होटलों और शादी में पनीर सेवन से परहेज़ ही स्वास्थ्य का बचाव
विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज।
सिंथेटिक पनीर में जहां ह्रदय पर दुष्प्रभाव डालने वाले पाम ऑयल का उपयोग किया जाता है वहीं चीन से आयातित प्रोटीन पाउडर का उपयोग किया जाता है ताकि पनीर की वसा( चिकनाई) को दर्शित किया जा सके, ऐसे में किसी होटल के विरोध में नही अपितु जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ न हो सके, इसलिए जन साधारण से आगृह है कि वे प्रायः पनीर के सेवन से परहेज़ करके अपने स्वास्थ्य की रक्षा को संकल्पित होंगे तो ही सिंथेटिक पनीर के उत्पादन में स्वत: कमी आ जायेगी।
पनीर बनाने की प्रक्रिया समझिए
नकली पनीर बनाने के 2 तरीके है पहला दूध में से सारा क्रीम निकाल लिया जाता है सप्रेटा दूध जो बचा उसमे अरारोट मिलाया जाता है फिर उसमे GM's नाम का केमिकल मिलाया जाता है जो उसको मुलायम करता है उसके बाद चिकनाई के लिए उसमें पाम ऑयल मिक्स किया जाता है फिर उसको फाड़ के पनीर तैयार कर लिया जाता दूसरा तरीका होता है दूध के पाउडर से पानी में मिक्स करके दूध बनाया जाता है फिर उसके बाद उसमें फॉर्मलीन नाम का एक केमिकल ऐड किया जाता है पाम तेल डालकर उसको भी फाड़ लिया जाता है और पनीर तैयार किया जाता है यह पनीर खाने में बहुत ज्यादा नुकसान करता है आपको हार्ट ब्लॉकेज डायबिटीज और दुनिया भर की सास के संबंधित बीमारियां पैदा करता है।
पनीर मूल्य का अंतर
अगर सही दूध से पनीर निकला जाए तो 1 किलो दूध में सिर्फ मात्र डेढ़ सौ ग्राम पनीर निकलता है और ₹60 से 70₹ किलो दूध है यानी के 600₹ से ₹700 के दूध में डेढ़ किलो पनीर और मार्केट में पनीर बिकता है 440 रुपये किलो, जबकि होटल वालों को 220 रुपए किलो पनीर की आपूर्ति ही उसके सिंथेटिक होने को प्रमाणित करने में सक्षम है।
Jun 01 2024, 11:16