615 करोड़ के बजट वाला है चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का अभियान, श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 13 जुलाई को अपराह्न 02 : 30 बजे भरेगा उड़ान, डिटेल में जानिए पूरी खबर

 पिछले सबक के बाद चंद्रयान-3 में किए महत्वपूर्ण बदलाव, इसरो चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए सजग और सचेत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन यानी चंद्रयान-3 के लॉन्च किए जाने की तारीख की घोषणा कर दी है। यह रॉकेट 13 जुलाई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 02 : 30 बजे लॉन्च किया जाएगा। जी हां , महज़ 14 दिन बाद इस बार चंद्रयान-3 अंतरिक्ष की उड़ान भरेगा और एक बार फिर सभी भारतीयों की नज़रें इस पर बनी रहेगी।

 2019 में लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरने और गतिविधियां करने की क्षमता दिखाई थी और काफी हद तक वह एक सफल मिशन था। हालांकि अब इस बार अपने पिछले सबक के बाद इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मून मिशन के लिए भेजा जा रहा है। बता दें कि पिछला मिशन यानी चंद्रयान-2 चंद्रमा की परिक्रमा करने में कामयाब रहा था। हालांकि विक्रम लैंडर को हार्ड लैंडिंग का सामना करना पड़ा था। इसके कारण रोवर को योजना के अनुसार तैनात नहीं किया जा सका था। हालांकि इस बार इसरो के अधिकारी चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं और इसकी लॉन्च की तारीख 13 जुलाई निर्धारित की गई है।चंद्रयान-3 मिशन से उम्मीद है कि चंद्रमा के बारे में समझ और गहरी हो सकेगी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट - लैंडिंग करना और बाद में रोबोटिक रोवर संचालित करने की क्षमता को दिखाना है।

 

जानकारी के मुताबिक चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण यान मार्क-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यह प्रक्रिया 13 जुलाई को दोपहर 02 : 30 बजे होगी। इस मिशन के तहत चंद्रयान-3 प्रोपेलेंट मॉड्यूल " लैंडर " और "रोवर " को 100 किलोमीटर तक चंद्रमा की कक्षा में ले कर जाएगा। इतना ही नहीं चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन करने हेतु एक "स्पेक्ट्रो - पोलरमेट्री " पेलोड भी इसके साथ जोड़ा गया है।

 

 इस मिशन का बजट 615 करोड़ रुपये है। इस बार जोखिमों को कम करने के लिए चंद्रयान-3 को कठोर परीक्षण और सत्यापन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ा है। चंद्र पेलोड कॉन्फिगरेशन समेत मिशन डिजाइन को पिछले मिशन से सीखे सबक को ध्यान में रखते हुए ऑप्टिमाइज किया गया है।

इस मिशन में चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर भी शामिल होंगे लेकिन इस बार ऑर्बिटर नहीं होगा। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण की तैयारी जारी है।

उत्तराखंड : केदारनाथ में मौसम खराब, लगातार भारी बारिश के चलते सोनप्रयाग में रोके गए तीर्थयात्री, घटने भी लगी है तीर्थयात्रियों की संख्या

 उत्तराखंड में मौसम खराब बना हुआ है। वहीं बारिश के चलते केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका गया है। इससे पहले सुबह आठ बजे तक सोनप्रयाग से 4953 श्रद्धालुओं को धाम के लिए रवाना किया गया। जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पैदल मार्ग पर यात्रा सुचारू है, लेकिन बारिश के कारण सोनप्रयाग में यात्री रोके गए गए हैं।

घटने लगी यात्रियों की संख्या

मानसून की फुंआरों के साथ ही केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या कम होने लगी है। पिछले दस दिनों से धाम में दर्शनार्थियों की संख्या औसतन पांच हजार तक पहुंच गई है। साथ ही यात्रा के पहले चरण की कारोबारी गतिविधियां भी बंद हो गई है जिससे धाम से सैकड़ों टेंट संचालक भी लौट आए हैं। दूसरी ओर, आठ हेली कंपनियों में से दो ही रह गई है।

