*बिहार में विपक्ष का महाजुटान, नीतीश के “निमंत्रण” को इन्होंने किया “ना”*

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लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल एकजुट होने के प्रयास में लगे हैं। इसी क्रम में बिहार की राजधानी पटना में नीतीश कुमार की अगुआई में विपक्षी दलों का जमावड़ा लगने वाला है। इस बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया जाएगा। पार्टियों की आगे की रणनीति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में बैठक बुलाई है। विपक्षी दलों की मीटिंग में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चीफ शरद पवार सहित कई नेता शामिल होंगे। हालांकि, इस बैठक से बीआरएस, बीएसपी, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, शिअद, सुभासपा, बीजद, एआईएमआईएम, जेडीएस, एलजेपी, टीडीपी दूरी बनाएगी।

बीआरएस ने कहा- देश में तीसरा या चौथा मोर्चा काम नहीं करने वाला

विपक्षी एकता की कवायद में लगे नीतीश कुमार को केसीआर का समर्थन नहीं मिलेगा। केसीआर की पार्टी ने इससे दूरी बना ली है। बीआरएस की तरफ से बयान आया है- किसी एक व्यक्ति या किसी एक पार्टी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को एक करने की नीति से वह सहमत नहीं हैं। केसीआर की पार्टी बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने कहा कि केवल नरेंद्र मोदी को हटाने का एजेंडा नहीं होना चाहिए। हमारी पार्टी साकारात्मक राजनीति में भरोसा करती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश में तीसरा या चौथा मोर्चा काम नहीं करने वाला है क्योंकि देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक परिस्थितियां है।

नीतीश को नवीन पहले ही कर चुके हैं ना

इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नवीन पटनायक ने भी ना कह दिया था। पटनायक ने विपक्षी एकता के मंच पर आने से इंकार करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी 2024 में अकेले चुनाव लड़ेगी यह उनकी हमेशा से योजना रही है। नवीन पटनायक ने नीतीश कुमार से मुलाकात को निजी मुलाकात बताया था और किसी तरह की राजनीतिक बात से इंकार कर दिया था जबकि इस मुलाकात से कुछ दिन पहले तक नीतीश कुमार उन्हें बीजेपी के खिलाफ साथ लाने की बात कह रहे थे।

नीतीश ने इन दिग्गज नेताओं से की मुलाकात

बता दें कि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को 'एकजुट' करने के लिए दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और कर्नाटक समेत कई राज्यों का दौरा किया था। नीतीश ने पहली बार 12 अप्रैल को कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी, जिसके बाद राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात को विपक्षी एकता की दिशा में एक 'ऐतिहासिक कदम' बताया था। उन्होंने लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी और डी राजा से भी मुलाकात की थी। नीतीश ने अप्रैल में अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक से भी मुलाकात की थी। 31 अप्रैल को तेलंगाना के सीएम केसीआर से मुलाकात हुई थी। नीतीश ने मई में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से संपर्क किया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, आरएलडी के प्रमुख जयंत चौधरी, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात हुई है।

मीटिंग 23 जून को क्यों हो रही है?

विपक्षी दलों की मीटिंग पहले पटना में 12 जून को होनी थी लेकिन कांग्रेस और द्रविड मुनेत्र कषगम (डीएमके) सहित कुछ दलों ने तारीख में बदलाव का अनुरोध किया था। कांग्रेस ने इसके पीछे कारण पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रेसिडेंट खरगे की अनुपलब्धता बताया था।न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम चाहते थे कि बैठक में पार्टियों के नेता शामिल हो ना कि प्रतिनिधि ताकि निर्णय निकल सके।

महाराष्ट्र में सरस्वती वैद्य हत्याकांड में नया खुलासा, आरोपित मनोज रमेश साने ने कहा, देरी से आने पर करती थी शक, काफी पजेसिव नेचर की थी

