दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल में ‘फर्जी वोटर’ बनेगा मुद्दा, ममता बनर्जी ने शुरू किया “खेला”

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दिल्ली में हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद वापसी करते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी को करारी शिकस्त दी। हालांकि सरकार गठन के बाद बीजेपी पर बड़ा आरोप लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फर्जी वोटों के जरिए जीता। इसमें चुनाव आयोग ने मदद की। बता दें कि चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी नामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाल में फर्जी वोटर कार्ड बनाने के लिए दो एजेंसियां भेजी गई हैं।

दो एजेंसियों का लिया नाम

दो संगठनों का सीधे तौर पर नाम लेते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने उन्हें मतदाता पहचान पत्र में धोखाधड़ी के लिए राज्य में भेजा गया। उन्होंने एक कागज हाथ में लिया और एक उदाहरण देकर समझाया कि क्या हो रहा है? तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, जहां तक मुझे खबर मिली है। ‘एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स’ और ‘कंपनी इंडिया 360 सब्सिडियरी’ नामक दो एजेंसियां हैं। कई लोगों ने उन्हें यहां भेजा है। ऑनलाइन हेरफेर किया गया। इसी एपिक कार्ड में बाहरी लोगों के नाम भी थे। उन्होंने कहा, ममता का दावा है कि जब बंगाल के लोग वोट देने जाएंगे तो कोई बाहर से आकर उनके लिए वोट देगा।

एक उदाहरण देते हुए ममता ने बताया कि मुर्शिदाबाद के रानीनगर के सैदुल इस्लाम और हरियाणा की सोनिया देवी नामक एक अन्य मतदाता के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक ही नाम है। इसी तरह से बंगाल के मोहम्मद अली हुसैन और हरियाणा के मंजीत के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक जैसा है। ममता का सवाल, “पश्चिम बंगाल वोट देगा या हरियाणा?” एक लंबी सूची दिखाते हुए ममता ने कहा, “सभी हरियाणा के मतदाता है। यह भाजपा का काम है। हरियाणा ही नहीं, गुजरात के मतदाताओं के नाम भी सूची में हैं।

बीजेपी के साथ चुनाव आयोग को भी लपेटा

ममता ने कहा- भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा है। ज्यादातर वोटर गुजरात और हरियाणा से हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में विपक्ष इन तथ्यों का पता नहीं लगा पाया।

उन्होंने कहा- मैं बंगाल के लोगों से अपील करती हूं कि वे वोटर लिस्ट की जांच करें। किसी भी दिन एनआरसी और सीएए के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं। भाजपा ऐसा करके किसी तरह टीएमसी को हराना चाहती है। ममता ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी भी बनाई है।

इस मुद्दे पर आक्रामक हो रही टीएमसी

बता दें कि कुछ दिनों पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कहने पर राज्य में फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। साथ ही कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी ने इसी तरह जीत हासिल की, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं चलेगा। अब टीएमसी के नेता इस मुद्दे पर आक्रामक हो रहे हैं। उनका का कहना है कि चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों को नाम जोड़ रहे हैं।

ममता बनर्जी ने क्यों की इस्तीफे की पेशकश, भाजपा से किस बात के लिए मांगा सबूत?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बाद आक्रोश जाहिर किया। ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए अचानक अपने इस्तीफे की बात कह दी।बीजेपी के नेता ने उन पर बांग्‍लादेशी आतंक‍ियों के साथ रिश्ते होने, कट्टरपंथ‍ियों के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे। इस पर ममता बनर्जी ब‍िफर गईं।ममता ने कहा कि अगर भाजपा विधायक इन आरोपों को साबित कर दें, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।

पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ बेबुनियाद टिप्पणियां करने के लिए भाजपा विधायकों की आलोचना की। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा से निलंबित होने के बाद ममता बजर्नी पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। ममता बनर्जी इसी का जवाब दे रही थीं। ममता ने कहा, वे कह रहे हैं कि मेरे आतंकवादियों से संबंध हैं। इससे तो मर जाना ही अच्छा है। मैंने कुछ नहीं कहा फिर भी आप सबने मेरा संबंध आतंकवादियों से जोड़ दिया? यह देश सबका है। क्या मैं हिंदू धर्म का अपमान करती हूं या मुस्लिम लीग का समर्थन करती हूं? मैं कश्मीर या बांग्लादेश से आये आतंकवादियों के साथ रहती हूं? अगर आप इस आरोप को साबित कर सकें तो मैं एक दिन में सीएम पद छोड़ दूंगी। मैं प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगी और पूछूंगी कि क्या विपक्षी नेता मेरे खिलाफ इस तरह के आरोप लगा सकते हैं।

ममता ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी उन्हें (भाजपा विधायकों को) नफरत फैलाने वाले भाषण देने और लोगों को बांटने की अनुमति नहीं देती है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत फैलाने वाली बातें नहीं है। आप (भाजपा विधायक) राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।

लालू यादव के बाद ममता बनर्जी का विवादित बयान, महाकुंभ को बताया 'मृत्युकुंभ'

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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ पर बेहद विवादित बयान दिया है। मंगलवार को अपने एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, महाकुंभ अब महा कुंभ नहीं बल्कि 'मृत्यु कुंभ' में बदल गया है। मुख्यमंत्री ने अपने लंबे चौड़े संबोधन के बीच यूपी की सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। वहीं, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं।

