बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को पहले से किया गया था सेट, कुछ दिन पहले ही मिली थी हथियार की डिलीवरी

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Baba Siddiqui

मुंबई पुलिस को संदेह है कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या एक पूर्व नियोजित साज़िश थी। मुंबई पुलिस ने यह भी कहा कि अपराध शाखा ने मामले की विभिन्न कोणों से जांच शुरू की है, जिसमें संभावित अनुबंध हत्या, व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता या झुग्गी पुनर्वास परियोजना को लेकर धमकी शामिल है।

पुलिस ने कहा कि कथित हमलावरों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है और उसका पता लगाने के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) के रूप में हुई है।

बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को अपराध में शामिल होने के लिए पहले से भुगतान किया गया था और उन्हें कुछ दिन पहले ही हथियारों की डिलीवरी मिली थी, टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट में कहा गया। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं, हत्या के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में बाबा सिद्दीकी (66) को उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के ठीक बाहर तीन लोगों ने उन्हें घेर लिया और गोली मार दी। उन्हें बांद्रा के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 

अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और नमूने एकत्र किए तथा पुलिस हमले के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आस-पास के स्थानों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है। 9.9 एमएम पिस्तौल से 4-5 राउंड फायर किए गए पुलिस ने बताया कि शूटरों ने 9.9 एमएम पिस्तौल से चार से पांच राउंड फायर किए, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी पर उस समय गोली चलाई, जब लोग दुर्गा विसर्जन जुलूस के दौरान पटाखे फोड़ रहे थे। 

बाबा सिद्दीकी की मौत पर महाराष्ट्र सरकार ने क्या कहा

पुलिस ने कहा कि उन्हें इसका फ़ायदा मिला क्योंकि ज़्यादातर लोगों ने गोलियों की आवाज़ नहीं सुनी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हमले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा, "हमने पुलिस को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी किसी भी परिस्थिति में कानून को अपने हाथ में न ले। हम अपने शहर में किसी भी तरह के गैंगवार को फिर से शुरू नहीं होने देंगे।"

बाबा सिद्दीकी भव्य इफ़्तार पार्टियों के लिए जाने जाते थे

कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान, बाबा सिद्दीकी ने ज़रूरतमंद मरीजों के लिए बेहद ज़रूरी दवाइयों का इंतज़ाम किया था। उन्हें अपनी भव्य इफ़्तार पार्टियों के लिए भी जाना जाता था, जिसमें बॉलीवुड के बड़े सितारे शामिल होते थे। मुंबई के एक प्रमुख मुस्लिम नेता, उन्हें सलमान खान, शाहरुख खान और संजय दत्त सहित कई बॉलीवुड सितारों के करीबी के रूप में भी जाना जाता था।

बुलडोजर एक्शन पर रोक बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-कोई आरोपी या दोषी है, ये संपत्ति गिराने का आधार नहीं

#supreme_court_hearing_pleas_against_demolition_of_properties_buldozer_action

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बुलडोजर एक्‍शन के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बुलडोजर की कार्रवाई पर लगी अंतरिम रोक जारी रहेगी। संपत्तियों को गिराने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करने जा रहे हैं कि सिर्फ इसलिए कि कोई आरोपी या दोषी है, उसकी संपत्ति को गिराने का आधार नहीं बनाया जा सकता। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक सड़कों, सरकारी जमीन पर किसी भी अनधिकृत निर्माण, फिर चाहे वो धार्मिक स्थल निर्माण ही क्यों न हो, उसे संरक्षण नहीं दिया जाएगा। 

मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत की जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही है। पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर 1 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता 3 राज्यों यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की ओर से पेश हुए।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपराध के आरोपी के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा, चाहे वह मंदिर हो या दरगाह, उसे जाना ही होगा। सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है। जबकि आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई करने वाले राज्य के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसे मामलों में केवल अवैध निर्माण को ही ध्वस्त किया जा रहा है।

बेंच ने माना कि तरह की चीजें करना संवैधानिक रूप से गलत है। उन्‍होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि भले ही किसी व्‍यक्ति को दोषी ठहराया गया हो, क्या अपराध में शामिल होने पर उसके घर पर बुलडोजर एक्‍शन का आधार हो सकता है? एसजी ने नहीं में जवाब देते हुए कहा कि यह कहना कि किसी विशेष समुदाय को टारगेट किया जा रहा है, यह गलत है। बुलडोजर की कार्रवाई से 10 दिन पहले नोटिस जारी किया गया था।