सोनप्रयाग में चहलपहल कम हो गई है। केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारी गोपाल सिंह रौथाण ने बताया कि दस दिनों से यात्रियों की संख्या कम हो गई है। श्रीकेदार होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि रिकार्ड श्रद्धालुओं में पहुंचने के बाद भी उम्मीद के हिसाब से कारोबार नहीं चला।

सरकार द्वारा बार-बार केदारनाथ के लिए पंजीकरण व्यवस्था पर रोक के चलते होटल कारोबारियों को रूटीन और एडवांस बुकिंग नहीं मिल पाई। टेंट कारोबार से जुटे विनोद राणा, संदीप भट्ट, पवन राणा, जगदीश राणा का कहना है कि लिनचोली से केदारनाथ तक टेंटों में कम ही यात्री ही ठहरे। बीते एक पखवाड़े में काफी टेंट संचालक धाम से लौट चुके हैं।

जैसलमेर में पदस्थापित आईएएस अफसर टीना डाबी बनने वाली हैं मां, छुट्टी के लिए लिखा लेटर, जल्द मिलेगी गुड न्यूज, उनके लाखों फॉलोअर ने जताया हर्ष


जैसलमेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने खुद अपने को गर्भवती होने की पुष्टि की है। महिला पदाधिकारी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर राजधानी जयपुर में नाॅन फील्ड पोस्टिंग देने का आग्रह किया है। हालांकि आगामी दिनों में टीना जल्द ही मैटेरनिटी लीव पर जाएंगी।

 

जैसलमेर की बहुचर्चित जिला कलेक्टर टीना डाबी के घर में नया मेहमान आने वाला है। सितंबर माह में टीना अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली हैं। उनके लंबे - चौड़े फैन क्लब के लिए यह काफी खुशियों वाली खबर है। वर्तमान में प्रेग्नेंसी को देखते हुए जैसलमेर की जिलाधिकारी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें जयपुर में फिलहाल नाॅन फील्ड पोस्टिंग दी जाए। उसके बाद वे आगामी दिनों में मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) पर जाएंगी। 

 बीते साल अप्रैल में आईएएस अधिकारी प्रदीप गवांडे से शादी करने के बाद टीना डाबी सुर्खियों में आई थीं। इस महिला पदाधिकारी के गर्भवती होने का खुलासा गत माह उस समय हुआ जब वह अपने जिले में विस्थापित पाकिस्तानी नागरिकों से मिलने पहुंची थीं। दरअसल पाकिस्तानी बुजुर्ग महिलाओं ने कलेक्टर टीना डाबी को बेटा होने का आशीर्वाद दिया था। इस पर टीना डाबी खिलखिला कर हंस पड़ी थीं और उन्होंने कहा कि वे बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझती हैं। लेकिन पाकिस्तानी विस्थापित महिलाएं उन्हें लगातार बेटा होने का आशीर्वाद दे रही थीं।

 दूसरी तरफ जिला कलेक्टर टीना डाबी ने अपनी प्रेग्नेंसी की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य सरकार को पत्र लिखकर राजधानी जयपुर में नाॅन फील्ड पोस्टिंग देने का आग्रह किया है ताकि इस परिस्थितियों में काम का ज्यादा प्रेशर न हो। हालांकि आगामी दिनों में टीना जल्द ही मैटेरनिटी लीव पर जाएंगी। 

टीना डाबी ने कहा कि आगामी दो तीन दिन में आने वाली ट्रांसफर लिस्ट में उनका नाम आने की संभावना है। जब तक ट्रांसफर लिस्ट नहीं आती तब तक वह जैसलमेर कलेक्टर का काम करती रहेंगी।

  

जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जैसलमेर से जयपुर जाने की पूरी तैयारी कर ली हैं। महिला अधिकारी ने अपना घरेलू सामान भी पैक करके जयपुर भिजवा दिया है। आईएएस टीना को उम्मीद है कि 01 - 02 दिन के अंदर ही उनके ट्रांसफर के ऑर्डर आ जाएंगे। फिलहाल वह अपने घर में बने दफ्तर से जरूरी कामकाज और फाइलों के निस्तारण कर रही हैं। जरूरी मीटिंग्स में भी हिस्सा ले रही हैं।