ममता बनर्जी ने कहा, यह 'मृत्यु कुंभ' है...मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कितने लोगों को बरामद किया गया है? अमीर, वीआईपी के लिए 1 लाख रुपए तक के शिविर प्राप्त करने की व्यवस्था उपलब्ध है। गरीबों के लिए, कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है।

ममता बनर्जी ने कहा, वीआईपी-वीवीआईपी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन आम आदमी भीड़ में मर रहा है। इतना बड़ा आयोजन, इतने लोगों की जान चली गई. फिर भी लोग प्रचार में लगे हैं।

बता दें, ममता बनर्जी से पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था। लालू यादव से जब कुंभ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था, कुंभ का क्या मतलब है, फालतू है कुंभ। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारें में हलचल मच गई थी।

अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी', आरजी कर केस में फैसले पर सीएम ममता नाराज

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने सोमवार को दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले में आए फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की, लेकिन अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

सीएम ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा था, हम शुरू से ही फांसी की मांग करते आए हैं, लेकिन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। अगर केस सीबीआई को नहीं सौंपा होता और हमारे हाथ में होता तो बहुत पहले ही फांसी की सजा हो गई होती। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने (सीबीआई) जानबूझकर मामला हमारे हाथ से छीन लिया और चले गए। मैंने पहले भी कहा था कि अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तब मामला सीबीआई को दे दीजिए, कोई समस्या नहीं। हम न्याय चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम इन दरिंदों के लिए कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं। ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संतुष्ट नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले दिन से ही मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं। मैं आज भी उस मांग पर कायम हूं। लेकिन मैं अदालत के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहूंगी। मैं अपने और टीम के लिए बोल सकती हूं। हमने तीन मामलों में 54 से 60 दिनों के भीतर फांसी देने का आदेश दिलाया है। यह एक गंभीर मामला है।

बता दें कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्र कैद की सजी सुनाई है। अदालत ने राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

बांग्लादेश से घुसपैठ के लिए ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर लगाए गंभीर आरोप, केजरीवाल ने दिया साथ

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भारत में बड़ी संख्या में बांग्‍लादेशी घुसपैठ‍िए रह रहे हैं। दिल्‍ली से लेकर महाराष्‍ट्र तक जब इनकी तलाश शुरू हुई तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। अब इन्‍हें पकड़-पकड़कर बांग्‍लादेश भेजा जा रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश की रक्षा कर रहे जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ बांग्लादेश से घुसपैठ करा रही है। इतना ही नहीं, द‍िल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ममता का साथ देते दिख रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप आरोप लगाया है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है।

ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्रीय बलों पर राज्य को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेशी आतंकवादियों को बंगाल में घुसने देने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी। इसे केंद्र की 'नापाक योजना' बताते हुए बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश सीमा की रक्षा करने वाली बीएसएफ बंगाल में घुसपैठ की इजाजत दे रही है। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा बीएसएफ अलग-अलग इलाकों से बंगाल में घुसपैठ करा रही है। बीएसएफ महिलाओं पर अत्याचार भी कर रही है। मैं डीजीपी से कहूंगी कि वे जांच करें कि किन जगहों से लोगों को बीएसएफ ने घुसने दिया है, क्योंकि सीमा हमारे हाथ में नहीं है। अगर कोई आरोप लगाता है कि टीएमसी घुसपैठ करवा रही है तो मैं कहूंगी कि सीमा बीएसएफ के अधीन है और बीएसएफ ही ये सब कर रही है, इसलिए हमें दोष न दें और घुसपैठ के लिए टीएमसी पर आरोप न लगाएं। यह भी पढ़े -मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में दो युवकों को किया गिरफ्तार।

ममता बनर्जी ने कहा- टीएमसी, बीएसएफ की सुरक्षा नहीं कर रही है। लेकिन पुलिस के पास सारी जानकारी है। केंद्र के पास सारी जानकारी है। राजीव कुमार ने मुझे कुछ जानकारी दी है और मुझे कुछ स्थानीय जानकारी भी मिली है। मैं इस संबंध में एक पत्र लिखूंगी। मैं यहां और बांग्लादेश में भी शांति चाहती हूं। हमारे बीच कोई दुश्मनी नहीं है। अगर मुझे नजर आएगा कि कोई मेरे राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है तो मैं विरोध करूंगी।

इधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी रोहिंग्या के मुद्दे पर लगातार बीजेपी पर हमला बोल रही है। इसी क्रम में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, इससे ऐसा लगता है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है। क्या केंद्र सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है या फिर बीजेपी सरकार सीमा की सुरक्षा करने में विफल है?

वहीं, आप नेता ने एक अन्य पोस्ट में एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बीजेपी के झूठ को उसकी ही दिल्ली पुलिस ने बेनकाब कर दिया है. वीडियो में एक रिपोर्टर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछ रहा है कि क्या दिल्ली में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों से आम आदमी पार्टी का कोई संबंध है? इस पर पुलिस कमिश्नर कहते हैं कि, ‘हमें इस संबंध में अभी तक ऐसा कोई एंगल नहीं मिला है।’

चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री, कौन है मात्र 15 लाख की संपत्ति वाला सबसे गरीब सीएम
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* आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 931 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। वहीं, अपनी सादगी को लेकर अलग पहचान बनाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 15 लाख रुपए की संपत्ति के साथ सबसे गरीब हैं। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की तरफ से 30 दिसंबर को जारी एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 52.59 करोड़ रुपए, जबकि कुल संपत्ति 1,630 करोड़ रुपए है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट में देश में मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति और देनदारी का पता चलता है। जिससे उनकी अमीरी सामने आती है। चंद्रबाबू नायडू के बाद अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू 332 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति के साथ दूसरे सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया 51 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ सूची में तीसरे स्थान पर हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 55 लाख रुपये की संपत्ति के साथ लिस्ट में दूसरे सबसे गरीब सीएम हैं, जबकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन 1.18 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री हैं। *पेमा खांडू पर 180 करोड़ का कर्ज* अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर सबसे ज्यादा 180 करोड़ रुपए की देनदारी यानी कर्ज है। कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया पर 23 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। *तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्‌डी पर 89 मामले दर्ज* रिपोर्ट के मुताबिक, 13 मुख्यमंत्रियों (42%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जबकि 10 (32%) ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जिनमें हत्या की कोशिश, अपहरण, रिश्वत देना और आपराधिक धमकी से संबंधित मामले शामिल हैं। सबसे ज्यादा 89 मामले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्‌डी के खिलाफ दर्ज हैं। इनमें 72 गंभीर आपराधिक मामले हैं। तमिलनाडु CM एम के स्टालिन के खिलाफ 47 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 11 गंभीर हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश CM चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ कुल 19 केस दर्ज हैं। *देश में केवल दो महिला सीएम* देश के 31 मुख्यमंत्रियों में से केवल दो महिलाएं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल और दिल्ली ही ऐसे दो राज्य हैं जहां महिला सीएम है। ममता के अलावा आतिशी ही देश में महिला मुख्यमंत्री हैं। 38 साल की आतिशी देश की सबसे कम उम्र की सीएम भी हैं। 77 साल के विजयन देश के सबसे बुजुर्ग सीएम हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि बिहार के नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे सीएम हैं जो एमएलसी हैं जबकि बाकी विधायक हैं।
बांग्लादेश से जो वापस भारत आना चाहते उन्हें आने दे केन्द्र”, ममता बनर्जी की मोदी सरकार से अपील*
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बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ पिछले पांच महीनों से खुला अत्याचार हो रहा है। हिंदुओं की टारगेट किलिंग और लूटपाट की खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से बड़ी अपील की है।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की और यह भी कहा कि जो लोग वापस भारत आना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाए। बनर्जी ने यह बात दीघा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। मुख्यमंत्री जगन्नाथ मंदिर के निर्माण की समीक्षा के लिए दीघा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देनी चाहिए और जो लोग लौटना चाहते हैं उन्हें वापस लाना चाहिए। सीएम ने कहा कि हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा चाहते हैं। केंद्र को इस मामले में कदम उठाना चाहिए। इस दौरान ममता ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर फर्जी वीडियो फैलाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जी वीडियो से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, जो कि ठीक नहीं। इससे देश का माहौल खराब होगा। *पहले भी कर चुकीं है अपील* ससे पहले भी ममता बनर्जी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर केंद्र से हस्तक्षेप की गुहार लगा चुकीं हैं। दिसंबर के शुरूआत में उन्होंने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में हमारे परिवार और प्रियजन हैं। हम भारत सरकार की ओर से लिए गए किसी भी रुख को स्वीकार करते हैं। हम दुनिया में कहीं भी धार्मिक आधार पर अत्याचारों की निंदा करते हैं। साथ ही, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं। ममता बनर्जी ने भी नरेंद्र मोदी सरकार से संयुक्त राष्ट्र के जरिये हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।बनर्जी ने कहा था कि भारत सरकार इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठा सकती है ताकि शांति सेना भेजी जा सके। *बांग्लादेश में हिंसा का असर कोलकाता में* बांग्लादेश में करीब 1.31 करोड़ हिंदू रहते हैं और यह देश की कुल आबादी का 7.96 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल का करीब 2,217 किलोमीटर का बॉर्डर बांग्लादेश से जुड़ता है। इसके अलावा त्रिपुरा, असम और मिजोरम से भी बांग्लादेश की सीमा जुड़ती है, मगर वहां हो रही हिंसा का असर पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक है। कोलकाता की सड़कों पर हिंदुओं को समर्थन में रैलियां और शांति मार्च निकाली जा रही हैं। गुस्से का आलम यह है कि कोलकाता और अगरतला के डॉक्टरों के बड़े समूह ने बांग्लादेशियों का इलाज करने से इनकार कर दिया है। 2023 में 4.49 लाख बांग्लादेशी मरीज भारत इलाज के लिए आए, जिनमें से अधिकतर कोलकाता पहुंचे। *बांग्लादेश में दहशत में है हिंदू समुदाय* बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद पड़ोसी राज्य में धार्मिक उन्माद चरम पर है। मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। आरती और पूजा पाठ को भी कट्टरपंथियों ने प्रतिबंधित कर दिया है। हिंदू महिलाओं के साथ बदसलूकी और अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने की खबरें भी आ रही हैं। हाल ही में इस्कॉन के संत और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को भी देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया। इसके अलावा उनके तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। भारत आ रहे इस्कॉन के 63 संतों को भी बॉर्डर पर रोका गया।
अखिलेश-उद्धव के बाद लालू ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, कहा- विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी करें
#lalu_yadav_said_mamata_banerjee_should_get_the_leadership_of_india_alliance
* हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में करारी हार के बाद इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव एलायंस 'इंडिया' गठबंधन में नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। दो राज्य में मिली पराजय का ठीकरा राहुल गांधी पर फोड़ा जा रहा है। जिसके बाद अब इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगी इसको लेकर सहयोगी दलों के बीच आपसी राय बनते हुए दिखाई दे रही है। इसी बीच लालू प्रसाद यादव का बयान चर्चा में है। लालू यादव चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गठबंधन के नेतृत्व करें। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने भी कह दिया है कि ममता के हाथों में नेतृत्व सौंप देना चाहिए।लालू यादव ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी को दे देना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस को इस पर ऐतराज नहीं होगा? तो लालू यादव ने कहा कि कांग्रेस की आपत्ति का कोई मतलब नहीं है। *ममता बनर्जी के नाम पर सियासत तेज* बता दें, बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिनों एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू इंडिया गठबंधन को लीड करने का दावा किया था। ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के परिणाम पर चर्चा करते हुए कहा था कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह इंडिया गठबंधन को लीड करते हुए बेहतर करने का काम करेंगी। उनके इसी बयान के बाद से देशभर की सियासत में ममता बनर्जी के नाम पर सियासत तेज हो गयी है। *ममता बनर्जी ने क्या कहा?* शुक्रवार को उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा,'मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था, अब इसे संभालने का काम मोर्चे का नेतृत्व करने वालों पर है. अगर वे इसे नहीं चला सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस इतना कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलना होगा.' यह पूछे जाने पर कि वह एक मजबूत भाजपा विरोधी ताकत के रूप में अपनी साख को देखते हुए ब्लॉक की कमान क्यों नहीं संभाल रही हैं, बनर्जी ने कहा,'अगर मौका मिला तो मैं इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करूंगी. मैं पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहीं से चला सकती हूं.' *लालू यादव के बयान के बड़े मायने* लालू प्रसाद यादव के इस बयान के बड़े मायने हैं। दरअसल, बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। यहां कांग्रेस उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन में है। महागठबंधन में राजद के बाद कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस हर चुनाव में राजद पर दबाव बनाती है और पिछले चुनाव में भी ऐसा दिख रहा था। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह दो साल पूरे कर चुके हैं। इन दो वर्षों में उन्होंने कभी भी तेजस्वी यादव को ठीक से स्वीकार नहीं किया। जब महागठबंधन सरकार थी तो इस तनातनी के बीच वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कांग्रेस के लिए दो और मंत्री पद मांगते रह गए। सीएम तब तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पाले में गेंद फेंकते रहे। जब तक अखिलेश सिंह ने तेजस्वी से पटरी बैठाई, सरकार ही बदल गई। पुरानी बातें याद दिलाने की वजह यही कि कांग्रेस की दबाव की राजनीति को अभी ही लालू प्रसाद यादव नियंत्रित कर देना चाहते हैं।
आप बंगाल-बिहार-ओडिशा कब्जा लेंगे और हम क्या बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे”, बीएनपी नेता के बयान पर भड़कीं ममता

