दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर, ले जा सकेंगे शराब की बोतलें

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दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने अब मेट्रो में शराब ले जाने की इजाजत दे दी है।हालांकि, सिर्फ सीलबंद शराब की बोतल ही यात्री साथ ले जा सकेंगे। वहीं, पहले की तरह अभी भी दिल्ली मेट्रो परिसर के अंदर शराब पीने पर सख्त पाबंदी रहेगी। डीएमआरसी और सीआईएसएफ अधिकारियों की कमिटी ने एक अहम निर्णय लिया है।

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने एक बयान जारी कर कहा, ‘एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के प्रावधानों के अनुरूप दिल्ली मेट्रो में प्रति व्यक्ति शराब की दो सीलबंद बोतलें ले जाने की अनुमति है। सीआईएसएफ और डीएमआरसी के अधिकारियों की एक समिति ने पहले के आदेश की समीक्षा की है। 

डीएमआरसी ने एक बयान में कह, पहले के आदेश के अनुसार एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को छोड़कर दिल्ली मेट्रो में शराब ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, मेट्रो परिसर के अंदर शराब पीना सख्त वर्जित है। मेट्रो यात्रियों से अनुरोध है कि वे यात्रा करते समय उचित शिष्टाचार बनाए रखें। यदि कोई यात्री शराब के नशे में अभद्र व्यवहार करते हुए पाया जाता है, तो कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।

कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान को मिली राहत, आईएमएफ ने दी 3 अरब डॉलर की खैरात

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पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट जारी है। ऐसे में उसके लिए एक राहत मिली है। दरअसल पाकिस्तानी सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के बीच समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद पाकिस्‍तान को तीन अरब डॉलर की मदद मिलेगी।इसके साथ ही पाकिस्‍तान पर से कंगाल होने का खतरा टल गया है।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जिन्‍होंने पिछले दिनों फ्रांस की राजधानी पेरिस जाकर मदद की गुहार लगाई थी, उनकी अपील आखिरकार काम आ गई है। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की तरफ से पाकिस्‍तान के साथ एक स्‍टैंडबाय एग्रीमेंट किया गया है।आईएमएफ के कार्यकारी अधिकारी नाथन पोर्टर की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है।तीन अरब डॉलर वाले इस स्‍टाफ लेवल एग्रीमेंट स्‍टैंडबाय एग्रीमेंट को आईएमएफ बोर्ड की मंजूरी मिलना बाकी है। 

नाथन पोर्टर ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ की टीम 2,250 करोड़ एसडीआर (करीब तीन अरब डॉलर या पाकिस्तान के आईएमएफ कोटा का 111 प्रतिशत) की राशि में नौ महीने के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ स्टाफ स्तर के समझौते पर पहुंच गई है।' नाथन पोर्टर ने कहा, ‘नया स्टैंडबाय समझौता पाकिस्तान के 2019 विस्तारित फंड सुविधा समर्थित कार्यक्रम पर आधारित है जो जून के अंत में खत्‍म हो रहा है।‘बता दें कि साल 2019 में 6.5 अरब डॉलर वाले कर्ज प्रोग्राम को मंजूर‍ी मिली थी। अब इसमें से 2.5 अरब डॉलर की राशि मिलनी बाकी है।

बयान में कहा गया है, "नया एसबीए हाल के बाहरी झटकों से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, व्यापक आर्थिक स्थिरता को संरक्षित करने और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों से वित्तपोषण हासिल करने की रूपरेखा प्रदान करने के लिए अधिकारियों के तत्काल प्रयासों का समर्थन करेगा।"

सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 की जाए, कोर्ट का मानना है कि इंटरनेट के जमाने में बच्चे जल्दी युवा हो रहे, ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में विचार करने का किया अनुरोध

हाई कोर्ट चाहती है कि सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 कर दी जाए। कोर्ट का मानना है कि इंटरनेट के जमाने में बच्चे जल्दी युवा हो रहे हैं और आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं। इसलिए ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये अनुरोध किया। ग्वालियर हाई कोर्ट ने यह अनुरोध एक रेप के मामले में सुनवाई करते हुए किया।

ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की आयु 18 से घटाकर 16 उम्र करने का अनुरोध किया है। रेप केस की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरनेट युग में बच्चे जल्दी जवान हो रहे हैं। इसलिए सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष हो. हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने मे 14 साल में बच्चे जवान हो रहे हैं। एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर सहमति से संबंध बनाते हैं। ऐसे मामले में युवा कतई आरोपी नहीं हैं।

हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह अनुरोध एक रेप केस की सुनवाई के दौरान किया। इस केस में 17 साल की नाबालिग छात्रा से रेप के मामले में कोचिंग संचालक 3 साल से जेल में बंद है। कोचिंग संचालक ने लड़की द्वारा सहमति से संबंध बनाने के सबूत पेश करते हुए अपने ऊपर लगी की रेप की एफआईआर को निरस्त करने की याचिका दायर की है। गौरतलब है कि, करीब 3 साल से ग्वालियर का एक कोचिंग संचालक राहुल रेप केस में जेल में बंद है। उस पर 17 साल की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

इन तारीखों में हुआ था मामला, नहीं ने दी थी गर्भपात की अनुमति

इस मामले की एफआईआर थाटीपुर थाने में हुई थी। राहुल के साथ-साथ उसके एक रिश्तेदार के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था। कोचिंग संचालक पर रेप का आरोप 18 जनवरी 2020 को लगा था। जबकि, छात्रा ने घटना के छह महीने बाद 17 जुलाई 2020 को थाटीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

 इसके बाद इस मामले में कोचिंग संचालक को जेल भेज दिया गया था। बता दें, इस मामले में छात्रा गर्भवती हो गई थी। ऐसे में छात्रा की तरफ से नाबालिग होने और भविष्य खराब होने का हवाला देकर गर्भपात की अनुमति के लिए गुहार लगाई गई थी। इस पर हाई कोर्ट ने विचार करने के बाद सितंबर 2020 में छात्रा को गर्भपात की अनुमति दे दी थी।

युवकों के साथ हो रहा अन्याय इसलिए उम्र 16 की जाए

हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। हाई कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट युग में बच्चे जल्द जवान हो रहे हैं। इसलिए सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष हो। हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने मे 14 साल में बच्चे जवान हो रहे हैं। एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर सहमति से संबंध बनाते हैं। ऐसे मामले में युवा कतई आरोपी नहीं हैं। आजकल अधिकांश क्रिमिनल केसों में पीड़िता की आयु 18 साल से कम होती है

 इसी विसंगति के कारण किशोर युवकों के साथ अन्याय हो रहा है।

केंद्र ने 2013 में निर्भयाकांड के बाद लिया था बड़ा फैसला

आपको बता दें कि साल 2013 में दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था। इस कांड के बाद यौन उत्पीड़न कानून को और सख्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाए थे। इसी के तहत आईपीसी की धारा 375 कोष्टक 6 में बदलाव किया गया था। इस बदलाव के तहत सहमति से संबंध बनाने की उम्र को 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया गया था। जबकि, इससे पहले 16 वर्ष की उम्र की लड़कियों द्वारा सहमति से संबंध बनाने पर युवाओं को रेप का अपराधी नहीं माना जाता था। लेकिन, निर्भया कांड के बाद हुए बदलाव के चलते 16 से 18 वर्ष उम्र की युवतियों के द्वारा सहमति से संबंध बनाने के बावजूद भी कानूनी बदलाव के चलते युवाओं पर रेप की एफआईआर दर्ज होने लगी।

निवेशकों के लिए खुशखबरी, ऑल टाइम हाई पर पहुंचा शेयर बाजार, सेंसेक्स 64400 और निफ्टी 19100 के पार

अमेरिका में मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बाद भारतीय शेयर बाजार ने हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी द‍िन र‍िकॉर्ड तेजी के साथ कारोबार क‍िया। कारोबारी सत्र की शुरुआत में सेंसेक्‍स ने करीब 150 अंक की तेजी के साथ कारोबार शुरू क‍िया। बुधवार को 63,915 अंक पर बंद होने वाला सेंसेक्‍स शुक्रवार सुबह 64,068 अंक पर खुला। बाजार खुलने के कुछ देर बाद ही सेंसेक्‍स ने 64,414.84 अंक का ऑल टाइम हाई बनाया। सुबह के समय सेंसेक्‍स के 30 में से 26 शेयर हरे न‍िशान के साथ कारोबार करते देखे गए।

