*मृतक भोज का बहिष्कार करें:रामकिशोर पटेल*

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। आज विज्ञान के नए-नए आविष्कार हो रहे हैं एवं बड़े व्यापक परिवर्तन हो रहे हैं प्रकृति गुण राशियों को खोज कर नई-नई शक्तियां प्राप्त की जा रही हैं। नई दुनिया का निर्माण हो रहा है। ऐसे विवेकशीलता के युग में रूढ़ीवादी मृतक भोज जैसी परम्परा में लोग चिपके रहना बुद्धि हीनता का ही परिचायक है।

निहित स्वार्थी लोगों ने अपने तथा अपने परिवार के प्राण के लिए अनेकों झूठ अपनाकर अनेक मनगढ़ंत व्यवस्थाओं की रचना कर स्वर्ग नर्क और पुनर्जन्म का प्रचार प्रसार शुरू किया।

आप याद करें यदि पुनर्जन्म एव मृत्यु भोज एक सच्चाई है। तो यह सभी धर्म के मानने पर समान रूप से प्रभावित होना चाहिए परंतु केवल हिंदू धर्मावलंबियों पर ही क्यों यदि स्वर्ग नरक पुनर्जन्म की व्यवस्था सही हो तो धर्म के ठेकेदार स्वर्ग अपने लिए आरक्षित कर लेते। तथा यही लोग जब मृत्यु से पहले उठने बैठने बोलने में विनीमिता करते हैं तो फिर स्वर्ग में पहुंचने के बाद वहां भी वह आपसे विषमता ही बरतेंगे।

दुनिया भर के लोग अपने विश्वास और धर्म के सिद्धांतों के अनुसार मृतकों की अंतिम कृपा करते हैं पर सब लोग अपनी समर्थ और परिस्थिति का ध्यान रखते हैं ऐसे अवसर पर वह मृतक भोज जैसे कोई कार्यक्रम नहीं करने शायद उन्हें आश्चर्य ही होता होगा कि भारत में किसी जाति वाले अपने घर में किसी के मर जाने पर हर्षोत्सव मानते हैं और परिचितों को मिठाई व पकवान खिलाते हैं यूरोप और अमेरिका के व्यक्ति मरणोपरांत अपनी स्मृति के लिए लाखों करोड़ों का दान कर जाते हैं ।जिससे लाखों लोगों का कल्याण होता है उनमें कोई भी अपने मरने के बाद लाखों रुपए लगाकर ₹2सौ ,चार सौ व्यक्तियों को खिलाने की बात नहीं सोचता।

मृतक भोज का परंपरा ना तो मनुष्य की बुद्धिमत्ता का परिचायक है और ना ही किसी प्रकार का लाभ पहुंचती है इस समस्या पर सामाजिक हित की दृष्टि से गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए तो अधिक सही तरीका जान पड़ता है। कि लोग ऐसे अवसर पर सहानभूति प्रकट करते हुए मृतक परिवार जनों को धैर्य बढ़ाएं और उनकी सहायता करने को तत्पर हो।

अब समय आ गया है कि हमअपने धन को बिना सोचे समझे व्यर्थ के दिखावे मूर्खता पूर्वक रिवाजों मे खर्च करने के बजाय ऐसे तरीके से खर्च करें जैसे देश और समाज का अधिक से अधिक हित हो और अभावग्रस्त लोगों को अपनी स्थिति सुधारने में सहायता प्राप्त हो सके। जब हमारे परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो हम हजार से लेकर 1500 व्यक्तियों को पकवान खिलाते हैं भोज के अतिरिक्त 15 पुजारी या ब्राह्मण को कई हजारों की सामग्री दान में दे देते हैं। जो कि अधिकांश उसके काम भी नहीं आती और आधे पौने दाम में बेचकर गुलछरे उड़ाते हैं।

