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Sep 04 2024, 16:29

ब्रुनेई की राजधानी से चेन्नई के लिए सीधी विमान सेवा, पीएम मोदी और सुल्तान हसनल बोलकिया के बीच हुए ये समझौते*
#pm_modi_brunei_visit_king_hassanal_bolkiah_bilateral_ties

ब्रुनेई की द्विपक्षीय यात्रा के दूसरे दिन आज पीएम मोदी ने सुल्तान हसनल बोल्किया से लग्जरी पैलेस में मुलाकात की। येमुलाकात इस्ताना नुरुल ईमान पैलेस में हुई। अपनी यात्रा के दौरान पीएम ने देश के सुल्तान हसनल बोल्किया से मुलाकात की और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रुनेई की राजधानी बांदर सेरी बेगावान और भारत के चेन्नई के बीच सीधी विमान सेवा शुरू का एलान किया। सीधी विमान सेवा के अलावा दोनों देशों ने रक्षा, अंतरिक्ष और लोगों के लोगों के बीच संबंध के क्षेत्र में भी अपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। ब्रुनेई में अपनी यात्रा के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, मेरी ब्रुनेई की यात्रा काफी प्रोडक्टिव रही। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके इस दौरे ने अब भारत और ब्रुनेई के रिश्तों को और भी मजबूत कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा, दोनों देशों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जल्द ही डायरेक्ट फ्लाइट शुरू की जाएंगी। उन्होंने आगे कहा, हमने कृषि, उद्योग और स्वास्थ्य के साथ-साथ तकनीक और साइबर टेक्नोलोजी पर भी बल देने का निर्णय लिया है। साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए चर्चा की है। डिफेंस सेक्टर में सहयोग को बढ़ाने के लिए भी विचार किया गया है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए हम उपग्रह विकास, रिमोट सेंसिंग और ट्रेनिंग पर सहमत हुए हैं। साथ ही पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच के नागरिकों के रिश्तों को लेकर कहा, हमारा नागरिकों से नागरिकों का रिश्ता हमारे देश की साझेदारी की नींव है। मुझे खुशी है कि भारतीय समुदाय ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था और समाज में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और ब्रुनेई के परिवहन और सूचना संचार मंत्री महामहिम पेंगिरन दातो शमहारी पेंगिरन दातो मुस्तफा ने उपग्रह और प्रक्षेपण वाहनों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड स्टेशन के संचालन में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस दौरान पीएम मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान भी मौजूद रहे। वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी। संयुक्त वक्तव्य के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के टेलीमेट्री ट्रैकिंग और टेलीकमांड (टीटीसी) स्टेशन की मेजबानी जारी रखने के लिए ब्रुनेई दारुस्सलाम की गहरी सराहना की। इस संस्थान ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की ओर से चल रहे प्रयासों में योगदान दिया है। साझा बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने दोनों सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था और एमओयू के तहत आपसी हित के क्षेत्रों में आगे सहयोग का स्वागत करते हुए नए एमओयू की सराहना की। दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और निवेश, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण और संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई विषयों पर द्विपक्षीय वार्ता की।

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Aug 30 2024, 16:18

पीएम मोदी ने शिवाजी महाराज से मांगी माफी, छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर बोले- वे हमारे आराध्य

#pm_modi_apologize_on_falling_of_shivaji_maharaj_statue_in_maharashtra 

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में बीते दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी। इस घटना को लेकर महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक घमासान मचा हुआ था। आज शुक्रवार को महाराष्ट्र पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकसभा में इस घटना को लेकर माफी मांगी है। पीएम मोदी ने इस घटना को लेकर माफी मांगते हुए कहा है कि हमारे लिए शिवाजी आराध्य है।

मोदी ने पालघर में कहा, "2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया। सबसे पहला काम जो मैंने किया, वह था रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने एक भक्त के रूप में बैठना और एक नई यात्रा शुरू करना।"

उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं। आज मैं सिर झुकाकर अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से माफ़ी मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं और उनका अपमान करते रहते हैं। वे माफ़ी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं।"

सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस भी मांग चुके हैं माफी

प्रधानमंत्री की यह प्रतिक्रिया 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग में 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने को लेकर चल रहे विवाद के बीच आई है। पीएम मोदी से पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने पर बीते 28 अगस्त को राज्य के लोगों से माफी मांगी थी। इस घटना को लेकर विपक्ष महायुति गठबंधन सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह शिवाजी महाराज के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे।

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Aug 24 2024, 10:58

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की

#volodymyr_zelensky_on_pm_modi_ukraine_visit

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं।

उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।'

वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'

