सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 की जाए, कोर्ट का मानना है कि इंटरनेट के जमाने में बच्चे जल्दी युवा हो रहे, ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में विचार करने का किया अनुरोध
हाई कोर्ट चाहती है कि सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 कर दी जाए। कोर्ट का मानना है कि इंटरनेट के जमाने में बच्चे जल्दी युवा हो रहे हैं और आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं। इसलिए ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये अनुरोध किया। ग्वालियर हाई कोर्ट ने यह अनुरोध एक रेप के मामले में सुनवाई करते हुए किया।
ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की आयु 18 से घटाकर 16 उम्र करने का अनुरोध किया है। रेप केस की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरनेट युग में बच्चे जल्दी जवान हो रहे हैं। इसलिए सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष हो. हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने मे 14 साल में बच्चे जवान हो रहे हैं। एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर सहमति से संबंध बनाते हैं। ऐसे मामले में युवा कतई आरोपी नहीं हैं।
हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह अनुरोध एक रेप केस की सुनवाई के दौरान किया। इस केस में 17 साल की नाबालिग छात्रा से रेप के मामले में कोचिंग संचालक 3 साल से जेल में बंद है। कोचिंग संचालक ने लड़की द्वारा सहमति से संबंध बनाने के सबूत पेश करते हुए अपने ऊपर लगी की रेप की एफआईआर को निरस्त करने की याचिका दायर की है। गौरतलब है कि, करीब 3 साल से ग्वालियर का एक कोचिंग संचालक राहुल रेप केस में जेल में बंद है। उस पर 17 साल की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
इन तारीखों में हुआ था मामला, नहीं ने दी थी गर्भपात की अनुमति
इस मामले की एफआईआर थाटीपुर थाने में हुई थी। राहुल के साथ-साथ उसके एक रिश्तेदार के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था। कोचिंग संचालक पर रेप का आरोप 18 जनवरी 2020 को लगा था। जबकि, छात्रा ने घटना के छह महीने बाद 17 जुलाई 2020 को थाटीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
इसके बाद इस मामले में कोचिंग संचालक को जेल भेज दिया गया था। बता दें, इस मामले में छात्रा गर्भवती हो गई थी। ऐसे में छात्रा की तरफ से नाबालिग होने और भविष्य खराब होने का हवाला देकर गर्भपात की अनुमति के लिए गुहार लगाई गई थी। इस पर हाई कोर्ट ने विचार करने के बाद सितंबर 2020 में छात्रा को गर्भपात की अनुमति दे दी थी।
युवकों के साथ हो रहा अन्याय इसलिए उम्र 16 की जाए
हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। हाई कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट युग में बच्चे जल्द जवान हो रहे हैं। इसलिए सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष हो। हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने मे 14 साल में बच्चे जवान हो रहे हैं। एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर सहमति से संबंध बनाते हैं। ऐसे मामले में युवा कतई आरोपी नहीं हैं। आजकल अधिकांश क्रिमिनल केसों में पीड़िता की आयु 18 साल से कम होती है
इसी विसंगति के कारण किशोर युवकों के साथ अन्याय हो रहा है।
केंद्र ने 2013 में निर्भयाकांड के बाद लिया था बड़ा फैसला
आपको बता दें कि साल 2013 में दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था। इस कांड के बाद यौन उत्पीड़न कानून को और सख्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाए थे। इसी के तहत आईपीसी की धारा 375 कोष्टक 6 में बदलाव किया गया था। इस बदलाव के तहत सहमति से संबंध बनाने की उम्र को 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया गया था। जबकि, इससे पहले 16 वर्ष की उम्र की लड़कियों द्वारा सहमति से संबंध बनाने पर युवाओं को रेप का अपराधी नहीं माना जाता था। लेकिन, निर्भया कांड के बाद हुए बदलाव के चलते 16 से 18 वर्ष उम्र की युवतियों के द्वारा सहमति से संबंध बनाने के बावजूद भी कानूनी बदलाव के चलते युवाओं पर रेप की एफआईआर दर्ज होने लगी।
Jun 30 2023, 15:30