एसजी ने कहा कि किसी ने एनजीटी के समक्ष याचिका दायर की है कि वन भूमि अवैध अतिक्रमण के अधीन है। बुलडोजर के कुछ उदाहरणों से कानून बनाने में मदद नहीं मिल सकती है, जिससे पूरा देश पीड़ित है। जस्टिस गवई ने कहा कि नोटिस की वैध सेवा होनी चाहिए। पंजीकृत माध्यम से यह नोटिस चिपकाने वाली बात जाएगी। डिजिटल रिकॉर्ड होना चाहिए। अधिकारी भी सुरक्षित रहेंगे। हमारे पास पर्याप्त विशेषज्ञ हैं। जस्टिस गवई ने कहा कि हम स्पष्ट करेंगे कि विध्वंस केवल इसलिए नहीं किया जा सकता कि कोई आरोपी या दोषी है। इसके अलावा इस बात पर भी विचार करें कि बुलडोजर कार्रवाई के आदेश पारित होने से पहले भी एक संकीर्ण रास्ता होना चाहिए। जस्टिस गवई ने कहा कि जब मैं बॉम्बे हाई कोर्ट में था तो मैंने खुद फुटपाथों पर अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह संपत्तियों को ध्वस्त करने के मुद्दे पर सभी नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश तय करेगा, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। पीठ ने कहा कि हम जो भी तय कर रहे हैं, हम इसे पूरे देश में सभी नागरिकों, सभी संस्थानों के लिए तय कर रहे हैं, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। किसी धर्म विशेष के लिए अलग कानून नहीं हो सकता। पीठ ने कहा कि 'वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी भूमि या जंगलों पर किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि 'हम ये भी सुनिश्चित करेंगे कि हमारी सीमाओं या किसी भी सार्वजनिक संपत्ति पर अतिक्रमण न हो सके।

भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मानहानि का केस बंद

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पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन केस में बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। योग गुरु रामदेव को जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट से खूब फटकार पड़ी थी, वह फाइल अब बंद हो गई है।बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण की ओर से कोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। उनके आश्वासन को अदालत ने स्वीकार किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का केस बंद कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हमने उनके (स्वामी रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण) माफीनामे को स्वीकार कर लिया है। हमने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में कभी फिर ऐसा ना करें, जैसा इस मामले में हुआ है। इस मामले में दिये गये हलफनामे पर पूरी तरह से पालन किया जाये।

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च न्यायालय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ पतंजलि पर बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगा है।

यह मामला 2022 में तब शुरू हुआ था, जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और उसके तत्कालीन उपाध्यक्ष जयेश लेले ने पतंजलि के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें एलोपैथी को बदनाम करने वाले विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे। विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान झूठा दावा किया गया था कि इसके अपने आयुर्वेदिक उत्पाद कुछ बीमारियों को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं।

21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की एक अलग बेंच ने पतंजलि के उन विज्ञापनों को बंद करने के आश्वासन को दर्ज किया, जिन्हें भ्रामक माना गया था। एक दिन बाद पतंजलि के सह-संस्थापक बाबा रामदेव ने डेढ़ घंटे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दोहराया कि उन्होंने अपने उत्पादों के बारे में कोई भ्रामक बयान नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने शोध-समर्थित और वास्तविक दुनिया के साक्ष्य-आधारित उपचार के माध्यम से टाइप 1 मधुमेह, अस्थमा, थायराइड और रक्तचाप की समस्याओं को ठीक किया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का मामला शुरू किया था।

7 मई, 2024 को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगातार भ्रामक विज्ञापनों की उपलब्धता के लिए पतंजलि आयुर्वेद की खिंचाई की थी। ये विज्ञापन 14 उत्पादों से संबंधित हैं, जिनके लाइसेंस उत्तराखंड सरकार ने औषधि एवं अन्य जादुई उपचार अधिनियम, 1954 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण निलंबित कर दिए गए थे।

देवघर-बैद्यनाथधाम बाबा बैद्यनाथ एप्प का निर्माण किया गयासे संबंधित कई प्रकार की जानकारी यहां आगन्तुक उपलब्ध है।
देवघर: विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला, 2024 कई मायनों में खास है। इस कड़ी में श्रद्धालुओं को राज्य सरकार द्वारा विश्वस्तरीय सुविधाएं बाबा नगरी में उपलब्ध करायी जा रही है। इसी के तहत् है। इस एप्प के माध्यम से बैद्यनाथधाम बाबा बैद्यनाथ एप्प का निर्माण किया गयासे संबंधित कई प्रकार की जानकारी यहां आगन्तुक उपलब्ध है, जैसे कि श्रावणी मेला से संबंधित जानकारी, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की जानकारी, मेला से संबंधित हेल्पलाईन नंबर, आवासन, पर्यटन स्थल आदि। इस प्रकार की कई जानकारी बाबाधाम एप्प के जरिये श्रद्धालु प्राप्त कर सकते हैं। इस एप्प के माध्यम से श्रद्धालुओं को उनसे जुड़ी सभी सुविधा मुहैया कराने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा बाबा बैद्यनाथ एप्प के माध्यम से कांवरियों की वास्तविक कतार की जानकारी भी मिलती रहती है, जिससे कि वो कांवरियों की कतार कहां तक स्थित है। इसकी जानकारी भी इस एप्प के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। राजकीय श्रावणी मेला, 2024 बैद्यनाथधाम से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन द्वारा विकसित Baba Baidyanath App से प्राप्त किया जा सकता है, जिसे दिए गए बार कोड या Google Play Store App से डाउनलोड किया जा सकता है।
हाथरस कांड पर मायावती का बयान, बोलीं-'भोले बाबा' जैसे बाबाओं के अंधविश्वास के बहकावे में न आए

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हाथरस में हुई भगदड़ के बाद 121 मौतों के बाद जमकर राजनीति हो रही है। राजनीतिक दलों के बयान लगातार सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को हाथरस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पीड़त परिवारों से मिलने भी पहुंचे थे। अब इस हादसे पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने "भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाने की सलाह दी है। 