बता दें कि जैसलमेर में भी कलेक्टर के पद पर रहते हुए आईएएस टीना ने कई बेहतरीन कार्य किए हैं। खासकर डेजर्ट फेस्टिवल के आयोजन में भी कई नवाचार कर देशी - विदेशी सैलानियों को आनंदित कर दिया था। इसके अलावे जैसलमेर में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने और महिला शिक्षा को बेहतर बनाने के साथ कई कुरीतियों को समाप्त करने के लिए दिसंबर माह से 03 माह के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया था। जिसके भी परिणाम काफी सकारात्मक रहे थे। साथ ही अन्य कई बेहतरीन कार्यों में कलेक्टर डाबी ने जैसलमेर में अपनी अलग छाप छोड़ी हैं।

 

गौरतलब है कि जिलाधिकारी टीना डाबी सोशल मीडिया में भी बहुत पॉपुलर हैं। बड़ी संख्या में सोशल मीडिया यूजर्स उनको फॉलो करते हैं। इंस्टाग्राम पर 16 लाख , ट्विटर पर 04.50 लाख और फेसबुक पर टीना डाबी के 04.25 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। घर में नया मेहमान आने की सूचना पाकर सभी स्वजन मुदित हैं और उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना कर रहे हैं।

*माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ा झटका, सरकार का निर्देश ना मानने पर लगा 50 लाख का जुर्माना*

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने ट्वीटर द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी ने समाग्री हटाने और ब्लॉक करने संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा कि कंपनी की याचिका का कोई आधार नहीं है। न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने ट्विटर कंपनी पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दिया।

कोर्ट ने केन्द्र की दलील पर जताई सहमति

अदालत ने फैसले के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए कहा, उपरोक्त परिस्थितियों में यह याचिका आधार रहित होने के कारण अनुकरणीय जुर्माने के साथ खारिज की जा सकती है और तदनुसार ऐसा किया जाता है। याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जो 45 दिनों के अंदर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय है। यदि इसमें देरी की जाती है, तो इस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। न्यायाधीश ने ट्विटर की याचिका खारिज करते हुए कहा, मैं केंद्र की इस दलील से सहमत हूं कि उनके पास ट्वीट को ब्लॉक करने और एकाउंट पर रोक लगाने की शक्ति है।

ट्विटर ने केन्द्र के निर्देशों के खिलाफ खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा

बता दें कि फरवरी 2021 से 2022 तक केंद्र सरकार ने ट्विटर को कुछ एकाउंट बंद करने समेत कई निर्देश दिए थे, लेकिन ट्विटर इन निर्देशों के खिलाफ हाईकोर्ट चला गया था। फरवरी 2021 से फरवरी 2022 तक केंद्र सरकार ने अलग अलग समय पर कुल 1474 ट्विटर अकाउंट्स को बंद करने, 175 ट्वीट्स को ब्लॉक करने और 256 यूआरएल और 1हैश टैग को बंद करने का निर्देश दिया था। सरकार ने यह निर्देश आईटी एक्ट 69 ए के तहत जारी किए थे। इस एक्ट के मुताबिक सोशल मीडिया के जरिए देश की संप्रभुता और एकता को ठेस पहुंचाने वाले संदेश को हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।

ट्विटर ने कहा था मूलभूत अधिकारों का हनन

इनमें से ट्विटर ने 39 यूआरएल को लेकर केंद्र सरकार को कोर्ट में चैलेंज किया और अपने तर्क में कहा कि ये नागरिक के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। ट्विटर इंडिया ने जून 2022 में केंद्र के फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी। 6 महीने तक इस मसले पर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस केस में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के आदेश को जायज ठहराया है। इसके साथ ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर की केंद्र सरकार को दिशा निर्देश जारी करने की अपील को भी खारिज कर दिया।

*दिल्ली यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी ने दी सौगात, कहा- दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा*

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दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में आज शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्विद्यालय को तीन भवनों की सौगात दी। पीएम मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर और ‘प्रौद्योगिकी संकाय’ की इमारत और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी।इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित किया।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि डीयू आना मेरे लिए घर आने जैसा है। डीयू हर महत्वपूर्ण क्षण का साक्षी रहा है। पीएम मोदी के भाषण से पहले छात्र-छात्राओं ने मोदी-मोदी, वंदे मातरम, भारत माता की जय का नारा लगाया।

