बंद होने की कगार पर दुग्ध समितियां किसानों को जून से नहीं मिली दूध की कीमत
लखनऊ । होली का पर्व नजदीक है लेकिन उन किसानों की होली रंगीन होना मुस्किल लग रहा है जिनका दूध लखनऊ दुग्ध संघ अर्थात पराग डेयरी की समितियों पर जाता है। किसानों को करीब जून महीने से दूध की कीमतों का भुगतान नहीं हुआ है।
कर्मचारी भी कई महीने से वेतन नही पा रहे हैं। दुग्ध समितियां बंदी की कगार पर हैं।लखनऊ दुग्ध संघ की गांवो में दुग्ध समितियां चलती है, जिनमे किसान अपना दूध देते हैं। किन्ही कारणों से पराग डेयरी घाटे में पहुंच गई और किसानों के दूध की कीमत मिलने में देरी होने लगी। अब यह आलम है की किसानों को जून महीने से दूध की कीमत का भुगतान नहीं हुआ है।
लगभग छह महीने से कर्मचारियों को वेतन के भी लाले हैं। एक अनुमान के अनुसार किसानों का करीब 16 से 20 करोड़ रुपया बकाया चल रहा है। किसानों का पैसा रुकने का नतीजा है की डेयरी में करीब 50 प्रतिशत तक दूध की कमी आ गई है। गोसाईगंज क्षेत्र में कई दुग्ध संग्रह केंद्र बंद हो चुके हैं। रामदासपुर महुरा कला, हरदोइया और गंगागंज बीएमसी बंद बताई गई हैं। यहां दूध का उत्पादन भी आधा हो गया है। जहा 800 लीटर दूध होता था वहा अब 400 लीटर ही बचा है।
किसानों को समितियों से उधार में मिलने वाला पशु आहार भी मिलना बंद है। सूत्र बताते हैं कि डेयरी पर बकाए भुगतान के लिए बैंक से 25 करोड़ रुपए कर्ज लेने की तैयारी चल रही है। कर्ज मिलने के बाद डेयरी की स्थिति में सुधार आ सकता है लेकिन इसके साथ ही कर्ज अदा करने की भी चुनौती खड़ी हो जायेगी।
बताया गया है सरकार ने भी डेयरी के लिए बजट में 86 करोड़ का प्राविधान किया है। कई संघों के विलय के कारण आया डेयरी का अनुमानित घाटा भी करीब 50 करोड़ बताया जा रहा है।फिलहाल पराग डेयरी की आर्थिक स्थिति नाजुक हालत में है इसकी स्थिति सुधारने के लिए लगभग 50 करोड़ रुपयों की जरूरत होगी क्योंकि डेयरी काफी घाटे में है।
हालांकि बताया जा रहा है की डेयरी को होली के पहले कुछ धन मिल जायेगा। अगर डेयरी को धन नही मिलता है और दूध की बढ़ोत्तरी नही होती है तो इस बार डेयरी के लिए होली में खोए की बिक्री कर पाना भी संभव नहीं होगा।
Feb 27 2023, 20:11