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में हुई सरस्वती वैद्य नामक महिला की कथित हत्या के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। मनोज रमेश साने पर सरस्वती की हत्या करने का आरोप लगा है। हालांकि, उसका दावा है कि सरस्वती ने जहर खाकर सुसाइड किया था, जिससे डरकर उसने उसके शरीर के कई टुकड़े कर दिए। मनोज साने ने पुलिस को अब बताया है कि वह उसकी 10वीं कक्षा की पढ़ाई में मदद कर रहा था क्योंकि वह स्कूल ड्रॉपआउट थी और पढ़ना चाहती थी। पुलिस अधिकारी ने कहा, ''वह (सरस्वती) कक्षा 10 की परीक्षा देने की योजना बना रही थी और साने उसे गणित पढ़ा रहा था। यह दावा सही लग रहा था क्योंकि हमें फ्लैट की एक दीवार पर एक टीचिंग बोर्ड मिला, जिस पर गणित के सवाल लिखे हुए थे।''

'पजेसिव थी सरस्वती, करती थी शक'

'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि साने ने दावा किया कि सरस्वती उसको लेकर काफी पजेसिव थी। साने ने आरोप लगाया कि जब वह काम से देर से घर आता था, तो उसे शक होता था कि वह उसके साथ बेवफाई कर रहा है और इस वजह से उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे। उसने निजी मुद्दों पर उसके साथ अक्सर झगड़े होने की बात भी स्वीकार की। हालांकि, मनोज साने के पड़ोसियों ने कहा कि उन्होंने फ्लैट 704 से कभी कोई चीख या बहस नहीं सुनी। साने ने पुलिस को यह भी बताया कि सरस्वती हमेशा चाहती थी कि वह उसकी सराहना करे, लेकिन उसकी आलोचना नहीं करे।

बता दें कि मनोज साने ने पुलिस के सामने दावा किया कि वह 3 जून को आत्महत्या करके मर गई और इस डर से कि उसकी आत्महत्या के लिए पुलिस द्वारा उस पर मामला दर्ज किया जाएगा, उसने उसके शरीर के टुकड़े किए और फिर उन्हें ठिकाने लगाने की योजना बनाई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिन्होंने बुधवार रात घटनास्थल का दौरा किया और साने से पूछताछ की, ने साने से पूछताछ के विवरण की पुष्टि करते हुए कहा कि इन सभी दावों को अब सत्यापित किया जा रहा है।

'साने और वैद्य ने की थी शादी, दोनों ने यह बात छिपाई'

अपनी 'लिवइन पार्टनर' सरस्वती वैद्य की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार मनोज साने (56) ने उससे शादी की थी, लेकिन दोनों ने यह बात छिपाई थी। 

एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई के बाहरी क्षेत्र मीरा रोड (पूर्व) इलाके से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार साने ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि वह एचआईवी-संक्रमित है और उसके 36 वर्षीय वैद्य से कभी शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे। मीरा-भयंदर वसई विरार आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त जयंत बजबले ने वैद्य की तीन बहनों के बयानों का हवाला देते हुए कहा,''दंपति ने अपनी शादी को पंजीकृत नहीं कराया था, लेकिन उन्होंने एक मंदिर में रीति-रिवाज के साथ शादी की थी।'' उन्होंने कहा कि वैद्य ने अपनी बहनों को शादी के बारे में बताया था, लेकिन उनके बीच उम्र का काफी फासला था, इसलिए युगल ने इसे सार्वजनिक नहीं किया।

17 जून को पटना में होगी गृह मंत्रालय पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि रहेंगे, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हो सकते हैं शामिल



