झारखंड में शुरू होगा 24 फरवरी से बजट सत्र


हेमंत सोरेन ने सत्र के दौरान विभागों से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने के लिए मंत्रियों के बीच बाँटा विभाग

झा.डेस्क 

झारखंड विधानसभा में 24 फरवरी से बजट सत्र शुरू हो रहा है. बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभागों से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने के लिए अपने पांच मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा कर दिया है. मंत्रिमंडल निगरानी एवं समन्वय विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.

अब इन मंत्रियों की जिम्मेदारी होगी कि वो अपने विभागों के अलाव सीएम के विभाग से संबंधिक प्रश्न, ध्यानाकर्षण,निवेदन,याचिका,विधेयक, संकल्प आदि विधायी कार्यों का जिम्मा ले.

इन मंत्रियों को मिला ये विभाग

जिन मंत्री को जिम्मेदारी मिली उनकी बात करे तो. दीपक बिरूवा को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग और मंत्रिमंडल विभाग सौंपा गया है.

चमरा लिंडा को महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, रामदास सोरेन को विधि विभाग, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नें विभाग, योगेन्द्र प्रसाद को गृह,कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग , ऊर्जा विभाग,खान एवं भूतत्व विभाग और सुदिव्य कुमार को पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माम विभाग, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की जिम्मेदारी दी गई .

बता दें कि 24 फरवरी से 27 मार्च तक बजट सत्र होगा. सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण और नए सदस्यों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम होगा. इसके बाद 25 और 27 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद होगा.

जिसके बाद 28 फरवरी को हेमंत सरकार तीसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी और 3 मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया जाएगा.

झारखंड सरकार ने शब-ए-बारात पर कल 14 फरवरी को की छुट्टी की घोषणा


रांची। झारखंड सरकार ने शब-ए-बारात पर कल यानी 14 फरवरी को छुट्टी की घोषणा की है। इसका आदेश कार्मिक विभाग के संयुक्‍त सचिव आसिफ हसन ने 13 फरवरी, 2025 को जारी कर दिया।

कार्मिक विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि अधिसूचना संख्या-6776, दिनांक-14.10.2024 द्वारा वर्ष 2025 में विभिन्न पर्व/अवसरों पर झारखंड राज्य सरकार के अधीन सभी कार्यालय के लिए अवकाश घोषित किया गया है।

उक्त अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए शब-ए-बारात के अवसर पर 14 फरवरी, 2025 (शुक्रवार) को कार्यपालक आदेश के तहत अवकाश घोषित किया जाता है।

कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की अधिसूचना संख्या-6776, दिनांक 14.10.2024 को इस हद तक संशोधित समझा जाय।

धनबाद और रांची-हटिया से गुजरने वाली 10 ट्रेनें कैंसिल, जाने क्यों

धनबाद: झारखंड में रेल यात्रियों की परेशानी गुरुवार से बढ़ने वाली है। रेलवे ने 13 से 22 फरवरी तक 10 ट्रेनों के रद करने की घोषणा कर दी है। इनमें धनबाद होकर गुजरने वाली बर्द्धमान-हटिया मेमू के साथ महुदा होकर चलने वाली रांची-हावड़ा इंटरसिटी, बोकारो-रांची पैसेंजर समेत अन्य ट्रेनें शामिल हैं।

इसके साथ ही मालदा टाउन-सूरत एक्सप्रेस व रक्सौल-सिकंदराबाद स्पेशल अलग-अलग दिनों में मार्ग बदल कर चलेंगी। इस कारण रांची नहीं जाएगी। दक्षिण पूर्व रेल के रांची रेल मंडल के अंतर्गत चार लेन वाले सिरमटोली, सड़क सह रेल ऊपरी पुल निर्माण कार्य के लिए ब्लाक लिए जाने से ट्रेनें प्रभावित रहेंगी।

