मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में ड्रेनेज निर्माण के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक

लखनऊ। मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में पीडब्लूडी रोड व गोमती में गिरने वाले नालों व ड्रेनेज निर्माण के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक आयुक्त सभागार कार्यालय में आहूत की गई। इस अवसर पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह मुख्य अभियंता नगर निगम महेश वर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान मंडलायुक्त को लोक निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि शहर के 9 चौराहो के सुदृढ़ीकरण कार्य के लिए प्रपोजल बना लिया गया है। जिसका अनुमानित लागत रुपए साढ़े तीन करोड़ है। निम्नवत चौराहो जैसे डालीगंज, पवार हाउस, दयाल, ग्वारी, मामा चौराहा, वारलेश चौराहा एव आदि चैराहो के सुदृढ़ीकरण का प्रपोजल बना लिया गया है।

उन्होंने कार्य में तेजी लाते हुए पूर्ण कराने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने नगर निगम के मुख्य अभियंता को निर्देश देते हुए कहा कि नगर निगम के संबधित सड़को के निर्माण धीन कार्यो में तेजी लाते हुए पूर्ण करा लिया जाये। उन्होंने वजीरगंज में बने 45 एम०ल०डी पम्पिंग स्टेशन एसटीपी की क्षमता वृद्धि करने के भी निर्देश दिए। गस्यारी में एक पम्पिंग स्टेशन खराब होने की जानकारी मिलने पर उसको तत्काल सही कराने को लेकर संबंधित को निर्देशित किया।

उक्त के बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि फैजुल्लागंज में 50 एमएलडी के एसटीपी लगाने को लेकर टेंडरिंग कराया जा रहा है। उन्होंने टेंडरिंग कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। सुएज के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नालो की जालियों की नियमित रूप से सफाई करते रहें जिससे नाले ओवर फ्लो ना होने पाए। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कमरे में बैठकर पंचायत ना करें सुएज के संबंधित लोग मौके पर जाकर कार्य करें।

क्रय केन्द्रों पर खरीदे गये धान का परिवहन जीपीएस युक्त वाहनों के माध्यम से कराया जाय: सतीश चन्द्र शर्मा

लखनऊ। प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश चन्द्र शर्मा ने निर्देश दिये कि धान खरीद में तेजी लायी जाय। उन्होंने कहा कि क्रय एजेन्सियों द्वारा संचालित किये जा रहे समस्त क्रय केन्द्रों का सतत् निरीक्षण कराया जाये और क्रय केन्द्रों पर किसानों को बैठने व पीने के लिए पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुये किसानों की धान प्राथमिकता पर तौल करायी जाये तथा समय से भुगतान किया जाये। उन्होंने कहा कि गत वर्षों में जिन किसानों का कोई भी अवशेष भुगतान है, उसको भी तत्काल भुगतान कराया जाये।

यह निर्देश खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री, सतीश चन्द्र शर्मा ने आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में खाद्य एवं रसद विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए।

श्री शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्रय केन्द्रों पर खरीदे गये धान का परिवहन जीपीएस युक्त वाहनों के माध्यम से कराया जाये। उन्होंने विपणन शाखा के पीडीएस गोदामों को शीघ्रता से किरायेदारी से मुक्त किये जाने की कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर राशन कार्ड में अंकित मुखिया व सदस्यों में से किसी सदस्य की मृत्यु या विवाह के उपरांत स्थान परिवर्तन के बावजूद भी अन्य सदस्यों द्वारा राशन कार्ड में पूर्व से अंकित सभी सदस्यों के सापेक्ष राशन का उठान किए जाने की शिकायत प्राप्त हो रही है।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों का सत्यापन कराते हुए विस्थापित एवं मृतक राशन कार्ड धारकों के स्थान पर नए पात्रों के चयन सुनिश्चित करते हुए राशन कार्ड जारी करने की कार्यवाही शीघ्रता से की जाय। खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 75 मॉडल उचित दर दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। प्रदेश में प्रस्तावित मॉडल दुकानों हेतु कुल 5,653 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है, जिसमें से 159 मॉडल उचित दर दुकानों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 2,687 मॉडल उचित दर दुकानों का निर्माण कार्य गतिमान है, जिनमें लगभग 798 मॉडल उचित दर दुकानों का निर्माण कार्य इस माह के अन्त तक तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित दुकानों के माध्यम से विद्युत देयकों का भुगतान, सीएससी सेवाएं, पीएम वाणी के तहत ब्रॉडबैंड सेवा तथा आम जनमानस की रोजमर्रा की आवश्यकता की वस्तुओं के बिक्री की अनुमति होने के कारण विक्रेताओं के आर्थिक व्यवहार्यता में वृद्धि संभव होगी।

