Nisthawrites

Jul 26 2024, 12:16

पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में विकास की सराहना की, कहा आर्टिकल 370 हटे पुरे होने वाले है 5 साल

#kargil

pm modi's ladakh visit

कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कारगिल में हैं। पीएम मोदी ने कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर लद्दाख की अपनी यात्रा के दौरान कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।प्रधानमंत्री के दौरे से पहले द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पर सुरक्षा उद्देश्यों के अनुसार व्यवस्थाएं पूरी तरह से चाक-चौबंद हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "कुछ ही दिनों में, 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए 5 साल हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर एक नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपनों की बात कर रहा है... बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है।"आर्टिकल 370 के हटने के बाद भारत ने एक नया जम्मू और कश्मीर देखा है ,बीते दिनों में वहां आईआईटी का उद्धघाटन हुआ, साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा ऐएमस की भी सौगात मिली है। पर्यटन को बढ़ावा मिला है जिसके कारण यहाँ की स्तिथि में काफी सुधार हुआ है। लोगों को रोज़गार भी मिला है।  

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके। पूरा होने के बाद, यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल देश के सशस्त्र बलों और उपकरणों की तीव्र और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने 25वें विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर पोस्ट किया, "कारगिल विजय दिवस एक कृतज्ञ राष्ट्र के लिए हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण वीरता को श्रद्धांजलि देने का अवसर है। मैं वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत माता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी पवित्र स्मृति को नमन करता हूं।"

कारगिल युद्ध स्मारक के अपने दौरे के बाद, पीएम मोदी ने लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग परियोजना में पहला विस्फोट वर्चुअली किया। 

जम्मू कश्मीर अब भारत का बराबर का हिस्सा है और केंद्र इसे और बढ़वा दे रही है। 

India

Jul 26 2024, 12:15

कारगिल विजय दिवस पर लद्दाख पहुंचे पीएम मोदी,शहीदों को दी श्रद्धांजलि, विश्व की सबसे ऊंची सुरंग का भी करेंगे शिलान्यास

#kargil_vijay_diwas_pm_modi_visit_kargil_war_memorial

देश आज कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मना रहा है। आज ही के दिन 25 साल पहले भारतीय सेना ने अपने शौर्य और साहस के दम पर भारत में घुसी पाकिस्तानी सेना और उसके घुसपैठियों को बाहर खदेड़ दिया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के करगिल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वर्चुअली लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग (टनल) परियोजना का पहला विस्फोट भी करेंगे। शिंकुन ला सुरंग 4.1 किमी लंबी होगी और इसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा।

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, '26 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास है। हम 25वां कारगिल विजय दिवस मनाएंगे। यह उन सभी को श्रद्धांजलि देने का दिन है जो हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। मैं कारगिल युद्ध स्मारक जाऊंगा और हमारे बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।'

पीएम मोदी ने जानकारी दी है कि उनके लद्दाख दौरे के दौरान शिंकुन ला सुरंग परियोजना के काम का उद्घाटन भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह सुरंग परियोजना लेह से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। यह लेह में सभी मौसम में कनेक्टिविटी मुहैया कराएगी। काम पूरा होने के बाद शिंकुन ला दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।

India

Jul 26 2024, 11:31

कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी की आतंकवाद के आकाओं को चुनौती, बोले- नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देंगे

#kargilvijaydiwas2024pmmodidrass_kargil 

आज पूरा देश आज हमारे वीर जांबाजों के साहस और शौर्य को याद कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। करगिल से पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर हमला बोला।कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था। मैं देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। मैं उन शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए, उसे मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वो आतंकवाद के सहारे, प्रॉक्सी वॉर के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। पीएम ने कहा कि आज मैं उस मंच से बोल रहा हूं। यहां से आतंकवाद के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई दे रही है। मैं उन्हें कह देना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। साथियों लद्दाख हो या फिर जम्मू कश्मीर विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त करके ही रहेगा।

कारगिल में असत्य और आतंक की हार हुई-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था। हमने सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया था। भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया। लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई।