कैंसिल की गई ट्रेनें

 13503 बर्द्धमान-हटिया मेमू एक्सप्रेस 13 से 21 फरवरी तक रद

13504 हटिया-बर्द्धमान मेमू एक्सप्रेस 14 से 22 फरवरी तक रद

18628 रांची-हावड़ा एक्सप्रेस 13 से 22 फरवरी तक रद

 18627 हावड़ा-रांची एक्सप्रेस 13 से 22 फरवरी तक रद

 58034 रांची -बोकारो पैसेंजर 13 से 22 फरवरी तक रद

 58033 बोकारो-रांची पैसेंजर 13 से 22 फरवरी तक रद

 58663 हटिया-सांकी पैसेंजर 13 से 22 फरवरी तक रद

 58664 सांकी-हटिया पैसेंजर 13 से 22 फरवरी तक रद

 58665 हटिया-सांकी पैसेंजर 13 से 22 फरवरी तक रद

 58666 सांकी-हटिया पैसेंजर 13 से 22 फरवरी तक रद

इन ट्रेनों के बदलेंगे मार्ग

15 फरवरी को चलने वाली 13425 मालदा टाउन -सूरत एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग मूरी, रांची व राउरकेला के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मूरी, चांडिल, सिनी व राउरकेला होकर चलेगी।

 18 को चलने वाली 07052 रक्सौल-सिकंदराबाद स्पेशल अपने निर्धारित मार्ग मूरी, रांची व राउरकेला के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मूरी, चांडिल, सिनी व राउरकेला होकर चलेगी।

आयुष्मान योजना को लेकर हेमंत सरकार द्वारा किये गए बदलाव पर बाबूलाल मरांडी भड़के

उन्होंने कहा सरकार के इस अव्यवहारिक फैसला से ग्रामीणों को नहीं मिल पायेगा इस योजना से लाभ

झारखंड में आयुष्मान भारत योजना को लेकर सियासत छिड़ गई है. आखिर ऐसा क्या हुआ? हेमंत सोरेन ने क्या बदलाव किए है. और बाबूलाल मरांडी ने क्या कुछ प्रतिक्रिया दी है.

दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी को झारखंड सरकार के जारी किए गए नियम के बारे बताया. उनका कहना है कि झारखंड सरकार की एक अव्यवहारिक फैसले ने आमजनों के लिए समस्याएं पैदा कर दी है.

बाबूलाल मरांडी ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी को टैग करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की धरती से विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत की शुरुआत की थी, लेकिन अब झारखंड सरकार की एक अव्यवहारिक फैसले ने आमजनों के लिए समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं.

आयुष्मान भारत के तहत झारखंड सरकार ने नया नियम जारी किया है, जिसमें केवल 50 बेड (शहरी) और 30 बेड (ग्रामीण) वाले निजी अस्पताल ही योजना में शामिल होंगे.

इससे सैकड़ों छोटे अस्पताल बाहर हो जाएंगे, जिससे गरीब मरीजों को इलाज में दिक्कत होगी. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां छोटे अस्पतालों पर निर्भरता ज्यादा है, मरीजों को महंगे और दूर के बड़े अस्पतालों में जाना पड़ेगा. इससे स्वास्थ्य सेवाएं गरीबों के लिए और सीमित हो जाएंगी.

हेमंत सोरेन को पुनर्विचार करने को कहा

इसके अलावे उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को भी टैग करते हुए लिखा कि इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और इसे तुरंत वापस लें, ताकि कोई भी व्यक्ति आयुष्मान योजना के लाभ से वंचित न हो. अगर कहीं गड़बड़ी हो रही है, तो उसकी जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें.

लेकिन ऐसा आदेश न दें जिससे किसी को आयुष्मान योजना के लाभ से वंचित होना पड़े. ये तो हो गई बात बाबूलाल मरांडी ने क्या कुछ कहा. अब आपको बताते है राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के नियमों में क्या बदलाव करने जा रही है.

हेमंत सरकार ने नियम में किए ये बदलाव

मीडिया रिपोर्ट्स के माने तो झारखंड में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एवं अबुआ स्वास्थ्य योजना के तहत नई बीमा अवधि शुरू कर दी गई है. 10 फरवरी को राज्य में सूचीबद्ध सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में पुरनी बीमा की अवधि के समाप्त होते ही इस योजना की नई बीमा अवधि लागू कर दिए जाएगी.

नए बीमा अवधि के दौरान राज्य के सभी पात्र लाभुक इसका लाभ ले सकेंगे और पहले की तरह सभी सूचीबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों में अपना निः शुल्क इलाज करा सकेंगे.