कुछ लोग अधिक बुद्धिमानी का परिचय देते हुए इस और इस प्रकार की रकम को किसी मंदिर के रूप में परिवर्तित कर देते हैं और उनके नाम कोई अस्थाई संपत्ति कर देते हैं जिससे नियमित आमदनी होती रहे पर धन भी मंदिरों की पूजा भोग उत्सव नाच ,गाना आदि में खर्च किया जाता है इससे किसी व्यक्ति व समाज का उपहार नहीं होता बल्कि कुछ लोगों का जीवन निकम्मा हो जाता है।

पाखंडियों ने हमारी बुद्धि विवेक पर अज्ञानता और अंधविश्वास का चश्मा लगा दिया है जिसके कारण हम सच्चाई को समझने में असमर्थ हैं और अपने इस सांसारिक जीवन को दुखी बनाकर मृत व्यक्ति के पुनर्जन्म पर उसकी सुख समृद्धि की कामना कर उसके मृत्यु भोज पर अपनी संपूर्ण संचित राशि व उधार लेकर वा बैक से लोन ले करके अपना तथा अपने परिजनों का जीवन नारकीय बना देते हैं।

जबकि मृतक के जीवन काल में उसकी बीमारी अवस्था में उसके उधर एवं सुविधा का ध्यान नहीं करते वर्णन उसका तिरस्कार ही करते हैं कभी-कभी तो उसे अच्छा पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध नहीं करते और मरने के बाद उसे स्वादिष्ट भोजन करने हेतु मृतक भोज आयोजित करते हैं इस प्रकार अपने को तथा अपने परिजनों को आर्थिक रूप से विपन कर अशिक्षा कठिनाइयों को अपने परिवार के लिए आमंत्रित करते हैं जो एक बार पुनः मृत्यु भोज की ओर अग्रसर करती है।

हम निवेदन करते हैं कि आप अपनी सामर्थ और स्थिति के अनुसार मृत व्यक्ति के प्रति अपनी श्रद्धा अवश्य प्रकट करें । और पुरानी परंपरा को त्याग कर उचित समय पर शोक सभा करें और हित संबंधी के बीच मृत व्यक्ति की क्रिया कलापों पर परिचर्चा हो सेवा सहायता जीवित को चाहिए मृतक का नहीं लिए जीवित का तिरस्कार और मृतक भोज उत्तसव बंद कर समाज में एक नई जागरूकता का परिचय दें ।

*प्रयागराज पहुंचे शारदा पीठाधीश्र्वर*

प्रयागराज । मुंबई से प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचने पर पूज्यपाद द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज का सैकड़ों भक्तों के द्वारा भव्य स्वागत हुआ उसके बाद शहर में हाईकोर्ट के पास वकीलों के द्वारा स्वागत हुआ ।बालसन पर भाजपा नेता रईस शुक्ला के द्वारा स्वागत हुआ और भी शहर में कई जगह स्वागत हुआ ।

उसके बाद पूज्य महाराज श्री त्रिवेणी मार्ग सेक्टर 3 शंकराचार्य शिविरर में गौ संसद में भाग लेने पहुंचे ।इसके पश्चात श्री मनकामेश्वर मंदिर आगमन हुआ जहां पर पूज्य महाराज श्री का भक्तो द्वारा पादुका पूजन किया और महाराज जी ने सब को दर्शन दिया रात्रि विश्राम महाराज जी का श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर में होगा सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक पूज्य महाराज श्री का दर्शन होगा शाम को महाराज श्री का श्री शंकराचार्य शिविर त्रिवेणी मार्ग में भी दर्शन लाभ ले सकते हैं।

*देवराहा बाबा शिविर पहुंचे संत, अखण्ड ज्योति को किया प्रणाम*

प्रयागराज। श्री देवराहा बाबा मंच का शिविर माघ मेला के संगम लोवर मार्ग पर लगा हुआ है। शिविर में खाक चौक व्यवस्था समिति के प्रधानमंत्री (महामंत्री) संतोष दास सतुआ बाबा जी महाराज, स्वामी राजकुमार दास अधिकारी जी महाराज, श्री सरयू आरती अध्यक्ष स्वामी शशिकांत दास जी महाराज , महामंडलेश्वर स्वामी हिटलर बाबा जी महाराज , स्वामी मनीष दास जी महाराज पत्थर मंदिर श्री आयोध्या , स्वामी गोपालदास जी महाराज श्रीधाम द्वारिका सहित अन्य संत।

