*कोनिया क्षेत्र के पशुओं में दिखे लंपी के लक्षण*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कोनिया के गांव तटीय स्थित क‌ई गांवों में गोवंश में लंपी वायरस का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है।पशु पालन विभाग के अधिकारी अंजान है। आरोप है कि सूचना मिलने पर भी अधिकारी गांव में नहीं पहुंच रहें हैं।

कोनिया क्षेत्र के उर‌ई , कटरा,बहपूरा ,छेछुआ में लंपी रोग के संक्रमण को देख पशुपालकों की चिंता बढ़ने लगी है। पशुपालक किसान बताते हैं कि कोनिया के अर‌ई में पंडित पाल, मेवालाल पाल सहित कुछ अन्य किसानों के गोवंश लंपी रोग से पीड़ित हैं।

इसी तरह बहपूरा में भूपेंद्र बंटू दूबे, लवकुश दूब की गोवंश को लंपी रोग जकड़ लिया है। कटरा में शिवशंकर तिवारी, मुन्ना तिवारी की गोवंश लंपी रोग की चपेट में हैं। बहपूरा के बंटू दूबे ने बताया कि उनकी एक कीमती गाय मरणासन्न अवस्था में है, जबकि दो अन्य गायों में भी लंपी के लक्षण दिख रहा है।

*रजिस्टर में धूल फांक रहीं तीन सौ करोड़ की कार्ययोजनाएं*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। डीघ ब्लॉक के 98 ग्राम पंचायतों को लेकर तैयार 300 करोड़ की कार्ययोजना फाइलों में धूल फांक रही है। डेढ़ माह पूर्व हुई बोर्ड की बैठक में ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों को लेकर दर्जनों प्रस्ताव पारित हुए थे, लेकिन अब तक उसमें अमल नहीं हो सका है।

ज्ञानपुर विधायक विपुल दुबे व त्रिस्तरीय ब्लॉक संचालन समिति अध्यक्ष समिति अध्यक्ष मनोज मिश्रा की मौजूदगी में डेढ़ माह पहले ब्लॉक सभागार में बोर्ड की बैठक हुई थी। बैठक में 98 ग्राम पंचायतों में कच्चा-पक्का चकमार्ग, नाला-नाली, इंटरलाकिंग, जल सोख्ता, हैण्डपंप प्लेटफार्म दुरुस्तीकरण, सिंचाई नालियों की सफाई-जीर्णोद्धार, हैण्डपंप रिबोर, प्राथमिक स्कूल कायाकल्प, बीआरसी वहिदानगर सुदृढ़ीकरण, राजकीय पशु अस्पताल जंगीगंज में ध्वस्त बाउंड्रीवाल निर्माण, शौचालय, आवास, बाहा सफाई, अमृत सरोवर के अधूरे कार्य पूरा करने, नये तालाबों को प्राथमिकता देने तमाम कार्ययोजना को लेकर प्रस्ताव रखा गया।

जिसपर सर्वसम्मिति से मुहर लगाते हुए लगभग 300 करोड़ की कार्ययोजना पर मुहर लगाई गई। डेढ़ माह बीतने के बाद भी अब तक इन कार्ययोजनाओं की फाइल आगे नहीं बढ़ सकी है।

जिससे तमाम गांवों में कई विकास कार्यों को गति नहीं मिल सकी है। ब्लाक खंड अधिकारी धनराज कोटार्य ने बताया कि बैठक में प्राप्त लगभग तीन सौ करोड़ की कार्य योजनाओं की स्वीकृति के लिए आगे भेजा गया। जैसे-जैसे कार्ययोजनाओं की स्वीकृति मिलेगी। वैसे-वैसे कार्य कराए जाएंगे।

*जिला चिकित्सालय का बदलेगा स्वरूप, जर्जर भवनों की होगी मरम्मत*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही । हर महीने दो से ढाई लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाला महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय का स्वरूप बदलने की कवायद शुरु हो गई है। जिला चिकित्सालय की सड़कें आरसीसी होंगी और इंटरलॉकिंग कराई जाएगी। साथ ही जर्जर भवनों की मरम्मत होगी। इसको लेकर जिला चिकित्सालय के अवसर अभियंता मालवर सिंह व सीएमएस डाॅ. राजेंद्र कुमार ने चिकित्सालय परिसर का निरीक्षण किया।