इतने लाख लाभुकों को मिलेगा लाभ

स्वास्थ्य विभाग एवं झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के अनुसार राज्य के 66 लाख से अधिक लाल, पीला एवं हरा राशन कार्डधारी परिवार इस योजना का लाभ ले सकेंगे. साथ ही विभाग द्वारा नई बीमा अवधि से एचबीपी 2022 (हेल्थ बेनिफिट पैकेज) लागू किया गया है.

इसके अंतर्गत 534 नये पैकेज भी शामिल किए गये हैं एवं पुराने पैकजों की दर को संशोधित किया गया है. हेल्थ बेनिफिट पैकेज-2022 में प्रशासक देखभाल पैकेज (पैलिएटिव केयर पैकेज), उच्च अंत प्रक्रियाएं (हाई एंड प्रोसेस) जैसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट और कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी आदि प्रक्रियाएं भी सम्मिलित की गई हैं.

झरिया में तेज रफ्तार कार ने चार लोगों को रौंदा, खड़ी दो कारों में भी मारी टक्कर,5 घायल


धनबाद: झरिया थाना क्षेत्र के उपर कुल्ली के पास तेज रफ्तार कार का कहर देखने को मिला.यहां एक तेज रफ्तार कार ने एक बाइक को जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर मारकर भागने के दौरान कार ने सड़क पर पैदल चल रहे चार राहगीरों को धक्का मार दिया. इसमें एक 9 साल का बच्चा भी शामिल है. इतने में भी कार नहीं रूकी और सड़क किनारे खड़ी दो कार में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे वह बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी. घटना के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गयी.

इधर घटना के बाद सभी घायलों को झरिया के एक निजी नर्सिंग होम ले जाया गया. जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए धनबाद के एसएनएमएमसीएच अस्पताल में रेफर किया गया. 

घटना में घायल ऊपर कुली निवासी मोहम्मद मंजूर का 12 वर्षीय पुत्र बिट्टू गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. जानकारी के अनुसार, बिट्टू को बेहतर इलाज के लिए रांची के हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है.

वहीं घटना के बाद गुस्साए लोगों ने कार चालक और उसमें बैठे एक व्यक्ति को पकड़ लिया और जमकर पिटाई कर दी. 

झरिया पुलिस मामले की सूचना पाकर तुरंत मौके पर पहुंची और किसी तरह वाहन चालक समेत दो लोगों को भीड़ के चंगुल से बचाकर निकाला पुलिस मामले की आगे की जांच में जुटी है।

धनबाद में भू-जल संकट: 2 साल में 20 फीट गिरा जलस्तर, कुएं सूखे

  

धनबाद :- धनबाद जिले में भू-गर्भीय जलस्तर में गिरावट की समस्या लगातार गंभीर बनती जा रही है. शहरी क्षेत्र में स्थिति क्रिटिकल स्तर तक पहुंच चुकी है. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने अपनी 2024 की रिपोर्ट में इस पर चिंता व्यक्त की है. सीजीडब्ल्यूसी की इस रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद शहरी क्षेत्र में कुल जल आवश्यकताओं का 73.34 प्रतिशत भू-गर्भ जल-स्रोत से ही पूरा किया जा रहा है. 

परिणामस्वरूप भू-गर्भ जल भंडार अत्यधिक दोहन के कारण भारी दबाव में हैं. इस वजह से शहर के अधिकांश कुएं साल में सात से आठ महीने सूखे रहते हैं. गर्मियों में हैंडपंप (चापाकल) भी सूख जाते हैं, जिससे नागरिकों को भारी जलसंकट का सामना करना पड़ता है. धनबाद शहर में तेजी से बढ़ते अपार्टमेंट कल्चर के कारण डीप बोरिंग की गहराई एक हजार फीट से अधिक तक पहुंचने लगी है।

पहले जहां भू-गर्भ जल 10 से 20 फीट की गहराई पर उपलब्ध था, अब मार्च तक यह 50 फीट से नीचे चला जाता है और जून तक 70 फीट से भी अधिक गहराई में पहुंच जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद प्रखंड में 2022 से 2023 के बीच भू-गर्भ जलस्तर 50.2 फीट से गिरकर 63.632 फीट हो गया था. 2024 तक यह गिरावट 70 फीट के करीब पहुंच गयी.