न‍िफ्टी ने 19100 अंक के स्‍तर को पार क‍िया

सेंसेक्‍स की तरह न‍िफ्टी ने भी 19100 अंक के पार जाकर ऑल टाइम हाई का र‍िकॉर्ड बनाया। शुक्रवार सुबह न‍िफ्टी 19,076.85 अंक पर खुला। न‍िफ्टी इसके साथ ही 19,108.20 प्‍वाइंट के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। इससे पहले अमेर‍िका के मजबूत आर्थिक आंकड़े आने से मार्केट सेंटीमेंट में सुधार आया है। पहली तिमाही में जीडीपी में बढ़ोतरी, बेरोजगार दावों में गिरावट और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्‍याज दर पुराने स्‍तर पर ही रखने से मंदी की आशंका कम हुई है। हालांकि उम्‍मीद यह की जा रही है क‍ि फेड र‍िजर्व लंबे समय तक ब्‍याज दर को हाई लेवल पर रख सकता है।

उत्तराखंड : विधायक हॉर्स ट्रेडिंग केस को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत के घर पर नोटिस लेकर पहुंची सीबीआई, पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी



वर्ष 2016 में सामने आए चर्चित विधायक हॉर्स ट्रेडिंग मामले को लेकर बीते गुरुवार की शाम सीबीआई की टीम नोटिस लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत के घर पहुंची। इस दौरान हरीश रावत घर पर नहीं थे। इस बात को लेकर उन्होंने फेसबुक पर अपनी बात साझा की।

उन्होंने लिखा ‘ दोस्तों CBI के नोटिस के संबंध में मैंने आपसे कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा! क्योंकि ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और #भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, एक भ्रम पैदा किया है। मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों। मगर CBI इतनी जल्दी में है कि आज सुबह जब मैं कुछ दोस्तों को #ईद की मुबारकबाद देने गया था तो उस दौरान मेरे घर पर नोटिस लेकर के पहुंच गए, मैं घर पर था नहीं। फिर मैंने निश्चय किया है कि मैं उनको खुद आमंत्रित करूं कि आएं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें।’

बता दें कि हाल ही में कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने इन चारों के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।

यह है मामला

वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।

615 करोड़ के बजट वाला है चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का अभियान, श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 13 जुलाई को अपराह्न 02 : 30 बजे भरेगा उड़ान, डिटेल में जानिए पूरी खबर

 पिछले सबक के बाद चंद्रयान-3 में किए महत्वपूर्ण बदलाव, इसरो चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए सजग और सचेत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन यानी चंद्रयान-3 के लॉन्च किए जाने की तारीख की घोषणा कर दी है। यह रॉकेट 13 जुलाई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 02 : 30 बजे लॉन्च किया जाएगा। जी हां , महज़ 14 दिन बाद इस बार चंद्रयान-3 अंतरिक्ष की उड़ान भरेगा और एक बार फिर सभी भारतीयों की नज़रें इस पर बनी रहेगी।

 2019 में लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरने और गतिविधियां करने की क्षमता दिखाई थी और काफी हद तक वह एक सफल मिशन था। हालांकि अब इस बार अपने पिछले सबक के बाद इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मून मिशन के लिए भेजा जा रहा है। बता दें कि पिछला मिशन यानी चंद्रयान-2 चंद्रमा की परिक्रमा करने में कामयाब रहा था। हालांकि विक्रम लैंडर को हार्ड लैंडिंग का सामना करना पड़ा था। इसके कारण रोवर को योजना के अनुसार तैनात नहीं किया जा सका था। हालांकि इस बार इसरो के अधिकारी चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं और इसकी लॉन्च की तारीख 13 जुलाई निर्धारित की गई है।चंद्रयान-3 मिशन से उम्मीद है कि चंद्रमा के बारे में समझ और गहरी हो सकेगी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट - लैंडिंग करना और बाद में रोबोटिक रोवर संचालित करने की क्षमता को दिखाना है।

 

जानकारी के मुताबिक चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण यान मार्क-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यह प्रक्रिया 13 जुलाई को दोपहर 02 : 30 बजे होगी। इस मिशन के तहत चंद्रयान-3 प्रोपेलेंट मॉड्यूल " लैंडर " और "रोवर " को 100 किलोमीटर तक चंद्रमा की कक्षा में ले कर जाएगा। इतना ही नहीं चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन करने हेतु एक "स्पेक्ट्रो - पोलरमेट्री " पेलोड भी इसके साथ जोड़ा गया है।