सेना मतलब देश की सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए सेना मतलब, 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी और देश की सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी है। कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी ने अग्निपथ योजना पर भी बात की। पीएम ने कहा कि अग्निपथ योजना के जरिए देश ने इस महत्वपूर्ण सपने को एड्रेस किया है। अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना और सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है।

अग्निपथ योजना के बहाने विपक्ष पर हमला

मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना की सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा। प्राइवेट सेक्टर और पैरा मिलिट्री फोर्सेस में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणाएं की गई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस रिफॉर्म पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए झूठ की राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने सेनाओं में हजारों-करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया। ये वही लोग हैं, जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाएं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी।

నిజంనిప్పులాంటిది

Jul 26 2024, 10:00

Kargil Vijay Diwas: నేడు కార్గిల్ విజయ్ దివస్ 25వ వార్షికోత్సవం .. ప్రధాని మోదీ ద్రాస్ లో పర్యటన..

నేడు కార్గిల్ విజయ్ దివస్(Kargil Vijay Diwas) 25వ వార్షికోత్సవం. ఈ సందర్భంగా ప్రధాని నరేంద్ర మోదీ(Prime Minister Narendra Modi) లడఖ్‌(Ladakh)లోని కార్గిల్‌లో పర్యటించనున్నారు..

ద్రాస్‌లోని కార్గిల్ వార్ మెమోరియల్ వద్ద ఏర్పాటు చేసిన రజతోత్సవ కార్యక్రమానికి ఆయన హాజరుకానున్నారు. ఇక్కడ ప్రధాని మోదీ 1999 యుద్ధ వీరులకు నివాళులర్పిస్తారు. వారి కుటుంబ సభ్యులను కూడా కలవనున్నారు. కార్గిల్ విజయ్ దివస్ రజతోత్సవం సందర్భంగా జులై 24 నుంచి 26 వరకు ద్రాస్‌లో ప్రత్యేక కార్యక్రమాలు నిర్వహిస్తున్నారు. అంతకుముందు ప్రధాని మోదీ 2022లో కార్గిల్‌లో సైనికులతో కలిసి దీపావళి వేడుకలు జరుపుకున్నారు..

ప్రపంచంలోనే ఎత్తైన

కార్గిల్ యుద్ధంలో(kargil war) అమరవీరుల జ్ఞాపకార్థం ఉదయం 9:20 గంటలకు ద్రాస్‌లోని కార్గిల్ వార్ మెమోరియల్ వద్ద జరిగే కార్యక్రమానికి ప్రధాని మోదీ హాజరవుతారని పీఎంఓ కార్యాలయం తెలిపింది.

ఆ తర్వాత షింకున్ లా టన్నెల్ ప్రాజెక్ట్‌ను ప్రారంభిస్తారు. ఈ సొరంగం లేహ్‌కు అన్ని రకాల కనెక్టివిటీలను అందిస్తుంది. పూర్తయిన తర్వాత ఇది ప్రపంచంలోనే ఎత్తైన సొరంగం కావడం విశేషం. అమరవీరుల చిత్రపటానికి పూలమాలలు వేసి నివాళులర్పించే కార్యక్రమానికి ప్రధాని హాజరవుతారు.

ఆ తర్వాత 'షహీద్ మార్గ్' (వాల్ ఆఫ్ ఫేమ్)ను సందర్శిస్తారని మేజర్ జనరల్ మాలిక్ తెలిపారు. సందర్శకుల పుస్తకంపై సంతకం చేసి కార్గిల్ యుద్ధ కళాఖండాల మ్యూజియాన్ని పరిశీలిస్తానని చెప్పారు. ప్రధాని మోదీ 'వీర్ నారీస్' (యుద్ధంలో అమరులైన సైనికుల భార్యలు)తో కూడా సంభాషించనున్నారు. వీర్ భూమిని కూడా సందర్శిస్తారు..

