*डेढ़ दशक से शोपीस बनी चार करोड़ की पेयजल टंकी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बिन बिजली भी घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने की मुहिम पूरी नहीं हो सकी। पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत करीब डेढ़ दशक पूर्व चार करोड़ की स्वीकृ़त पेयजल टंकी आज भी पूर्ण नहीं हो सकी है।

दो विभागों के चक्कर में आम जन को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।ज्ञानपुर नगर के 11 वार्ड में करीब 25 हजार की आबादी है। पेयजल आपूर्ति के लिए करीब ढाई दशक पूर्व विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज के सामने टंकी की स्थापना की गई है। बिजली कटने पर वहां से आपूर्ति ठप हो जाती है। साल 2008 में चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता के प्रयास से पेयजल पुनर्गठन योजना में चार करोड़ की टंकी स्वीकृत हुई। इसकी खासियत यह थी कि बिजली न रहने पर भी घरों में पानी की सप्लाई जारी रहती।

ज्ञानपुर नगर के वार्ड एक में इसका निर्माण कार्यदायी संस्था जल निगम ने शुरू कराया। करीब एक साल बाद ही आधा अधूरा काम होने के बाद आगे नहीं बढ़ सका। धीरे-धीरे 15 साल गुजर गए, लेकिन आज तक उससे घरों में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी।

इसको लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक परियोजना अपना मूर्त रूप नहीं ले सकी।चेयरमैन घनश्याम दास गुप्ता ने बताया कि 2012 तक उन्होंने निगरानी की, लेकिन उसके बाद व्यवस्था चौपट हो गई। अधिकारियों से मिलकर उसे पूर्ण कराने के लिए कहा गया है।

वर्जन

- कार्यदायी संस्था जल निगम ने अभी तक हैंडओवर नहीं किया है। जिससे उसका संचालन शुरू नहीं हो सका है। पूर्ण रूप से पाइपलाइन भी नहीं बिछ सकी है।- राजेंद्र दूबे, ईओ ज्ञानपुर

पंप से कुछ मोहल्लों में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

भूमि विवाद में करीब पांच से छह साल तक काम नहीं आगे बढ़ सका। डीएम के निर्देश पर तकनीकी टीम ने जांच की है। परियोजना पूर्ण करने के लिए डेढ़ करोड़ बजट की मांग की गई है। बजट मिलने पर कार्य पूर्ण कर जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।- विवेक मौर्य, जेई जल निगम

*रेलवे लाइन के किनारे बनेंगे सेफ्टी स्टील डिवाइडर, रुकेगा हादसा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे की संयुक्त संरक्षा कमेटी ने रेल खंड के किनारे सेफ्टी डिवाइडर बनाने का निर्णय लिया है। 275 किमी के दायरे में बनने वाले सेफ्टी स्टील डिवाइडर से हादसों में कमी आएगी। इसके अलावा ट्रेनें सीआरओ व एमआरओ से मुक्त होकर रफ्तार भर सकेंगी। रेलवे बोर्ड ने 220 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर इसकी जिम्मेदारी उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को सौंपी है।

पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे के रेल खंडों पर सेफ्टी डिवाइडर न होने के कारण अक्सर ट्रैक पर दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। खुले रेल खंड पर मानव सहित छुट्टा पशु पहुंच जाते हैं। जिससे कई बार बड़ी दुर्घटनाएं होते-होते बचती हैं। बीते आठ सालों से विभिन्न रेल मंडलों पर चल रहे दोहरीकरण व आधुनिकीकरण कार्य के कारण ट्रैकों का विस्तार हुआ है।

अब तक पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के अधीन वाराणसी, लखनऊ और इज्जतनगर रेल मंडल के रेल खंड पर लगभग 70 फीसदी दोहरीकरण, विद्युतीकरण योजना के तहत कार्य पूरे हो चुके हैं।

इसके बावजूद ट्रेनें अपनी वास्तविक रफ्तार नहीं पकड़ पा रही, क्योंकि रेल खंडों के किनारे सेफ्टी डिवाइडर न होने के कारण पालतू, छु्ट्टा, जंगली पशु के अलावा आम लोग भी जहां-तहां रेलवे परिचालन में बाधा बनते हैं।