खाद्य आयुक्त ने बताया कि उचित दर दुकानों के जरिए से ग्रामवासियों को विभिन्न जनसेवाएं उपलब्ध कराए जाने से आमजनमानस को स्थानीय स्तर पर उनके लाभ प्राप्त होने के साथ-साथ उचित दर विक्रेताओं की आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने बताया कि सीएससी द्वारा उचित दर विक्रेताओं को नि:शुल्क पंजीकृत किया जा रहा है। उचित दर विक्रेताओं को कमीशन का 80 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होने की व्यवस्था गयी है।

वर्तमान में जनपदों में सीएससी कार्य के लिए इच्छुक उचित दर विक्रेताओं की सीएससी स्तर से वाइट लिस्टिंग कराकर उनके आईडी क्रियेशन का कार्य सम्पादित किया जा रहा है।

खाद्य आयुक्त ने अवगत कराया कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में 1 अक्टूबर, 2023 से तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में 1 नवम्बर, 2023 से धान की खरीद प्रारम्भ हो गयी है। धान का समर्थन मूल्य कॉमन-रू-2183 प्रति कुं0 तथा ग्रेड-ए- रू-2203 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया है। प्रदेश में खाद्य विभाग की विपणन शाखा, पीसीएफ, पीसीयू, यूपीएसएस, मण्डी परिषद एवं भाखानि को क्रय एजेन्सी नामित किया गया है, जिनके माध्यम से प्रदेश में किसानों की सुविधा के लिए लगभग 5000 क्रय केन्द्र संचालित हैं। इस वर्ष अब तक 4.90 लाख किसानों द्वारा धान बिक्री हेतु आॅनलाइन पंजीकरण कराया गया है तथा 15755 कृषकों से 99,243 मी0टन धान की खरीद हुई है। कृषकों को रू-171.00 करोड़ का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में करा दिया गया है। गतवर्ष इसी अवधि में 9069 किसानों से 60,515 मी0टन खरीद की गयी थी। इस वर्ष गतवर्ष से अधिक धान खरीद हुई है।

बैठक में अपर आयुक्त, अनिल कुमार, अपर आयुक्त, अटल राय, वित्त नियंत्रक, खाद्य तथा रसद कमलेन्द्र कुमार, अपर आयुक्त (वि0), राजीव कुमार मिश्र एवं अपर आयुक्त (आ0), जीपी राय उपस्थित रहे।

अब समस्या नहीं बनेगी पराली ,आने वाले दिनों में मिलेंगे पराली के दाम

लखनऊ। आने वाले दिनों में पराली समस्या नहीं बनेगी। धीरे धीरे बढ़ रही इसकी उपयोगिता से अब वह समय आएगा जब पराली के खरीददार किसान को पैसे देकर पराली ले जायेंगे। कुछ लोगो ने पराली को उठाना शुरू कर दिया है हालांकि अभी वे पैसा नहीं दे रहे हैं।

खरीफ में धान और रबी में गेहूं की कटाई शुरू होते ही किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम होने लगते हैं। किसानों में कानूनी कार्रवाई का भय भी पैदा ही नहीं किया जाता है बल्कि मुकदमे दर्ज भी कर दिए जाते हैं। यही धान की पराली कुछ प्रदेशों में बिजली प्लांट, कागज, गत्ता सहित अन्य काम में आने लगी है। इससे पराली की उपयोगिता धीरे धीरे बढ़ रही है। कुछ प्रदेशों में पराली की मंडियां तक लगने लगी हैं।

राजधानी में भी हरियाणा पंजाब के लोग बेलर और कटर मसीनें लाकर पराली के गट्ठर बना कर खेतों से पराली उठाने का काम कर रहे है। बेलर करीब तीन कुंतल का गट्ठर बना देते हैं। गट्ठरों को मसीनो के द्वारा ही बड़ी ट्रालियों पर लाद कर के जाया जाता है। अभी यह लोग किसानों की पराली फ्री में ही खेत से काटकर उठा रहे हैं। कही कही उल्टे किसान से पैसा भी ले लेते हैं।