शनिवार को मायावती ने सोशल मीडिया पर हाथरस हादसे के बाद पोस्ट किया। मायावती ने एक के बाद एक तीन पोस्टों में अपनी बात लिखी है। बसप प्रमुख ने पोस्ट किया कि "देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए", यही सलाह।

उन्होंने आगे लिखा कि बल्कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे कांडों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिंताजनक। 

मायावती ने लिखा कि हाथरस कांड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गवांनी पड़े। 

इससे पहेल हादसे के चार दिन बाद बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा पहली बार सामने आया और घटना पर दुख जताया। बाबा सूरजपाल ने कहा कि 2 जुलाई की घटना के बाद से मैं काफी दुखी हूं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जो इस घटना के उपद्रवी हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दें। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें।

हाथरस हादसे के बाद पहली बार सामने आया भोले बाबा, जानें क्या कहा

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हाथरस में हुई भगदड़ के बाद पहली बार सूरजपाल उर्फ भोले बाबा सामने आया है।बाबा ने मीडिया के सामने बयान दिया है। उसने कहा है कि दो जुलाई की घटना से बहुत दुखी हूं। बाबा ने कहा कि भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बाबा सूरजपाल ने कहा कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। बता दें कि हाथरस हादसे के बाद से ही बाबा सूरजपाल गायब था।

सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने एक वीडियो बयान में हाथरस भगदड़ की घटना पर कहा, 'हम 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दें। सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा। मैंने अपने वकील ए. पी. सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।

हादसे के बाद से गायब रहने के चार दिन बाद बाबा पहली बार सामने आया है। हालांकि, हादसे के करीब 30 घंटे बाद बाबा का एक लिखित बयान सामने आया था, जिसमें उसने मृतकों के खिलाफ दुख जताया था और घायलों को जल्द ठीक होने की कामना की थी। गुरुवार को जारी अपने लिखित संदेश में बाबा सूरजपाल कहा था कि कुछ अराजक तत्वों ने ये भगदड़ मचाई, जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ।

इससे पहले हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को देर रात गिरफ्तार कर लिया। मधुकर पर एक लाख का इनाम था। मधुकर हादसे के बाद से ही फरार था। वहीं हाथरस में भगदड़ मामले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश सरकार की एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए हैं। एसआईटी के प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) कुलश्रेष्ठ तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो दो जुलाई को यहां सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत से संबंधित मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

बता दें कि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। दो जुलाई को यूपी के हाथरस जिले में एक सत्संग का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा शामिल हुआ। कार्यक्रम के बाद सूरजपाल के जाते समय उसकी चरण रज लेने के लिए लोग आगे बढ़े। इसी दौरान अचानक भगदड़ गई। भगदड़ मचने के बाद लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे कई लोग जमीन पर गिर गए। हादसे के बाद सामने आई मौतों का आंकड़ा चौंकाने वाला था। बता दें कि इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी।

रात के अंधेरे में गर्लफ्रेंड से मिलना पड़ा महंगा, परिजनों और ग्रामीणों ने पकड़कर करवा दी शादी

गया : बिहार के गया में एक युवक को रात के अंधेरे में अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाना काफी महंगा पड़ गया। दोनों प्रेमी युगल एक-दूसरे से मिल रहे थे, तभी परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें धर दबोचा और गांव के मंदिर में ले जाकर दोनों की शादी करा दी।

घटना बांकेबाजार थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव की है। जानकारी के मुताबिक, बांकेबाजार थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव की रहने वाली पूजा कुमारी और रोशनगंज के रहने वाले संतन कुमार के बीच पिछले दो वर्षो से प्रेम प्रसंग चल रहा था।

दोनों चोरी छीपे एक दूसरे से मिला करते थे लेकिन इस बार प्रेमिका के बुलावे पर प्रेमी उसके घर मिलने जा पहुंचा। इसकी भनक पूजा के परिजनों को लग गई और दोनों रंगेहाथ पकड़े गए। गांव के पास बांकेधाम मंदिर में दोनों प्रेमी युगल की शादी करा दी गई। मंदिर में प्रेमी युगल की शादी की खबर मिलते हीं ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।

बताया जा रहा है कि दोनों दूर के रिश्तेदार हैं। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई और धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई। प्यार परवान चढ़ा और दोनों एक दूसरे से चोरी छीपे मिलने लगे और आखिरकार उनका प्यार अंजाम तक पहुंच गया।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

कहां है हाथरस में “मौत का सत्संग” करने वाला बाबा? भगदड़ से तबाही के बाद एफआईआर दर्ज, लेकिन फरार बाबा का नाम नहीं

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यूपी के हाथरस में मंगलवार को हाहाकार मच गया। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। भगदड़ ऐसी कि देखते ही देखते लाशों का अंबार लग गया। हाथरस कांड में 121 लोग मर गए। सभी भोले बाबा का प्रवचन सुनने सत्संग में आए थे। हाथरस की इस घटना से सबको झकझोर दिया। अस्पताल के बाहर लाशों के ढेर पड़े हैं। पुलिस-प्रशासन और सरकार जख्मों रोते-बिलखते परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाने में जुट गई है। अगर कोई नजर नहीं आ रहा है तो वो है हाथरस में “मौत का सत्संग” कराने वाला बाबा और उसके सेवादार।