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Aug 24 2024, 10:57

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की*
#volodymyr_zelensky_on_pm_modi_ukraine_visit
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं। उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।' वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'

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Aug 23 2024, 18:51

पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता, भारत-यूक्रेन ने इन 4 समझौतों पर किए हस्ताक्षर*
#important_talks_between_pm_modi_and_zelensky
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप में हैं। वह 21 और 22 अगस्त को दो दिवसीय पोलैंड यात्रा पर राजधानी वारसॉ में थे। इसके बाद पीएम मोदी ट्रेन से युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचे। यूक्रेन में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता की। जिसके बाद भारत और यूक्रेन ने 4 अहम एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किए हैं।पहला एमओयू भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूक्रेन के मंत्री के बीच मानवीय मदद को लेकर किया गया है। अन्य तीन एमओयू भारत सरकार के सचिवों और यूक्रेन सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने साइन किए हैं।पहले एमओयू में मानवीय मदद, दूसरे में एग्रीकल्चर, फूड और तीसरे एमओयू में कल्चरलर कोऑपरेशन को स्थान दिया गया है।चौथा एमओयू मेडिसिन एंड ड्रग को लेकर साइन किया गया है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मेरी भारतीय प्रधानमंत्री से गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान मैंने रूसी हमले में मारे गए बच्‍चों को याद किया। उन्‍होंने कहा, 'हर देश में बच्‍चों को सुरक्षित जीने का अधिकार है। हमें इसे निश्‍चित रूप से संभव बनाना होगा।' *भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए ऐतिहासिक दिन- पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा, मैं आपको (राष्ट्रपति जेलेंस्की को) मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं। आज भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। कल आपका राष्ट्रीय दिवस है और हम आपको इसके लिए बधाई देते हैं। हम (यूक्रेन में) शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। *भारत शांति के प्रयास में भूमिका निभाने को तैयार- पीएम मोदी* जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, समाधान का रास्ता बातचीत और डिप्लोमेसी से निकलता है। हमें बिना समय गंवाए उस दिशा में बढ़ना चाहिए। बच्चों की शहादत की जगह को देखकर मेरा मन भरा हुआ है। मैं विशेष रूप से आपसे शांति को लेकर चर्चा करना चाहता हं। मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सक्रिया भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर इसमें कोई योगदान हो सकता है तो एक मित्र के रूप मैं जरूर करना चाहूंगा। *भारत कभी तटस्थ नहीं रहा, हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे तो यूक्रेन ने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। दुनिया यह अच्छी तरह से जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाईं। पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी। मानवीय दृष्टिकोण से चाहे जो भी आवश्यकता हो भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा। भारत कभी तटस्थ नहीं रहा। हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया।

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Aug 23 2024, 15:23

कीव में पीएम मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात, दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया, थोड़ी देर में द्विपक्षीय वार्ता

#pm_modi_in_ukraine_volodymyr_zelenskyy

रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया। इस दौरान पीएम मोदी, जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रख कर बातचीत करते दिखें। इस दौरान दोनों नेताओं के चेहते गंभीर नजर आए। दोनों नेता यूक्रेन नेशनल म्यूजियम पहुंचे, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले मोदी 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करने के बाद कीव पहुंचे। वे यहां 7 घंटे बिताएंगे। कीव में भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीयों से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।

वहीं, पीएम मोदी ने फोमिन बोटैनिकल गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 24 फरवरी 2022 को रूस के हमले के बाद से अब तक नाटो देशों के अलावा किसी अन्य देश के नेता ने यूक्रेन का दौरा नहीं किया है। 

पीएम मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी। बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है। बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव आने का निमंत्रण दिया था।

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Aug 23 2024, 11:52

जंग के बीच कीव पहुंचे मोदी, रूस के दुश्मन देश में ऐसे हुआ स्वागत

#pm_modi_ukraine_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के दौरे पर पहुंच गए हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में पीएम मोदी का शानदार स्वागत किया गया। भारतीय समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव में होटल हयात पहुंचे। होटल हयात में मौजूद भारतीयों से मुलाकात की। वहां, मौजूद भारतीयों ने मोदी मोदी के नारे लगाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 घंटे की ट्रेन की यात्रा कर कीव पहुंच गए हैं। यहां वे सात घंटे बिताएंगे। इस दौरान वे कई बैठकें और कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वे भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे। 1991 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है।

कीव में रहने वाले भारतीय नागरिकों ने प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीदें व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि वे उनकी यात्रा से खुश हैं और संभावित युद्धविराम या शांति सूत्र की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने के लिए कोई संदेश लेकर आएंगे।

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Aug 23 2024, 11:41

क्या पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से रूस होगा नाराज?