निमंत्रण मिलते ही तय कर लिया था यहां आना है-पीएम मोदी

भाषण की शुरुआत करते ही पीएम मोदी ने कहा, ‘खुशी है कि मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का जश्न मनाने के लिए इस उत्सव में उपस्थित हूं। निमंत्रण मिलते ही तय कर लिया था की आपके यहां तो आना ही है।

इस विवि ने हर मूमेंट को जिया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा इस विवि ने हर मूमेंट को जिया, इस यूनिवर्सिटी ने हर मूमेंट में जान भर दी है। पीएम ने कहा कि मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर यूनिवर्सिटी के सभी प्रोफेसर और स्टाफ के साथ स्टूडेंट व पूर्व छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाई देता हूं। आज इस आयोजन के जरिये यहां नए और पुराने स्टूडेंट भी साथ मिल रहे हैं। स्वभाविक है कुछ सदाबहार चर्चाएं भी होंगी। उन्होंने कहा नॉर्थ कैंपस के लोगों के लिए कमला नगर और मुखर्जी नगर से जुड़ी यादें और साउथ कैंपस वालों के लिए सत्य निकेतन के किस्से होंगे।

दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश में अब बड़ी संख्या में कॉलेज बन रहे हैं, देश का युवा अब खुद को बांधना नहीं चाहता है बल्कि बड़ी लकीर खींचना चाहता है। 2014 से पहले देश में चंद ही स्टार्टअप थे, लेकिन अब ये संख्या एक लाख से ज्यादा हो गई है। आज दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा है, यही कारण है कि हर कोई भारत की ओर देख रहा है।

भारतीय यूनिवर्सिटी की ग्लोबल पहचान बढ़ी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय यूनिवर्सिटी की ग्लोबल पहचान बढ़ रही है, विश्व में भारत का गौरव बढा है। देश का युवा कुछ नया करना चाहता है। देश में स्टार्टअप की संख्या अब लाख के पार है। बड़ी कंपनियों ने भारत में निवेश का फैसला लिया है। 

आज हम दुनिया के 5 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में हैं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत में नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय थे, तब भारत सुख और समृद्धि के शिखर पर था। जब भारत में तक्षशिला जैसे संस्थान थे, तब भारत का विज्ञान दुनिया का मार्गदर्शन करता था। ये वो समय था जब दुनिया में भारत की जीडीपी में हिस्सेदारी बहुत बड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, एक समय था जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। एक समय था जब भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आता था और आज यह दुनिया के 5 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में है।

क्यों जल रहा फ्रांस? सड़कों पर उतरी भीड़, दर्जनों शहर में हिंसक प्रदर्शन

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यूरोपीय देश फ्रांस तीन दिनों से दंगे की आग में जल रहा है। फ्रांस के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।फ्रांस में ट्रैफिक स्टॉप पर पुलिस की ओर से 17 साल के एक लड़के की गोली मारकर हत्या करने के मामले में देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी दर्जन भर से ज्यादा शहरों में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकारी संपत्तियों को आगे के हवाल कर रहे हैं। करोड़ों रुपये की संपत्ति को जला दिया गया है और बस, सरकारी दफ्तरों समेत तमाम सार्वजनिक स्थलों पर पत्थरबाजी की जा रही है।

दरअसल, पेर‍िस पुल‍िस ने ट्रैफ‍िक न‍ियमों का उल्‍लंघन करने पर एक किशोर को गोली मार कर हत्‍या कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने जिस 17 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या की थी, वो मोरक्कन मूल का अल्जीरियाई लड़का था।जिस 17 साल के लड़के को गोली मारी गई थी, उसका नाम नाहेल एम था। बताया जा रहा है कि उसने ट्रैफिक स्टॉप पर रुकने से इनकार कर दिया था और गाड़ी आगे बढ़ा दी। इसके बाद फ्रांस ही नहीं बल्‍क‍ि दुनिया के कई देशों ने पेर‍िस पुलिस की इस घटना की घोर न‍िंदा की और पुलिस फोर्स की इस तरह की अमानवीय कार्रवाई और उनके काम करने के तौर तरीकों पर बड़े सवाल भी खड़े क‍िये हैं। 

