सुनीता विलियम्स की घर वापसी, जानें साथी बुच विल्मोर के साथ कैसा रहा अंतरिक्ष से पृथ्वी तक का सफर
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अंतरिक्ष में फंसे नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ‘स्पेसएक्स’ का यान बुधवार तड़के (भारतीय समय) धरती पर पहुंचा। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की नौ महीने बाद धरती पर वापसी हुई है। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा की खाड़ी में पैराशूट के जरिए सुरक्षित उतरा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सुनीत विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्री 9 महीने तक फंसे थे। कई बार उन्हें धरती पर लाने की कोशिश हुई। मगर अब जाकर सफलता मिली है। नासा ने सुबह-सुबह यह बड़ी खुशखबरी दी है।
नासा क्रू-9 अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, निक हेग, बुच विल्मोर और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव ने स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के सफल स्पलैशडाउन के बाद आज सुबह नौ महीने से अधिक समय में पहली बार धरती की हवा में सांस ली। अंतरिक्ष यात्रियों को स्ट्रेचर पर कैप्सूल से उतरा गया। स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा के पनहैंडल में स्प्लैशडाउन हुआ। स्प्लैशडाउन के लगभग एक घंटे के बाद अंतरिक्ष यात्री अपने कैप्सूल से बाहर आए, कैमरों की ओर हाथ हिलाते हुए मुस्कुरा रहे थे। उन्हें चिकित्सा परीक्षण के लिए स्ट्रेचर पर ले जाया गया, जो लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशन के बाद एक सामान्य प्रक्रिया है।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने पहले अंतरिक्ष गए थे। बोइंग की एक टेस्ट फ्लाइट में खराबी की वजह से ये एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में फंस गए। 5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल से लॉन्च करने के बाद दोनों के एक या दो हफ्ते में वापस आने की उम्मीद थी। लेकिन अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में इतनी सारी दिक्कतें आईं कि आखिरकार नासा को स्टारलाइनर को खाली वापस भेजना पड़ा और टेस्ट पायलटों को स्पेसएक्स में ट्रांसफर करना पड़ा। इसके बाद स्पेसएक्स कैप्सूल की दिक्कतों के कारण एक महीने की और देरी हुई।
जिस मिशन पर सुनीता और बैरी हैं वो नासा के व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है। दरअसल, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे। इसी उद्देश्य से यह टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था।
11 hours ago