देश को सदमे में डालने वाली इस घटना में 'भोले बाबा' के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नेता नारायण साकार हरि फरार है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश तेज कर दी है। मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया। जहां भगदड़ मच गई जिसमें 121 लोगों की जान चली गई। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा, हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले, वे यहां नहीं हैं। ऐसी जानकारी है कि हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी स्थित अपने आश्रम में पहुंचे थे। यूपी पुलिस हादसे की बाद भोले बाबा की तालाश में आश्रम में सर्च ऑपरेशन चलाया, बाबा वहां नहीं मिले। बाबा अब आश्रम से फरार हो गए हैं।

वहीं, 116 लोगों की मौत के बाद इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसमें सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है।

इस बीच, आगरा प्रशासन ने भोले बाबा के सत्संग पर रोक लगा दी है। यह सत्संग 4 जुलाई को होना था। आयोजकों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी। उप जिलाधिकारी की ओर से अनुमति भी ले ली गई थी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

डीएम नेहा शर्मा की जांच में हुआ सामुदायिक शौचालय निर्माण में लापरवाही का खुलासा

गोण्डा । जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आदेश पर हुई जांच में सामुदायिक शौचालय के निर्माण में लापरवाही का खुलासा हुआ है। मामला रूपईडीह विकासखण्ड के बेलवा बाजार ग्राम पंचायत का है। निर्माम कार्यों में लापरवाही के लिए संबंधित ग्राम सचिव के खिलाफ कार्यवाही के आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही, सामुदायिक शौचालय का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कर उसे हैण्डओवर करने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा से रूपईडीह विकासखण्ड के बेलवा बाजार ग्राम पंचायत के सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण न होने के संबंध में शिकायत की गई थी। जिलाधिकारी के आदेश पर खण्ड विकास अधिकारी रुपईडीह मृत्युन्जय यादव द्वारा 12 जून को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान शिकायत सही पाई गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, सामुदायिक शौचालय का निर्माण अधूरा पाया गया। शौचालय के फर्श, टाईल्स, प्लम्बरिंग, बिजली फिटिंग, शोक पिट, सेप्टिक टैंक का ढक्कन, अन्दर के दरवाजे के पल्ले, कलर इत्यादि का कार्य नहीं किया हुआ पाया गया। इस संबंध में जब संबंधित ग्राम पंचायत सचिव से जवाब तलब किया गया, तो वह कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

खण्ड विकास अधिकारी मृत्युन्जय ने बताया कि पहले भी उनकी द्वारा कई बार इस सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण करने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। साप्ताहिक बैठकों में भी मौखिक रूप से कठोर निर्देश दिए गए। बावजूद, कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है।

खण्ड विकास अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव यमुना प्रसाद को मनमाने ढंग से कार्य करने, अपने दायित्वों का समुचित ढंग से अनुपालन न करने, शासकीय कार्यों में रुचि न लेने का दोषी पाया गया है। संबंधित को इस शिथिलता हेतु वर्ष 2024-25 में मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि सचिव को सभी निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराने का भी निर्देश दिए गया है। ग्राम सचिव ने एक सप्ताह में सामुदायिक शौचालय को पूर्ण कराकर हैण्ड ओवर करने का आश्वासन भी दिया है।

औरंगाबाद में हिटवेव का कहर जारी : तीन दर्जन लोगों की हुई मौत, दो दारोगा सहित दर्जनों आक्रांत

औरंगाबाद : जिले में हिटवेव की कहर देखने को मिला है। जहां एक ही दिन में हीटवेव से 18 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 35 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनका इलाज जारी है। 

चिकित्सा पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि आज हिटवेव का शिकार होकऱ लगभग 200 मरीज आस्पताल में आए जिसमे दो दरोगा शंभू प्रसाद यादव ,नरेश प्रसाद मंडल है जो चुनाव कराने के लिए बांका जिला से आए हुए थे।जिन्हे काराकाट लोकसभा क्षेत्र के हसपुरा में ड्यूटी दिया गया था।उनका इलाज किया गया। हिटवेव के मरीज आने के बाद अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया है। जिसको लेकर जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, सिविल सर्जन रविभूषण श्रीवास्तव, डीपीएम मो अनवर आलम, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार सिंह एवं अस्पताल प्रबंधक ने सदर अस्पताल में भरती मरीजों का निरीक्षण किया तथा जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य कर्मियों को कई दिशा निर्देश भी दिया है।

वहीं अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर आशुतोष कुमार ने बताया कि जिले में बढ़ते तापमान को लेकर भयावह स्थिति है। लेकिन अस्पताल में हिटवेव के भर्ती मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है और हर परिस्थिति से सामना करने के लिए अस्पताल प्रबंधन कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 5 मरीज इलाज के दौरान मौत हुई है।जबकि 13 मरीज ब्राउट टू डेड आए। इस प्रकार कुल मृतकों की संख्या 18 हो गई है। औरंगाबाद में सुबह से ही 45 डिग्री तापमान है, आने वाला वक़्त और भी भयावह हो सकता, इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को पहले से किया गया था सेट, कुछ दिन पहले ही मिली थी हथियार की डिलीवरी