बिहार की राजधानी पटना में 17 जून को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसमें शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर इसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री करते हैं। लेकिन गृह विभाग के अधिकारियों को अब तक अमित शाह के आगमन की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। हालांकि बैठक की तैयारियां शुरू कर दी गई है। इसके लिए नीतीश सरकार ने बिहार प्रशासनिक सेवा के 20 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है। बैठक में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें बिहार के प्रतिनिधि के तौर पर सीएम नीतीश कुमार शामिल होंगे या नहीं, इस पर भी अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। पिछली बार पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में नीतीश ने अपनी जगह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भेजा था। तब बीजेपी ने सीएम को इस मुद्दे पर जमकर घेरा था।

पटना में प्रस्तावित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों के सहयोग को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। ये अधिकारी 15 से लेकर 18 जून तक गृह (कारा) विभाग में प्रतिनियुक्त रहेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। बिहार प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है, उनमें हीरामुनी प्रभाकर, सुशील कुमार मिश्र, रविश किशोर, अजीत कुमार, शैलेश कुमार, अनिल कुमार पांडेय, अजय कुमार मिश्रा, उपेन्द्र प्रसाद सिंह, अजीत कुमार सिंह, राजेश कुमार, सुमन प्रसाद साह, गौतम कुमार, ब्रज किशोर चौधरी, गोपाल प्रसाद, ज्ञानेन्द्र कुमार, आलोक कुमार, विशाल आनंद, विकास कुमार, अभिषेक आनंद, राहुल सिन्हा शामिल हैं। प्रतिनियुक्त अधिकारी आंगुतक पदाधिकारियों के साथ सम्पर्क अधिकारी के रूप में काम करेंगे। इन अधिकारियों को 13 जून को होने वाले प्रशिक्षण शिविर में हर हाल में शामिल होने को कहा गया है।

केंद्र के कार्यक्रमों से नीतीश का किनारा

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की दिसंबर 2022 में हुई बैठक से सीएम नीतीश कुमार ने किनारा किया था। नीतीश ने अपनी जगह तेजस्वी को कोलकाता भेजा था। कहा जा रहा है कि एनडीए छोड़ने के बाद से नीतीश केंद्र सरकार के कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं। पिछले महीने नीति आयोग की दिल्ली में हुई बैठक में भी नीतीश कुमार नहीं पहुंचे थे। हालांकि, 17 जून पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में ही प्रस्तावित है, ऐसे में नीतीश के इस बैठक में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

सरस्वती वैद्य हत्याकांड, दरिंदे मनोज से सरस्वती ने कर ली थी शादी, उम्र में काफी अंतर होने के कारण कपल ने इस बात को छिपा कर रखा था


मुंबई के सरस्वती वैद्य हत्याकांड में पुलिस ने अहम खुलासा किया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि हत्या के आरोपी मनोज साने और पीड़िता सरस्वती वैद्य पति-पत्नी थे। डीसीपी जयंत बाजबाले ने बताया कि दोनों ने कुछ वक्त पहले शादी कर ली थी और इस बारे में सरस्वती की बहन को जानकारी भी दी थी। उन्होंने कहा कि कपल ने अपनी शादी की बात को इसलिए छिपा रखा था क्योंकि इनके बीच बड़ा अंतर था। दोनों अपने बीच उम्र के अंतर को लेकर शरमाते थे और इसके चलते बाहर किसी को भी नहीं बता रखा था। 

दोनों के पड़ोसी उन्हें कपल ही मानते थे, लेकिन जिस अनाथालय में सरस्वती रहती थी, वहां उसने बता रखा था कि वह अपने अंकल के साथ रहती है। इसके अलावा मनोज साने भी अपने कुछ परिचितों से यही कहता था कि वह सरस्वती को बेटी की तरह मानता है। दोनों की एक राशन दुकान पर 10 साल पहले मुलाकात हुई थी। जल्दी ही दोनों की मुलाकात प्यार में बदल गई। 8 साल पहले से वह साथ रहने लगे थे और फिर चुपचाप ही कुछ वक्त पहले शादी कर ली थी। पुलिस का कहना है कि दोनों के बीच शायद आर्थिक संकट को लेकर भी झगड़ा होता था। अंत में मनोज ने सरस्वती का कत्ल ही कर दिया।