 

 इस मिशन का बजट 615 करोड़ रुपये है। इस बार जोखिमों को कम करने के लिए चंद्रयान-3 को कठोर परीक्षण और सत्यापन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ा है। चंद्र पेलोड कॉन्फिगरेशन समेत मिशन डिजाइन को पिछले मिशन से सीखे सबक को ध्यान में रखते हुए ऑप्टिमाइज किया गया है।

इस मिशन में चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर भी शामिल होंगे लेकिन इस बार ऑर्बिटर नहीं होगा। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण की तैयारी जारी है।

उत्तराखंड : केदारनाथ में मौसम खराब, लगातार भारी बारिश के चलते सोनप्रयाग में रोके गए तीर्थयात्री, घटने भी लगी है तीर्थयात्रियों की संख्या

 उत्तराखंड में मौसम खराब बना हुआ है। वहीं बारिश के चलते केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका गया है। इससे पहले सुबह आठ बजे तक सोनप्रयाग से 4953 श्रद्धालुओं को धाम के लिए रवाना किया गया। जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पैदल मार्ग पर यात्रा सुचारू है, लेकिन बारिश के कारण सोनप्रयाग में यात्री रोके गए गए हैं।

घटने लगी यात्रियों की संख्या

मानसून की फुंआरों के साथ ही केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या कम होने लगी है। पिछले दस दिनों से धाम में दर्शनार्थियों की संख्या औसतन पांच हजार तक पहुंच गई है। साथ ही यात्रा के पहले चरण की कारोबारी गतिविधियां भी बंद हो गई है जिससे धाम से सैकड़ों टेंट संचालक भी लौट आए हैं। दूसरी ओर, आठ हेली कंपनियों में से दो ही रह गई है।

सोनप्रयाग में चहलपहल कम हो गई है। केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारी गोपाल सिंह रौथाण ने बताया कि दस दिनों से यात्रियों की संख्या कम हो गई है। श्रीकेदार होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि रिकार्ड श्रद्धालुओं में पहुंचने के बाद भी उम्मीद के हिसाब से कारोबार नहीं चला।

सरकार द्वारा बार-बार केदारनाथ के लिए पंजीकरण व्यवस्था पर रोक के चलते होटल कारोबारियों को रूटीन और एडवांस बुकिंग नहीं मिल पाई। टेंट कारोबार से जुटे विनोद राणा, संदीप भट्ट, पवन राणा, जगदीश राणा का कहना है कि लिनचोली से केदारनाथ तक टेंटों में कम ही यात्री ही ठहरे। बीते एक पखवाड़े में काफी टेंट संचालक धाम से लौट चुके हैं।

जैसलमेर में पदस्थापित आईएएस अफसर टीना डाबी बनने वाली हैं मां, छुट्टी के लिए लिखा लेटर, जल्द मिलेगी गुड न्यूज, उनके लाखों फॉलोअर ने जताया हर्ष


जैसलमेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने खुद अपने को गर्भवती होने की पुष्टि की है। महिला पदाधिकारी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर राजधानी जयपुर में नाॅन फील्ड पोस्टिंग देने का आग्रह किया है। हालांकि आगामी दिनों में टीना जल्द ही मैटेरनिटी लीव पर जाएंगी।

 

जैसलमेर की बहुचर्चित जिला कलेक्टर टीना डाबी के घर में नया मेहमान आने वाला है। सितंबर माह में टीना अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली हैं। उनके लंबे - चौड़े फैन क्लब के लिए यह काफी खुशियों वाली खबर है। वर्तमान में प्रेग्नेंसी को देखते हुए जैसलमेर की जिलाधिकारी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें जयपुर में फिलहाल नाॅन फील्ड पोस्टिंग दी जाए। उसके बाद वे आगामी दिनों में मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) पर जाएंगी। 

 बीते साल अप्रैल में आईएएस अधिकारी प्रदीप गवांडे से शादी करने के बाद टीना डाबी सुर्खियों में आई थीं। इस महिला पदाधिकारी के गर्भवती होने का खुलासा गत माह उस समय हुआ जब वह अपने जिले में विस्थापित पाकिस्तानी नागरिकों से मिलने पहुंची थीं। दरअसल पाकिस्तानी बुजुर्ग महिलाओं ने कलेक्टर टीना डाबी को बेटा होने का आशीर्वाद दिया था। इस पर टीना डाबी खिलखिला कर हंस पड़ी थीं और उन्होंने कहा कि वे बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझती हैं। लेकिन पाकिस्तानी विस्थापित महिलाएं उन्हें लगातार बेटा होने का आशीर्वाद दे रही थीं।