श्री देवरहा बाबा मंच अखंड ज्योति के शिविर में पहुंचे और सभी संतों ने स्मृति शेष देवराहा बाबा और अखण्ड ज्योति का दर्शन, पूजन कर प्रसाद ग्रहण किया। आश्रम के व्यवस्थापक स्वामी रामदास महाराज ने सभी संतों का सम्मान कर शिविर में चल रहे विशाल अन्नक्षेत्र और 12 फरवरी को होने वाले श्रीरामार्चा पूजन, विशाल भण्डारे के बारे में भी जानकारी दी।

*लोकनृत्य व गायन के समागम में श्रद्धालुओं ने लगाया गोता*

प्रयागराज। संगम तट पर भक्ति के साथ लोककला की बयार बह रही है। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के माघ मेला स्थित सांस्कृतिक केंद्र शिविर में एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत चलो मन गंगा यमुना तीर के मंच पर मंगलवार को विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता के विभिन्न रूपों को लोकगीत व लोकनृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर दर्शकों से खूब प्रशंसा बटोरी। कार्यक्रम के दूसरे दिन कलाकारों ने अनेक शानदार प्रस्तुतियां दी।

कार्यक्रम की शुरूआत प्रयागराज के भोला सिंह व दुखीराम यादव के बिरहा गायन से होती है। ‘गंगा के निर्मल पानी नहाई चले तीनों भवानी’, ‘अबला बनी बेचारी माटी होइग मंगल -जंगल मे शेबरी रोवत चल पणी’ व ‘झुकावे प्रयागराज के माथ अति संन्यासी लहरी’ की प्रस्तुति देकर पूरे पंडाल को भक्तिमय कर दिया। ‘हम गरीबन के तुहि सहारा गंगा माई’,’अब हमरी ओरहिहा निहारा गंगा माई तथा ले ले आइहा बालम बज़रिया से चुनरिया’ जैसे लोकगीत को प्रतिमा मिश्रा ने स्वरलहरी बहाकर खूब तालियां बटोरी। इसके बाद भोजपुरी गायिका कुसुम पाण्डेय ने ‘कब घरे ईब हो सांवरिया, रही रही धड़के छतिया मोरी और छोटी से बड़ी हम हाईवे , ‘अखियां भीजे तो भीजे हो की सुरीली प्रस्तुति दी तो पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा।

संगीता आहूजा एवं साथी कलाकारों ने ‘फुलवरिया में मिले सियाराम, ‘गंगा तोरी चमके लहरिया व ‘ राम राम रटबै में हम सागरी उमरिया कबहू तो आइहै राम हमरी डगरिया’ गीतों पर राम विवाह पर आधारित मनमोहक अवधी लोकनृत्य प्रस्तुत कर खूब वाहवाही पायी। राजस्थान से पधारे सुरम नाथ और साथी कलाकारों ने घूमर व भवई नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। असम का बिहू लोकनृत्य श्रद्धालुओं को खूब रास आया। संदीप यादव एवं दल ने हरियाणा का फाग नृत्य की प्रस्तुति दी। साथी कलाकरों में तबले पर अविनाश, पैड पर वीरेंद्र, हारमोनियम पर संजीव पांडेय ने साथ दिया।

*प्रयागराज मोर्चे पर फेल है एनडीए सरकार :अभिषेक यादव*

प्रयागराज। समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक यादव ने आज बालसन पार्क में आयोजित पीडिए जनपंचायत में केंद्र एवं प्रदेश की एनडीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश की एनडीए सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। आरोप लगाया कि लम्बे चौड़े वादे और दावे कर सत्ता में आई एनडीए ने बेरोजगारी, किसानों की दोगुनी आय, महिलाओ की सुरक्षा, आम आदमी के ख़राब होते आर्थिक हालात पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। उल्टे भाजपा नेता तानाशाही कर लोकतान्त्रिक व्यवस्था को तहस नहस करने पर उतारू हैं।