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Baba Siddiqui

मुंबई पुलिस को संदेह है कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या एक पूर्व नियोजित साज़िश थी। मुंबई पुलिस ने यह भी कहा कि अपराध शाखा ने मामले की विभिन्न कोणों से जांच शुरू की है, जिसमें संभावित अनुबंध हत्या, व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता या झुग्गी पुनर्वास परियोजना को लेकर धमकी शामिल है।

पुलिस ने कहा कि कथित हमलावरों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है और उसका पता लगाने के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) के रूप में हुई है।

बाबा सिद्दीकी के हत्यारों को अपराध में शामिल होने के लिए पहले से भुगतान किया गया था और उन्हें कुछ दिन पहले ही हथियारों की डिलीवरी मिली थी, टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट में कहा गया। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं, हत्या के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में बाबा सिद्दीकी (66) को उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के ठीक बाहर तीन लोगों ने उन्हें घेर लिया और गोली मार दी। उन्हें बांद्रा के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 

अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और नमूने एकत्र किए तथा पुलिस हमले के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आस-पास के स्थानों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है। 9.9 एमएम पिस्तौल से 4-5 राउंड फायर किए गए पुलिस ने बताया कि शूटरों ने 9.9 एमएम पिस्तौल से चार से पांच राउंड फायर किए, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी पर उस समय गोली चलाई, जब लोग दुर्गा विसर्जन जुलूस के दौरान पटाखे फोड़ रहे थे। 

बाबा सिद्दीकी की मौत पर महाराष्ट्र सरकार ने क्या कहा

पुलिस ने कहा कि उन्हें इसका फ़ायदा मिला क्योंकि ज़्यादातर लोगों ने गोलियों की आवाज़ नहीं सुनी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हमले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा, "हमने पुलिस को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी किसी भी परिस्थिति में कानून को अपने हाथ में न ले। हम अपने शहर में किसी भी तरह के गैंगवार को फिर से शुरू नहीं होने देंगे।"

बाबा सिद्दीकी भव्य इफ़्तार पार्टियों के लिए जाने जाते थे

कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान, बाबा सिद्दीकी ने ज़रूरतमंद मरीजों के लिए बेहद ज़रूरी दवाइयों का इंतज़ाम किया था। उन्हें अपनी भव्य इफ़्तार पार्टियों के लिए भी जाना जाता था, जिसमें बॉलीवुड के बड़े सितारे शामिल होते थे। मुंबई के एक प्रमुख मुस्लिम नेता, उन्हें सलमान खान, शाहरुख खान और संजय दत्त सहित कई बॉलीवुड सितारों के करीबी के रूप में भी जाना जाता था।

बुलडोजर एक्शन पर रोक बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-कोई आरोपी या दोषी है, ये संपत्ति गिराने का आधार नहीं

#supreme_court_hearing_pleas_against_demolition_of_properties_buldozer_action

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बुलडोजर एक्‍शन के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बुलडोजर की कार्रवाई पर लगी अंतरिम रोक जारी रहेगी। संपत्तियों को गिराने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करने जा रहे हैं कि सिर्फ इसलिए कि कोई आरोपी या दोषी है, उसकी संपत्ति को गिराने का आधार नहीं बनाया जा सकता। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक सड़कों, सरकारी जमीन पर किसी भी अनधिकृत निर्माण, फिर चाहे वो धार्मिक स्थल निर्माण ही क्यों न हो, उसे संरक्षण नहीं दिया जाएगा। 

मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत की जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही है। पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर 1 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता 3 राज्यों यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की ओर से पेश हुए।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपराध के आरोपी के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा, चाहे वह मंदिर हो या दरगाह, उसे जाना ही होगा। सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है। जबकि आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई करने वाले राज्य के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसे मामलों में केवल अवैध निर्माण को ही ध्वस्त किया जा रहा है।

बेंच ने माना कि तरह की चीजें करना संवैधानिक रूप से गलत है। उन्‍होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि भले ही किसी व्‍यक्ति को दोषी ठहराया गया हो, क्या अपराध में शामिल होने पर उसके घर पर बुलडोजर एक्‍शन का आधार हो सकता है? एसजी ने नहीं में जवाब देते हुए कहा कि यह कहना कि किसी विशेष समुदाय को टारगेट किया जा रहा है, यह गलत है। बुलडोजर की कार्रवाई से 10 दिन पहले नोटिस जारी किया गया था।