गोसाईगंज के कपेरा मदारपुर और आसपास के गांवो में पराली के गट्ठर बना कर उठाने का काम चल रहा है। किसान बताते हैं की पराली ले जाने वाले लोग निगोहा के पास इकट्ठा कर रहे हैं। बताते हैं की पराली ट्रेन से ले जायेंगे। बताया गया की हरियाणा तथा कुछ अन्य प्रदेशों में पराली की खरीद होती है।

कृषि विभाग पराली के गट्ठर बनाने का प्रदर्शन दिखा कर किसानों को पराली के उपयोग के प्रति जागरूक कर रहा है।

ऐसे में उम्मीद जागी है की आने वाले दिनों में हार्वेस्टर से धान की कटाई के बाद खेतों में बचने वाली पराली को खेत में जलाने की मजबूरी नहीं होगी बल्कि इसकी कीमत भी मिलने लगेगी। पराली जलने से खेतो को होने वाले नुकसान से भी मुक्ति मिलेगी।

गेहूं की पराली से तमाम किसान भूसा बनवा लेते हैं लेकिन धान की पराली ज्यादातर जला ही दी जाती है जिससे खेतो को नुकसान पहुंचता है।

समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, रवि वर्मा ने पार्टी से दिया इस्तीफा, कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज

लखनऊ । लोकसभा चुनाव अभी आया नहीं की राजनीतिक दलों में तोड़फोड़ शुरू हो गई है। खासकर सपा, बसपा और कांग्रेस में सबसे ज्यादा उथल पुथल चल रही है। इसी क्रम कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण लखीमपुर खीरी में सपा की आंतरिक गतिविधियों को बताया। चर्चा है कि रवि वर्मा अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उधर, कांग्रेस प्रदेश कमेटी ने उनको पार्टी में शामिल कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। समाजवादी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि लखीमपुर खीरी के गोला निवासी रवि प्रकाश वर्मा खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वह इसी साल जनवरी महीने में सपा के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी, तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि रवि वर्मा लोकसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़ सकते हैं। क्षेत्र में इसकी चर्चा बहुत जोरो पर चल रही है। चूंकि नये नेताओं के आगे उनकी पूछ कम हो गयी है। इसी के चलते मनमुटाव चल रहा था, जो शुक्रवार को खुलकर सामने आ गया।

रवि वर्मा कुर्मी समाज के कद्दावर नेता हैं। जिले की करीब 50 लाख की आबादी वाले खीरी जनपद में ओबीसी आबादी सबसे ज्यादा करीब 35 प्रतिशत है। इनमें कुर्मी बाहुल्य आबादी पहले नंबर पर है। इसी गणित को साधते हुए समाजवादी पार्टी ने रवि प्रकाश वर्मा को तीसरी बार जनवरी महीने में राष्ट्रीय महासचिव बनाया था। जानकारी के मुताबिक सपा के स्थानीय और नए नेताओं को पार्टी में ज्यादा तरजीह दिए जाने से रवि वर्मा नाराज थे। इसी के चलते जून महीने में जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिन के दौरे पर कार्यकर्ता सम्मेलन में खीरी आए थे तो उनके मंच से कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा गायब थे।2019 के लोकसभा चुनाव में रवि प्रकाश वर्मा की बेटी को सपा और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

*बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में 8 नवंबर तक चलेगी बेकिंग एवं कन्फेक्शनरी से संबंधित कार्यशाला

‌‌‌लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में 2 नवम्बर को गृह विज्ञान विद्यापीठ के दिशानिर्देश में आहार एवं पोषण विभाग की ओर से 2 से 8 नवंबर तक ' बेकरी एण्ड कंफेक्शनरी के क्षेत्र में एडवांस ट्रेनिंग के लिए ' एक सप्ताह तक आयोजित होने वाली कार्यशाला का उद्घाटन किया गया है।‌

कार्यशाला के दौरान, प्रत्येक दिन विभिन्न प्रकार के बेकिंग उत्पादों को बनाने की विधि एवं अन्य संबंधित तथ्यों की जानकारी दी जायेगी‌। कार्यक्रम की अध्यक्षता गृह विज्ञान विद्यापीठ की डीन प्रो० यूवी किरन ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कपूर कुक एण्ड बेक की डायरेक्टर एवं प्रसिद्ध शेफ नीलिमा कपूर मौजूद रहीं। मंच पर आहार एवं पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नीतू सिंह, विशेष अतिथि डॉ शालिनी अग्रवाल एवं डॉ प्रियंका शंकर मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं‌ बाबासाहेब को‌ श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके बाद आयोजन समिति द्वारा‌ मंच पर उपस्थित अतिथियों को‌ स्मृति चिन्ह भेंट किया। विभागाध्यक्ष डॉ नीतू सिंह ने सभी को एक सप्ताह की इस कार्यशाला के उद्देश्य एवं कार्यक्रम की रुपरेखा की जानकारी दी।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ माधवी डेनियल द्वारा किया गया। डीन प्रो यूवी किरन ने अपने विचार रखते हुए कहा, कि बेकरी एवं कंफेक्शनरी का क्षेत्र आज के समय में लघु उद्योग के लिए एक बेहतर विकल्प है। इस क्षेत्र में स्वयं को कुछ अलग तरह से स्थापित करके रोजगार के विभिन्न अवसरों को‌ तराशा जा सकता है।

प्रसिद्ध शेफ श्रीमती नीलिमा कपूर ने विद्यार्थियों को विभिन्न बेकिंग उत्पादों की जानकारी देते हुए कहा कि बेकिंग के समय छोटी- छोटी बारीकियों को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक है।

बेकिंग भी किसी कला की तरह है ,जिसे अगर थोड़ा धैर्य रखकर और ध्यान से किया जाए तो उसमें भी परफेक्शन पाया जा सकता है। विभागाध्यक्ष डॉ नीतू सिंह ने चर्चा के दौरान कहा , कि इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन कराने के पीछे का उद्देश्य विद्यार्थियों को नये - नये बेकिंग उत्पादों से अवगत कराना है।

कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों में सीखने की रुचि को‌ बढावा देने का प्रयास किया जायेगा‌। कार्यक्रम की दौरान डॉ शर्मिला, डॉ मोनिका पटेल, शोधार्थी एवं‌‌ विभाग के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।

हमलावरों के घर कुर्की का नोटिस

लखनऊ। गोसाईगंज पुलिस ने बाराबंकी निवासी युवक मनोज पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों के घर कुर्की की तैयारी शुरू कर दिया है। पुलिस ने गुरुवार को उनके घरों पर धारा 82 का नोटिस चस्पा किया और मुनादी भी करवाई।

इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्र के अनुसार धारा 147, 148, 149, 323, 325, 307, 427 और 506 के तहत योगेश पासी निवासी नीलमथा थाना कैंट, रविकांत रावत निवासी कपेरा मदारपुर थाना गोसाईगंज और निखलेश रावत निवासी कासिमपुर बिरूहा थाना गोसाईगंज लखनऊ का गैर जमानती वारंट न्यायालय एसीजेएम सिक्स द्वारा दिनांक तीन अक्टूबर को जारी किया गया था। काफी प्रयास के बाद भी न उनकी गिरफ्तारी हो सकी और न ही अदालत पर हाजिर हुए।

न्यायालय एसीजेएम सिक्स द्वारा अंतर्गत धारा 82 सीआरपीसी का आदेश एक नवंबर को जारी किया गया। पुलिस ने उक्त नोटिस चस्पा करने के साथ ही गांव में मुनादी भी करवाई।

अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा दीक्षा चौधरी की अध्यक्षता में एक स्वास्थ्य संगोष्ठी का आयोजित

लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार के मार्गदर्शन में आज राष्ट्रीय तनाव जागरूकता दिवस के अवसर पर ऐशबाग स्थित, रेलवे पॉली क्लीनिक में अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा दीक्षा चौधरी की अध्यक्षता में एक स्वास्थ्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर डा दीक्षा चौधरी ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक करना है। तनाव एक ऐसी चीज है जिससे आज के वक्त में कोई भी बचा नहीं है। जिसका मुख्य कारण हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित लाइफस्टाइल है। जिस कारण तनाव हमारे साथ-साथ चल रहा है। हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जागरुक नहीं होते हैं जो कि सबसे अहम है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा संजय तिवारी ने बताया कि हम मानसिक तौर पर जितने खुश और स्वस्थ रहेंगे शरीर में उतनी स्फूर्ति रहेगी। तनाव को कम करके कई बीमारियों से बचा जा सके। स्ट्रेस या तनाव की स्थिति एक प्रकार की मानसिक बीमारी होती है। सभी को शारीरिक स्वास्थ्य की ही तरह से मानसिक सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को खान-पान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपने दैनिक कार्य-जीवन में संतुलन बनाए, तनाव को कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम व 30 से 45 मिनट की जॉगिंग, योग एवं ध्यान क्रिया बहुत लाभप्रद है। इस अवसर पर रेल कर्मी, उनके परिवारजन, पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद थे।