बाघमारा प्रखंड के जलस्तर में 14.104 फीट की गिरावट :

धनबाद जिले में केवल धनबाद सदर प्रखंड ही अकेले इस समस्या से नहीं जूझ रहा है. अन्य प्रखंडों में भी भू-गर्भ जल स्तर में भारी गिरावट देखी गयी है. बाघमारा प्रखंड में जलस्तर 32.308 फीट से गिरकर 46.412 फीट हो गया है. 

यानी जलस्तर में 14.104 फीट की गिरावट आयी है. बलियापुर प्रखंड में भू-जल स्तर 48 फीट तक पहुंच गया है. अन्य प्रखंडों में भी भू-गर्भ जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है. हालांकि इन्हें अभी सामान्य श्रेणी में रखा गया है।

अनियंत्रित शहरीकरण और खनन गतिविधियां प्रमुख रूप से जिम्मेदार :

धनबाद में भू-जल स्तर में गिरावट के पीछे अत्यधिक दोहन और कोयला खनन गतिविधियां प्रमुख कारण हैं. अत्यधिक दोहन के लिए अनियंत्रित शहरीकरण को इस समस्या के लिए जिम्मेदार माना गया है, जबकि धनबाद शहरी क्षेत्र के बाहर खनन गतिविधि को इसके लिए जिम्मेदार माना गया है. इसके साथ ही धनबाद में जल संरक्षण के उपायों में कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है।

औद्योगिक शहर होने के बावजूद धनबाद में जल संरक्षण के प्रयास सीमित हैं, जिससे भू-गर्भीय जल-स्रोत में तेजी से गिरावट देखी जा रही है.

धनबाद में जल संरक्षण के प्रयास सीमित :

आइआइटी आइएसएम धनबाद में पिछले दिनों आयोजित अर्बन वाटर्स फोरम 2025 में धनबाद नगर निगम द्वारा जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि धनबाद में बड़े पैमाने पर वर्षा जल संग्रहण योजनाएं लागू की जा रही हैं. प्रत्येक हाउसिंग सोसाइटी और अपार्टमेंट में वर्षा जल संचयन का प्रोजेक्ट होना अनिवार्य कर दिया गया है. नागरिकों को जलसंकट की गंभीरता और जल संरक्षण के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. पानी की बर्बादी रोकनी जरूरी है।

महाकुंभ से लौट रही महिला श्रद्धालुओं से भरी एक कार हजारीबाग में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इसमें 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी. 7 अन्य घायल हो गयीं


 हजारीबाग : प्रयागराज में लगे महाकुंभ में स्नान करने के बाद रांची लौट रही श्रद्धालुओं से भरी एक कार हजारीबाग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. कार में सवार 3 महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गयी और 7 अन्य घायल हो गये. 

दुर्घटना हजारीबाग के चरही थाना क्षेत्र में बिरसा फुटबॉल मैदान के पास हुई. पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सभी 7 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. मृत 3 महिलाओं में 2 रांची और एक गुमला जिले की रहने वाली हैं. 7 घायल महिलाओं में 6 रांची की और एक लोहरदगा जिले की हैं.

2 खड़े ट्रक में श्रद्धालुओं से भरी कार ने मारी टक्कर

भीषण दुर्घटना सोमवार (10 फरवरी 2025) को सुबह 6:30 बजे चरही में हुई. प्रयागराज से रांची लौट रही कार ने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) पर बिरसा फुटबॉल मैदान के पास खड़े 2 ट्रकों में टक्कर मार दी. एक ट्रक का नंबर JH 01BZ 9170 और दूसरे का JH 05 BC 7191 है. कार में सवार सभी श्रद्धालु आईटीआई हेहल के रहने वाले हैं.

इन लोगों की हो गयी मौत

संजू देवी

सोनिया देवी

आशा देव

कार में 10 महिला श्रद्धालु समेत सवार थे 11 लोग

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टाटा सुमो गोल्ड कार में ड्राइवर के अलावा 10 महिला श्रद्धालु सवार थीं. महाकुंभ स्नान करके सभी रांची लौट रहीं थीं. इसी दौरान रास्ते में कार दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. कार में सवार 3 महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गयी. 7 अन्य महिलाएं घायल हो गयीं. दुर्घटना की जानकारी मिलते ही चरही थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची.

