कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर, MUDA स्कैम मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज की है। कर्नाटक के एक स्पेशल कोर्ट ने लोकायुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक लोकयुक्त से इस मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज मैसूरु लोकयुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया।
लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत अदालत द्वारा निर्धारित आईपीसी धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की। सीएम सिद्धारमैया पर आरोप A 1 है, पत्नी पार्वती पर आरोप A 2 है। वहीं, मुख्यमंत्री के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को आरोपी नम्बर 3 और देवराज को आरोपी नम्बर 4 बनाया गया है। मुख्यमंत्री पर अपने अधिकारों को दुरुपयोग करके उनकी पत्नी के नाम मैसुरु में MUDA साइट आवंटित करने का आरोप लगा है।
सिद्धरमैया ने बीजेपी पर साधा निशाना
वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को दावा किया कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन मामले में उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे डरता है। इसके साथ ही, सिद्धरमैया ने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला राजनीतिक मामला है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मामले में अदालत द्वारा उनके खिलाफ जांच का आदेश दिये जाने के बाद भी वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे।
केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों और देश भर में विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन में राज्यपाल के ‘हस्तक्षेप’ के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है।
खरगे ने क्या कहा?
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें वे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दें, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण कार्रवाई कर ही सकता है।
खरगे ने सीएम सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कहा कि उनलोगों निजी तौर पर कोई भी अपराध यदि किया हो तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार हैं, लेकिन वह ऐसा मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। पार्टी को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है।
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