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि 31 सौ रुपए क्विंटल किसानों को मिलता है. दो साल से सरकार किसानों को राशि दे रही है. आगे भी किसानों को 31 सौ के दाम से देते रहेंगे.

वहीं केंद्र सरकार के MSP बढ़ने की घोषणा पर श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने धान की MSP में 70 रुपए की बढ़ोतरी की है. मोटे और पतले अनाज में 70 रुपए बढ़ाया है. 2370 और 2390 रुपए कर दिया गया है. प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ को बड़ा तोहफा दिया है.

छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुधार की नई पहल : मुख्यमंत्री ने कहा- शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और छात्र-केंद्रित बनाने की दिशा में युक्तियुक्तकरण ठोस कदम

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को उत्कृष्ट स्वरूप प्रदान करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता से लागू करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे शिक्षा विभाग की वह समीक्षा रिपोर्ट है, जिसमें राज्यभर के सरकारी स्कूलों में संसाधनों के असमान वितरण की गंभीर स्थिति सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 211 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी छात्र दर्ज नहीं है, फिर भी वहां नियमित शिक्षक पदस्थ हैं। इससे न केवल शैक्षणिक संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि आवश्यकता वाले विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

उदाहरण के लिए, सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड की प्राथमिक शाला साजाभवना में कोई छात्र नहीं है, जबकि एक सहायक शिक्षक वहां कार्यरत हैं। इसी तरह हर्राटिकरा स्कूल में भी छात्र संख्या शून्य है, लेकिन वहां एक प्रधान पाठक और दो सहायक शिक्षक पदस्थ हैं।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे विद्यालयों की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है, और अब वहां से शिक्षकों को तत्काल उन स्कूलों में नियोजित किया जाएगा जहां उनकी आवश्यकता है।

दूसरी ओर राज्य के अनेक दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षक संकट की स्थिति बनी हुई है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंवारपुर में विषयवार शिक्षक न होने के कारण वर्ष 2024-25 में कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम महज 40.68 प्रतिशत रहा, जो राज्य औसत से बहुत कम है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जब कुंवारपुर प्रवास पर थे, तब ग्रामीणों ने उनके समक्ष शिक्षक नियुक्तियों की मांग पुरज़ोर ढंग से रखी। ग्रामीणों ने कहा कि गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे विषयों के लिए वर्षों से शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि जहां शिक्षक अनुपयोगी रूप से पदस्थ हैं, वहां से उन्हें शीघ्रता से जरूरतमंद स्कूलों में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षक वहीं तैनात हों जहां छात्र हैं – यही सुशासन की प्राथमिक शर्त है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने का अभियान है। उन्होंने कहा कि हम उस व्यवस्था की नींव रख रहे हैं, जहाँ शिक्षक और छात्र दोनों अपनी सही जगह पर हों। युक्तियुक्तकरण इस परिवर्तन की वह कुंजी है, जो वर्षों की उलझनों को सुलझाएगी और शिक्षा को नई ऊँचाई देगी।

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय समय की माँग है। यदि इसे निष्पक्षता और डेटा-आधारित पद्धति से लागू किया जाए, तो छत्तीसगढ़ की शिक्षा प्रणाली देश में एक आदर्श मॉडल बन सकती है।

मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने तुरंत युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को सक्रिय किया है, जिसमें पारदर्शिता, मानवीय दृष्टिकोण और स्कूलों की जरूरत को प्राथमिक आधार बनाया गया है। इस कदम से एक ओर शिक्षकविहीन स्कूलों को शिक्षक मिल सकेंगे, वहीं दूसरी ओर छात्रविहीन विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना को रोका जा सकेगा। यह पुनर्संरचना शिक्षा प्रणाली को संतुलित, कुशल और परिणामोन्मुखी बनाएगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का युक्तियुक्तकरण का निर्णय महज़ व्यवस्थागत सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा को सार्थक और समावेशी बनाने की ऐतिहासिक पहल है। यह उस सोच का प्रतिबिंब है जो कहती है – शिक्षा वहां शुरू होती है, जहां शिक्षक और छात्र दोनों उपस्थित हों – एक उत्तम उद्देश्य के साथ स्वर्णिम भविष्य की ओर अग्रसर होते हुए, इस प्रेरणा के साथ कि हर पाठशाला देश की अगली पीढ़ी का निर्माण स्थल है।

छत्तीसगढ़ कैडर के दो IAS सेंट्रल डेपुटेशन पर, अन्बलगन पी और अलरमेलमंगई डी को मिली ये जिम्मेदारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ कैडर के 2004 बैच के आईएएस दंपती को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. आईएएस अन्बलगन पी को कृषि विभाग में संयुक्त सचिव और IAS अलरमेलमंगई डी को आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है.