#pm_modi_visiting_ukraine_after_putin_be_angry

रूस की यात्रा के ठीक 6 हफ्ते बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन पहुंच रहे हैं। यह वही देश है जब पीएम मोदी ने पुतिन को गले लगाया था, तब खूब जहर उगला था। वह पीएम मोदी और पुतिन की दोस्ती और गले मिलने से खफा था। लोकतंत्र की दुहाई देने लगा था। मगर आज वही देश पीएम मोदी को गले लगाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर रूस की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या रूस भी यूक्रेन की तरह अपना आक्रोश जताएगा?

बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बावजूद भारत ने रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा हैं। पीएम मोदी ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन में शांति का आह्वान किया है। हालांकि, उन्होंने युद्ध के लिए सीधे तौर पर रूस को जिम्मेदार ठहराने से इनकार किया है। जुलाई में पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बैठक के दौरान ही रूसी सेना ने यूक्रेन में बच्चों के अस्पताल पर घातक हमला किया था। हालांकि, पीएम मोदी ने पुतिन के सामने ही उस हमले को लेकर सार्वजनिक तौर पर दुख जाहिर किया था। उस समय मोदी ने कहा, "जब मासूम बच्चों की हत्या की जाती है, तो दिल दुखता है और वह दर्द बहुत भयानक होता है।"

जहां तक रूस के नाराज होने की बात है, तो बता दें कि रूस और भारत के बीच सैन्य, व्यापार और कूटनीतिक संबंध पहले से ही गहरे हैं। भारत अपने तेल का 40% से अधिक और अपने हथियारों का 60% रूस से खरीदता है। भारत हर साल बड़ी मात्रा में कोयला, उर्वरक, वनस्पति तेल और कीमती धातुओं का भी आयात करता है। यूक्रेन पर आक्रमण के कारण पश्चिमी देशों ने भारत को रूस से दूर करने की भरसक कोशिश की, लेकिन यह उनके लिए उल्टा साबित हुआ। इस दबाव ने भारत और रूस के संबंधों को और ज्यादा मजबूत किया। 

यही नहीं, भारत इसलिए भी रूस को नहीं छोड़ना चाहता कि उसे डर है कि कहीं मॉस्को अलग-थलग होने पर चीन के बहुत ज्यादा करीब न चला जाए। चीन और रूस के बीच एक लंबा और जटिल रिश्ता है और जो धीरे धीरे मजबूत हो रहा है। दशकों की प्रतिद्वंद्विता के बाद, रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के सामने आखिरकार दोनों देश एक साथ आ गए हैं। रूस अगर भारत के सबसे बड़े दुश्मन के साथ दोस्ती बढ़ा रहा है तो भारत को रूस को भी यह जताना जरूरी है कि वह पिछलग्गू बनकर नहीं रह सकता। 

चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती के चलते ही भारत अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का भी बड़ा समर्थक रहा है, जिसने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार और निवेश के लिए समर्थन का वादा किया गया है। भारत को डर है कि चीन बंगाल की खाड़ी में अपनी नौसैनिक प्रक्षेपण क्षमताओं को बदलने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है। 21यही नहीं रूस के संबंध उत्तर कोरिया और ईरान के साथ भी नजदीकियां बढ़ रही हैं। जाहिर है कि ये देश एक लोकतंत्र विरोधी धुरी बना रहे हैं जो कानून के शासन, मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की पवित्रता को नजरअंदाज करने के लिए तैयार हैं। 

ऐसे में भारत खुद को शांतिदूत के रूप में पेश करने और मानवीय सहायता में शामिल होने की कोशिश करेगा। यूक्रेन भी जानता है कि भारत ही एक ऐसा देश है, जिस पर वह मध्यस्थ के रूप में भरोसा कर सकता है। इसके अलावा दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जो रूस और यूक्रेन पर एक समान प्रभाव डाल सके।

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Aug 22 2024, 10:33

भारत युद्ध नहीं, शांति में विश्वास करता है', पोलैंड से पीएम मोदी ने किसे दिया संदेश

#pm_modi_in_poland_

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में पोलैंड पहुंचे।बुधवार शाम वो पोलैंड की राजधानी वारसॉ पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। पोलैंड के डिप्टी पीएम स्टैनिस्लाव जानुस्ज ने एयरपोर्ट पर पीएम का स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने नवानगर स्मारक के जाम साहब पर और मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक और कोल्हापुर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित किया। इसके बाद पीएम मोदी ने पोलैंड में भारतीय समुदाय को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने पर भारतीय छात्रों को दिए गए समर्थन के लिए भारतीय समुदाय को भी धन्यवाद दिया। भारतीयों समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ‘आपने यहां इतना शानदार स्वागत किया है. मैं आपका, पोलैंड की जनता का इस स्वागत के लिए बहुत आभारी हूं। बीते एक हफ्ते से भारत के मीडिया में आप ही लोग छाए हुए हैं। 45 साल बाद कोई पीएम पहली बार पोलैंड आया है।