India

Jul 26 2024, 09:47

कारगिल विजय दिवसः जब भारतीय सेना के पराक्रम के सामने पाकिस्तान ने टेके थे घुटने, जानें वीरों की विजय गाथा

#kargilvijaydiwas 

देश आज कारगिल विजय दिवस मना रहा है। हर साल 26 जुलाई को भारत में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। 25 साल पहले आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी। करगिल युद्ध, भारतीय सेना की वीरता की दास्तान कहता है। 1999 का कारगिल युद्ध भारतीय सेना के पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान की उत्कृष्ट मिसाल है। तो पाकिस्तान के लिए यह युद्ध उसकी नापाक सोच, गद्दारी, पीठ में छुरा घोंपने की उसकी पारंपरिक सोच को दर्शाता है।

भारत के खिलाफ पाक की नापाक साजिश

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ साजिश रचने का कोई भी मौका नहीं गंवाया है। साल 1999 में भी पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की। सर्दियों के मौसम में इन इलाकों में तापमान -50 तक चला जाता है। इन इलाकों को खाली कर दिया जाता था। इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की गई। उस समय तक करीब 23 हजार फीट ऊंचा यह ग्‍लेशियर पूरी तरह से निर्जन था। वहां पर भारतीय सेना की तैनाती भी नहीं थी। पाकिस्‍तान ने इस मौका का फायदा उठाया। इस घुसपैठ में पाकिस्तान की सेना ने भी मदद की। 3 मई 1999 ये वो तारीख है जब हिन्दुस्तान को इस घुसपैठ का पता चला। दरअसल कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना के लोगों को इसके बारे में बताया। इसके बाद शुरू हुआ तनाव और संघर्ष 84 दिन चला। 

19 मई को हुई ऑपरेशन विजय की शुरुआत

19 मई वो तारीख थी जिस दिन कारगिल युद्ध की एक तौर पर आधिकारिक शुरुआत हुई। द्रास सेक्टर पर अपने इलाके को कब्जे में लेने के लिए इस ऑपरेशन की शुरुआत हुई। दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठा था। हमारी सेना को खड़ी चढ़ाई चढ़नी थी। उसके लिए दुश्मन के निशाने से बचना मुश्किल था। इसके बाद तोलोलिन पहाड़ी से लेकर टाइगर हिल तक हर पोस्ट पर हमारे शूरवीरों ने न सिर्फ कब्जा किया बल्कि पाकिस्तानी सैनिकों को मार खदेड़ा। 

दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक

कारगिल का युद्ध दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक था। यहां युद्ध लड़ना और पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर पहले से बैठे आतंकियों एवं घुसपैठियों को मार भगाना और चोटियों पर दोबारा काबिज होना आसान काम नहीं था। लेकिन भारतीय जवान हर बार कठिनाई पर भारी पड़े हैं। दुर्गम इलाके की बाधाओं और पर्याप्त सुविधाएं न होने के बावजूद भारतीय सेना दुश्मनों के खिलाफ खूब लड़ी। 

527 से ज्यादा जवानों ने दिया था बलिदान

मई-जुलाई 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में हिन्दुस्तान के 527 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। इनके अलावा 1300 से ज्यादा जख्मी हो गए थे। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश फौजी 30 साल से कम उम्र के थे। वहीं शहीदों में से अकेले राजस्थान के 52 जवान थे। करीब 2 महीने की जंग के बाद 26 जुलाई 1999 को युद्ध समाप्ति हुई थी।

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Jul 26 2023, 09:39

कारगिल विजय दिवसः जब दुनिया ने देखा भारतीय सेना का पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान

#kargilvijaydiwas 

देश आज कारगिल विजय दिवस मना रहा है। हर साल 26 जुलाई को भारत में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है।24 साल पहले आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी।करगिल युद्ध, भारतीय सेना की वीरता की दास्तान कहता है। 1999 का कारगिल युद्ध भारतीय सेना के पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान की उत्कृष्ट मिसाल है। तो पाकिस्तान के लिए यह युद्ध उसकी नापाक सोच, गद्दारी, पीठ में छुरा घोंपने की उसकी पारंपरिक सोच को दर्शाता है।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ साजिश रचने का कोई भी मौका नहीं गंवाया है। साल 1999 में भी पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की। सर्दियों के मौसम में इन इलाकों में तापमान -50 तक चला जाता है।इन इलाकों को खाली कर दिया जाता था। इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की गई। इस घुसपैठ में पाकिस्तान की सेना ने भी मदद की। 3 मई 1999 ये वो तारीख है जब हिन्दुस्तान को इस घुसपैठ का पता चला। दरअसल कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना के लोगों को इसके बारे में बताया। इसके बाद शुरू हुआ तनाव और संघर्ष 84 दिन चला। 