चंडीगढ़ केमेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी भाजपा नेताओं के लिए शर्म से डूब मरने की बात है लेकिन अफ़सोस की बात है कि अभी तक कोई सरकारी बयान नहीं आया।चुनाव आयोग की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि इस तरह की घटना लोकतान्त्रिक प्रणाली में सभी जिम्मेदार तंन्त्रों को सवाल के घेरे में खड़ा करती है जो देशवासियों के लिए खतरनाक भविष्य का संकेत देती है।

लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ निर्भय सिंह पटेल ने पीडीए की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि एनडीए को पीडीए ही सत्ता से बाहर करेगा।उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा घोषित बजट में पुरानी पेंशन की कोई चर्चा नहीं की गई है।जनपंचायत में केंद्रीय विश्व विद्यालय में छात्रों के साथ विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा की की गई उत्पीड़न की निंदा की गई तथा कहा गया कि यदि छात्र अभिषेक गुप्ता का उत्पीड़न करने वाले शिक्षक डॉ राकेश सिंह, डॉ अतुल नारायण एवं डॉ मृत्युंजय, डॉ विवेक द्वीवेदी चौकी इंचार्ज विनय सिंह सहित दोषियों। पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा, सपा छात्रों के समर्थन में खड़ी है।बजट को लुभावना और आम आदमी की मूलभूत जरूरतों पर कभी नहीं खरा उतरने वाला बताया गया।

जनपंचायत में प्रमुख रूप से राघवेंद्र सिंह यादव संतलाल वर्मा, अखिलेश गुप्ता गुड्डू,दान बहादुर मधुर, इंजी. अभिषेक यादव, आशीष पाल, जय सिंह यादव, बंटी सिंह, दिनेश यादव, अरुण यादव एडवोकेट, दिनेश यादव, युवराज सिंह पटेल, आर. डी.विश्वकर्मा,रोहित यादव, आसुतोष गुड्डू, संदीप चौधरी आदि मौजूद रहे

*संविधान महोत्सव में संविधान के बारे मे विशेष प्रकाश डाला गया*

कोराव प्रयागराज। कोरांव नगर पंचायत के लेडियारी तिराहे के पास दिन रविवार को संविधान महोत्सव का आयोजन किया गया और संविधान विचारधारा से जुड़े हुए लोग भारी संख्या मे एकत्रित हुए विचारधारा के तथ्यों के आधार पर संविधान पर प्रकाश डाला गया भीमराव अंबेडकर एवं अन्य महापुरुषों के तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया।

कार्यक्रम कीअध्यक्षता रामचन्द कुशवाहा के द्वारा किया गया व,राम प्रवेश कुशवाहा ने भी संबोधन किया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर एस पटेल ने कहा अपने संबोधन में कि केंद्र दिल्ली सरकार पालयामेंट में उसको भेजा जाए जो संविधान के हित का बात करें हर घर में संविधान की पुस्तक होनी चाहिए सबको पढ़ना चाहिए पढ़ने से संविधान के बारे में जानकारी मिलती है।

विशिष्ट अतिथि राजबली जैसल पूर्व विधायक संबोधन में कहां की दुनिया का सबसे विस्तृत एवं लिखित संविधान भारत का संविधान हैं भारत का संविधान सम्मान सामानत का हक अधिकार देने का काम करता है मुख्य वक्ता सुमन कोल ने कहा कि हमारे देश का संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का ग्रंथ है।

मुख्य वक्तागण जय नारायण, जंगी लाल गुप्ता, सोमदत्त सिंह सुकृति अस्पताल के संस्थापक डॉ आर के कुशवाहा भी रहे मौजूद पटेल,सनाउल्लाह खान, रामदेव निडर, ललन सिंह पटेल , रूपा आदिवासी, पवन, पूर्व प्रधान राकेश पटेल,सोनकर,आयोजन कर्ता रविंद्र जैसल प्रधान,पवन सिघाल संविधान महोत्सव में कई लोगों को सम्मानित किया गया ।