जिला चिकित्सालय में हर रोज 800-900 मरीजों को ओपीडी होती है। परिसर में मुख्य गेट के सामने मार्ग काफी खराब है। यहां पर इंटरलॉकिंग कराया जाएगा। इसके साथ ही लेबर कक्ष बगल और दवा काउंटर के सामने खाली जमीन को भी आरसीसी कराया जाएगा। इसके अलावा इमरजेंसी के पीछे और ऑक्सीजन प्लांट के सामने, इमरजेंसी के बगल में पानी टंकी के पास इंटरलॉकिंग का कार्य कराया जाएगा। एक्स-रे कक्ष सामने इंटरलॉकिंग का कार्य होगा। इसके साथ ही एक्स-रे कक्ष भवन और ब्लड बैंक भवन की मरम्मत होगी।

तेज बारिश होने पर ब्लड बैंक के छत से पानी टपकने लगता है।सीएमएस डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के बाद जिला चिकित्सालय में प्रमुख जगहों को चिह्नित कर वहां सुविधाओं के विस्तार की योजना तैयार की गई है। रिपोर्ट के आधार पर प्राप्त धनराशि से मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। बातया कि जेई खुद रिपोर्ट लेकर लखनऊ रवाना हुए हैं। इससे जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें

*22 हजार गाेवंश को लगा लंपी वायरस का टीका*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पशुओं के वायरस जनित बीमारी लंपी रोग को लेकर विभागीय अधिकारी सजग हैं। जिले में अब तक 22 हजार पशुओं को लंपी वायरस का टीका लगाया जा चुका है। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक पशुपालन विभाग बड़े स्तर पर अभियान चलाकर पशुओं को लंपी वायरस का टीका लगा रहा है। खास बात है कि अब जिले में एक भी पशुओं की मौत लंपी वायरस के कारण नहीं हुई है।

जिले में तकरीबन पौन तीन लाख के आसपास गोवंश है। इनकी निगरानी पशुपालन विभाग के जिम्मे हैं। पश्चिमी प्रदेशों में लंपी वायरस के कहर के बाद शासन स्तर से जिले में अभियान चलाकर पशुओं को लंपी जैसी बीमारी से बचाने के लिए टीका लगाए जाने का निर्देश दिया गया। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने बड़े स्तर पर अभियान चलाकर पशुओं को लंपी वायरस का टीका लगाया।

पशुपालन विभाग के अनुसार लंपी वायरस को पहचाने का सबसे बड़ा लक्षण है कि गोवंश के शरीर में दाना निकलना। हाथ, पैर में सुजन आना इत्यादि है। विभाग के अनुसार ज्ञानपुर, भिदिऊरा, जोरई, आनापुर, कौलापुर, कांवल, मोढ़, कस्तुरीपुर, देईपुर आदि गांवों की पड़ताल की गयी। यहां पर लंपी वायरस का कोई असर नहीं देखा गया। इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों में जांच-पड़ताल की गई। हालांकि जिले में अब तक लंपी वायरस के पीड़ित पशु काफी कम देखे गए।

प्रभारी सीवीओ डाॅ. राजेश उपाध्याय ने बताया कि 22 हजार गोवंश को लंपी वायरस का टीका लगाया जा चुका है। 4000 टीका अभी शेष है। गोवंश के बांधने के स्थान पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखें। इसे कई बीमारियों से उन्हें बचाया जा सकता है।

*सजी मिठाई की दुकानें*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। रक्षाबंधन पर्व के दिन भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद बहनें मुंह मीठा कराती है। ऐसे में मिठाइयों की दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड है‌। दुकानदार विजय मोदनवाल ने कहा कि इस वर्ष बर्फ,मगदल, लड्डू, छेना, के अलावा सूखी मिठाइयों की अधिक डिमांड है। बाजार में एक सौ से लेकर एक हजार रुपए किलो तक मिठाइयां जमकर बिकी।