19 मई को हुई ऑपरेशन विजय की शुरुआत

19 मई वो तारीख थी जिस दिन कारगिल युद्ध की एक तौर पर आधिकारिक शुरुआत हुई। द्रास सेक्टर पर अपने इलाके को कब्जे में लेने के लिए इस ऑपरेशन की शुरुआत हुई। दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठा था। हमारी सेना को खड़ी चढ़ाई चढ़नी थी। उसके लिए दुश्मन के निशाने से बचना मुश्किल था। इसके बाद तोलोलिन पहाड़ी से लेकर टाइगर हिल तक हर पोस्ट पर हमारे शूरवीरों ने न सिर्फ कब्जा किया बल्कि पाकिस्तानी सैनिकों को मार खदेड़ा। 

दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक

कारगिल का युद्ध दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक था। यहां युद्ध लड़ना और पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर पहले से बैठे आतंकियों एवं घुसपैठियों को मार भगाना और चोटियों पर दोबारा काबिज होना आसान काम नहीं था। लेकिन भारतीय जवान हर बार कठिनाई पर भारी पड़े हैं। दुर्गम इलाके की बाधाओं और पर्याप्त सुविधाएं न होने के बावजूद भारतीय सेना दुश्मनों के खिलाफ खूब लड़ी। 

527 से ज्यादा जवानों ने दिया था बलिदान

मई-जुलाई 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में हिन्दुस्तान के 527 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। इनके अलावा 1300 से ज्यादा जख्मी हो गए थे। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश फौजी 30 साल से कम उम्र के थे। वहीं शहीदों में से अकेले राजस्थान के 52 जवान थे। करीब 2 महीने की जंग के बाद 26 जुलाई 1999 को युद्ध समाप्ति हुई थी।

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Jul 26 2024, 12:16

पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में विकास की सराहना की, कहा आर्टिकल 370 हटे पुरे होने वाले है 5 साल

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कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कारगिल में हैं। पीएम मोदी ने कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर लद्दाख की अपनी यात्रा के दौरान कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।प्रधानमंत्री के दौरे से पहले द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पर सुरक्षा उद्देश्यों के अनुसार व्यवस्थाएं पूरी तरह से चाक-चौबंद हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "कुछ ही दिनों में, 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए 5 साल हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर एक नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपनों की बात कर रहा है... बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है।"आर्टिकल 370 के हटने के बाद भारत ने एक नया जम्मू और कश्मीर देखा है ,बीते दिनों में वहां आईआईटी का उद्धघाटन हुआ, साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा ऐएमस की भी सौगात मिली है। पर्यटन को बढ़ावा मिला है जिसके कारण यहाँ की स्तिथि में काफी सुधार हुआ है। लोगों को रोज़गार भी मिला है।  

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके। पूरा होने के बाद, यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल देश के सशस्त्र बलों और उपकरणों की तीव्र और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने 25वें विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर पोस्ट किया, "कारगिल विजय दिवस एक कृतज्ञ राष्ट्र के लिए हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण वीरता को श्रद्धांजलि देने का अवसर है। मैं वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत माता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी पवित्र स्मृति को नमन करता हूं।"

कारगिल युद्ध स्मारक के अपने दौरे के बाद, पीएम मोदी ने लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग परियोजना में पहला विस्फोट वर्चुअली किया। 

जम्मू कश्मीर अब भारत का बराबर का हिस्सा है और केंद्र इसे और बढ़वा दे रही है। 

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Jul 26 2024, 12:15

कारगिल विजय दिवस पर लद्दाख पहुंचे पीएम मोदी,शहीदों को दी श्रद्धांजलि, विश्व की सबसे ऊंची सुरंग का भी करेंगे शिलान्यास