अंबेडकर तस्वीर एवं साल देकर एवं संगीत के माध्यम से संविधान पर फोकस डालने वाले ओमप्रकाश दीवाना संविधान महोत्सव के कार्यकर्ता महताब खान, शहादत अली, राजेश्वरी जैसल ,राजू गौतम, सुनील जैसल, पवन जैसल, देवी चरण कुशवाहा ,डॉ जंग बहादुर ,अच्छेलाल ,मोनू, सुनील लहरी,त्रिलोकी नाथ, सच्चे लाल, आदि संविधान विचारधारा के लोग मौजूद रहे।

*अज्ञात वाहन से कुचल कर रेल कर्मी की मौत ,घर में मचा कोहराम*

बछरावां।लखनऊ -प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर इंडस्ट्रियल एरिया के सामने बगाही मोड पर सोमवार की सुबह 10 बजे के करीब अज्ञात वाहन से कुचलकर रेल कर्मी की मौत हो गई। घटना के बाद चालक वाहन सहित मौके से फरार हो गया।इस हादसे के बाद घर में कोहराम मच गया। घटनास्थल पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई।

क्षेत्र के पहुरावां गांव का रहने वाला संगम लाल 35 वर्ष पुत्र स्वर्गीय सत्रोहन सोमवार की सुबह 10 बजे के करीब चारबाग लखनऊ रेलवे के लोको वर्कशॉप ऑफिस में ड्यूटी के लिए मोटरसाइकिल से जा रहा था ।वह जैसे ही इंडस्ट्रियल एरिया बगाही मोड़ के पास रोड के कट पर पहुंचा इसी दौरान किसी अज्ञात वाहन ने उसे रौंद दिया ।

इस हादसे में संगम लाल की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। संगम लाल की मौत की खबर सुनते ही पहुरावां गांव के सैकड़ो लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। संगम की मौत से उसके घर में कोहराम मच गया । इस बारे में थानाध्यक्ष बृजेश शर्मा ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

चालक तथा वाहन की तलाश की जा रही है ।तहरीर मिलने पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

इंसेट

बछरावां

संगम लाल की मौत से परिवार पर टूटा गमों का पहाड़ मृतक के दो पुत्र रौनक और अहम तथा तीन बेटियां छाया, रिया , जानसी पत्नी सीमा तथा मां सुंदारा का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक संगम लाल के पिता भी रेलवे में नौकरी करते थे और कुछ वर्ष पूर्व उनकी मृत्यु हो गई थी उनकी जगह पर उसे नौकरी मिली थी जिससे परिवार का खर्च चलता था।

संगम लाल की मौत से जहां एक ओर बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया और पत्नी के मांग का सिंदूर उजड़ गया वहीं एक मां से उसका बेटा हमेशा के लिए इस दुनिया से विदा हो गया। संगम लाल की मौत से परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है।

*कैंसर मरीजों को भावनात्मक सहयोग की आवश्यकता: कुलपति प्रो. सीमा सिंह*

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा एवं अनिकेत इस्माइल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में शनिवार को कैंसर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा इस बीमारी के प्रति जागरूकता के साथ-साथ मरीज को भावनात्मक सहयोग की बहुत आवश्यकता होती है। भावनात्मक सहयोग से मरीज मानसिक रूप से मजबूत होते हैं और भयंकर बीमारी की भयावहता का उन्हें अहसास नहीं होता।

खान-पान पर भी नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है : डॉ. मीरा पाल

उन्होंने कहा कि ऐसा भी देखा जाता है कि कुछ परिवारीजन मरीज को अस्पताल में भर्ती करा कर छोड़ जाते हैं। ऐसे में भावनात्मक संबल उन्हें मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कैंसर रोगियों की सेवा में लगे चिकित्सकों को साधुवाद देते हुए कहा कि वह समाज हित में बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम संयोजक डॉ. मीरा पाल,प्रभारी, स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा ने कहा कि नियमित जीवन शैली अपनाकर कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी से बचा जा सकता है। इसके साथ ही खान-पान पर भी नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है। डॉ पाल ने कुलपति एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया।