मनोज साने एक राशन की दुकान पर ही काम करता था, जहां उसे मामूली सैलरी ही मिलती थी। कुछ महीनों से उसकी वह नौकरी भी चली गई थी और वह अपने एक मकान से आने वाले 35 हजार रुपये किराये के ही भरोसे थे। सरस्वती कोई काम नहीं करती थी और मनोज साने की कमाई नहीं थी। ऐसे में दोनों के बीच लड़ाई होती रहती थी। यही लड़ाई 3 जून को इतनी बढ़ गई कि गुस्से में मनोज साने ने पत्नी को चाकू मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। मनोज साने ने बताया कि सरस्वती की हत्या का राज छिपाने के लिए कटर से उसके शव के टुकड़े कर डाले। फिर उन्हें उबालकर कुत्तों को खिला रहा था।

पुलिस ने सरस्वती की बहनों से की पूछताछ

बता दें कि इस मामले ने दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस की यादें ताजा कर दी है। आफताब पूनावाला ने भी श्रद्धा का कत्ल कर उसके शव के 30 से ज्यादा टुकड़े कर डाले थे। शुरुआत में यही जानकारी सामने आई थी कि मनोज साने और सरस्वती लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। लेकिन अब जाकर यह खुलासा हुआ है कि दोनों ने कुछ वक्त पहले शादी भी कर ली थी। पुलिस ने सरस्वती की बहनों से पूछताछ भी कर ली है।

*महाराष्ट्र में फिर "सियासी तूफान”, क्या टूटने वाला है बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ?जानें क्या है कारण*

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महाराष्ट्र की राजनीति गलियारों में आए दिन "तूफान” खड़ा हो जाता है। यहां फिर से सियासी खेल शुरू हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा में दरार आने के संकेत मिले हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के बेटे व लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। उन्होंने भाजपा के कुछ नेताओं पर स्वार्थ की राजनीति के लिए गठबंधन को कमजोर करने का आरोप लगाया है। श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि अगर उनके काम से कोई नाराज होता है तो वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

श्रीकांत शिंदे का यह बयान हाल ही में कल्याण लोकसभा सीट को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद आया है। इस बैठक में प्रस्ताव पास किया गया था कि इस सीट पर भाजपा अपने सहयोगी दल शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी। इसके बाद से भाजपा और शिवसेना के गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चा है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए गठबंधन (भाजपा-शिंदे गुट) गठबंधन के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। भाजपा-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा. हमारा लक्ष्य फिर से भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनाना है और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है। हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं, अगर कोई इसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।

यह है पूरा मामला

दरअसल, एक महिला से छेड़छाड़ के मामले में भाजपा के पदाधिकारी नंदू जोशी पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसको लेकर नंदू जोशी और कई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि डोंबिवली मानपाडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने के पीछे शिवसेना का हाथ है। वहीं, बुधवार को डोंबिवली में राज्य के मंत्री रविंद्र चौहान के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान, शिवसेना को अलग करने का फैसला लिया गया।

गुजरात में एटीएस को बड़ी कामयाबी, पोरबंदर में आईएसआईएस के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, 1 महिला समेत 4 संदिग्ध गिरफ्तार

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गुजरात एटीएस को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है।गुजरात के पोरबंदर में एटीएस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एटीएस ने आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 1 महिला समेत 4 लोगों को अरेस्ट किया है।जबकि एक और शख्स को पकड़ने के लिए कई टीमें छापेमारी कर रहीं हैं। पकड़े गए संदिग्धों पर आरोप है कि इनके संबंध एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से थे।खुफिया जानकारी के आधार पर ये कार्रवाई की गई है। ऑपरेशन पूरा होने के बाद एटीएस आधिकारिक घोषणा करेगी।