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देश आज कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मना रहा है। आज ही के दिन 25 साल पहले भारतीय सेना ने अपने शौर्य और साहस के दम पर भारत में घुसी पाकिस्तानी सेना और उसके घुसपैठियों को बाहर खदेड़ दिया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के करगिल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वर्चुअली लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग (टनल) परियोजना का पहला विस्फोट भी करेंगे। शिंकुन ला सुरंग 4.1 किमी लंबी होगी और इसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा।

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, '26 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास है। हम 25वां कारगिल विजय दिवस मनाएंगे। यह उन सभी को श्रद्धांजलि देने का दिन है जो हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। मैं कारगिल युद्ध स्मारक जाऊंगा और हमारे बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।'

पीएम मोदी ने जानकारी दी है कि उनके लद्दाख दौरे के दौरान शिंकुन ला सुरंग परियोजना के काम का उद्घाटन भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह सुरंग परियोजना लेह से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। यह लेह में सभी मौसम में कनेक्टिविटी मुहैया कराएगी। काम पूरा होने के बाद शिंकुन ला दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।

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Jul 26 2024, 11:31

कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी की आतंकवाद के आकाओं को चुनौती, बोले- नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देंगे

#kargilvijaydiwas2024pmmodidrass_kargil 

आज पूरा देश आज हमारे वीर जांबाजों के साहस और शौर्य को याद कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। करगिल से पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर हमला बोला।कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था। मैं देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। मैं उन शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए, उसे मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वो आतंकवाद के सहारे, प्रॉक्सी वॉर के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। पीएम ने कहा कि आज मैं उस मंच से बोल रहा हूं। यहां से आतंकवाद के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई दे रही है। मैं उन्हें कह देना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। साथियों लद्दाख हो या फिर जम्मू कश्मीर विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त करके ही रहेगा।

कारगिल में असत्य और आतंक की हार हुई-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था। हमने सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया था। भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया। लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई।

सेना मतलब देश की सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए सेना मतलब, 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी और देश की सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी है। कारगिल विजय दिवस पर पीएम मोदी ने अग्निपथ योजना पर भी बात की। पीएम ने कहा कि अग्निपथ योजना के जरिए देश ने इस महत्वपूर्ण सपने को एड्रेस किया है। अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना और सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है।

अग्निपथ योजना के बहाने विपक्ष पर हमला

मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना की सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा। प्राइवेट सेक्टर और पैरा मिलिट्री फोर्सेस में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणाएं की गई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस रिफॉर्म पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए झूठ की राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने सेनाओं में हजारों-करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया। ये वही लोग हैं, जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाएं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी।

నిజంనిప్పులాంటిది

Jul 26 2024, 10:00

Kargil Vijay Diwas: నేడు కార్గిల్ విజయ్ దివస్ 25వ వార్షికోత్సవం .. ప్రధాని మోదీ ద్రాస్ లో పర్యటన..

నేడు కార్గిల్ విజయ్ దివస్(Kargil Vijay Diwas) 25వ వార్షికోత్సవం. ఈ సందర్భంగా ప్రధాని నరేంద్ర మోదీ(Prime Minister Narendra Modi) లడఖ్‌(Ladakh)లోని కార్గిల్‌లో పర్యటించనున్నారు..

ద్రాస్‌లోని కార్గిల్ వార్ మెమోరియల్ వద్ద ఏర్పాటు చేసిన రజతోత్సవ కార్యక్రమానికి ఆయన హాజరుకానున్నారు. ఇక్కడ ప్రధాని మోదీ 1999 యుద్ధ వీరులకు నివాళులర్పిస్తారు. వారి కుటుంబ సభ్యులను కూడా కలవనున్నారు. కార్గిల్ విజయ్ దివస్ రజతోత్సవం సందర్భంగా జులై 24 నుంచి 26 వరకు ద్రాస్‌లో ప్రత్యేక కార్యక్రమాలు నిర్వహిస్తున్నారు. అంతకుముందు ప్రధాని మోదీ 2022లో కార్గిల్‌లో సైనికులతో కలిసి దీపావళి వేడుకలు జరుపుకున్నారు..