मुविवि में कैंसर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

सहसंयोजक अखिलेश कुमार द्विवेदी, संरक्षक, अनिकेत इस्माइल फाउंडेशन ने बताया कि निरंतर अभ्यास के द्वारा कैंसर को प्रथम चरण में पहचान करके इसके कारणों का पता लगाया जा सकता है।इस अवसर पर कैंसर विशेषज्ञों डॉ देव कुमार यादव, डॉ सौमित्र साहा, डॉ सोनिया तिवारी, डॉ राजुल अभिषेक, डॉ सूर्यभान कुशवाहा, अवधेश यादव डॉ विक्रम शुक्ल, अनिल मिश्र, डॉ एकता चतुर्वेदी एवं वंदना यादव आदि ने कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी डा. प्रभात चन्द्र मिश्रा ने दी।

*गेस्ट हाउस एसोसिएशन के नव वर्ष कैलेंडर का विमोचन*

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज।नव वर्ष की शुभकामनाएं और कैलेंडर विमोचन के साथ गेस्ट हाउस एसोसिएशन की जनरल हाउस मीटिंग ,केसरी भवन बैंक्वट हाल में संपन्न हुई।

उपाध्यक्ष विद्या सागर ने उपस्थित गेस्ट सदस्यों का स्वागत नव वर्ष की शुभकामनाएं देकर किया।

कैलेंडर का विमोचन संरक्षक आर सी गुप्ता वा अध्यक्ष गुफरान अहमद द्वारा किया गया।

सचिव खलीक अहमद खान, संयुक्त सचिव विपिन अग्रवाल, प्रकाशन सचिव शाहिद कमाल खान वा सभी सदस्यों ने इस अवसर पर अपना योगदान दिया।

अध्यक्ष गुफरान अहमद ने अपने सभी सदस्यों को समाज में होने वाले मांगलिक कार्यक्रम वा सामाजिक सेवा हर वर्ग को देने के लिए प्रोत्साहित किया और कैलेंडर में थिंक ग्रीन & सेव अर्थ वा लेट अस रिसाइकल के संकल्प को दोहराया ।

संरक्षक आर सी गुप्ता ने एसोसिएशन द्वारा एक्टिविटीज की सराहना की तथा और भी बेहतर कार्य करने को कहा।

विपिन अग्रवाल ,शाहिद कमाल बबलू , अतिन गुप्ता, आकाश जयसवाल ने विगत वर्ष में किए गए कार्यों से अवगत किया और आगे की कार्य योजना वा सुझाव से अवगत कराया।

इस भव्य आयोजन में सी पी सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, धुव्र गुप्ता, विनीता दुग्गल, अनीस अहमद ,इफ्तिखार अहमद, अखिल गुप्ता विकास सिंह ,सय्यद हामिद, मेहमूद भाई, रवि जायसवाल,अफजल,अशरफ अंसारी, अल्तमस, अमित केसरी, दया शंकर तिवारी आदि उपस्थित रहेl

*महर्षि भरद्वाज लोग जान सके,तभी भारद्वाज आश्रम का सुंदरीकरण हो रहा है: कमिश्नर विजय विश्वास पंत*


प्रयागराज। यह धर्म और आध्यात्म का क्षेत्र है, यहां के मूल पुरुष महर्षि भारद्वाज हम सबके गौरव हैं। सभ्यता में पहली बार विमान के बारे में उन्होंने दुनिया को जानकारी दी,आयुर्वेद का पृथ्वी पर ज्ञान उन्हीं के द्वारा बांटा गया। आज हम सब उनकी जयंती मना कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। आगे भी महर्षि भरद्वाज की जयंती व प्रयागराज को गौरवान्वित करने वाली परम्परा और धूमधाम से मनाई जाएगी।

मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत ने आगे कहा कि लोग महर्षि भरद्वाज के बारे में जान सके इसके लिए भारद्वाज आश्रम का सुंदरीकरण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज और यहां के तीर्थ व गुरुओं के गौरवों के महिमामंडन के लिए प्रयत्नशील है।प्रयागराज विद्वत परिषद के द्वारा महर्षि भरद्वाज की जयंती तथा प्रयागराज दिवस परंपरागत तरीके से धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी ने कहा कि प्रयागराज के सबसे बड़े गुरु महर्षि भरद्वाज हैं, इनको नमन करने पर ही प्रयागराज का पुण्य प्राप्त होता है। फलाहारी बाबा ने कहा कि भरद्वाज जी के यहां सर्वप्रथम राम कथा गायी गई। भगवान राम को यहीं से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।केंद्रीय गंगा नाथ झा संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक ललित कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महर्षि भरद्वाज ऋग्वेद के छठवें मंडल के रचयिता हैं, संस्कृत के अनेक ग्रन्थों में उनका साहित्य है।

मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद में कहा कि प्रयागराज के यह प्रथम पुरुष थे। भरद्वाज जयंती मना कर हम सब गौरवान्वित होते हैं। पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने कहा कि आगे भी भरद्वाज जयंती और धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही सरकार मंदिरों में जन सुविधा व अन्य कार्य करा रही है।महंत यमुना पुरी ने कहा कि प्रयागराज विद्वत परिषद प्रयागराज के गुरुओं के सम्मान के लिए कटिबद्ध है वह इस तरह अन्य कार्य के जरिए प्रयागराज की महिमा का कार्य करती रहेगी.कार्यक्रम के संयोजक प्रयागराज विद्वत परिषद के समन्वयक वीरेन्द्र पाठक ने जयंती विस्तार से प्रकाश डाला। संचालन डॉक्टर प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की।पुष्पांजलि के पश्चात जगत गुरु रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य की अगुवाई में शोभायात्रा निकली गयी।यह टैगोर टाउन से होते हुए अल्लापुर मटियारा रोड के बाद संगम पहुंची। जगह-जगह शोभा यात्रा पर पुष्प की वर्षा हुई ।संगम पर संतो, अधिकारियों और गणमान्य नागरिकों ने गंगा पूजन किया।

पुष्पांजलि यात्रा में शामिल रहने वालों में संत रामगोपाल दास जी किन्नर अखाड़ा की पवित्रा नन्द गिरी,शांडिल्य महराज, प्रो के बी पाण्डेय,ज्योतिषाचार्य बृजेंद्र मिश्रा, जगत नारायण तिवारी, अभिषेक मिश्रा, आशुतोष शुक्ला, सुधीर द्विवेदी, डॉक्टर प्रमोद शुक्ला, विक्रम मालवीय, शशिकांत मिश्र, राहुल दुबे, सुधीर गुप्ता, अध्यक्ष रामलीला कटरा,शैलेंद्र अवस्थी,जगत नारायण तिवारी, के पी सिंह पूर्व आई जी, ज्ञानेश्वर त्रिपाठी,संदीप शर्मा, डॉ रंजन बाजपेई, मुकुल मिश्रा, आनंद अग्रवाल, सोनिका अग्रवाल, आनंद घिडिल्याल, अनिल गुप्ता, सिविल डिफेंस, अरुण कुमार शुक्ला, कुलदीप शुक्ला, टी के पाण्डेय, आरव भरद्वाज प्रमोद बंसल,डा भगवत पाण्डेय, विकास केसरवानी, द्वारिका भारद्वाज, अशोक तिवारी, मनोज शुक्ला, अशोक पाठक, सोनू पाठक पार्षद मनोज दुबे बबलू दुबे, रविनाथ तिवारी,विवेक कुमार शुक्ला, रत्नेश मिश्र,कुलदीप सिंह,रवि कुमार सिंह प्रमुख थे।उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र व उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्थान का भी सहयोग रहा।तीन दिवसीय भरद्वाज जयंती आज समाप्त हुई।उक्त आशय की जानकारी दिनेश तिवारी ने दी।