बिजली उपभोक्ताओं के बिल में जीएसटी वसूलने के प्रस्ताव का उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध
लखनऊ। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा गुपचुप तरीके से पूरे देश में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के साथ ही देश के विद्युत उपभोक्ताओं से जीएसटी की वसूली कानून बनाने के प्रस्ताव पर उपभोक्ता परिषद ने नाराजगी जताई है साथ ही इसे गए कानूनी बताया है परिषद ने ने पब्लिक कड़ी आपत्ति जताई है। आपत्ति जताते हुए देश के प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र लिखा है जिसमें देश के उपभोक्ताओं को तबाह करने से बचाने की बात कही है।
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उपभोक्ता परिषद ने कहा स्टेट कॉन्करेस के तहत प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता 5 से 7.5 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष बिजली पर देता है। इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी जो लगभग 3032 करोड के करीब है। ऐसे में अब उसे जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ बडा धोखा है।केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है।
गुपचुप तरीके से पूरे देश में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के साथ ही विद्युत उपभोक्ताओं से जीएसटी की वसूली प्रस्ताव के संबंध में कल 29 मार्च को देश के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सभी राज्यों के ऊर्जा विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके सबका मत जाना और कई विकल्पों पर चर्चा की। पहले चरण में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय चाहता है कि कमर्शियल और इंडस्ट्री के विद्युत उपभोक्ताओं पर जीएसटी की वसूली का कानून बनाया जाय। जिस पर सभी राज्यों की राय ली जा रही है। कल की वीडियो कांफ्रेंसिंग में जो तथ्य निकल कर सामने आ रहे हैं। उसमें उत्तर प्रदेश ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्ताव पर अभी कोई भी हरी झंडी नहीं दी गई। बल्कि असहमति व्यक्त की गई है।
इसके लिए उपभोक्ता परिषद ऊर्जा विभाग उत्तर प्रदेश का आभार व्यक्त करता है।जिसकी भनक लगते ही उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विरोध पत्र भेजा है। उसमें कहा है कि इससे देश का ऊर्जा सेक्टर तो तबाही होगा ही वहीं दूसरी ओर पूरे देश के विद्युत उपभोक्ता बडे संकट में आ जाएंगे और उन पर भारी आर्थिक बोझ पड जाएगा, इसलिए इस प्रकार के गैरकानूनी प्रस्ताव को अबिलंब खारिज किया जाए। जब देश के विद्युत उपभोक्ता स्टेट कॉन्करेंस कानून के तहत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी बिजली बिल पर देते हैं। ऐसे में उन्हें जीएसटी के दायरे में लाना गैरकानूनी है।













Mar 30 2023, 18:54
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