बताया जा रहा है कि इस मामले में सुमेरा नाम की सूरत की एक महिला की गिरफ्तारी हुई है।बताया जा रहा है कि एटीएस ने पुलिस की मदद से महिला को लालगेट इलाके से हिरासत में लिया गया है। उसे पोरबंदर ले जाया गया है।एटीएस की गिरफ्त में आई महिला की शादी दक्षिण भारत में हुई है। उसके परिवार का एक व्यक्ति सरकारी नौकरी भी करता है। एटीएस के अधिकारी महिला के बारे में और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। वह कैसे आतंकी संगठन के संपर्क में आई, एटीएस के अफसर इस बात को पता लगा रहे हैं।

वहीं, एटीएस ने पोरबंदर से 3 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। एटीएस की पूछताछ में तीनों ने महिला का नाम बताया था।गिरफ्तार किए गए चारों लोग आईएसआईएस के सक्रिय ग्रुप के सदस्य हैं। छापेमारी के दौरान गुजरात एटीएस को कई प्रतिबंधित चीजें मिली हैं। ये चारों आईएसआईएस के साथ जुड़ने के लिए भागने की फिराक में थे। ये सभी पिछले एक साल से एक दूसरे के संपर्क में थे और उनके सीमा पार के आकाओं के इशारों पर रेडिकलाइज हुए थे।

इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में मध्य प्रदेश में तीन लोगों को गिरफ्तार कर आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। जांच एजेंसी एनआईए ने मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के साथ खुफिया विभाग के नेतृत्व में एक संयुक्त अभियान में जबलपुर में 13 स्थानों पर रातभर की गई छापेमारी के दौरान इन लोगों को गिरफ्तार किया था।गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की पहचान सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद के रूप में की गई थी।

अगले 36 घंटे में रफ़्तार पकड़ेगा चक्रवात ‘बिपरजॉय’, कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं

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चक्रवात बिपरजॉय भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है।देश के तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग की माने तो आज बिपरजॉय और भी भयानक रूप ले सकता है। इसके बाद यह गंभीर चक्रवाती तूफान बन सकता है। इस तूफान का असर कई तटीय इलाकों में देखने को मिल सकता है।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि चक्रवात बिपरजॉय अगले 36 घंटे में तीव्र होने वाला है और अगले दो दिन में उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।

आईएमडी ने शुक्रवार को माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा की बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 8 जून को रात 11:30 बजे पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर मौजूद था, जो गोवा से 840 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम और मुंबई से 870 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में स्थित था।यह अगले 36 घंटे के दौरान धीरे-धीरे गति पकड़ेगा और अगले 2 दिन में यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा..."

गुजरात में असर दिखना शुरू

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि अगले दो दिनों में उत्तर से उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा। गुजरात में इसका असर दिखना शुरू हो गया है। गुजरात के वलसाड में समुद्र किनारे तेज लहरें उठ रही हैं। इसके अलावा गुजरात के सूरत में भी तूफान का असर देखने को मिल रहा है, डुमस और सुवाली में ऊंची लहरें उठ रही है जिसके बाद कोस्टल एरिया को 14 जून तक के लिए बंद कर दिया गया है। तेज हवाओं के कारण कई जगह बैनर पोस्टर फट गए हैं। इतना ही नहीं पर्यटकों को भी सावधानी बरतने के लिए कहा गया है और बीच पर जाने पर मनाही हो गई है। इसके साथ ही मछुआरों की भी समुद्र में जाने से साफ मना कर दिया गया है।