पेरिस के पश्चिमी उपनगर नैनटेरे में किशोर को गोली मारी गई थी, जिसके बाद भड़के लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और फिर कारों में आग लगाना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस पर बम के गोले फेंकने शुरू कर दिए। प्रदर्शनकारियों ने इमारतों और बसों में आग लगानी शुरू कर दी और "नाहेल के लिए प्रतिशोध" लिखकर दंगे करने शुरू कर दिए। रात के वक्त दंगाईयों ने एक बैंक को आगे के हवाल कर दिया और काफी कड़ी मशक्कत के बाद अग्निशमन कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया। आग की लपटों को काफी मुश्किलों के बाद अपार्टमेंट के ऊपरी इमारतों में फैलने से रोका गया। 

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को लड़के को श्रद्धांजलि देने के लिए रेन शहर में लगभग 300 लोग जमा हुए, जिन्हें पुलिस ने तितर-बितर किया। व‍िरोध प्रदर्शन और आगजनी करने के आरोप में पुल‍िस ने करीब 150 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है।

पीएम मोदी ने दिल्ली मेट्रो में किया सफर, आम लोगों के साथ बैठे और यात्रियों से बातचीत करते आए नजर

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दिल्ली विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया है। पीएम मोदी भी इस समारोह में पहुंचे। दिल्ली विश्वविद्यालय के समारोह में पहुंचने के लिए पीएम मोदी ने मेट्रो से सफर किया। मेट्रो में पीएम मोदी छात्रों और आम लोगों के साथ बैठे और बातचीत करते नजर आए। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, दिल्ली मेट्रो से डीयू कार्यक्रम के रास्ते में हूं। युवाओं को अपने सह-यात्रियों के रूप में पाकर खुश हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचने। वह विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मेट्रो से पहुंचे।मेट्रो से सफर के दौरान प्रधानमंत्री को यात्रियों से संवाद करते देखा गया।समाचार एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें पीएम मोदी मेट्रो में सवार कई यात्रियों से बातचीत करते दिख रहे हैं।

पीएम मोदी का पहले सड़क के रास्ते दिल्ली यूनिवर्सिटी जाने का प्लान था।आखिरी मौके पर प्लान पर प्लान बदल दिया गया।पीएम मोदी ने येलो लाइन पर यूनिवर्सिटी तक मेट्रो में सफर के लिए टोकन खरीदा। पीएम मोदी टोकन के जरिए एएफसी गेट से स्टेशन के भीतर एंट्री की। इसके बाद पीएम मोदी अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ एस्केलेटेर के जरिये प्लेटफॉर्म पर पहुंचे। पीएम मोदी प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार करते भी नजर आए। ट्रेन आने के बाद सुरक्षा कर्मियों के साथ पीएम मोदी ने ट्रेन में प्रवेश किया। शुरुआत में पीएम मोदी के आसपास कोई भी मौजूद नहीं था।

तमिलनाडु में फिर राज्यपाल और स्टालिन सरकार आमने-सामने, सेंथिल बालाजी की बर्खास्तगी फिर आदेश पर रोक लगाए जाने के बाद चढ़ा सियासी पारा

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तमिलनाडु में सियासी बवाल मचा हुआ है। यहां राज्यपाल आरएन रवि और राज्य की स्टालिन सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं। राज्यपाल आरएन रवि द्वारा राज्य सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को पद से हटाने और बाद में अपने फैसले को वापस लेने से सियासी पारा चढ़ गया है।दरअसल गुरुवार को खबर आई कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद बिजली और आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया गया है।हालांकि कुछ ही घंटों के अंदर राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश को स्थगित कर दिया।इस मामले से राज्यपाल और स्टालिन सरकार के बीच एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है।स्टालिन ने कहा है कि सरकार इसे कानूनी रूप से चुनौती देगी।