पिछले एक हफ्ते से भारत की मीडिया में पोलैंड के लोग छाए हुए हैं. पोलैंड के विषय में भी बहुत कुछ बताया जा रहा है। मीडिया में बताया जा रहा है कि 45 साल भारत का कोई पीएम पोलैंड आया है। पीएम ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, जब पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, तक जाम साहब, दिग्विजय सिंह रणजीत सिंह जाडेजा जी आगे आए। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष कैंप बनवाया था और उन्होंने कैंप की महिलाओं और बच्चों से कहा था कि जैसे जामनगर के लोग मुझे बापू कहते हैं, वैसे मैं आपका भी बापू हूं.

पीएम ने कहा कि दशकों तक, भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो, जबकि आज के भारत की नीति है, सारे देशों से नजदीकी बनाओ। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया, भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है।

दुनिया के किसी भी देश में संकट आए तो भारत पहला ऐसा देश होता है जो मदद का हाथ बढ़ाता है। जब कोरोना आया तो भारत ने कहा कि ‘ह्यूमैनिटी फर्स्ट’। भारत बुद्ध की विरासत वाली धरती है और जब बात बुद्ध की आती है तो हम युद्ध की नहीं शांति की बात करते हैं। भारत का पक्ष एकदम साफ है कि ये युग युद्ध का नहीं है।

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Aug 19 2024, 09:27

कोलकाता घटना को लेकर पद्म अवॉर्ड विजेता डॉक्टरों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जानें क्या मांगे रखी*
#kolkata_rape_case_padma_awardee_doctors_letter_pm_modi कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पूरा देश ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानित के कारण उबल रहा है। देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। राजनीतिक दल सड़कों पर है। इस बीच घटना पर दुख व्यक्त करते हुए 70 से अधिक पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है। उन्होंने कोलकाता में हुए जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने तथा डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ शारीरिक और मौखिक दोनों तरह की हिंसा से निपटने के लिए एक अलग कानून बनाने की मांग की है। प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वालों में डॉ. हर्ष महाजन, एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, कोरोना काल में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ एसके सरीन, अशोक वैद, अनूप मिश्रा, ए.के. ग्रोवर, अलका कृपलानी और मोहसिन वली समेत 70 से ज्यादा नाम हैं। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है, “हम पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर हाल में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बारे में गहरी चिंता और पीड़ा के साथ आपको लिख रहे हैं। हमारे देश के प्रमुख के रूप में, हम इस भयावह स्थिति को दूर करने के लिए आपसे तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं।” पत्र में कहा गया, “हम पूरी एकजुटता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, जिसका दर्द और क्षति अकल्पनीय है। हम चिकित्सा समुदाय को भी अपना पूरा समर्थन देते हैं, जो अपने काम के दौरान इस तरह की हिंसा का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुरक्षित रखा जाना चाहिए।” *डॉक्टरों ने पीएम मोदी से की ये मांग* -डॉक्टर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मौजूदा कानूनी ढांचे को और अधिक सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। -यौन हिंसा के अपराधियों के लिए कठोर और समयबद्ध सजा: डॉक्टर ऐसे अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में कठोर और त्वरित दंड की वकालत करते हैं। -अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में उन्नत सुरक्षा उपाय: पत्र में सरकार से सभी चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के भीतर बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया गया है। -स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष कानून का अधिनियमन और कार्यान्वयन: हम केंद्र और राज्य सरकारों से स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक अलग कानून बनाने और लागू करने का आग्रह करते हैं, जिससे जमीन पर इसका तेजी से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। -पत्र में कहा गया है कि एक प्रस्तावित विधेयक, “डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम विधेयक” 2019 से तैयार किया गया है, लेकिन अभी तक पारित होने और अपनाने के लिए संसद में पेश नहीं किया गया है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस आशय का एक अध्यादेश तुरंत लाया जा सकता है, और विधेयक को तुरंत पारित किया जाना चाहिए ताकि देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों में काम करने वाले सभी लोग पीड़ित रोगियों की सेवा में बिना किसी डर के काम कर सकें। *सुप्रीम कोर्ट ने केस पर लिया स्वत: संज्ञान* महिला से रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस पर स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगी।