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बांग्लादेश में जारी अशांति और वहां के कट्टरपंथी तत्वों के उभार के बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) नेताओं की ओर से भारत को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पलटवार करते हुए कड़ा संदेश दिया। ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा में कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि वो बिहार पर कब्जा करेंगे। ओडिशा पर कब्जा करेंगे। मैं उनसे कहती हूं कि भाई आप अच्छे रहिए, स्वस्थ रहिए और सुंदर रहिए। आपमें तो क्या किसी में भी इतनी बड़ी हिम्मत नहीं है कि वो बांगला, बिहार और ओडिशा सब पर कब्जा कर लेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे। ऐसा सोचने की कोई जरूरत नहीं है।दरअसल बांग्लादेश के कुछ नेताओं ने हैरान करने वाला बयान देते हुए कहा है कि बंगाल, बिहार और ओडिशा पर बांग्लादेश के वैध दावा है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर भारत में विरोध-प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। इस बीच ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा सभा में बांग्लादेश का मुद्दा उठाया।सोमवार को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि वह पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने साफ कहा कि हिंदू या मुसलमान दंगा नहीं करते हैं। दंगा कुछ असामाजिक लोग करते हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों से शांत रहने और बांग्लादेश में दिए जा रहे उत्तेजक बयानों से गुस्सा न होने का आग्रह किया। उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल हमेशा केंद्र द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहेगा।

ममता बनर्जी ने भड़काऊ बयानों से प्रभावित न होने की अपील करते हुए कहा कि हमारे यहां के इमामों ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा, 'हिंदुओं और मुसलमानों तथा अन्य सभी समुदायों की रगों में एक ही खून बहता है। हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पश्चिम बंगाल में स्थिति को खराब न होने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य है जहां जाति, पंथ या समुदाय से ऊपर उठकर लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के खिलाफ सामूहिक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही मीडिया से भी पड़ोसी देश की स्थिति पर जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की अपील की।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार और पार्टी तृणमूल कांग्रेस, विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। उन्होंने कहा, 'हमारे विदेश सचिव बातचीत के लिए बांग्लादेश में हैं। हमें इस मुद्दे पर जरूरत से ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। हमें नतीजे का इंतजार करना चाहिए। हम जिम्मेदार नागरिक हैं। हमारा देश एकजुट है।

बता दें कि बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री सोमवार को ढाका पहुंचे। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। विक्रम मिस्री की यात्रा विदेश कार्यालय परामर्श में भाग लेने के लिए है, जो द्विपक्षीय मुद्दों को संबोधित करने और संवाद को बढ़ावा देने का एक तंत्र है।

इससे पहले सितंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई बैठक हुई थी। शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी, जिसमें तनावपूर्ण माहौल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