देश के चार राज्यों में दिखेगा असर

देश के चार राज्यों में अगले 36 घंटों में बिपरजॉय का असर दिखने की आशंका है।4 राज्यों- कर्नाटक-गोवा-महाराष्ट्र और गुजरात में सतर्कता बरती जा रही है। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण भारतीय क्षेत्र में अगले चार दिनों में बारिश होने की संभावना है। जहां केरल और तटीय कर्नाटक में सोमवार तक भारी बारिश होने की संभावना है, वहीं लक्षद्वीप में रविवार तक बारिश होगी। इसके अलावा, केरल के आठ जिलों को शुक्रवार को यलो अलर्ट पर रखा गया था। इन जिलों में तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, कोझिकोड और कन्नूर शामिल हैं। वहीं, शुक्रवार को वेल्लोर जिले में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी दर्ज की गई। चेन्नई क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र वेल्लोर के अनुसार 5.5 सेमी बारिश दर्ज की गई है।

मछुआरों को समुद्र में न जाने की दी गई सलाह

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि चक्रवात बिपरजॉय अगले 36 घंटों में तेज होने वाला है और अगले दो दिनों में उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। इसी के चलते मौसम विभाग ने मछुआरों को केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के तट से दूर रहने की सलाह दी है।

बता दें कि इससे पहले ये चक्रवाती तूफान पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर स्थित था। आईएमडी के मुताबिक, ये चक्रवाती तूफान केरल के मानसून पर भी असर डाल रहा है, जिससे मानसून की रफ्तार लगातार धीमी पड़ी हुई है। अगले 36 घंटों में भारत समेत पाकिस्तान, ईरान और अरब सागर से सटे देशों पर भी इसके असर की आशंका जताई जा रही है।

तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में 'आदिपुरुष' फिल्म निर्माता के फिल्म अभिनेत्री कृति सैनॉन को चूमने के बाद बढ़ा विवाद, तेलंगाना के पुरोहित बो

तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में बीते 7 जून को 'आदिपुरुष' फिल्म निर्माता को फिल्म अभिनेत्री कृति सैनॉन को चूमने हुए देखा गया। इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तेलंगाना के चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने इसकी निंदा की है। इसको लेकर आपत्ति भी जताई है। मुख्य पुजारी ने कहा, "यह निंदनीय है। यहां तक कि एक पति और पत्नी भी मंदिर में एक साथ नहीं जाते। आप होटल के कमरे में जाकर ऐसा कर सकते हैं। आपका व्यवहार रामायण और देवी सीता का अपमान करने जैसा है।"

बता दें कि फिल्म निर्माता को मंदिर परिसर के बाहर कृति सैनॉन को अलविदा कहते देखा गया। उन्होंने कृति को चूमा। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। इसके बाद हंगामा मच गया। भाजपा के प्रदेश सचिव रमेश नायडू ने भी इसकी आलोचना की, लेकिन बाद में उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया।

टीम 'आदिपुरुष' ने 6 जून को तिरुमाला में फिल्म के अंतिम ट्रेलर का अनावरण किया। यह एक शानदार शो रहा। बुधवार को डायरेक्टर ओम राउत और कृति सेनॉन को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए स्पॉट किया गया था।

वायरल हुए एक वीडियो में फिल्म निर्माता को कृति को अलविदा कहते हुए उनके गाल पर किस करते हुए देखा जा सकता है। नेटिज़न्स के एक वर्ग यह पसंद नहीं आया। इस पर नाराजगी जताते हुए भाजपा के प्रदेश सचिव रमेश नायडू नागोथु ने सवाल किया कि क्या ऐसा करना आवश्यक था।

इस बीच कृति सैनॉन ने सोशल मीडिया पर इवेंट की अपनी एक तस्वीर शेयर की। उन्होंने तिरुपति मंदिर में मिले स्नेह के लिए आभार प्रकट करते हुए एक पत्र भी लिखा है।

आकाश अंबानी और श्लोका मेहता ने किया बेटी के नाम का खुलासा, जानिए क्या है मुकेश अंबानी की पोती का नाम

डेस्क: आकाश अंबानी और श्लोका मेहता ने अपनी नवजात बच्ची का नाम वेदा रखा है. दंपति का पहले से ही एक बेटा पृथ्वी है, जिसका जन्म दिसंबर 2020 में हुआ था. अंबानी परिवार ने अपनी पोती के आगमन पर खुशी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के साथ वेदा के आने की घोषणा की.