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Sep 04 2024, 16:29

ब्रुनेई की राजधानी से चेन्नई के लिए सीधी विमान सेवा, पीएम मोदी और सुल्तान हसनल बोलकिया के बीच हुए ये समझौते*
#pm_modi_brunei_visit_king_hassanal_bolkiah_bilateral_ties

ब्रुनेई की द्विपक्षीय यात्रा के दूसरे दिन आज पीएम मोदी ने सुल्तान हसनल बोल्किया से लग्जरी पैलेस में मुलाकात की। येमुलाकात इस्ताना नुरुल ईमान पैलेस में हुई। अपनी यात्रा के दौरान पीएम ने देश के सुल्तान हसनल बोल्किया से मुलाकात की और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रुनेई की राजधानी बांदर सेरी बेगावान और भारत के चेन्नई के बीच सीधी विमान सेवा शुरू का एलान किया। सीधी विमान सेवा के अलावा दोनों देशों ने रक्षा, अंतरिक्ष और लोगों के लोगों के बीच संबंध के क्षेत्र में भी अपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। ब्रुनेई में अपनी यात्रा के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, मेरी ब्रुनेई की यात्रा काफी प्रोडक्टिव रही। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके इस दौरे ने अब भारत और ब्रुनेई के रिश्तों को और भी मजबूत कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा, दोनों देशों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जल्द ही डायरेक्ट फ्लाइट शुरू की जाएंगी। उन्होंने आगे कहा, हमने कृषि, उद्योग और स्वास्थ्य के साथ-साथ तकनीक और साइबर टेक्नोलोजी पर भी बल देने का निर्णय लिया है। साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए चर्चा की है। डिफेंस सेक्टर में सहयोग को बढ़ाने के लिए भी विचार किया गया है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए हम उपग्रह विकास, रिमोट सेंसिंग और ट्रेनिंग पर सहमत हुए हैं। साथ ही पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच के नागरिकों के रिश्तों को लेकर कहा, हमारा नागरिकों से नागरिकों का रिश्ता हमारे देश की साझेदारी की नींव है। मुझे खुशी है कि भारतीय समुदाय ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था और समाज में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और ब्रुनेई के परिवहन और सूचना संचार मंत्री महामहिम पेंगिरन दातो शमहारी पेंगिरन दातो मुस्तफा ने उपग्रह और प्रक्षेपण वाहनों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड स्टेशन के संचालन में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस दौरान पीएम मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान भी मौजूद रहे। वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी। संयुक्त वक्तव्य के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के टेलीमेट्री ट्रैकिंग और टेलीकमांड (टीटीसी) स्टेशन की मेजबानी जारी रखने के लिए ब्रुनेई दारुस्सलाम की गहरी सराहना की। इस संस्थान ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की ओर से चल रहे प्रयासों में योगदान दिया है। साझा बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने दोनों सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था और एमओयू के तहत आपसी हित के क्षेत्रों में आगे सहयोग का स्वागत करते हुए नए एमओयू की सराहना की। दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और निवेश, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण और संस्कृति के साथ-साथ लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई विषयों पर द्विपक्षीय वार्ता की।

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Aug 30 2024, 16:18

पीएम मोदी ने शिवाजी महाराज से मांगी माफी, छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर बोले- वे हमारे आराध्य

#pm_modi_apologize_on_falling_of_shivaji_maharaj_statue_in_maharashtra 

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में बीते दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी। इस घटना को लेकर महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक घमासान मचा हुआ था। आज शुक्रवार को महाराष्ट्र पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकसभा में इस घटना को लेकर माफी मांगी है। पीएम मोदी ने इस घटना को लेकर माफी मांगते हुए कहा है कि हमारे लिए शिवाजी आराध्य है।

मोदी ने पालघर में कहा, "2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया। सबसे पहला काम जो मैंने किया, वह था रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने एक भक्त के रूप में बैठना और एक नई यात्रा शुरू करना।"

उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं। आज मैं सिर झुकाकर अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से माफ़ी मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं और उनका अपमान करते रहते हैं। वे माफ़ी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं।"

सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस भी मांग चुके हैं माफी

प्रधानमंत्री की यह प्रतिक्रिया 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग में 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने को लेकर चल रहे विवाद के बीच आई है। पीएम मोदी से पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने पर बीते 28 अगस्त को राज्य के लोगों से माफी मांगी थी। इस घटना को लेकर विपक्ष महायुति गठबंधन सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह शिवाजी महाराज के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे।

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Aug 24 2024, 10:58

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की

#volodymyr_zelensky_on_pm_modi_ukraine_visit

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं।

उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।'

वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'

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Aug 24 2024, 10:57

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की*
#volodymyr_zelensky_on_pm_modi_ukraine_visit
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं। उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।' वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'

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Aug 23 2024, 18:51

पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता, भारत-यूक्रेन ने इन 4 समझौतों पर किए हस्ताक्षर*
#important_talks_between_pm_modi_and_zelensky
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप में हैं। वह 21 और 22 अगस्त को दो दिवसीय पोलैंड यात्रा पर राजधानी वारसॉ में थे। इसके बाद पीएम मोदी ट्रेन से युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचे। यूक्रेन में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता की। जिसके बाद भारत और यूक्रेन ने 4 अहम एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किए हैं।पहला एमओयू भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूक्रेन के मंत्री के बीच मानवीय मदद को लेकर किया गया है। अन्य तीन एमओयू भारत सरकार के सचिवों और यूक्रेन सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने साइन किए हैं।पहले एमओयू में मानवीय मदद, दूसरे में एग्रीकल्चर, फूड और तीसरे एमओयू में कल्चरलर कोऑपरेशन को स्थान दिया गया है।चौथा एमओयू मेडिसिन एंड ड्रग को लेकर साइन किया गया है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मेरी भारतीय प्रधानमंत्री से गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान मैंने रूसी हमले में मारे गए बच्‍चों को याद किया। उन्‍होंने कहा, 'हर देश में बच्‍चों को सुरक्षित जीने का अधिकार है। हमें इसे निश्‍चित रूप से संभव बनाना होगा।' *भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए ऐतिहासिक दिन- पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा, मैं आपको (राष्ट्रपति जेलेंस्की को) मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं। आज भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। कल आपका राष्ट्रीय दिवस है और हम आपको इसके लिए बधाई देते हैं। हम (यूक्रेन में) शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। *भारत शांति के प्रयास में भूमिका निभाने को तैयार- पीएम मोदी* जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, समाधान का रास्ता बातचीत और डिप्लोमेसी से निकलता है। हमें बिना समय गंवाए उस दिशा में बढ़ना चाहिए। बच्चों की शहादत की जगह को देखकर मेरा मन भरा हुआ है। मैं विशेष रूप से आपसे शांति को लेकर चर्चा करना चाहता हं। मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सक्रिया भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर इसमें कोई योगदान हो सकता है तो एक मित्र के रूप मैं जरूर करना चाहूंगा। *भारत कभी तटस्थ नहीं रहा, हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे तो यूक्रेन ने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। दुनिया यह अच्छी तरह से जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाईं। पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी। मानवीय दृष्टिकोण से चाहे जो भी आवश्यकता हो भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा। भारत कभी तटस्थ नहीं रहा। हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया।

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Aug 23 2024, 15:23

कीव में पीएम मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात, दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया, थोड़ी देर में द्विपक्षीय वार्ता

#pm_modi_in_ukraine_volodymyr_zelenskyy

रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया। इस दौरान पीएम मोदी, जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रख कर बातचीत करते दिखें। इस दौरान दोनों नेताओं के चेहते गंभीर नजर आए। दोनों नेता यूक्रेन नेशनल म्यूजियम पहुंचे, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले मोदी 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करने के बाद कीव पहुंचे। वे यहां 7 घंटे बिताएंगे। कीव में भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीयों से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।

वहीं, पीएम मोदी ने फोमिन बोटैनिकल गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 24 फरवरी 2022 को रूस के हमले के बाद से अब तक नाटो देशों के अलावा किसी अन्य देश के नेता ने यूक्रेन का दौरा नहीं किया है। 

पीएम मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी। बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है। बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव आने का निमंत्रण दिया था।

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Aug 23 2024, 11:52

जंग के बीच कीव पहुंचे मोदी, रूस के दुश्मन देश में ऐसे हुआ स्वागत

#pm_modi_ukraine_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के दौरे पर पहुंच गए हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में पीएम मोदी का शानदार स्वागत किया गया। भारतीय समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव में होटल हयात पहुंचे। होटल हयात में मौजूद भारतीयों से मुलाकात की। वहां, मौजूद भारतीयों ने मोदी मोदी के नारे लगाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 घंटे की ट्रेन की यात्रा कर कीव पहुंच गए हैं। यहां वे सात घंटे बिताएंगे। इस दौरान वे कई बैठकें और कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वे भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे। 1991 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है।

कीव में रहने वाले भारतीय नागरिकों ने प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीदें व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि वे उनकी यात्रा से खुश हैं और संभावित युद्धविराम या शांति सूत्र की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने के लिए कोई संदेश लेकर आएंगे।

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Aug 23 2024, 11:41

क्या पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से रूस होगा नाराज?