*महिलाओं को ब्रेसलेट तो बच्चों को भाग रही म्यूजिकल राखी*


31 अगस्त को भाइयों की कलाई में राखी बांधे बहनें

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बाजार रक्षाबंधन से सज चुके हैं और खरीदारी हो भी रही है। एक से बढ़कर एक राखियां इस बार बाजार में आई है। कुंदन ब्रेसलेट वाली राखियां खूब पसंद की जा रही है। बाजार में 10 रुपए से 300 रुपए तक राखियां उपलब्ध है। कुछ लोग चांदी की राखी भी बनवा रहें हैं। बाजारों में राखी की उमंग शुरू हो गई है। बाजार में राखी की दुकानों पर राखी और आकर्षक डोर आए हैं। भाईयों की कलाई पर बहनें राखी बांधने के लिए बेहतरीन राखियां खरीदने के लिए बाजार में पहुंच रही हैं। विभिन्न प्रकार की राखियों के चलते बाजार गुलजार हो ग‌ए है।

लोगों में बढ़ते क्रेज से व्यापारी भी उत्साहित हैं। यही वजह है कि इस बार एक से बढ़कर एक राखियां बाजार में आई है। बाजार में राखियां 10 रुपए में डोरा राखी आई है। डोर की कीमत 100 रुपए तक है। चंदन,सदल आदि खुशबु वाले डोरे उपलब्ध है। बच्चों में म्यूजिकल राखी की मांग की है। इस राठी में बटन दबाते ही गाना बजता है। इसकी कीमत 100 से 150 रुपए तक है। बच्चे इसे काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा अलग-अलग वैरायटी को 300 तक की राखियां उपलब्ध है। चांद की राखियां भी महिलाएं खरीद रहीं हैं।‌ इसके अलावा बच्चों में डोरोमान, छोटा भीम,मोगली कार्टून रुपी राखियां आज भी बच्चों का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

ज्ञानपुर, गोपीगंज, सुरियावां, भदोही, सहित अन्य बाजारों में दुकानें सज चुकी है। आचार्य संतोष महाराज ने बताया कि 31 अगस्त को सिद्धयोग में रक्षाबंधन पर्व मनाना उचित होगा। इस बार सावन पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर लग रहा है और उसी समय भद्रा भी लग रहा है,जो रात्रि 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। 30 अगस्त दिन बुधवार को रात्रि 09 से रात्रि 11 बजे तक राखी बांधने का मुहूर्त उत्तम रहेगा और 31 अगस्त को सुबह पांच बजे से सात बजकर 50 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है क्योंकि 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक पूर्णिमा है।

उदया तिथि के अनुसार राखी 31 अगस्त को दिनभर बांधी जाती सकती है। सभी पंचांगों में एक मत से भद्रांते रक्षा बंधमन वर्णित हैं। इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक मनाना श्रेयस्कर होगा। सबको कोशिश करनी चाहिए कि इस मुहूर्त में ही यह पर्व मना लें। सभी बहनें इस मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर राखी बांधे।

*31 अगस्त को भाइयों की कलाई में राखी बांधे बहनें, जानिये कब है शुभ मुहूर्त*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। आगामी रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर बहनों व भाईयों ने भले ही तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन त्यौहार को लेकर इस बार अब तक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। भद्रा के कारण उत्पन्न हुए इस विकट समस्या को लेकर रक्षाबंधन त्योहार 30 या 31 अगस्त तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार इस दिन दो तिथियों के बीच उलझा हुआ है। त्योहार को लेकर भाई व बहन की तरफ भी तैयारी शुरू कर दी गई है। बहनें जहां डिजाइनर राखियां खरीद रहीं हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार देने के लिए तरह-तरह के गिफ्ट आइटम देख रहे हैं। इस बीच भद्रा तिथि के कारण त्योहार को लेकर असमंजस है।

 दरअसल सावन मास की पूर्णिमा 30 अगस्त को दिन में सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो रही है। पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में रक्षाबंधन 30 अगस्त को ही होना चाहिए, लेकिन 30 अगस्त को भद्रा दिन में 10 बजकर 13 मिनट से लेकर रात में 8 बजकर 58 मिनट तक लग रहा है। भद्रा काल में रक्षाबंधन का पर्व मनाया अशुभ माना जाता है। रात्रि काल में रक्षाबंधन पर्व मनाना कभी भी उचित नहीं है। अतः 31 अगस्त को उदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में ही रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस असमंजस को देखते हुए आचार्य संतोष महाराज ने बताया कि 31 अगस्त को सिद्धयोग में रक्षाबंधन पर्व मनाना उचित होगा। 

इस बार सावन पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर लग रहा है और उसी समय भद्रा भी लग रहा है,जो रात्रि 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। 30 अगस्त दिन बुधवार को रात्रि 09 से रात्रि 11 बजे तक राखी बांधने का मुहूर्त उत्तम रहेगा और 31 अगस्त को सुबह पांच बजे से सात बजकर 50 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है क्योंकि 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक पूर्णिमा है।

 उदया तिथि के अनुसार राखी 31 अगस्त को दिनभर बांधी जाती सकती है। सभी पंचांगों में एक मत से भद्रांते रक्षा बंधमन वर्णित हैं। इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक मनाना श्रेयस्कर होगा। सबको कोशिश करनी चाहिए कि इस मुहूर्त में ही यह पर्व मना लें। सभी बहनें इस मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर राखी बांधे।

*खोए हुए 17 लाख रुपये के 101 मोबाइल बरामद, लोगों को सौंपा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पुलिस लाईन सभागार में जनपद पुलिस ने 17 लाख रुपये की कीमत 101 मोबाइल फोन बरामद किए हैं ।जिसके बाद उनके मालिकों को दे दिए गये है।

पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि जिले में लगातार मोबाइल चोरी या गिरने की शिकायतें मिल रही थीं।

जिसके लिए पुलिस और सर्विलांस की एक टीम गठित की गई थी।सर्विलांस के जरिए खोए फोन को तलाशा जा रहा था।पुलिस ने सर्विलांस के जरिए 17 लाख रुपये की कीमत 101 मोबाइल फोन ढूंढ निकाले। इसके बाद सभी फोन उनके असल मालिकों को सौंप दिया गया।

अपने खोए फोन को पाकर लोगों के चेहरे खिल उठे। मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में पहुंचे मोबाइल मालिकों ने कहा कि मोबाइल गुम होने के बाद हम लोगों ने मोबाइल फिर से मिलने की उम्मीद तक छोड़ दी थी।

पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि कुछ मोबाइल लोगों की गलतियों से गुम हो गए थे , जिन्हें पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से मोबाइल खोजकर लोगों को सौंपा है।

एसपी ने आम नागरिकों से अपील की है कि अपने मोबाइल को सम्हाल कर रखें यदि गुम या चोरी होती है तो तत्काल दस्तावेज के साथ थाना जाकर सूचना दें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मोबाइल बरामद की करने वाली टीम को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

*बसें ही नहीं तो रक्षाबंधन पर कैसे होगी मुक्त यात्रा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। रक्षाबंधन पर्व पर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष भी बहनों को तोहफा दिया है। 

बहनें रोडवेज बसों में 30 अगस्त की रात 12 बजे से 31 अगस्त की रात 12 बजे तक निःशुल्क यात्रा का लाभ उठा सकेंगी। जिले में बसों की कमी के कारण शासन स्तर से मिलने वाली इस सुविधा का कम ही बहनें लाभ उठा पाएंगी। जिले में वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर के केवल एक बस चलती है,जो त्योहार की भीड़ को देखते हुए नाकाफी है।

 इस बार रक्षाबंधन का पर्व 30 व 31 अगस्त के बीच पड़ रहा है। इसे लेकर बहनों व भाईयों की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। इस पर्व पर सरकार ने भी बहनों को त्योहार के दिन निशुल्क बस यात्रा का तोहफा दिया है। 

ऐसे में जिले में वाराणसी - प्रयागराज हाईवे पर औराई बस स्टेशन से वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, जौनपुर, कौशांबी चंदौली,महेवा,घाट,आगरा, सोनभद्र भदोही स्टेशन से जौनपुर विंध्याचल, भदोही वाया लखनऊ, कानपुर तक बसों का आवागमन होता है। 

हालांकि जिले में रोडवेज की दुर्दशा के कारण महिलाओं या बहनों को इसका लाभ कम ही देखने को मिलता है। ज्ञानपुर के दुर्गागंज रोड तिराहा स्थित करोड़ा का स्टेशन डग्गामार वाहनों की चपेट आ चुका है। जहां बमुश्किल एक से दो बसों दिन में आती होगी। यही हाल भदोही रोडवेज स्टेशन का भी है।

 जहां से मिर्जापुर, प्रयागराज, जौनपुर, जैसे जिलों के लिए बसों को जोड़ा गया था, लेकिन स्थित यह है कि यहां आने वाले रोडवेज पांच मिनट खड़ी होकर आगे बढ़ जाती है।

 हालांकि हाईवे पर होने के कारण औराई रोडवेज स्टेशन पर रोडवेज का ठहराव होता है। एआर‌एम वाराणसी परिक्षेत्र गौतम कुमार ने बताया कि वाराणसी - भदोही वाया मिर्जापुर एटा बस चलाया जाता है। वहीं हाईवे पर कैट डिपो की 40 रोडवेज बस चलती है।

*डेढ़ दशक से शोपीस बनी चार करोड़ की पेयजल टंकी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बिन बिजली भी घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने की मुहिम पूरी नहीं हो सकी। पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत करीब डेढ़ दशक पूर्व चार करोड़ की स्वीकृ़त पेयजल टंकी आज भी पूर्ण नहीं हो सकी है।

दो विभागों के चक्कर में आम जन को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।ज्ञानपुर नगर के 11 वार्ड में करीब 25 हजार की आबादी है। पेयजल आपूर्ति के लिए करीब ढाई दशक पूर्व विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज के सामने टंकी की स्थापना की गई है। बिजली कटने पर वहां से आपूर्ति ठप हो जाती है। साल 2008 में चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता के प्रयास से पेयजल पुनर्गठन योजना में चार करोड़ की टंकी स्वीकृत हुई। इसकी खासियत यह थी कि बिजली न रहने पर भी घरों में पानी की सप्लाई जारी रहती।

ज्ञानपुर नगर के वार्ड एक में इसका निर्माण कार्यदायी संस्था जल निगम ने शुरू कराया। करीब एक साल बाद ही आधा अधूरा काम होने के बाद आगे नहीं बढ़ सका। धीरे-धीरे 15 साल गुजर गए, लेकिन आज तक उससे घरों में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी।

इसको लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक परियोजना अपना मूर्त रूप नहीं ले सकी।चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता ने बताया कि 2012 तक उन्होंने निगरानी की, लेकिन उसके बाद व्यवस्था चौपट हो गई। अधिकारियों से मिलकर उसे पूर्ण कराने के लिए कहा गया है।

वर्जन

- कार्यदायी संस्था जल निगम ने अभी तक हैंडओवर नहीं किया है। जिससे उसका संचालन शुरू नहीं हो सका है। पूर्ण रूप से पाइपलाइन भी नहीं बिछ सकी है।- राजेंद्र दूबे, ईओ ज्ञानपुर

पंप से कुछ मोहल्लों में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

भूमि विवाद में करीब पांच से छह साल तक काम नहीं आगे बढ़ सका। डीएम के निर्देश पर तकनीकी टीम ने जांच की है। परियोजना पूर्ण करने के लिए डेढ़ करोड़ बजट की मांग की गई है। बजट मिलने पर कार्य पूर्ण कर जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।- विवेक मौर्य, जेई जल निगम