*देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 841 नए केस मिले, इन राज्यों में तीन मरीजों की मौत*

डेस्क: देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 841 नए मामले सामने आए हैं, जो पिछले 227 दिनों में सबसे अधिक हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में संक्रमण से तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 4,309 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, 24 घंटे में केरल, कर्नाटक और बिहार में एक-एक व्यक्ति की संक्रमण से मौत हो गई।

इससे पहले 19 मई को 865 संक्रमित मिले

देश में इससे पहले 19 मई को संक्रमण के 865 नए मामले सामने आए थे। ठंड और वायरस के नए सब-वैरिएं की वजह से हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इससे पहले 5 दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या घटकर दहाई अंक तक पहुंच गई थी। साल 2020 की शुरुआत से अब तक लगभग चार साल में देश भर में कोरोना वायरस से लगभग साढ़े चार करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए और इससे 5.3 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या 4.4 करोड़ से अधिक हो गई है। स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है। मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 220.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। 

वायरस के सब-वैरिएंट JN.1 के मामले?

वहीं, देश में कोरोना वायरस के सब-वैरिएंट JN.1 के अब तक कुल 162 मामले आए हैं। इनमें भी केरल में सबसे अधिक 83 लोग इस सब-वैरिएंट से संक्रमित हैं, जबकि 34 मामलों के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है। आंकड़ों के मुताबिक, कई राज्यों ने पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी की जानकारी दी है और नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अब तक वायरस के सब-वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमण की पुष्टि की है। 

नवंबर में जेएन.1 के 17 केस मिले थे 

आईएनसएसीओजी के मुताबिक, कोरोना वायरस के सब-वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमण के केरल में 83, गुजरात में 34, गोवा में 18, कर्नाटक में 8, महाराष्ट्र में 7, राजस्थान में 5, तमिलनाडु में 4, तेलंगाना में 2 और दिल्ली में 1 मामले की पुष्टि हो चुकी है।

 आईएनसएसीओजी के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में देश में 145 संक्रमितों के जेएन.1 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, जबकि नवंबर में ऐसे 17 मामले सामने आए थे।

ब्रिक्स में शामिल नहीं होगा अर्जेटीना, सदस्यता दिए जाने से सिर्फ तीन दिन पहले क्यों बदला फैसला?

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अर्जेंटीना ने ब्रिक्स में शामिल होने से इनकार कर दिया है। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने नए सदस्य देशों की सूची से अर्जेंटीना का नाम हटा लिया है। इसके लिए उन्होंने भारत सहित दूसरे ब्रिक्स लीडर्स को पत्र लिखा है। अपनी चिठ्ठी में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने अर्जेंटीना को ब्रिक्स में शामिल करने की शुरू हुई प्रक्रिया को बंद करने का आग्रह किया है। माइली ने अपने पत्र के जरिए कहा है कि अर्जेंटीना के लिए फिलहाल ब्रिक्स का सदस्य बनना सही नहीं है, लेकिन हम ट्रेड और इनवेस्टमेंट फ्लो बढ़ाने के लिए इस संगठन के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना चाहते हैं।

जेवियर माइली ने ब्रिक्स सदस्यों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं को लिखे अपने पत्र में कहा है कि संगठन में शामिल होने का फैसला पिछली सरकार ने लिया था। इस फैसले से वह सहमत नहीं हैं और उन्होंने पिछली सरकार द्वारा लिया गया फैसला पलट दिया है। 

अर्जेंटीना उन छह देशों में से एक है, जिन्हें अगले साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को पूर्ण सदस्यता दी जानी है। पूर्ण सदस्यता दिए जाने से सिर्फ तीन दिन पहले अर्जेंटीना की सरकार ने ये बड़ा फैसला लेते हुए ब्रिक्स देशों को झटका दिया है। 1 जनवरी 2024 को जिन 6 नए देशों को ब्रिक्स का सदस्य बनाना था, वो हैं- अर्जेंटीना, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, इजिप्ट और यूएई। पर अब अर्जेटीना के हाथ पीछे खींच लेने के बाद कुल पांच ही नए देश ब्रिक्स का हिस्सा बनेंगे। इस तरह ब्रिक्स में शामिल होने वाले देशों की कुल संख्या 10 हो जाएगी।

इसी साल अगस्त महीने में छह देशों के समूह ब्रिक्स ने यह तय किया था कि वह छह और देशों को अपने साथ जोड़ेगा यानी उन्हें ब्रिक्स का सदस्य बनाएगा। ब्रिक्स की ये कोशिश खासकर रही है कि वह पश्चिम के प्रभाव वाले ग्लोबल ऑर्डर को तोड़े और एक मजबूत विकल्प के तौर पर खुद को खड़ा करे।

बता दें कि दक्षिणपंथी माइली ने अपने चुनाव अभियान के दौरान ही ब्रिक्स को कम्युनिस्टों का संगठन कहते हुए इसकी मजाक उड़ाई थी। अर्जेटीना के राष्ट्रपति ने अपनी चुनावी सभाओं में भी कहा था कि वह अगर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचते हैं तो ब्रिक्स में अर्जेटीना को नहीं शामिल होने देंगे। अर्जेटीना का कहना है कि नई सरकार के बाद उसकी विदेश नीति भी पहले के मुकाबले बदली है। अपने चुनावी कार्यक्रमों के दौरान जेवियर मिली ने कहा था कि अर्जेंटीना का हित अमेरिका और इजराइल के साथ है, लिहाजा वह कम्युनिस्टों के साथ नहीं जा सकते। ऐसा कहते हुए वह चीन को लेकर बहुत आक्रामक दिखे थे। उनका हालिया फैसला भी उनके इसी स्टैंड से जोड़कर देखा जा रहा है।

क्या है ब्रिक्स?

ब्रिक्स दुनिया की पाँच सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। ब्रिक्स अंग्रेज़ी के अक्षर B R I C S से बना वो शब्द है, जिसमें हर अक्षर एक देश का प्रतिनिधित्व करता है। ये देश हैं ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका। ये वो देश हैं जिनके बारे में कुछ जानकारों का मानना है कि साल 2050 तक वे विनिर्माण उद्योग, सेवाओं और कच्चे माल के प्रमुख सप्लायर यानी आपूर्तिकर्ता हो जाएंगे। उनका मानना है कि चीन और भारत विनिर्माण उद्योग और सेवाओं के मामले में पूरी दुनिया के प्रमुख सप्लायर हो जाएंगे जबकि रूस और ब्राज़ील कच्चे माल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हो जाएंगे।एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ'निल ने दुनिया के सबसे ताक़तवर निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम करने के दौरान यह शब्द गढ़ा था। तब यह शब्द BRIC था। जब 2010 में दक्षिण अफ़्रीका को भी इस समूह से जोड़ा गया तो यह BRICKS हो गया।ओ'निल ने इस शब्दावली का प्रयोग सबसे पहले वर्ष 2001 में अपने शोधपत्र में किया था।पहली बार 2006 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में जी-8 समूह के शिखर सम्मेलन के साथ ही ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन यानी ब्रिक के नेताओं ने पहली बार मुलाक़ात की थी। सितंबर 2006 में जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान इन देशों के विदेश मंत्रियों की औपचारिक बैठक हुई तो इस समूह को ब्रिक का नाम दिया गया।

हाफिज सईद के प्रत्यर्पण मांग को पाकिस्तान ने किया खारिज, संधि की आड़ में आतंकी को सौंपने से किया इनकार

#pakistan_government_rejected_hafiz_saeed_extradition_request

भारत ने लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफ़िज़ सईद को प्रत्यर्पित करने के लिए पाकिस्तान से औपचारिक तौर पर गुज़ारिश की है। मुंबई हमले (26/11) के मुख्य आरोपी हाफिज सईद के प्रत्यर्पण को लेकर की गई भारत की मांग को पाकिस्तान ने ठुकरा दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अधिकारियों की तरफ से पाकिस्तान को एक रिक्वेस्ट प्राप्त हुई है। इसमें तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की गई है। मगर इसमें खास बात ये है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है।

बलूच के इस बयान से एक दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत ने एक विशेष मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए हाफिज सईद के भारत प्रत्यर्पण के संबंध में पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने कुछ दिन पहले इस संबंध में पाकिस्तान को चिट्ठी भेजी है। संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कुछ दस्तावेज़ों के साथ हाफ़िज़ सईद को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए सरकार ने कुछ दिन पहले पाकिस्तान सरकार को चिट्ठी भेजी है।उन्होंने कहा, वो भारत में कई मामलों में वॉन्टेड हैं। इस संबंध में, हमने पाकिस्तान सरकार से संबंधित साक्ष्यों के साथ एक विशेष मामले में सुनवाई के लिए हाफ़िज़ सईद को भारत को प्रत्यर्पित करने की अपील की है। उन्होंने कहा, जिस मामले में वो वॉन्टेड हैं उसे लेकर हम समय-समय पर मुद्दा उठाते रहे हैं। यह अपील अभी हाल ही में की गई है।

बता दें कि हाफिज सईद एक पाकिस्तानी आतंकी और आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का संस्थापक है और जम्मू कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में हाफिज सईद शामिल रहा है। भारत में वह मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले और पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड भी हाफिज सईद ही है। कुछ साल पहले तक हाफिज सईद पाकिस्तान में खुला घूम रहा था और अपने संगठन के लिए चंदा जुटा रहा था लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद साल 2019 में हाफिज सईद को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया और आतंक के वित्त पोषण के आरोप में उसे 15 साल जेल की सजा सुनाई गई। बीते साल भी पाकिस्तान की अदालत ने हाफिज सईद को आतंकी घटनाओं के लिए पैसे जुटाने के आरोप में 31 साल जेल की सजा सुनाई थी।

धरने पर बैठी महबूबा मुफ्ती, पुंछ में मारे गए 3 नागरिकों के घर जाने से पुलिस ने रोका

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठ गई हैं। दरअसल, बीते दिनों पुंछ में मारे गए जम्मू कश्मीर के तीन नागरिकों के परिजनों से मिलने के लिए महबूबा मुफ्ती शनिवार को निकलीं। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया। इसके बाद पीडीपी प्रमुख वहीं धरने पर बैठ गईं

महबूबा मुफ्ती शनिवार को अपने लाव लश्कर के साथ पुंछ में मारे गए 3 सिविलियिन के परिवार से मिलने निकली थीं। इसी दौरान उनका काफिला रोक लिया गया। पुंछ के बाफलियाज में ही उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने महबूबा मुफ्ती को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए टोपीपीर जाने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद अपने वाहनों से उतरकर उन्होंने जबरदस्ती नाका तोड़ दिया और पैदली ही टोपीपीर की तरफ आगे बढ़ने लगी। इस दौरान सुरक्षाबलों और पुलिस ने जब महबूबा मुफ्ती को आगे बढ़ने से रोका तो वह वहीं धरने पर बैठ गईं।मुफ्ती डीकेजी रोड पर ही धरने पर बैठ गईं। इस दौरान उनकी पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद रहे। रोके जाने पर उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

पुलिस द्वारा रोके जाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना भी यहां आ सकते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता आ सकते हैं लेकिन वे हमें बताते हैं कि यहां कुछ खतरा है। पुलिस द्वारा रोके जाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना भी यहां आ सकते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता आ सकते हैं लेकिन वे हमें बताते हैं कि यहां कुछ खतरा है। मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि यहां सबसे बड़ा खतरा यही लोग हैं। वे नहीं चाहते कि हम उन परिवारों से मिलें। आज हमें हमारी जमीनों से खदेड़ा जाता है। मैं रात भर यहीं बैठूंगी।इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आर्मी वाले निर्दोष लोकल लोगों को मार देते हैं। वो मृतकों के परिवार से मिलने नहीं देना चाह रहे हैं कुछ छिपाने की कोशिश हो रही है।

बता दें कि 21 दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए। इसके बाद तीन नागरिकों सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शौकत (27) और शब्बीर अहमद (32) को सेना ने बाद में पूछताछ के लिए उठाया तो अगले दिन वे मृत पाए गए। सेना ने तीन नागरिकों की मौत की गहन आंतरिक जांच का आदेश भी दिया है और कहा है कि वह जांच में पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस घटना के बाद से ही तीन दिनों से जिले की सुरनकोट तहसील के देहरागली टोपीपीर में नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है। इसी कड़ी में जब पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती भी वहीं जा रही थीं लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोका तो वह वहीं धरने पर बैठ गईं।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर संजय राउत का बीजेपी पर तंज, बोले-अब सिर्फ भगवान राम को उम्मीदवार घोषित करना बाकी

#sanjay_raut_says_bjp_will_announce_that_lord_ram_will_be_their_candidate

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। एक तरफ मंदिर के उद्घाटन का उत्साह है, तो दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर सियासत जोरों पर है। इसी बीच संजय राउत ने शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी पर कटाक्ष किया। संजय राउत ने कहा कि भाजपा के लिए एकमात्र चीज 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भगवान राम को अपना उम्मीदवार घोषित करना है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं है जिसके लिए बीजेपी खूब रैलियां और प्रचार कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले अयोध्या में एयरपोर्ट और स्टेशन समेत 15 हजार करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को लेकर शिवसेना उद्धव गुट के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने शनिवार को कहा- भाजपा राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर रही है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ऐसा न हो कि भाजपा अगले चुनाव के लिए भगवान राम को अपना उम्मीदवार घोषित कर दे।

राम लला किसी पार्टी की संपत्ति नहीं-राउत

राउत ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने के सवाल पर कहा- मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला है। मुझे वहां जाने के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है। राम लला किसी पार्टी की संपत्ति नहीं, वह सबके हैं। मैं इतना चाहता हूं कि कार्यक्रम का राजनीतिकरण न हो। मंदिर निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट का है, किसी सरकार का नहीं।

“प्रभू श्री राम को एक तरह से किडनैप कर लिया गया”

राम मंदिर के उद्धाटन और उसके लिए मिलने वाले निमंत्रण को लेकर संजय राउत की झल्लाहट पहले भी सामने आ चुकी है। अभी दो दिन पहले ही अयोध्या के न्योते को लेकर संजय राउत ने कहा कि अगर यह मंदिर प्रशासन का कार्यक्रम होता तो राम मंदिर का समारोह अलग होता। वहां सत्ता है बीजेपी की है। मुझे लगता है कि प्रभू श्री राम को एक तरह से किडनैप कर लिया गया है। हम क्या बीजेपी के न्योते का इंतजार करते हुए बैठे हैं। जब बीजेपी का कार्यक्रम खत्म हो जायेगा, उसके बाद हम रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जायेंगे। बीजेपी कौन होती है रामलला का न्योता देने वाली। भगवान खुद बुलाते हैं और भक्त बुलाते हैं।

इस साल पौष मास में मनेगी दीपावली, पीएम मोदी ने की 22 जनवरी की शाम को जगमग करने की अपील

#pmnarendramodiayodhyavisit

इस साल पौष मास में भी देश में दिवाली मनाई जाएगी। हिंदु धर्म की मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास में अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है। हालांकि 2024 में देश दीपावली मनाने के लिए कार्तिक मास का इंतजार नहीं करेगा। इस साल 22 जनवरी को देश दिवाली मनाएगा।दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों से 22 जनवरी की शाम को दीपोत्सव मनाने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 को जब अयोध्या में प्रभु विराजमान हों तब अपने घरों में श्रीराम राम ज्योति जलाएं, दिवाली मनाएं।

22 जनवरी को पूरे देश में दीपावली मनाने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री ने आज अयोध्या को रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट की सौगात दी। पीएम ने सबसे पहले रेलवे स्टेशन को अयोध्यावासियों को समर्पित किया। एयरपोर्ट से रेलवे स्टेशन तक रोड शो भी किया और फिर बटन दबाकर अयोध्या को एयरपोर्ट की सौगात दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की कि 140 करोड़ देशवासी से प्रार्थना कर रहा हूं कि आप 22 जनवरी को सभी अपने घरों में श्री राम ज्योति जलाएं। दीपावली मनाएं। 22 जनवरी का शाम पूरा जगमग जगमग होना चाहिए।

पीएम ने की लोगों से 22 जनवरी को अयोध्या न आने की अपील

राम मंदिर के निर्माण को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ये ऐतिहासिक क्षण बहुत भाग्य से हम सभी के जीवन में आया है। इसके लिए आप सभी 140 करोड़ देशवासी 22 जनवरी को अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं और दीपावली मनाएं। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से अपील की कि वह 22 जनवरी को अयोध्या न आएं। उन्होंने कहा, हर किसी की इच्छा है कि 22 जनवरी के आयोजन का हिस्सा बनने के लिए वह स्वयं अयोध्या आए, लेकिन हर किसी का आना संभव नहीं है। इसलिए सभी रामभक्तों से मेरा आग्रह है कि 22 जनवरी को एक बार विधिपूर्वक कार्यक्रम हो जाने के बाद, अपनी सुविधा के अनुसार वह अयोध्या आएं और 22 जनवरी को यहां आने का मन न बनाएं।

जामा मस्जिद के शाही इमाम ने पीएम मोदी से की ये खास अपील, मुस्लिम देश तो बताया फेल

#syed_ahmed_bukhari_demands_pm_modi_interference_to_israel_hamas_war

दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने दे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ी गुजारिश की है।सैयद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गाजा युद्ध को समाप्त करने और संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने के लिए इजराइली प्रधानमंत्री के साथ राजनयिक रूप से हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम देश इस मामले में फेल हो चुके हैं। बता दें कि गाजा में जारी हिंसा के वजह से 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जिससे वहां में मानवीय संकट पैदा हो गया है और गाजा की एक चौथाई आबादी भूख से मरने के कगार पर है।

सैयद अहमद बुखारी ने संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और खाड़ी सहयोग परिषद के प्रस्तावों के आधार पर फिलिस्तीन मुद्दे को हल करने की तत्काल जरूरतों पर जोर दिया। शाही इमाम ने भी इजराइल फिलिस्तीन के मुद्दे पर टू-स्टेट फॉर्मूले का समर्थन किया और जल्द समाधान करने की वकालत की। अपने बयान में शाही इमाम बुखारी ने कहा, फिलिस्तीनी मुद्दा एक ऐसे स्टेज पर पहुंच गया है जहां "दो स्टेट सिद्धांत" के आधार पर संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और खाड़ी सहयोग परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत इस मसले का तत्काल और स्थायी समाधान किया जाना चाहिए। 

बुखारी ने आगे कहा, मुस्लिम जगत इस संबंध में अपनी ज़िम्मेदारियों पर खरा नहीं उतरा है और वह वो कदम नहीं उठा रहा है जो उसे उठाने चाहिए और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहा कि अंत में मुझे उम्मीद है कि मेरे मुल्क के पीएम इसराइल के प्रधानमंत्री के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर युद्ध को खत्म करने और मसलों को हल करने के लिए राजनयिक दवाब डालेंगे।

बता दें कि भारत ने भी गाजा पट्टी में जंग को खत्म करने की वकालत की है। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में भारत मतदान किया है। इसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय युद्धविराम के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई थी। बीते 7 अक्टूबर को इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों ने हमले किए थे, जिसमें इजरायल के 14 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद से इजरायली सेना लगातार गाजा पट्टी में जमीनी और हवाई हमले कर रही है।

जामा मस्जिद के शाही इमाम ने पीएम मोदी से की ये खास अपील, मुस्लिम देश तो बताया फेल

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दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने दे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ी गुजारिश की है।सैयद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गाजा युद्ध को समाप्त करने और संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने के लिए इजराइली प्रधानमंत्री के साथ राजनयिक रूप से हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम देश इस मामले में फेल हो चुके हैं। बता दें कि गाजा में जारी हिंसा के वजह से 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जिससे वहां में मानवीय संकट पैदा हो गया है और गाजा की एक चौथाई आबादी भूख से मरने के कगार पर है।

सैयद अहमद बुखारी ने संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और खाड़ी सहयोग परिषद के प्रस्तावों के आधार पर फिलिस्तीन मुद्दे को हल करने की तत्काल जरूरतों पर जोर दिया। शाही इमाम ने भी इजराइल फिलिस्तीन के मुद्दे पर टू-स्टेट फॉर्मूले का समर्थन किया और जल्द समाधान करने की वकालत की। अपने बयान में शाही इमाम बुखारी ने कहा, फिलिस्तीनी मुद्दा एक ऐसे स्टेज पर पहुंच गया है जहां "दो स्टेट सिद्धांत" के आधार पर संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और खाड़ी सहयोग परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत इस मसले का तत्काल और स्थायी समाधान किया जाना चाहिए। 

बुखारी ने आगे कहा, मुस्लिम जगत इस संबंध में अपनी ज़िम्मेदारियों पर खरा नहीं उतरा है और वह वो कदम नहीं उठा रहा है जो उसे उठाने चाहिए और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहा कि अंत में मुझे उम्मीद है कि मेरे मुल्क के पीएम इसराइल के प्रधानमंत्री के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर युद्ध को खत्म करने और मसलों को हल करने के लिए राजनयिक दवाब डालेंगे।

बता दें कि भारत ने भी गाजा पट्टी में जंग को खत्म करने की वकालत की है। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में भारत मतदान किया है। इसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय युद्धविराम के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई थी। बीते 7 अक्टूबर को इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों ने हमले किए थे, जिसमें इजरायल के 14 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद से इजरायली सेना लगातार गाजा पट्टी में जमीनी और हवाई हमले कर रही है।

अयोध्या दौरे के बीच दलित के घर पहुंचे पीएम मोदी, दिया रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण, क्या हैं इसके सियासी मायने

#ayodhya_pm_narendra_modi_reach_dalit_family_house

अयोध्या एक बार फिर देश की सियासत की धुरी बन गई है।बीजेपी 2024 के सियासी जंग को राम मंदिर के मुद्दे पर ही लड़ने का प्लान बनाया है। बीजेपी यह बताने में जुट गई है राम मंदिर के सपने को साकार करने के लिए उसने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। 22 जनवरी को अयोध्या में श्री रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। अयोध्या में बनकर तैयार हो रहे भव्य राम मंदिर के उद्घाटन से पहले आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के दौरे पर हैं। उन्होंने अयोध्या में रोड शो करने के बाद अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने के बाद अमृत भारत एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी भी दिखाई है। अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या की एक दलित बस्ती में पहुंच गए।

पीएम मोदी ने यहां दलित महिला मीरा मांझी से मुलाकात की। राजघाट के मिरामपुर इलाके में रहने वाली मीरा के परिवार के घर पीएम मोदी कुछ देर तक रुके। इस दौरान उन्होंने घर वालों से बात की और चाय पी।पीएम नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की लाभार्थी मीरा से मुलाकात के क्रम में वहां की स्थिति के बारे में जाना। पीएम नरेंद्र मोदी ने दलित महिला से उज्ज्वला योजना के बारे में भी जाना। पीएम ने राम मंदिर के फोटो पर ऑटोग्राफ दिया। नाम के ऊपर वंदे मातरम लिखा। ऐसा बताया जा रहा है कि मोदी ने उन्हें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है। 

प्रधानमंत्री ने दलित बस्ती में पहुंचकर एक दलित के बैठकर घर चाय पी। इसके बाद अयोध्या के नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन।महर्षि वाल्मीकि के नाम पर एयरपोर्ट का उद्घाटन और उससे पहले दलित के घर जाना और उन्हें प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित करना राजनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।भाजपा ने दलित वर्ग को श्रीराम से जोड़कर अलग ही माहौल बनाने का प्रयास किया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम को अलग नजरिए से देखा जा रहा है।

अचानक बैंड -बाजा और माला लेकर कस्टमर के घर पहुंच गया Swiggy, वीडियो देख हैरान हुए लोग

आए दिन सोशल मीडिया पर कुछ कुछ ऐसा वायरल हो जाता है जो लोगों को हैरान कर देता है। वही हाल ही में एक बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ। ये मामला स्विगी इंस्टामार्ट से जुड़ा है। दरअसल, हाल ही में स्विगी इस्ंटामार्ट ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया। इसमें लिखा था- 'इस वर्ष आप अपनी इच्छा की जो चीज नहीं खरीद सके वो हमें बताएं। हम उसे आपतक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।' इसपर कई सारे लोगों ने कमेंट किए। इन्ही में से एक नाम की आईडी से हिमांशू बंसल नाम के व्यक्ति ने कमेंट करते हुए मजाक में लिखा- 'मैं इस वर्ष हर हाल में हॉट महसूस करना चाहता था।'

कमाल की बात है कि स्विगी ने हिमांशू की ये इच्छा पूरी कर दी वो भी बिल्कुल अनोखे अंदाज में। स्विगी इंस्टामार्ट की टीम अचानक ही हिमांशू के घर पहुंच गई तथा उन्हें एक हीटर गिफ्ट किया। सरप्राइज बस इतना ही नहीं था बल्कि ये गिफ्ट उनके घर पूरे बैंड बाजे के साथ आया था। वायरल वीडियो में डिलीवरी एजेंट में हिमांशू को लाइव बैंड के बीच माला पहनाकर सम्मानित किया तथा उन्हें हीटर दिया जिससे वह हॉट महसूस कर सकें।

वही इस वीडियो के वायरल होने के पश्चात् से लोगों ने स्विगी के विश लिस्ट वाले पोस्ट पर कई सारे कमेंट किए। इसके साथ ही वायरल वीडियो पर भी मजेदार कमेंट किए। एक शख्स ने लिखा- हिमांशू सोचता होगा, बैंड बाजा ले आए दुल्हन भी ले आते। एक अन्य ने कहा- वो सब तो ठीक है लेकिन इसे मोहल्ले के सामने कितनी शर्म आई होगी। इसी तरह कई लोगों ने तरह तरह के कमेंट किए है।