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह में कर्मयोगियों का सम्मान

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना की 25 वीं वर्षगांठ के अवसर पर बृहस्पतिवार को अटल प्रेक्षागृह में रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया। मिजार्पुर की लोक गायिका श्रीमती उर्मिला श्रीवास्तव एवं दल द्वारा प्रस्तुत कजरी और महोबा के जितेन्द्र कुमार चौरसिया एवं दल द्वारा आल्हा गायन समारोह के आकर्षण का केन्द्र बिन्दु रहा।इसके साथ ही ब्रज संस्कृति पर आधारित नृत्य एवं गायन और अवधि संस्कृति मैं बिरहा गायन का लोगों ने खूब आनंद उठाया।

समारोह का सीधा प्रसारण विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल से प्रसारित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर विश्वविद्यालय ने अपनी विकास यात्रा की विगत 25 वर्षों की सुनहरी यादों को ताजा और साझा किया। जहां शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी अपने पूर्व सहयोगियों से मिलकर काफी आनंदित हुए। दीपावली से पूर्व ही विश्वविद्यालय में दीपावली का उल्लास नजर आया। एक तरफ विश्वविद्यालय के सभी भवन आकर्षक रोशनी से जगमगाहट बिखेर रहे थे वहीं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह अपनी चिरपरिचित मुस्कुराहट से आगन्तुकों का खैर मकदम कर रहीं थीं।

इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर बंश गोपाल सिंह, कुलपति, पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ ने कहा कि शिक्षा से वंचित वर्ग के लिए दूरस्थ शिक्षा अहम भूमिका निभा रही है। दूरस्थ शिक्षा छात्रों में राष्ट्र प्रेम की भावना तथा कौशल का विकास कर रही है। दूरस्थ शिक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए धैर्य एवं एकाग्रता की आवश्यकता है।

सारस्वत अतिथि डॉ नरेंद्र कुमार सिंह गौर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि शिक्षा के विस्तार के साथ ही गुणात्मक शिक्षा होनी चाहिए। शिक्षा केवल विषय को पढ़ाने के लिए नहीं वरन शिक्षार्थियों के अंदर राष्ट्रवाद का संचार भी होना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर कल्पलता पांडेय, पूर्व कुलपति, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया ने कहा कि आज पूरे विश्व को आवश्यकता है कि दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत देश में ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जिससे शिक्षा सबके द्वारा तक पहुंचे। दूरस्थ शिक्षा यह कार्य बखूबी कर रही है।

अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि इस पल का सभी को बेसब्री से इंतजार था। आज अटल प्रेक्षागृह इन 25 वर्षों की यात्रा के सहयात्रियों का साक्षी बना।विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के लिए यह अवसर उन्नत शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार और समृद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

प्रोफेसर सिंह ने कहा कि आज यह विश्वविद्यालय 25 वर्षों की उपलब्धियां के साथ 26 वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

यह विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्यों के अनुकूल देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन का सुअवसर भी है। यह सुअवसर विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा के फलक पर विशिष्ट पहचान और स्थान दिलाने के साथ ही देश को विश्वगुरु के रूप में ख्याति दिलाएगा। कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य यही है कि यह विश्वविद्यालय ऐसी युवा शक्तियों का निर्माण कर सके जो समतापरक और प्रबुद्ध मानव समाज के प्रति समर्पित हों। साथ ही देश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की गौरव गरिमा को आगे बढ़ाने में अपनी सुयोग्य भूमिका का निर्वाह करें। इससे पूर्व प्रारंभ में कुलपति प्रोफेसर सिंह ने रजत जयंती समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के शुभकामना संदेश को पढ़कर सुनाया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ गौर, विशिष्ट तिथि प्रोफेसर पांडे तथा कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह द्वारा शिक्षार्थी सूचना प्रबंधन प्रणाली एल आई एम एस का उद्घाटन किया गया। इससे शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक वृद्धि होगी। अतिथियों ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रोफेसर श्रुति एवं डॉ गौरव संकल्प द्वारा संपादित पुस्तक डाइमेंशन्स ट्रेंड्स एंड चैलेंजेस तथा डॉ आनंदानंद त्रिपाठी एवं डॉ त्रिविक्रम तिवारी द्वारा संपादित पुस्तक ई गवर्नेंस एंड डिलीवरी आॅफ पब्लिक सर्विसेज इन इंडिया का विमोचन किया।