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हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल में ‘फर्जी वोटर’ बनेगा मुद्दा, ममता बनर्जी ने शुरू किया “खेला”

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दिल्ली में हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद वापसी करते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी को करारी शिकस्त दी। हालांकि सरकार गठन के बाद बीजेपी पर बड़ा आरोप लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फर्जी वोटों के जरिए जीता। इसमें चुनाव आयोग ने मदद की। बता दें कि चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी नामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाल में फर्जी वोटर कार्ड बनाने के लिए दो एजेंसियां भेजी गई हैं।

दो एजेंसियों का लिया नाम

दो संगठनों का सीधे तौर पर नाम लेते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने उन्हें मतदाता पहचान पत्र में धोखाधड़ी के लिए राज्य में भेजा गया। उन्होंने एक कागज हाथ में लिया और एक उदाहरण देकर समझाया कि क्या हो रहा है? तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, जहां तक मुझे खबर मिली है। ‘एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स’ और ‘कंपनी इंडिया 360 सब्सिडियरी’ नामक दो एजेंसियां हैं। कई लोगों ने उन्हें यहां भेजा है। ऑनलाइन हेरफेर किया गया। इसी एपिक कार्ड में बाहरी लोगों के नाम भी थे। उन्होंने कहा, ममता का दावा है कि जब बंगाल के लोग वोट देने जाएंगे तो कोई बाहर से आकर उनके लिए वोट देगा।

एक उदाहरण देते हुए ममता ने बताया कि मुर्शिदाबाद के रानीनगर के सैदुल इस्लाम और हरियाणा की सोनिया देवी नामक एक अन्य मतदाता के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक ही नाम है। इसी तरह से बंगाल के मोहम्मद अली हुसैन और हरियाणा के मंजीत के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक जैसा है। ममता का सवाल, “पश्चिम बंगाल वोट देगा या हरियाणा?” एक लंबी सूची दिखाते हुए ममता ने कहा, “सभी हरियाणा के मतदाता है। यह भाजपा का काम है। हरियाणा ही नहीं, गुजरात के मतदाताओं के नाम भी सूची में हैं।

बीजेपी के साथ चुनाव आयोग को भी लपेटा

ममता ने कहा- भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा है। ज्यादातर वोटर गुजरात और हरियाणा से हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में विपक्ष इन तथ्यों का पता नहीं लगा पाया।

उन्होंने कहा- मैं बंगाल के लोगों से अपील करती हूं कि वे वोटर लिस्ट की जांच करें। किसी भी दिन एनआरसी और सीएए के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं। भाजपा ऐसा करके किसी तरह टीएमसी को हराना चाहती है। ममता ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी भी बनाई है।

इस मुद्दे पर आक्रामक हो रही टीएमसी

बता दें कि कुछ दिनों पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कहने पर राज्य में फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। साथ ही कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी ने इसी तरह जीत हासिल की, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं चलेगा। अब टीएमसी के नेता इस मुद्दे पर आक्रामक हो रहे हैं। उनका का कहना है कि चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों को नाम जोड़ रहे हैं।

ममता बनर्जी ने क्यों की इस्तीफे की पेशकश, भाजपा से किस बात के लिए मांगा सबूत?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बाद आक्रोश जाहिर किया। ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए अचानक अपने इस्तीफे की बात कह दी।बीजेपी के नेता ने उन पर बांग्‍लादेशी आतंक‍ियों के साथ रिश्ते होने, कट्टरपंथ‍ियों के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे। इस पर ममता बनर्जी ब‍िफर गईं।ममता ने कहा कि अगर भाजपा विधायक इन आरोपों को साबित कर दें, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।

पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ बेबुनियाद टिप्पणियां करने के लिए भाजपा विधायकों की आलोचना की। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा से निलंबित होने के बाद ममता बजर्नी पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। ममता बनर्जी इसी का जवाब दे रही थीं। ममता ने कहा, वे कह रहे हैं कि मेरे आतंकवादियों से संबंध हैं। इससे तो मर जाना ही अच्छा है। मैंने कुछ नहीं कहा फिर भी आप सबने मेरा संबंध आतंकवादियों से जोड़ दिया? यह देश सबका है। क्या मैं हिंदू धर्म का अपमान करती हूं या मुस्लिम लीग का समर्थन करती हूं? मैं कश्मीर या बांग्लादेश से आये आतंकवादियों के साथ रहती हूं? अगर आप इस आरोप को साबित कर सकें तो मैं एक दिन में सीएम पद छोड़ दूंगी। मैं प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगी और पूछूंगी कि क्या विपक्षी नेता मेरे खिलाफ इस तरह के आरोप लगा सकते हैं।

ममता ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी उन्हें (भाजपा विधायकों को) नफरत फैलाने वाले भाषण देने और लोगों को बांटने की अनुमति नहीं देती है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत फैलाने वाली बातें नहीं है। आप (भाजपा विधायक) राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।

लालू यादव के बाद ममता बनर्जी का विवादित बयान, महाकुंभ को बताया 'मृत्युकुंभ'

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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ पर बेहद विवादित बयान दिया है। मंगलवार को अपने एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, महाकुंभ अब महा कुंभ नहीं बल्कि 'मृत्यु कुंभ' में बदल गया है। मुख्यमंत्री ने अपने लंबे चौड़े संबोधन के बीच यूपी की सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। वहीं, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं।