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 41 आईएएस अफसरों की संयुक्त सचिव पद पर नियुक्तियों को मंजूरी दी है. आईएएस योगिता राणा के स्थान पर छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अन्बलगन पी को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है. वहीं आईपीएस भावना सक्सेना के स्थान पर छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अलरमेलमंगई डी को आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई हैं।


पति-पत्नी दोनों 2004 बैच के हैं IAS अधिकारी

अन्बलगन पी यूपीएससी 2003 निकालकर 2004 बैच के आईएएस बने. उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर एलॉट हुआ. उन्होंने 6 सितंबर 2004 को आईएएस की सेवा ज्वाइन की. अंबलगन पी दंतेवाड़ा, कोरिया और बिलासपुर जिला पंचायत के सीईओ रहे. उसके बाद जांजगीर, जगदलपुर और बिलासपुर के कलेक्टर रहे. माइनिंग डायरेक्टर के साथ ही वे स्टेट माईनिंग कारपोरेशन के एमडी रहे. इसके बाद हेल्थ डायरेक्टर, डायरेक्टर जनसपंर्क, एमडी मार्कफेड रहे. वे 2019 में सचिव प्रमोट हुए. फिर खनिज सचिव, पीएचई सचिव के अलावा जल संसाधन विभाग के सचिव रहें. वे सामान्य प्रशासन विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के सचिव भी रहे. वर्तमान में वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.

वहीं अलरमेलमंगई डी ने यूपीएससी 2003 निकाला था. उन्हें 2004 बैच व छत्तीसगढ़ कैडर एलॉट हुआ. उन्होंने 6 सितंबर 2004 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की. अलरमेलमंगई डी कांकेर, महासमुंद, रायगढ़ जिलों की कलेक्टर रहीं. वे संचालक संचालनालय भौमिकी व खनिकर्म भी रहीं. सचिव नगरीय प्रशासन विभाग व संचालक नगरीय प्रशासन विकास विभाग, सचिव उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व रोजगार विभाग रहीं. छत्तीसगढ़ राज्य की पहली पूर्णकालिक वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी ही बनीं. वे श्रमायुक्त व श्रम सचिव के पद पर भी रहीं. वर्तमान में वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.

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मुख्यमंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नागरिक अभिनंदन समारोह में हुए शामिल, कहा- युवा शक्ति है राष्ट्र शक्ति

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम सभागार में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के तहत आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति है। हमारे देश में विश्व में सबसे ज्यादा युवा हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। यह बहुत खुशी की बात है की छत्तीसगढ़ की धरती पर यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद बैठक आयोजित हो रही है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा के सभी शीर्षस्थ संस्थान स्थापित हैं। आज हमारे प्रदेश में युवा आईआईटी, एम्स, ट्रिपल आईटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में पढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू है। नई शिक्षा नीति के तहत हम युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रयास जैसी संस्था स्कूली बच्चों को शिक्षा देने का कार्य कर रही है। प्रयास में पढ़े बच्चे बड़ी संख्या में प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऐसे युवा जो सिविल सेवा आदि परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल स्थापित है। हमने इस ट्राईबल यूथ हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाकर 200 सीट कर दिया है। प्रदेश भर में हम नालंदा परिसर बना रहे हैं जहां बच्चे एक शांत वातावरण में पढ़ाई कर सकें। हमने यहां पहल की है कि मेडिकल की पढ़ाई भी छात्र हिंदी भाषा में कर पाएं। प्रदेश में प्राथमिक स्तर के बच्चों को उनकी मातृभाषा गोंडी, हल्बी आदि में शिक्षा दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति के तहत हम न सिर्फ राज्य में निवेश ला रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और एआई डाटा सेंटर का कार्य प्रारंभ हुआ है। इन क्षेत्रों में भी युवाओं के रोजगार की बड़ी संभावना सृजित होगी। हमारी सरकार ने पीएससी में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई को सौंपी है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान डेढ़ साल में सरकार द्वारा किये कार्यों का फीडबैक हम जनता से ले रहे हैं। सुशासन तिहार का अभी तीसरा चरण चल रहा है, जिसके तहत हम पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं। प्रथम चरण में जो आवेदन प्राप्त हुए उनका द्वितीय चरण में हमारे अधिकारियों के द्वारा निराकरण किया गया। अब तृतीय चरण में हम जनता के पास जा रहे हैं। डेढ़ साल में हमने प्रधानमंत्री मोदी की अधिकांश गारंटी को पूरा किया है। लोगों से प्रधानमंत्री आवास देने का जो वादा हमने किया था उसे निभाया है। 70 लाख माताओं-बहनों को महतारी वंदन की राशि मिल रही है। सुशासन तिहार के दौरान नारायणपुर में एक महिला ने मुझे यह बहुत खुशी से बताया कि महतारी वंदन की राशि से उसने एक सिलाई मशीन खरीदी है। जिसके माध्यम से वह 4 से 5 हजार की कमाई कर रही है। इसी तरह एक बहन ने बताया कि वह इस राशि से किराना दुकान चला रही है और दो से तीन हजार रुपए की आय अर्जित कर रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग प्रारंभ किया गया है। सरकार के सारे काम पारदर्शिता से हो रहे हैं। हम अब डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ रहे हैं। ई-फाइल के माद्यम से फाइलें अब ऑनलाइन हैं। भ्रष्टाचार के सारे रास्ते हम बंद कर रहे हैं।

इस अवसर पर कॄषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक किरण देव, विधायक मोतीलाल साहू सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