रजत जयंती समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता, प्रोफेसर जेपी यादव, डॉ दिनेश सिंह, डॉ संजय सिंह, डॉ यू एन तिवारी, डॉ स्मिता अग्रवाल, डॉ गौरव संकल्प, डॉ शिवेंद्र कुमार सिंह, सीमा सिंह प्रोग्रामर, इंदू भूषण पांडेय, दिलीप त्रिपाठी, अवनीश चंद्र, मोहितोष कुमार, डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र, प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, अभिमन्यु, गुलाब बिन्द, बसंत मौर्य, उमेश चन्द्र पांडेय, कुश प्रकाश पाल, राजू बारी, रामानंद यादव एवं मो. इमरान का सम्मान किया गया।

रजत जयंती समारोह के कार्यक्रम निदेशक प्रोफेसर पी पी दुबे ने अतिथियों का स्वागत किया तथा समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत की। समारोह का संचालन प्रोफेसर श्रुति और डॉ देवेश रंजन त्रिपाठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया।रजत जयंती समारोह को यादगार बनाने के लिए हिंदुस्तानी अकादमी के सहयोग से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में महोबा के जितेंद्र कुमार चौरसिया एवं दल द्वारा आल्हा गायन की प्रस्तुति की गई। मथुरा के अशोक, निलेश एवं दल द्वारा ब्रज संस्कृति पर मनोहरी कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। मिजार्पुर की श्रीमती उर्मिला श्रीवास्तव और दल ने कजरी गायन ने समारोह में रंगत ला दी। सुल्तानपुर के बृजेश सिंह दल द्वारा अवधि संस्कृति की बिरहा गायन की प्रस्तुति पर लोग वाह वाह करते रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम भारतीय भाषा उत्सव के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय तथा हिंदुस्तानी अकादमी, प्रयागराज के सहयोग से आयोजित किया गया। आमंत्रित कलाकारों को अतिथियों के साथ कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह एवं हिंदुस्तानी अकादमी के सचिव श्री देवेंद्र प्रताप सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कलाकारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन सह निदेशक डॉ दिनेश सिंह ने किया। समारोह में कौशल्या नंद गिरि, पूर्व वित्त अधिकारी ए के सिंह पूर्व कुलसचिव डॉ एके सिंह, प्रोफेसर विवेक कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी डॉ. प्रभात चन्द मिश्र ने दी।

उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में हुआ ऐतिहासिक सुधारः ऊर्जा मंत्री

लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा कराये जा रहे विद्युत के आधारभूत संरचना में किये गये अनुरक्षण एवं नवीनीकरण के कार्यों से पिछले डेढ़ वर्षों में उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार हुआ है।

उपभोक्ताओं को अनवरत विद्युत आपूर्ति देने के साथ ही तकनीकी एवं वाणिज्य हानियां (AT & C Losses) में 09 प्रतिशत की गिरावट आई और राजस्व संग्रह में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी में भी अभूतपूर्व सफलता मिली।

इस दौरान किये गये अनुरक्षण कार्यों से 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदल कर नई बंच केबल लगाई गयी। साथ ही पिछले माह में 90 हजार नये खंभे भी लगाये गये हैं।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए बताया कि विगत डेढ़ वर्ष में बिजली व्यवस्था के सुधार के साथ ही आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने में पूरा विभाग जी जान से लगा हुआ है। विगत 18 माह में आधारभूत संरचना के अनुरक्षण एवं नवीनीकरण के व्यापक कार्यक्रम और तकनीक के उपयोग से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा के साथ ही अनवरत विद्युत आपूर्ति से लाभांवित किया गया है।

मंत्री एके शर्मा ने बताया कि विद्युत कार्मिकों के अथक प्रयासों से विगत एक वर्ष में तकनीकी एवं वाणिज्य हानियों को (AT & C Losses) कम करने में सफलता मिली है और इसमें 9 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 31.19 फीसदी की तकनीकी एवं वाणिज्य हानियां दर्ज की गयी थी, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 9 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 22.01 फीसदी ही रह गयी हैं।

ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि पिछले एक वर्ष में राजस्व संग्रह में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अक्टूबर 2022 में राजस्व संग्रह 4139 करोड़ रुपये हुआ था जो कि इस वर्ष 2023 के अक्टूबर माह तक 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4844 करोड़ रूपये हुआ है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने और इसके आधारभूत संरचना को बदलने के लिये केन्द्र की मदद से प्रदेश में आरडीएसएस एवं बिज़नेस प्लान योजना चलायी जा रही है।

