*सजी मिठाई की दुकानें*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। रक्षाबंधन पर्व के दिन भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद बहनें मुंह मीठा कराती है। ऐसे में मिठाइयों की दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड है‌। दुकानदार विजय मोदनवाल ने कहा कि इस वर्ष बर्फ,मगदल, लड्डू, छेना, के अलावा सूखी मिठाइयों की अधिक डिमांड है। बाजार में एक सौ से लेकर एक हजार रुपए किलो तक मिठाइयां जमकर बिकी।

*महिलाओं को ब्रेसलेट तो बच्चों को भाग रही म्यूजिकल राखी*


31 अगस्त को भाइयों की कलाई में राखी बांधे बहनें

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बाजार रक्षाबंधन से सज चुके हैं और खरीदारी हो भी रही है। एक से बढ़कर एक राखियां इस बार बाजार में आई है। कुंदन ब्रेसलेट वाली राखियां खूब पसंद की जा रही है। बाजार में 10 रुपए से 300 रुपए तक राखियां उपलब्ध है। कुछ लोग चांदी की राखी भी बनवा रहें हैं। बाजारों में राखी की उमंग शुरू हो गई है। बाजार में राखी की दुकानों पर राखी और आकर्षक डोर आए हैं। भाईयों की कलाई पर बहनें राखी बांधने के लिए बेहतरीन राखियां खरीदने के लिए बाजार में पहुंच रही हैं। विभिन्न प्रकार की राखियों के चलते बाजार गुलजार हो ग‌ए है।

लोगों में बढ़ते क्रेज से व्यापारी भी उत्साहित हैं। यही वजह है कि इस बार एक से बढ़कर एक राखियां बाजार में आई है। बाजार में राखियां 10 रुपए में डोरा राखी आई है। डोर की कीमत 100 रुपए तक है। चंदन,सदल आदि खुशबु वाले डोरे उपलब्ध है। बच्चों में म्यूजिकल राखी की मांग की है। इस राठी में बटन दबाते ही गाना बजता है। इसकी कीमत 100 से 150 रुपए तक है। बच्चे इसे काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा अलग-अलग वैरायटी को 300 तक की राखियां उपलब्ध है। चांद की राखियां भी महिलाएं खरीद रहीं हैं।‌ इसके अलावा बच्चों में डोरोमान, छोटा भीम,मोगली कार्टून रुपी राखियां आज भी बच्चों का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

ज्ञानपुर, गोपीगंज, सुरियावां, भदोही, सहित अन्य बाजारों में दुकानें सज चुकी है। आचार्य संतोष महाराज ने बताया कि 31 अगस्त को सिद्धयोग में रक्षाबंधन पर्व मनाना उचित होगा। इस बार सावन पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर लग रहा है और उसी समय भद्रा भी लग रहा है,जो रात्रि 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। 30 अगस्त दिन बुधवार को रात्रि 09 से रात्रि 11 बजे तक राखी बांधने का मुहूर्त उत्तम रहेगा और 31 अगस्त को सुबह पांच बजे से सात बजकर 50 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है क्योंकि 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक पूर्णिमा है।

उदया तिथि के अनुसार राखी 31 अगस्त को दिनभर बांधी जाती सकती है। सभी पंचांगों में एक मत से भद्रांते रक्षा बंधमन वर्णित हैं। इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक मनाना श्रेयस्कर होगा। सबको कोशिश करनी चाहिए कि इस मुहूर्त में ही यह पर्व मना लें। सभी बहनें इस मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर राखी बांधे।

*31 अगस्त को भाइयों की कलाई में राखी बांधे बहनें, जानिये कब है शुभ मुहूर्त*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। आगामी रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर बहनों व भाईयों ने भले ही तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन त्यौहार को लेकर इस बार अब तक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। भद्रा के कारण उत्पन्न हुए इस विकट समस्या को लेकर रक्षाबंधन त्योहार 30 या 31 अगस्त तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार इस दिन दो तिथियों के बीच उलझा हुआ है। त्योहार को लेकर भाई व बहन की तरफ भी तैयारी शुरू कर दी गई है। बहनें जहां डिजाइनर राखियां खरीद रहीं हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार देने के लिए तरह-तरह के गिफ्ट आइटम देख रहे हैं। इस बीच भद्रा तिथि के कारण त्योहार को लेकर असमंजस है।

