*कोहरे और कड़ाके की ठंड से ठिठुरा पूरा उत्तर भारत, दो जनवरी तक के लिए मौसम विभाग ने कोहरे के लिए किया यलो अलर्ट *

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पूरा उत्तर भारत ठिठुर रहा है। लोगों को कोहरे और कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी दिल्ली समेत उत्तर भारत में घना कोहरा छाया रहा। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में दो जनवरी तक घना से बहुत घना कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है। आईएमडी ने अगले दो दिनों के लिए धुंध को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि लोगों को वीकेंड पर भारी धुंध का सामना करना पड़ेगा। 

मौसम विभाग ने ये भी बताया है कि दिल्ली-एनसीआर के लिए दो दिनों तक कोल्ड डे अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान न्यूनतम तापमान 4.5 या इससे थोड़ा सा ज्यादा रह सकता है, जबकि अधिकतम तापमान 10 डिग्री के आसपास रहने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि आने वाले कुछ दिनों तक लोगों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ेगा। लोगों को धुंध से भी दो-चार होना पड़ेगा, क्योंकि ऊंचाई पर बादलों और धुंध की एक चादर सी बन गई है, जो सूर्य की रोशनी को रोक रही है। इसकी वजह से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। धुंध की वजह से विजिबिलिटी भी कम हो रही है। लगातार फैल रही धुंध की वजह से लोगों को सफर करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ा है।

पहाड़ी राज्य हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माइनस में चला गया है। यहां पर जमकर बर्फबारी हो रही है। कई जगहों पर हल्की बारिश भी हो रही है। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाको में शीतलहर चल रही है। इस कारण तापमान में और अधिक गिरावट आई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई जिलों में शीतलहर चलने से ठंड और बढ़ेगी।

उत्तर भारत में पड़ रहे घने कोहरे का असर सड़क, रेल और फ्लाइट सेवाओं पर शनिवार को भी पड़ रहा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशल एयरपोर्ट पर घने कोहरे के कारण कई उड़ानें लेट हैं। दिल्ली के सभी रेलवे स्टेशनों से आने और जाने वाली कई ट्रेने भी आज देरी से चल रही हैं। रेलवे की तरफ से बताया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे और कम दृश्यता के कारण कुछ ट्रेन विलंब से चल रही हैं।मिली जानकारी के अनुसार, तेलंगाना एक्सप्रेस 3.40 घंटे, पंजाब मेल 6.07, गोरखधाम एक्सप्रेस, श्रमशक्ति एक्सप्रेस, लखनऊ मेल, दादर एक्सप्रेस, बांद्रा-श्रीमाता वैष्णादेवी समेत कई ट्रनें काफी देरी से चल रही हैं।

इस मुस्लिम देश में बन रहा भव्य मंदिर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन

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देश में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है। अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्टा को लेकर पूरे देश में उत्सव का माहौल है। इस बीच अगले साल 14 फरवरी को एक मुस्लिम देश में होने वाले हिंदू मंदिर के उद्घाटन की भी चर्चा शुरू हो गई है। इस मंदिर का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करने वाले हैं।हम बात कर रहे हैं अबू धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर की, जिसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में करेंगे।

भारत से करीब 2800 किलोमीटर दूर अबू धाबी में बनने वाला पहला हिंदू मंदिर अब अपने अंतिम चरण में है।मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में बन रहा ये पहला इतना बड़ा हिंदू मंदिर है। यह अयोध्या के मंदिर की तरह काफी भव्य और शानदार है। यह मंदिर न सिर्फ हिंदुस्तान के अध्यात्म और सनातन परंपरा का केंद्र है, बल्कि भारत और यूएई को बीच सद्भाव के प्रतीक के तौर पर इस मंदिर का निर्माण हो रहा है।

50,000 से अधिक लोगों ने रखी मंदिर की ईंटें

दो साल बाद 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए इस मंदिर की नींव रखी गई। मंदिर के निर्माण में 50,000 से अधिक लोगों ने ईंटें रखी हैं, जिनमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा अभिनेता संजय दत्त और अक्षय कुमार भी शामिल हैं। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (बीएपीएस) इस मंदिर के निर्माण का कामकाज देख रही है। बीएपीएस एक ऐसी संस्था है, जिसने दुनियाभर में 1,100 से ज्यादा हिंदू मंदिरों का निर्माण किया है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भी इसी संस्था ने किया है

2015 में यूएई की सरकार ने मंदिर के लिए दी थी जमीन

बता दें कि अगस्‍त 2015 में यूएई की सरकार ने अबु धाबी में मंदिर के लिए जमीन मुहैया कराई थी। शेख मोहम्‍मद उस समय क्राउन प्रिंस थे। उन्‍होंने मंदिर के लिए तब जमीन गिफ्ट की जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूएई के दौरे पर पहुंचे थे। वह पीएम मोदी की पहली यूएई यात्रा थी। बताते चलें कि मंदिर के लिए शुरुआत में 13.5 एकड़ की जमीन तय हुई थी। लेकिन बाद में अतिरिक्‍त 13.5 एकड़ जमीन और दी गई जो कि पार्किंग के लिए थी।अबु धाबी में मंदिर का निर्माण कार्य 27 एकड़ की जमीन पर जारी है। मंदिर में जिस गुलाबी पत्‍थर को लगाया जा रहा है, वह करीब एक हजार साल पुराना है।

108 फीट है अबू धाबी के मंदिर की ऊंचाई

पश्चिम एशिया के इस सबहसे बड़े हिन्दू मंदिर को बनाने में वैदिक वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में की गई जटिल नक्काशी और मूर्तियां भारत में भी बनकर तैयार हुई हैं, जिनको विशेष व्यवस्था कर मंदिर तक पहुंचाया गया है। भारत के कई कारीगर अबू धाबी में भी मंदिर निर्माण में जुटे हैं। इस मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है, जिसमें 40 हजार क्यूबिक मीटर संगमरमर और 180 हजार क्यूबिक मीटर बलुआ पत्थर लग रहा है। इसके बनने में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। मंदिर के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने दान दिया है।

अबू धाबी के इस आलीशान मंदिर में सात शिखर होंगे जिसका हर शिखर संयुक्त अरब अमीरात की संस्कृति को दर्शाएगा। इस मंदिर में प्रदर्शनी केंद्र, कक्षाएं और खेल के लिए मैदान भी मौजूद है। इस मंदिर का भव्य उद्घाटन कार्यक्रम 10 फरवरी 2025 में शुरू किया जाएगा और 14 फरवरी को समाप्त होगा। इसे कार्यक्रम को "सद्भाव का त्योहार" नाम दिया गया है।

असम में उग्रवाद का होगा अंत, केंद्र और असम सरकार के साथ उल्फा गुट का शांति समझौता

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केंद्र सरकार को असम और पूर्वोत्तर के संबंध में एक बड़ी सफलता मिली है। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के गुट और केंद्र और असम सरकार के बीच त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में असम सरकार और केंद्र सरकार के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया।बता दें कि उल्फा से कई दौर की बातचीत हुई। जिसके बाद ये शांति समझौता हुआ है।

गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा, मेरे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि आज असम के भविष्य के लिए एक सुनहरा दिन है। लंबे समय से असम ने हिंसा को झेला है, पूरे नॉर्थ-ईस्ट ने हिंसा को झेला है, जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से (2014 से) दिल्ली और नॉर्थ-ईस्ट की दूरी कम करने के प्रयास हुए। मन खोलकर, खुले हृदय से सभी के साथ बातचीत की शुरुआत हुई और उनके (पीएम मोदी) मार्गदर्शन में ही उग्रवाद मुक्त, हिंसा मुक्त और विवाद मुक्त नॉर्थ-ईस्ट की परिकल्पना लेकर गृह मंत्रालय चलता रहा। उन्होंने कहा, पिछले पांच वर्षों में 9 शांति और सीमा संबंधित समझौते अलग-अलग राज्यों के पूरे नॉर्थ-ईस्ट में हुए हैं। इसके कारण नॉर्थ-ईस्ट के एक बड़े हिस्से में शांति की स्थापना हुई है।

वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति प्रक्रिया निरंतर जारी है। 

पूर्वोत्तर में शांति समझौता के लिए उल्फा के साथ समझौते को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गृह मंत्रालय में बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ। पूर्वोत्तर में शांति प्रयास की दिशा में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भारत सरकार का ऐतिहासिक समझौता हुआ। 40 साल में पहली बार सशस्त्र उग्रवादी संगठन उल्फा से भारत और असम सरकार के नुमाइंदे शांति समाधान समझौते मसौदे पर दस्तखत हुआ।

बता दें कि अलगाववादी संगठन उल्फा का गठन अप्रैल 1979 में बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) से आए बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों के खिलाफ आंदोलन के बाद हुआ था। फरवरी 2011 में यह दो समूहों में विभाजित हो गया था और अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले गुट ने हिंसा छोड़ दी थी। यह गुट बिना शर्त सरकार के साथ बातचीत के लिए सहमत है। दूसरे उल्फा गुट का नेतृत्व करने वाले परेश बरुआ बातचीत के खिलाफ हैं। वार्ता समर्थक गुट ने असम के मूल निवासियों की भूमि के अधिकार समेत उनकी पहचान और संसाधनों की सुरक्षा के लिए सुधारों की मांग की है।

इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का तय होगा फॉर्मूला, कांग्रेस ने तय की तारीख, जनवरी के पहले सप्ताह में हो सकती है चर्चा

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देश लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है।लोकसभा चुनाव में 5 महीने का वक्त बाकी है, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से ही प्लानिंग शुरू कर दी है। हालांकि, कांग्रेस के साथ ही इंडिया गठबंधन के सामने कई सारे प्रश्न खड़े हैं। इंडिया गठबंधन के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन का चेहरा कौन होगा? दूसरा सवाल है, इंडिया गठबंधन का संयोजक कौन होगा? इसके अलावा सीटों के बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा चिंता हैं। हाल ही में संपन्न हुई विपक्षी गठबंधन की बैठक में इस पर चर्चा हुई, लेकिन कोई मोटा फॉर्मूला अभी नहीं बना है। इस बीच खबर मिल रही है कि सीट बंटवारे को लेकर जनवरी के पहले हफ्ते में चर्चा हो सकती है। 

सूत्रों की मानें तो जनवरी के पहले सप्ताह में सीट के बंटवारे पर चर्चा हो सकती है। इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति की एक बड़ी बैठक जनवरी के पहले हफ्ते में हो सकती है। बता दें कि कांग्रेस सीट बंटवारे की चर्चा से पहले कांग्रेस ने 19 सितंबर को एक राष्ट्रीय गठबंधन समिति का गठन किया गया। अब यही समिति इंडिया गठबंधन के पार्टी दलों से सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत करेगी।

कौन- कौन शामिल है समिति में

कांग्रेस की इस समिति में राजस्थान के पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश भी शामिल हैं। इस समिति के जरिए कांग्रेस कई संकेत देने की कोशिश करती नजर आई है। समिति के संयोजक वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक हैं। यही समिति गठबंधन के बाकी साथियों से भी चर्चा कर सकती है।

सीट बंटवारे पर ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया

ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा, देशभर में इंडिया गठबंधन है, लेकिन बंगाल में टीएमसी लड़ेगी और भाजपा को हराएगी। याद रखें की बंगाल में केवल टीएमसी ही भाजपा को सबक सिखा सकती है और कोई पार्टी ये नहीं कर सकती है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए इंडिया गठबंधन ने 19 दिसंबर को बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 28 राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव दिया गया था। इस बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि सभी ने साथ मिलकर आगे बढ़ने पर सहमति जताई है। बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अभियान के शुरू होने के साथ ही सीट बंटवारे पर चर्चा की जाएगी।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आप सांसद राघव चड्ढा को दिया झटका, ठुकराई केजरीवाल की ये मांग

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शराब घोटाला मामले में ईडी द्वारा संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद राज्य सभा में आप नेता का पद खाली है। इसे भरने के लिए पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राघव चड्ढा का नाम प्रस्तावित कर भेजा था।लेकिन राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने आम आदमी पार्टी की उस मांग को खारिज कर दिया है।न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से को ये जानकारी दी है।

खबर है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीएम केजरीवाल को एक खत लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि यह मामला 1998 के 'द लीडर्स एंड चीफ व्हिप ऑफ रेकनाइज्ड पार्टीज एंड ग्रुप्स इन पार्लियामेंट एक्ट' के लिए है। सभी उसी कानून के तहत बनाए गए हैं। आपकी रिक्वेस्ट मौजूदा कानून के तहत नहीं है इसलिए इसे अस्वीकार्य किया जा रहा है।

बात दें कि हाल ही में राघव चड्ढा ने राज्यसभा में निलंबन के मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिले निर्देश के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से हाल ही में माफी मांगी थी। इसके बाद उनका निलंबन बहाल हो गया था।

ITR Last Date: अगर अपने भी अब तक नहीं भरा है इंकम टैक्स रिटर्न, तो जल्दी करें, पेनल्टी लगानी की तैयारी में है विभाग