आरडीएसएस योजना के तहत वर्तमान में 17 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत से कार्य कराये जा रहे हैं। साथ ही बिजनेस प्लान के तहत 5 हजार करोड़ रुपये और नगरों में विद्युत व्यवस्था के सुधार के लिए एक हजार करोड़ रुपये के कार्य कराये जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से प्रदेश के जर्जर तार, खंभों को बदलने के साथ ही ट्रांसफार्मर बदलने व उच्चीकृत करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

विद्युत व्यवस्था सुधार के तहत प्रतिदिन लगभग 1 हजार ट्रांसफार्मर बदले गयें। पिछले कुछ महीनों में 4.60 लाख ट्रांसफार्मर बदले या उच्चीकृत किए गये। जिससे लो बोल्टेज की समस्या का समाधान हो रहा है। ऊर्जा मंत्री जिलों में हो रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर वास्तविक स्थिति का जायजा स्वयं ले रहे हैं। हाल ही में आजमगढ़, मऊ, सिद्धार्थनगर और सीतापुर में औचक निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों से जानकारी के साथ ही जनता से भी बात कर उनकी समस्याओं और समाधान के बारे में जानकारी ली।

मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि पिछले महीनों में 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदल कर नई बंच केबल लगाई गईं हैं। इसमें से लगभग 06 हजार कि.मी. अक्टूबर माह में ही लगाई गई। वहीं बांस-बल्ली वाले व जर्जर खंभे बदलने के कार्य में पिछले अक्टूबर माह में ही 90 हजार नये खंभे लगाये गये हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार विद्युत व्यवस्था की कमियों को दूर कर विद्युत तंत्र को सुदृढ़ कर रही है। प्रदेश में नये फीडर और उपकेन्द्र बनाये जा रहे हैं जिससे आने वाले समय में विद्युत की अनवरत आपूर्ति की जा सकेगी। उन्होंने त्योहारों के अवसर पर निर्वाध विद्युत आपूर्ति के साथ ही लोकल फाल्ट के दौरान तत्काल इसे ठीक करने के लिये भी विद्युतकर्मियों को निर्देशित किया गया है।

साथ ही बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए जवाहरपुर और ओबरा में 660 मेगावाट की दो यूनिट (1320 मेगावाट) तैयार होकर ऊर्जाकृत हो गयी हैं. वहीँ ओबरा में एन टी पी सी के साथ 1600 मेगावाट की यूनिट डाली जा रही है।

प्रोमोटर्स एक परियोजना के लिए पंजीयन से लेकर उसके पूर्ण होने तक की सभी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंः उप्र रेरा चेयरमैन

लखनऊ। गुरुवार को उप्र रेरा मुख्यालय पर रेरा चेयरमैन संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में प्रोमोटर्स के लिए एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें प्रोमोटर्स को एक परियोजना के जीवन चक्र में पंजीयन से लेकर निर्माणाधीन रहने और उसके पूर्ण होने के बाद विधिवत पूर्णता तक की सम्पूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने के विषय में अवगत कराया गया।

इस प्रक्रिया से रियल एस्टेट क्षेत्र के सबसे बड़े हितधारकों, उपभोक्ताओं, को रेरा पोर्टल के माध्यम से परियोजना से जुडी सटीक और सामयिक जानकारी मिलती रहेगी जो पूर्णतः विश्वसनीय होगी। उन्हें किसी अन्य स्त्रोत पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और प्रोमोटर्स को कार्य करने में सुविधा होगी।

सेमीनार में उप्र रेरा के अध्यक्ष, सचिव, प्रमुख सलाहकार, वित्तीय नियंत्रक सहित लगभग 40 से ज्यादा प्रोमोटर्स ने हिस्सा लिया।