एसजी ने कहा कि किसी ने एनजीटी के समक्ष याचिका दायर की है कि वन भूमि अवैध अतिक्रमण के अधीन है। बुलडोजर के कुछ उदाहरणों से कानून बनाने में मदद नहीं मिल सकती है, जिससे पूरा देश पीड़ित है। जस्टिस गवई ने कहा कि नोटिस की वैध सेवा होनी चाहिए। पंजीकृत माध्यम से यह नोटिस चिपकाने वाली बात जाएगी। डिजिटल रिकॉर्ड होना चाहिए। अधिकारी भी सुरक्षित रहेंगे। हमारे पास पर्याप्त विशेषज्ञ हैं। जस्टिस गवई ने कहा कि हम स्पष्ट करेंगे कि विध्वंस केवल इसलिए नहीं किया जा सकता कि कोई आरोपी या दोषी है। इसके अलावा इस बात पर भी विचार करें कि बुलडोजर कार्रवाई के आदेश पारित होने से पहले भी एक संकीर्ण रास्ता होना चाहिए। जस्टिस गवई ने कहा कि जब मैं बॉम्बे हाई कोर्ट में था तो मैंने खुद फुटपाथों पर अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह संपत्तियों को ध्वस्त करने के मुद्दे पर सभी नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश तय करेगा, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। पीठ ने कहा कि हम जो भी तय कर रहे हैं, हम इसे पूरे देश में सभी नागरिकों, सभी संस्थानों के लिए तय कर रहे हैं, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। किसी धर्म विशेष के लिए अलग कानून नहीं हो सकता। पीठ ने कहा कि 'वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी भूमि या जंगलों पर किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि 'हम ये भी सुनिश्चित करेंगे कि हमारी सीमाओं या किसी भी सार्वजनिक संपत्ति पर अतिक्रमण न हो सके।

भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मानहानि का केस बंद

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पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन केस में बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। योग गुरु रामदेव को जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट से खूब फटकार पड़ी थी, वह फाइल अब बंद हो गई है।बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण की ओर से कोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। उनके आश्वासन को अदालत ने स्वीकार किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का केस बंद कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हमने उनके (स्वामी रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण) माफीनामे को स्वीकार कर लिया है। हमने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में कभी फिर ऐसा ना करें, जैसा इस मामले में हुआ है। इस मामले में दिये गये हलफनामे पर पूरी तरह से पालन किया जाये।

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च न्यायालय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ पतंजलि पर बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगा है।

यह मामला 2022 में तब शुरू हुआ था, जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और उसके तत्कालीन उपाध्यक्ष जयेश लेले ने पतंजलि के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें एलोपैथी को बदनाम करने वाले विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे। विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान झूठा दावा किया गया था कि इसके अपने आयुर्वेदिक उत्पाद कुछ बीमारियों को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं।

21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की एक अलग बेंच ने पतंजलि के उन विज्ञापनों को बंद करने के आश्वासन को दर्ज किया, जिन्हें भ्रामक माना गया था। एक दिन बाद पतंजलि के सह-संस्थापक बाबा रामदेव ने डेढ़ घंटे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दोहराया कि उन्होंने अपने उत्पादों के बारे में कोई भ्रामक बयान नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने शोध-समर्थित और वास्तविक दुनिया के साक्ष्य-आधारित उपचार के माध्यम से टाइप 1 मधुमेह, अस्थमा, थायराइड और रक्तचाप की समस्याओं को ठीक किया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का मामला शुरू किया था।

7 मई, 2024 को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगातार भ्रामक विज्ञापनों की उपलब्धता के लिए पतंजलि आयुर्वेद की खिंचाई की थी। ये विज्ञापन 14 उत्पादों से संबंधित हैं, जिनके लाइसेंस उत्तराखंड सरकार ने औषधि एवं अन्य जादुई उपचार अधिनियम, 1954 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण निलंबित कर दिए गए थे।

देवघर-बैद्यनाथधाम बाबा बैद्यनाथ एप्प का निर्माण किया गयासे संबंधित कई प्रकार की जानकारी यहां आगन्तुक उपलब्ध है।
देवघर: विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला, 2024 कई मायनों में खास है। इस कड़ी में श्रद्धालुओं को राज्य सरकार द्वारा विश्वस्तरीय सुविधाएं बाबा नगरी में उपलब्ध करायी जा रही है। इसी के तहत् है। इस एप्प के माध्यम से बैद्यनाथधाम बाबा बैद्यनाथ एप्प का निर्माण किया गयासे संबंधित कई प्रकार की जानकारी यहां आगन्तुक उपलब्ध है, जैसे कि श्रावणी मेला से संबंधित जानकारी, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की जानकारी, मेला से संबंधित हेल्पलाईन नंबर, आवासन, पर्यटन स्थल आदि। इस प्रकार की कई जानकारी बाबाधाम एप्प के जरिये श्रद्धालु प्राप्त कर सकते हैं। इस एप्प के माध्यम से श्रद्धालुओं को उनसे जुड़ी सभी सुविधा मुहैया कराने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा बाबा बैद्यनाथ एप्प के माध्यम से कांवरियों की वास्तविक कतार की जानकारी भी मिलती रहती है, जिससे कि वो कांवरियों की कतार कहां तक स्थित है। इसकी जानकारी भी इस एप्प के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। राजकीय श्रावणी मेला, 2024 बैद्यनाथधाम से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन द्वारा विकसित Baba Baidyanath App से प्राप्त किया जा सकता है, जिसे दिए गए बार कोड या Google Play Store App से डाउनलोड किया जा सकता है।
हाथरस कांड पर मायावती का बयान, बोलीं-'भोले बाबा' जैसे बाबाओं के अंधविश्वास के बहकावे में न आए

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हाथरस में हुई भगदड़ के बाद 121 मौतों के बाद जमकर राजनीति हो रही है। राजनीतिक दलों के बयान लगातार सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को हाथरस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पीड़त परिवारों से मिलने भी पहुंचे थे। अब इस हादसे पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने "भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाने की सलाह दी है। 

शनिवार को मायावती ने सोशल मीडिया पर हाथरस हादसे के बाद पोस्ट किया। मायावती ने एक के बाद एक तीन पोस्टों में अपनी बात लिखी है। बसप प्रमुख ने पोस्ट किया कि "देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए", यही सलाह।

उन्होंने आगे लिखा कि बल्कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे कांडों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिंताजनक। 

मायावती ने लिखा कि हाथरस कांड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गवांनी पड़े। 

इससे पहेल हादसे के चार दिन बाद बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा पहली बार सामने आया और घटना पर दुख जताया। बाबा सूरजपाल ने कहा कि 2 जुलाई की घटना के बाद से मैं काफी दुखी हूं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जो इस घटना के उपद्रवी हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दें। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें।

हाथरस हादसे के बाद पहली बार सामने आया भोले बाबा, जानें क्या कहा

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हाथरस में हुई भगदड़ के बाद पहली बार सूरजपाल उर्फ भोले बाबा सामने आया है।बाबा ने मीडिया के सामने बयान दिया है। उसने कहा है कि दो जुलाई की घटना से बहुत दुखी हूं। बाबा ने कहा कि भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बाबा सूरजपाल ने कहा कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। बता दें कि हाथरस हादसे के बाद से ही बाबा सूरजपाल गायब था।

सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने एक वीडियो बयान में हाथरस भगदड़ की घटना पर कहा, 'हम 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दें। सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा। मैंने अपने वकील ए. पी. सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।

हादसे के बाद से गायब रहने के चार दिन बाद बाबा पहली बार सामने आया है। हालांकि, हादसे के करीब 30 घंटे बाद बाबा का एक लिखित बयान सामने आया था, जिसमें उसने मृतकों के खिलाफ दुख जताया था और घायलों को जल्द ठीक होने की कामना की थी। गुरुवार को जारी अपने लिखित संदेश में बाबा सूरजपाल कहा था कि कुछ अराजक तत्वों ने ये भगदड़ मचाई, जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ।

इससे पहले हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को देर रात गिरफ्तार कर लिया। मधुकर पर एक लाख का इनाम था। मधुकर हादसे के बाद से ही फरार था। वहीं हाथरस में भगदड़ मामले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश सरकार की एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए हैं। एसआईटी के प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) कुलश्रेष्ठ तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो दो जुलाई को यहां सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत से संबंधित मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

बता दें कि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। दो जुलाई को यूपी के हाथरस जिले में एक सत्संग का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा शामिल हुआ। कार्यक्रम के बाद सूरजपाल के जाते समय उसकी चरण रज लेने के लिए लोग आगे बढ़े। इसी दौरान अचानक भगदड़ गई। भगदड़ मचने के बाद लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे कई लोग जमीन पर गिर गए। हादसे के बाद सामने आई मौतों का आंकड़ा चौंकाने वाला था। बता दें कि इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी।

रात के अंधेरे में गर्लफ्रेंड से मिलना पड़ा महंगा, परिजनों और ग्रामीणों ने पकड़कर करवा दी शादी

गया : बिहार के गया में एक युवक को रात के अंधेरे में अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाना काफी महंगा पड़ गया। दोनों प्रेमी युगल एक-दूसरे से मिल रहे थे, तभी परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें धर दबोचा और गांव के मंदिर में ले जाकर दोनों की शादी करा दी।

घटना बांकेबाजार थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव की है। जानकारी के मुताबिक, बांकेबाजार थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव की रहने वाली पूजा कुमारी और रोशनगंज के रहने वाले संतन कुमार के बीच पिछले दो वर्षो से प्रेम प्रसंग चल रहा था।

दोनों चोरी छीपे एक दूसरे से मिला करते थे लेकिन इस बार प्रेमिका के बुलावे पर प्रेमी उसके घर मिलने जा पहुंचा। इसकी भनक पूजा के परिजनों को लग गई और दोनों रंगेहाथ पकड़े गए। गांव के पास बांकेधाम मंदिर में दोनों प्रेमी युगल की शादी करा दी गई। मंदिर में प्रेमी युगल की शादी की खबर मिलते हीं ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।

बताया जा रहा है कि दोनों दूर के रिश्तेदार हैं। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई और धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई। प्यार परवान चढ़ा और दोनों एक दूसरे से चोरी छीपे मिलने लगे और आखिरकार उनका प्यार अंजाम तक पहुंच गया।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

कहां है हाथरस में “मौत का सत्संग” करने वाला बाबा? भगदड़ से तबाही के बाद एफआईआर दर्ज, लेकिन फरार बाबा का नाम नहीं

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यूपी के हाथरस में मंगलवार को हाहाकार मच गया। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। भगदड़ ऐसी कि देखते ही देखते लाशों का अंबार लग गया। हाथरस कांड में 121 लोग मर गए। सभी भोले बाबा का प्रवचन सुनने सत्संग में आए थे। हाथरस की इस घटना से सबको झकझोर दिया। अस्पताल के बाहर लाशों के ढेर पड़े हैं। पुलिस-प्रशासन और सरकार जख्मों रोते-बिलखते परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाने में जुट गई है। अगर कोई नजर नहीं आ रहा है तो वो है हाथरस में “मौत का सत्संग” कराने वाला बाबा और उसके सेवादार।

देश को सदमे में डालने वाली इस घटना में 'भोले बाबा' के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नेता नारायण साकार हरि फरार है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश तेज कर दी है। मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया। जहां भगदड़ मच गई जिसमें 121 लोगों की जान चली गई। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा, हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले, वे यहां नहीं हैं। ऐसी जानकारी है कि हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी स्थित अपने आश्रम में पहुंचे थे। यूपी पुलिस हादसे की बाद भोले बाबा की तालाश में आश्रम में सर्च ऑपरेशन चलाया, बाबा वहां नहीं मिले। बाबा अब आश्रम से फरार हो गए हैं।

वहीं, 116 लोगों की मौत के बाद इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसमें सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है।

इस बीच, आगरा प्रशासन ने भोले बाबा के सत्संग पर रोक लगा दी है। यह सत्संग 4 जुलाई को होना था। आयोजकों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी। उप जिलाधिकारी की ओर से अनुमति भी ले ली गई थी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

डीएम नेहा शर्मा की जांच में हुआ सामुदायिक शौचालय निर्माण में लापरवाही का खुलासा

गोण्डा । जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आदेश पर हुई जांच में सामुदायिक शौचालय के निर्माण में लापरवाही का खुलासा हुआ है। मामला रूपईडीह विकासखण्ड के बेलवा बाजार ग्राम पंचायत का है। निर्माम कार्यों में लापरवाही के लिए संबंधित ग्राम सचिव के खिलाफ कार्यवाही के आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही, सामुदायिक शौचालय का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कर उसे हैण्डओवर करने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा से रूपईडीह विकासखण्ड के बेलवा बाजार ग्राम पंचायत के सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण न होने के संबंध में शिकायत की गई थी। जिलाधिकारी के आदेश पर खण्ड विकास अधिकारी रुपईडीह मृत्युन्जय यादव द्वारा 12 जून को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान शिकायत सही पाई गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, सामुदायिक शौचालय का निर्माण अधूरा पाया गया। शौचालय के फर्श, टाईल्स, प्लम्बरिंग, बिजली फिटिंग, शोक पिट, सेप्टिक टैंक का ढक्कन, अन्दर के दरवाजे के पल्ले, कलर इत्यादि का कार्य नहीं किया हुआ पाया गया। इस संबंध में जब संबंधित ग्राम पंचायत सचिव से जवाब तलब किया गया, तो वह कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

खण्ड विकास अधिकारी मृत्युन्जय ने बताया कि पहले भी उनकी द्वारा कई बार इस सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण करने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। साप्ताहिक बैठकों में भी मौखिक रूप से कठोर निर्देश दिए गए। बावजूद, कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है।

खण्ड विकास अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव यमुना प्रसाद को मनमाने ढंग से कार्य करने, अपने दायित्वों का समुचित ढंग से अनुपालन न करने, शासकीय कार्यों में रुचि न लेने का दोषी पाया गया है। संबंधित को इस शिथिलता हेतु वर्ष 2024-25 में मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि सचिव को सभी निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराने का भी निर्देश दिए गया है। ग्राम सचिव ने एक सप्ताह में सामुदायिक शौचालय को पूर्ण कराकर हैण्ड ओवर करने का आश्वासन भी दिया है।

औरंगाबाद में हिटवेव का कहर जारी : तीन दर्जन लोगों की हुई मौत, दो दारोगा सहित दर्जनों आक्रांत

औरंगाबाद : जिले में हिटवेव की कहर देखने को मिला है। जहां एक ही दिन में हीटवेव से 18 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 35 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनका इलाज जारी है। 

चिकित्सा पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि आज हिटवेव का शिकार होकऱ लगभग 200 मरीज आस्पताल में आए जिसमे दो दरोगा शंभू प्रसाद यादव ,नरेश प्रसाद मंडल है जो चुनाव कराने के लिए बांका जिला से आए हुए थे।जिन्हे काराकाट लोकसभा क्षेत्र के हसपुरा में ड्यूटी दिया गया था।उनका इलाज किया गया। हिटवेव के मरीज आने के बाद अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया है। जिसको लेकर जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, सिविल सर्जन रविभूषण श्रीवास्तव, डीपीएम मो अनवर आलम, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार सिंह एवं अस्पताल प्रबंधक ने सदर अस्पताल में भरती मरीजों का निरीक्षण किया तथा जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य कर्मियों को कई दिशा निर्देश भी दिया है।

वहीं अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर आशुतोष कुमार ने बताया कि जिले में बढ़ते तापमान को लेकर भयावह स्थिति है। लेकिन अस्पताल में हिटवेव के भर्ती मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है और हर परिस्थिति से सामना करने के लिए अस्पताल प्रबंधन कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 5 मरीज इलाज के दौरान मौत हुई है।जबकि 13 मरीज ब्राउट टू डेड आए। इस प्रकार कुल मृतकों की संख्या 18 हो गई है। औरंगाबाद में सुबह से ही 45 डिग्री तापमान है, आने वाला वक़्त और भी भयावह हो सकता, इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र