प्रदेश के 211 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं, इसके बावजूद तैनात हैं शिक्षक, दूरस्थ स्कूलों में शिक्षकों की कमी से गिरा परीक्षा परिणाम

रायपुर- छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत युक्तियुक्तकरण रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 211 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है, जबकि इन विद्यालयों में शिक्षक तैनात हैं।

शून्य छात्र संख्या, फिर भी शिक्षक पदस्थ

जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड की शासकीय प्राथमिक शाला साजाभवना और हर्राटिकरा इसका उदाहरण हैं। साजाभवना स्कूल में एक भी छात्र नहीं है, फिर भी एक सहायक शिक्षक यहां कार्यरत हैं। वहीं हर्राटिकरा स्कूल में शून्य दर्ज संख्या के बावजूद एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि ऐसे विद्यालयों की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है और यहां पदस्थ शिक्षकों को आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी

वहीं दूसरी ओर राज्य के दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में शिक्षकों की भारी कमी देखने को मिल रही है, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर पड़ रहा है। जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के अंतर्गत आने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुंवारपुर में विषयवार शिक्षक नहीं होने से वर्ष 2024-25 में हायर सेकंडरी परीक्षा का परिणाम महज 40.68 प्रतिशत रहा। यह आंकड़ा राज्य के औसत परीक्षा परिणाम से काफी कम है।

मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान ग्रामीणों ने उठाई आवाज

कुंवारपुर प्रवास के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष ग्रामीणों ने शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से विज्ञान, गणित एवं अंग्रेज़ी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही।

शिक्षा विभाग ने शुरू की पुनर्संरचना प्रक्रिया

इन हालातों को देखते हुए शिक्षा विभाग अब युक्तियुक्तकरण के तहत ऐसे विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की पुनः पदस्थापन कर रहा है, जहां उनकी वास्तव में आवश्यकता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जल्द ही शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा सके।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबे समय से आवश्यक था। जहां एक ओर शिक्षकविहीन विद्यालय जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बिना छात्रों वाले स्कूलों में शिक्षकों का उपयोग नही हो पा रहा था। यदि युक्तियुक्तकरण पारदर्शी तरीके से किया जाए, तो इससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने की सौजन्य मुलाकात



रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में मध्यप्रदेश शासन के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सौजन्य मुलाकात की।

इस दौरान दोनों नेताओं के बीच राज्य एवं क्षेत्रीय विकास से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री विजयवर्गीय का आत्मीय स्वागत किया तथा उन्हें छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति का प्रतीक शॉल एवं नंदी भेंटकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव और छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सलीम राज भी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी को केंद्र सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी, कोस्टल एग्रीकल्चर अथॉरिटी चेन्नई के बनाए गए संयुक्त सचिव

नई दिल्ली- भारत सरकार ने एक और छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी दी है. केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet) ने 2007 बैच के आईएएस अधिकारी केसी देवसेनापति को कोस्टल एग्रीकल्चर अथॉरिटी (CAA) चेन्नई में संयुक्त सचिव पद पर पदस्थ किया है.

जारी आदेश के मुताबिक, आईएएस देवसेनापति को पे मैट्रिक्स के लेवल 14 पर नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति 18 अगस्त 2028 तक या अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी. यह नियुक्ति मत्स्य पालन विभाग के अंतर्गत कार्यरत कोस्टल एग्रीकल्चर अथॉरिटी (CAA) में की गई है, जिसका मुख्यालय चेन्नई में स्थित है.

बता दें कि केसी देवसेनापति छत्तीसगढ़ कैडर के 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं. उन्होंने 18 अगस्त 2007 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की. वे बीजापुर जिला पंचायत सीईओ थे. वे सूरजपुर और दंतेवाड़ा कलेक्टर भी रहे. आईएएस केसी देवासेनापति को राज्य योजना आयोग के सदस्य, सचिव मुख्य कार्यपालन अधिकारी छग इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी यानि चिप्स भी रह चुके हैं. विशेष सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ रहे हैं.

नमाज पढ़ाने वाले GGU के प्रोफेसरों को लगा झटका, FIR रद्द करने की याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज…

बिलासपुर- गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों को एनएसएस कैंप में नमाज पढ़ने के लिए मजबूर करने के मामले में संलिप्त 7 प्रोफेसरों को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए लगाई गई दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा के डिवीजन बेंच ने प्रोफेसरों द्वारा खुद के खिलाफ दायर एफआईआर को निरस्त करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दी है. छात्रों की शिकायत पर यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के खिलाफ कोटा थाने में बीएनएस की धारा 190,196(1)(बी),197(1)(बी),197(1)(सी),299,302 व अन्य के तहत मामला दर्ज है.

बता दें कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एन एस एस इकाई ने शिवतराई गांव में बीते 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक केम्प लगाया था. शिविर के दौरान ईद के दिन समन्वयक दिलीप झा, मधुलिका सिंह, सूर्यभान सिंह, डॉ ज्योति वर्मा, प्रशांत वैष्णव, बसंत कुमार और डॉ नीरज कुमारी ने हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया था.