केंद्र के अध्यादेश को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, तुरंत रोक लगाने की मांग
#delhikejriwalgovtmovedsupremecourtagainstcentres_ordinance
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार केंद्र की ओर से अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैर-कानून और असंवैधानिक करार दिया है। दिल्ली सरकार ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए अध्यादेश पर रोक लगाने की मांग की है।
अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला
वहीं दूसरी तरफ केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने अपने कैंपेन के अगले चरण की घोषणा कर दी गई है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। तीन जुलाई को आम आदमी पार्टी केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएगी। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पांच जुलाई को सभी विधानसभाओं में और छह से 13 जुलाई तक हर गली-मोहल्ले-चौके पर अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।
क्या है मामला?
बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते महीने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही और ये अध्यादेश असंवैधानिक है। अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश न केवल दिल्ली की निर्वाचिक सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है। बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी खतरा बनेगा। यदि इसका विरोध नहीं किया गया तो इस तरह से अन्य राज्यों में भी अध्यादेश लाए जाएंगे। जिससे लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों की सत्ता को नुकसान होगा। इस काले अध्यादेश को हराना बहुत जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को केजरीवाल सरकार की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े मामले को छोड़कर सभी सेवाओं का कंट्रोलिंग पॉवर चुनी हुई सरकार को सौंपने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को है। इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के हर अधिकार में उपराज्यपाल दखल नहीं दे सकते हैं।
Jun 30 2023, 19:42