#pm_modi_visiting_ukraine_after_putin_be_angry

रूस की यात्रा के ठीक 6 हफ्ते बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन पहुंच रहे हैं। यह वही देश है जब पीएम मोदी ने पुतिन को गले लगाया था, तब खूब जहर उगला था। वह पीएम मोदी और पुतिन की दोस्ती और गले मिलने से खफा था। लोकतंत्र की दुहाई देने लगा था। मगर आज वही देश पीएम मोदी को गले लगाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर रूस की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या रूस भी यूक्रेन की तरह अपना आक्रोश जताएगा?

बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बावजूद भारत ने रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा हैं। पीएम मोदी ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन में शांति का आह्वान किया है। हालांकि, उन्होंने युद्ध के लिए सीधे तौर पर रूस को जिम्मेदार ठहराने से इनकार किया है। जुलाई में पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बैठक के दौरान ही रूसी सेना ने यूक्रेन में बच्चों के अस्पताल पर घातक हमला किया था। हालांकि, पीएम मोदी ने पुतिन के सामने ही उस हमले को लेकर सार्वजनिक तौर पर दुख जाहिर किया था। उस समय मोदी ने कहा, "जब मासूम बच्चों की हत्या की जाती है, तो दिल दुखता है और वह दर्द बहुत भयानक होता है।"

जहां तक रूस के नाराज होने की बात है, तो बता दें कि रूस और भारत के बीच सैन्य, व्यापार और कूटनीतिक संबंध पहले से ही गहरे हैं। भारत अपने तेल का 40% से अधिक और अपने हथियारों का 60% रूस से खरीदता है। भारत हर साल बड़ी मात्रा में कोयला, उर्वरक, वनस्पति तेल और कीमती धातुओं का भी आयात करता है। यूक्रेन पर आक्रमण के कारण पश्चिमी देशों ने भारत को रूस से दूर करने की भरसक कोशिश की, लेकिन यह उनके लिए उल्टा साबित हुआ। इस दबाव ने भारत और रूस के संबंधों को और ज्यादा मजबूत किया। 

यही नहीं, भारत इसलिए भी रूस को नहीं छोड़ना चाहता कि उसे डर है कि कहीं मॉस्को अलग-थलग होने पर चीन के बहुत ज्यादा करीब न चला जाए। चीन और रूस के बीच एक लंबा और जटिल रिश्ता है और जो धीरे धीरे मजबूत हो रहा है। दशकों की प्रतिद्वंद्विता के बाद, रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के सामने आखिरकार दोनों देश एक साथ आ गए हैं। रूस अगर भारत के सबसे बड़े दुश्मन के साथ दोस्ती बढ़ा रहा है तो भारत को रूस को भी यह जताना जरूरी है कि वह पिछलग्गू बनकर नहीं रह सकता। 

चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती के चलते ही भारत अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का भी बड़ा समर्थक रहा है, जिसने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार और निवेश के लिए समर्थन का वादा किया गया है। भारत को डर है कि चीन बंगाल की खाड़ी में अपनी नौसैनिक प्रक्षेपण क्षमताओं को बदलने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है। 21यही नहीं रूस के संबंध उत्तर कोरिया और ईरान के साथ भी नजदीकियां बढ़ रही हैं। जाहिर है कि ये देश एक लोकतंत्र विरोधी धुरी बना रहे हैं जो कानून के शासन, मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की पवित्रता को नजरअंदाज करने के लिए तैयार हैं। 

ऐसे में भारत खुद को शांतिदूत के रूप में पेश करने और मानवीय सहायता में शामिल होने की कोशिश करेगा। यूक्रेन भी जानता है कि भारत ही एक ऐसा देश है, जिस पर वह मध्यस्थ के रूप में भरोसा कर सकता है। इसके अलावा दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जो रूस और यूक्रेन पर एक समान प्रभाव डाल सके।

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Aug 22 2024, 10:33

भारत युद्ध नहीं, शांति में विश्वास करता है', पोलैंड से पीएम मोदी ने किसे दिया संदेश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में पोलैंड पहुंचे।बुधवार शाम वो पोलैंड की राजधानी वारसॉ पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। पोलैंड के डिप्टी पीएम स्टैनिस्लाव जानुस्ज ने एयरपोर्ट पर पीएम का स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने नवानगर स्मारक के जाम साहब पर और मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक और कोल्हापुर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित किया। इसके बाद पीएम मोदी ने पोलैंड में भारतीय समुदाय को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने पर भारतीय छात्रों को दिए गए समर्थन के लिए भारतीय समुदाय को भी धन्यवाद दिया। भारतीयों समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ‘आपने यहां इतना शानदार स्वागत किया है. मैं आपका, पोलैंड की जनता का इस स्वागत के लिए बहुत आभारी हूं। बीते एक हफ्ते से भारत के मीडिया में आप ही लोग छाए हुए हैं। 45 साल बाद कोई पीएम पहली बार पोलैंड आया है।