ममता बनर्जी ने कहा, यह 'मृत्यु कुंभ' है...मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कितने लोगों को बरामद किया गया है? अमीर, वीआईपी के लिए 1 लाख रुपए तक के शिविर प्राप्त करने की व्यवस्था उपलब्ध है। गरीबों के लिए, कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है।

ममता बनर्जी ने कहा, वीआईपी-वीवीआईपी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन आम आदमी भीड़ में मर रहा है। इतना बड़ा आयोजन, इतने लोगों की जान चली गई. फिर भी लोग प्रचार में लगे हैं।

बता दें, ममता बनर्जी से पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था। लालू यादव से जब कुंभ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था, कुंभ का क्या मतलब है, फालतू है कुंभ। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारें में हलचल मच गई थी।

अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी', आरजी कर केस में फैसले पर सीएम ममता नाराज

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने सोमवार को दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले में आए फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की, लेकिन अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

सीएम ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा था, हम शुरू से ही फांसी की मांग करते आए हैं, लेकिन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। अगर केस सीबीआई को नहीं सौंपा होता और हमारे हाथ में होता तो बहुत पहले ही फांसी की सजा हो गई होती। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने (सीबीआई) जानबूझकर मामला हमारे हाथ से छीन लिया और चले गए। मैंने पहले भी कहा था कि अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तब मामला सीबीआई को दे दीजिए, कोई समस्या नहीं। हम न्याय चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम इन दरिंदों के लिए कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं। ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संतुष्ट नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले दिन से ही मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं। मैं आज भी उस मांग पर कायम हूं। लेकिन मैं अदालत के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहूंगी। मैं अपने और टीम के लिए बोल सकती हूं। हमने तीन मामलों में 54 से 60 दिनों के भीतर फांसी देने का आदेश दिलाया है। यह एक गंभीर मामला है।

बता दें कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्र कैद की सजी सुनाई है। अदालत ने राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

बांग्लादेश से घुसपैठ के लिए ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर लगाए गंभीर आरोप, केजरीवाल ने दिया साथ

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भारत में बड़ी संख्या में बांग्‍लादेशी घुसपैठ‍िए रह रहे हैं। दिल्‍ली से लेकर महाराष्‍ट्र तक जब इनकी तलाश शुरू हुई तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। अब इन्‍हें पकड़-पकड़कर बांग्‍लादेश भेजा जा रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश की रक्षा कर रहे जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ बांग्लादेश से घुसपैठ करा रही है। इतना ही नहीं, द‍िल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ममता का साथ देते दिख रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप आरोप लगाया है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है।

ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्रीय बलों पर राज्य को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेशी आतंकवादियों को बंगाल में घुसने देने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी। इसे केंद्र की 'नापाक योजना' बताते हुए बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश सीमा की रक्षा करने वाली बीएसएफ बंगाल में घुसपैठ की इजाजत दे रही है। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा बीएसएफ अलग-अलग इलाकों से बंगाल में घुसपैठ करा रही है। बीएसएफ महिलाओं पर अत्याचार भी कर रही है। मैं डीजीपी से कहूंगी कि वे जांच करें कि किन जगहों से लोगों को बीएसएफ ने घुसने दिया है, क्योंकि सीमा हमारे हाथ में नहीं है। अगर कोई आरोप लगाता है कि टीएमसी घुसपैठ करवा रही है तो मैं कहूंगी कि सीमा बीएसएफ के अधीन है और बीएसएफ ही ये सब कर रही है, इसलिए हमें दोष न दें और घुसपैठ के लिए टीएमसी पर आरोप न लगाएं। यह भी पढ़े -मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में दो युवकों को किया गिरफ्तार।

ममता बनर्जी ने कहा- टीएमसी, बीएसएफ की सुरक्षा नहीं कर रही है। लेकिन पुलिस के पास सारी जानकारी है। केंद्र के पास सारी जानकारी है। राजीव कुमार ने मुझे कुछ जानकारी दी है और मुझे कुछ स्थानीय जानकारी भी मिली है। मैं इस संबंध में एक पत्र लिखूंगी। मैं यहां और बांग्लादेश में भी शांति चाहती हूं। हमारे बीच कोई दुश्मनी नहीं है। अगर मुझे नजर आएगा कि कोई मेरे राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है तो मैं विरोध करूंगी।

इधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी रोहिंग्या के मुद्दे पर लगातार बीजेपी पर हमला बोल रही है। इसी क्रम में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, इससे ऐसा लगता है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है। क्या केंद्र सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है या फिर बीजेपी सरकार सीमा की सुरक्षा करने में विफल है?

वहीं, आप नेता ने एक अन्य पोस्ट में एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बीजेपी के झूठ को उसकी ही दिल्ली पुलिस ने बेनकाब कर दिया है. वीडियो में एक रिपोर्टर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछ रहा है कि क्या दिल्ली में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों से आम आदमी पार्टी का कोई संबंध है? इस पर पुलिस कमिश्नर कहते हैं कि, ‘हमें इस संबंध में अभी तक ऐसा कोई एंगल नहीं मिला है।’

चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री, कौन है मात्र 15 लाख की संपत्ति वाला सबसे गरीब सीएम
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* आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 931 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। वहीं, अपनी सादगी को लेकर अलग पहचान बनाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 15 लाख रुपए की संपत्ति के साथ सबसे गरीब हैं। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की तरफ से 30 दिसंबर को जारी एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 52.59 करोड़ रुपए, जबकि कुल संपत्ति 1,630 करोड़ रुपए है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट में देश में मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति और देनदारी का पता चलता है। जिससे उनकी अमीरी सामने आती है। चंद्रबाबू नायडू के बाद अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू 332 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति के साथ दूसरे सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया 51 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ सूची में तीसरे स्थान पर हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 55 लाख रुपये की संपत्ति के साथ लिस्ट में दूसरे सबसे गरीब सीएम हैं, जबकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन 1.18 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री हैं। *पेमा खांडू पर 180 करोड़ का कर्ज* अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर सबसे ज्यादा 180 करोड़ रुपए की देनदारी यानी कर्ज है। कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया पर 23 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। *तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्‌डी पर 89 मामले दर्ज* रिपोर्ट के मुताबिक, 13 मुख्यमंत्रियों (42%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जबकि 10 (32%) ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जिनमें हत्या की कोशिश, अपहरण, रिश्वत देना और आपराधिक धमकी से संबंधित मामले शामिल हैं। सबसे ज्यादा 89 मामले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्‌डी के खिलाफ दर्ज हैं। इनमें 72 गंभीर आपराधिक मामले हैं। तमिलनाडु CM एम के स्टालिन के खिलाफ 47 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 11 गंभीर हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश CM चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ कुल 19 केस दर्ज हैं। *देश में केवल दो महिला सीएम* देश के 31 मुख्यमंत्रियों में से केवल दो महिलाएं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल और दिल्ली ही ऐसे दो राज्य हैं जहां महिला सीएम है। ममता के अलावा आतिशी ही देश में महिला मुख्यमंत्री हैं। 38 साल की आतिशी देश की सबसे कम उम्र की सीएम भी हैं। 77 साल के विजयन देश के सबसे बुजुर्ग सीएम हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि बिहार के नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे सीएम हैं जो एमएलसी हैं जबकि बाकी विधायक हैं।
बांग्लादेश से जो वापस भारत आना चाहते उन्हें आने दे केन्द्र”, ममता बनर्जी की मोदी सरकार से अपील*
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बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ पिछले पांच महीनों से खुला अत्याचार हो रहा है। हिंदुओं की टारगेट किलिंग और लूटपाट की खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से बड़ी अपील की है।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की और यह भी कहा कि जो लोग वापस भारत आना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाए। बनर्जी ने यह बात दीघा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। मुख्यमंत्री जगन्नाथ मंदिर के निर्माण की समीक्षा के लिए दीघा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देनी चाहिए और जो लोग लौटना चाहते हैं उन्हें वापस लाना चाहिए। सीएम ने कहा कि हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा चाहते हैं। केंद्र को इस मामले में कदम उठाना चाहिए। इस दौरान ममता ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर फर्जी वीडियो फैलाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जी वीडियो से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, जो कि ठीक नहीं। इससे देश का माहौल खराब होगा। *पहले भी कर चुकीं है अपील* ससे पहले भी ममता बनर्जी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर केंद्र से हस्तक्षेप की गुहार लगा चुकीं हैं। दिसंबर के शुरूआत में उन्होंने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में हमारे परिवार और प्रियजन हैं। हम भारत सरकार की ओर से लिए गए किसी भी रुख को स्वीकार करते हैं। हम दुनिया में कहीं भी धार्मिक आधार पर अत्याचारों की निंदा करते हैं। साथ ही, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं। ममता बनर्जी ने भी नरेंद्र मोदी सरकार से संयुक्त राष्ट्र के जरिये हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।बनर्जी ने कहा था कि भारत सरकार इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठा सकती है ताकि शांति सेना भेजी जा सके। *बांग्लादेश में हिंसा का असर कोलकाता में* बांग्लादेश में करीब 1.31 करोड़ हिंदू रहते हैं और यह देश की कुल आबादी का 7.96 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल का करीब 2,217 किलोमीटर का बॉर्डर बांग्लादेश से जुड़ता है। इसके अलावा त्रिपुरा, असम और मिजोरम से भी बांग्लादेश की सीमा जुड़ती है, मगर वहां हो रही हिंसा का असर पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक है। कोलकाता की सड़कों पर हिंदुओं को समर्थन में रैलियां और शांति मार्च निकाली जा रही हैं। गुस्से का आलम यह है कि कोलकाता और अगरतला के डॉक्टरों के बड़े समूह ने बांग्लादेशियों का इलाज करने से इनकार कर दिया है। 2023 में 4.49 लाख बांग्लादेशी मरीज भारत इलाज के लिए आए, जिनमें से अधिकतर कोलकाता पहुंचे। *बांग्लादेश में दहशत में है हिंदू समुदाय* बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद पड़ोसी राज्य में धार्मिक उन्माद चरम पर है। मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। आरती और पूजा पाठ को भी कट्टरपंथियों ने प्रतिबंधित कर दिया है। हिंदू महिलाओं के साथ बदसलूकी और अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने की खबरें भी आ रही हैं। हाल ही में इस्कॉन के संत और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को भी देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया। इसके अलावा उनके तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। भारत आ रहे इस्कॉन के 63 संतों को भी बॉर्डर पर रोका गया।
अखिलेश-उद्धव के बाद लालू ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, कहा- विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी करें
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* हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में करारी हार के बाद इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव एलायंस 'इंडिया' गठबंधन में नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। दो राज्य में मिली पराजय का ठीकरा राहुल गांधी पर फोड़ा जा रहा है। जिसके बाद अब इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगी इसको लेकर सहयोगी दलों के बीच आपसी राय बनते हुए दिखाई दे रही है। इसी बीच लालू प्रसाद यादव का बयान चर्चा में है। लालू यादव चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गठबंधन के नेतृत्व करें। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने भी कह दिया है कि ममता के हाथों में नेतृत्व सौंप देना चाहिए।लालू यादव ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी को दे देना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस को इस पर ऐतराज नहीं होगा? तो लालू यादव ने कहा कि कांग्रेस की आपत्ति का कोई मतलब नहीं है। *ममता बनर्जी के नाम पर सियासत तेज* बता दें, बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिनों एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू इंडिया गठबंधन को लीड करने का दावा किया था। ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के परिणाम पर चर्चा करते हुए कहा था कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह इंडिया गठबंधन को लीड करते हुए बेहतर करने का काम करेंगी। उनके इसी बयान के बाद से देशभर की सियासत में ममता बनर्जी के नाम पर सियासत तेज हो गयी है। *ममता बनर्जी ने क्या कहा?* शुक्रवार को उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा,'मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था, अब इसे संभालने का काम मोर्चे का नेतृत्व करने वालों पर है. अगर वे इसे नहीं चला सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस इतना कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलना होगा.' यह पूछे जाने पर कि वह एक मजबूत भाजपा विरोधी ताकत के रूप में अपनी साख को देखते हुए ब्लॉक की कमान क्यों नहीं संभाल रही हैं, बनर्जी ने कहा,'अगर मौका मिला तो मैं इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करूंगी. मैं पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहीं से चला सकती हूं.' *लालू यादव के बयान के बड़े मायने* लालू प्रसाद यादव के इस बयान के बड़े मायने हैं। दरअसल, बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। यहां कांग्रेस उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन में है। महागठबंधन में राजद के बाद कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस हर चुनाव में राजद पर दबाव बनाती है और पिछले चुनाव में भी ऐसा दिख रहा था। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह दो साल पूरे कर चुके हैं। इन दो वर्षों में उन्होंने कभी भी तेजस्वी यादव को ठीक से स्वीकार नहीं किया। जब महागठबंधन सरकार थी तो इस तनातनी के बीच वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कांग्रेस के लिए दो और मंत्री पद मांगते रह गए। सीएम तब तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पाले में गेंद फेंकते रहे। जब तक अखिलेश सिंह ने तेजस्वी से पटरी बैठाई, सरकार ही बदल गई। पुरानी बातें याद दिलाने की वजह यही कि कांग्रेस की दबाव की राजनीति को अभी ही लालू प्रसाद यादव नियंत्रित कर देना चाहते हैं।
आप बंगाल-बिहार-ओडिशा कब्जा लेंगे और हम क्या बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे”, बीएनपी नेता के बयान पर भड़कीं ममता

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बांग्लादेश में जारी अशांति और वहां के कट्टरपंथी तत्वों के उभार के बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) नेताओं की ओर से भारत को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पलटवार करते हुए कड़ा संदेश दिया। ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा में कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि वो बिहार पर कब्जा करेंगे। ओडिशा पर कब्जा करेंगे। मैं उनसे कहती हूं कि भाई आप अच्छे रहिए, स्वस्थ रहिए और सुंदर रहिए। आपमें तो क्या किसी में भी इतनी बड़ी हिम्मत नहीं है कि वो बांगला, बिहार और ओडिशा सब पर कब्जा कर लेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे। ऐसा सोचने की कोई जरूरत नहीं है।दरअसल बांग्लादेश के कुछ नेताओं ने हैरान करने वाला बयान देते हुए कहा है कि बंगाल, बिहार और ओडिशा पर बांग्लादेश के वैध दावा है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर भारत में विरोध-प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। इस बीच ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल विधानसभा सभा में बांग्लादेश का मुद्दा उठाया।सोमवार को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि वह पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने साफ कहा कि हिंदू या मुसलमान दंगा नहीं करते हैं। दंगा कुछ असामाजिक लोग करते हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों से शांत रहने और बांग्लादेश में दिए जा रहे उत्तेजक बयानों से गुस्सा न होने का आग्रह किया। उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल हमेशा केंद्र द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहेगा।

ममता बनर्जी ने भड़काऊ बयानों से प्रभावित न होने की अपील करते हुए कहा कि हमारे यहां के इमामों ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा, 'हिंदुओं और मुसलमानों तथा अन्य सभी समुदायों की रगों में एक ही खून बहता है। हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पश्चिम बंगाल में स्थिति को खराब न होने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, पश्चिम बंगाल देश का पहला राज्य है जहां जाति, पंथ या समुदाय से ऊपर उठकर लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के खिलाफ सामूहिक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही मीडिया से भी पड़ोसी देश की स्थिति पर जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की अपील की।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार और पार्टी तृणमूल कांग्रेस, विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। उन्होंने कहा, 'हमारे विदेश सचिव बातचीत के लिए बांग्लादेश में हैं। हमें इस मुद्दे पर जरूरत से ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। हमें नतीजे का इंतजार करना चाहिए। हम जिम्मेदार नागरिक हैं। हमारा देश एकजुट है।

बता दें कि बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री सोमवार को ढाका पहुंचे। उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषतौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों को कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। विक्रम मिस्री की यात्रा विदेश कार्यालय परामर्श में भाग लेने के लिए है, जो द्विपक्षीय मुद्दों को संबोधित करने और संवाद को बढ़ावा देने का एक तंत्र है।

इससे पहले सितंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई बैठक हुई थी। शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी, जिसमें तनावपूर्ण माहौल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

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हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।