उ.प्र. रेरा के तकनिकी सदस्यों की प्रस्तुति में चरणबद्ध रूप से एक परियोजना के सम्पूर्ण जीवन चक्र को दिखाया और समझाया गया। इसमें एक परियोजना के पंजीयन के समय सभी तीन बैंक खातों- कलेक्शन, सेपरेट और ट्रांसैक्शन एकाउंट की जानकारी सहित स्थायी निर्देश, पंजीकृत एग्रीमेन्ट एक से ज्यादा प्रोमोटर के संदर्भ में, भूखंड की खतौनी या मालिकाना हक के आलेख तथा विकास प्राधिकरणों से स्वीकृत नक्शों की साफ़ व स्पष्ट कॉपी लगाने और इसी के अनुरूप पोर्टल पर दिखने वाली जानकारी भरने, निर्माणाधीन परियोजना में प्रति तिमाही उसकी प्रगति रिपोर्ट, आदि की जानकारी देने का महत्व बताया गया। परियोजना पंजीयन की आवेदन निरस्त किए जाने के मुख्य कारणों के विषय में भी बताया गया।

इसी क्रम में परियोजना के सम्बन्ध में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निष्पादन और आदेशों का कार्यान्वयन, पंजीयन विस्तार के लिए आवश्यक आलेख, कारण तथा निर्माण पूर्ण करने की योजना, परियोजना पूर्ण होने पर सभी एनओसी सहित ओसी या सीसी की जानकारी सार्वजनिक रूप से पोर्टल पर उपलब्ध होना, रेरा पोर्टल की नियमित समीक्षा के लिए जानकार अधिकारी की नियुक्ति सहित परियोजना का पूर्ण एकॉउन्ट क्लोजर की जिम्मेदारी आदि की आवश्यकता को समझाया गया।

इसके अतिरिक्त नियामक प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे कुछ नवीन पहल की सूचना भी दी गई जिसमें एजेन्ट की ट्रैनिंग व प्रमाण पत्र, विज्ञापन के मापदंड, रेरा से सम्पर्क करने के लिए बोर्ड से चयनित डायरेक्टर द्वारा पत्राचार तथा सदैव क्रियाशील सम्पर्क नंबर और उस पर जवाब देने के लिए जानकार व्यक्ति रखने का महत्व सहित अन्य जानकारी दी गई। ये सूचनाएं सीधा उपभोक्ताओं के निर्णयों से जुडी है और इनकी नियमित और नवीनतम उपलब्धता अति-आवश्यक है।

सेमीनार में पोर्टल पर प्रोमोटर्स को आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए उसके प्रत्येक हिस्से को भरने की आवश्यकता और उपयोगिता का उल्लेख किया गया। पोर्टल पर जानकारी न उपलब्ध होने से होने वाली असुविधा के विषय में भी बताया गया। घर खरीदारों के संघ को उनके अधिकार और दायित्व से भी अवगत कराया गया।

इस दौरान प्रोमोटर्स के संघ- क्रेडाई और नारेडकों सहित पंजीकृत प्रोमोटर्स तथा घर खरीदारों के संघ से प्रश्नोत्तर का दौर भी चला।

रेरा अध्यक्ष के अनुसार, "नवीन परियोजनाओं के पंजीयन के समय हम रेरा अधिनियम का उद्देश्य के अनुकूल जाकारियाँ उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है। रियल एस्टेट परियोजना के नक्शे को राजस्व विभाग के नक्शे से सुपर इम्पोज़ करके परियोजना के नक्शों से छेड़-छाड़ पर रोक लगाई जाएगी।

पूर्व में पंजीकृत परियोजनाओं में आने वाली समस्याओं के लिए प्रोमोटर्स को अपनी दी गयी जानकारियों की समीक्षा करनी होगी और उन्हें ठीक करते ही पोर्टल पर कार्य करने में सुविधा मिलने लगेगी। इससे उपभोक्ताओं को परियोजना सम्बन्धी जानकारियों में विश्वसनीयता रहेगी, जिम्मेदारी पूर्वक नवीन सुचना प्राप्त होती रहेगी और जवाबदेही बनी रहेगी।"

प्रोमोटर संघ के पदाधिकारियों के अनुसार, "रेरा आने के बाद रियल एस्टेट में अच्छा काम करने वालों को पूर्ण सहयोग मिला है। पूर्णता प्रमाण पत्र की प्राप्ति न होने से प्रॉजेक्ट एकॉउन्ट क्लोजर नहीं हो पा रहा है और यह हमे मदद की आवश्यकता है। कन्सिलीऐशन फोरम से विवादों का समाधान जल्द किया जा सकता है और इस पर ध्यान देना चाहिए।

शिकायतों के पंजीयन में अधिनियम के अनुरूप ही मौका दिया जाना चाहिए। विकास प्राधिकरण को भी रेरा अधिनियम के दायरे में लाया जाना चाहिए, जहां से स्वीकृती प्राप्त होती है , जो परियोजना के समय काल को प्रभावित करता है।"