बता दें कि स्टालिन के मंत्री सेंथिल बालाजी पर भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। ईडी नकद के बदले नौकरी देने के आरोप में बालाजी से पूछताछ कर रही है।इस बीच गुरूवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने एक दुर्लभ फैसले के तहत तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रि परिषद से बर्खास्त कर दिया था। एक विज्ञप्ति जारी कर राज्यपाल ने कहा कि बालाजी कई गंभीर मामलों में कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। ऐसे में मंत्री रहते हुए, वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि ऐसी आशंका है कि सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद में बने रहने से निष्पक्ष जांच सहित कानूनी प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। 

बर्खास्त करने के आदेश को स्थगित कर दिया गया

हालांकि ये फैसला मुख्यमंत्री की सिफारिश के बिना लिया गया था। जिसके कुछ ही घंटों के अंदर राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश को स्थगित कर दिया है। उनके इस फैसले के बारे में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को भी सूचित कर दिया है। मुख्यमंत्री को देर रात भेजे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि वह इस कदम को लेकर अटॉर्नी जनरल से विचार-विमर्श करेंगे और उनसे कानूनी सलाह लेंगे।

स्टालिन ने दिया संविधान का हवाला

राज्यपाल के इस फैसले के बाद तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है। हम इस मुद्दे का कानूनी रूप से चैलेंज करेंगे। डीएमके ने कहा कि सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने वाले राज्यपाल कौन होते हैं? क्या उनके पास संवैधानिक अधिकार है? राज्यपाल संविधान को कमजोर कर रहे हैं।

पहली बार नहीं हुआ है विवाद

ये कोई पहली बार नहीं है जब राज्यपाल और तमिलनाडु सरकार के बीच इस तरह की स्थिति सामने आई है। सितंबर 2021 में आरएन रवि के तमिलनाडु के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद से तनाव बना हुआ है। पिछले साल स्टालिन सरकार ने ये आरोप लगाते हुए आरएन रवि के कार्यक्रमों को बहिष्कार करने का ऐलान किया था कि स्टालिन सरकार द्वारा की गई कई कैबिनेट सिफारिशों और एक दर्जन पारित विधेयकों को मंजूरी देने में राज्पाल ने देरी की। इनमें मेडिकल प्रवेश के लिए एनईईटी को समाप्त करने का विधेयक भी शामिल था। इसके बाद तमिलनाडु का नाम बदलकर तमिझगम करने की राज्यपाल की वकालत पर भी वह और तमिलनाडु सरकार आमने-सामने आ गए थे। राज्यपाल ने तर्क देते हुए कहा था कि ‘नाडु’ शब्द का मतलब राष्ट्र से हैं, जो अलगाववाद की ओर इशारा करता है।

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर हिमंत बिस्वा सरमा ने उठाए सवाल, कहा-वे क्या हल निकालेंगे, उनकी यात्रा महज मीडिया प्रचार

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंसाग्रस्त मणिपुर के दौरे पर हैं। राहुल गांधी की यात्रा का आज दूसरा दिन है। कांग्रेस नेता के मणिपुर दौरे पर कोलेकर सियासत जारी है। इससे पहले गुरूवार को राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर में रोक दिया गया था।पुलिस ने हिंसा की आंशका को देखते हुए काफिले को रोका था। अब इसी पर भाजपा और कांग्रेस में तनातनी शुरू हो गई है।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने निशाना साधा है। असम के सीएम ने कहा कि राहुल गांधी का मणिपुर दौरा राज्य की गंभीर स्थिति में कोई सुधार नहीं लाएगा। उन्होंने इस दौरे को एक दिन का मीडिया कवरेज बताया।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मणिपुर की स्थिति को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार हालात को काबू में लाने की कोशिश कर ही हैं। उन्होंने कहा कि वहां किसी सियासी नेता (राहुल गांधी) के जाने की जरूरत नहीं है, वो इस मामले का कोई हल नहीं निकालेंगे। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर उनके दौरे से कोई सकारात्मक नतीजा मिलता है तो ये अलग बात है, अन्यथा ये एक दिन का मीडिया हाइप है... वन डे एपिसोड है।