 दूसरी तरफ जिला कलेक्टर टीना डाबी ने अपनी प्रेग्नेंसी की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य सरकार को पत्र लिखकर राजधानी जयपुर में नाॅन फील्ड पोस्टिंग देने का आग्रह किया है ताकि इस परिस्थितियों में काम का ज्यादा प्रेशर न हो। हालांकि आगामी दिनों में टीना जल्द ही मैटेरनिटी लीव पर जाएंगी। 

टीना डाबी ने कहा कि आगामी दो तीन दिन में आने वाली ट्रांसफर लिस्ट में उनका नाम आने की संभावना है। जब तक ट्रांसफर लिस्ट नहीं आती तब तक वह जैसलमेर कलेक्टर का काम करती रहेंगी।

  

जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जैसलमेर से जयपुर जाने की पूरी तैयारी कर ली हैं। महिला अधिकारी ने अपना घरेलू सामान भी पैक करके जयपुर भिजवा दिया है। आईएएस टीना को उम्मीद है कि 01 - 02 दिन के अंदर ही उनके ट्रांसफर के ऑर्डर आ जाएंगे। फिलहाल वह अपने घर में बने दफ्तर से जरूरी कामकाज और फाइलों के निस्तारण कर रही हैं। जरूरी मीटिंग्स में भी हिस्सा ले रही हैं।

बता दें कि जैसलमेर में भी कलेक्टर के पद पर रहते हुए आईएएस टीना ने कई बेहतरीन कार्य किए हैं। खासकर डेजर्ट फेस्टिवल के आयोजन में भी कई नवाचार कर देशी - विदेशी सैलानियों को आनंदित कर दिया था। इसके अलावे जैसलमेर में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने और महिला शिक्षा को बेहतर बनाने के साथ कई कुरीतियों को समाप्त करने के लिए दिसंबर माह से 03 माह के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया था। जिसके भी परिणाम काफी सकारात्मक रहे थे। साथ ही अन्य कई बेहतरीन कार्यों में कलेक्टर डाबी ने जैसलमेर में अपनी अलग छाप छोड़ी हैं।

 

गौरतलब है कि जिलाधिकारी टीना डाबी सोशल मीडिया में भी बहुत पॉपुलर हैं। बड़ी संख्या में सोशल मीडिया यूजर्स उनको फॉलो करते हैं। इंस्टाग्राम पर 16 लाख , ट्विटर पर 04.50 लाख और फेसबुक पर टीना डाबी के 04.25 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। घर में नया मेहमान आने की सूचना पाकर सभी स्वजन मुदित हैं और उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना कर रहे हैं।

*माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ा झटका, सरकार का निर्देश ना मानने पर लगा 50 लाख का जुर्माना*

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने ट्वीटर द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी ने समाग्री हटाने और ब्लॉक करने संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा कि कंपनी की याचिका का कोई आधार नहीं है। न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने ट्विटर कंपनी पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दिया।

कोर्ट ने केन्द्र की दलील पर जताई सहमति

अदालत ने फैसले के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए कहा, उपरोक्त परिस्थितियों में यह याचिका आधार रहित होने के कारण अनुकरणीय जुर्माने के साथ खारिज की जा सकती है और तदनुसार ऐसा किया जाता है। याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जो 45 दिनों के अंदर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय है। यदि इसमें देरी की जाती है, तो इस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। न्यायाधीश ने ट्विटर की याचिका खारिज करते हुए कहा, मैं केंद्र की इस दलील से सहमत हूं कि उनके पास ट्वीट को ब्लॉक करने और एकाउंट पर रोक लगाने की शक्ति है।

ट्विटर ने केन्द्र के निर्देशों के खिलाफ खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा

बता दें कि फरवरी 2021 से 2022 तक केंद्र सरकार ने ट्विटर को कुछ एकाउंट बंद करने समेत कई निर्देश दिए थे, लेकिन ट्विटर इन निर्देशों के खिलाफ हाईकोर्ट चला गया था। फरवरी 2021 से फरवरी 2022 तक केंद्र सरकार ने अलग अलग समय पर कुल 1474 ट्विटर अकाउंट्स को बंद करने, 175 ट्वीट्स को ब्लॉक करने और 256 यूआरएल और 1हैश टैग को बंद करने का निर्देश दिया था। सरकार ने यह निर्देश आईटी एक्ट 69 ए के तहत जारी किए थे। इस एक्ट के मुताबिक सोशल मीडिया के जरिए देश की संप्रभुता और एकता को ठेस पहुंचाने वाले संदेश को हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।

ट्विटर ने कहा था मूलभूत अधिकारों का हनन

इनमें से ट्विटर ने 39 यूआरएल को लेकर केंद्र सरकार को कोर्ट में चैलेंज किया और अपने तर्क में कहा कि ये नागरिक के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। ट्विटर इंडिया ने जून 2022 में केंद्र के फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी। 6 महीने तक इस मसले पर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस केस में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के आदेश को जायज ठहराया है। इसके साथ ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर की केंद्र सरकार को दिशा निर्देश जारी करने की अपील को भी खारिज कर दिया।

*दिल्ली यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी ने दी सौगात, कहा- दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा*

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दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में आज शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्विद्यालय को तीन भवनों की सौगात दी। पीएम मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर और ‘प्रौद्योगिकी संकाय’ की इमारत और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी।इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित किया।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि डीयू आना मेरे लिए घर आने जैसा है। डीयू हर महत्वपूर्ण क्षण का साक्षी रहा है। पीएम मोदी के भाषण से पहले छात्र-छात्राओं ने मोदी-मोदी, वंदे मातरम, भारत माता की जय का नारा लगाया।

निमंत्रण मिलते ही तय कर लिया था यहां आना है-पीएम मोदी

भाषण की शुरुआत करते ही पीएम मोदी ने कहा, ‘खुशी है कि मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का जश्न मनाने के लिए इस उत्सव में उपस्थित हूं। निमंत्रण मिलते ही तय कर लिया था की आपके यहां तो आना ही है।

इस विवि ने हर मूमेंट को जिया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा इस विवि ने हर मूमेंट को जिया, इस यूनिवर्सिटी ने हर मूमेंट में जान भर दी है। पीएम ने कहा कि मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर यूनिवर्सिटी के सभी प्रोफेसर और स्टाफ के साथ स्टूडेंट व पूर्व छात्र-छात्राओं को हृदय से बधाई देता हूं। आज इस आयोजन के जरिये यहां नए और पुराने स्टूडेंट भी साथ मिल रहे हैं। स्वभाविक है कुछ सदाबहार चर्चाएं भी होंगी। उन्होंने कहा नॉर्थ कैंपस के लोगों के लिए कमला नगर और मुखर्जी नगर से जुड़ी यादें और साउथ कैंपस वालों के लिए सत्य निकेतन के किस्से होंगे।

दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश में अब बड़ी संख्या में कॉलेज बन रहे हैं, देश का युवा अब खुद को बांधना नहीं चाहता है बल्कि बड़ी लकीर खींचना चाहता है। 2014 से पहले देश में चंद ही स्टार्टअप थे, लेकिन अब ये संख्या एक लाख से ज्यादा हो गई है। आज दुनिया का भरोसा भारत के युवाओं पर बढ़ा है, यही कारण है कि हर कोई भारत की ओर देख रहा है।

भारतीय यूनिवर्सिटी की ग्लोबल पहचान बढ़ी- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय यूनिवर्सिटी की ग्लोबल पहचान बढ़ रही है, विश्व में भारत का गौरव बढा है। देश का युवा कुछ नया करना चाहता है। देश में स्टार्टअप की संख्या अब लाख के पार है। बड़ी कंपनियों ने भारत में निवेश का फैसला लिया है। 

आज हम दुनिया के 5 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में हैं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत में नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय थे, तब भारत सुख और समृद्धि के शिखर पर था। जब भारत में तक्षशिला जैसे संस्थान थे, तब भारत का विज्ञान दुनिया का मार्गदर्शन करता था। ये वो समय था जब दुनिया में भारत की जीडीपी में हिस्सेदारी बहुत बड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, एक समय था जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। एक समय था जब भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आता था और आज यह दुनिया के 5 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में है।