'वेद' नाम का मतलब क्या होता है?

वेद संस्कृत में एक लड़की का नाम है जिसका अर्थ है ज्ञान या ज्ञान और हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच लोकप्रिय है. वेद प्रारंभिक भारतीय शास्त्रों के पवित्र लिखित ग्रंथ हैं जो धर्म का आधार बनते हैं. वे संस्कृत साहित्य के सबसे पुराने रूपों में से हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे प्राचीन विद्वानों द्वारा लिखे गए थे. वेद नाम का मतलब पवित्र ज्ञान, धन, कीमती, चार दार्शनिक ग्रंथों अंतर्निहित हिंदू धर्म होता है. 

पृथ्वी ने किया बहन वेदा का वेलकम

अंबानी परिवार की तरफ से खूबसूरत सा कार्ड शेयर किया गया है, जिसमें नाम रिवील किया गया है. कार्ड में अंबानी और मेहता परिवार के सभी सदस्यों के नाम लिखे गए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा जोर दिया गया है पृथ्वी अंबानी के नाम पर जिन्होंने अपनी छोटी बहन के नाम को अनाउंस किया है.

अंबानी परिवार की नन्हीं परी की एक झलक पाने के लिए सभी बेकरार हैं. कुछ समय पहले ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें नीता अंबानी की गोद में बच्ची दिख रही थी. कहा गया कि ये श्लोका अंबानी के अस्पताल से घर आने के दौरान की थी.

देश में इस साल 4 महीनों में खराब मौसम के चलते 233 लोगों की मौत, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

डेस्क: पिछले कुछ महीनों में देश ने मौसम के कई अलग-अलग रूप देखे हैं। कई बार यह मौसम खुशगवार दिखा तो तमाम मौके ऐसे भी आए जब यह खूंखार हो गया और ढेर सारी दिक्कतें पैदा की। एक रिपोर्ट के मुतबिक, देश में इस साल के पहले 4 महीनों में खराब मौसम के चलते हुई घटनाओं में 233 लोगों की मौत हो चुकी है। सिर्फ इतना ही नहीं, प्रतिकूल मौसम ने आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया है और इस दौरान 9.5 लाख हेक्टेयर में लगी हुई फसल की क्षति हुई है।

पिछले साल हुई थी 86 लोगों की मौत

‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट’ (CSE) की एक रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, इस तरह की घटनाओं से इस बार देश के कुल 32 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश प्रभावित हुए जबकि पिछले साल यह संख्या 27 थी। राजस्थान और महाराष्ट्र में प्रतिकूल मौसम के दिनों की अधिकतम संख्या 30-30 रही जबकि हिमाचल प्रदेश में 28 और बिहार एवं मध्य प्रदेश में 27-27 दिन प्रतिकूल रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल की समान अवधि में 25 प्रतिकूल दिन रहे थे जबकि इस साल यह संख्या घटकर 12 दिन रही। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और अप्रैल 2022 के बीच, प्रतिकूल मौसम की घटनाओं के कारण 86 लोगों की मौत हुई।

बिजली और तूफान ने मचाया कहर

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसी अवधि में प्रतिकूल मौसम के चलते 30,000 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा था। इसके मुताबिक, 2022 में इसी अवधि के दौरान 35 दिनों की तुलना में इस बार 58 दिन आकाशीय बिजली गिरी और तूफान आए। इनमें से ज्यादातर घटनाएं मार्च और अप्रैल में हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश ने 2023 के पहले 4 महीनों में पिछले साल के 40 दिनों की तुलना में सिर्फ 15 दिन गर्म हवाएं चली। भारत में 2022 में 365 दिनों में से 314 दिन प्रतिकूल मौसम के कारण घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में 3026 लोगों की जान गई थी और 19.6 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा था।