 दरअसल सावन मास की पूर्णिमा 30 अगस्त को दिन में सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो रही है। पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में रक्षाबंधन 30 अगस्त को ही होना चाहिए, लेकिन 30 अगस्त को भद्रा दिन में 10 बजकर 13 मिनट से लेकर रात में 8 बजकर 58 मिनट तक लग रहा है। भद्रा काल में रक्षाबंधन का पर्व मनाया अशुभ माना जाता है। रात्रि काल में रक्षाबंधन पर्व मनाना कभी भी उचित नहीं है। अतः 31 अगस्त को उदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में ही रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस असमंजस को देखते हुए आचार्य संतोष महाराज ने बताया कि 31 अगस्त को सिद्धयोग में रक्षाबंधन पर्व मनाना उचित होगा। 

इस बार सावन पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर लग रहा है और उसी समय भद्रा भी लग रहा है,जो रात्रि 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। 30 अगस्त दिन बुधवार को रात्रि 09 से रात्रि 11 बजे तक राखी बांधने का मुहूर्त उत्तम रहेगा और 31 अगस्त को सुबह पांच बजे से सात बजकर 50 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है क्योंकि 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक पूर्णिमा है।

 उदया तिथि के अनुसार राखी 31 अगस्त को दिनभर बांधी जाती सकती है। सभी पंचांगों में एक मत से भद्रांते रक्षा बंधमन वर्णित हैं। इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट तक मनाना श्रेयस्कर होगा। सबको कोशिश करनी चाहिए कि इस मुहूर्त में ही यह पर्व मना लें। सभी बहनें इस मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर राखी बांधे।

*खोए हुए 17 लाख रुपये के 101 मोबाइल बरामद, लोगों को सौंपा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पुलिस लाईन सभागार में जनपद पुलिस ने 17 लाख रुपये की कीमत 101 मोबाइल फोन बरामद किए हैं ।जिसके बाद उनके मालिकों को दे दिए गये है।

पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि जिले में लगातार मोबाइल चोरी या गिरने की शिकायतें मिल रही थीं।

जिसके लिए पुलिस और सर्विलांस की एक टीम गठित की गई थी।सर्विलांस के जरिए खोए फोन को तलाशा जा रहा था।पुलिस ने सर्विलांस के जरिए 17 लाख रुपये की कीमत 101 मोबाइल फोन ढूंढ निकाले। इसके बाद सभी फोन उनके असल मालिकों को सौंप दिया गया।

अपने खोए फोन को पाकर लोगों के चेहरे खिल उठे। मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में पहुंचे मोबाइल मालिकों ने कहा कि मोबाइल गुम होने के बाद हम लोगों ने मोबाइल फिर से मिलने की उम्मीद तक छोड़ दी थी।

पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि कुछ मोबाइल लोगों की गलतियों से गुम हो गए थे , जिन्हें पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से मोबाइल खोजकर लोगों को सौंपा है।

एसपी ने आम नागरिकों से अपील की है कि अपने मोबाइल को सम्हाल कर रखें यदि गुम या चोरी होती है तो तत्काल दस्तावेज के साथ थाना जाकर सूचना दें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मोबाइल बरामद की करने वाली टीम को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

*बसें ही नहीं तो रक्षाबंधन पर कैसे होगी मुक्त यात्रा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। रक्षाबंधन पर्व पर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष भी बहनों को तोहफा दिया है। 

बहनें रोडवेज बसों में 30 अगस्त की रात 12 बजे से 31 अगस्त की रात 12 बजे तक निःशुल्क यात्रा का लाभ उठा सकेंगी। जिले में बसों की कमी के कारण शासन स्तर से मिलने वाली इस सुविधा का कम ही बहनें लाभ उठा पाएंगी। जिले में वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर के केवल एक बस चलती है,जो त्योहार की भीड़ को देखते हुए नाकाफी है।

 इस बार रक्षाबंधन का पर्व 30 व 31 अगस्त के बीच पड़ रहा है। इसे लेकर बहनों व भाईयों की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। इस पर्व पर सरकार ने भी बहनों को त्योहार के दिन निशुल्क बस यात्रा का तोहफा दिया है। 

ऐसे में जिले में वाराणसी - प्रयागराज हाईवे पर औराई बस स्टेशन से वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, जौनपुर, कौशांबी चंदौली,महेवा,घाट,आगरा, सोनभद्र भदोही स्टेशन से जौनपुर विंध्याचल, भदोही वाया लखनऊ, कानपुर तक बसों का आवागमन होता है। 

हालांकि जिले में रोडवेज की दुर्दशा के कारण महिलाओं या बहनों को इसका लाभ कम ही देखने को मिलता है। ज्ञानपुर के दुर्गागंज रोड तिराहा स्थित करोड़ा का स्टेशन डग्गामार वाहनों की चपेट आ चुका है। जहां बमुश्किल एक से दो बसों दिन में आती होगी। यही हाल भदोही रोडवेज स्टेशन का भी है।

 जहां से मिर्जापुर, प्रयागराज, जौनपुर, जैसे जिलों के लिए बसों को जोड़ा गया था, लेकिन स्थित यह है कि यहां आने वाले रोडवेज पांच मिनट खड़ी होकर आगे बढ़ जाती है।

 हालांकि हाईवे पर होने के कारण औराई रोडवेज स्टेशन पर रोडवेज का ठहराव होता है। एआर‌एम वाराणसी परिक्षेत्र गौतम कुमार ने बताया कि वाराणसी - भदोही वाया मिर्जापुर एटा बस चलाया जाता है। वहीं हाईवे पर कैट डिपो की 40 रोडवेज बस चलती है।

*डेढ़ दशक से शोपीस बनी चार करोड़ की पेयजल टंकी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बिन बिजली भी घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने की मुहिम पूरी नहीं हो सकी। पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत करीब डेढ़ दशक पूर्व चार करोड़ की स्वीकृ़त पेयजल टंकी आज भी पूर्ण नहीं हो सकी है।

दो विभागों के चक्कर में आम जन को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।ज्ञानपुर नगर के 11 वार्ड में करीब 25 हजार की आबादी है। पेयजल आपूर्ति के लिए करीब ढाई दशक पूर्व विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज के सामने टंकी की स्थापना की गई है। बिजली कटने पर वहां से आपूर्ति ठप हो जाती है। साल 2008 में चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता के प्रयास से पेयजल पुनर्गठन योजना में चार करोड़ की टंकी स्वीकृत हुई। इसकी खासियत यह थी कि बिजली न रहने पर भी घरों में पानी की सप्लाई जारी रहती।

ज्ञानपुर नगर के वार्ड एक में इसका निर्माण कार्यदायी संस्था जल निगम ने शुरू कराया। करीब एक साल बाद ही आधा अधूरा काम होने के बाद आगे नहीं बढ़ सका। धीरे-धीरे 15 साल गुजर गए, लेकिन आज तक उससे घरों में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी।

इसको लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक परियोजना अपना मूर्त रूप नहीं ले सकी।चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता ने बताया कि 2012 तक उन्होंने निगरानी की, लेकिन उसके बाद व्यवस्था चौपट हो गई। अधिकारियों से मिलकर उसे पूर्ण कराने के लिए कहा गया है।

वर्जन

- कार्यदायी संस्था जल निगम ने अभी तक हैंडओवर नहीं किया है। जिससे उसका संचालन शुरू नहीं हो सका है। पूर्ण रूप से पाइपलाइन भी नहीं बिछ सकी है।- राजेंद्र दूबे, ईओ ज्ञानपुर

पंप से कुछ मोहल्लों में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

भूमि विवाद में करीब पांच से छह साल तक काम नहीं आगे बढ़ सका। डीएम के निर्देश पर तकनीकी टीम ने जांच की है। परियोजना पूर्ण करने के लिए डेढ़ करोड़ बजट की मांग की गई है। बजट मिलने पर कार्य पूर्ण कर जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।- विवेक मौर्य, जेई जल निगम

*रेलवे लाइन के किनारे बनेंगे सेफ्टी स्टील डिवाइडर, रुकेगा हादसा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे की संयुक्त संरक्षा कमेटी ने रेल खंड के किनारे सेफ्टी डिवाइडर बनाने का निर्णय लिया है। 275 किमी के दायरे में बनने वाले सेफ्टी स्टील डिवाइडर से हादसों में कमी आएगी। इसके अलावा ट्रेनें सीआरओ व एमआरओ से मुक्त होकर रफ्तार भर सकेंगी। रेलवे बोर्ड ने 220 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर इसकी जिम्मेदारी उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को सौंपी है।

पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे के रेल खंडों पर सेफ्टी डिवाइडर न होने के कारण अक्सर ट्रैक पर दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। खुले रेल खंड पर मानव सहित छुट्टा पशु पहुंच जाते हैं। जिससे कई बार बड़ी दुर्घटनाएं होते-होते बचती हैं। बीते आठ सालों से विभिन्न रेल मंडलों पर चल रहे दोहरीकरण व आधुनिकीकरण कार्य के कारण ट्रैकों का विस्तार हुआ है।

अब तक पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के अधीन वाराणसी, लखनऊ और इज्जतनगर रेल मंडल के रेल खंड पर लगभग 70 फीसदी दोहरीकरण, विद्युतीकरण योजना के तहत कार्य पूरे हो चुके हैं।

इसके बावजूद ट्रेनें अपनी वास्तविक रफ्तार नहीं पकड़ पा रही, क्योंकि रेल खंडों के किनारे सेफ्टी डिवाइडर न होने के कारण पालतू, छु्ट्टा, जंगली पशु के अलावा आम लोग भी जहां-तहां रेलवे परिचालन में बाधा बनते हैं।

रेलवे ट्रैक पर होने वाले दुर्घटनाओं के कारण कई बार परिचालन व्यवस्था घंटों बाधित हो जाती है। इन रेल खंडों पर बाधा रहित ट्रेनों के परिचालन व दुर्घटनाओं की आशंका को कम करने के लिए पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे की संयुक्त संरक्षा कमेटी ने सेफ्टी स्टील डिवाइडर बनवाने का निर्णय लिया है।

होते-होते बचे हैं बड़े हादसे

डिवाइडर विहीन रेल खंडों पर अक्सर पशुओं के पहुंचने के कारण बड़े हादसे होते-होते बचे हैं। दो दिन पहले ही ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन के पास शिवगंगा ट्रेन से कटकर तीन खच्चरों की मौत हो गई।

वहीं पशु का मलबा इंजन में फंस गया। इससे बड़ी दुर्घटना होते-होते बची। इसी तरह दो महीने पहले वाराणसी-प्रयागराज रेलखंड पर अहिमनपुर के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से 98 भेड़ों की मौत हो गई थी। ऐसी घटनाओं को लेकर रेलवे की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हुए।

*भदोही के ऐतिहासिक चकवा महाबीर मंदिर और मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पवित्र सावन माह के आखिरी मंगलवार(बुढ़वा मंगल) को चकवा महावीर मंदिर में आस्थावानो का सैलाब उमड़ पड़ा। ऐतिहासिक बुढ़वा मंगल मेले में हजारों भक्तों ने चकवा महावीर मंदिर में विराजमान बजरंगबली की विधि विधान से पूजा अर्चना की।

संकट मोचन को भक्तों ने हलवा पूड़ी, लड्डू चढ़ा कर सुखद जीवन की कामना की। चकवा मंदिर महावीर में भोर से ही भक्तों की लंबी कतार लग गई थी। हाथ में पूजा सामग्री लिए कतारबद्ध श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते रहे ।पवनसुत के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा।हालांकि भीड़ अधिक होने के चलते श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कड़ी बैरीकेडिंग की गई थी।

मंदिर के आसपास सहित तालाब के चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ खचाखच भरी रही। मेला परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की तैनाती चप्पे-चप्पे पर बनी रही।जिला पुलिस प्रशासन की ओर से समूचे मेला क्षेत्र में पुलिस की तगड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की निगहबानी रही ।

बताते चलें कि सावन के अंतिम मंगलवार बुढ़वा मंगल को चकवा महावीर मंदिर में विराजमान अंजनी के लाल का भव्य श्रृंगार किया जाता है ।मारुति नंदन के दर्शन पूजन के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहा ।भोर से शुरू हुआ पूजा पाठ का क्रम देर शाम तक चलता रहा ।

मेले में फल, मिठाई, लड्डू,चोटहिया जलेबी, चाट-फुलकी के अलावा घरेलू उपयोग के सामान चौका-बेलन, चिमटा, और सौन्दर्य प्रसाधन की दुकानें लगी थी । बच्चों ने रंग -बिरंगे खिलौने खरीदने के साथ ही झूले का भरपूर आनंद उठाया। मेले मे सजी सभी दुकानों पर युवाओं- महिलाओं की भीड़ लगी रही ।

दूर दराज से मेले में आई महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन गृहस्थी के सामानों की खरीदारी की। मेले में लगे बड़े बड़े झूले आकर्षक का केंद्र बने रहे ।समय की गति के साथ मेले में मेलार्थियों की भीड़ बढ़ती गई ।मेले में चारों तरफ हंसी खुशी का माहौल बना रहा।कई स्थानों पर अखंड कीर्तन का भी आयोजन किया गया था।

*वक्त से पहले भाइयों तक डाक से पहुंच रही रक्षा की डोर*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- भाई व बहन के अटूट प्रेम के महापर्व रक्षाबंधन को लेकर डाक विभाग ने इस साल तैयारियां की है। रिश्तों को डोर को मजबूत करने के लिए विभाग ने राखियों को समय पर पहुंचाने का काम किया है। उधर ,पर्व को लेकर बाजार में रंग बिरंगी राखियों की दुकानें सज गई है।

शहर के स्टेशन रोड स्थित भदोही डाक के मास्टर मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि भाई व बहन के अनन्य प्रेम के पर्व को लेकर विभाग की ओर से करीब एक माह पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी। गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा,गोवा समेत देश के समस्त प्रांतों में रहने वाले कालीन नगरी के भ‌ईयों की कलाई सुनी न रह जाए, ऐसे में समय पर राखी को भेजने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक देश में छह सौ से अधिक राखियां बहनों भाईयों को भेजने को काम डाक के जरिए किया है। इसके अलावा अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड आदि मुल्कों में 20 से अधिक राखी भेजी है। दावा किया कि हर हाल में 30 अगस्त के पहले राखियों को पहुंचाने का काम करेंगे।

*अनुप्रिया पटेल बोलीं- 2024 में फिर बनेगी एनडीए की सरकार, भाजपा-अपना दल गठबंधन को जनता कर रही पसंद*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भदोही पहुंची। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में एनडीए को सबसे बड़ी ताकत यूपी से मिलेगी। भाजपा और अपना दल पुराने सहयोगी हैं। जनता भी इस गठबंधन को पसंद कर रही है। सरकार की कल्याणकारी जो योजनाएं हैं। इसकी वजह से लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत होगी।

भदोही में एक चैरिटेबल संस्था के ब्लड बैंक का उद्घाटन करने अनुप्रिया पटेल पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन के जो कार्य हैं, जनता उन कार्यो की सराहना कर रही है। आज एक आम गरीब व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आया है। पूरे देश में आज इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़े पैमाने पर विकास हुआ है और हम चांद की यात्रा करके अभी-अभी हम लौटे हैं। इन कार्यों को देखते हुए आने वाले चुनाव में एनडीए फिर सरकार बनाएगी।

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार गरीबों तक बेहतर तरीके से तमाम योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। हर वर्ग के लोग सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में निर्यात बढ़ाने को लेकर बेहतर प्लान बनाया जा रहा है। स्थानीय उत्पादन में वैल्यू एडिशन कर उन्हें निर्यात के लिए उपयुक्त बनाया जा रहा है।