हजारीबाग सदर अस्पताल में घायल महिला श्रद्धालुओं का चल रहा इलाज. 

ये 7 महिला श्रद्धालु हुईं हैं घायल

कांति देवी

असिता देवी

पुनीता देवी

गुड़िया देवी

उमा देवी

रंजू देवी

ज्योति कांत

मरने वाली 3 महिलाओं में 2 रांची की, 1 गुमला की

पुलिस ने सभी मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घायलों को बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल भेज दिया गया. मृतकों की पहचान संजू देवी पति जितेंद्र गोप. कांके के सोसो की रहने वाली सोनिया देवी और गुमला की रहने वाली आशा देवी के रूप में हुई है.

घायल 7 महिलाओं में एक लोहरदगा जिले के पंडरिया की

घायलों के नाम कांति देवी पति कामेश्वर गोप (रांची), असिता देवी पति रामेश्वर गोप (सेवाड़ी, मांडर, रांची), पुनीता देवी पति आशुतोष गोप (बुंडू, रांची), गुड़िया देवी पति राजेंद्र गोप (पंडरिया, भंडरा थाना, लोहरदगा), उमा देवी पति स्वर्गीय रामेश्वर मिश्रा (बजरा, रांची), रंजू देवी पति शैलेंद्र कुमार पाठक (रांची, बजरा) और ज्योति कांत पति उमाकांत (केरली पब्लिक स्कूल, बजरा, रांची) हैं।

भूली बस्ती में वाहन जांच के दौरान चोरी के बाइक के साथ दो धराए


धनबाद : भूली ओपी परिसर में भूली थाना प्रभारी अभिनव कुमार ने कोयलांचल क्राईम न्यूज़ को बताया कि वरीय पदाधिकारी द्वारा वाहन चेकिंग का आदेश प्राप्त हुआ। उक्त आदेश के आलोक में संध्या गस्ती पदाधिकारी विजय कुमार राय को वाहन चेकिंग करने का निर्देश

मोबाईल के माध्यम से दिया गया।

गस्ती दल पदाधिकारी द्वारा आदेश के आलोक में बैरिकेडिंग का इस्तेमाल करते हुए। भूली बस्ती मोड़ के पास वाहन जाँच किया जा रहा था तभी समय करीब रात्रि 7:00 बजे झारखण्ड मोड़ के पास पुलिस वाहन चेकिंग के दौरान दो बाइक सवार

भागने का प्रयास करने लगे तभी गस्ती दल के मदद से पीछा कर मोटरसाईकल सवार को झारखण्ड 

मोड़ के तरफ से एक मोटरसाईकल जिसपर दो लोग सवार थे। 

जो पुलिस बल को देखकर गाड़ी घुमा कर भागने लगा तभी भूली पुलिस की टीम ने उसे दोडाकर पकड़ लिया।

 जिसके उपरान्त उक्त दोनो से बिना नम्बर का ब्लू रंग का हिरो होण्डा स्पलेंडर प्लस के संबंध में पूछताछ किया गया। तो इनलोगो के द्वारा बताया गया कि यह गाड़ी हमलोग के दोस्त का है।

जिसके उपरान्त संदेह होने पर मेरे द्वारा गस्ती दल के मदद से दोनो व्यक्ति एवं बिना नम्बर का ब्लू रंग का हिरो होण्डा स्पलेंडर प्लस को भूली ओ0पी0 लाया तथा मोटरसाईकल को ओ०पी० परिसर में सुरक्षार्थ

रखा गया। तथा ओ०पी० परिसर में उक्त दोनो से कड़ाई से पूछताछ करने पर फरीद खान के द्वारा बताया

गया कि हम दोनो यह मोटरसाईकल करीब डेढ महिना पहले मेमको मोड़ के पास से चोरी किये थे और

इसका नम्बर प्लेट हटाकर अपना निजि काम में इस्तेमाल करते थे। 

उक्त दोनो अभियुक्तो द्वारा बताया गया कि ये दोनो और दो और मोटरसाईकल करीब एक महीना पहले सरायढेला से एक ग्लैमर मोटरसाईकल तथा करीब एक महीना पहले पाण्डरपाला काली मंदीर के पास से एक स्कूटी का भी चोरी किये थे। जिसे इन दोनो अभियुक्तो के द्वारा बरामद कराया गया। वहीं मंगलवार को दोनों आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया गया।

