India

Feb 27 2024, 10:40

एस जयशंकर का का चौंकाने वाला खुलासा, बोले-कनाडा में हमारे राजनयिकों को डराया, धमकाया गया

#s_jaishankar_attacks_on_canada

हाल के दिनों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारतीय दूतावासों को खालिस्तानी चरमपंथियों ने निशाना बनाया है।अपने दूतावासों पर हुए हमलों की भारत ने कड़ी निंदा की है और सख्त एक्शन की मांग की। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से दूतावास हमलों को लेकर खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग दोहराई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत को उम्मीद है कि पिछले साल लंदन में उसके उच्चायोग और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमलों में शामिल दोषियों के साथ-साथ कनाडा में भारतीय राजनयिकों को धमकी देने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने एक चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ये खुलासा किया की भारत को कनाडा में वीजा जारी करना क्यों निलंबित करना पड़ा। उन्होंने कहा, “हमें कनाडा के लिए वीजा जारी करने के काम को निलंबित करना पड़ा क्योंकि हमारे राजनयिकों के लिए वहां पर काम करना सुरक्षित नहीं था। उन्हें लगातार डराया और धमकाया गया था, और हमें उस समय कनाडाई सिस्टम से बहुत कम सपोर्ट मिला था।” उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे दौर में पहुंच गए जब मैं – बतौर मंत्री – राजनयिकों को उस तरह की हिंसा में भेजने का जोखिम नहीं उठा सकता था जो उस समय कनाडा में चल रही थी।”

जयशंकर के निशानें पर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया

कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ”अगर कोई देश हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावासों पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ जांच या कार्रवाई नहीं करता है, तो इसमें एक मैसेज छिपा हुआ है। मुझे नहीं लगता है कि इनमें से किसी भी देश की प्रतिष्ठा के लिए इस तरह मैसेज देना सही है।” उन्होंने बिना नाम लिए अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को निशाने पर लिया।

ट्रुडो के आरोपों के बाद निलंबित किया गया था वीजा

बता दें कि भारत ने पिछले साल सितंबर में कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। देश ने यह कदम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता के आरोपों के कुछ दिनों बाद उठाया था। हालांकि, कुछ सप्ताह बाद वीजा सेवाएं फिर से शुरू हो गई थीं। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

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Feb 27 2024, 10:40

एस जयशंकर का का चौंकाने वाला खुलासा, बोले-कनाडा में हमारे राजनयिकों को डराया, धमकाया गया

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हाल के दिनों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारतीय दूतावासों को खालिस्तानी चरमपंथियों ने निशाना बनाया है।अपने दूतावासों पर हुए हमलों की भारत ने कड़ी निंदा की है और सख्त एक्शन की मांग की। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से दूतावास हमलों को लेकर खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग दोहराई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत को उम्मीद है कि पिछले साल लंदन में उसके उच्चायोग और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमलों में शामिल दोषियों के साथ-साथ कनाडा में भारतीय राजनयिकों को धमकी देने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने एक चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ये खुलासा किया की भारत को कनाडा में वीजा जारी करना क्यों निलंबित करना पड़ा। उन्होंने कहा, “हमें कनाडा के लिए वीजा जारी करने के काम को निलंबित करना पड़ा क्योंकि हमारे राजनयिकों के लिए वहां पर काम करना सुरक्षित नहीं था। उन्हें लगातार डराया और धमकाया गया था, और हमें उस समय कनाडाई सिस्टम से बहुत कम सपोर्ट मिला था।” उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे दौर में पहुंच गए जब मैं – बतौर मंत्री – राजनयिकों को उस तरह की हिंसा में भेजने का जोखिम नहीं उठा सकता था जो उस समय कनाडा में चल रही थी।”

जयशंकर के निशानें पर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया

कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ”अगर कोई देश हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावासों पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ जांच या कार्रवाई नहीं करता है, तो इसमें एक मैसेज छिपा हुआ है। मुझे नहीं लगता है कि इनमें से किसी भी देश की प्रतिष्ठा के लिए इस तरह मैसेज देना सही है।” उन्होंने बिना नाम लिए अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को निशाने पर लिया।

ट्रुडो के आरोपों के बाद निलंबित किया गया था वीजा

बता दें कि भारत ने पिछले साल सितंबर में कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। देश ने यह कदम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता के आरोपों के कुछ दिनों बाद उठाया था। हालांकि, कुछ सप्ताह बाद वीजा सेवाएं फिर से शुरू हो गई थीं। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।