रेलवे ट्रैक पर होने वाले दुर्घटनाओं के कारण कई बार परिचालन व्यवस्था घंटों बाधित हो जाती है। इन रेल खंडों पर बाधा रहित ट्रेनों के परिचालन व दुर्घटनाओं की आशंका को कम करने के लिए पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे की संयुक्त संरक्षा कमेटी ने सेफ्टी स्टील डिवाइडर बनवाने का निर्णय लिया है।

होते-होते बचे हैं बड़े हादसे

डिवाइडर विहीन रेल खंडों पर अक्सर पशुओं के पहुंचने के कारण बड़े हादसे होते-होते बचे हैं। दो दिन पहले ही ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन के पास शिवगंगा ट्रेन से कटकर तीन खच्चरों की मौत हो गई।

वहीं पशु का मलबा इंजन में फंस गया। इससे बड़ी दुर्घटना होते-होते बची। इसी तरह दो महीने पहले वाराणसी-प्रयागराज रेलखंड पर अहिमनपुर के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से 98 भेड़ों की मौत हो गई थी। ऐसी घटनाओं को लेकर रेलवे की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हुए।

*भदोही के ऐतिहासिक चकवा महाबीर मंदिर और मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पवित्र सावन माह के आखिरी मंगलवार(बुढ़वा मंगल) को चकवा महावीर मंदिर में आस्थावानो का सैलाब उमड़ पड़ा। ऐतिहासिक बुढ़वा मंगल मेले में हजारों भक्तों ने चकवा महावीर मंदिर में विराजमान बजरंगबली की विधि विधान से पूजा अर्चना की।

संकट मोचन को भक्तों ने हलवा पूड़ी, लड्डू चढ़ा कर सुखद जीवन की कामना की। चकवा मंदिर महावीर में भोर से ही भक्तों की लंबी कतार लग गई थी। हाथ में पूजा सामग्री लिए कतारबद्ध श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते रहे ।पवनसुत के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा।हालांकि भीड़ अधिक होने के चलते श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कड़ी बैरीकेडिंग की गई थी।

मंदिर के आसपास सहित तालाब के चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ खचाखच भरी रही। मेला परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की तैनाती चप्पे-चप्पे पर बनी रही।जिला पुलिस प्रशासन की ओर से समूचे मेला क्षेत्र में पुलिस की तगड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की निगहबानी रही ।

बताते चलें कि सावन के अंतिम मंगलवार बुढ़वा मंगल को चकवा महावीर मंदिर में विराजमान अंजनी के लाल का भव्य श्रृंगार किया जाता है ।मारुति नंदन के दर्शन पूजन के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहा ।भोर से शुरू हुआ पूजा पाठ का क्रम देर शाम तक चलता रहा ।

मेले में फल, मिठाई, लड्डू,चोटहिया जलेबी, चाट-फुलकी के अलावा घरेलू उपयोग के सामान चौका-बेलन, चिमटा, और सौन्दर्य प्रसाधन की दुकानें लगी थी । बच्चों ने रंग -बिरंगे खिलौने खरीदने के साथ ही झूले का भरपूर आनंद उठाया। मेले मे सजी सभी दुकानों पर युवाओं- महिलाओं की भीड़ लगी रही ।

दूर दराज से मेले में आई महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन गृहस्थी के सामानों की खरीदारी की। मेले में लगे बड़े बड़े झूले आकर्षक का केंद्र बने रहे ।समय की गति के साथ मेले में मेलार्थियों की भीड़ बढ़ती गई ।मेले में चारों तरफ हंसी खुशी का माहौल बना रहा।कई स्थानों पर अखंड कीर्तन का भी आयोजन किया गया था।

*वक्त से पहले भाइयों तक डाक से पहुंच रही रक्षा की डोर*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- भाई व बहन के अटूट प्रेम के महापर्व रक्षाबंधन को लेकर डाक विभाग ने इस साल तैयारियां की है। रिश्तों को डोर को मजबूत करने के लिए विभाग ने राखियों को समय पर पहुंचाने का काम किया है। उधर ,पर्व को लेकर बाजार में रंग बिरंगी राखियों की दुकानें सज गई है।