आयुष्मान भारत योजना: झारखंड में 66 लाख लोगों को मिलेगा लाभ

झारखंड में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत नई बीमा अवधि शुरू हो गई है। 10 फरवरी को राज्य में सूचीबद्ध सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में पुरानी बीमा की अवधि के समाप्त होते ही इस योजना की नई बीमा अवधि को लागू कर दिया गया है।

अब इस बीमा अवधि के दौरान राज्य के सभी पात्र लाभुक लाभ ले सकेंगे और पूर्व की तरह सभी सूचीबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों में अपना निश्शुल्क इलाज करवा सकेंगे।

66 लाख से अधिक लाभुकों को मिलेगा लाभ

स्वास्थ्य विभाग एवं झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के अनुसार राज्य के 66 लाख से अधिक लाल, पीला एवं हरा राशन कार्डधारी परिवार इस योजना का लाभ ले सकेंगे। साथ ही विभाग द्वारा नई बीमा अवधि से एचबीपी 2022 (हेल्थ बेनिफिट पैकेज) लागू किया गया है।

इसके अंतर्गत 534 नये पैकेज भी शामिल किए गये हैं एवं पुराने पैकजों की दर को संशोधित किया गया है। हेल्थ बेनिफिट पैकेज-2022 में प्रशासक देखभाल पैकेज (पैलिएटिव केयर पैकेज), उच्च अंत प्रक्रियाएं (हाई एंड प्रोसेस) जैसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट और कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी आदि प्रक्रियाएं भी सम्मिलित की गई हैं। 

ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम-2 लागू करनेवाला पहला राज्य बना झारखंड

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा टीएमएस (ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम) के नया वर्जन को भी झारखंड में लागू किया गया है।

झारखंड में आयुष्मान भारत योजनाहाइब्रिड मोड में संचालित है एवं देश भर में हाइब्रिड मोड में संचालित प्रदेश में झारखंड पहला राज्य है, जहां टीएमएस 2.0 को लागू किया गया है।

झारखंड आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक अबु इमरान के अनुसार अब अस्पतालों को भी इस योजना के तहत काम करने में काफी सुविधा होगी । टीएमएस 2.0 में डाक्यूमेंट का साइज अब 500 केबी से बढ़ाकर एक एमबी कर दिया गया है। इससे अस्पताल अब अधिक डाक्यूमेंट्स अपलोड कर सकेंगे। साथ ही इस योजना का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा।

सुअर की किडनी इंसान में प्रत्यारोपित, मरीज ठीक नई तकनीक से किडनी फेल्योर के मरीजों को मिली उम्मीद


दुनिया में इस वक्त 'विज्ञान' की दिन दूनी रात चौगुनी गति से प्रगति हो रही है. कुछ वक्त पहले तक असंभव सी लगने वाली चीजें आज बढ़ती आधुनिकता की सहायता से आसानी से अच्छे परिणाम तक पहुंच रही हैं. खास तौर पर चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिक हर रोज असंभव चीजों को संभव करने में लगे हुए हुए हैं. वहीं, हाल ही में वैज्ञानिकों ने सुअर के जीन में बदलाव कर उसकी किडनी इंसान में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित की है.

 मरीज पूरी तरह से सेहतमंद है और हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने वाले हैं. इस कामयाबी से न सिर्फ मेडिकल के क्षेत्र में, बल्कि दुनिया भर में किडनी फेल्योर का सामना कर रहे लाखों मरीजों के लिए उम्मीद की एक किरण जगी

दरअसल, न्यू हैम्पशायर के 66 साल के टिम एंड्रयूज़ ने सुअर की किडनी प्रत्यारोपण करवाने के लिए महीनों तक कड़ी मेहनत की और आखिरकार उन्हें इसमें सफलता भी मिली मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल ने शुक्रवार को घोषणा की कि एंड्रयूज़ अब डायलिसिस से मुक्त हैं और उनकी सर्जरी 25 जनवरी को हुई . सर्जरी के बाद, वह तेजी से ठीक हुए कि एक हफ्ते के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल गई.

एंड्रयूज़ ने कहा, 'जब मैं ऑपरेशन के बाद होश में आया, तो मैं खुद को एक नया इंसान महसूस कर रहा था.'

सुअर के अंगों से जीवनदान की नई उम्मीद

जानवरों से इंसानों में अंग प्रत्यारोपण (ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन) को लेकर वैज्ञानिक सालों से रिसर्च कर रहे हैं, ताकि मानव अंगों की कमी को दूर किया जा सके. अमेरिका में 1 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यारोपण लिस्ट में हैं, जिनमें से ज्यादातर को किडनी की 9जरूरत है, लेकिन अंग न मिलने की वजह से हजारों लोग हर साल मर जाते हैं.

हालांकि, अब तक चार लोगों में सूअर के अंग प्रत्यारोपित किए गए थे, जिनेमें दो दिल और दो किडनी, लेकिन ये प्रत्यारोपण ज्यादा वक्त तक नहीं टिक सके. हालांकि, न्यूयॉर्क की 54 साल टोवाना लूनी को नवंबर में सूअर की किडनी लगाई गई थी, और वह 2.5 महीने से सेहतमंद हैं. यह संकेत देता है कि यह तकनीक सफल हो सकती है.

अब, एंड्रयूज़ पर प्रयोग के बाद, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मैस जनरल हॉस्पिटल को दो और मरीजों पर यह प्रयोग करने की इजाजत दी है. इसके अलावा, यूनाइटेड थेरेप्यूटिक्स नामक कंपनी को भी इसी साल 6 मरीजों पर सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने की अनुमति दी गई है. अगर इसके बाद वे छह महीने तक स्वस्थ रहते हैं, तो 50 और मरीजों को यह प्रत्यारोपण करने के लिए मिलेगा.

एंड्रयूज़ की संघर्ष भरी कहानी

एंड्रयूज़ की किडनी दो साल पहले अचानक खराब हो गई थी और डायलिसिस पर निर्भर थे. डॉक्टरों ने बताया कि उनके खून के समूह (ब्लड ग्रुप) के कारण इंसानी किडनी मिलने में 7 साल तक का वक्त लग सकता है, जबकि डायलिसिस पर इंसानों के जीवीत रहने की संभावना सिर्फ 50 फीसदी है. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और सुअर की किडनी अपने शरीर में प्रत्यारोपण करवाने के लिए जद्दोजहद करने लगे.

आखिरकार डॉक्टरों ने इसके लिए उनकी फिटनेस की जांच की और पाया कि वह बहुत कमजोर थे, साथ ही उन्हें डायबिटीज़ और दिल की भी बीमारी थी. लेकिन एंड्रयूज़ ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने छह महीने तक कड़ी मेहनत की, 30 पाउंड (लगभग 13 किलो) वजन कम किया, और अपनी फिटनेस में सुधार किया. डॉक्टरों ने जब फिर से टेस्ट किया तो पाया कि वे अब प्रत्यारोपण करवा सकते हैं.

सफल प्रत्यारोपण और नई उम्मीद

डॉक्टरों के सर्जरी के दौरान जैसे ही सुअर की किडनी को उनके शरीर में प्रत्यारोपण किया, तुरंत वह गुलाबी हो गई और यूरिन बनाने लगी. सफलर सर्जरी के बाद अब तक उनकी किडनी सही तरीके से काम कर रही है. एंड्रयूज़ अब जल्द ही अपने घर लौटने वाले हैं. 

भविष्य की संभावनाएं

मैस जनरल के डॉक्टरों का कहना है कि अभी देखना होगा कि एंड्रयूज़ की किडनी कितने वक्त तक काम करती है. अगर किसी कारण से यह किडनी फेल होती है, तो एंड्रयूज़ के शरीर में इंसानी किडनी प्रत्यारोपित की जाएगी.

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के डॉक्टर रॉबर्ट मोंटगोमरी का मानना है कि इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा उन मरीजों को मिलेगा जो बहुत ज्यादा बीमार नहीं हैं, लेकिन इंसानी किडनी के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते. अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो यह लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा, जिससे अंग प्रत्यारोपण की समस्या हल हो सकती है.