गाजर घास जागरूकता सप्ताह मनाया गया
मनकापुर(गोंडा)।आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर में बुधवार को राजकीय हाईस्कूल मछलीगांव में डॉ.एस.के. वर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर के निर्देशन में गाजर घास जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत प्रशिक्षण आयोजित कर गाजर घास के बारे में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि ऊषा यादव प्रधानाचार्य द्वारा किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने घर के आस पास उगी गाजर घास को समूल नष्ट करने का आवाह्न किया। डॉ.एस.के.वर्मा ने गाजर घास को जैव विविधता के लिए खतरा बताया। उन्होंने इसके जैविक नियंत्रण पर बल दिया। डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने बताया कि गाजर घास का वैज्ञानिक नाम पार्थेनियम हिस्ट्रीफोरस है।
यह एक वर्षीय शाकीय खरपतवार है। एक पौधा एक बार में 10 से 15000 बीज पैदा करता है। एक वर्ष में इसकी तीन -तीन पीढ़ियां होती हैं। इस पौधे के संपर्क में आने से मनुष्यों एवं पशुओं में त्वचा रोग, दमा, अस्थमा आदि की बीमारी हो जाती है। इसकी रोकथाम के लिए गाजर घास में फूल आने से पहले नाडेप कम्पोस्ट बनाकर खाद के रुप में प्रयोग की सलाह दी । डॉ.डी.के. श्रीवास्तव वरिष्ठ वैज्ञानिक पशुपालन ने बताया कि इसका फैलाव, हवा, पक्षियों, परिवहन के साधनों आदि के द्वारा होता है। डॉ.अजीत सिंह वत्स वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल सुरक्षा ने बताया कि इसकी रोकथाम जाइकोग्रामा बाइकलरेटा नामक कीट द्वारा खाकर किया जाता है। डॉ. मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने बागवानी फसलों में गाजर घास के नियंत्रण के लिए जुताई एवं निराई- गुड़ाई को उपयुक्त बताया। डा. हनुमान प्रसाद पांडेय मृदा वैज्ञानिक ने गाजर घास के रासायनिक नियंत्रण के लिए 2,4-D सोडियम साल्ट या मेटसेल्फ्यूरान मिथाइल के छिड़काव को उपयुक्त बताया। इस अवसर पर राजकीय हाईस्कूल की श्रीमती अंजू गुप्ता वरिष्ठ अध्यापिका, श्री रामपलट अध्यापक तथा शशिकांत यादव लिपिक उपस्थित रहे। राजकीय हाई स्कूल के छात्रों प्रशांत, राधेश्याम, रोहित तथा छात्राओं माही मोहिनी पुष्पा आदि ने प्रतिभाग कर गाजर घास के बारे में विधिवत जानकारी प्राप्त की। जागरूकता कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकगण, राजकीय हाईस्कूल के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय परिसर में उगी गाजर घास को उखाड़ कर समूल नष्ट किया गया।
Aug 22 2024, 17:00