ప్రపంచంలోనే ఎత్తైన

కార్గిల్ యుద్ధంలో(kargil war) అమరవీరుల జ్ఞాపకార్థం ఉదయం 9:20 గంటలకు ద్రాస్‌లోని కార్గిల్ వార్ మెమోరియల్ వద్ద జరిగే కార్యక్రమానికి ప్రధాని మోదీ హాజరవుతారని పీఎంఓ కార్యాలయం తెలిపింది.

ఆ తర్వాత షింకున్ లా టన్నెల్ ప్రాజెక్ట్‌ను ప్రారంభిస్తారు. ఈ సొరంగం లేహ్‌కు అన్ని రకాల కనెక్టివిటీలను అందిస్తుంది. పూర్తయిన తర్వాత ఇది ప్రపంచంలోనే ఎత్తైన సొరంగం కావడం విశేషం. అమరవీరుల చిత్రపటానికి పూలమాలలు వేసి నివాళులర్పించే కార్యక్రమానికి ప్రధాని హాజరవుతారు.

ఆ తర్వాత 'షహీద్ మార్గ్' (వాల్ ఆఫ్ ఫేమ్)ను సందర్శిస్తారని మేజర్ జనరల్ మాలిక్ తెలిపారు. సందర్శకుల పుస్తకంపై సంతకం చేసి కార్గిల్ యుద్ధ కళాఖండాల మ్యూజియాన్ని పరిశీలిస్తానని చెప్పారు. ప్రధాని మోదీ 'వీర్ నారీస్' (యుద్ధంలో అమరులైన సైనికుల భార్యలు)తో కూడా సంభాషించనున్నారు. వీర్ భూమిని కూడా సందర్శిస్తారు..

India

Jul 26 2024, 09:47

कारगिल विजय दिवसः जब भारतीय सेना के पराक्रम के सामने पाकिस्तान ने टेके थे घुटने, जानें वीरों की विजय गाथा

#kargilvijaydiwas 

देश आज कारगिल विजय दिवस मना रहा है। हर साल 26 जुलाई को भारत में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। 25 साल पहले आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी। करगिल युद्ध, भारतीय सेना की वीरता की दास्तान कहता है। 1999 का कारगिल युद्ध भारतीय सेना के पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान की उत्कृष्ट मिसाल है। तो पाकिस्तान के लिए यह युद्ध उसकी नापाक सोच, गद्दारी, पीठ में छुरा घोंपने की उसकी पारंपरिक सोच को दर्शाता है।

भारत के खिलाफ पाक की नापाक साजिश

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ साजिश रचने का कोई भी मौका नहीं गंवाया है। साल 1999 में भी पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की। सर्दियों के मौसम में इन इलाकों में तापमान -50 तक चला जाता है। इन इलाकों को खाली कर दिया जाता था। इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की गई। उस समय तक करीब 23 हजार फीट ऊंचा यह ग्‍लेशियर पूरी तरह से निर्जन था। वहां पर भारतीय सेना की तैनाती भी नहीं थी। पाकिस्‍तान ने इस मौका का फायदा उठाया। इस घुसपैठ में पाकिस्तान की सेना ने भी मदद की। 3 मई 1999 ये वो तारीख है जब हिन्दुस्तान को इस घुसपैठ का पता चला। दरअसल कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना के लोगों को इसके बारे में बताया। इसके बाद शुरू हुआ तनाव और संघर्ष 84 दिन चला। 

19 मई को हुई ऑपरेशन विजय की शुरुआत

19 मई वो तारीख थी जिस दिन कारगिल युद्ध की एक तौर पर आधिकारिक शुरुआत हुई। द्रास सेक्टर पर अपने इलाके को कब्जे में लेने के लिए इस ऑपरेशन की शुरुआत हुई। दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठा था। हमारी सेना को खड़ी चढ़ाई चढ़नी थी। उसके लिए दुश्मन के निशाने से बचना मुश्किल था। इसके बाद तोलोलिन पहाड़ी से लेकर टाइगर हिल तक हर पोस्ट पर हमारे शूरवीरों ने न सिर्फ कब्जा किया बल्कि पाकिस्तानी सैनिकों को मार खदेड़ा। 

दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक

कारगिल का युद्ध दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक था। यहां युद्ध लड़ना और पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर पहले से बैठे आतंकियों एवं घुसपैठियों को मार भगाना और चोटियों पर दोबारा काबिज होना आसान काम नहीं था। लेकिन भारतीय जवान हर बार कठिनाई पर भारी पड़े हैं। दुर्गम इलाके की बाधाओं और पर्याप्त सुविधाएं न होने के बावजूद भारतीय सेना दुश्मनों के खिलाफ खूब लड़ी। 

527 से ज्यादा जवानों ने दिया था बलिदान

मई-जुलाई 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में हिन्दुस्तान के 527 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। इनके अलावा 1300 से ज्यादा जख्मी हो गए थे। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश फौजी 30 साल से कम उम्र के थे। वहीं शहीदों में से अकेले राजस्थान के 52 जवान थे। करीब 2 महीने की जंग के बाद 26 जुलाई 1999 को युद्ध समाप्ति हुई थी।

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Jul 26 2023, 09:39

कारगिल विजय दिवसः जब दुनिया ने देखा भारतीय सेना का पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान

#kargilvijaydiwas 

देश आज कारगिल विजय दिवस मना रहा है। हर साल 26 जुलाई को भारत में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है।24 साल पहले आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी।करगिल युद्ध, भारतीय सेना की वीरता की दास्तान कहता है। 1999 का कारगिल युद्ध भारतीय सेना के पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान की उत्कृष्ट मिसाल है। तो पाकिस्तान के लिए यह युद्ध उसकी नापाक सोच, गद्दारी, पीठ में छुरा घोंपने की उसकी पारंपरिक सोच को दर्शाता है।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ साजिश रचने का कोई भी मौका नहीं गंवाया है। साल 1999 में भी पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की। सर्दियों के मौसम में इन इलाकों में तापमान -50 तक चला जाता है।इन इलाकों को खाली कर दिया जाता था। इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की गई। इस घुसपैठ में पाकिस्तान की सेना ने भी मदद की। 3 मई 1999 ये वो तारीख है जब हिन्दुस्तान को इस घुसपैठ का पता चला। दरअसल कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना के लोगों को इसके बारे में बताया। इसके बाद शुरू हुआ तनाव और संघर्ष 84 दिन चला। 

19 मई को हुई ऑपरेशन विजय की शुरुआत

19 मई वो तारीख थी जिस दिन कारगिल युद्ध की एक तौर पर आधिकारिक शुरुआत हुई। द्रास सेक्टर पर अपने इलाके को कब्जे में लेने के लिए इस ऑपरेशन की शुरुआत हुई। दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठा था। हमारी सेना को खड़ी चढ़ाई चढ़नी थी। उसके लिए दुश्मन के निशाने से बचना मुश्किल था। इसके बाद तोलोलिन पहाड़ी से लेकर टाइगर हिल तक हर पोस्ट पर हमारे शूरवीरों ने न सिर्फ कब्जा किया बल्कि पाकिस्तानी सैनिकों को मार खदेड़ा। 

दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक

कारगिल का युद्ध दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में से लड़े गए युद्धों में से एक था। यहां युद्ध लड़ना और पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर पहले से बैठे आतंकियों एवं घुसपैठियों को मार भगाना और चोटियों पर दोबारा काबिज होना आसान काम नहीं था। लेकिन भारतीय जवान हर बार कठिनाई पर भारी पड़े हैं। दुर्गम इलाके की बाधाओं और पर्याप्त सुविधाएं न होने के बावजूद भारतीय सेना दुश्मनों के खिलाफ खूब लड़ी। 

527 से ज्यादा जवानों ने दिया था बलिदान

मई-जुलाई 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में हिन्दुस्तान के 527 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। इनके अलावा 1300 से ज्यादा जख्मी हो गए थे। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश फौजी 30 साल से कम उम्र के थे। वहीं शहीदों में से अकेले राजस्थान के 52 जवान थे। करीब 2 महीने की जंग के बाद 26 जुलाई 1999 को युद्ध समाप्ति हुई थी।