आयकर विभाग ने उन करदाताओं के लिए चेतावनी जारी की है जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की 31 जुलाई की समय सीमा से चूक गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आयकर विभाग के पोस्ट में संशोधित और विलंबित ITR के बीच अंतर का भी उल्लेख किया गया है।

एक्स पर पोस्ट में कहा गया है कि, "कृपया ध्यान दें करदाता, 31 दिसंबर, 2023 निर्धारण वर्ष 2023-2024 के लिए विलंबित/संशोधित ITR दाखिल करने का आपका आखिरी मौका है। जल्दी करें! नियत तारीख से पहले अपना ITR दाखिल करें।" आयकर विभाग के नियमों ने मूल्यांकन वर्ष 2020-21 से प्रत्येक व्यक्ति के लिए आय का रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है। जिन लोगों को इनकम टैक्स देना होगा, उनके लिए इसमें तीन मुख्य शर्तें भी रखी गई हैं। ये हैं: यदि प्रति व्यक्ति ने एक या अधिक चालू खाते में 1 करोड़ रुपए या अधिक जमा किया है, अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए विदेश यात्रा के लिए 2 लाख रुपए से अधिक का कुल व्यय किया है, और कुल व्यय अधिक है बिजली बिल के भुगतान के लिए 1 लाख रुपए दिए हैं।

विभाग ने यह भी कहा है कि जो लोग निर्धारित समय सीमा के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल करने में विफल रहते हैं, उनके लिए आयकर अधिनियम की धारा 139 (4) के तहत विलंबित रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। विलंबित ITR के लिए कोई अलग फॉर्म नहीं है, एक निर्धारिती को एक विशेष मूल्यांकन वर्ष के लिए अधिसूचित फॉर्म का उपयोग करना होगा। यदि कोई करदाता विलंबित ITR भी दाखिल करने में विफल रहता है, तो उसे कुछ "प्रतिकूल परिणाम" का सामना करना पड़ सकता है। आयकर विभाग के अनुसार, नुकसान (गृह संपत्ति से आय के अलावा) को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है, धारा 234ए के तहत ब्याज और धारा 234एफ के तहत शुल्क लगाया जाएगा, करदाता धारा 10ए और 10बी के तहत छूट का भी हकदार नहीं होगा, और अध्याय VI-ए के भाग-सी के तहत कटौती उपलब्ध नहीं होगी।

धारा 234F में छोटे करदाताओं के लिए 5,000 रुपए या 1,000 रुपए का जुर्माना अनिवार्य है, और लंबित आयकर भुगतान पर धारा 234A के तहत 1 प्रतिशत प्रति माह दंडात्मक ब्याज लागू है। दूसरा महत्वपूर्ण कदम दाखिल किए गए ITR को 30 दिनों के भीतर सत्यापित करना है। प्रसंस्करण शुरू करना आवश्यक है और किसी भी असत्यापित ITR को आयकर विभाग द्वारा दाखिल नहीं किया गया माना जाएगा।

समुद्र में डूबी श्रीकृष्ण की नगरी 'द्वारका' को अब करीब से देखिए, देश की पहली सबमरीन सर्विस शुरू कर रही सरकार

गुजरात सरकार राज्य में पर्यटकों के लिए एक पनडुब्बी सेवा शुरू करने के लिए तैयार है, जिससे उन्हें समुद्र के नीचे खोए हुए श्रीकृष्ण के प्राचीन शहर 'द्वारका' में समुद्री जीवन का पता लगाने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने शहर में परियोजना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो 'हिंदू भगवान भगवान कृष्ण के शहर' के रूप में सांस्कृतिक महत्व रखता है। 

 

बता दें कि, यह भारत में सबमरीन के माध्यम से पहली अंडरवॉटर पर्यटन सुविधा होगी। वर्तमान योजना के अनुसार, सरकार का लक्ष्य अक्टूबर 2024 में दिवाली से पहले परियोजना को चालू करना है। परियोजना के अनुसार, पर्यटकों को पानी के भीतर समुद्री जीवन को देखने के लिए एक सबमरीन में समुद्र से 100 मीटर नीचे ले जाया जाएगा। प्रत्येक पनडुब्बी 24 पर्यटकों को ले जाएगी, और जहाज का नेतृत्व दो अनुभवी पायलट और एक पेशेवर चालक दल द्वारा किया जाएगा। जहाज को सभी यात्रियों के लिए खिड़की का दृश्य प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा।

सरकार को उम्मीद है कि पनडुब्बी सुविधा से देश के प्रमुख मंदिर शहरों में से एक द्वारका में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा, जो हर दिन बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है। मीडिया से बात करते हुए, गुजरात पर्यटन के प्रबंध निदेशक, सौरभ पारधी ने कहा कि यह प्रकृति में एक "अलग परियोजना" है, जो शहर में पर्यटन को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने की क्षमता रखती है। पर्यटकों को पनडुब्बी से द्वारका के पास समुद्र में ले जाया जाएगा, जहां वे आराम से पानी के अंदर समुद्री जीवन को देख सकेंगे। पारधी ने कहा कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य गुजरात में पर्यटन को बढ़ावा देना और धार्मिक स्थानों पर आने वाले पर्यटकों के लिए अधिक सुविधाएं प्रदान करना है, साथ ही यात्री सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

एक लड़की को ढूंढने बंगाल गई थी मुंबई पुलिस और मिल गई एक साल में गायब हुईं 35 लड़कियां

 बंगाल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमे मुंबई पुलिस बंगाल तो पहुंची थी एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को बचाने के लिए मगर जब टीम पांजीपाड़ा क्षेत्र में पहुंची तो उन सभी लड़कियों को भी बरामद कर लिया जो पिछले तकरीबन एक वर्ष में मुंबई के धारावी क्षेत्र से गायब हुई थीं। दरअसल मुंबई से हाल ही में अगवा कर पश्चिम बंगाल लाई गई एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को ढूंढते हुए महाराष्ट्र पुलिस पश्चिम बंगाल पहुंची थी। पश्चिम बंगाल में देह व्यापार करवाने के लिए कुछ व्यक्तियों ने मुंबई में लड़की का अपहरण कर लिया था। 

वही इसको लेकर धारावी पुलिस ने बताया कि शहर की एक 17 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसे पश्चिम बंगाल में वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया था, जिसे बचा लिया गया है। एक अफसर ने बताया कि लड़की को अगवा किए जाने के मामले में सम्मिलित होने के आरोप में बिहार के चंपारण से कुणाल पांडे (30) एवं सिकंदर शेख को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, इस रेस्क्यू के साथ, धारावी पुलिस ने 2023 के सभी लापता बच्चों के मामलों को सुलझा लिया है तथा 35 लड़कियों को उनके माता-पिता से मिलवाया है जो पहले गायब हो गई थीं। अफसर ने कहा कि वर्तमान मामले में, लड़की सितंबर में अपने धारावी के घर से लापता हो गई थी। उसके पिता की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था।

 वह पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा में है, इसकी जानकारी मिलने के बाद धारावी पुलिस की एक टीम बंगाल पहुंची तथा उसे एक वेश्यालय से बचाया। अपराधियों पर बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। एक अन्य मामले में, एक 14 वर्षीय लड़की, जो अपना घर छोड़कर ट्रेन से पटना जा रही थी, उसे भी रोक लिया गया तथा उसके माता-पिता से मिला दिया गया। बृहस्पतिवार को अपहरण की शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने CCTV फुटेज की जांच की तथा पाया कि लड़की लोकमान्य तिलक टर्मिनस से पटना के लिए ट्रेन में बैठी थी। अफसर ने बताया कि इसके पश्चात् मुंबई पुलिस ने राजकीय रेलवे पुलिस, औरंगाबाद को सतर्क किया तथा लड़की को रावेर रेलवे स्टेशन पर हिरासत में ले लिया गया तथा वापस शहर लाया गया।

विवादों में घिरे सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, जानें पोस्ट डिलीट कर क्यों मांगी माफी?

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने एक ट्वीट के लिए माफ़ी मांगी है। हालांकि उस ट्वीट को उन्होंने अब डिलीट कर दिया है।गीता के इस 'श्लोक' के गलत अनुवाद को लेकर विवाद पैदा हो गया था, जिससे बाद असम के सीएम ने माफी मांगी है। गीता के श्‍लोक से जुड़ी 'एक्स' पर हिमंता बिस्‍वा सरमा की पोस्ट ने उन्हें विपक्ष के निशाने पर ला दिया था। कई नेताओं ने उन पर जाति विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने न केवल सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है, बल्कि उन्होंने अपने पोस्ट को भी डिलीट कर दिया है।असम सीएम का पोस्ट 'ब्राह्मण-शूद्र' से जुड़ा हुआ थाष

सरमा ने मांगी माफी

हिमंत बिस्वा सरमा एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘मैं नियमित तौर पर हर सुबह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भगवद गीता का एक श्लोक अपलोड करता हूं। अब तक मैंने 668 श्लोक पोस्ट किए हैं। हाल ही में मेरी टीम के एक सदस्य ने अध्याय 18 श्लोक 44 से एक श्लोक गलत अनुवाद के साथ पोस्ट किया है। जैसे ही मुझे गलती का एहसास हुआ, मैंने उस पोस्ट को हटा दिया। महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के नेतृत्व में सुधार आंदोलन की बदौलत असम राज्य जातिविहीन समाज की एक आदर्श तस्वीर दर्शाता है। अगर डिलीट की गई पोस्ट से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं।

हटाई गई पोस्ट में क्या था?

26 दिसंबर की सुबह हिमन्त बिस्व सरमा ने श्रीमदभगवद्गीता का एक श्लोक अपनो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। उन्होंने एक तस्वीर शेयर की थी जिस पर कृष्ण और अर्जुन की तस्वीर बनी थी और गीता का हवाला देकर एक श्लोक लिखा था। इसमें लिखा था, खेती गाय पालन और व्यापार- ये वैश्यों के अंतर्निहित और स्वाभाविक कर्म हैं। ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य ये तीन वर्णों की सेवा करना शूद्र का भी स्वाभाविक कर्म है। इसे शेयर करते हुए हिमन्त बिस्व सरमा ने लिखा, भगवान श्रीकृष्ण स्वयं वैश्यों और शूद्रों के स्वाभाविक कर्मों का वर्णन करते हैं।

आवैसी का हिमंता सरमा पर तीखा हमला

गीता के श्‍लोक को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हिमंता बिस्‍वा सरमा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह हर भारतीय नागरिक के साथ समान व्यवहार करने की अपनी शपथ पूरी नहीं कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा, एक संवैधानिक पद पर रहते हुए, आपकी शपथ प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार करने की है। यह उस दुर्भाग्यपूर्ण क्रूरता में परिलक्षित होता है, जिसका असम के मुसलमानों ने पिछले कुछ वर्षों में सामना किया है।

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल

असम सीएम के ट्वीट पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। पार्टी नेता पवन खेड़ा ने पूछा कि क्या पीएम और राष्ट्रपति हिमंत बिस्वा की जातिवादी टिप्पणियों से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि और फिर यदि आप उनसे कुछ कहेंगे तो वह अपनी पुलिस भेज देंगे, लेकिन ऐसी मूर्खतापूर्ण टिप्पणियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। क्या राष्ट्रपति भवन और पीएमओ हिमंत बिस्वा की जातिवादी टिप्पणियों से सहमत हैं?

शराब मुक्त होगी 'रामनगरी', सरकार ने किया बड़ा ऐलान, अयोध्या के 84 परिक्रमा क्षेत्र में पूर्ण शराब बंदी, हटाई जाएंगी दुकानें

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या के परिक्रमा क्षेत्र में शराब बंदी की घोषणा कर दी है। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि रामनगरी में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र में शराब की बिक्री को पूर्ण तौर पर बैन किया जाएगा। सभी दुकानें हटाई जाएंगी। नितिन अग्रवाल अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मुलाकात करने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि श्रीराम मंदिर क्षेत्र को पहले से ही मदिरा मुक्त किया जा चुका है उन्होंने 84 कोस तक शराब की दुकानों को हटाने की बात कही। उन्होंने कहा- इसके लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र को मद्य निषेध घोषित किया जा चुका है। इस क्षेत्र में आने वाली सभी दुकानें हटाई जाएंगी। 

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर चल रही है। जिसके कारण अयोध्या में राज्य के मंत्रियों के साथ ही आला अफसरों का जमावड़ा लग रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम भी आ रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा से पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी श्रीराम हवाईअड्डे का उद्घाटन करने अयोध्या आएंगे। प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। जिससे दुनिया कलयुग में भी द्वापर युग की झलक देख सके।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या यात्रा के चलते पहले इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा कि चूंकि यह एक धार्मिक नगरी है, इसलिए जनभावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। यहां मांस एवं शराब का सेवन बैन होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 'धर्मनगरी' अयोध्या शहरी विकास का मॉडल होगी। यहां 24×7 पीने का पानी उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री योगी ने विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा था कि अयोध्या आने वाले हर श्रद्धालुओं को शांति, संतोष और आनंद के साथ वापस जाना चाहिए।