राहुल को हिंसा पर सियासत नहीं करने की नसीहत

असम के मुख्यमंत्री ने राहुल को हिंसा पर सियासत नहीं करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति करुणा के जरिए मतभेदों को दूर करने की मांग करती है, न कि किसी नेता के दौरे से मतभेदों को बढ़ाने की। शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी के मणिपुर दौरे को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है और इस वक्त किसी को पूर्वोत्तर राज्य की दुखद स्थिति से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। सीएम ने ट्वीट किया, मणिपुर में स्थिति करुणा के जरिए मतभेदों को दूर करने की मांग करती है। किसी नेता द्वारा अपनी तथाकथित यात्रा का उपयोग मतभेदों को बढ़ाने के लिए करना राष्ट्र के हित में नहीं है। राज्य के दोनों समुदायों ने ऐसे प्रयासों को साफ तौर पर खारिज कर दिया है।

सुरक्षा का हवाला देते हुए रोका गया था राहुल का काफिला

बता दें कि चुराचांदपुर मणिपुर के सबसे प्रभावित इलाकों में से एक है। राहुल गांधी मणिपुर पहुंचने के बाद जैसे ही चुराचांदपुर जाने के लिए रवाना हुए तो पुलिस ने उनके काफिल को ये कहते हुए रोक दिया कि हाइवे पर ग्रेनेड अटैक होने की आशंका है। इसके बाद राहुल गांधी एयरपोर्ट वापस लौट गए और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर पहुंचे। राहुल गांधी ने इसके बाद ट्वीट करते हुए कहा, मैं मणिपुर अपने भाइयों-बहनों की बात सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत स्वागत और प्रेम कर रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही

अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना, एलजी मनोज सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी, अब तक तीन लाख लोगों ने करवाया पंजीकरण

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बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का इंतजार खत्म हो गया है। अमरनाथ की यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू से रवाना कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर जम्मू बेस कैंप से पहले जत्थे को रवाना किया। इस दौरान उन्होंने बाबा अमरनाथ से सभी भक्तों के लिए सुख और समृद्धि की प्रार्थना की। एलजी ने कहा कि सभी भक्तों को सुरक्षित और आध्यात्मिक यात्रा की शुभकामनाएं। ।

सुबह करीब चार बजे अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पूजा अर्चना के बाद जम्मू एवं कश्‍मीर के उप-राज्यपाल व अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने हिम स्वरूप में बने हिमानी शिवलिंग यानी बाबा अमरनाथ की यात्रा करने वाले पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया। बम-बम भोले और भारत माता की जय के नारों के बीच यात्रियों में दर्शन को लेकर खासा उत्साह देखा गया।

अब तक 3 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण

जानकारी के मुताबिक यात्रियों का यह पहला जत्था भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा में बाबा बर्फानी का दर्शन करेगा। यह तीर्थयात्रा 62 दिन तक चलेगी और कश्मीर से दो रास्तों से शुरू हो रही है। पहली बार साल 2023 की यात्रा 62 दिनों तक चलेगी। इस साल 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक यात्रा चलेगी और यह अब तक की सबसे ज्यादा समय तक चलने वाली श्री अमरनाथ यात्रा है। अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं, जो बीते वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है।

इस बार यात्रियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था

इस बार जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से कश्मीर तक अलग-अलग स्थानों पर आपात स्थिति में यात्रियों को रहने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था मुहैया करवाई जाएगी। जिला रामबन के चंदरकोट में 3600 क्षमता वाला यात्री निवास स्थापित किया गया है, क्योंकि इस साल रिकॉर्ड 62 दिन की अमरनाथ यात्रा से जुड़े होटल, टैक्सी ऑपरेटर, ड्राई फ्रूट्स आदि व्यवसाय में तेजी आने की उम्मीद है और व्यापारी वर्ग भी खुश है।

सुरक्षा के भी बंदोबस्त पूरे

जम्मू के भगवती नगर में प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए कई बंदोबस्त किए गए हैं, जिसमें लंगर से लेकर अन्य सुविधाएं शामिल हैं। वहीं सुरक्षा की बात करें तो जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ समेत अन्य सुरक्षा दस्तों को तैनात किया गया है और बेस कैंप के आस-पास के इलाकों को खंगाला जा रहा है।