पिछले एक हफ्ते से भारत की मीडिया में पोलैंड के लोग छाए हुए हैं. पोलैंड के विषय में भी बहुत कुछ बताया जा रहा है। मीडिया में बताया जा रहा है कि 45 साल भारत का कोई पीएम पोलैंड आया है। पीएम ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, जब पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, तक जाम साहब, दिग्विजय सिंह रणजीत सिंह जाडेजा जी आगे आए। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष कैंप बनवाया था और उन्होंने कैंप की महिलाओं और बच्चों से कहा था कि जैसे जामनगर के लोग मुझे बापू कहते हैं, वैसे मैं आपका भी बापू हूं.

पीएम ने कहा कि दशकों तक, भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो, जबकि आज के भारत की नीति है, सारे देशों से नजदीकी बनाओ। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया, भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है।

दुनिया के किसी भी देश में संकट आए तो भारत पहला ऐसा देश होता है जो मदद का हाथ बढ़ाता है। जब कोरोना आया तो भारत ने कहा कि ‘ह्यूमैनिटी फर्स्ट’। भारत बुद्ध की विरासत वाली धरती है और जब बात बुद्ध की आती है तो हम युद्ध की नहीं शांति की बात करते हैं। भारत का पक्ष एकदम साफ है कि ये युग युद्ध का नहीं है।

India

Aug 19 2024, 09:27

कोलकाता घटना को लेकर पद्म अवॉर्ड विजेता डॉक्टरों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जानें क्या मांगे रखी*
#kolkata_rape_case_padma_awardee_doctors_letter_pm_modi कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पूरा देश ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानित के कारण उबल रहा है। देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। राजनीतिक दल सड़कों पर है। इस बीच घटना पर दुख व्यक्त करते हुए 70 से अधिक पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है। उन्होंने कोलकाता में हुए जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने तथा डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ शारीरिक और मौखिक दोनों तरह की हिंसा से निपटने के लिए एक अलग कानून बनाने की मांग की है। प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वालों में डॉ. हर्ष महाजन, एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, कोरोना काल में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ एसके सरीन, अशोक वैद, अनूप मिश्रा, ए.के. ग्रोवर, अलका कृपलानी और मोहसिन वली समेत 70 से ज्यादा नाम हैं। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है, “हम पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर हाल में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह घटना के बारे में गहरी चिंता और पीड़ा के साथ आपको लिख रहे हैं। हमारे देश के प्रमुख के रूप में, हम इस भयावह स्थिति को दूर करने के लिए आपसे तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं।” पत्र में कहा गया, “हम पूरी एकजुटता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, जिसका दर्द और क्षति अकल्पनीय है। हम चिकित्सा समुदाय को भी अपना पूरा समर्थन देते हैं, जो अपने काम के दौरान इस तरह की हिंसा का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुरक्षित रखा जाना चाहिए।” *डॉक्टरों ने पीएम मोदी से की ये मांग* -डॉक्टर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मौजूदा कानूनी ढांचे को और अधिक सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। -यौन हिंसा के अपराधियों के लिए कठोर और समयबद्ध सजा: डॉक्टर ऐसे अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में कठोर और त्वरित दंड की वकालत करते हैं। -अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में उन्नत सुरक्षा उपाय: पत्र में सरकार से सभी चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के भीतर बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया गया है। -स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष कानून का अधिनियमन और कार्यान्वयन: हम केंद्र और राज्य सरकारों से स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक अलग कानून बनाने और लागू करने का आग्रह करते हैं, जिससे जमीन पर इसका तेजी से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। -पत्र में कहा गया है कि एक प्रस्तावित विधेयक, “डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम विधेयक” 2019 से तैयार किया गया है, लेकिन अभी तक पारित होने और अपनाने के लिए संसद में पेश नहीं किया गया है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस आशय का एक अध्यादेश तुरंत लाया जा सकता है, और विधेयक को तुरंत पारित किया जाना चाहिए ताकि देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों में काम करने वाले सभी लोग पीड़ित रोगियों की सेवा में बिना किसी डर के काम कर सकें। *सुप्रीम कोर्ट ने केस पर लिया स्वत: संज्ञान* महिला से रेप और मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस पर स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगी।