*रेलवे लाइन के किनारे बनेंगे सेफ्टी स्टील डिवाइडर, रुकेगा हादसा*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे की संयुक्त संरक्षा कमेटी ने रेल खंड के किनारे सेफ्टी डिवाइडर बनाने का निर्णय लिया है। 275 किमी के दायरे में बनने वाले सेफ्टी स्टील डिवाइडर से हादसों में कमी आएगी। इसके अलावा ट्रेनें सीआरओ व एमआरओ से मुक्त होकर रफ्तार भर सकेंगी। रेलवे बोर्ड ने 220 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर इसकी जिम्मेदारी उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को सौंपी है।
पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे के रेल खंडों पर सेफ्टी डिवाइडर न होने के कारण अक्सर ट्रैक पर दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। खुले रेल खंड पर मानव सहित छुट्टा पशु पहुंच जाते हैं। जिससे कई बार बड़ी दुर्घटनाएं होते-होते बचती हैं। बीते आठ सालों से विभिन्न रेल मंडलों पर चल रहे दोहरीकरण व आधुनिकीकरण कार्य के कारण ट्रैकों का विस्तार हुआ है।
अब तक पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के अधीन वाराणसी, लखनऊ और इज्जतनगर रेल मंडल के रेल खंड पर लगभग 70 फीसदी दोहरीकरण, विद्युतीकरण योजना के तहत कार्य पूरे हो चुके हैं।
इसके बावजूद ट्रेनें अपनी वास्तविक रफ्तार नहीं पकड़ पा रही, क्योंकि रेल खंडों के किनारे सेफ्टी डिवाइडर न होने के कारण पालतू, छु्ट्टा, जंगली पशु के अलावा आम लोग भी जहां-तहां रेलवे परिचालन में बाधा बनते हैं।
रेलवे ट्रैक पर होने वाले दुर्घटनाओं के कारण कई बार परिचालन व्यवस्था घंटों बाधित हो जाती है। इन रेल खंडों पर बाधा रहित ट्रेनों के परिचालन व दुर्घटनाओं की आशंका को कम करने के लिए पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे की संयुक्त संरक्षा कमेटी ने सेफ्टी स्टील डिवाइडर बनवाने का निर्णय लिया है।
होते-होते बचे हैं बड़े हादसे
डिवाइडर विहीन रेल खंडों पर अक्सर पशुओं के पहुंचने के कारण बड़े हादसे होते-होते बचे हैं। दो दिन पहले ही ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन के पास शिवगंगा ट्रेन से कटकर तीन खच्चरों की मौत हो गई।
वहीं पशु का मलबा इंजन में फंस गया। इससे बड़ी दुर्घटना होते-होते बची। इसी तरह दो महीने पहले वाराणसी-प्रयागराज रेलखंड पर अहिमनपुर के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से 98 भेड़ों की मौत हो गई थी। ऐसी घटनाओं को लेकर रेलवे की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हुए।
Aug 29 2023, 13:39