*परिवार सर्वेक्षण की रफ्तार सुस्त, 31 फीसदी अब भी बाकी*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में परिवार सर्वेक्षण की रफ्तार सुस्त हो चुकी है। करीब आठ महीने बाद भी 69 फीसदी परिवारों का सर्वेक्षण हो सका है। अब भी 31 फीसदी का सर्वेक्षण नहीं हो सका। इसे लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सर्वेयर बने शिक्षकों को महीने भर के अंदर सर्वे का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।
2021 की जनगणना भले ही शुरू नहीं हो सकी, लेकिन प्रदेश सरकार शिक्षकों से कराए जा रहे परिवार सर्वेक्षण के जरिये प्रत्येक परिवार का डाटा जुटाना शुरू कर दिया है। सर्वे के जरिये प्रदेश में सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की आबादी के साथ आर्थिक व शैक्षिक स्थिति का आकलन भी होगा। सर्वे के बाद अब तक विभिन्न योजनाओं से वंचित पात्र परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत उनका लाभ दिलाया जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है।
विभाग के मुताबिक जिले में दो लाख 79 हजार 970 परिवार का सर्वेक्षण का लक्ष्य था। इसमें अब तक 87 हजार 61 परिवारों का सर्वेक्षण नहीं हो सका है। सुरियावां की प्रगति सबसे ठीक है, जबकि भदोही में अभी 35 फीसदी कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि सर्वे ड्यूटी में लगे शिक्षकों को कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।
सर्वे के लिए परिवार सर्वेक्षण का प्रारूप तैयार किया गया है। इसमें परिवार के मुखिया की जानकारी के तहत मुखिया का नाम, आयु, लिंग, वैवाहिक स्थिति, सामाजिक वर्ग (सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी), शैक्षिक योग्यता, व्यवस्या, परिवार की अनुमानित आय, मोबाइल नंबर, घर का स्वामित्व, बीपीएल या एपीएल, पूर्ण पता संकलित किया जा रहा है।
आर्थिक स्थिति का लगेगा पता
ज्ञानपुर। व्यवसाय में छात्र, स्वरोजगार, गृहणी, बेरोजगार, मजदूर, किसान, सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट कर्मचारी का अलग-अलग डाटा जुटाया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के लोगों की प्रत्येक परिवार की औसत आय, आवास की स्थिति का भी आकलन होगा। उधर, जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के पास प्रत्येक घर का डाटा होगा।
Aug 27 2023, 15:31