शहर के स्टेशन रोड स्थित भदोही डाक के मास्टर मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि भाई व बहन के अनन्य प्रेम के पर्व को लेकर विभाग की ओर से करीब एक माह पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी। गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा,गोवा समेत देश के समस्त प्रांतों में रहने वाले कालीन नगरी के भ‌ईयों की कलाई सुनी न रह जाए, ऐसे में समय पर राखी को भेजने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक देश में छह सौ से अधिक राखियां बहनों भाईयों को भेजने को काम डाक के जरिए किया है। इसके अलावा अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड आदि मुल्कों में 20 से अधिक राखी भेजी है। दावा किया कि हर हाल में 30 अगस्त के पहले राखियों को पहुंचाने का काम करेंगे।

*अनुप्रिया पटेल बोलीं- 2024 में फिर बनेगी एनडीए की सरकार, भाजपा-अपना दल गठबंधन को जनता कर रही पसंद*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भदोही पहुंची। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में एनडीए को सबसे बड़ी ताकत यूपी से मिलेगी। भाजपा और अपना दल पुराने सहयोगी हैं। जनता भी इस गठबंधन को पसंद कर रही है। सरकार की कल्याणकारी जो योजनाएं हैं। इसकी वजह से लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत होगी।

भदोही में एक चैरिटेबल संस्था के ब्लड बैंक का उद्घाटन करने अनुप्रिया पटेल पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन के जो कार्य हैं, जनता उन कार्यो की सराहना कर रही है। आज एक आम गरीब व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आया है। पूरे देश में आज इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़े पैमाने पर विकास हुआ है और हम चांद की यात्रा करके अभी-अभी हम लौटे हैं। इन कार्यों को देखते हुए आने वाले चुनाव में एनडीए फिर सरकार बनाएगी।

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार गरीबों तक बेहतर तरीके से तमाम योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। हर वर्ग के लोग सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में निर्यात बढ़ाने को लेकर बेहतर प्लान बनाया जा रहा है। स्थानीय उत्पादन में वैल्यू एडिशन कर उन्हें निर्यात के लिए उपयुक्त बनाया जा रहा है।

*डिजिटल एक्स-रे का सेटअप तैयार, बिजली कनेक्शन के अभाव में लटका संचालन*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- सरपतहां स्थित सौ शैय्या अस्तपाल में बीते पांच साल से धूल फांक रही डिजिटल एक्स-रे का सेटअप तैयार हो चुका है, लेकिन बिजली कनेक्शन के अभाव में इसका संचालन नहीं हो पा रहा। संचालन न होने से मरीजों को निजी चिकित्सालय का रुख करना होता है। मरीज व तीमारदारों का कहना है कि अगर उच्चाधिकारी सक्रियता दिखाएं तो डिजीटल एक्स-रे मशीन का संचालन जल्द हो सकता है।

बता दें कि शासन से सौ शैय्या अस्तपाल में सन 2017 में ही एक्स-रे मशीन क्रय हो गई थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण अब तक इसका लाभ जनपद वासियों को नहीं मिल सका है। पांच साल बीतने के बाद भी बिजली कनेक्शन के अभाव में यह बंद पड़ा है। डिजिटल एक्स-रे करवाने के लिए मरीज निजी सेंटरों का रुख करते हैं। जहां उन्हें 350-400 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। एक्सर-रे के संचालन के लिए अलग से बिजली कनेक्शन और ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए शासन की स्वीकृति मिल चुकी है। अस्पताल के लोग एक्सरे मशीन का सेटअप तैयार कर बिजली कनेक्शन की आस लगाए बैठे हैं। सौ शय्या चिकित्सालय में जहां हर दिन 100 से 125 लोगों की ओपीडी होती है। वहीं जिला चिकित्सालय में भी 800 से 900 लोगों की ओपीडी होती है। इसमें लगभग 100 से 150 मरीजों को एक्स-रे कराना होता है। ऐसी स्थिति में डिजिटल एक्स-रे का संचालन न होने से मरीज व तीमारदारों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आठ साल से एक्सरे मशीन आकर रखी गई है। इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है। समय-समय पर सीएचसी अधीक्षक एक्सरे के संचालन को लेकर पत्राचार करते रहे हैं। मशीन शुरू होने पर आसपास के चार दर्जन से अधिक गांव के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। बाहर के सेंटरों पर नहीं जाना पड़ेगा।

*सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब, सेमराधधाम में शिवभक्तों की लगी रही कतार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन अब समाप्त होने वाला है। इस साल 4 जुलाई से शुरू हुआ सावन माह 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। अधिक मास के चलते इस बार सावन दो माह का था, इसलिए इस माह में 8 सोमवार का संयोग भी बना था। वहीं सावन का आठवां सोमवार आज है। सावन मास अंतिम सोमवार को शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शिव भक्तों ने दुग्धाभिषेक एवं जलाभिषेक कर विधि - विधान से पूजन -अर्चन की। जहां एक ओर लंबी कतार में खड़े श्रद्धालु भूतनाथ के एक झलक पाने को बेताब थे वहीं बोल बम के धुन पर कांवरियों को रेला शिवधाम पहुंच रहा था। शिव मंदिरों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। उधर मौसम भी शिव भक्तों के उत्साह एवं जुनून को नहीं रोक पा रहा था।

देवाधिदेव महादेव के अतिप्रिय मास श्रावण के अंतिम सोमवार को भोर से ही जनपद के विभिन्न शिवालयों में शिवभक्तों की लंबी कतार लगी रही। हर- हर महादेव, बोल बम आदि जयकरों से क्या नगर क्या गांव गुंजायमान रहे। स्थानीय हरिहरनाथ मंदिर, दूधनाथ मंदिर पर बाबा के दर्शन- पूजन करने के लिए भोर से ही लंबी कतार लग गई। दोपहर में तो कुछ कम रही लेकिन शाम ढलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भूतनाथ को अर्पित करने के लिए बिल्व पत्र, समी पुष्प, भांग, धतूर का फल आदि थाल में सजा कर महिलाएं शिवधाम पहुंची। इसके अलावा अन्य शिव मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। बड़ी संख्या में कांवरिया भी भगवान गंगाधर को जलाभिषेक कर रहे थे। अव्यवस्था का आलम यह है कि शिव मंदिरों में साफ- सफाई की व्यवस्था ध्वस्त रही।

सुरक्षा के मद्देनजर शिव मंदिरों पर कड़ी चौकसी रही। शिव मंदिरों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। पुलिस प्रशासन की टीम लगातार अपने- अपने क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों पर भ्रमण कर जायजा ले रहे थे।मोक्ष दायिनी के तट पर स्थित बाबा सेमराध नाथ धाम में सावन के अंतिम सोमवार को शिव भक्तों की लंबी कतार लगी रही। भोर में कपाट खुलने के बाद भारी संख्या में कांवरियां जलाभिषेक कर पूजन- अर्चन किया। क्षेत्र के चेरापुर में स्थित टिकेश्वरनाथ, जगापुर में स्थित खांखरनाथ और कौलापुर में स्थित पांडवानाथ मंदिर पर सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लगी रही। व्रती महिलाओं ने अंतिम सोमवार को देवाधिदेव का विधि पूर्वक पूजन कर सुख- संमृद्धि की कामना की।

*इस सप्ताह तीखी धूप व उसम फिर करेगी बेहाल*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मौसम को लेकर एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। इस सप्ताह एक बार फिर तीखी धूप व उसम का क्रम बना रहेगा।

इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने के साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है। अधिक तापमान होने की संभावना है। अधिक तापमान होने से एकाध स्थानों पर बूंदाबांदी की स्थिति बन सकती है।

करीब दो माह से जिले में अच्छी बारिश नहीं हो रही है। वैसे भी इस साल मानसून ने पूरी से दिया है। जिला मौसम वैज्ञानिक सर्वेश बरनवाल ने बताया कि इस सप्ताह भदोही एक बार फिर तीखी धूप व उसम का क्रम दिन में बना रहेगा। ऐसे में किसानों से रात के समय में ही फसलों की सिंचाई करने का मन बनाया है।

कहा कि दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक जाएगा जबकि रात का तापमान 29 डिग्री तक रहेगा। 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चलेंगी।

*चकवा महावीर मेले की तैयारी को लग ग‌ए झूले*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। प्रसिद्ध चकवा मेला की तैयारी युद्ध स्तर पर से चल रही है। चकवा महावीर मंदिर के पास बड़ा - झूला व सर्कस का कैंप लगना शुरू हो गया है।

प्रत्येक वर्ष पवित्र सावन माह के अंतिम मंगलवार यानी बुढ़वा मंगल को यह प्रमुख मेला लगता लगाया जाता है। मेला आयोजन में अभी दो दिन शेष हैं। पूर्व में ही बड़ा झूला के अलावा सर्कस का कैंप लगाना शुरू हो गया है। मेला को लेकर जिला प्रशासन स्तर प्रशासन स्तर से भी तैयारी पूर्ण कर ली गई है।

वाहन स्टैंड आदि स्थल को निर्धारित कर लिया गया है। 29 अगस्त को बुढ़मा मंगल का मेला लगेगा। कल ही मंदिर परिसर में दुकान सज जाएंगी। मेले में हजारों भक्त पवनपुत्र हनुमान का दर्शन पूजन कर कृतार्थ होते हैं।

आयोजन तिथि पर चकवा महावीर, चकवा महावीर अहिमनपुर, जंगीगंज समेत प्रमुख हनुमत मंदिरों पर मेले का आयोजन होता है। प्रसिद्ध मेले को लेकर व्यापारियों,झूला व सर्कस संचालकों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है।

*सिल्ट से भरी नालियों ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में सिंचाई योग्य नालियों की सफाई अब तक नहीं हो सकी है। नहर व नलकूप विभाग तथा ग्राम पंचायतों के बीच एनओसी की बाध्यता से सफाई कार्य अटका हुआ है। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई किसान ऐसे हैं, जो खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सड़कों काे काटना शुरू कर दिए हैं।

शनिवार को किसानों ने वहिदानगर संपर्क मार्ग को काट दिया।जिले के 70 फीसदी लघु एवं सीमांत किसान नहर और राजकीय नलकूपों से सिंचाई कार्य करते हैं। इस साल बारिश कम होने के कारण किसानों की निर्भरता नहरों पर बढ़ गई है। कई किसानों के खेतों में दर्रे पड़ गए हैं। किसानों का आरोप है कि जिले में कहीं भी किसानों के खेतों तक पहुंचने वाली नालियों की सफाई नहीं हो सकी है।

सिल्ट से भरी नालियों के कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। विभाग के अनुसार नालियों के सफाई की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। वहीं पंचायतों का कहना है कि नहर, नलकूप विभाग एनओसी की बाध्यता खत्म होने पर ही मनरेगा से नालियों की सफाई, जीर्णोद्धार, सुधार कार्य हो सकेंगे।

वहीं नहर विभाग अधिशासी अभियंता पुष्पेन्द्र सिंह और नलकूप के अधिशासी अभियंता राजेश भारती ने बताया कि नालियों की सफाई को लेकर सभी ग्राम पंचायतों को एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है।

वे किसान हित को देखते हुए मनरेगा के तहत नाली सफाई का कार्य करा सकते हैं। कोआर्डिनेटर मनरेगा राजाराम ने बताया कि मनरेगा के तहत जो कार्य योजना बन रही हैं। उसकी स्वीकृति दी जा रही है।

पंचायतों की ओर से अगर नाली सफाई की कार्ययोजना मिलती है तो -नालियों की सफाई नहीं होने के कारण खेत तक पानी नहीं पहुंच रहा है। कई बार शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन नहर व नलकूप विभाग की उदासीनता के कारण समस्या का समाधान नहीं हो सका है। - फूलचंद मौर्य, किसान।

खेतों तक पानी न पहुंचने के कारण निजी सिंचाई संसाधनों से सिंचाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे खेती-किसानी का खर्च बढ़ रहा है। इस समस्या को जल्द समाप्त कर नालियों की सफाई पर जोर देना होगा। -वंशनारायण बिंद, किसान।